भीलवाड़ा।
मानसून की पहली झमाझम ने रविवार को शहर के ड्रैनेज सिस्टम को आईना दिखा दिया। शनिवार रात से शुरू बारिश रविवार सुबह तक चली, जिससे समूचा शहर पानी-पानी हो गया। जगह-जगह सड़कें, चौराहों पर तेज बहाव नजर आया। बाहरी इलाकों और निचली बस्तियों में गलियों और घरों में पानी घुस गया। जनजीवन प्रभावित हुआ। सुबह 5 से 7.30 बजे तक जमकर हुई बरसात से विजयसिंह पथिकनगर व बसंत विहार के घरों में एक-एक फीट पानी भर गया। पानी के टैंकों में नालियों का पानी भर गया।
शहर में जगह-जगह पानी भर गया। रोडवेज बस स्टैंड चौराहा, श्री गेस्ट हाउस चौराहा, माणिक्यनगर, नेहरू रोड, विजयसिंह पथिकनगर, बंसत बिहार, कांवाखेड़ा, मालोला रोड, सिविल लाइंस, बहाला, पुराना भीलवाड़ा, चपरासी कॉलनी अण्डरब्रिज समेत अन्य क्षेत्र गलियां व मोहल्ले तरणताल बन गए।
मोतीबावजी के सामने नाले बने नहर
शहर के प्रमुख व तीन-चार बड़े नाले मोती बावजी मंदिर के सामने आकर मिलते हैं। नालों की बनावट सही नहीं होने से पानी एक दूसरे से आकर टकराते है। इस कारण पानी आगे नहीं बढ़ पाता तथा आपस में टकराकर पानी विजयसिंह पथिकनगर की ओर फैल गया। स्थानीय बाशिंदे गौरव सोमानी व ओमप्रकाश जागेटिया ने बताया कि सांगानेर रोड पर नारायणी सर्किल के पास के नाले में शहर का पानी लगातार आने व नाले का निर्माण सही नहीं होने से पथिक नगर, कृष्णा हॉस्पिटल क्षेत्र, देवरिया बालाजी मार्ग समेत आसपास की कॉलोनियों में तीन-तीन फीट पानी भर गया। पानी मकानों में पहुंच गया।
तीन नाला का संगम
कैलाश नराणीवाल ने बताया कि नारायणी सर्किल के पास शहर के तीन बड़े नाले मिलते हैं। एक नाला पंचमुखी मोक्षधाम के पास से आ रहा है। दूसरा आरके-आरसी व्यास कॉलोनी के सभी नाले इसी बड़े नाले में मिल रहे हैं। तीसरा बड़ा नाला कृष्णा हॉस्पिटल व विजयसिंहपथकि नगर का आ रहा है जो नारायणी सर्किल पर मिलते हैं। एक दूसरे नाले का धुमाव सही नहीं होने से पानी आगे नहीं बढऩे तथा आपस में टकराने से पानी घरों में जा रहा है। गत दिनों आई बारिश के बाद भी हालत यही थी। तब एक नाले को तोडऩे से पानी की बहाव तेज हुआ था। इस नालों को लेकर सभापति से भी शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन समाधान नहीं हुआ।
सांगानेर रोड पर फंसा ट्रैक्टर
सांगानेर रोड पर सीवरेज का काम पूरा हो गया लेकिन सड़के बेठने लगी है। रविवार को कई जगह गढ्डे पड़ गए। इन्हें भरने को आरयूआईडीपी ने गिट्टी भरा ट्रैक्टर सांगानेर रोड पर ईदगाह के सामने भेजा। टै्रक्टर के पहुंचते ही वहां सड़क घंस गया। ट्रैक्टर फंस गया। उसे जेसीबी से निकलवाया। इससे यातायात बाधित हुआ।