भीलवाड़ा।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सोमवार को मंगलादित्य, लक्ष्मी नारायण व सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग रहेगा। इस दिन ग्रह-नक्षत्रों के ऐसे योग हैं जैसे द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय थे। मध्यरात 12 बजे कृष्ण जन्म के समय रोहिणी नक्षत्र, हर्षण योग, तैतिल करण व वृषभ राशि के चंद्रमा की साक्षी रहेगी। सालों बाद जन्माष्टमी पर पंचांग के पांच अंगों की श्रेष्ठ स्थिति निर्मित हो रही है। सोमवार को सूर्योदय कालीन अष्टमी है जो रात 1.59 बजे तक रहेगी। अद्र्धरात्रि व्यापिनी रोहिणी नक्षत्र भी दूसरे दिन सुबह 9.43 बजे तक रहेगा।
हालांकि इस बार भी कोरोना के कारण मंदिरों में बड़े आयोजन नहीं होंगे। कोरोना ने कान्हा को कैद कर दिया। भक्त मंदिरों में उनके दर्शन नहीं कर सकेंगे। हर मंदिर पर पुलिस का पहरा रहेगा। मंदिर में आरती के समय पुजारी व कुछ लोग ही रह सकेंगे। कृष्ण जन्मोत्सव संकटमोचन हनुमान मंदिर, बालाजी मंदिर, आनन्द धाम, दूदाधारी मंदिर, गणेश मंदिर समेत जिले भर के मंदिरों में आयोजन होंगे, लेकिन कोरोना गाइडलाइन के अनुसार होंगे।
पंडित अशोक व्यास के अनुसार, ग्रह गोचर की गणना से देखें तो सूर्य सिंह राशि में परिभ्रमण कर रहे हैं। संयोग से मंगल भी इसी राशि में परिभ्रमण करते सूर्य के साथ मंगलादित्य योग बना रहे हैं। ज्योतिषशास्त्र की मान्यता के अनुसार सूर्य स्वयं की राशि सिंह में होते हैं, तो प्रबल माने जाते हैं। मंगल के साथ सूर्य की मित्रता होने से भी एक राशि में दोनों की मौजूदगी शुभ परिणाम देने वाली है। ऐसे में सूर्य व मंगल की प्रधानता वाली जन्माष्टमी इस बार विशेष मानी जा रही है।
ऐसे बनेगा लक्ष्मी नारायण योग
कान्हा के जन्म के समय लग्न से पंचम भाव में बुध और शुक्र एक साथ होने से लक्ष्मी नारायण योग की उत्पत्ति भी होगी। धार्मिक दृष्टिकोण से यह योग व्रत, उपवास, जप, तप, दान, पुण्य में विशेष फलदायी माना गया है।
स्मार्त वैष्णव एक ही दिन मनाएंगे
इस बार स्मार्त और वैष्णव दोनों मत के श्रद्धालु एक ही दिन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाएंगे। जन्माष्टमी को लेकर स्मार्त और वैष्णव मत के श्रद्धालु अलग-अलग दिन पर्व मनाते हैं। जन्माष्टमी पर दूसरा विशिष्ट संयोग सर्वार्थसिद्धि योग है। यह समस्त शुभ कार्यों को सिद्धि प्रदान करने वाला माना गया है। सोमवार को रोहिणी नक्षत्र के योग से बना सर्वार्थ सिद्धि योग सभी कार्यों में सिद्धि दायक होता है।
२५० जवान रहेंगे तैनात
मंदिरों में भीड़भाड़ जमा नहीं हो, इसलिए २५० पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। प्रमुख मंदिरों के बाहर जाप्ता रहेगा। बाजार में भी पुलिस रहेगी। मंदिर प्रबंधन और पुजारी के अलावा किसी को अंदर नहीं जाने देंगे। मंदिर में झांकी नहीं सजेगी। एएसपी गजेन्द्रसिंह जोधा को सुरक्षा प्रभारी बनाया है। पुलिस के साथ आरएसी और होमगार्ड का सहयोग लिया जाएगा।