>>: अपनी मर्जी से बजरी खनन की अवधि साढ़े पांच माह बढ़ाई

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भीलवाड़ा।
कोटड़ी तहसील में बजरी खनन के लिए राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से जारी कन्सेन्ट की अवधि साढ़े पांच माह के लिए बढ़ा दी है। बोर्ड के अनुसार लीजधारक ३१ मार्च २०२२ तक बजरी दोहन कर सकते है। जबकि सरकार ने १५ अक्टूबर २०२१ तक के लिए आदेश जारी किए थे। इस आदेश में हुई गलती को लेकर बोर्ड में हड़कम्प मचा हुआ है। हालांकि इसमें लीजधारक की किसी तरह की गलती नहीं मानी जा रही है, लेकिन बोर्ड के अधिकारियों की ओर से की गई इस गलती को सरकार गंभीरता से ले रही है। हालांकि खनिज विभाग ने २५ जून को १३ माह के लिए बजरी खनन करने के आदेश ठेकेदार को दिए है। उसके आधार पर १३ माह जुलाई २०२२ को पूरें होंगे।
सूत्रों के अनुसार कोटड़ी तहसील में आने वाले बनास व कोठारी नदी से बजरी दोहन के लिए खान विभाग ने महेंद्र सिंह राजावत को लीज जारी की थी। यह लीज 294.48 हेक्टेयर से 33 लाख 90 हजार टन प्रति वर्ष बजरी उत्पादन के लिए खान और भूविज्ञान विभाग ने दी थी। लेकिन उच्चतम न्यायालय की ओर से बजरी पर रोक लगाने तथा पर्यावरण की स्वीकृति जारी होने पर ही बजरी खनन के आदेश दिए थे। इसके चलते नवम्बर २०१७ से ही प्रदेश में बजरी खनन पर रोक लगा दी गई थी। ठेकेदार ने ईसी के लिए मंत्रालय को आवेदन किया। इस पर अन्तिम बैठक 8 सितम्बर २०२० को हुई। इसमें बजरी की ईसी के लिए हुई ईएसी की मीटिंग के बिंदु संख्या 65 (1) के अनुसार बजरी खनन की उत्पादन क्षमता ईसी जारी होने की दिनांक से 1 वर्ष के लिए प्रभावी मानी गई थी। ईसी 16 अक्टूबर २020 को जारी हुई। इसके आधार पर 15 अक्टूबर 2021 तक ईसी मान्य है। इस ईसी के आधार पर लीज धारक ने जब राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल बोर्ड में ३ जून २०२१ को आवेदन कर बजरी खनन के लिए कन्सेंट टू ऑपरेट की अनुमति मांगी तो बोर्ड ने इसकी अवधि १५ अक्टूबर २०२१ से साढ़े पांच माह बढ़ाकर ३१ मार्च 2022 तक की कन्सेन्ट जारी कर दी। बोर्ड ने अपने स्वीकृति पत्र में खनन की अवधि ४ जून २०२१ से ३१ मार्च २०२२ तक की अवधि दी है। इसे लेकर विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है।

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