>>: Digest for August 04, 2021

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भरतपुर. सैन्य क्षेत्र के समीप ड्रोन से की जाने वाली फोटोग्राफी पर सैन्य क्षेत्र की परिधि से एक किलोमीटर के क्षेत्र को ड्रोन फोटोग्राफी प्रबंधित क्षेत्र घोषित कराएं तथा फोटोग्राफी किए जाने की आवश्यकता होने पर सक्षम अधिकारी की ओर से स्वीकृति लेना आवश्यक होगा। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई का भी प्रावधान है। सोमवार को संभागीय आयुक्त कार्यालय में सैन्य अधिकारियों के साथ हुई बैठक में संभागीय आयुक्त प्रेमचंद बेरवाल ने इस प्रकरण को लेकर नाराजगी जताई।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बैठक में दिए गए निर्देशों की आगामी बैठक तक की गई प्रगति की सूचना साथ लेकर आएं। इससे वास्तविक स्थिति की समीक्षा की जा सके। उन्होंने कहा कि भरतपुर स्थित सेना की भूमि के मामले में सेना अधिकारियों, सरसों अनुसंधान केन्द्र के प्रभारी एवं राजस्व अधिकारियों की ओर से संयुक्त सर्वे किया जाए। इससे दस्तावेज प्रमाण के साथ-साथ मौके की वास्तविक स्थिति की जानकारी मिल सके तथा समस्या का समाधान आपसी समन्वय से किया जा सके। उन्होंने सेना भूमि से गुजरने वाले आम रास्ते एवं पुलिया के निर्माण कराने के निर्देश सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता को दिए। उन्होंने धौलपुर स्थित धौलपुर मिलिट्री स्कूल की भूमि के वन विभाग के नाम दर्ज होने के प्रकरण के निस्तारण के लिए जिला प्रशासन धौलपुर को निर्देश दिए कि वे राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल की भूमि का राजस्व अभिलेख में दर्ज करने के लिए वन विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दें। उन्होंने कहा कि प्राचार्य, राजस्व एवं वन विभाग के अधिकारियों के दल की ओर से संयुक्त निरीक्षण कर जिला स्तर पर भूमि के वास्तविक एवं नियमानुसार स्वामित्व के आधार पर समझाइश के माध्यम से समाधान का प्रयास करें तथा सैन्य भूमि पर संत के अतिक्रमण भी हटाने के निर्देश दिए। बैठक में एएडी के प्रभारी बृज की ओर से सैन्य क्षेत्र के समीप ड्रोन से की जाने वाली फोटोग्राफी पर सैन्य क्षेत्र की परिधि से एक किलोमीटर के क्षेत्र को ड्रोन फोटोग्राफी प्रबंधित क्षेत्र घोषित कराएं। बैठक में एडीसी शौकत अली, एडीएम प्रशासन बीना महावर, एसडीएम धौलपुर भारती भारद्वाज, पीडब्ल्यूडी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता मेघराज मीना, राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल धौलपुर के प्राचार्य ले. कर्नल श्यामकृष्ण, सरसों अनुसंधान केन्द्र के एलएओ आरसी मीना आदि उपस्थित थे।

सरकारी कार्मिकों से होगी सरकारी गेहूं लेने पर वसूली

भरतपुर. जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता की अध्यक्षता में जिलास्तरीय अन्तर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक कलक्ट्रेट सभागार में हुई। बैठक में जिला कलक्टर गुप्ता ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिये कि वे जल जीवन मिशन के तहत जिले के समस्त आंगनबाडी केन्द्र, विद्यालयों, चिकित्सालयों एवं पंचायत भवनों में पेयजल व्यवस्था के लिए शत-प्रतिशत पेयजल कनेक्शन कराया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत वित्तीय वर्ष के लिए आवंटित लक्ष्यों के शेष रहे ग्रामों की पेयजल योजनाओं को शीघ्र स्वीकृत कराकर एनआईटी जारी करें जिससे योजना के लक्ष्यों को समय पर पूरा किया जा सके। उन्होंने चम्बल पेयजल परियोजना के तहत भरतपुर, कुम्हेर, रूपवास में लक्ष्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जिले में चम्बल परियोजना के शेष कार्यों को गति प्रदान कर पूर्ण कराएं। उन्होंने जिला रसद अधिकारी को निर्देश दिए कि वे एनएफएसए योजना के तहत सरकारी कार्मिकों द्वारा उठाये गये गेहूं की राशि की वसूली की कार्यवाही सुनिश्चित करें।

भरतपुर. करौली जिले के पांचना बांध से सोमवार सुबह गंभीर नदी में छोड़ा गया पानी मंगलवार सुबह 7 बजे बयाना के गांव समोगर के पास स्थित पुल पर पहुंच गया। समोगर पुल से बयाना-रुदावल मार्ग स्थित ब्रह्मवाद पुल तक पहुंचने में करीब 11 घंटे लग गए। ब्रह्मबाद पुल पर शाम 6 बजे तक आ पहुंचा। सुबह करीब 10 समोगर पुल पर नदी में पानी का गेज लगभग 7 फुट रहा था। लेकिन सुबह करीब 10.30 बजे पांचना बांध से पानी की निकासी बंद कर देने से नदी में बह रहे पानी का बहाव कम हो गया। नदी में पानी की आवक को देखने के लिए सुबह से ही लोगों की भीड़ समोगर पुल पर जमा हो गई। हालांकि नदी में आए पानी से अभी तक कहीं भी किसी भी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं है।
प्रशासन ने ब्रह्मबाद पुल के बहाव क्षेत्र में रह रहे आधा दर्जन परिवारों को बहाव क्षेत्र से निकालकर नदी की पाल पर ऊंचाई पर सुरक्षित स्थान पर भेजा है। इन परिवारों के करीब 40 सदस्य सोमवार देर शाम से बहाव क्षेत्र में बने अपने घरों से निकलकर पाल पर रहने लग गए हैं। यह लोग अपने मवेशियों का खाने-पीने के सामान सहित कीमती सामान को अपने साथ पाल पर ले आए हैं तथा तंबू बनाकर रह रहे हैं। एसडीएम सुनील आर्य ने बताया कि शाम 4 बजे तक गंभीर नदी में पानी चहल गांव तक पहुंच चुका है लेकिन सुबह 10:30 बजे पांचना बांध से पानी की निकासी बंद कर देने से नदी में पानी का बहाव कम हो गया। फिर भी नदी के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को अलर्ट रहने को कहा गया है। क्योंकि दोबारा से पांचना बांध के गेट खुलने पर पानी तीव्र गति से आने की संभावना है।

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