>>: Digest for August 05, 2021

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पचपदरा/बालोतरा (बाड़मेर). बालोतरा शहर के निकट मूंगड़ा सर्किल के पास एक खाली भूखंड में रविवार रात को एक व्यक्ति की पत्थर मार-मार कर हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने बुधवार को तीन जनों को गिरफ्तार किया।मामले में अवैध संबंधों के चलते पत्नी व उसके प्रेमी ही हत्यारे निकले। गौरतलब है कि हमलावरों ने पत्थरों से मृतक के चेहरे को बुरी तरह से कुचल दिया।
पुलिस ने बताया कि बालोतरा मेगा हाइवे बायपास पर मूंगड़ा सर्किल के निकट एक कॉलोनी में रविवार रात को पत्थरों से कुचल कर एक व्यक्ति की हत्या कर दी। हत्या करने के बाद आरोपियों ने शव को कुछ ही दूरी पर कॉलोनी की चारदीवारी के निकट डाल दिया। सोमवार को सूचना पर बालोतरा व पचपदरा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। मृतक की शिनाख्त युसूफ खां (45) पुत्र हमीर खां निवासी बालोतरा के रूप में हुई।

पुलिस घटनास्थल के आसपास होटल, पेट्रोल पंप व अन्य स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले तो तकनीकी टीम से भी सहारा लिया। इसके बाद पुलिस को पत्नी पर शक हुआ तो गहन पूछताछ की गई जिस पर अवैध संबंधों के चलते हत्या का खुलासा हुआ। पुलिस के अनुसार पत्नी जरीना ने प्रेमी अलाऊद्दीन व बरकत के साथ मिलकर षड्यंत्र को अंजाम दिया। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार किया।



पचपदरा/बालोतरा (बाड़मेर). बालोतरा शहर के निकट मूंगड़ा सर्किल के पास एक खाली भूखंड में रविवार रात को एक व्यक्ति की पत्थर मार-मार कर हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने बुधवार को तीन जनों को गिरफ्तार किया।मामले में अवैध संबंधों के चलते पत्नी व उसके प्रेमी ही हत्यारे निकले। गौरतलब है कि हमलावरों ने पत्थरों से मृतक के चेहरे को बुरी तरह से कुचल दिया।
पुलिस ने बताया कि बालोतरा मेगा हाइवे बायपास पर मूंगड़ा सर्किल के निकट एक कॉलोनी में रविवार रात को पत्थरों से कुचल कर एक व्यक्ति की हत्या कर दी। हत्या करने के बाद आरोपियों ने शव को कुछ ही दूरी पर कॉलोनी की चारदीवारी के निकट डाल दिया।

सोमवार को सूचना पर बालोतरा व पचपदरा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। मृतक की शिनाख्त युसूफ खां (45) पुत्र हमीर खां निवासी बालोतरा के रूप में हुई। पुलिस घटनास्थल के आसपास होटल, पेट्रोल पंप व अन्य स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले तो तकनीकी टीम से भी सहारा लिया।

इसके बाद पुलिस को पत्नी पर शक हुआ तो गहन पूछताछ की गई जिस पर अवैध संबंधों के चलते हत्या का खुलासा हुआ। पुलिस के अनुसार पत्नी जरीना ने प्रेमी अलाऊद्दीन व बरकत के साथ मिलकर षड्यंत्र को अंजाम दिया। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार किया।

बाड़मेर.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो बाड़मेर ने रामसर तहसील बूठिया मण्डल पटवारी अशोककुमार को बुधवार दोपहर रामसर स्थित सरकारी आवास में ही दो हजार पांच सौ रुपए रिश्वत लेने रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी पटवारी ने जमीन का म्यूटेशन भरने के बदले रिश्वत मांगी थी।


ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामनिवास सुण्डा ने बताया कि गडरारोड़ निवासी घनश्याम पुत्र रामचन्द्र की शिकायत के आधार पर बूठिया पटवार मण्डल के पटवारी अशोक कुमारपुत्र रामेश्वरलाल निवासी तिलोकपुरा श्री माधोपुर, सीकर को दो हजार पांच सौ रुपए की रिश्वत लेते रामसर स्थित सरकारी आवास से रंगे हाथों गिरफ्तार किया।


दरअसल, बूठिया पटवार मण्डल हल्के में राणीदेवी पत्नी रामचन्द्र झामनदास से अपनी पुत्र वधु पूजा पत्नी मुकेशकुमार के नाम से करीब 16 बीघा जमीन खरीदी थी। उसके म्यूटेशन के लिए पटवारी अशोक से कहा, उन्होंने कहा कि दूसरो से 5 से 6 हजार रुपए लेता हूं। आप मुझे 1 हजार या पांच सौ रुपए कम दे दो। परिवादी ने इसकी शिकायत एसीबी से की। एसीबी ने 29 जुलाई को गोपनीय सत्यापन करवाया तो पटवारी ने तीन हजार रुपए रिश्वत राशि की मांग की गई, जिस पर परिवादी से अधिक से अधिक दो हजार पांच सौ रुपए देना तय किया।

रिश्वत राशि काम होने से एक दिन पहले देने के लिए कहा गया। उसके बाद तय समय अनुसार परिवादी रिश्वत राशि लेकर रामसर स्थित पटवारी के सरकारी आवास पहुंचा। जहां पटवारी ने रिश्वत की राशि सरकारी आवास की दिवार में बनी अलमारी में रखे अखबार के नीचे रखवाए, तभी इशारा मिलते ही एसीबी की टीम ने दबिश देकर आरोपी अशोककुमार को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। उल्लेखनीय है कि आरोपी पटवारी के पास रामसर मण्डल का अतिरिक्त चार्ज है।


यह कार्रवाई में शामिल
कार्रवाई के दौरान एएसपी के नेतृत्व में कनिष्ठ लिपिक राजूराम, कनिष्ठ लिपिक प्रेमरत्न, कांस्टेबल मिश्रीमल, चम्पालाल, रघुवीरसिंह, सुराबखान, अनूपसिंह भाटी व बांकाराम शामिल रहे।

बाड़मेर.
कमलेश प्रजापत एनकाउंटर मामले की जांच सीबीआई कर रही है। इस बीच मंगलवार को कमलेश प्रजापत एनकाउंटर संघर्ष समिति के बलराम प्रजापत ने पत्रकार वार्ता में सांडेराव प्रकरण को लेकर पाली जिला पुलिस के अधिकारियों पर गंभीर सवाल खड़े किए गए है।

उन्होंने कहा कि एनकाउंटर प्रकरण से पहले सांडेराव प्रकरण में दोषी नहीं था। जैसे ही बाड़मेर में 22 अप्रेल की रात एनकाउंटर हुआ पाली पुलिस में भागदौड़ हुई और बाली में एकत्रित होते है। एएसपी के कार्यालय में कई पुलिस अधिकारी बैठे और कमलेश की पत्रावलियां मंगवाई। वहां लेपटॉप व कम्प्यूटर में बेक डेट में केस डायरी में बयान दर्ज कर कमलेश के खिलाफ साक्ष्य जुटाए है। यह षडयंत्र है। हमने सीबीआई में आवेदन किया है। सभी लोगों की मोबाइल लोकेशन निकलवाई जाए। नाडोल के पुलिसकर्मी के बयान लेने व प्रकरण की जांच एएसआइ रमेशकुमार से बदलकर महज तीन दिन में सीईओ सुमेरपुर को देने पर भी सवाल खड़े किए।

उन्होंने कहा कि जिस पुलिसकर्मी के सांडेराव प्रकरण में बयान दर्ज किए जाते है, वह कब बाड़मेर आया और उसने किससे से पूछताछ की गई। उन्होंने बताया कि सीईओ सुमेरपुर को जांच दी गई है, वह भी एनकाउंटर से पहले बाड़मेर कब आए और किससे पूछताछ की गई। उन्होंने मामले निष्पक्ष जांच की मांग की। गौरतलब है कि संघर्ष समिति की मांग के बाद इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।

बाड़मेर. सावन में फूलों की बहार हर तरफ नजर आती रही है, मंदिर फूलों की खुशबू से महक उठते और सजावट की झालरें मन मोह लेती। लेकिन कोरोना महामारी ने फूलों की महक पर मानो ताला लगा दिया है। सावन के महीने में फूलों की बम्पर बिक्री अब नहीं होती है। जबकि कोविड महामारी से पहले सावन माह में बिक्री परवान पर रहती थी। ऑर्डर तक पूरे नहीं हो पाते थे। पिछले दो सावन हो गए हैं और बिक्री का ग्राफ 50 फीसदी तक नीचे आ गया है।
कोरोना से कोई भी अछूता नहीं रहा, फूलों की खुशबू को भी कोविड ने 'कैदÓ कर दिया। अपनी महक से मन मोह लेने वाले पुष्पों को भी अब खरीददार की तलाश है। लेकिन वह अब बहुत ही कम है। जबकि कभी कतार लगी रहती थी और लोगों को पंसद के फूल नहीं मिल पाते थे। अब फूलों के ढेर लगे हैं और हर तरह के पुष्प मिल रहे हैं, लेकिन खरीदने वाले कहीं नजर नहीं आ रहे हैं।
सावन में रोज पुष्प ले जाने वाले अब ज्यादा नहीं
कोरोना महामारी से पहले सावन महीने में शिव मंदिरों में नियमित दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालु पुष्प-माला लेकर जाते थे। लेकिन अब कोरोना की मार के कारण हर कोई प्रभावित हुआ है और इसके चलते बिक्री पर असर पड़ा है। अब लोग नियमित रूप से पुष्प नहीं ले जा पाते हैं, सोमवार के दिन जरूर माला आदि ले जाते हैं।
नियमित फूल खरीदने वालों में भी कमी
पुष्प विक्रेता से कई लोग नियमित रूप से रोजाना फूल खरीदते हैं। लेकिन महामारी का असर यह हुआ कि अब रोजाना पुष्प लेने वालों की संख्या भी कम होती जा रही है। हालांकि कई लोग खरीदने भी आते हैं, लेकिन उन्होंने इसके लिए बजट कम कर दिया है। पुष्प विक्रेता बताते हैं कि जो लोग 50 रुपए के पुष्प खरीदते थे अब 10-20 तक कर दिया है।
मंदिरों में सजावट भी अब ज्यादा नहीं
पहले मंदिरों में ताजा फूलों की सजावट खूब होती थी। लेकिन महामारी के कारण फूलों से भी परहेज रखने की जरूरतों ने अब ऐसी सजावट को भी कम कर दिया है। लोग चाहते हैं कि मंदिरों में फूलों की झालर लगाएं लेकिन ऐसा नहीं कर पाते है। इसके चलते पुष्प की बिक्री प्रभावित हुई है।
बड़े ऑर्डर नहीं, फुटकर बिक्री
कोविड के बाद से ही बड़े ऑर्डर नहीं है। शादियों के कार्यक्रम छोटे स्तर हो रहे हैं और बड़े आयोजनों में ज्यादा लोगों को नहीं बुला सकते हैं। इसके कारण फूल-मालाओं के बड़े ऑर्डर पर पूरी तरह से ब्रेक ही लगा हुआ है। अब तो फुटकर बिक्री पर ही काम चल रहा है।
सावन में भी बिक्री काफी कम
फूलों की बिक्री सावन में खूब होती थी। एडवांस ऑर्डर भी आते थे। लेकिन इस बार का यह दूसरा सावन है, जब फूलों की बिक्री बहुत ही कम है। कोरोना के कारण फूलों का व्यापार भी काफी प्रभावित हुआ है।
-डूंगर प्रसाद, पुष्प विक्रेता बाड़मेर

बालोतरा ञ्च पत्रिका . थाना पुलिस ने बुधवार को एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। जिस हत्यारे को पुलिस पिछले ४८ घंटे से ढूंढ रही थी, वह कोई दूसरा नहीं बल्कि युवक की पत्नी का प्रेमी ही निकला। पुलिस ने हत्या की आरोपी पत्नी और उसके दो प्रेमी युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। बालोतरा शहर निवासी युसुफ खां की हत्या उसी की पत्नी जरीना ने उसे रास्ते से हटाने के लिए पड़ौसी व प्रेमी के साथ साजिश रचकर करवाई थी। पुलिस ने युसुब खां की हत्या के मामले का महज 4८ घंटे में ही खुलासा कर दिया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नितेश आर्य ने बताया कि सोमवार सुबह मूंगड़ा सर्किल के पास एक नर्सिंग कॉलेज के पीछे खाली भूखंड में गेमनशाह वली दरगाह के पीछे बालोतरा निवासी युसूफ खां पुत्र हमीर खां का चेहरा कुचला हुआ लहूलुहान शव मिला था। वारदात के तरीके को देखते हुए बालोतरा वृत की एक विशेष टीम गठित की गई। टीम में बालोतरा थानाधिकारी बाबुलाल रेगर, पचपदरा थानाधिकारी प्रदीप डांगा व मंडली थानाधिकारी दाउद खां को शामिल किया। टीम में शामिल पुलिसकर्मियों ने युसूफ खां के संपर्क वालों की जानकारी जुटाई। इस दौरान पुलिस ने संदिग्ध अलाउद्दीन पुत्र हुसैन खां मोयला निवासी गेमनशाह दरगाह के पास बालोतरा को दस्तयाब कर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने युसूफ की हत्या करना स्वीकार किया। पूछताछ में आरोपी अलाउद्दीन ने युसुफ की हत्या में उसकी पत्नी जरीना व उसके प्रेमी बरकत पुत्र उस्मान खां निवासी राखी (समदड़ी) के शामिल होने की बात स्वीकारी। इस पर पुलिस ने जरीना व बरकत खां को दस्तयाब कर पूछताछ की तो पूरे मामले का खुलासा हो गया।

यूं दिया वारदात को अंजाम
युसूफ खां शराबी प्रवृत्ति होने के चलते पत्नी जरीना झगड़ता था। बरकत व जरीना की नजदीकियां बढ़ती गई। जरीना के पति युसूफ को जरीना व बरकत के प्रेम प्रसंग का पता चला तो युसूफ ने बरकत खां को घर से निकाल दिया। जरीना के घर खर्च के लिए बरकत रुपए भी भेजता था। जरीना की उसके दूर के रिश्तेदार अलाउद्दीन से भी अवैध संबंध हो गए। करीब एक माह से युसुफ की पत्नी जरीना व उसके प्रेमी बरकत व अलाउद्दीन ने युसूफ को रास्ते से हटाने के लिए साजिश रची। रविवार को अलाउद्दीन को युसूफ के घर होने की जानकारी होने पर वह जयपुर से बालोतरा पहुंचा तथा युसूफ को घर से शराब पार्टी के बहाने ले जाकर शराब पिलाई तथा शराब का नशा चढऩे पर खाली भूखंड में ले जा पत्थरों से वार कर मौत के घाट उतार दिया। उसके बाद भी अलाउद्दीन को उसके जिंदा होने के शक पर उसने युसूफ का गला मरोड़ दिया। लोगों को शव दिखे नहीं, इसके लिए शव को घसीट कर चारदीवारी के सहारे डाल दिया।

पहले पति की दुर्घटना में मौत तो दूसरे को मरवाया
मूलत: जालौर के भीनमाल निवासी जरीना बानो की युसुफ के साथ १६ साल पहले निकाह हुआ था। इसके एक ८ व दूसरा ६ साल के दो पुत्र है। जरीना के पहले पति की सडक़ दुर्घटना में मौत हो चुकी थी। उसके बाद जरीना का दूसरा निकाह बालोतरा निवासी युसुफ खां के साथ हुआ था।


हत्या की बात पर युसुफ की पत्नी जरीना व बरकत को विश्वास नहीं होने पर सोमवार सुबह अलाउद्दीन ने बरकत को मूंगड़ा सर्किल के निकट नर्सिंग कॉलेज के पास ले जाकर युसूफ खां का शव दिखाया तथा फिर वहां से दोनों फरार हो गए।

बाड़मेर पत्रिका.टूटते रिश्तों को जोडऩे की जिम्मेदारी समाज और परिवार दो संस्थाओं की है।

परिवार के मुखिया और सभी सदस्यों को भी यह ध्यान देने की जरूरत है कि रिश्तों में खटास की जड़ क्या है? बातों को जल्दी समझ लिया जाए तो परिवार नहीं टूटेंगे लेकिन जहां पर अकड़, गुस्सा और अहम हावी रहता है वहां रिश्तें बनने की बजाय बिगड़ते है।

जिले में पांच साल में 50 बच्चों की मौत झकझोरती है। मासूम बच्चों ने किसी का क्या बिगाड़ा? क्षणिक आवेश इन बच्चों की जिंदगी खराब कर जाता है। मां-बाप बच्चों के खातिर ही सही, जिंदगी को सोचें। पत्रिका ने इस मुद्दे पर सामाजिक संस्थाओं के विचारवान लोगों से बात की तो उन्होंने खुलकर इस पर राय रखी।

आत्मचिंतन करें महिलाएं ही क्यों आत्महत्या कर रही है। प्रेमी युगल भी आत्महत्या कर रहे है।

सामाजिक ताना-बाना बिखर रह है। बहुत उन्नति की दौड़ में यह सबकुछ हो रहा है। संयुक्त परिवार भी टूट रहे है। मोबाइल और टी वी ने नैतिक मूल्य बदल दिए है। बच्चों की शिक्षा भी स्कूल से मोबाइल की दुनियां में आ गई है। मां-बाप के पास में समय नहीं है। बड़े बुजुर्गों की भूमिका गौण हो रही है। अब गहन अन्वेषण व आत्मचिंतन की जरूरत है। - रावल किशनसिंह जसोल, अध्यक्ष मां राणी भटियाणी मंदिर ट्रस्ट जसोल

संस्कारवान शिक्षा जरूरीपारीवारिक माहौल में संस्कारों की शिक्षा का बड़ा महत्व है। नैतिकता का पाठ प्रतिदिन स्कूलों में और परिवार में पढ़ाना चाहिए। साथ ही जहां पर पारीवारिक अशांति का माहौल हों वहां पर परिवार के मुखिया का दायित्व है कि वह इस बात को समझते हुए अपनी भूमिका का निर्वहन करें। परिवार में सबकी सुनना जहां जरूरी है वहीं मुखिया की मानना बहुत जरूरी है। सामाजिक तानाबाना मजबूत होना चाहिए।- प्रदीप राठी, प्रांतीय महासचिव भारत विकास परिषद

सामाजिक संस्थाएं आगे आएंसामाजिक संस्थाओं की भूमिका समाज में इस तरह के घटनाओं की रोकथाम में मुख्य है। इन घटनाओं को लेकर चर्चा जरूर होती है लेकिन समाधान को लेकर प्रयास कम हो गए है। संयुक्त परिवारों का विघटन होने के बाद यह स्थितियां बढ़ रही है। संयुक्त परिवार में नहीं रहने के बावजूद भी पारीवारिक ढांचा इतना मजबूत होना चाहिए कि परिवार में एक दूसरे से मिलना और समझने का प्रयास हों। तभी इन घटनाओं को कम किया जा सके। पारीवारिक दूरियां खत्म होनी चाहिए।- आम्बाराम बोसिया, कोषाध्यक्ष मेघवाल समाज संस्थान

पुलिस-प्रशासन ध्यान दें इस तरह की घटनाएं जिन क्षेत्र में ज्यादा हो रही है उनकी जानकारी आ रही है। चौहटन, धोरीमन्ना, गुड़ामालानी के ज्यादा इलाके है। इन क्षेत्र में पुलिस-प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाएं मिलकर जागरूकता शिविरों का आयोजन करवाए। आर्थिक रूप से कमजोर व कम शिक्षित परिवारों के बीच पहुंचकर पारीवारिक समस्याओं के समाधान को लेकर वार्ता की जाए। विद्यालयों में भी इस तरह का माहौल बनना चाहिए कि नैतिक शिक्षा के जरिए पारीवारिक मजबूती का पाठ पढ़ाया जाए।- एडवोकेट किरण मंगल

दिलीप दवे बाड़मेर. कभी थार की धरा बाड़मेर का पानी भांप के इंजन को पाकिस्तान पहुंचाने के काम आता था, वहीं पानी के स्रोत अब उपेक्षा का शिकार है। शहर के बीचोबीच रेलवे ने कुएं खोदे थे जिससे कि यहां से पानी भरवा कर ट्रेन को पाकिस्तान तक पहुंचाया जाए।

यह कार्य सालों तक चला लेकिन बदलते युग ने भांप के इंजन बंद कर दिए तो रेलवे ने कुएं की सुध लेनी छोड़ दी। एेसे में ये कुएं अब कचरा पाइंट बन चुके हैं और रेलवे क्वार्टर समाजकंटकों की शरणगाह। लम्बे समय से यह स्थिति है लेकिन रेलवे ध्यान नहीं दे रहा, जिस पर करोड़ों की सम्पत्ति जमीदोज हो रही है।

बाड़मेर शहर व जिला अकाल की मार झेलता रहा है। आजादी से पहले यहां के लोगों का रोजगार का जरिया वर्तमान पाकिस्तान का सिंध-हैदराबाद इलाका था। यहां पर लोग रोजगार के लिए जा सके इसको लेकर तत्कालीन जोधपुर रियासत ने १८९२ में जोधपुर से सिंध हैदराबाद तक रेल लाइन बिछा जोधुपर रेल के नाम से रेल शुरू की। उस समय भांप के इंजन चलते थे जिस पर पानी की जरूरत होती थी। इस समस्या के समाधान को लेकर बाड़मेर की पहाड़ी की तलहटी में कुएं खोदे गए थे। रेलवे कुआं नम्बर एक, दो व तीन के नाम से इन्हें आज भी जाना जाता है। इन कुओं से पानी को लाइन के मार्फत रेलवे स्टेशन तक पहुंचाया जाता था।

आजादी के बाद भारतीय रेलवे के नाम यह रेल सेवा हो गई तो ये कुएं भी रेलवे को मिल गए। कुओं की सुरक्षा व पानी शुरू करने के लिए यहां स्टाफ लगाया हुआ था जिनके क्वार्टर भी बने हुए हैं। लम्बे समय तक इनका उपयोग होता रहा लेकिन पिछले कई सालों से ये कुएं बंद हो चुके हैं। रेलवे स्टेशन पर पानी की आवक अन्य स्रोत से होने लगी है। एेसे रेलवे प्रशासन ने इनकी सुध लेनी छोड़ दी है। इस स्थिति में ये कुएं अब जर्जर हो रहे हैं तो क्र्वाटर समाजकंटकों की शरणगाह बन चुके हैं।

अतिक्रमण का खतरा , कचरा पाइंट में तब्दील- रेलवे कुओं व क्र्वाटर के आसपास लोगों के मकान बने होने से अतिक्रमण होने का खतरा है। वहीं, कुओं में कचरा डालते हुए लोगों ने कचरा पाइंट बना दिया है। रेलवे क्वार्टर के दरवाजे क्षतिग्रस्त होने से समाजकंटक यहां अवांछित गतिविधियां करते हैं।

पहले नियमित निरीक्षण, अब नहीं ध्यान- लोगों के अनुसर कुछ साल पूर्व तक तो रेलवे के अधिकारी व कार्मिक नियमित रूप से निरीक्षण करने आते थे लेकिन अब एेसा नहीं हो रहा। इसके चलते लोगों ने इन कुओं के कचरा पाइंट बना दिया है। इससे आस पड़ोस के लोग परेशान है।

करोड़ों की सम्पत्ति हो रही बेकार- रेलवे कुआ नम्बर तीन जोशियों का वास में है तो कुआं नम्बर दो शिव मुंडी रोड से लगता है। वहीं, रेलवे कुआ नम्बर तीन लूणू रोड पर स्थित है। वर्तमान में यहां घनी आबादी बसी हुई है। एेसे में रेलवे इस सम्पत्ति का उपयोग करता है तो करोड़ों की आय हो सकती है।

रेलवे करे सम्पत्ति का उपयोग- रेलवे की यह सम्पत्ति करोड़ों रुपए की है। इसको अन्य उपयोग में लेकर या बेच कर करोड़ों की कमाई हो सकती है। उपेक्षा के चलते रेलवे की सम्पत्ति पर अतिक्रमण का खतरा है। वहीं, लोग इसमें कचरा डाल रहे हैं तो क्र्वाटर समाजकंटकों की शरणागाह बन चुके हैं।- पुखराज दवे, स्थानीय निवासी

निर्देश दिए जाएंगे- बाड़मेर में रेलवे की सम्पत्ति की सुरक्षा को लेकर प्रबंध किए जाएंगे। संबंधित अभियंता को निर्देश देकर शीघ्र निरीक्षण करवा उचित कर्रवाई की जाएगी।- गोपाल शर्मा, पीआरओ उत्तर-पश्चिम रेलवे जोधपुर मंडल

बाड़मेर. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहयोगिनी, आशा सहयोगिनी बनन की योग्यता भले ही दसवीं पास है, लेकिन कतार में उच्च डिग्रीधारक महिलाएं भी हैं।

जिले में २३५ पदों पर भर्ती होगी जिसके लिए करीब सात गुना आवेदन आ चुके हैं। इन आवेदकों में स्नातक, स्नातकोत्तर, बीएड की योग्यता रखनी वाली महिलाओं ने भी आवेदन किए हैं। अधिक आवेदन आने पर प्रतिस्पद्र्धा भी कड़ी होगी। हालांकि अंकों का निर्धारण योग्यता के आधार पर होने से उच्च योग्यताधारी महिलाओं का चयन आसान हो जाएगा।

शिक्षा के प्रति बढ़ते रुझान ने अब थार में भी सोच और माहौल को बदल दिया है। कभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दसवीं पास महिलाएं नहीं मिलने पर कार्यकर्ता, सहायिका और आशा सहयोगिनी के पद रिक्त रहते थे, वहां अब जिले में उच्च शिक्षा प्राप्त महिलाएं इन पदों पर आवेदन कर रही हैं।

हाल ही जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कार्यकर्ता के ५१, मिनी केन्द्र कार्यकर्ता के १७, सहायिका के ५३ और आशा सहयोगिनी के ११४ पदों पर चयन को लेकर आवेदन मांगे गए थे। आवेदन की अंतिम तिथि २९ जुलाई निर्धारित की गई थी। निर्धारित तिथि तक जिले में २३५ पदों के लिए १३६८ आवेदन आए हैं।

शिक्षका बनने की तैयारी, कार्यकर्ता के लिए आवेदन- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी को लेकर उच्च डिग्रीधारक महिलाओं की विशेष रुचि दिख रही है। इन महिलाओं में करीब आठ-सत्तर आवेदन बीए डिग्रीधारक महिलाओं के हैं जो शिक्षिका बनने की योग्यता है। बावजूद इसके महिलाओं ने आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कार्य करने के लिए आवेदन किए हें।

आधे आवेदन उच्च डिग्रीधारकों के- जानकारी के अनुसार जो आवेदन आए हैं उसमें से आधे आवेदन करीब सात सौ फॉर्म बारहवीं से अधिक योग्यताधारी महिलाओं के आए हैं। हर केन्द्र पर औसतन पांच से सात आवेदन आए हैं। अब इन आवेदनों को सीडीपीओ कार्यालय भेजा गया है जहां से नियमानुसार कमेटी के मार्फत चयन होगा।

उच्च योग्यताधारी महिलाओं के भी आवेदन- आंगनबाड़ी केन्द्रों के विभिन्न पदों को लेकर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। करीब सात गुना आवेदन आए हैं। इनमें से उच्च योग्यताधारी महिलाओं के भी आवेदन काफी है। नियमानुसार चयन किया जाएगा।- प्रहलादसिंह राजपुरोहित, उप निदेशक महिला एवं बाल विकास परियोजना बाड़मेर

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