>>: Digest for August 08, 2021

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Table of Contents

पाली/रोहट। जिले के रोहट थाना क्षेत्र के भांवरी गांव में जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों में झगड़ा हो गया, आपसी मारपीट में महिला सहित तीन जने घायल हो गया। इस घटनाक्रम का सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हुआ है। इसमें दोनों पक्ष लाठियां व कुल्हाड़ी लेकर दिख रहे हैं, पुलिस ने परस्पर मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

रोहट थाना पुलिस ने बताया कि थाना क्षेत्र के भांवरी गांव में आपसी रिश्ते में भाइयों की जमीन आई हुई है, जिस पर दोनों पक्षों को जमीन पर अलग-अलग जगह पर कब्जा है। जमीन विवाद को लेकर दोनों में पुराना विवाद है। शुक्रवार को दोनों पक्षों में मारपीट हो गई। एक पक्ष द्वारा कुल्हाड़ी लेकर वार करने जाते हुए का वीडियो भी वायरल हो हुआ है।
भांवरी निवासी समदा पत्नी मनाराम पटेल ने पर्चा बयान दिया कि वह खेत में कार्य कर रही थी। इस दौरान भांवरी निवासी मंगलाराम पुत्र नारायणराम पटेल व गेनाराम पटेल ने रास्ता रोककर मारपीट की। जिससे समदा व मनाराम घायल हो गए। उन्हें बांगड़ अस्पातल पाली उपचार के लिए ले जाया गया।

दूसरे पक्ष में के भांवरी निवासी मंगलाराम पुत्र नारायणराम पटेल ने रिपोर्ट दी कि खेत में कार्य कर रहा था। भांवरी निवासी मनाराम पुत्र चिमनाराम, झूंझाराम पुत्र चिमनाराम, श्रवण पुत्र झूझाराम, समदा पत्नी मानाराम, पिस्ता पत्नी झूझाराम पटेल ने खेत में अनाधिकृत रूप से प्रवेश करके कुल्हाड़ी से मारपीट की। इससे मंगलाराम घायल हो गया। पुलिस ने परस्पर मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

पाली। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से संचालित काली बाई भील मेघावी छात्रा स्कूटी योजना के तहत शुक्रवार को राजीव गांधी सेवा केन्द्र से वर्चुअल कार्यक्रम में जिले की 76 मेघावी छात्राओं को स्कूटी वितरण किया गया। मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्वेता चौहान एवं मारवाड़ जंक्शन विधायक खुशवीरसिंह जोजावर राज्य स्तरीय कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े। समारोह के बाद मारवाड़ जंक्शन विधायक जोजावर के विशिष्ठ आतिथ्य में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के राजीव गांधी सेवा केन्द्र से मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं विधायक ने जैतारण तथा सोजत क्षेत्र की चार छात्राओं को प्रत्यक्ष रूप से चार स्कूटी मय हेलमेट वितरित की।

बांगड़ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. कल्याणसिंह रावत ने बताया कि पाली जिले से काली बाई भील मेघावी छात्रा स्कूटी योजना एवं देव नारायण छात्रा स्कूटी योजना के अन्तर्गत 76 मेघावी छात्राओं का चयन किया गया है। इनमें पाली के बांगड़ महाविद्यालय की 22, रोहट महाविद्यालय की 2 एवं पाली कन्या महाविद्यालय की 3, सोजत सिटी महाविद्यालय की 22, बाली महाविद्यालय की 8, जैतारण महाविद्यालय की 14, रायपुर महाविद्यालय की 3 तथा सुमेरपुर व मारवाड़ जंक्शन महाविद्यालय की एक-एक छात्रा शामिल है।

सीएम ने की बात
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मेघावी छात्रा बेबी पुत्री दूदाराम से वीसी के जरिए बातचीत कर उसकी पढ़ाई के बारे में जानकारी ली। बेबी ने बताया कि भविष्य में उनका विचार भारतीय पुलिस सेवा में कार्य करने का है। नोडल अधिकारी डॉ अपूर्व माथुर ने बताया कि राजीव गांधी सेवा केन्द्र से सांकेतिक तौर पर जैतारण महाविद्यालय की छात्रा बेबी पुत्री दुदाराम एवं सोजत महाविद्यालय की छात्रा प्रिया कंवर पुत्री गणतसिंह, ललिता सिरवी पुत्री रामचन्द्र तथा पिंकी कंवर पुत्री बंशीसिंह को स्कूटी का वितरण किया गया।

पाली विधायक ज्ञानचन्द पारख, बाली विधायक पुष्पेन्द्रसिंह राणावत, सोजत विधायक शोभा चौहान, सुमेरपुर विधायक जोराराम कुमावत एवं जैतारण विधायक अविनाश गहलोत इस कार्यक्रम में स्वयं के कार्यालय से वेबएक्स के माध्यम से जुड़े।

पाली। पाली की सडक़ों पर मवेशियों का राज है। चाहे आप किसी भी रोड पर चले जाए। पाली से गुजरने वाले जयपुर-अहमदाबाद फोरलेन, पाली-जोधपुर फोरलेन, बर-बिलाड़ा फोरलेन, पाली-देसूरी मेगा हाइवे, सरदार समंद- मारवाड़ जंक्शन मेगा हाइवे, तखतगढ़-फालना मेगा हाइवे, रायपुर-मेड़ता मेगा हाइवे, रोहट-जालोर मेगा हाइवे पर पुलिस, प्रशासन, एनएचआई, पीडब्ल्यूडी, परिवहन विभाग व टोल कम्पनियों की लापरवाही के कारण मवेशी राज है। सभी सडक़ों पर मवेशियों का कब्जा है। लिहाजा रोजाना हादसे हो रहे हैं और लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। किसी को भी इसकी परवाह नहीं है। हाइवे पर मवेशी बड़ी संख्या में झुण्ड बनाकर रहते हैं। खासकर रात में इनसे वाहन टकरा जाते हैं और हादसे होते है। कोई भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।

पाली देसूरी रोड सबसे अधिक खतरनाक
पाली से देसूरी जाने वाला मेगा हाइवे सबसे अधिक खतरनाक है। यहां पाली के हेमावास व देसूरी के पास टोल बना हुआ है। रोड पर मवेशियों का राज है। पिछले एक माह में पांच जनों की मौत इस मेगा हाइवे पर मवेशियों के टकराने से हुई है। टोल कम्पनियां केवल टोल वसूलने का काम कर रही है। कोई भी मवेशी हटाने की दिशा में काम नहीं कर रहा है। जबकि हाइवे से मवेशियों को हटाने का काम टोल कम्पनी की जिम्मेदारी है, लेकिन ये कम्पनियां रोजाना लाखों रुपए टोल वसूलने के बाद भी अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है।

केस-1- बाइक चालक की गई जान
जुलाई में जगदीश पुत्र मोटाराम प्रजापत निवासी माण्डीगढ़ अपनी बाइक को देसूरी में सर्विस कराने के बाद अपने घर माण्डीगढ़ जा रहा था। घाणेराव के लीलाबाई पशु चिकित्सालय के पास मवेशी को बचाने के चक्कर में उसकी बाइक मवेशी से टकरा गई, हादसे में उसकी मौत हो गई।

केस-2- दो दोस्त की मवेशियों की वजह से गई जान
12 जुलाई को देसूरी के नारलाई नाडोल मार्ग पर एक बाइक बेसहारा गोवंश से टकरा गई थी। हादसे में मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र के दो दोस्तों की मौत हो गई थी। इस मेगा हाइवे से टोल कम्पनियां बेसहारा मवेशियों को नहीं हटा रही है। इस कारण आए दिन हादसे होते है।

केस-3 - मवेशी से टकराई बाइक, गई जान
5 अगस्त को देसूरी-पाली मेगा हाइवे मार्ग पर गोवंश के टकराने से बाइक सवार 38 वर्षीय देसूरी थाना क्षेत्र के काणा गांव निवासी कैलाश मेघवाल पुत्र देवाराम की मौत हो गई। इस हाइवे पर बेसहारा मवेशियों के कारण लगातार हादसे हो रहे हैं। कोई भी इन्हें हटाने की कार्रवाई नहीं कर रहा है।

शहर में भी मवेशी राज, हर रोज मौतें
पाली शहर में भी मवेशी राज है। हर रोज हादसों में जिले में मौतें हो रही है। हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद पाली शहर की सडक़ों व हाइवे से मवेशी नहीं हट रहे हैं। इन दिनों बारिश के चलते गोशालाओं से गोवंश सडक़ों पर छोड़ दिया जाता है। ऐसे में बेसहारा मवेशियों की भरमार हो गई है।

आंकड़ा सडक़ हादसों व मौतों का
वर्ष हादसे घायल मौत
2017 663 664 436
2018 626 627 357
2019 686 859 378
2020 575 309 377
2021 243 253 140
(आंकड़े मई 2021 तक)

पाली। राजस्थान पत्रिका द्वारा जिला मुख्यालय और ग्रामीण इलाकों में हॉकी खेल की हकीकत सामने लाने के बाद जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्वेता चौहान (आइएएस) ने पहल की है। सीइओ ने जिले में 20 हॉकी मैदान विकसित करने का निर्णय किया है। जिले की प्रत्येक ब्लॉक में दो मैदान तैयार किए जाएंगे। सीइओ ने जिला शिक्षा अधिकारी को हर ब्लॉक में दो-दो स्कूलों का चयन करने के निर्देश दिए हैं।

महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत एक ग्राम चार काम योजना में हॉकी खेल विकसित किए जाएंगे। जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यम) से संबंधित ब्लॉक की माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों की सूची शीघ्र मांगी है। विद्यालयों का चयन एक सप्ताह के भीतर किया जाएगा। तत्पश्चात खेल मैदान के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

पत्रिका ने उठाया मुद्दा
ओलंपिक में हॉकी में मेडल जीतने में भारत को 41 साल लग गए। इसका बड़ा कारण यह माना जा रहा है कि हॉकी हाशिए पर चली गई। खेल मैदान और संसाधनों के अभाव में प्रतिभाओं को निखरने का अवसर ही नहीं मिल रहा। जिला मुख्यालय पर हॉकी खेलने का मैदान नहीं है। पत्रिका ने शुक्रवार के अंक में हॉकी की हकीकत से रूबरू कराया। यहां तक की जिले में भी चुनिंदा स्कूलों में हॉकी खेल खिलाया जा रहा है। इस कारण जिले की कई खेल प्रतिभाएं आगे नहीं बढ़ पा रहीं। जिला परिषद सीइओ की पहल से जिले में हॉकी खेल के प्रति माहौल अनुकूल होगा और खिलाडिय़ों का मनोबल भी बढ़ेगा।

निखरेंगी ग्रामीण प्रतिभाएं
मनरेगा में एक ग्राम-चार काम योजना चल रही है। इसके तहत हॉकी खेल मैदान विकसित किए जाएंगे। इससे जिले में खेल प्रतिभाओं को अवसर मिलेगा। स्कूलों का चयन होने के साथ ही मैदान विकसित करने का काम शुरू कर दिया जाएगा। -श्वेता चौहान, सीइओ, जिला परिषद पाली

पाली। ओलंपिक खेलों में पांच पदक हासिल करने के बाद इन दिनों हर कोई खेलप्रेम में डूबा हुआ है। पदकों की संख्या कई अन्य देशों के मुकाबले भले ही कम है, लेकिन हॉकी-कुश्ती समेत अन्य खेलों में बेहतर प्रदर्शन से खिलाडिय़ों में उत्साह का संचार हुआ है। अब यहां के खिलाड़ी उम्मीद कर रहे हैं कि स्थानीय स्तर पर भी खेलों को बढ़ावा मिलेगा और उनके दिन फिरेंगे। हैरानी की बात है कि खेलों को लेकर जिला प्रशासन कभी सक्रिय नहीं दिखाई देता। बैठकों में महज औपचारिकताएं नजर आती है। पाली में खिलाडिय़ों की मुश्किलें यथावत है। यहां तक की जनप्रतिनिधियों को भी खिलाडिय़ों की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है। बांगड़ स्टेडियम में व्याप्त समस्याएं इसका नमूना है।

घर से लाते हैं पानी, प्रशासन बेफिक्र
जिला मुख्यालय पर खेल मैदान के तौर पर सबसे बड़ी जगह है बांगड़ स्टेडियम। यहां प्रतिदिन करीब दो सौ खिलाड़ी नियमित रूप से अभ्यास के लिए आते हैं। मैदान में सुविधाओं के नाम पर ज्यादा कुछ नहीं है। दीवारें टूटी होने और गार्ड के अभाव में मवेशी विचरण करते हैं। खिलाडिय़ों के लिए स्पोर्टस काउंसिल की ओर से महज दो कोच नियुक्त किए हुए हैं। छह-सात शारीरिक शिक्षक भी यहां दिखावे के तौर पर नियुक्त है। खिलाडिय़ों के लिए यहां पीने का पानी भी नहीं मिलता। वे अपने घर से बोतलें भर कर लाते हैं। पानी की व्यवस्था को लेकर खिलाड़ी कई बार गुहार लगा चुके, लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की।

ये समस्याएं बड़ी
-खिलाडिय़ों के लिए पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं।
-स्टेडियम में सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। गार्ड के अभाव में असुरक्षा का भय रहता है।
-शौचालय का अभाव। स्टेडियम के बाहर सार्वजनिक शौचालय बना हुआ है जो काफी दूरी पर है।
-स्टेडियम के भीतर घास नहीं होने से खिलाडिय़ों को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती है।
-साफ-सफाई भी पर्याप्त है। स्टेडियम की कई दीवारें टूटी हुई है।
-स्टेडियम में गाय और अन्य पशुओं का जमावड़ा रहता है।

बोले खिलाड़ी : सुविधाएं दो, हम भी बनेंगे ओलंपियन
मैदान में व्यवस्थाएं ठीक नहीं है। पानी का पानी भी उपलब्ध नहीं रहता। पानी के लिए हमेशा परेशान होना पड़ता है।
-सरीता टाक, खिलाड़ी

मैदान में सुरक्षा व्यवस्था सुचारू नहीं है। आवारागर्दी करने वाले आ जाते हैं। इससे लड़कियों को खेलने में परेशानी होती है। -निखिलराज जयपाल, खिलाड़ी

पानी के अभाव में हम तो परेशान होते ही हैं, लेकिन छोटे बच्चों को ज्यादा परेशानी होती है। वे पानी के बिना ठीक से खेल नहीं पाते। -हेमलता शर्मा, खिलाड़ी

स्टेडियम परिसर में बनीं प्याऊ हमेशा बंद ही रहती है। कोच भी नहीं है। खेलों को बढ़ावा देने के लिए सुविधाएं पर्याप्त होनी चाहिए। -रोहित ओड, खिलाड़ी

जिम्मेदार बोले : गार्ड के लिए कई बार कह दिया
स्टेडियम में सुरक्षा के लिए गार्ड जरूरी है। इसके लिए नगर परिषद और जिला प्रशासन को कई बार लिख दिया। पत्र लिखकर थक चूके, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। स्पोट्र्स काउंसिल ने दो कोच नियुक्त कर रखे हैं। कुछ शारीरिक शिक्षकों को भी लगाया हुआ है। -ओमप्रकाश बारिया, जिला खेल अधिकारी, पाली

खेलों के अनुकूल माहौल बनाएं
खेलों के अनुकूल माहौल जरूरी है। स्टेडियम में कई तरह की व्यवस्थाओं में सुधार किया जाना चाहिए। खिलाडिय़ों को सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे तो यहां कई प्रतिभाएं उभरेंगी। इसके लिए जिला प्रशासन के साथ-साथ सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। -राजेश पाटनेचा, सचिव, जिला टेनिस संघ

-सुरेश हेमनानी
पाली। केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से विभिन्न योजनाओं के तहत पात्र लोगों को गेहूं वितरित किया जाता है। इसी के चलते शुक्रवार को पंजाब के चंडीगढ़ से 21 बोगियों में 26 हजार 151 गेहूं की बोरियां भरकर पाली के रेलवे यार्ड पर मालगाड़ी पहुंची। यहां से बोरियों को बोगियों से खालीकर ट्रकों में भरा गया। इस दौरान कई बोरियों से गेहूं मिट्टी में मिलता रहा। ट्रेक पर बिखरा रहा। यार्ड कच्चा होने के कारण यहां अक्सर गेहूं की बर्बादी होती है। गेहूं में मिट्टी मिलती है। यही मिट्टी निवाले तक पहुंचती है। रेलवे की यह लापरवाही आमजन पर भारी पड़ रही है।

एफसीआई ने रेलवे को कई बार लिखा
यार्ड को पक्का करने के लिए एफसीआई के अधिकारियों ने कई बार रेलवे के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखे। बावजूद इसके यार्ड पूरी तरह से कच्चा है। जिससे एफसीआई को भारी नुकसान हो रहा है।

यार्ड में जानवर पहुंचाते हैं नुकसान
रेलवे यार्ड पर की चार दीवारी नहीं होने के कारण यार्ड के अंदर जानवर प्रवेश करते हैं। कई बार यार्ड पर गेहूं की बोरियां फाडकऱ गेहूं खा जाते हैं। एफसीआई की ओर से गार्ड लगे हुए हैं, बावजूद इसके जानवर अन्य जगहों से प्रवेश कर जाते हैं।

पाली/सुमेरपुर। जिले के सुमेरपुर पुलिस ने एक साल से फरार चल रहे धोखाधड़ी के आरोपी को गिरफ्तार किया।

सुमेरपुर थानाधिकारी रविन्द्रसिंह खींची ने बताया कि शिवगंज निवासी बाबूलाल पुत्र तेजाराम भाटी ने 25 अगस्त 2020 को सुमेरपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कर बताया था कि सुमेरपुर में उनकी सरस्वती ट्रेडर्स नाम की फर्म है। उसने कृष्णा ट्रेडर्स बीकानेर से सोयाबीन तेल के 510 डिब्बे मंगवाए थे। माल पेटे फर्म के खाते में 3 लाख रुपए जमा करवाए थे।

लेकिन आरोपी में माल नही भेजा। राशि भी वापस नही लौटाई। नाम बदलकर मोबाइल नंबर भी बदल दिए। पुलिस ने हिमांशु पुत्र हरिसिंह सोलंकी निवासी जोधपुर की दस्तयाब कर उसे गिरफ्तार किया। आरोपी शातिर प्रवृति का है। आरोपी के विरुद्ध जोधपुर के बासनी व देवनगर थाने में भी प्रकरण दर्ज हुए थे।

ट्रैक्टर ट्रॉली की टक्कर से विद्युत पोल क्षतिग्रस्त
तखतगढ़। बलाना गांव मे शनिवार दोपहर ट्रैक्टर ट्रॉली की टक्कर से एक विद्युत पोल टूटकर क्षतिग्रस्त हो गया। बलाना सरपंच शम्भु राम मीणा ने बताया कि पवारों के बास में ट्रैक्टर ट्रॉली की टक्कर से एक पोल नीचे से टूटकर जमीन पर टिक गया। वार्ड पंच भोपाल सिंह व मोहल्लेवासियों ने सहायक अभियंता तखतगढ़ को सूचना देकर विद्युत सप्लाई बंद करवाकर टूटे हुए पोल को तारों की सहायता से बांध दिया। इससे पोल नीचे गिरने से बच गया।

पाली। भीलवाड़ा जिले के कोटड़ी और रायला में फायरिंग करके दो जवानों की हत्या के आरोपी एक लाख के इनामी बदमाश पाबूराम को शनिवार तडक़े जालोर जिले के करड़ा थाना क्षेत्र में भाटीप गांव से भीलवाड़ा पुलिस ने शनिवार अल सवेरे दबोचा है। पुलिस ने पाबूराम को चारों तरफ से घेर लिया, लेकिन तस्कर ने पुलिस पर फायरिंग की।

पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की और इस मुठभेड़ में आरोपी के पैर में गोली लगी, जिससे वह घायल हो गया। उसे कड़े पुलिस पहरे में घायल हालत में पाली के बांगड़ अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बाहर हथियारबंद जवानों का पहरा लगाया हुआ है। उसके पैर पर लगी गोली निकाल ली गई।

भीलवाड़ा पुलिस पहुंची पाली
तस्कर पाबूराम को पाली लाया गया, इसके बाद भीलवाड़ा पुलिस भी यहां पहुंच गई। यहां उसे उपचार के लिए लाया गया, उसके पैर की गोली निकाल ली गई है। संभवत: रविवार को भीलवाड़ा पुलिस उसे यहां से लेकर जाएगी।

पाली/फालना। जिले के फालना थाना क्षेत्र के बामणिया गांव में स्थित बेरा नया अरट पर खाना बनाते समय गैस की टंकी से अचानक आग लगने से चारों तरफ आग फैल गई। गैस सिलेण्डर में ब्लास्ट से मकान क्षतिग्रस्त हो गया। खाना बना रही महिला आग देख कर बाहर निकल कर जान बचाई।

फालना थाना प्रभारी ओमप्रकाश ने बताया कि बामणिया निवासी पोकरी बाइ पत्नी डूंगरराम ने रिपोर्ट दी कि उसके खेत पर बने कमरे में खाना बनाते समय शुक्रवार दोपहर अचानक सिलेंडर में आग लग गई। वह मकान के बाहर आ गई। कुछ ही समय में जोरदार धमाका हुआ। आग पूरे घर में फैल गई। मकान क्षतिग्रस्त हो गया।

उन्होंने खुडाला निवासी दामाद कुपाराम चौधरी को सूचना दी। उन्होंने शनिवार को पुलिस को सूचित किया। इस पर मुख्य आरक्षी वीरेंद्र सिंह को मौके पर भेजा गया। जहां पर सिलेंडर पूरी तरह से फ टा मिला। मकान जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।

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