>>: Digest for August 08, 2021

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Table of Contents

सीकर. पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विवि की स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाओं में पहले दिन सेंटरों पर सोशल डिस्टेसिंग की पालना नहीं हुई। बीए पार्ट थर्ड ऊर्दू के पेपर में प्रिंट की गलतियों को देखकर परीक्षार्थियों के होश उड़ गए। गलतियां इतनी अधिक कि अनुमान लगाना भी मुश्किल हो रहा था, की आखिर पेपर में पूछा क्या जा रहा हैं।
जमाते इस्लामी हिंद के समिति अध्यक्ष मोहम्मद आरिफ का आरोप है कि पेपर के यूनिट नंबर 2, 3 और 4 के सभी सवालों में अशुद्धियां थी। अशुद्धियों के कारण पेपर में कुछ भी अंदाजा नहीं लगाया जा सकता था। उन्होंने कहां विश्वविद्यालय स्तर पर इतनी बड़ी गलती होना यह दर्शाता है कि उच्च स्तर पर गंभीर लापरवाही बरती गई है। जिसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना होगा। जमाते इस्लामी हिंद ने विवि प्रशासन से लापरवाही की जांच कर विद्यार्थियों को बोनस अंक देने की मांग रखी है।
गौरतलब है कि स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 28 अगस्त तक चलेगी। स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष की परीक्षाएं छह सितंबर तक चलेगी। कोरोना महामारी के चलते इस बार 15 परीक्षा केंद्र बढ़ाकर कुल 104 सेंटर कर दिए हैं। परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्रों पर आधा घंटे पहले बुलाया गया है, ताकि सभी को सोशल डिस्टेंस के तहत बिठाया जा सके। विवि में इस बार स्नातक अंतिम वर्ष में 65335 और स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष के 32301 विद्यार्थी परीक्षा दे रहे हैं। जिन विद्यार्थियों के वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगी उन्हें भी परीक्षा में बैठने की छूट दी गई हैं। परीक्षा केंद्रों पर कार्यरत स्टाफ व वीक्षकों को भी वैक्सीनेशन जरूरी नहीं है।
उधर शेखावाटी विवि के कुलपति प्रोफेसर डॉ. भगीरथ सिंह बिजारणियां ने कहा कि परीक्षा सेंटरों पर परीक्षार्थियों को अपनी सुरक्षा की दृष्टि से स्वयं सोशल डिस्टेंसिंग की पालना का ध्यान रखना चाहिए। किसी सेंटर की अव्यवस्था के कारण यदि सोशल डिस्टेंसिंग टूट रही है, तो सेंटर के खिलाफ भी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। ऊदू के पेपर में प्रिंट की अशुद्धियों की सूचना मिली हैं। जांच के बाद उचित कार्रवाई करते हुए विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखा जाएगा। परीक्षार्थियों का किसी भी प्रकार से नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।

सीकर. राजस्थान के सीकर शहर के मोहल्ला बिसायतियान में आज शाम एक सिलेंडर में आग लगने से पति- पत्नी व बेटी झुलस गए। तीनों को प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर हालत में जयपुर रैफर किया गया है। जानकारी के अनुसार मोहम्मद जमील (55 )शाम को अपनी पत्नी मदीना (50) व बेटी सबीना (22) के साथ रसोई में था। इसी दौरान खाना बनाते समय नोजल से गैस लीक होने पर सिलेंडर ने आग पकड़ ली। जिसकी चपेट में आने से रसोई में मौजूद तीनों जने झुलस गए। विस्फोट व चीख की आवाज सुनकर नजदीकी लोग मौके पर पहुंचे और आग को काबू में करने की कोशिश की। जो कड़ी मशक्कत के बाद काबू में आई। इसी बीच सूचना पर एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई। जिसकी मदद से तीनों को एसके अस्पताल ले जाया गया। जहां हालत गंभीर जान चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद तीनों को जयपुर रैफर कर दिया।

परिवार में थे पांच सदस्य
घटना के दौरान घर में पांच सदस्य थे। जमील का बेटा युसुफ व बहु भी घर पर ही थे। जो गनीमत से बाहर कमरे में होने की वजह से हादसे का शिकार होने से बच गए। जबकि जमील, मदीना व सबीना तीनों रसोई में ही थे। जो सिलेंडर में आग लगते ही सीधे चपेट में आ गए।

पौन घंटे देर से पहुंची एंबुलेंस व दमकल
हादसे में एक बार फिर एंबुलेंस व दमकल व्यवस्था की पोल खोल दी। जमील के भतीजे खालिद ने बताया कि घटना की सूचना देने के बाद भी एंबुलेंस व दमकल करीब पौन घंटे बाद मौके पर पहुंची। पुलिस व सिविल डिफेंस भी देरी से पहुंची। तब तक आग पर काबू पाया जा चुका था। एंबुलेंस आते ही तो तीनों को एसके अस्पताल भेज दिया गया।

पहले भी हो चुके हैं बड़े हादसे
गैस सिलेंडर फटने से सीकर में पिछले साल फरवरी में भी बड़ा हादसा हो चुका है। शेखपुरा मोहल्ले के कुरैशी क्वार्टर में सिलेंडर में विस्फोट से 13 जने झुलस गए थे। जिसमेेंं से आठ लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले 2 नवंबर 2018 में भी पुरानी तहसील के पीछे सिलेंडर फटने से मकबूल रंगरेज के परिवार के भी 13 जने झुलस गए थे। जिसमें तीन की मौत हो गई थी।

सीकर.
पिछले तीन महीने से दुबई जाने की राह देख रहे कामगारों के लिए थोड़ी राहतभरी खबर है। दुबई सरकार ने वहां दोनों वैक्सीन की डोज लेकर भारत आने वाले कामगारों को वापस बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। दिल्ली व केरल से पहली फ्लाइट गुरुवार को रवाना हो गई। जबकि प्रदेश की राजधानी जयपुर से नौ अगस्त से फ्लाइट शुरू होगी। इससे प्रदेश के 15 हजार कामगारों के रोजगार की राह खुल गई है। जबकि भारत में वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले लगभग 80 हजार कामगारों को अभी और इंतजार करना होगा। इसके अलावा दुबई सरकार ने विद्यार्थी, वहां के सरकारी कर्मचारी, मेडिकल टीम के सदस्य व निवेशकों को बिना वैक्सीजन के भी आने की छूट दी है। कोरोना की दूसरी लहर के बाद अप्रेल महीने से कामगार दुबई नहीं जा पा रहे थे। लेकिन अब वहां की सरकार ने छूट दी है।

कई लोग पहुंच गए लौटना पड़ा निराश
शेखावाटी सहित कई जिलों के कामगार फ्लाइट सेवा शुरू होने की जानकारी मिलने पर गुरुवार को दिल्ली पहुंच गए। लेकिन उनके वैक्सीन की दोनों डोज भारत में ही लगने की वजह से उनको मंजूरी नहीं मिल सकी। ऐसे में कई कामगारों को वापस लौटना पड़ा।

एक्सपर्ट व्यू: दूसरे कामगारों की जगी आस
कोरोना की वजह से खाड़ी में काम करने वाले कामगारों की मुसीबत भी बढ़ी है। कामगार वहां से छुट्टी लेकर तो आ गए लेकिन जाने की राह कई महीनों से बंद थी। दुबई सरकार ने नियमों में बदलाव के साथ कुछ वर्गो को छूट दी है। इन लोगों को भी आरटीपीसीआर रिपोर्ट साथ लेकर जानी होगी। इसके अलावा वहां से जीडीआरएफए या आईसीए से अनुमति लेनी होगी। जिन लोगों के वैक्सीन की दोनों डोज भारत में लगी है उनको फिलहाल इंतजार ही करना पड़ेगा।
इमरान खान कासली, खाड़ी मामलों के जानकार

और ऐसे समझें कामगारों की राहत व परेशानी को

केस एक: वहां की ले चुके दोनों डोज, मिली अनुमति
बल्लुपुरा गांव निवासी पूरणमल बाजिया दुबई की एक कंपनी में एचआर विभाग में कार्यरत है। वह अप्रेल से पहले ही वहां की दोनों डोज ले चुके है। सरकार के छूट का ऐलान करते ही उन्होंने जाने की तैयारी कर ली है। उन्होंने बताया कि वह शुक्रवार तक टिकट सहित अन्य दस्तावेज तैयार कर लेंगे। उनको भी दो महीने से वहां जाने का इंतजार था।

केस दो: छुट्टी बिताने आए, अब इंतजार
कासली गांव निवासी सद्दाम हुसैन पिछले पांच सालों से दुबई की एक ग्लास कंपनी में कार्यरत है। इसी साल वह दो महीने की छुट्टी पर आ गए। इस दौरान कोरोना की दूसरी लहर की वजह से लॉकडाउन लग गया। ऐसे में वह दुबई नहीं जा सके। उनको वहां की सरकार के नए नियमों का इंतजार है। हुसैन ने दोनों डोज अपने देश में ही ली है। इस वजह से वह पहले फेज में नहीं जा पा रहे है।


लक्ष्मणगढ़. पंचायत समिति परिसर छह स्थायी समितियों के चुनाव गुरूवार को हुए। जबकि अध्यक्षों के चुनाव शुक्रवार को हुए है। चुनाव में कांग्रेस के सदस्यों का पलड़ा भारी रहा है। विकास अधिकारी भूराराम बलाई ने बताया कि प्रशासन व स्थापना स्थायी समिति में जैनुअल आबेदिन, प्रियंका, मंजू देवी, सरोज, सुनीता, वित्त व कराधान स्थायी समिति में गीता देवी, ममता देवी, सरोज देवी, राकेश वर्मा, राजपाल, ग्रामीण विकास समिति में राकेश वर्मा, प्रियंका, मंजू देवी, सरोज, सरोज देवी, विकास व उत्पादन कार्यक्रम समिति में गीता देवी, प्रियंका, भंवरी, राजपाल, सरोज देवी निर्चाचित सदस्य घोषित किए गए। इसी प्रकार सामाजिक न्याय व सामाजिक सेवाएं समिति में सुनीता, सरोज, जैनुअल आबेदिन, मंजू देवी, राकेश वर्मा, शिक्षा स्थायी समिति में गीता देवी, जैनुअल आबेदिन, ममता देवी, भंवरी, राजपाल निर्वाचित सदस्य घोषित किए गए।

सदस्यों के चुनाव संपन्न
नेछवा. पंचायत समिति नेछवा की स्थाई समितियों के गठन के लिये सदस्यों के निर्वाचन की प्रक्रिया गुरूवार को सम्पन्न हुई। प्रधान संतरा देवी की अध्यक्षता में सभी समितियों को गठन निर्विरोध किया गया। निर्वाचित सदस्यों द्वारा समितियों के अध्यक्ष का चुनाव शुक्रवार को किया जायेगा। गुरुवार को हुए चुनावों में उपप्रधान श्रीराम सिंह, विकास अधिकारी अर्चना मौर्य, अतिरिक्त विकास अधिकारी गणेशाराम जाखड़ समेत कई लोग मौजूद रहे।

सीकर. ऑनलाइन गैम के दीवानेपन ने सीकर के एक युवक के हाथ खून से रंग दिए। गैम में तीन लाख रुपए हारने के बाद चोरी के लिए घुसे युवक ने दीवार से सिर भिड़ाकर अपनी ही 85 वर्षीय दादी की हत्या कर दी। परिजनों ने इसे सामान्य मौत मानते हुए वृद्धा के शव का दाह संस्कार भी कर दिया, लेकिन घर में सुरक्षा के लिए लगाए गए सीसीटीवी ने इस वारदात की पोल खोल दी। आरोपी ने बाद में सीसीटीवी की डीवीआर भी चोरी कर ली। लेकिन पुलिस ने जब परिवार के लोगों से पूछताछ की तो वारदात का खुलासा हो गया। पुलस उप अधीक्षक (ग्रामीण) राजेश आर्य ने बताया कि आरोपी सिंहासन गांव का निवासी देवेन्द्र सिंह पंवार (26) है। देवेन्द्र सिंह मोबाइल पर क्लर्ड गैम खेलने का आदि है। इस गैम में वह तीन लाख रुपए हार गया था। रुपए की चोरी करने के लिए वह चार अगस्त की रात करीब 11 बजे दादी के घर में घुसा। इसी दौरान दादी रामीकंवर (85) जाग गई। आरोपी ने दादी का सिर पकड़कर दीवार से भिड़ा दिया। जिससे वह लहुलुहान होकर वहीं गिर गई। बाद में घर की तलाशी ली, लेकिन उसे वहां कोई पैसा नहीं मिला। ऐसे में वहां से वापस अपने घर जाकर सो गया।

 

छोटे बेटे के घर में अकेली रहती थी दादी
वृद्धा रामीदेवी चार बेटों की मां है। वह अपने छोटे बेटे सुरेन्द्र सिंह के मकान में अकेली रहती थी। सुरेन्द्र सिंह एनआरआई है। दादिया थानाधिकारी सुभाष चंद ने बताया कि आरोपी के पिता शिक्षक कैलाशचंद पंवार का इससे करीब पांच सौ मीटर दूर ही मकान है। सुरेन्द्र सिंह ने अपने मकान में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगा रखे हैं। आरोपी ने वारदात को अंजाम दे दिया, लेकिन सीसीटीवी में फुटेज आने का कोई उसे आभास नहीं था। परिवार दाह संस्कार कर घर वापस आ गया था। इसके बाद शक के आधार पर फुटेज की जांच की गई तो किसी की उपस्थिति नजर आई। लेनिक देवेन्द्र का चेहरा इसमें साफ नहीं दिखाई दिया। लेकिन देवेन्द्र डरकर वहां से डीवीआर चोरी कर ले गया। घर से डीवीआर चोरी होने पर परिजनों का शक गहरा गया और देवेन्द्र के पिता कैलाशचंद ने ही पुलिस को इसकी सूचना दी।


पुलिस ने जुटाए साक्ष्य, परिवार से की पूछताछ

शव का अंतिम संस्कार होने के कारण पुलिस ने मौके को ही जांच का आधार बनाया। एमओबी टीम को बुलाकर जांच की गई तो दीवार पर खून के निशान पाए गए। ऐसे में साफ था कि वृद्धा की मौत दीवार के सिर टकराने से ही हुई है। पुलस ने परिवार के लोगों को ही शक के दायरे में लेकर जांच शुरू की। पूछताछ के दौरान देवेन्द्र टूट गया और उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। ऐसे में पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

नौकरी छूटने पर लगी गैम की लत
दादी की हत्या करने वाला देवेन्द्र सिंह बीएससी बीएड तक पढ़ा लिखा है। वह शादी-शुदा है और तारपुरा के निजी स्कूल में पढ़ाता था। लॉकडाउन में उसकी नौकरी छूट गई। इसके बाद से उसे ऑनलाइन गैम खेलने की लत हो गई। गैम के चलते उसके तीन लाख रुपए का कर्ज हो गया। ऐसे में उसे वॉलेट में डालने के लिए पैसों की आवश्यकता थी। उसे पता था कि दादी घर में अकेली रहती है और चाचा भी विदेश से पैसा भेजता होगा। ऐसे में उसने दादी के यहां से चोरी करने की योजना बनाई।

 

घर में पहले हुई थी चोरी, सुरक्षा के लिए लगाए थे सीसीटीवी

सुरेन्द्र सिंह के जिस मकान में रामी देवी अकेली रहती थी। उस घर में पहले चोरी की वारदात हुई थी। ऐसे में सुरक्षा के लिए घर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। चोरी की वारदात होने के कारण रामीदेवी अपने पास पैसा भी नहीं रखती थी। पेंशन व अन्य पैसे वह अपने परिचित के पास रखती थी। ऐसे में आरोपी को घर में एक भी पैसा नहीं मिला।


सीेकर.
शिक्षा विभाग में लंबे समय से पदोन्न्नति की राह देखने वाले शिक्षकों की खुशियां शुक्रवार को अनलॉक हो गई। शिक्षा विभाग में 23 साल बाद शिक्षकों की शत प्रतिशत पदोन्नति हो सकी है। इससे पहले आधे पद सीधी भर्ती से भरे जाने का प्रावधान होने की वजह से पद रिक्त थे। पिछले दिनों शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा नेपदोन्नति के नियमों में बदलाव का प्रस्ताव मंत्रिमण्डल में रखा गया था। इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुहर लगते ही विभाग ने आरपीएससी में पदोन्नति समिति की बैठक कर प्रस्तावों को हरी झंडी दी। अब शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने 32 सीडीईओ, 12 संयुक्त निदेशक, 253 जिला शिक्षा अधिकारी व सीबीईओ की सूची जारी की है। विभाग की ओर से लगभग 582 पदों की सूची जारी करने से विभाग में लंबे समय बाद प्रशासनिक चेहरा बदला है। प्रदेश में कई ऐसे ब्लॉक थे जहां लंबे अर्से से व्यवस्था कार्यवाहक अधिकारियों के भरोसे चल रही थी। लेकिन अब पदोन्नति के जरिए स्थायी सूची आते ही उन ब्लॉकों को भी स्थायी अधिकारी मिल सके है।

15 दिन में करना होगा कार्यग्रहण: निदेशक
शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी की ओर से जारी सूची में बताया गया कि सभी शिक्षा अधिकारियों को 15 दिन के भीतर कार्यग्रहण करना होगा। उन्होंने बताया कि 15 दिन बाद कार्यग्रहण नहीं करने पर पदोन्नति परित्याग माना जाएगा।

फैक्ट फाइल: सीडीईओ: 32
संयुक्त निदेशक: 12
सीडीईओ व डीईटो: 253
आरपी: 211
अतिरिक्त परियोजना समन्वयक: 74
प्रतिनियुक्ति रद्द: 34

वर्ष 1998 के बाद नहीं भरे गए पदप्रदेश में वर्ष 1998 में शिक्षा विभाग की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी सहित अन्य पदों की भर्ती के लिए प्रावधान किया गया कि आधे पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे और आधे पद पदोन्नति के जरिए। सरकार ने यह प्रावधान तो कर दिया लेकिन कोई भी सरकार जिला शिक्षा अधिकारी की सीधी भर्ती नहीं करवा सकी। इस कारण प्रदेश में 23 सालों से जिला शिक्षा अधिकारियों के आधे से अधिक पद रिक्त चल रहे थे। पिछली भाजपा सरकार ने पातेय वेतन पदोन्नति के जरिए भरा था, लेकिन सभी पद नहीं भरे जा सके।

अब दो साल की डीपीसी एक साथसीधी भर्ती के नियम की वजह से प्रदेश में दो साल से प्रिसिंपल कैडर के शिक्षकों की डीपीसी बकाया चल रही थी। इस बार समिति ने साफ कर दिया कि सभी पदों पर नियमों में बदलाव से पहले अधिकारी नहीं लगाए जा सकेंगे। इधर, शिक्षकों की ओर से पदोन्नति को लेकर आंदोलन किए जा रहे थे। ऐसे में शिक्षा विभाग ने लगभग 50 साल पुराने पदोन्नति नियमों को बदल दिया।

अब व्याख्याता से प्रिसिंपल बनने वालों की सूची का इंतजार
प्रिसिंपल की डीपीसी के बाद पदस्थान आदेश जारी होने से अब व्याख्याता से प्रिसिंपल बनने का सपना देखने वालों की खुशियां भी जल्द अनलॉक होगी। इनको काउंसलिग के जनिए नए स्कूलों में नियुक्त किया जाएगा। लगभग एक हजार से अधिक शिक्षकों को इस सूची का इंतजार है।

नए नियमों की वजह से अब नहीं रहेंगे पद रिक्त: शिक्षा मंत्रीजिला शिक्षा अधिकारी के आधे पद पदोन्नति और आधे पद सीधी भर्ती से भरे जाने के प्रावधान की वजह से प्रदेश में कई सालों से पद रिक्त थे। कांग्रेस सरकार ने शिक्षकों की भावनाओं को समझते हुए नियमों में बदलाव किया है। अब जिला शिक्षा अधिकारियों के पद नए नियमों की वजह से रिक्त नहीं रहेंगे।
गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री

स्कूलों की प्रभावी मॉनिटरिंग होगी: शिक्षक संघअधिकारियों के पद रिक्त रहने पर पूरा प्रशासनिक सिस्टम प्रभावित होता है। एक साथ पूरे पद भरने से कार्यालयों एवं स्कूलों की प्रभावी मॉनिटरिंग होगी। जिला शिक्षा अधिकारी से नीचे के प्रशासनिक और शैक्षिक रिक्त पदों को भी तत्काल भरा जाना चाहिए।
उपेन्द्र शर्मा, प्रदेश महामंत्री राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत

सार्वजनिक शिक्षा को मिलेगा सम्बल:
सरकार की पहल से लंबे समय बाद विभाग में डीईओ, डीडी, जेडी के अधिकांश पद भरे हैं। इससे शिक्षक और समाज की शिक्षा की उम्मीदें पूरी होने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। सार्वजनिक शिक्षा को भी सम्बल मिलेगा। वहीं शिक्षकों को समय पर पदोन्नति मिल सकेगी।
महेन्द्र पाण्डे महामंत्री राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ।

सीकर. राजस्थान के सीकर शहर के मोहल्ला बिसायतियान में शुक्रवार को सिलेंडर में आग से झुलसी 50 वर्षीय मदीना को शनिवार को सुपुर्दे खाक किया गया। रात 11 बजे एसएमएस अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोडऩे पर मदीना का शव सुबह ही सीकर लाया गया था। जबकि पति जमील व बेटी सबीना अब भी जयपुर में उपचाराधीन है। जहां दोनों की हालत स्थिर बनी हुई है। हादसे में जमील का 50 व सबीना का 65 फीसदी झुलसना बताया जा रहा है।

ये है मामला
सीकर शहर के मोहल्ला बिसायतियान में शुक्रवार को मोहम्मद जमील (55 )शाम को अपनी पत्नी मदीना (50) व बेटी सबीना (22) के साथ रसोई में था। इसी दौरान खाना बनाते समय नोजल से गैस लीक होने पर सिलेंडर ने आग पकड़ ली। जिसकी चपेट में आने से रसोई में मौजूद तीनों जने झुलस गए। विस्फोट व चीख की आवाज सुनकर नजदीकी लोग मौके पर पहुंचे और आग को काबू में करने की कोशिश की। जो कड़ी मशक्कत के बाद काबू में आई। इसी बीच सूचना पर एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई। जिसकी मदद से तीनों को एसके अस्पताल ले जाया गया। जहां हालत गंभीर जान चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद तीनों को जयपुर रैफर कर दिया। यहां एसएमएस अस्पताल में रात 11 बजे उपचार के दौरान मदीना की मौत हो गई।

परिवार में थे पांच सदस्य
घटना के दौरान घर में पांच सदस्य थे। जमील का बेटा युसुफ व बहु भी घर पर ही थे। जो गनीमत से बाहर कमरे में होने की वजह से हादसे का शिकार होने से बच गए। जबकि जमील, मदीना व सबीना तीनों रसोई में ही थे। जो सिलेंडर में आग लगते ही सीधे चपेट में आ गए।

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