>>: Digest for August 09, 2021

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झुंझुनूं. लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम व बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम झुंझुनूं की विशेष न्यायाधीश ने दो साल की मासूम से बलात्कार के दोषी नवलगढ़ क्षेत्र निवासी भागीरथ सिंह नायक को प्राकृतिक मृत्यु तक आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है। कोविड-19 के चलते 26 अप्रेल से पुन: न्यायालय खुलने के पश्चात नियमित सुनवाई करते हुए महज 12 दिन में ही समस्त ट्रायल कर यह निर्णय दिया। मामले के अनुसार 21 मार्च 2021 की रात अभय कमांड झुंझुनूं से सूचना प्राप्त हुई कि ग्रामीण क्षेत्र में दो साल की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार हुआ है। इस पर पुलिसकर्मी गांव पहुंचे। वहां पता चला कि बच्ची के साथ भागीरथ नायक ने दिन में बलात्कार करने की घटना कारित की। घटना के समय बच्ची की मां व परिवार की अन्य महिलाएं माताजी के मंदिर में धोक लगाने गई थी। इसके बाद 22 मार्च 2021 को पीडि़त बालिका के पिता ने मामला दर्ज कराया। पुलिस ने जांच के बाद आरोपी भागीरथ को पोक्सो एक्ट में गिरफ्तार कर सम्बन्धित न्यायालय में चालान पेश किया। राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे विशिष्ट लोक अभियाजक लोकेन्द्र सिंह शेखावत ने इस मामले में कुल 25 गवाह के बयान करवाए। लोकेन्द्र सिंह ने मामले में आरोपी को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की। न्यायाधीश ने पत्रावली पर आए साक्ष्य का बारीकी से विश्लेषण करते हुए दोषी भागीरथ सिंह को प्राकृतिक मृत्यु तक कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं, अर्थदण्ड 50 हजार रुपए अदा नहीं करने पर यह राशि आरोपी की सम्पति से वसूल की जाएगी। पीडि़ता के पुनर्वास के लिए राजस्थान राज्य की पीडि़त प्रतिकर योजना के तहत पीडि़ता को उचित प्रतिकर दिलाने के लिए निर्णय की एक प्रति जिला विधि सेवा प्राधिकरण झुंझुनूं को भी भेजने के आदेश दिए हैं।

टाइमलाइन

घटना : 21 मार्च 2021
रिपोर्ट दर्ज : 22 मार्च 2021
गवाह : 25
चालान पेश : 8 अपे्रल
सजा : 6 अगस्त 2021


परिवार वाले दबाना चाहते थे


लोकलाज के डर से पीडि़ता बच्ची के परिजन कोई कार्रवाई नहीं चाह रहे थे। पहले दिन तो उन्होंने किसी को बताया ही नहीं। मामले को दबाते रहे। मुश्किल से उनको समझाकर बच्ची को सरकारी अस्पताल लाया गया। गंभीर अवस्था में जयपुर जेके लोन अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां उसके दो ऑपरेशन हुए।
सतपालसिंह, पुलिस उपाधीक्षक

#devendra jhajhriya churu
झुंझुनूं. जापान की राजधानी टोक्यो में चल रहे ओलम्पिक 2020 में जैसे ही नीरज चौपड़ा ने स्वर्ण पदक जीता, पूरा झुंझुनूं खुशियों से झूम उठा। सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरे को बधाई दी गई। पैरा ओलम्पिक में देश को दो बार जेवेलियन थ्रो में स्वर्ण पदक दिला चुके शेखावाटी के बेटे देवेन्द्र झाझडिय़ा ने राजस्थान पत्रिका से बातचीत में कहा कि आज मुझे बहुत खुशी हो रही है। चौपड़ा की जीत कोई छोटी जीत नहीं है। यह बहुत बड़ी जीत है। भारत अन्य खेलों में तो भी पदक जीतता रहा है। लेकिन एथलेटिक्स में पदक जीतना अपने आप में श्रेष्ठ है। अब भारत में जेवेलियन थ्रो खेल का माहौल बनेगा। टोक्यो पैराओलम्पिक की तैयारी कर रहे देवेन्द्र को भारत का सर्वोच्च राजीव गांधी खेल पुरस्कार मिल चुका। चूरू जिले की राजगढ़ तहसील की झाझडिय़ों की ढाणी के रहने वाले देवेन्द्र ने रियो ओलम्पिक तथा वर्ष 2004 में एथेंस ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीता था। दोनों ही बार विश्व रेकॉर्ड भी बनाया था। पैरा ओलम्पिक में सर्वाधिक दूरी तक भाला फैंकने का रेकॉर्ड अभी भी देवेन्द्र के नाम दर्ज है।


देवेन्द्र ने बनाया देश में माहौल
जेवेलियन थ्रो को पहले बहुत कम लोग जानते थे। लेकिन देवेन्द्र झाझडिय़ा ने जैसे ही अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीते। पैरा ओलम्पिक में दो बार स्वर्ण पदक जीते। उसके बाद शेखावाटी में अनेक खिलाड़ी जैवेलेयन थ्रो में अपना कॅरियर बनाने की तैयारी कर रहे है। अब राजस्थान में तो जेवेलियन का माहौल बन चुका। अब देश में भी बनेगा।

नीरज की जीत से शेखावाटी को फायदा

झुंझुनूं. ओलम्पिक में स्वर्णिम इतिहास पड़ौसी राज्य हरियाणा के खांद्रा गांव के बेटे नीरज चौपड़ा ने रचा है। हमारा जिला भी हरियाणा से जुड़ा हुआ है। यह जीत शेखावाटी को फिर से एथलेटिक्स में माहौल बनाने में काफी मददगार साबित होगी। झुंझनूं के खिलाड़ी सेना में भर्ती के लिए वैसे ही एथलीट की तरह ही तैयारी करते हैं। वहीं शेखावाटी के खिलाड़ी चाह रहे हैं कि झुंझुनूं में खेल विवि खुल जाए तो पदक की राह और आसान हो जाए। सरकार की नई खेल नीति से खिलाडिय़ों को रोजगार तो मिल रहा है। सरकारी नौकरियों में दो प्रतिशत आरक्षण भी कर दिया। लेकिन कांग्रेस सरकार खुद का किया हुआ वादा भूल गई। सरकार ने झुंझुनूं में खेल विवि की घोषणा की थी। दोरासर में जमीन भी देख ली, लेकिन खेल विवि का सपना पूरा नहीं हुआ।

नई ऊर्जा का संचार होगा


देश के लिए आज दिन यादगार रहा। खिलाडियों में इस जीत से नई ऊर्जा मिलेगी। नीरज चौपड़ा ने कई सालों बाद देश को स्वर्णपदक दिलाया है। हमारे खिलाडिय़ों को अच्छी कोचिंग, अच्छी डाइट और अच्छे मैदान मिल जाएं तो वे हर खेल में पदक जीत सकते हैं।

राजेश ओला, जिला खेल अधिकारी

स्वर्णिम दिन

ओलम्पिक के इतिहास में भारत ने पहली बार ट्रैक एंड फील्ड में स्वर्ण पदक जीता है। आज का दिन भारत के एथलेटिक्स के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। यह जीत झुंझुनूं सहित पूरे शेखावाटी में एथलेटिक्स का माहौल बनाएगी।
-सुभाष योगी, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी झुंझुनू

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