>>: Digest for August 09, 2021

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भरतपुर. सरकारी अस्पतालों में मुफ्त जांच और इलाज महज दावों में सिमटता नजर आ रहा है। घूसखोरी के चक्रव्यूह में मरीज की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पहले जनाना अस्पताल में संविदाकर्मी और अब आरबीएम में चिकित्सक के रिश्वत लेते पकड़े जाने से इस बात को खूब बल मिल रहा है। इसके बाद भी विभाग बेखौफ होकर मरीजों की मुश्किलें बढ़ाता नजर आ रहा है। मरीजों का आरोप है कि बिना लेन-देन के चिकित्सक सीधे मुंह बात भी नहीं करते हैं।
खास तौर से सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन कराने के लिए मरीज को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ता है। पहले तो मरीज को भर्ती कराने में ही परिजनों के पसीने छूटते है। इसके बाद यदि ऑपरेशन की बारी आ जाए तो परिजनों का असल इम्तिहान शुरू हो जाता है। चिकित्सक और स्टाफ सीधे मुंह बात नहीं करता। मरीजों ने बताया कि चिकित्सक मरीज के परिजन को घर बुलाकर ऑपरेशन करने का सौदा करते हैं। चिकित्सकों के पास भेंट पहुंच जाने के बाद ही मरीज का ऑपरेशन होताहै। मरीजों ने आरोप लगाया कि सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज के नाम पर खुली लूट हो रही है। मरीजों का महज बेड चार्ज ही बच रहा है। वह भी कई बार सफलतापूर्वक ऑपरेशन करने के नाम पर खुशी के नाम पर भेंट चढ़ जाता है। मरीजों ने बताया कि चिकित्सक सरकारी अस्पताल में इलाज करने के लिए घर पर पैसे वसूल रहे हैं। खास तौर से ऑपरेशन के नाम पर मरीजों से वसूली की जा रही है।

पहले डॉक्टर्स-डे पर हुई थी किरकिरी

शनिवार को रिश्वत लेते पकड़े गए चिकित्सक अनिल पहले भी एसीबी के हत्थे चढ़ चुके हैं। इससे पूर्व सात साल पहले भी इसी चिकित्सक को रिश्वत लेते एसीबी की टीम ने रंगे हाथ पकड़ा था। एसीबी ने एक जुलाई 2014 को डॉ. गुप्ता को एक परिवादी से ऑपरेशन करने के बदले 1500 रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था।

गिड़गिड़ाए और बोले मैं शर्मिंदा हूं

एसीबी की ओर से रिश्वत लेते पकड़े जाने पर डॉ. गुप्ता टीम के सामने गिड़गिड़ाते नजर आए। मीडियाकर्मियों के पहुंचने पर वह मुंह छिपाने लगे। एसीबी की गिरफ्त में आने पर चिकित्सक रो पड़े और बोले कि मैं शर्मिंदा हूं। इस दौरान उन्होंने एसीबी टीम के हाथ भी जोड़े। इस पर टीम के कर्मचारियों ने उन्हें शंात करते हुए पानी पिलाया।

पिछले माह पकड़ा गया था संविदाकर्मी

जनाना अस्पताल में जुलाई माह में एक संविदाकर्मी को एसीबी ने पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। संविदाकर्मी सहदेव डॉ. सुनील मीणा के लिए 5 हजार रुपए की रिश्वत ले रहा था। कार्रवाई की भनक लगने पर डॉ. सुनील मीणा अस्पताल से फरार हो गया था, जो अब तक हत्थे नहीं चढ़ा है। इस मामले को लेकर परिवादी यादराम ने शिकायत की थी कि उसकी पत्नी चमेली की तबियत खराब थी, जिसे 7 जुलाई को जनाना अस्पताल में भर्ती कराया था। उसका इलाज डॉ. सुनील मीणा कर रहा था। चिकित्सक ने चमेली के पति को बच्चे दानी का ऑपरेशन करने के एवज में परिवादी से 6 हजार रुपए की मांग की थी। यह सौदा 5 हजार रुपए में तय हुआ। यह राशि चिकित्सक ने खुद नहीं लेकर संविदाकर्मी को भेज दिया। इस दौरान एसीबी ने चिकित्सक के सहयोगी संविदाकर्मी सहदेव को गिरफ्तार किया था।

सिस्टम को लग चुकी जंग

एक ही डॉक्टर का लालच इतना बढ़ गया कि एक बार पकड़े जाने के बाद भी उसे भय नहीं था। मतलब साफ है कि उसे रिश्वत का खेल ही अच्छे तरह से नहीं आता था, बल्कि फंसने पर निकलना भी आता था। हालंाकि वह भले ही दूसरी बार भी पकड़ लिया गया। यह सिर्फ एक ही डॉक्टर का मामला नहीं है। संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल आरबीएम व जनाना अस्पताल के अलावा जिले में ज्यादातर अस्पतालों में सरकारी अस्पताल में मरीजों को देखा जाता है और ऑपरेशन के नाम पर उन्हें घर बुलाकर मोटी रकम वसूल की जाती है। भोले भाले मरीज मजबूरी में जेब कटवा बैठते हैं। असल में किसी एक डॉक्टर को पकड़े जाने से यह खेल बंद नहीं हो सकता है। खुद आमजन को भी चाहिए कि ऐसे डॉक्टर, कर्मचारी व अधिकारी सामने आएं तो उनकी शिकायत सीधे एसीबी को ही की जाए। क्योंकि विभाग में तो जांच का जिम्मा भी दोषी को ही दिया जाता है। ऐसे में क्लीन चिट की लिखावट भी रिश्वत के सिस्टम की स्याही में डूबी होती है।

भरतपुर. अक्सर किसी भी बड़े अधिकारी या मंत्री के आते ही सबसे पहला काम ज्ञापन का होता है। हालांकि इन सभी ज्ञापनों में समस्याएं पुरानी होती हैं, लेकिन समस्याओं का ज्ञापन लेने वाले अफसर पुराने होते हैं। शनिवार को भी स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल को करीब तीन दर्जन से अधिक संगठनों ने ज्ञापन दिए। अब सरकार व प्रशासन को चाहिए कि इन ज्ञापनों में सामने आई समस्याओं का निराकरण करे ताकि आगामी समय में फिर कोई बड़ा नेता या अधिकारी आए तो ज्ञापन पुराने नहीं आने चाहिए। इससे सिस्टम की छवि को सुधारा जा सके।

कच्चा परकोटा: दशकों से कर रहे नियमन का इंतजार

कच्चा परकोटा नियमन संघर्ष समिति ने वर्षों से शहर के परकोटे पर रहने वाले लोगों को प्रशासन शहरों के संग अभियान 2021 में शामिल कर निर्धारित मापदंडों, नियम कानूनों में शिथिलता देकर पट्टे देने की मांग को लेकर पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। संघर्ष समिति के संयोजक जगराम धाकड़, कै. प्रताप सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष इन्द्रजीत भारद्वाज ने ज्ञापन ने परकोटे की वस्तुस्थिति का पूर्ण विवरण प्रस्तुत कर परकोटे के रियासतकालीन मानचित्र का अवलोकन कराया और मांग की गई कि कच्चा परकोटा पर करीब 40-50 वर्ष पूर्व से निवास करते आ रहे लोगों को मौके पर मौजूद आम रास्तों के आधार पर एवं वर्षों से काविज गरीब, मजदूर, निम्न आय वर्गों के तबके के लोगों को रियायती दरों पर पट्टे देने तथा राजकीय पुरातत्व स्मारक सूरजपोल गुर्ज से चतुर्दिक 100 फुट की दूरी को समाप्त कर आसपास के लोगों को पट्टे देने के लिए सरकार से शिथिलता दिलाने एवं कच्चा परकोटा पर विभिन्न धर्मों के निर्मित धार्मिक स्थलों को सार्वजनिक हित में निशुल्क पट्टे जारी करने और गरीब, मजदूर तबके के लोगों को नियमन राशि जमा कराने हेतु बैंक ऋण की सुविधा कराने की मांग की गई। ज्ञापन में शहर के परकोटे के पूर्ण विवरण रखते हुए सरकार के मंत्री को अवगत कराया गया कि राजकीय पुरातत्व विभाग द्वारा परकोटे की भूमि को संरक्षित स्थान से मुक्त कर अनापत्ति प्रमाण पत्र के साथ स्थानीय निकाय भरतपुर को हस्तांतरण किया जा चुका है जिसका स्वामित्व नगर निगम भरतपुर का है। ज्ञापन देने में श्रीकृष्ण कश्यप, खेमचंद, भागमल वर्मा, समन्दर सिंह, साहब सिंह, अवरार कुरेशी, अनवर खान, राजकुमार शर्मा, नरेश कुमार, मुरारी सिंघल, जगदीश खंडेलवाल, प्रहलाद गुप्ता, मदनलाल राय, देवी सिंह, वीरेन्द्र गोठिया, नारायन सिेंह विजय सिंह आदि शामिल थे।

ट्रांसपोर्ट नगर योजना का किया जाए विकास

ऑटो मोबाइल सोसायटी ने ज्ञापन में लम्बित ट्रांसपोर्ट नगर योजना में विकास कराने एवं भूखण्ड आवंटन से वंचित रहे रजिस्टर्ड ओटो मोबाइल्स व्यवसाइयों को भूखड आवंटन करने का आग्रह किया है। विकास में निम्न जन सुविधाओं की पूर्ति हेतु नगर विकास न्यास भरतपुर को दिशा निर्देश जारी करने की मांग की गई है। इसमें सोसायटी भवन हेतु भूखण्ड आवंटन, सुलभ शौचालय, पुलिस चौकी, आश्रय स्थल चौराहे का सौन्दर्यीकरण व हाई मास्क लाइट ड्रेनेज सिस्टम में सुधार, पीने के पानी की सुचारू व्यवस्था व सेक्टर वाइस रेडियम व सांकेतिक चौराहे पर शाइन बोर्ड लगवाने के लिए ध्यान आकर्षित किया है।

2018 के सफाईकर्मियों के स्थायीकरण की रखी मांग

नगर निगम वार्ड नंबर 50 के पार्षद रामेश्वर सैनी ने दिए ज्ञापन में कहा कि नगर निगम में 2018 के सफाई कर्मचारियों को परिवीक्षा काल पूर्ण हो जाने के 13 महीने बाद भी स्थायीकरण नहीं किया जा रहा है। उन्हें पूर्ण वेतन तक नहीं दिया जा रहा है जबकि अपनी जान की बिना परवाह किए बिना कोविड सेंटरों एवं विभिन्न प्रकार के कोविड सम्बंधित जगहों एवं सम्पूर्ण शहर में वर्तमान स्थिति में भी सफाई कार्य कर रहे हैं।

नगर निगम में पार्षदों ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

पिछले कुछ समय से सफाई की नई व्यवस्था का विरोध कर रहे पार्षदों ने भी शहर बचाओ संघर्ष समिति का गठन किया है। ऐसे में उन्होंने भी मंत्री को ज्ञापन दिया। इसमें कहा है कि नगर निगम में भ्रष्टाचार चरम पर है। मेयर को जब पूर्व आयुक्त ने चेकों पर हस्ताक्षर कराना व फाइल भेजना बंद कर दिया तो उच्च न्यायालय का दरवाजा तक खटखटा दिया। इससे आमजन में निगम की भारी छवि धूमिल हुई। शहर की जनता जव कोरोना महामारी के संकट से जूझ रही थी तो जनता को महामारी से अकेला जूझता हुआ छोड़कर जयपुर भाग गए।

एसबीके स्कूल बना तालाब, जहां देखो वहां भरा है पानी

भरतपुर. मुख्य बाजार में जामा मस्जिद सब्जी मंडी के पास में स्थित श्रीबृजभानल कुमारी कन्या विद्यालय एसवीके स्कूल के नाम से जाना जाता है। जहां स्कूल में बारिश का पानी भरा हुआ है। पिछले काफी समय से यही स्थिति बनी हुई है। ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस सेवादल लोकेश राजपूत ने बताया कि वहां किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है।

भरतपुर. बयाना थाना क्षेत्र के गांव बागरैन में पति के एक दूसरी महिला से अवैध सम्बन्धों से तंग आकर तीन बच्चों की मां ने शनिवार रात को रस्सी से फांसी लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली। रविवार सुबह करीब 4 बजे मृतका के बच्चों के रोने पर पास के कमरे से आई छोटी बहन को शव फांसी के फंदे से लटका मिला तो उसकी चीख निकल गई। छोटी बहन का पति सहित अन्य ससुराल पक्ष के लोग पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। ुपुलिस ने मृतका के शव को कब्जे में लेकर अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। वहीं पुलिस ने एसएफएल टीम को बुलाया मौके से आवश्यक साक्ष्य जुटाए। घटना को लेकर मृतका के पिता ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसमें दामाद के अवैध संबंधों को कारण बताया है।

ुपुलिस ने बताया कि मृतका के पिता भुसावर थाना क्षेत्र के गाव मैनापुरा खेडली निवासी विजयपाल पुत्र मंगती जाटव ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसमें बताया कि उसकी पुत्री कमलेश व सोनम की शादी बागरैन निवासी बृजलाल जाटव के पुत्र विनोद व कृष्ण के साथ वर्ष 2014 मे हुई थी। आरोप है कि बड़ा दामाद विनोद के गांव खेड़ाजमालपुर निवासी एक महिला से शादी ंके पूर्व से ही अवैध सम्बन्ध थे। शादी के बाद से ही विनोद मृतका 30 वर्षीय कमलेश जाटव को तंग परेशान करता था। उसकी उक्त महिला से फोन से बात भी कराता था। बताया कि करीब 6-7 साल से विनोद गुडगांव में एक निजी एम्बुलेंस चलाने का काम कर रहा था। आरोप लगाया कि वहां उसने उस महिला को रखना शुरू की कर दिया था। आरोप है कि प्रेम प्रंसग के दौरान करीब 7-8 दिन पहले उक्त महिला के करीब 12 साल के बेटे की भी हत्या कर दी थी। महिला से सम्बन्ध रखने को लेकर विवाद चल रहा था।


मृतका को परेशान कर रख रहे थे भूखा

रिपोर्ट में आरोप है कि महिला को रखने को लेकर विनोद व बृजलाल ने कमलेश के साथ मारपीट की तथा कमरे मे भूखा रख बंद रखा था। बताया कि गत तीन दिन पूर्व ही मृतका कमलेश से फोन पर बात भी हुई थी। छोटी बेटी सोनम को भी गत 26 जून को ही ससुराल भेजा था। सोनम ने बताया कि सुबह करीव 4 बजे कमलेश के एक बच्चे के रोने की आवाज हो रही थी। चुप नहीं रहने पर कमरे मे जाकर देखा तो कमलेश का शव फांसी के फंदे से लटका हुआ था।

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