>>: Digest for August 09, 2021

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Table of Contents

भीलवाड़ा।
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने आसीन्द के अंटाली स्थित राउमावि के तत्कालीन प्रधानाचार्य दिनेश कुमार पीपाड़ा को अच्छा परीक्षा परिणाम नहीं देने का दोषी माना और दो साल कीवेतन वृद्धि रोक दी। पीपाड़ा अभी भीलवाड़ा के भीमगंज स्कूल में प्रधानाचार्य हैं।
शिक्षा विभाग के निदेशक सौरभ स्वामी स्वामी ने आदेश में बताया कि सत्र 2018-19 में अंटाली में पीपाड़ा के प्रधानाचार्य रहने के दौरान दसवीं की बोर्ड परीक्षा का परिणाम 25.93 प्रतिशत रहा। जो विभागीय मानदण्ड से कम था। पीपाड़ा को १७ जुलाई २०२१ को व्यक्तिगत सुनवाई का मौका दिया। उन्होंने बताया कि गणित के अध्यापक का एक्सीडेंट में हाथ फ्रैक्चर हो गया। अध्यापक को साल भर ब्लैक बोर्ड पर लिखने में दिक्कत आई जबकि गणित में ब्लैक बोर्ड पढ़ाई अहम है। पीपाड़ा के लिखित कथन, ज्ञापन, जांच पत्रावली तथा सुनवाई के दौरान पेश साक्ष्यों का विश्लेषण किया तो शिक्षा अधिकारी इस नतीजे पर पहुंचे है कि गणित के वरिष्ठ अध्यापक के रहते विषय का परिणाम मानदण्ड से कम रहा। इससे स्पष्ट है कि पीपाडा ने नतीजे बेहतर करने के लिए प्रयास नहीं किए। ऐसे में पीपाड़ा की दो वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी जाती है। ७ सीसीए नोटिस के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई।

भीलवाड़ा।
जिला परिषद की शिक्षा स्थायी समिति के अध्यक्ष का चुनाव शनिवार को जिला परिषद में मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामचंद्र बैरवा की देखरेख में हुए। इसमें जिला परिषद के वार्ड नंबर पांच से भाजपा सदस्य नंदलाल गुर्जर को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया। समिति में शुक्रवार को हुए चुनाव में भाजपा से शान्ता गुर्जर, नन्दलाल गुर्जर, सुशीला पुरी, मीनाक्षी पाराशर भाजपा तथा कांग्रेस से गरिमा जोशी चुनी गई थी। नंदलाल के अलावा अध्यक्ष का फार्म और किसी ने नहीं भरा। उप जिला प्रमुख शंकरलाल गुर्जर भी मौजूद रहे।
परिषद की छह स्थायी समितियां हैं। प्रशासन एवं स्थापना समिति में जिला प्रमुख और वित्त एवं कराधान समिति में उप जिला प्रमुख अध्यक्ष होते हैं, इसलिए वे स्वत: ही अध्यक्ष हो गए। प्रशासन एवं स्थापना समिति समिति के अध्यक्ष जिला प्रमुख तथा वित्त एवं कराधान समिति के अध्यक्ष उप जिला प्रमुख शंकरलाल गुर्जर बने हैं।
इनके चुनाव बाद में
सामाजिक सेवा एवं न्याय समिति, विकास एवं उत्पादन समिति तथा ग्रामीण विकास एवं पर्यवेक्षण समिति के चुनाव नहीं हो पाए। इसकी वजह पांच-पांच सदस्यों का चुनाव होना था लेकिन इतने आवेदन ही नहीं आना रहा। जल्द ही चुनाव की अगली तारीख घोषित की जाएगी।

भीलवाड़ा।
आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में शनिवार को चतुर्दशी पर हाजरी मर्यादा पत्र का वाचन हुआ। साधु-साध्वियों ने आचार्य के समक्ष मर्यादा सूत्रों का उच्चारण किया। आचार्य के इंगित से नवदीक्षित साध्वी ने लेखपत्र का वाचन किया। आचार्य ने साध्वी को २१-२१ कल्याणक (आध्यात्मिक निधि) की बख्शीश दी।
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि भीलवाड़ा का चातुर्मास एक प्रकार से विरल है। इतने साधु-साध्वियों का बहुत वर्षों बाद चातुर्मास हो रहा है। इस समय को सार्थक बनाने का प्रयास करे। जीवन दो चीजों से जुड़ा हुआ है। शरीर और आत्मा। आत्मा अदृश्य होती है पर अतीन्द्रिय ज्ञान द्वारा इसे जाना जा सकता है। जितनी सीमा तक हो सके व्यक्ति को अपनी प्रतिभा, ज्ञान का विकास करना चाहिए। कितने ही विद्वान चारित्र आत्माएं इस बार साथ है। सबमें आपस में ज्ञान का आदान-प्रदान होता रहे। ज्ञान ग्रहण कर उस पर फिर मनन चिंतन भी हो तो ज्ञान और पुष्ट हो जाता है। साधु का आचार उसकी संपत्ति होती है। पांच महाव्रत, पांच समितियां एवं तीन गुप्तियां का जो व्रत है उसके सामने विश्व के सब धनवानों की संपति का भी कोई मूल्य नहीं है। आचार, चारित्र की संपत्ति अमूल्य है जो आगे तक साथ जाती है। जीवन में मर्यादा एवं आचार निष्ठा के प्रति जागरूकता रखनी चाहिए। प्रमाद वश कोई दोष लग जाए तो प्रायश्चित द्वारा इस संयम की चद्दर को निर्मल कर लेना चाहिए।
साध्वी गुणश्री की स्मृतिसभा हुई। साध्वी का 5 अगस्त 2021 को बीदासर में देवलोकगमन हो गया था। आचार्य ने साध्वी की आत्मा के प्रति मंगलकामना व्यक्त की। मुनि महावीर कुमार, साध्वीप्रमुखा कनकप्रभा, साध्वी कल्पलता, साध्वी शुभप्रभा, साध्वी संवरप्रभा, साध्वी सुषमा कुमारी ने विचार व्यक्त किए।

सुरेश जैन
भीलवाड़ा।
बजरी खनन को लेकर सुप्रीम कोर्ट की रोक के असर की असलियत देखनी हो तो जिला मुख्यालय व उसके आसपास आइए। जिले में केवल कोटड़ी क्षेत्र में बनास व कोठारी नदी से बजरी खनन की अनुमति है लेकिन मंगरोप, कान्योड़ी, जहाजपुर जैसी कई जगह बजरी का अवैध खनन हो रहा है। जिला प्रशासन व खनिज विभाग चुप्पी साधे है।
अवैध खनन की शिकायतों के बावजूद आरोपियों पर कार्रवाई नहीं होने से प्रशासन की कार्य प्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। मंगरोप क्षेत्र के प्रतिदिन ३०० ट्रैक्टर बजरी के निकल रहे है। ये मंगरोप थाने से मात्र ५०० मीटर दूर से गुजरते हैं। यह बात और है कि थाना पुलिस इससे अनजान है या अनजान बन रही है।
पत्रिका टीम ने शनिवार को क्षेत्र में बजरी खनन के हालात जाने। टीम जब मंगरोप रोड पर थी तो कुम्हारिया के पास एक दर्जन से अधिक बजरी के ट्रैक्टर निकले। मजेदार बात यह है कि यह दो हिस्सों में चल रहे थे। एक साथ पहले ६ ट्रैक्टर रवाना हुए तो दूसरे दल कुछ देर बाद निकला। बकायदा इन्हें चार मोटरसाइकिलों पर सवार लोग एस्कॉर्ट कर रहे थे ताकि आगे का रास्ता साफ करते जाए।
फोटो क्लिक तो फोन शुरू
जैसे ही पत्रिका टीम एक साथ निकले ६ ट्रैक्टरों के फोटो खिंचने लगी सभी चालकों ने फोन निकाले और एक हाथ से ट्रै्रक्टर चलाने लगे और दूसरे से फोन पर चर्चा। साथ ही चालकों ने अपने वाहनों की गति एकदम बढ़ा दी। एक होटल के बाहर आकर टीम जब रूकी तो आगे चल रहे बजरी माफिया के मुखबिरों ने चालकों को दूसरा रास्ते से निकलने का इशारा कर दिया।
तेज रफ्तार से दौड़ते
शहर व आसपास बजरी के ट्रैक्टर तेज गति से दौड़ते मिलते हैं। इनके आगे बाइक सवार चलते हैं, जो चालक को रास्ते भर की सूचना देता है। बजरी के धंधे से जुड़े लोगों का कहना है कि अवैध खनन में एेसे वाहन इस्तेमाल करते हैं, जिनके लाइसेंस या परमिट भी नहीं होते। चालकों के पास न वाहन के कागज होते हैं और न ही चलाने का लाइसेंस।
इस क्षेत्र में छूट
कोटड़ी क्षेत्र में बनास व कोठारी नदी में ही बजरी खनन के लिए १४ माह की छूट मिली थी। यह छूट भी बनास नदी क्षेत्र बनका खेड़ा से चेनपुरा तक तथा कोठारी के लिए कोदूकोटा से सवाईपुर तक है। हालांकि यह बात अलग है कि बजरी बनास नदी जहां से गुजर रही है, माफिया उसका सीना चीरकर बजरी निकाल रहे हैं।
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१३ नाके, जहां पुलिस व खनिज विभाग की निगरानी
अवैध खनन को लेकर खनिज अभियन्ता एलएन कुमावत से बातचीत
पत्रिका-बजरी खनन के लिए कहां-कहां अनुमति दे रखी है?
एमई-केवल कोटड़ी क्षेत्र में ही बजरी खनन की अनुमति है।
पत्रिका-मंगरोप क्षेत्र में बजरी का दोहन हो रहा है?
एमई- इसकी जांच कराते हैं। नाके भी लगा रखे हैं। हो सकता है नाकेदार उस समय नहीं हो।
पत्रिका-नाके कहां-कहां पर लगा रखे हैं?
एमई-जिले में १३ जगह नाके पर पुलिस व खनिज विभाग के कर्मचारी लगे हैं।
पत्रिका-आम आदमी को बजरी से भरे ट्रैक्टर दिखते है तो नाकेदार को क्यों नहीं नजर आते? क्या कारण है?
एमई-ऐसा कोई कारण नहीं है कि नाकेदार को बजरी भरे टै्रक्टर नजर नहीं आ रहे हैं। फिर भी इसे चेक करवाते हैं।
पत्रिका- राजनीतिक दबाव या और कोई कारण तो नहीं है?
एमई-ऐसा कोई दबाव या कारण नहीं है। फिर भी मंगरोप क्षेत्र में इसकी जांच करवाते हैं।


भीलवाड़ा। सेठ मुरलीधर मानसिंहका राजकीय कन्या महाविद्यालय की छात्राओं के मुख्य गेट पर ताला लगाने एवं मैकनिक के खिलाफ की गई शिकायत पर जिला प्रशासन ने कॉलेज प्रशासन से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है।

छात्रा संघ अध्यक्ष सीमा जांगीड की अगुवाई में शनिवार सुबह कुछेक छात्राओं ने सेठ मुरलीधर मानसिंहका राजकीय कन्या महाविद्यालय के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया और धरने पर बैठ गई। उनका आरोप था कि महाविद्यालय में ही कार्यरत मैकनिक कर्मचारी मोहनलाल कोली का व्यवहार छात्राओं के प्रति ठीक नहीं है। इस संदर्भ में पूर्व में कॉलेज प्राचार्य को ज्ञापन देने के बावजूद कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही नहीं की गई, इससे उक्त कर्मचारी का आचरण छात्राओं के प्रति और रूखा हो गया। उन्होंने कर्मचारी के अनुपस्थित रहने के बावजूद उपस्थिति पंजिका में उपस्थिति लगने का भी आरोप लगाया। छात्राओं ने उक्त कर्मचारी के हटाए जाने के बाद ही गेट का ताला खोलने की बात कही।

बीस मिनट तक रहा ताला

महाविद्यालय में हंगामे व तालाबंदी की सूचना पर पुलिस कंट्रोल रूम का जाप्ता व रक्षा दल की टीम भी मौके पर आ गई। कॉलेज के भीतर मौजूद प्राचार्य डॉ. केसी प्राचार्य भी बाहर आ गए। उन्होंने छात्राओं के साथ समझाइश की। करीब बीस मिनट बाद छात्राओं ने गेट का ताला खोल दिया। छात्राओं ने यहां प्राचार्य को कर्मचारी को तुरंत हटाने व विभागीय कार्यवाही को लेकर ज्ञापन दिया। इसके बाद छात्राएं कलक्ट्रेट पहुंची और यहां एडीएम सिटी वंदना खोरवाल को ज्ञापन दिया।

कर्मचारी से मांगा जवाब

प्राचार्य डॉ. पंचोली ने बताया कि कर्मचारी के खिलाफ छात्राओं ने पूर्व में भी शिकायत की थी, शनिवार को मिलें ज्ञापन के आधार पर कर्मचारी कोली को विभागीय स्तर पर नोटिस दिया गया है। उन्होंने बताया कि समूचे मामले की एडीएम सिटी ने भी तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। एमडीएस को भी समूचे मामले से अवगत करा दिया है।

मास्क नहीं पहले पर टोका था
दूसरी तरफ कर्मचारी कोली का कहना है कि कोरोना संकट काल में अध्यापन कार्य नहीं होने के बावजूद कुछेक छात्राएं समूह में आ रही है और मास्क भी नहीं लगा रही है। उसने उन्हें इस बारे में टोका तो उसे प्रताडि़त किया गया और तबादला करवा देने की धमकी मिल रही है।


भीलवाड़ा। भीलवाड़ा-कोटा राजमार्ग से सवाईपुर पंचायत मुख्यालय से दो किलोमीटर दूरी पर पुरानी आबादी में स्थित शिव मंदिर का इतिहास 14 वीं शताब्दी से जुड़ा है। यहां सावन में भक्तों की भीड़ सुबह से शाम तक बनी रहती है। यहां अभिषेक-रूद्धाभिषेक समेत विभिन्न अनुष्ठान यहां हो रहे है।

जानकार बताते है कि जब सवाईपुर ग्राम बसाया गया था, उस वक्त के तत्कालीन महाराजा ने किले के साथ-साथ चारभुजा नाथ और शिव मंदिर का निर्माण करवाया। शिव मंदिर के बिल्कुल सामने की तरफ एक पौराणिक कुड़ी यानि कुई भी है। इसी बावड़ी से महादेव जी का जल अभिषेक किया जाता है।

मोटी-मोटी दीवारें भी ढह गई

18 वीं शताब्दी में महाराजा सवाई जयसिंह जोकि सवाईपुर ग्राम के तत्कालीन महाराजा थे, उन्होंने इस शिव मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया। 19वीं शताब्दी में गांव की पुरानी आबादी जो कि कोठारी नदी के किनारे बसी हुई थी, उस वक्त कोठारी नदी में अधिक जल भराव होने के कारण गांव तहस नहस हो गया था, उस वक्त किले की मोटी-मोटी दीवारें भी ढह गई थी, परंतु यह शिव मंदिर अपनी इसी अवस्था में बरकरार रहा। इसके बाद से लोगों की आस्था इस मंदिर के प्रति और बढ़ गई।

पानी की टंकी व प्याऊ भी है

सन 1983 में पंडित सुवालाल श्रोत्रिय, धन्ना लाल श्रोत्रिय के द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया। वर्ष 2014 में पंडित कालू लाल व श्याम लाल श्रोत्रिय द्वारा मंदिर का जीर्णद्धार करवाया गया। वर्तमान में पंडित रविशंकर एवं पंडित अभिषेक श्रोत्रिय द्वारा महादेव की पूजा अर्चना की जाती है। पंडित अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि सुबह सूर्योदय होते ही भक्तों का तांता लग जाता है अभी कुछ दिन पूर्व गांव के दान दाताओं की सहायता से यहां एक पानी की टंकी और पशुओं के पानी पीने के लिए प्याऊ का निर्माण करवाया गया। सवाईपुर के साथ-साथ सालरिया वासियों की भी यहां भोलेनाथ पर आस्था है, इसलिए यह शिव मंदिर जूना गांव का महादेव जी के नाम से भी प्रसिद्ध है। यहां अग्नि अखाड़ा भी संचालित है।

भीलवाड़ा। आसींद कस्बे के खारी नदी के किनारे गोपालेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। यहां सावन मास में सुबह से लेकर देर शाम तक श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। यहां विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान होते है। कस्बे के साथ ही आसपास गांवों के लोग यहां दर्शन एवं पूजन के लिए आते है। प्रतिदिन पंडितों द्वारा अभिषेक किए जाते हैं एवं प्रतिमा को अलग-अलग तरीके से शृंगार किया जाता है।

पुजारी शंकर लाल शर्मा ने बताया कि 225 वर्ष पुराना प्राचीन मंदिर का निर्माण स्वर्गीय ठाकुर गोपाल सिंह जी ने करवाया था। मंदिर का नामकरण गोपालश्वेर मंदिर रखा गया। उनके पूर्वजों के अनुसार वह पीढ़ी दर पीढ़ी मंदिर की सेवा पूजा अर्चना करते आ रहे है। वर्ष1947 में स्वतंत्रता के पश्चात राजा महाराजाओं की सभी रियासतों का एकीकरण हुआ। इसके बाद राज्य में देवस्थान विभाग ने राजा महाराजाओं द्वारा संचालित मंदिरों की देखरेख व्यवस्था संभाल ली। तभी से यहां के मंदिर की भी मरम्मत सेवा पूजन की व्यवस्था देवस्थान विभाग अजमेर के देख रेख में है।

यहां महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है,रात्रि में चार प्रहर आरती और चार अभिषेक किए जाते हैं एवं गायक कलाकारों द्वारा भजन संध्या का आयोजन होता है पूर्व में महाशिवरात्रि के पर्व पर शोभा यात्रा के लिए इंकदवत ठिकाने से हाथी मंगवाया जाता था और हाथी पर शिव पार्वती की शोभायात्रा निकलती थी लेकिन आज वर्तमान में भगवान शिव पार्वती की शोभा यात्रा बेवाण के रूप में बैंड बाजा गाजा बाजा भजन कीर्तन के साथ शोभायात्रा निकलती है


भीलवाड़ा । शास्त्री नगर स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर की शहर के शिवालयों में विशिष्ट पहचान है। सावन मास पर भोलेनाथ का अभिषेक, अनुष्ठान एवं सत्संग यहां हो रहे है। भगवान भोलेनाथ के विशेष श्रृंगार नियमित है, यहां विभिन्न प्रकार के भव्य श्रृंगार होने से अब यह नीलकंठ महादेव मंदिर श्रृंगार वाले बाबा के नाम से भी जाना जाता है।


शिवलिंग पर बीच में नीले रंग की धारी

समाज सेवी बनवारी लाल जोशी के अनुसार बद्रीनारायण चोटिया व खाण्डल विप्र समाज के परिवारों से सहयोग राशि एकत्रित कर मंदिर निर्माण की नींव रखी गई थी। १5 मई 1986 (वैशाख शुक्ला षष्ठी सम्वत 2043) को मंदिर में शिव परिवार एवं हनुमानजी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई। औंकारेश्वर से लाए गए इस शिवलिंग पर बीच में नीले रंग की धारी बनी होने से इसका नाम नीलकंठ महादेव रख दिया गया। मंदिर के पहले पंडित हीरालाल दुगोलिया थे, अभी यहां के पुजारी केदार शर्मा है।

रोजाना दो हजार कैन पानी

यहां मंदिर के बाहरी हिस्से में प्याऊ है, इस प्याऊ के जरिए आसपास के लोग रोजाना दो हजार कैन पानी की भरते है। यहां का शुद्ध एवं मीठा रहे, इसके लिए आरओ व एसी भी स्थापित है। प्याऊ के मीठे पानी की क्षेत्र में विशिष्ठ पहचान है। यहां राम नाम का विशेष बैंक है, जहां राम नाम लिखने के लिए निशुल्क पुस्तकें मिलती है, यहां रामनाम लिखित करीब एक लाख पुस्तकों का संग्रह हो चुका है।

चालीस साल से हो रहा कीर्तन

खास बात यह है कि यहां गत चालीस साल से शास्त्रीनगर महिला मंडल द्वारा स्थापना से ही रोजाना मंदिर परिसर में सायं 4 से 6 बजे तक नित्य भजन-कीर्तन व सत्संग किया जा रहा है। यहां कोरोना संकट काल में भी चुनिंदा महिला कीर्तन करती थी।

भीलवाड़ा । दुपहिया वाहनों की खरीद पर ऑटोमोबाइल डीलर्स को अनिवार्य रूप से निशुल्क हेलमेट देना होगा। केन्द्रीय मोटर यान नियम1989 के नियम 138 के तहत यह कड़ा प्रावधान है, इसके बावजूद कई डीलर्स हेलमेट नहीं दे रहे है, दे रहे ह तो पूरा चार्ज वसूल रहे है।


इस संदर्भ में जिला परिवहन अधिकारी डॉ. वीरेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि केन्द्रीय मोटर यान नियम1989 के नियम 138 के उप नियम द्वारा दुपहिया वाहन निर्माता से यह अपेक्षा की गई है कि वह वाहन के प्रथम विक्रय के समय वाहन क्रेताओं को भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा स्थापित मानकों का हेलमेट निशुल्क उपलब्ध कराए।

राठौड़ ने बताया कि केन्द्रीय मोटर यान नियम होने के बावजूद यह देखने में आया है कि अधिकांश वाहन निर्माता एवं डीलरों द्वारा उक्त प्रावधानों की पालना नहीं की जा रही है। इस संबंध में परिवहन विभाग राजस्थान सरकार ने कार्यालय आदेश जारी कर समस्त दुपहिया वाहन डीलरों को वाहन बिक्री के साथ भारतीय मानक ब्यूरो के स्थापित मानकों के अनुसार हेलमेट दिये जाने के लिए पाबंद किया है।

भीलवाड़ा. सुभाषनगर पुलिस ने दुपहिया वाहन चोरी के आरोप में दो जनों को गिरफ्तार किया। इनकी निशानदेही पर छह मोटरसाइकिल बरामद की गई। आरोपी से गहनता से पूछताछ की जा रही है।

हैड कांस्टेबल सतीश कुमार ने बताया कि क्षेत्र में क्षेत्र में चोरी की बाइक बेचने के फिराक में घूम रहे गुमानपुरा (कोटा) हाल रमा विहार निवासी आलोक सोनी तथा लुहारिया हाल सुभाषनगर निवासी कमालुद्दीन पठान को गिरफ्तार किया गया। इनके कब्जे से एक बाइक जब्त की। कोठारी नदी के निकट झाडि़यों में छिपाकर रखी छह और बाइक बरामद की गई। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। उनसे चोरी की और वारदात खुलने की सम्भावना है। आरोपियों को सोमवार को अदालत में पेश किया जाएगा। क्षेत्र में बढ़ती चोरियों की वारदात से पुलिस परेशान थी। इसके चलते मुखबिर तंत्र को मजबूत किया गया। पुलिस ने फिल्डिंग बैठाई तो आरोपी हाथ आ गए। उनसे चोरी की छह बाइक बरामद की गई। दोनों बाइक चोरी बेचने की फिराक में पकड़े गए।

भीलवाड़ा. रायपुर थाना क्षेत्र के सूरजपुरा के निकट मोटरसाइकिल पर आए तीन नकाबपोश युवक रविवार दोपहर बकरियां चरा रहे वृद्ध की एक तोले की मुरकियां छीन ले गए। इससे वृद्ध जख्मी हो गया। लूट की वारदात से ग्रामीण दहशत में आ गए। रायपुर पुलिस ने इलाके में नाकाबंदी कराई, लेकिन लुटेरों का पता नहीं लगा। इस सम्बंध में लूट का मामला दर्ज कराया गया। पुलिस इलाके के सीसी टीवी फुटेज को खंगाल रही है। ताकी आरोपियों की पहचान की जाए सकें।
थानाप्रभारी भागीरथसिंह के अनुसार भोजाराम गुर्जर (६०) दोपहर में बकरियां चराने गया। ईंट-भट्टे के निकट बाइक सवार तीन जनों ने रोक लिया। रूकते हुए उसे दबोच लिया और जमीन पर गिराकर एक तोले की मुरकिया छीनकर भाग गए। इससे भोजाराम लहूलुहान हो गया। वहां से गुजर रहे जगदीश जाट ने वृद्ध की सुध ली। इसकी परिजनों को सूचना दी। सूचना पर पुलिस भी वहां पहुंची। वृद्ध को रायपुर लाकर प्राथमिक उपचार कराया गया। आरोपियों की धरपकड़ के लिए एक टीम का भी गठन किया गया है।

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