>>: Digest for August 10, 2021

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नागौर. जीरा, पान मैथी (कसूरी मैथी), ईसबगोल, मूंग व कपास सहित अन्य फसलों के उत्पादन एवं गुणवत्ता में प्रदेश ही नहीं देशभर में विशेष महत्व रखने वाले नागौर जिले में अब कृषि आधारित उद्योग भी तेजी से स्थापित हो रहे हैं। इन उद्योगों को पंख लगाने का काम किया है राज्य सरकार की राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 ने। इस नीति की खास बात यह है कि इसमें कृषकों एवं उनके संगठनों द्वारा प्रसंस्करण यूनिट लगाने या वेयर हाउस बनाने पर लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम एक करोड़ का अनुदान दिया जा रहा है, जबकि अन्य सभी प्रकार के उद्यमियों के लिए लागत का 25 प्रतिशत या अधिकतम 50 लाख रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ मूण्डवा में मिनी एग्रो फूड पार्क विकसित करने के लिए राज्य सरकार ने 100 बीघा जमीन मंडी समिति को आवंटित करने की स्वीकृति जिला प्रशासन को प्रदान कर दी है।

किसानों को कृषि प्रसंस्करण व कृषि व्यवसाय में आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई इस अनूठी योजना का लाभ उठाने के लिए पिछले डेढ़ साल में जिले में 22 आवेदन जमा किए गए हैं, जिसमें से 11 आवेदनों पर स्वीकृति की मुहर लगाकर आवेदकों को 612.24 लाख का अनुदान स्वीकृत किया जा चुका है। गौरतलब है कि कृषि के औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक आपूर्ति शृंखला एवं आधारभूत संरचना तैयार करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने दो साल पहले राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 की घोषणा की थी। इसके तहत किसानों को कृषि एवं पशुपालन दोनों क्षेत्रों में अनुदान व ऋण के ब्याज सहित परिवहन, बिजली, भू-रूपातंरण, सौर ऊर्जा संयंत्र, नमूना जांच आदि में अनुदान दिया जा रहा है। ताकि किसानों के जीवन स्तर में सुधार एवं उनकी आय में वृद्धि की जा सके। यह योजना कृषि प्रधान नागौर जिले के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है।

प्रसंस्करण में ज्यादा रुचि
जिले में राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति के तहत कुल 22 आवेदन अब तक कृषि मंडी सचिव के समक्ष पेश किए गए हैं, जिसमें से प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग यूनिट) के 13 आवेदन हैं, इसमें 8 दाल मिल के, 4 कपास मिल के तथा एक मसाला फैक्ट्री के लिए है। वहीं 9 आवेदन वेयर हाउस बनाने को लेकर किए गए हैं। इसमें प्रसंस्करण के 5 तथा वेयरहाउस के 6 प्रकरणों को स्वीकृति देकर कुल 612.24 लाख रुपए का अनुदान स्वीकृत किया गया है।

नीति के मुख्य उद्देश्य

  • कृषि के औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक आपूर्ति शृंखला एवं आधारभूत संरचना तैयार करना।
  • पंूजी निवेश प्रोत्साहन द्वारा कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र की मौजूदा क्षमता में वृद्धि करना।
  • प्रसंस्करण के लिए कलस्टर आधारित दृष्टिकोण को बढ़ावा देना।
  • कृषि प्रसंस्करण एवं विपणन के आधुनिकीकरण में नवीन तकनीकी एवं प्रक्रियाओं का समावेश
  • उत्पादन क्षेत्रों में औद्योगिक विकास द्वारा रोजगार के अवसर का सृजन।
  • राज्य के ताजे फल और सब्जियों, परंपरागत खाद्य पदार्थों, जैविक एवं अन्य सभी प्रकार के कृषि उत्पादों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार (निर्यात) में बढ़ावा देना।
  • उचित क्षमता के मानव श्रम का विकास और कौशल उन्नयन।
  • किसानों एवं उद्योगों के बीच तालमेल विकसित करने के लिए उपयुक्त नीतिगत उपायों द्वारा एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना।

एग्रो फूड पार्क बनेगा वरदान
जिले की 80 प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि कार्य पर निर्भर होने के चलते यहां एग्रो फूड पार्क की लम्बे समय से डिमांड की जा रही थी। किसानों व उद्यमियों की मांग पर जिला प्रशासन व मंडी प्रशासन के अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लेते हुए मूण्डवा में कृषि मंडी के पास खाली पड़ी सरकारी जमीन पर मिनी फूड पार्क बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। मिनी फूड पार्क के लिए जमीन आवंटन करने के लिए जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने मूण्डवा की 100 बीघा जमीन का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भिजवाया, जिस पर सरकार ने गत दिनों स्वीकृति जारी कर दी है। अब मंडी प्रशासन द्वारा उक्त जमीन की राशि 61 लाख 18 हजार 700 रुपए जमा कराने पर मंडी को हस्तांतरित किया जाएगा, जो प्रक्रियाधीन है। गौरतलब है कि मूण्डवा में लम्बे से मैथी मंडी बनाने की मांग भी की जा रही है, इसके लिए भी प्रशासन के स्तर पर प्रयास चल रहे हैं।

तीन निरस्त, 8 लम्बित
राज्य सरकार की राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति का मुख्य उद्देश्य किसानों के जीवन स्तर में सुधार एवं उनकी आय में वृद्धि करना है। इसके तहत अब तक 22 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें 10 कृषक वर्ग से तथा 12 गैर कृषक वर्ग से किए गए हैं। इसमें 11 आवेदनों को स्वीकृति दी गई है, जबकि तीन आवेदन निरस्त किए गए हैं। इसी प्रकार 8 प्रकरण ऐसे हैं, जिन्हें राज्य स्तरीय चयन कमेटी के पास भेजा गया है।
- रघुनाथराम सिंवर, सचिव, कृषि उपज मंडी समिति, नागौर

नागौर. रामद्वारा बख्तसागर केशवदास महाराज बगीची में भागवत कथा पर प्रवचन करते हुए संत जानकी दास ने कहा कि संसार में सभी आकार माया से बने हुए हैं। संसार के किसी भी आकार के साथ प्रेम करने पर मन में विकार आता है । भगवान की भक्ति करने वाला ही वासना का विनाश कर सकता है। भगवत कृपा के बिना भक्ति के बिना सूक्ष्म वासना का विनाश नहीं होता है। बाहर का संसार किसी को दुख नहीं देता। जो संसार मन में है वह दुख देता है। घर छोड़ कर के जंगल में जाने से तुरन्त भगवान का दर्शन नहीं होता। कहीं भी जाने पर माया भी पीछे आती है। संयम को धीमी गति से बढ़ाने का कार्य करना चाहिए। बहुत से लोग भक्ति के लिए अनुकूलता की तलाश करते हैं। सभी प्रकार की अनुकूलता कभी नहीं हो सकती है। इसलिए प्रतिकूलता में ही भक्ति करनी होगी। भगवान के सिवा किसी को मन में रखने पर दुख ही प्राप्त होता है। संसार जब मन में आता है तो दुख भी आता है। इसके लिए सावधानी रखनी पड़ेगी। संसार रूपी समुद्र को पार करने के लिए भक्ति के प्रति समर्पित होना पड़ेगा। एक बार समर्पित हो गए और भक्ति करने लगे तो फिर ईश्वर का एहसास भी होने लगेगा। भक्ति में रमने पर फिर ईश्वर के सिवा कुछ भी नजर नहीं आता है, लेकिन भक्ति करनी पड़ेगी। मन में अर्चन के दौरान भी संसार की समस्याओं का आना यह बताता है कि आप भक्ति को कर ही नहीं रहे। भक्ति का अर्थ है कि भगवान एवं भक्त के मध्यम फिर कुछ नजर नहीं आना चाहिए। केवल भगवान ही नजर आने चाहिए, तभी भक्ति सफल हो सकती है। इसमें कालूराम बोराणा ,बाबूलाल भाटी, सत्यनारायण सेन ,अक्षय कुमार, धनराज रांकावत, किशोरराम चौधरी आदि मौजूद थे।

नागौर. जयगच्छीय जैन साध्वी बिंदुप्रभा ने सोमवार को जयमल जैन पौषधशाला में प्रवचन में कहा कि हर व्यक्ति को अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। लक्ष्य निरर्थक एवं दिशाविहीन नहीं होना चाहिए। इच्छा एवं लक्ष्य में अंतर बताते हुए साध्वी ने कहा कि मात्र इच्छा रखने से ही मंजिल प्राप्त नहीं हो सकती। लक्ष्य प्राप्ति के लिए धैर्य, आत्मविश्वास, इच्छाशक्ति एवं सम्यक् पुरूषार्थ होना जरूरी है। एक आदर्श श्रावक देव दुर्लभ मनुष्य भव प्राप्त करने के बाद अपने चरम और परम लक्ष्य मोक्ष की प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहता है। जीवन में लक्ष्य का होना बहुत जरूरी है। लक्ष्य बिना जीवन निरर्थक है। लक्ष्य निर्धारित हुए बिना वह दिशाविहीन रहता है। लक्ष्य की प्राप्ति होना ही लक्ष्मी है। भौतिक जीवन हो या आध्यात्मिक जीवन, हर क्षेत्र में लक्ष्य होना जरूरी है। व्यापारी का लक्ष्य धन कमाना होता है जबकि एक आत्मार्थी का लक्ष्य मोक्ष की प्राप्ति करना। लक्ष्य की प्राप्ति पुरुषार्थ से सफल होती है। लक्ष्य कभी काल्पनिक नहीं होना चाहिए। लक्ष्य की पूर्ति जब तक ना हो तब तक पुरुषार्थ करते जाना चाहिए। असमय पर हुए कार्य की कोई महत्वता नहीं है। मनुष्य भव की प्राप्ति अपने चरम और परम लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ही मिली है। एक श्रावक का लक्ष्य है मोक्ष की प्राप्ति। इसलिए अपना अमूल्य समय साथ में लगाना चाहिए।
प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित
मोहित बोथरा के एकांतर की तपस्या के उपलक्ष्य में प्रवचन की प्रभावना, जय जाप की प्रभावना एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत करने के लाभार्थी चांदमल, धर्मेंद्र, अनमोल, मोहित बोथरा थे। प्रवचन में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर ज्ञानचंद माली, सुनील ललवानी, रिया सोनी एवं पुष्पा ललवानी ने दिए। दोपहर में महाचमत्कारिक जयमल जाप का अनुष्ठान किया गया। आगंतुकों के भोजन का लाभ महावीरचंद, पारस भूरट ने लिया। इस मौके पर लीलादेवी बैद, संगीता ललवानी, वीणा बोहरा, सुनीता ललवानी आदि श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थीं।

नागौर. डिस्कॉम की ओर से रविवार को मुख्यमंत्री किसान मित्र योजना का जिला मुख्यालय पर शुभारंभ किया गया। अधीक्षण अभियंता आर बी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत 10 एचपी के विद्युत कनेक्शन के लिए 20 हजार किसानों को सीधा फायदा मिलेगा दस एचपी से अधिक ट्रांसफार्मर क्षमता के 36 हजार किसानों को इस योजना से फायदा मिलेगा। इस योजना में सोलर प्लांट के 22 जीएसएस स्थापित होने के साथ ही 32 फिडर के जरिए किसानों को विद्युत आपूर्ति की जाएगी। इसका जिले के करीब 20 हजार किसानों को सीधा फायदा मिलेगा। इस योजना के तहत 10 एचपी यानी 1000 प्रति माह के विद्युत बिल होने पर किसी भी तरह का भुगतान किसानों को नहीं करना होगा। इस योजना के माध्यम से किसानों को बिजली दरों पर प्रतिमाह 1000 व अधिकतम ?12000 प्रति वर्ष अनुदान मिलेगा ।अधिकारियों का कहना है कि इस योजना की शुरुआत के बाद लघु एवं मध्यम वर्ग के किसानों के लिए कृषि बिजली लगभग निशुल्क हो जाएगी । योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को आर्थिक संबल प्रदान करना है । इसके लिए राज्य सरकार की ओर से 1450 करोड रुपए का बजट प्रस्तावित किया गया है। राज्य सरकार के अनुसार कृषि उपभोक्ताओं को 1000 प्रति माह तक के बिजली के बिल होने पर कोई भी राशि नहीं चुकानी पड़ेगी। इस योजना का लाभ वही किसान उठा पाएंगे जो कि कर अदा करने के दायरे में नहीं आते हैं।

विधि-विधान से नवगृह पूजन कराया
नागौर. पंजाब केसरी विजय वल्लभ सूरीश्वर महाराज के समुदायवर्ती साध्वी सौम्य प्रभा की शुभ निश्रा में चातुर्मास में धर्म की प्रभावना के अन्तर्गत 14 पर्वधर भद्रबाहु स्वामी द्वारा उद्धृत नवग्रह पूजन का विधान संपन्न हुआ। इस पूजन में राशि के अनुसार ग्रहों का पूजन एवं मंत्र स्मरण करवाया गया। इसमें किस ग्रह से क्या लाभ प्राप्त हो, सकता है, क्या हानि हो सकती है, ग्रहों को उत्तम कैसे बनाया जा सकता ह,ै आदि के लिए साध्वी ने यंत्र मंत्र तंत्र की साधना का उल्लेख करते हुए प्रयोग बताया। साध्वी ने मंत्रोच्चारण पूर्वक विधि-विधान से कराया। इस दौरान श्रेयांस सिंघवी ने अपने भक्ति गीतों से सभा को भक्तिमय कर दिया। सूरज की किरणों से सोना चढे, दादा तेरी तस्वीर सिराहाने रख कर सोते हैं, ऊंचा अंबर थी, आओ ने प्रभु जी जैसे अनेक गीतों की प्रस्तुति दी गई। पूजन का मुख्य लाभ सुरेश कुमार, इंदुबाला चौधरी ने लिया। 108 दीपक की आरती एवं मंगल दीपक करने का लाभ महेंद्र कांकरिया ने लिया। इसमें जैन युवा संघ, तपागच्छ महिला मंडल ने सहयोग किया। इसमें जोधपुर, दिल्ली खजवाना कुचेरा आदि जगहों से जैन समाज के लोग शामिल हुए। इस दौरान महावीर बांठिया, धीरेंद्र समदडिय़ा, चंचलमल नाहर, शिखर चंद दूगड़, स्वदेश बांठिया, दलपत चौरडिया आदि मौजूद थे

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