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जिले में कृषि उद्योगों को लगे पंख, मूण्डवा में बनेगा मिनी फूड पार्क Monday 09 August 2021 04:25 AM UTC+00 ![]() नागौर. जीरा, पान मैथी (कसूरी मैथी), ईसबगोल, मूंग व कपास सहित अन्य फसलों के उत्पादन एवं गुणवत्ता में प्रदेश ही नहीं देशभर में विशेष महत्व रखने वाले नागौर जिले में अब कृषि आधारित उद्योग भी तेजी से स्थापित हो रहे हैं। इन उद्योगों को पंख लगाने का काम किया है राज्य सरकार की राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 ने। इस नीति की खास बात यह है कि इसमें कृषकों एवं उनके संगठनों द्वारा प्रसंस्करण यूनिट लगाने या वेयर हाउस बनाने पर लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम एक करोड़ का अनुदान दिया जा रहा है, जबकि अन्य सभी प्रकार के उद्यमियों के लिए लागत का 25 प्रतिशत या अधिकतम 50 लाख रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ मूण्डवा में मिनी एग्रो फूड पार्क विकसित करने के लिए राज्य सरकार ने 100 बीघा जमीन मंडी समिति को आवंटित करने की स्वीकृति जिला प्रशासन को प्रदान कर दी है। किसानों को कृषि प्रसंस्करण व कृषि व्यवसाय में आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई इस अनूठी योजना का लाभ उठाने के लिए पिछले डेढ़ साल में जिले में 22 आवेदन जमा किए गए हैं, जिसमें से 11 आवेदनों पर स्वीकृति की मुहर लगाकर आवेदकों को 612.24 लाख का अनुदान स्वीकृत किया जा चुका है। गौरतलब है कि कृषि के औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक आपूर्ति शृंखला एवं आधारभूत संरचना तैयार करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने दो साल पहले राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 की घोषणा की थी। इसके तहत किसानों को कृषि एवं पशुपालन दोनों क्षेत्रों में अनुदान व ऋण के ब्याज सहित परिवहन, बिजली, भू-रूपातंरण, सौर ऊर्जा संयंत्र, नमूना जांच आदि में अनुदान दिया जा रहा है। ताकि किसानों के जीवन स्तर में सुधार एवं उनकी आय में वृद्धि की जा सके। यह योजना कृषि प्रधान नागौर जिले के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है। प्रसंस्करण में ज्यादा रुचि नीति के मुख्य उद्देश्य
एग्रो फूड पार्क बनेगा वरदान तीन निरस्त, 8 लम्बित |
भगवान की भक्ति के लिए समर्पण आवश्यक Monday 09 August 2021 04:11 PM UTC+00 ![]() नागौर. रामद्वारा बख्तसागर केशवदास महाराज बगीची में भागवत कथा पर प्रवचन करते हुए संत जानकी दास ने कहा कि संसार में सभी आकार माया से बने हुए हैं। संसार के किसी भी आकार के साथ प्रेम करने पर मन में विकार आता है । भगवान की भक्ति करने वाला ही वासना का विनाश कर सकता है। भगवत कृपा के बिना भक्ति के बिना सूक्ष्म वासना का विनाश नहीं होता है। बाहर का संसार किसी को दुख नहीं देता। जो संसार मन में है वह दुख देता है। घर छोड़ कर के जंगल में जाने से तुरन्त भगवान का दर्शन नहीं होता। कहीं भी जाने पर माया भी पीछे आती है। संयम को धीमी गति से बढ़ाने का कार्य करना चाहिए। बहुत से लोग भक्ति के लिए अनुकूलता की तलाश करते हैं। सभी प्रकार की अनुकूलता कभी नहीं हो सकती है। इसलिए प्रतिकूलता में ही भक्ति करनी होगी। भगवान के सिवा किसी को मन में रखने पर दुख ही प्राप्त होता है। संसार जब मन में आता है तो दुख भी आता है। इसके लिए सावधानी रखनी पड़ेगी। संसार रूपी समुद्र को पार करने के लिए भक्ति के प्रति समर्पित होना पड़ेगा। एक बार समर्पित हो गए और भक्ति करने लगे तो फिर ईश्वर का एहसास भी होने लगेगा। भक्ति में रमने पर फिर ईश्वर के सिवा कुछ भी नजर नहीं आता है, लेकिन भक्ति करनी पड़ेगी। मन में अर्चन के दौरान भी संसार की समस्याओं का आना यह बताता है कि आप भक्ति को कर ही नहीं रहे। भक्ति का अर्थ है कि भगवान एवं भक्त के मध्यम फिर कुछ नजर नहीं आना चाहिए। केवल भगवान ही नजर आने चाहिए, तभी भक्ति सफल हो सकती है। इसमें कालूराम बोराणा ,बाबूलाल भाटी, सत्यनारायण सेन ,अक्षय कुमार, धनराज रांकावत, किशोरराम चौधरी आदि मौजूद थे। |
प्रत्येक को अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारण करना चाहिए Monday 09 August 2021 04:18 PM UTC+00 ![]() नागौर. जयगच्छीय जैन साध्वी बिंदुप्रभा ने सोमवार को जयमल जैन पौषधशाला में प्रवचन में कहा कि हर व्यक्ति को अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। लक्ष्य निरर्थक एवं दिशाविहीन नहीं होना चाहिए। इच्छा एवं लक्ष्य में अंतर बताते हुए साध्वी ने कहा कि मात्र इच्छा रखने से ही मंजिल प्राप्त नहीं हो सकती। लक्ष्य प्राप्ति के लिए धैर्य, आत्मविश्वास, इच्छाशक्ति एवं सम्यक् पुरूषार्थ होना जरूरी है। एक आदर्श श्रावक देव दुर्लभ मनुष्य भव प्राप्त करने के बाद अपने चरम और परम लक्ष्य मोक्ष की प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहता है। जीवन में लक्ष्य का होना बहुत जरूरी है। लक्ष्य बिना जीवन निरर्थक है। लक्ष्य निर्धारित हुए बिना वह दिशाविहीन रहता है। लक्ष्य की प्राप्ति होना ही लक्ष्मी है। भौतिक जीवन हो या आध्यात्मिक जीवन, हर क्षेत्र में लक्ष्य होना जरूरी है। व्यापारी का लक्ष्य धन कमाना होता है जबकि एक आत्मार्थी का लक्ष्य मोक्ष की प्राप्ति करना। लक्ष्य की प्राप्ति पुरुषार्थ से सफल होती है। लक्ष्य कभी काल्पनिक नहीं होना चाहिए। लक्ष्य की पूर्ति जब तक ना हो तब तक पुरुषार्थ करते जाना चाहिए। असमय पर हुए कार्य की कोई महत्वता नहीं है। मनुष्य भव की प्राप्ति अपने चरम और परम लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ही मिली है। एक श्रावक का लक्ष्य है मोक्ष की प्राप्ति। इसलिए अपना अमूल्य समय साथ में लगाना चाहिए। |
अब किसानों मिलेगी मुफ्त की बिजली..........! Monday 09 August 2021 04:28 PM UTC+00 ![]() नागौर. डिस्कॉम की ओर से रविवार को मुख्यमंत्री किसान मित्र योजना का जिला मुख्यालय पर शुभारंभ किया गया। अधीक्षण अभियंता आर बी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत 10 एचपी के विद्युत कनेक्शन के लिए 20 हजार किसानों को सीधा फायदा मिलेगा दस एचपी से अधिक ट्रांसफार्मर क्षमता के 36 हजार किसानों को इस योजना से फायदा मिलेगा। इस योजना में सोलर प्लांट के 22 जीएसएस स्थापित होने के साथ ही 32 फिडर के जरिए किसानों को विद्युत आपूर्ति की जाएगी। इसका जिले के करीब 20 हजार किसानों को सीधा फायदा मिलेगा। इस योजना के तहत 10 एचपी यानी 1000 प्रति माह के विद्युत बिल होने पर किसी भी तरह का भुगतान किसानों को नहीं करना होगा। इस योजना के माध्यम से किसानों को बिजली दरों पर प्रतिमाह 1000 व अधिकतम ?12000 प्रति वर्ष अनुदान मिलेगा ।अधिकारियों का कहना है कि इस योजना की शुरुआत के बाद लघु एवं मध्यम वर्ग के किसानों के लिए कृषि बिजली लगभग निशुल्क हो जाएगी । योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को आर्थिक संबल प्रदान करना है । इसके लिए राज्य सरकार की ओर से 1450 करोड रुपए का बजट प्रस्तावित किया गया है। राज्य सरकार के अनुसार कृषि उपभोक्ताओं को 1000 प्रति माह तक के बिजली के बिल होने पर कोई भी राशि नहीं चुकानी पड़ेगी। इस योजना का लाभ वही किसान उठा पाएंगे जो कि कर अदा करने के दायरे में नहीं आते हैं। विधि-विधान से नवगृह पूजन कराया |
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