>>: Digest for August 12, 2021

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Table of Contents

बारां. जिले में लगातार बारिश का दौर जारी रहने से इसका असर लोगों की सेहत पर होने लगा है। स्वास्थ्य खराब होने से लोग अस्पतालों में पहुंचने लगे हैं। इससे अस्पतालों में भी भीड़ उमड़ रही है। यहां जिला चिकित्सालय में मंगलवार को उपचार-परामर्श लेने पहुंचने वाले मरीजों से ओपीडी का आंकड़ा दो हजार के पार पहुंच गया। इससे चिकित्सकों को दिखाने के लिए लोगों को देर तक इंतजार करना पड़ा। हालांकि बारिश के कारण मौसमी बीमारी होने से मरीजों को भर्ती करने की नौबत नहीं आ रही है। इससे आईपीडी की संख्या कम है। बहुत कम लोगों को भर्ती करना पड़ रहा है। जिला चिकित्सालय में मंगलवार शाम तक करीब 135 मरीजों को भर्ती किया गया।


बारिश थमने से राहत
शहर समेत जिले में बीते करीब दस दिनों में पहली बार दिनभर बारिश बंद रही तो अब तक वायरल, खांसी, जुकाम व बुखार आदि बीमारियों का घरों पर उपचार ले रहे मरीज भी घरों से निकल कर चिकित्सालय पहुंच गए। इसके अलावा रविवार को साप्ताहिक अवकाश व सोमवार को सरकारी अवकाश होने के कारण भी दो दिनों से सामान्य मरीज नहीं पहुंच रहे थे। इससे भी ओपीडी में चिकित्सा परामर्श लेने के लिए पहुंचने वालों की संख्या अधिक रही है।


लापरवाही पड़ रही भारी
शहर समेत जिले में पिछले करीब एक पखवाड़े से बारिश का दौर जारी है। बारिश के दौरान स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही बरतना लोगों को भारी पड़ रहा है। बारबार बरसाती पानी में भीगने व देर तक गीले रहने से लोग वायरल, बुखार, सर्दी, खांसी, जुकाम की चपेट में आ रहे हैं। इसके अलावा कई लोगों को पेटदर्द, उल्टी व दस्त की शिकायत हो रही है। कई को थकान, हाथ पैरों में दर्द, शरीर में अकडऩ व पीलिया की शिकायत है। इसके अलावा रात में कूलर चलाकर सोने से भी बीमार होने का अंदेशा रहता है। खाली जगह में पानी भरने से मच्छर पनप रहे हैं। इससे भी एहतियात के लिए इसमें जला हुआ ऑयल डालना चाहिए।


अन्य दिनों की अपेक्षा बढ़े 700 मरीज
जिला चिकित्सालय में सामान्यत: 12 सौ से 13 सौ तक मरीज ओपीडी में उपचार परामर्श के लिए पहुंचते है तथा करीब १५० नए मरीजों को भर्ती किया जाता है, लेकिन मंगलवार शाम करीब चार बजे तक ओपीडी मरीजों की संख्या 1992 हो गई थी। इसके बाद भी आपातकालीन में मरीज पहुंचते रहे। चिकित्सक कक्ष के अलावा दवा वितरण केन्द्र, जांच केन्द्र पर भी मरीजों व उनके परिजनों की कतारें लगी रहीं। जिला चिकित्सालय में यूं चार दवा वितरण केन्द्र हंै, लेकिन चारों पर कतार लगी रहीं।

इन दिनों वायरल के मरीज अधिक आ रहे हंै। कुछ उल्टी, दस्त व पीलिया के भी आ रहे हंै। बारिश के दौरान लोगों को पानी उबाल कर छानकर पीना चाहिए। ताजा फल, ताजा खाना खाएं और इम्यूनिटी बनाकर रखें। इस दौरान कोरोना की जांच कराते हैं तो वह भी नेगेटिव आ रहा है।
डॉ. हंसराज सुमन, वरिष्ठ फिजीशियन, बारां

दो दिन के अवकाश के बाद मंगलवार को मरीजों की भीड़ रही। इससे शाम तक ओपीडी दो हजार को पार कर गई। भीड़ अधिक होने से लाइन भी लगती है, लेकिन व्यवस्था सुचारू है। इससे विशेष समस्या नहीं है।
डॉ. बिहारीलाल मीणा, पीएमओ, जिला चिकित्सालय

रावतभाटा (कोटा). राजस्थान परमाणु विद्युत परियोजना की निर्माणाधीन इकाई 7 में बुधवार दोपहर में इलेक्ट्रिक पैनल की जांच करते समय स्पार्किंग होने से सुपरवाइजर सहित तीन कर्मचारी झुलस गए। सुपरवाइर को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। जबकि दो कर्मचारियों की हालत नाजुक होने के कारण उनका कोटा के निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है।

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जानकारी के अनुसार, निर्माणाधीन इकाई में सुपरवाइजर रविकांत के साथ कर्मचारी भवानीसिंह व नंदकिशोर शर्मा मोटर कंट्रोल सेंटर में इलेक्ट्रिक पैनल पर काम कर रहे थे। कार्य करते समय पैनल पर फ्लैश हुआ। इसमें इलेक्ट्रिक स्पार्किंग से तीनों कर्मचारी झुलस गए।

स्पार्क से हुआ हादसा

परियोजना निदेशक एके शीत ने बताया कि कार्य के दौरान पैनल में स्पार्क होने से हादसा हुआ। केंद्र निदेशक एस हलधर ने बताया कि मामले में परमाणु विद्युत परियोजना की स्टैंडिंग कमेटी की ओर से जांच की जाएगी।

कोटा. देश के ख्यातनाम इंजीनियरिंग शिक्षण संस्थानों में शामिल बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एण्ड साइंसेज की काउंसलिंग प्रवेश प्रारंभ हो चुकी है। बिटसेट परीक्षा ऑनलाइन मोड में 3 से 9 अगस्त तक हुई थी। बिट्स पिलानी, गोवा और हैदराबाद में प्रवेश के लिए करवाई जा रही काउंसलिंग के लिए स्टूडेंट्स 21 अगस्त तक आवेदन कर सकते हैं।

काउंसलिंग के लिए आवेदन प्रक्रिया तीन चरणों में है। पहले चरण में स्टूडेंट्स को अपनी समस्त जानकारी चेक करनी होगी। कोई भी त्रुटि होने पर स्टूडेंट्स उसमें बदलाव कर सकते है। दूसरे चरण में विद्यार्थी को अपने 12वीं के फिजिक्स, कैमिस्ट्री, मैथ्स में प्राप्तांकों को भरना होगा। तीसरे चरण में बिट्स के तीनों कैंपस की ब्रांच वाइज कॉलेजेस की प्राथमिकता घटते क्रम में भरनी होगी।

काउंसलिंग में भाग लेने की फ ीस 1000 रुपए रखी गई है, जो की नॉन रिफं डेबल है। बिट्स भारत के उन संस्थानों में शामिल है, जहां किसी भी कैटेगरी का कोई रिजर्वेशन नहीं है। साथ ही, प्रवेश पात्रता भी सभी कैटेगरी के लिए बराबर है। बिट्स में 12वीं प्रवेश पात्रता फि जिक्स, कैमिस्ट्री, मैथ्स में औसतन 75 प्रतिशत और प्रत्येक में 60 प्रतिसहत होना अनिवार्य है।

68 हजार नए आवेदन

जेईई मेन चौथे व अंतिम सेशन के लिए 68 हजार से अधिक नए विद्यार्थी आवेदन कर चुके हैं। ये वे विद्यार्थी हैं, जिन्होंने पूर्व में तीनों सेशन की परीक्षा नहीं दी। ऐसे में चौथे सेशन की परीक्षा में भी 7 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स परीक्षा देंगे। साथ ही, चारों सेशन मिलाकर 10 लाख से अधिक यूनीक कैंडिंडेट जेईई मेन में बैठेंगे। जिनके आधार पर एआईआर जारी की जाएगी। चौथे व अंतिम सेशन की परीक्षा 26, 27, 31 अगस्त व 1 व 2 सितम्बर को आयोजित की जाएगी।

कोटा.
डाक विभाग महिलाओं को घर बैठे राखी के लिए लिफाफे उपलब्ध करवाएगा। विभाग रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2021) पर हमेशा विशेष लिफाफा जारी करता है। इसे खरीदने के लिए ग्राहकों को पोस्ट ऑफिस जाना पड़ता है। इस बार लिफाफा खरीदने के लिए बाजार व पोस्ट ऑफिस जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए विभाग ने राखी बाय स्पीड पोस्ट अभियान शुरू किया है। इसमें 'रक्षाबंधन का त्योहार, आपका पोस्टमैन आपके द्वार' के तहत स्पीड पोस्ट से राखी भिजवाने के लिए ग्राहक घर बैठे विशेष रूप से डिजायन किए गए वाटर पू्रफ राखी लिफ ाफे अपने प्रधान डाकघर के दूरभाष नम्बर पर सम्पर्क कर संबंधित क्षेत्र के पोस्टमैन के माध्यम से मंगवा कर स्पीड पोस्ट के माध्यम से राखी भेज सकेंगे।

Raksha Bandhan 2021 Date- 22 August


इन नंबरों पर करें फोन-
कोटा मंडल के वरिष्ठ डाक अधीक्षक के अनुसार इसके लिए कोटा मण्डल कोटा में वरिष्ठ अधीक्षक डाकघर कार्यालय कोटा-0744-2451651, कोटा प्रधान डाकघर-0744-2327592 तथा नई धान मंडी प्रधान डाकघर कोटा-0744-2363553 के नंबर पर फोन कर लिफाफा मंगवाया जा सकता है। झालावाड़ में भी झालावाड़ प्रधान डाकघर 07432-232359 नंबर पर डायल कर लिफाफा मंगवाया जा सकता है।

रहेगा सुविधाजनक-
विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अन्य राज्यों में राखी से पहले समय पर राखियां भेजने के लिए 16 व राज्य में राखियां भेजने के लिए 17 अगस्त तक स्पीड पोस्ट की जा सकती है।

कोटा. भामाशाह मंडी में बुधवार को विभिन्न कृषि जिंसों की 25 हजार बोरी आवक हुई। सोयाबीन 100 रुपए प्रति क्विंटल भाव तेज रहे। लहसुन की आवक करीब 5,000 कट्टे की रही। लहसुन 1800 से 8000 रुपए प्रति क्विंटल बिका। किराना बाजार में भाव स्थिर रहे।

भाव : गेहूं मील 1650 से 1761, गेहूं टुकड़ी एवरेज 1760 से 1851, गेहूं बेस्ट टुकड़ी 1851 से 1951, सोयाबीन 6500 से 8500, सरसों 6550 से 6750, धान सुंगधा 1800 से 2200, धान (1509) 1800 से 2300, धान पूसा वन 2300 से 2530, धान (1121) 2100 से 2601, मक्का 1600 से 1840, अलसी 6800 से 7300, तिल्ली 6500 से 7850, ग्वार 3000 से 4000, मैथी 5500 से 6500, कलौंजी 16000 से 19100, जौ 1500 से 1800, ज्वार 1300 से 3000, मसूर 5000 से 5400, मूंग हरा 5500 से 6250, चना 4400 से 4601, चना गुलाबी 4200 से 4500, चना मौसमी 4200 से 4500, चना कांटा 4200 से 4400, उड़द 3000 से 6550, धनिया पुराना 4500 से 6000, धनिया नया बादामी 6000 से 6500, धनिया ईगल 6400 से 6800, धनिया रंगदार नया 6500 से 7500 रुपए प्रति क्विंटल रहे।

खाद्य तेल (भाव 15 किलो प्रति टिन): सोया रिफाइंड: फॉच्र्यून 2425, चम्बल 2405, सदाबहार 2325, किचन लाइट 2210, दीपज्योति 2345, सरसों स्वास्तिक 2650, अलसी 2510 रुपए प्रति टिन।
मूंगफली: ट्रक 2800, स्वास्तिक निवाई 2550, कोटा स्वास्तिक 2500, सोना सिक्का 2610 रुपए प्रति टिन।

देसी घी: मिल्क फूड 5900, कोटा फ्रेश 5800, पारस 5900, नोवा 5900, अमूल 6250, सरस 6550, मधुसूदन 6400 रुपए प्रतिटिन।
वनस्पति घी: स्कूटर 1720, अशोका 1720 रुपए प्रतिटिन।
चीनी: 3530-3580 प्रति क्विंटल।

चावल व दाल: बासमती चावल 5600-7200, पौना 4500-5200, डबल टुकड़ी 3800-4300, टुकड़ी 2400-3000, गोल्डन बासमती साबुत 5200-7000, पौना 3000-3800, डबल टुकड़ी 2500- 3000, कणी 2000-2500, तुअर 8500-9900, मूंग 7000-7400, मूंग मोगर 7500-8400, उड़द 7500-8400, उड़द मोगर 7500-9500, मसूर मलका 7400-8000, चना दाल 6000-6200, पोहा 2700-3800 रुपए प्रति क्विंटल।

सोने-चांदी में तेजी
कोटा. स्थानीय सर्राफा बाजार में बुधवार को सोने-चांदी के भावों में तेजी रही। चांदी 200 रुपए तेजी के साथ 65,000 रुपए प्रति किलो बोली गई, जबकि जेवराती सोना 100 रुपए तेजी के साथ भाव 47,900 रुपए प्रति दस ग्राम रहे।
भाव: चांदी 65,000 रुपए प्रति किलोग्राम, कैडबरी सोना प्रति 10 ग्राम 47,900 रुपए, शुद्ध सोना प्रति 10 ग्राम 48,150 रुपए बिका। टैक्स व अन्य खर्चे अलग।

अंडा बाजार
कोटा. अंडा कारोबार में फार्मी अंडा 460 रुपए प्रति सैकड़ा, 150 रुपए प्रति प्लेट, 70 रुपए दर्जन।

के. आर. मुण्डियार

बारह मास बहने वाली चम्बल नदी राजस्थान व मध्यप्रदेश में सभ्यता व संस्कृति तथा खुशहाली का वरदान है। दोनों राज्यों में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से चम्बल हम सभी का भरण-पोषण कर रही है। लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते मां चम्बल खुद ही संकट से जूझ रही है। कोटा से लेकर धौलपुर तक चम्बल में प्रदूषित पानी प्रवेश करने से न केवल पूरी जैव विविधता पर खतरा मंडरा रहा है, वहीं अवैध खनन से वन्य जीवों व घडिय़ालों के जीवन पर भी संकट आ रहा है। चम्बल के किनारों को जगह-जगह नुकसान पहुंचाया जा रहा है। तटों पर मिट्टी के कटाव की वजह से बरसात के समय चम्बल का पानी आबादी क्षेत्र में बाढ़ बन कहर बरपाता है।

चार-पांच दशक पहले तक चम्बल नदी कोटा शहर के पास भी खुलकर व फैलाव के साथ बहती थी। लेकिन कुछ सालों में पनपी अवैध बस्तियों की बाढ़ ने चम्बल को ही सिकुडऩे व आपदा बरपाने के लिए मजबूर कर दिया। साल 2019 में भारी बरसात के दौरान चम्बल तो अपने दायरे में ही बह रही थी, लेकिन जिन्होंने चम्बल की सीमा तोड़ी थी, चम्बल ने बाढ़ के रूप में उन सभी को चपेट में ले लिया।

बीते साल 2020 में भी चम्बल पूरे परवान पर रही। कोटा से लेकर धौलपुर तक बाढ़ के हालात रहे। इस साल (2021) मध्यप्रदेश व हाड़ौती में भारी बरसात के बाद चम्बल की सहायक नदियां उफान पर आ गई। इन नदियों ने झालावाड़, कोटा व बारां में बाढ़ से तबाही मचा दी। सहायक नदियों से पानी की भारी आवक एवं कोटा बैराज के गेट खोलने के बाद चम्बल ने धौलपुर तक अपना रौद्र रूप दिखा दिया।

बड़ा सवाल यह है कि आखिर चम्बल का गला कौन घोंट रहा है? सीधा सा जवाब है कि सरकार व सिस्टम की अनदेखी के साथ सबसे पहले हम ही जिम्मेदार है। जिस चम्बल से हमारा भरण-पोषण हो रहा है, हम उसी मां रूपी चम्बल में प्रदूषित पानी का जहर घोल रहे हैं। रूपए कमाने के लालच में खनन माफिया मां के आंचल से बजरी का अवैध खनन कर घडिय़ालों की वंशवृद्धि पर ही कहर ढा रहे हैं। प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण चम्बल पर दिनों-दिन दखल बढऩे से वन्यजीव भी अपना स्थान बदल रहे हैं।


दोनों राज्यों में जहां से भी चंबल गुजरती है, वहां के हालात भविष्य में बड़ी विपदा को बुलाने जैसे हैं। यदि अभी नहीं चेते तो चंबल के कारण जो सपन्नता राजस्थान और मध्यप्रदेश में दिख रही है, वह समाप्त हो जाएगी। बजरी की लूट से चंबल का हुलिया बिगाडऩे वालों को राजनीतिक संरक्षण है, यह भी किसी से छिपा नहीं है। आखिर जिम्मेदार इस अनर्थ को रोकने के लिए आगे क्यों नहीं आ रहे।

नेताओं व अफसरों को अब बिना वक्त गंवाएं चंबल को सम्बल देने के लिए आगे आना चाहिए। नेता और अफसर दोनों आगे नहीं आते तो जनता को जाग जाना चाहिए। अवैध खनन रोकने के लिए आवाज बुलंद करनी चाहिए। जब कभी अवैध खनन का मुद्दा उठता है तो खानापूर्ति के लिए कार्रवाई होती और फिर कुछ दिनों बाद माफिया अपना खेल शुरू कर देता है। मिलीभगत से चल रहे इस खेल के बारे में पुलिस, प्रशासन और जनप्रतिनिधि सब जानते हैं। इसके बाद भी इसे रोकने के लिए जिस तरह की प्रभावी कार्रवाई होनी चाहिए, वैसी अभी तक नहीं हो पाई। चम्बल को बचाने के लिए कई बार अभियान शुरू हुए, लेकिन उनका असर जिम्मेदारों पर नहीं पड़ा। अब तो जनता को ही कुछ करना होगा। चम्बल को बचाने (save chambal ) के लिए सभी को सामूहिक प्रयास करने होंगे तभी आने वाली पीढ़ी के लिए इसे बचा जाएंगे।

कोटा. कोटा संभाग में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए छह सदस्यीय केन्द्रीय मंत्रालयों का दल बुधवार रात कोटा पहुंचा। यह दल गुरुवार सुबह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दौरा कर नुकसान का आकलन करेगा।
कोटा जिला कलक्टर उज्ज्वल राठौड़ ने बताया कि अन्तर मंत्रालयिक केन्द्रीय दल के प्रतिनिधि जिले में अतिवृष्टि एवं बाढग़्रस्त क्षेत्रों में भ्रमण कर नुकसान का जायजा लेंगे। उन्होंने बताया कि जिले में कोटा नगर निगम क्षेत्र के साथ इटावा व सांगोद के शहरी क्षेत्रों के अलावा जिले में 508 गांव अतिवृष्टि से प्रभावित हुए हैं। इनमें सोयाबीन, उड़द एवं अन्य खरीफ फसलों में नुकसान हुआ है। बड़ी संख्या में सार्वजनिक एवं निजी सम्पतियों को क्षति पहुंची है। अन्तर मंत्रालयिक केन्द्रीय दल में दो टीम का गठन किया गया है। प्रथम टीम में गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव सुमन्त सिंह, वित्त मंत्रालय में सलाहकार आरबी कौल एवं जल संसाधन मंत्रालय में निदेशक एचएच सेंगर कोटा एवं बूंदी जिले में अतिवृष्टि व बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय दल में शामिल द्वितीय टीम में कृषि विभाग में निदेशक आरपी सिंह, सडक़ एवं परिवहन मंत्रालय में क्षेत्रीय अधिकारी आलोक दीपंकर सहित ग्रामीण विकास मंत्रालय में अवर सचिव एस.बी. तिवारी बारां एवं झालावाड़ जिले में नुकसान का जायजा लेंगे। यह टीम मंगलवार को कोटा आनी थी, लेकिन किन्ही कारणों से नहीं आ पाई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को हाड़ौती के हालातों से अवगत कराया, इसके बाद केन्द्र से कोटा टीम भेजने का निर्णय हुआ।

कोटा.हरियाली तीज बुधवार को श्रद्धापूर्वक मनाई। महिलाओं ने व्रत रखकर तीज माता का पूजन किया। महिलाओं ने तीज माता का पूजन कर पति की दीर्घायु की कामना की। बालिकाओं ने श्रेष्ठ वर की कामना करते हुए शिव पार्वती को मनाया। उन्होंने पूजा अर्चना कर फल, मेवा मिष्ठान का भोग लगाया।

हर्षोल्लास के वातावरण में सजधज कर जगह जगह तीज पर पूजन करती नजर आई। घर-आंगन, मंदिर समेत अन्य कई जगहों पर कहीं परिवार की महिलाओं के संग, कहीं सामूहिक रूप से पूजन करती दिखीं। तीज माता का पूजन कर उन्होंने कथाएं भी सुनी व बड़े-बूढ़ों का आशीर्वाद लिया।

हिंडोला सजाया

हरियाली तीज के मौके पर कई मंदिरों में भी विशेष शृंगार किया। रंगबाड़ी रोड स्थित बांके बिहारी मंदिर में हरियाला शृंगार किया गया। ठाकुरजी ने उपवन के बीच अष्ट सखियों के संग दर्शन दिए। मंदिर समिति की ओर से राजेन्द्र खंडेलवाल के अनुसार ठाकुरजी के विशेष हिंडोला भी सजाया गया। रात को शयन आरती तक श्रद्धालुओं ने कोविड की पालना करते हुए दर्शन लाभ लिया।

उत्सव संयोजक गिरधर बढेरा समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। श्रद्धालुओं को घेवर का प्रसाद वितरित किया गया। तलवंडी स्थित राधाकृष्ण मंदिर में सुबह सुगंधित जल से भगवान का अभिषेक किया। शाम को लहरिया व रत्नजडि़त आभूषण ठाकुरजी को धारण करवाए गए। रवि अग्रवाल ने बताया कि ठाकुरजी के पुष्प व फलों से सजे हिंडोले में दर्शन करवाए व घेवर का भोग लगाया।

पूजन किया,शोभायात्रा स्थगित

श्रावणी तीज मेला आयोजन समिति की ओर से तीज माता का पूजन भरावा सदन पर किया गया। समिति अध्यक्ष बसंत भरावा ने जंक्शन क्षेत्र में परंपरागत रूप से तीज माता की स्थापना की व तीज माता पूजन किया। मुख्य अतिथि भाजपा नेत्री सुमन श्रृंगी रहीं। कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए शोभायात्रा नहीं निकालीञ मेला भी स्थगित कर दिया गया।

कोटा.
राजधानी जयपुर समेत प्रदेश के कोटा व सीकर जिले में राजकीय महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में बच्चों से विकास शुल्क वसूलने के मामले में शिक्षा निदेशालय बीकानेर भी हरकत में आ गया है। शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने कोटा के अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक प्रदीप चौधरी से फोन पर अंग्रेजी स्कूलों में विकास शुल्क वसूली के प्रकरण की पूरी जानकारी ली। इस पर एडीईओ ने निदेशक को पूरे प्रकरण से अवगत कराया।
वहीं कोटा में जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) के. के. शर्मा ने गुमानपुरा अंग्रेजी माध्यमिक स्कूल के नोडल अधिकारी व प्रिंसिपल से बीते दो साल में बच्चों से वसूली गई फीस व विकास शुल्क का ब्यौरा मांगा है। उन्होंने बताया कि नोडल अधिकारी से जिले के सभी 6 अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों से 2020-21, 2021-22 में कक्षावार वसूली फीस का ब्यौरा, वर्तमान व कुल नामांकन कक्षावार, वर्तमान सत्र में कुल रिक्त व दिए गए प्रवेश कक्षावार और एसडीएमसी के प्रस्ताव की प्रति सहित तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका के सोमवार के अंक में ' यह कैसी नि:शुल्क शिक्षा : बच्चों से वसूल रहे 3000 रुपए तक शुल्क' शीर्षक से खबर प्रकाशित की। इसके बाद शिक्षा विभाग व संंबंधित विद्यालय हरकत में आ गए। कोटा जिले के अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों से लाखों का विकास शुल्क लिया जा चुका है। वहीं राजधानी जयपुर व सीकर जिले में विद्यार्थियों से मनमानी का विकास शुल्क वसूल किया गया है।


अभिभावक बोले, शुल्क लौटाएं-
अभिभावकों ने कहा कि राजकीय महात्मा गांधी स्कूलों में सरकारी कर्मचारी के बच्चों से 5000 रुपए व सामान्य परिवारों के बच्चों से 3000 रुपए तक वसूली की जा रही है। जबकि नि:शुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत इस तरह की वसूली नहीं की जा सकती है। बच्चों से वसूला गया विकास शुल्क रिफंड किया जाए।


विद्यालयों ने बैक डेट में काटी रसीदें-
नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE ACT ) का उल्लंघन कर विकास शुल्क ले चुके विद्यालय अब बचाव की कोशिश में हैं। विद्यालयों ने बच्चों से लिए शुल्क की बैक डेट में रसीदें काटी है।

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निजी कम्पनी से विकास, फिर भी बच्चों पर बोझ-
सुल्तानपुर विद्यालय में सीएफसीएल (गड़ेपान) की ओर से स्मार्ट क्लासेज, फर्नीचर, कम्प्यूटर, भवन मरम्मत व रंगरोगन, शौचालय निर्माण इत्यादि सुविधा के कार्य करवाए गए हैं। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि विद्यार्थियों से लिया गया विकास शुल्क बच्चों के विकास पर कहां खर्च किया जाएगा।


कोटा में बच्चों से लिया शुल्क : एक नजर
-अंग्रेजी माध्यम विद्यालय गुमानपुरा में प्रथम क्लास में 30 नए बच्चों ने प्रवेश लिया। स्कूल ने 30 नए बच्चों से 3-3 हजार व 19 पुराने से 1-1 हजार रुपए लिए।
-अंग्रेजी माध्यम विद्यालय नयापुरा में विकास शुल्क पहले तो 3 हजार तय किया। जिस पर 18 बच्चों से 54 हजार रुपए वसूले। लेकिन बीच में प्रिंसिपल ने आदेश पर रोक लगा दी।
-अंग्रेजी माध्यम विद्यालय सांगोद में नए प्रवेश लेने वाले 30 बच्चों में प्रत्येक से 500 रुपए का शुल्क लिया गया।
-अंग्रेजी माध्यम विद्यालय रामगंजमंडी में नए प्रवेश लेने वाले 30 विद्यार्थियों में प्रत्येक से 500 रुपए का विकास शुल्क लिया।
-अंग्रेजी माध्यम विद्यालय इटावा में नए प्रवेश लेने वाले 30 विद्यार्थियों से प्रत्येक से 500 रुपए का विकास शुल्क लिया गया।
-अंग्रेजी माध्यम विद्यालय सुल्तानपुर में नए 120 विद्यार्थियों में प्रत्येक से 2 हजार रुपए का विकास शुल्क लिया गया।


इनका कहना है-
विद्यालयों से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है। बिना अनुमति व आरटीई नियम का उल्लंघन कर मनमानी से शुल्क वसूलने में जो भी दोषी होगा, उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्यालय को लिखा जाएगा।
-प्रदीप चौधरी, अतिरिक्त जिला अधिकारी माध्यमिक शिक्षा (प्रशासन), कोटा

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