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Table of Contents
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बरसात के बाद अब बीमारियों ने घेरा Wednesday 11 August 2021 12:22 PM UTC+00 ![]() बारां. जिले में लगातार बारिश का दौर जारी रहने से इसका असर लोगों की सेहत पर होने लगा है। स्वास्थ्य खराब होने से लोग अस्पतालों में पहुंचने लगे हैं। इससे अस्पतालों में भी भीड़ उमड़ रही है। यहां जिला चिकित्सालय में मंगलवार को उपचार-परामर्श लेने पहुंचने वाले मरीजों से ओपीडी का आंकड़ा दो हजार के पार पहुंच गया। इससे चिकित्सकों को दिखाने के लिए लोगों को देर तक इंतजार करना पड़ा। हालांकि बारिश के कारण मौसमी बीमारी होने से मरीजों को भर्ती करने की नौबत नहीं आ रही है। इससे आईपीडी की संख्या कम है। बहुत कम लोगों को भर्ती करना पड़ रहा है। जिला चिकित्सालय में मंगलवार शाम तक करीब 135 मरीजों को भर्ती किया गया।
इन दिनों वायरल के मरीज अधिक आ रहे हंै। कुछ उल्टी, दस्त व पीलिया के भी आ रहे हंै। बारिश के दौरान लोगों को पानी उबाल कर छानकर पीना चाहिए। ताजा फल, ताजा खाना खाएं और इम्यूनिटी बनाकर रखें। इस दौरान कोरोना की जांच कराते हैं तो वह भी नेगेटिव आ रहा है। दो दिन के अवकाश के बाद मंगलवार को मरीजों की भीड़ रही। इससे शाम तक ओपीडी दो हजार को पार कर गई। भीड़ अधिक होने से लाइन भी लगती है, लेकिन व्यवस्था सुचारू है। इससे विशेष समस्या नहीं है। |
रावतभाटा परमाणु बिजलीघर की निर्माणाधीन इकाई में स्पार्किंग से तीन कर्मचारी झुलसे, दो गंभीर Wednesday 11 August 2021 02:55 PM UTC+00 ![]() रावतभाटा (कोटा). राजस्थान परमाणु विद्युत परियोजना की निर्माणाधीन इकाई 7 में बुधवार दोपहर में इलेक्ट्रिक पैनल की जांच करते समय स्पार्किंग होने से सुपरवाइजर सहित तीन कर्मचारी झुलस गए। सुपरवाइर को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। जबकि दो कर्मचारियों की हालत नाजुक होने के कारण उनका कोटा के निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है। read more : दोस्त से मिलने जयपुर से कोटा आई किशोरी, 'साथी' ने किया दगा जानकारी के अनुसार, निर्माणाधीन इकाई में सुपरवाइजर रविकांत के साथ कर्मचारी भवानीसिंह व नंदकिशोर शर्मा मोटर कंट्रोल सेंटर में इलेक्ट्रिक पैनल पर काम कर रहे थे। कार्य करते समय पैनल पर फ्लैश हुआ। इसमें इलेक्ट्रिक स्पार्किंग से तीनों कर्मचारी झुलस गए। स्पार्क से हुआ हादसा परियोजना निदेशक एके शीत ने बताया कि कार्य के दौरान पैनल में स्पार्क होने से हादसा हुआ। केंद्र निदेशक एस हलधर ने बताया कि मामले में परमाणु विद्युत परियोजना की स्टैंडिंग कमेटी की ओर से जांच की जाएगी। |
बिट्स काउंसलिंग प्रक्रिया प्रारंभ Wednesday 11 August 2021 02:56 PM UTC+00 ![]() कोटा. देश के ख्यातनाम इंजीनियरिंग शिक्षण संस्थानों में शामिल बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एण्ड साइंसेज की काउंसलिंग प्रवेश प्रारंभ हो चुकी है। बिटसेट परीक्षा ऑनलाइन मोड में 3 से 9 अगस्त तक हुई थी। बिट्स पिलानी, गोवा और हैदराबाद में प्रवेश के लिए करवाई जा रही काउंसलिंग के लिए स्टूडेंट्स 21 अगस्त तक आवेदन कर सकते हैं। काउंसलिंग के लिए आवेदन प्रक्रिया तीन चरणों में है। पहले चरण में स्टूडेंट्स को अपनी समस्त जानकारी चेक करनी होगी। कोई भी त्रुटि होने पर स्टूडेंट्स उसमें बदलाव कर सकते है। दूसरे चरण में विद्यार्थी को अपने 12वीं के फिजिक्स, कैमिस्ट्री, मैथ्स में प्राप्तांकों को भरना होगा। तीसरे चरण में बिट्स के तीनों कैंपस की ब्रांच वाइज कॉलेजेस की प्राथमिकता घटते क्रम में भरनी होगी। काउंसलिंग में भाग लेने की फ ीस 1000 रुपए रखी गई है, जो की नॉन रिफं डेबल है। बिट्स भारत के उन संस्थानों में शामिल है, जहां किसी भी कैटेगरी का कोई रिजर्वेशन नहीं है। साथ ही, प्रवेश पात्रता भी सभी कैटेगरी के लिए बराबर है। बिट्स में 12वीं प्रवेश पात्रता फि जिक्स, कैमिस्ट्री, मैथ्स में औसतन 75 प्रतिशत और प्रत्येक में 60 प्रतिसहत होना अनिवार्य है। 68 हजार नए आवेदन जेईई मेन चौथे व अंतिम सेशन के लिए 68 हजार से अधिक नए विद्यार्थी आवेदन कर चुके हैं। ये वे विद्यार्थी हैं, जिन्होंने पूर्व में तीनों सेशन की परीक्षा नहीं दी। ऐसे में चौथे सेशन की परीक्षा में भी 7 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स परीक्षा देंगे। साथ ही, चारों सेशन मिलाकर 10 लाख से अधिक यूनीक कैंडिंडेट जेईई मेन में बैठेंगे। जिनके आधार पर एआईआर जारी की जाएगी। चौथे व अंतिम सेशन की परीक्षा 26, 27, 31 अगस्त व 1 व 2 सितम्बर को आयोजित की जाएगी। |
Raksha Bandhan 2021 : डाकघर में कॉल करें, राखी का लिफाफा आपके घर पहुंच जाएगा Wednesday 11 August 2021 03:10 PM UTC+00 ![]() कोटा. Raksha Bandhan 2021 Date- 22 August
रहेगा सुविधाजनक- |
कोटा मंडी भाव 11 अगस्त : सोयाबीन में तेजी, अन्य कृषि जिंसों के भाव स्थिर रहे Wednesday 11 August 2021 03:36 PM UTC+00 ![]() कोटा. भामाशाह मंडी में बुधवार को विभिन्न कृषि जिंसों की 25 हजार बोरी आवक हुई। सोयाबीन 100 रुपए प्रति क्विंटल भाव तेज रहे। लहसुन की आवक करीब 5,000 कट्टे की रही। लहसुन 1800 से 8000 रुपए प्रति क्विंटल बिका। किराना बाजार में भाव स्थिर रहे। भाव : गेहूं मील 1650 से 1761, गेहूं टुकड़ी एवरेज 1760 से 1851, गेहूं बेस्ट टुकड़ी 1851 से 1951, सोयाबीन 6500 से 8500, सरसों 6550 से 6750, धान सुंगधा 1800 से 2200, धान (1509) 1800 से 2300, धान पूसा वन 2300 से 2530, धान (1121) 2100 से 2601, मक्का 1600 से 1840, अलसी 6800 से 7300, तिल्ली 6500 से 7850, ग्वार 3000 से 4000, मैथी 5500 से 6500, कलौंजी 16000 से 19100, जौ 1500 से 1800, ज्वार 1300 से 3000, मसूर 5000 से 5400, मूंग हरा 5500 से 6250, चना 4400 से 4601, चना गुलाबी 4200 से 4500, चना मौसमी 4200 से 4500, चना कांटा 4200 से 4400, उड़द 3000 से 6550, धनिया पुराना 4500 से 6000, धनिया नया बादामी 6000 से 6500, धनिया ईगल 6400 से 6800, धनिया रंगदार नया 6500 से 7500 रुपए प्रति क्विंटल रहे। चावल व दाल: बासमती चावल 5600-7200, पौना 4500-5200, डबल टुकड़ी 3800-4300, टुकड़ी 2400-3000, गोल्डन बासमती साबुत 5200-7000, पौना 3000-3800, डबल टुकड़ी 2500- 3000, कणी 2000-2500, तुअर 8500-9900, मूंग 7000-7400, मूंग मोगर 7500-8400, उड़द 7500-8400, उड़द मोगर 7500-9500, मसूर मलका 7400-8000, चना दाल 6000-6200, पोहा 2700-3800 रुपए प्रति क्विंटल। अंडा बाजार |
Chambal River - मां चम्बल की पुकार : मत करो मेरे कलेजे पर वार, नहीं तो दिखा दूंगी तबाही का मंजर Wednesday 11 August 2021 05:02 PM UTC+00 ![]() के. आर. मुण्डियार बारह मास बहने वाली चम्बल नदी राजस्थान व मध्यप्रदेश में सभ्यता व संस्कृति तथा खुशहाली का वरदान है। दोनों राज्यों में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से चम्बल हम सभी का भरण-पोषण कर रही है। लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते मां चम्बल खुद ही संकट से जूझ रही है। कोटा से लेकर धौलपुर तक चम्बल में प्रदूषित पानी प्रवेश करने से न केवल पूरी जैव विविधता पर खतरा मंडरा रहा है, वहीं अवैध खनन से वन्य जीवों व घडिय़ालों के जीवन पर भी संकट आ रहा है। चम्बल के किनारों को जगह-जगह नुकसान पहुंचाया जा रहा है। तटों पर मिट्टी के कटाव की वजह से बरसात के समय चम्बल का पानी आबादी क्षेत्र में बाढ़ बन कहर बरपाता है। चार-पांच दशक पहले तक चम्बल नदी कोटा शहर के पास भी खुलकर व फैलाव के साथ बहती थी। लेकिन कुछ सालों में पनपी अवैध बस्तियों की बाढ़ ने चम्बल को ही सिकुडऩे व आपदा बरपाने के लिए मजबूर कर दिया। साल 2019 में भारी बरसात के दौरान चम्बल तो अपने दायरे में ही बह रही थी, लेकिन जिन्होंने चम्बल की सीमा तोड़ी थी, चम्बल ने बाढ़ के रूप में उन सभी को चपेट में ले लिया। बीते साल 2020 में भी चम्बल पूरे परवान पर रही। कोटा से लेकर धौलपुर तक बाढ़ के हालात रहे। इस साल (2021) मध्यप्रदेश व हाड़ौती में भारी बरसात के बाद चम्बल की सहायक नदियां उफान पर आ गई। इन नदियों ने झालावाड़, कोटा व बारां में बाढ़ से तबाही मचा दी। सहायक नदियों से पानी की भारी आवक एवं कोटा बैराज के गेट खोलने के बाद चम्बल ने धौलपुर तक अपना रौद्र रूप दिखा दिया। बड़ा सवाल यह है कि आखिर चम्बल का गला कौन घोंट रहा है? सीधा सा जवाब है कि सरकार व सिस्टम की अनदेखी के साथ सबसे पहले हम ही जिम्मेदार है। जिस चम्बल से हमारा भरण-पोषण हो रहा है, हम उसी मां रूपी चम्बल में प्रदूषित पानी का जहर घोल रहे हैं। रूपए कमाने के लालच में खनन माफिया मां के आंचल से बजरी का अवैध खनन कर घडिय़ालों की वंशवृद्धि पर ही कहर ढा रहे हैं। प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण चम्बल पर दिनों-दिन दखल बढऩे से वन्यजीव भी अपना स्थान बदल रहे हैं।
नेताओं व अफसरों को अब बिना वक्त गंवाएं चंबल को सम्बल देने के लिए आगे आना चाहिए। नेता और अफसर दोनों आगे नहीं आते तो जनता को जाग जाना चाहिए। अवैध खनन रोकने के लिए आवाज बुलंद करनी चाहिए। जब कभी अवैध खनन का मुद्दा उठता है तो खानापूर्ति के लिए कार्रवाई होती और फिर कुछ दिनों बाद माफिया अपना खेल शुरू कर देता है। मिलीभगत से चल रहे इस खेल के बारे में पुलिस, प्रशासन और जनप्रतिनिधि सब जानते हैं। इसके बाद भी इसे रोकने के लिए जिस तरह की प्रभावी कार्रवाई होनी चाहिए, वैसी अभी तक नहीं हो पाई। चम्बल को बचाने के लिए कई बार अभियान शुरू हुए, लेकिन उनका असर जिम्मेदारों पर नहीं पड़ा। अब तो जनता को ही कुछ करना होगा। चम्बल को बचाने (save chambal ) के लिए सभी को सामूहिक प्रयास करने होंगे तभी आने वाली पीढ़ी के लिए इसे बचा जाएंगे। |
कोटा जिले में 508 गांव अतिवृष्टि से प्रभावित Wednesday 11 August 2021 05:49 PM UTC+00 ![]() कोटा. कोटा संभाग में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए छह सदस्यीय केन्द्रीय मंत्रालयों का दल बुधवार रात कोटा पहुंचा। यह दल गुरुवार सुबह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दौरा कर नुकसान का आकलन करेगा। |
तीज माता का पूजन कर बालिकाओं ने मांगा श्रेष्ठ वर, महिलाओं ने सौभाग्य Wednesday 11 August 2021 05:52 PM UTC+00 ![]() कोटा.हरियाली तीज बुधवार को श्रद्धापूर्वक मनाई। महिलाओं ने व्रत रखकर तीज माता का पूजन किया। महिलाओं ने तीज माता का पूजन कर पति की दीर्घायु की कामना की। बालिकाओं ने श्रेष्ठ वर की कामना करते हुए शिव पार्वती को मनाया। उन्होंने पूजा अर्चना कर फल, मेवा मिष्ठान का भोग लगाया। हर्षोल्लास के वातावरण में सजधज कर जगह जगह तीज पर पूजन करती नजर आई। घर-आंगन, मंदिर समेत अन्य कई जगहों पर कहीं परिवार की महिलाओं के संग, कहीं सामूहिक रूप से पूजन करती दिखीं। तीज माता का पूजन कर उन्होंने कथाएं भी सुनी व बड़े-बूढ़ों का आशीर्वाद लिया। हिंडोला सजाया हरियाली तीज के मौके पर कई मंदिरों में भी विशेष शृंगार किया। रंगबाड़ी रोड स्थित बांके बिहारी मंदिर में हरियाला शृंगार किया गया। ठाकुरजी ने उपवन के बीच अष्ट सखियों के संग दर्शन दिए। मंदिर समिति की ओर से राजेन्द्र खंडेलवाल के अनुसार ठाकुरजी के विशेष हिंडोला भी सजाया गया। रात को शयन आरती तक श्रद्धालुओं ने कोविड की पालना करते हुए दर्शन लाभ लिया। उत्सव संयोजक गिरधर बढेरा समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। श्रद्धालुओं को घेवर का प्रसाद वितरित किया गया। तलवंडी स्थित राधाकृष्ण मंदिर में सुबह सुगंधित जल से भगवान का अभिषेक किया। शाम को लहरिया व रत्नजडि़त आभूषण ठाकुरजी को धारण करवाए गए। रवि अग्रवाल ने बताया कि ठाकुरजी के पुष्प व फलों से सजे हिंडोले में दर्शन करवाए व घेवर का भोग लगाया। पूजन किया,शोभायात्रा स्थगित श्रावणी तीज मेला आयोजन समिति की ओर से तीज माता का पूजन भरावा सदन पर किया गया। समिति अध्यक्ष बसंत भरावा ने जंक्शन क्षेत्र में परंपरागत रूप से तीज माता की स्थापना की व तीज माता पूजन किया। मुख्य अतिथि भाजपा नेत्री सुमन श्रृंगी रहीं। कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए शोभायात्रा नहीं निकालीञ मेला भी स्थगित कर दिया गया। |
RTE ACT : डीईओ ने स्कूलों से पूछा : बताओ, दो साल में कितना वसूला शुल्क Wednesday 11 August 2021 06:03 PM UTC+00 ![]() कोटा.
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