>>: Digest for August 14, 2021

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नागौर. जयगच्छीय जैन साध्वी बिंदुप्रभा ने शुक्रवार को कहा कि मनुष्य जन्म प्राप्त करना जितना दुर्लभ है, उससे भी ज्यादा दुर्लभ जिनवाणी श्रवण करना है। क्योंकि सभी मनुष्य इसका श्रवण नहीं कर पाते हैं। वे जयमल जैन पौषधशाला में जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में प्रवचन सभा को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि जो सुनता है वह श्रावक कहलाता है। श्रोता तीन प्रकार के होते हैं। पहले प्रकार के श्रोता उस चिकने घड़े के समान होते हैं। जिस पर भले ही कितना ही पानी डाल दो एक बूंद भी नहीं टिकती है। वे एक कान से सुनते हैं, दूसरे कान से निकाल देते हैं। दूसरे श्रोता सुनने के बाद उसे कुछ समय तक धारण कर रखते हैं। लेकिन पूरी तरह से आचरण में नहीं उतार पाते हैं। जबकि उत्कृष्ट श्रेणी के श्रोता सुनने के बाद उसे आचरण में भी लेकर आ जाते हैं। हर श्रावक को इसी प्रकार का श्रोता बनते हुए प्रत्येक तत्व को सुनने के बाद उसे समझकर आचरण में उतारना चाहिए। सच्चे श्रावक बनने के लिए श्रावकोचित आचार को आत्मसात करने की आवश्यकता है। जिस प्रकार नल से गिरने वाली पानी की बूंदों से कुछ समय बाद कठोर पत्थर में भी छेद हो जाता है। इसी प्रकार से बार-बार जिनवाणी का श्रवण करने पर कठोर हृदय वाले जीव में भी परिवर्तन आ सकता है। व्यक्ति को कानों से ही नहीं अपितु प्राणों से भी श्रवण करना चाहिए। तभी उसमें परिवर्तन आता है। दोपहर में महाचमत्कारिक जयमल जाप किया गया।

नागौर. बी.आर. मिर्धा राजकीय महाविद्यालय के भूगोल विभाग व नेत्रा जियोइन्फोरमेटिक मैनेजमेंट एण्ड टेकनॉलोजिज फाउण्डेशन, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में च्भौगोलिक सूचना तकनीक एवं रोजगार के अवसरज् विषय पर राष्ट्रीय वेबीनार हुआ। प्रो. पूर्णिमा झा ने स्वागत उद्बोधन दिया। प्राचार्य शंकरलाल जाखड़ ने कहा कि भौगोलिक सूचना तकनीक की वर्तमान समय में महत्वपूर्ण भूमिका है। इस तकनीक ने जीवन को बहुत ही आसान बना दिया है। इस क्षेत्र विद्यार्थियों के कैरियर बनाने की अपार संभावनाएं हैं। इस राष्ट्रीय स्तर के वेबीनार के माध्यम से देश के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभागियों के ज्ञान में वृद्धि होगी और इस कोरोना काल में ऐसे आयोजन बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। वेबीनार के मुख्य अतिथि भूगोल विभाग, के.एस.जी.एम. कॉलेज, निरसा, झारखण्ड के असिस्टेट प्रोफेसर टिकैत मांझी ने कहा कि भौगोलिक सूचना तंत्र के माध्यम से महाद्वीप व महासागरों जैसे विस्तृत भू-भागों से लेकर सूक्ष्म क्षेत्र तक के आंकड़ों एवं फोटो के माध्यम से जानकारी प्राप्त की जा सकती है। विशेषकर यह तकनीक ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत ही लाभप्रद सिद्ध हो सकती है। भौगोलिक सूचना तकनीक के द्वारा उपग्रहों, दूरसंवेदन, वायुयानों, ड्रोन कैमरा आदि के माध्यम से आंकड़ों व चित्रों को सर्वेक्षण द्वारा संग्रहित एवं विश्लेषित कर जानकारी प्राप्त की जा सकता है। विद्यार्थियों की विभिन्न शंकाओं व समस्याओं का समाधान प्रश्नोत्तर के सत्र द्वारा किया गया। अंत में राष्ट्रीय वेबीनार के समन्वयक डॉ. हेमा राम धुंधवाल ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इसमेे एन.आई.एम.जी.एन.टी. नई दिल्ली के मदनसिंह, अंशु राघव, देवेन्द्र सिंह व इस महाविद्यालय के आरिफ गौरी व प्रो. अविनाश व्यास ने महत्वपूर्ण तकनीकी भूमिका निभाई। महाविद्यालय के डॉ. प्रेमसिंह बुगासरा, ओ.पी. दवे, प्रो. सुरेन्द्र कागट, प्रो. भूपेश, डॉ. प्रकाश नारायण, प्रो. भैरू प्रकाश नवल, प्रो. विनिता मिर्धा, आदि थे।

नागौर. न्यू रीको क्षेत्र विकास समिति एवं लघु उद्योग भारती के पदाधिकारियों ने क्षेत्रीय प्रबन्धक राधाकिशन गुप्ता से मुलाकात कर विकास से जुड़े विषयों पर चर्चा की। गुप्ता के नागौर का पदभार संभालने के मौके पर उनका स्वागत किया गया। क्षेत्रीय प्रबन्धक गुप्ता ने कहा कि वह व्यापारियों के साथ मिलकर सभी समस्याओं के समाधान करने की कोशिश करेंगे। जायल एवं नागौर के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष भोजराज सारस्वत ने रीको आईआईडी क्षेत्र व पुराने रीको क्षेत्र की समस्याएं बताई। गोगेलॉव क्षेत्र में इसके लिए स्थिति बनाकर भूखण्ड आवंटन किए जाने की प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया गया। इसमें न्यू रीको क्षेत्र विकास समिति के महामंत्री रामरतन बिश्नोई, बजरंग कुमावत, शिवकरण डेलू, हरिराम धारणियां व कैलाश आदि मौजूद थे।
जिला स्तरीय आमुखीकरण कार्यशाला में चर्चा
नागौर. साक्षरता एवं सतत शिक्षा कार्यालय में ब्लॉक संदर्भ व्यक्तियों एवं कंप्यूटर ऑपरेटर की जिला स्तरीय आमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। 'पढऩा लिखना अभियान' के अंतर्गत 28 जुलाई से 31 जुलाई तक आयोजित बुनियादी साक्षरता मूल्यांकन परीक्षा परिणाम तैयार करने के संदर्भ में कार्यशाला में ब्लॉक साक्षरता प्रभारी एवं कंप्यूटर ऑपरेटर का परीक्षा परिणाम की तैयारी के लिए आमुखीकरण किया गया। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला साक्षरता एवं सतत शिक्षा अधिकारी मोहना राम एवं सहायक परियोजना अधिकारी रामनिवास रॉयल ने विभागीय सूचनाएं सही एवं निर्धारित समय सीमा में देने के निर्देश दिए। जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण के प्रतिनिधि चंपालाल कुमावत ने परीक्षा परिणाम निर्धारित प्रारूप में निर्देशानुसार तैयार करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश देने के साथ ही उपस्थित संभागियों को आ रही बाधाओं का समाधान प्रस्तुत किया। परीक्षा परिणाम प्रविष्टि के 50 कॉलम के प्रपत्र में सूचनाएं सही दर्ज करने का व्यावहारिक अभ्यास कराया गया। इसमें ब्लॉक के संदर्भ व्यक्ति एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर के रूप में कुचामन सिटी से लक्ष्मण शर्मा एवं नितेश सर्वा, डेगाना से हड़मान राम एवं दिलीप सिंह, डीडवाना से जगदीश प्रसाद एवं अफसार अली, जायल से अखराज पारीक एवं प्रमोद टाक, खींवसर से मेघाराम, लाडनूं से अब्दुल हमीद भाटी एवं रामदेव भाटी, मकराना से दीपाराम एवं अब्दुल लतीफ, मेड़ता से डॉ. रामरतन लटियाल, मौलासर से प्रवीण कुमार थालोड़, मूंडवा से नरसिंह राम, नावां से केदारमल शर्मा एवं भैरूचंद शर्मा, परबतसर से महावीर प्रसाद, रियांबड़ी से भगवती लाल टेलर एवं रामकिशोर टेलर, मकराना से खेमराज सिंह, कार्यालय के कनिष्ठ सहायक संदीप कुमार जांगिड़ एवं कंप्यूटर ऑपरेटर गोविंद आचार्य उपस्थित आदि मौजूद थे।

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