>>: Digest for August 19, 2021

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Table of Contents

भवानीसिंह राठौड़@बाड़मेर.
सरकारी कार्यो में अफसर बिना सोचे-समझे किस तरह कार्य करते हैं, नमूना देखना है तो पंचायत समिति गिड़ा में करोड़ो रुपए के हुए विकास कार्यो से जुड़ी तकनीकी व पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने की जिम्मेदारी देख लीजिए। यहां तत्कालीन विकास अधिकारी ने पंचायतीराज विभाग के नियम विरूद्ध संवीदाकर्मी जेटीए को कनिष्ठ अभियंता का चार्ज सौंप दिया, जबकि विभाग के आदेशों में स्पष्ट लिखा है कि तकनीकी व पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए जेटीए को शक्तियां प्रदान होगी। मामला उजागर होने के बाद जिला व शासन सचिव आदेश जारी कर जांच करवा रहे है। जबकि करीब आठ माह की अवधि में नियम विरूद्ध पदभार संभाल रहे जेटीए ने करोड़ो रुपए के हुए कार्यो के प्रमाण पत्र जारी कर निर्माणकर्ता एजेंसी को भुगतान भी करवा दिया।


मामला संज्ञान में आने के बाद पंचायती राज विभाग के शासन सचिव सीईओ जिला परिषद को पत्र लिखा है कि पंचायत समिति गिड़ा के विकास अधिकारी ने कनिष्ठ तकनीकी सहायक को ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की समस्त योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति, मूल्यांकन व पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने समेत कार्य करने के लिए अधिकृत किया गया है, जो कि विभागीय आदेशों की अवहेलना की श्रेणी में आता है। साथ ही लिखा है कि आदेशों की अवेहलना करने पर विकास अधिकारी पंचायत समिति गिड़ा के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही कर विभाग को अवगत करवाएं।


यह हुए थे आदेश
गिड़ा पंचायत समिति के तत्कालीन विकास अधिकारी ने अक्टूम्बर 2020 में नियम विरूद्ध कनिष्ठ अभियंता व सहायक अभियंता का पद रिक्त होने का हवाला देते हुए संवीदा पर कार्यरत कनिष्ठ तकनीकी सहायक को योजनाओं के निर्माण कार्यो का तकनीकी पर्यवेक्षण व तकनीकी कार्य के लिए नियुक्त कर दिया। जबकि नियमानुसार ऐसा नहीं कर सकते है।


यह है नियम
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने निर्माण कार्यो के मूल्यांकन जांच एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी के लिए संविदा पर कार्यरत (जेटीए/एसटीए) को किसी प्रकार की वित्तीय शक्तियां प्रदान नहीं होगी। साथ ही कार्य पूर्णता प्रमाण- पत्र जारी के लिए अधिकृत नही होंगे।


- जांच करवा रहे है,
नियम विरूद्ध कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने का प्रकरण संज्ञान में आया है। तत्कालीन विकास अधिकारी ने आदेश जारी किए थे। पूरे प्रकरण की जांच करवा रहे है। - मोहनदान रतनु, सीईओ, जिला परिषद, बाड़मेर

बाड़मेर.
लूणी नदी में अवैध बजरी खनन की रोकथाम को लेकर खनिज विभाग सख्त नजर आ रहा है। यहां विभाग ने लूणी नदी से जुड़े अवैध रास्तों को बंद करने के लिए खाई खोद दी है। साथ ही मुख्य स्थानों पर आरएसी के जवान तैनात कर दिए गए है। बजरी की रोकथाम की सख्ती को देखते हुए बजरी माफिया में हड़कंप मचा हुआ है। साथ ही विभाग ने खातेदारी भूमि में जारी किए गए बजरी खनन के लीज धारकों पर भी करोड़ो रुपए का जुर्माना लगाया है।


दरअसल, बाड़मेर जिले में खनिज विभाग की ओर से अब तक अवैध बजरी खनन, परिवहन को लेकर 1 हजार 129 प्रकरण दर्ज किए है। प्रकरणों के बाद 8 करोड़ 40 लाख रुपए का जुर्माना वसूला गया है। साथ ही पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति (एनजीटी) में कुल 21 लाख रुपए की वसूली की गई है। खजिन विभाग के साथ ही जिला प्रशासन व पुलिस भी सख्त है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने लगातार समाचार प्रकाशित कर अवैध खनन को लेकर बजरी माफिया का खेल उजागर किया था।


लीजधारकों पर लगाया 4 करोड़ का जुर्माना
विभाग की ओर से स्वीकृत खनिज बरजी के खनन पट्टों के निरीक्षण/भौतिक सत्यापन के लिए तकनीकी दल गठित किया गया। सत्यापन के दौरान सिणधरी व पचपदरा क्षेत्र में 13 खनन पट्टों में अवैध खनन पाया गया। इस पर विभाग ने लीज धारकों के नाम नोटिस जारी कर 3 करोड़ 88 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। साथ ही उक्त पट्टों के ई-रवन्ना डी-एक्टिवेट के लिए विभाग को लिखा गया है।


रास्तों पर खोदी खाई, जवान तैनात
विभाग ने लूणी नदी के संभावित क्षेत्र सड़ा, भाटाला, पायला-कला, सांकरणा, बिठूजा समेत कई चिह्ति बजरी माफिया के मार्गो पर जेसीबी से रास्तों पर खाई खोदी गई है। इसके अलावा आरएसी बटालियन की एक प्लाटून को लूणी नदी क्षेत्र में तैनात किया गया है।


- अवैध बजरी खनन पर सख्त
अवैध बजरी खनन को लेकर विभाग सख्त है। लूणी नदी क्षेत्र के कई मार्गो को जेसीबी से कटवाकर खाई बनाई गई है। आरएसी की एक प्लाटून तैनात की गई है। लीजधारकों के खिलाफ अवैध खनन करने पर जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा विभाग की अलग-अलग टीम विशेष निगरानी रख रही है। - भगवानसिंह भाटी, खनि अभियंता, खजिन विभाग, बाड़मेर

बाड़मेर. थार में मधुमेह से ज्यादा उच्च रक्तचाप के रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों की संख्या मधुमेह के मुकाबले दोगुनी मिली है। जिले में किए गए एनसीडी सर्वे में यह जानकारी सामने आई है। बाड़मेर जिले में कोविड महामारी को देखते हुए किए गए घर-घर सर्वे में गैर संक्रामक रोगियों की जानकारी भी जुटाई गई।
जिले में करीब 10 दिनों तक चले सर्वे में घर-घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी जुटाई गई। चिकित्सा विभाग की टीमों ने अलग-अलग क्षेत्रों में कुल 199881 लोगों की स्क्रीनिंग की। जिसमें सबसे अधिक उच्च रक्तचाप के रोगी सामने आए हैं। वहीं सबसे कम हृदय रोगी मिले।
10 दिन किया गया सर्वे
जिले में एनसीडी का सर्वे करीब दस दिनों तक चला। गत 28 जुलाई से 6 अगस्त तक टीमों ने कुल 199881 लोगों की स्क्रीनिंग की। इस दौरान गैर संचारी रोगों की संपूर्ण जानकारी लेने के साथ चिह्नित मरीजों की पूरी स्वास्थ्य जांच की गई। सर्वे में छह प्रकार के गैर संचारी रोगों के बारे में जानकारी जुटाई गई।
बीपी के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा
सर्वे में जिले में किए गए सर्वे में सबसे ज्यादा बीपी के मरीज मिले हैं। उच्च रक्तचाप के कुल 14221 मरीज मिले। जिनका बीपी सामान्य से अधिक मिला और उन्हें संभावित हाई ब्लड प्रेशर रोगियों की श्रेणी में चिह्नित किया गया।
मधुमेह के रोगी मिले 9 हजार से अधिक
जिले में मधुमेह के रोगियों की संख्या सर्वे में 9654 सामने आई। इसी तरह हृदय रोगी केवल 72 चिह्नित किए गए। वहीं कैंसर के केस 28 मिले। इनके अलावा अस्थमा के रोगी भी मिले, जिनकी संख्या 1520 रही। इस सर्वे में डायलिसिस रोगियों को भी शामिल किया गया था। लेकिन राहत की बात यह रही कि एक भी रोगी सर्वे के दौरान चिह्नित नहीं हुआ।
उच्च रक्तचाप का सबसे बड़ा कारण तनाव
चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि हाई बीपी का सबसे बड़ा कारण चिंता और तनाव है। टेंशन के कारण रक्तचाप बढ़ता है। लगातार तनाव के चलते रोग बढ़ जाता है और व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर का मरीज बन जाता है। आजकल की आपाधापी और भागदौड़ की जिंदगी में उच्च रक्तचाप का रोग तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है। यहां तक की अब तो यह युवाओं में भी देखा जा रहा है।
एनसीडी सर्वे करवाया था
जिले में गैर संचारी रोगों को लेकर पिछले दिनों सर्वे करवाया गया था। यह सर्वे विभाग की चिकित्सा टीमों ने पूरा किया। इसमें बीपी के रोगी सबसे अधिक चिह्नित हुए हैं।
डॉ. पीसी दीपन, डिप्टी सीएमएचओ बाड़मेर
सर्वे के आंकड़े
रोग चिह्नित मरीज
मधुमेह 9654
हाई बीपी 14221
हृदय रोगी 72
कैंसर 28
डायलिसिस 00
अस्थमा 1520
(स्रोत: चिकित्सा विभाग)

बाड़मेर. रूमादेवी फाउंडेशन की हाल ही में शुरू की गई छात्रवृत्ति योजना 'अक्षराÓ के लाभार्थियों की संख्या बढ़ा कर दोगुनी कर दी गई है। इसके लिए पंजीयन की अंतिम तिथि 31 अगस्त है। योजना के अंतर्गत कुल 50 लाभार्थियों में से 30 छात्राओं और 20 छात्रों का चयन किया जाएगा। इसमें प्रतिवर्ष 25 हजार प्रत्येक विद्यार्थी को मिलेंगे।
सामाजिक कार्यकर्ता व फैशन डिजाइनर डॉ. रूमा देवी ने बताया कि योजना के तहत बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रावधान है। इसमें हस्तशिल्प, कृषि व घरेलू उद्योगों से जुड़े परिवारों के जरूरतमंद विद्यार्थी जो पहले भले ही उच्च अंकों को हासिल नहीं कर पाए हो, लेकिन आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं, ऐसे जरूरतमंद व हुनरमंद को छात्रवृत्ति योजना में शामिल किया जाएगा।
प्रत्येक वर्ष मिलेगी छात्रवृत्ति
योजना में कक्षा ग्यारहवीं बाहरवीं के स्कूल विद्यार्थी और कॉलेज के किसी भी वर्ष के विद्यार्थी इसका हर साल लाभ ले सकेंगे। ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान सचिव विक्रम सिंह ने बताया कि शिक्षा के साथ-साथ कला के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने वाली ग्रामीण प्रतिभाओं का चयन भी अक्षरा योजना में होगा।

बाड़मेर. एलडीसी भर्ती 2013 को पूर्ण कराने की मांग को लेकर पंचायतीराज एलडीसी भर्ती संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी एवं विकास अधिकारी पंचायत समिति कार्यालय में ज्ञापन सौंपा।

समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं जल ग्रहण विकास दल के प्रदेष अध्यक्ष मघसिह राजपुरोहित ने बताया कि 24 जून को मुख्यमंत्री ने पंचायतीराज समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों को एलडीसी भर्ती 2013 को प्रथम चरण मे 4000 पदों की वित्तीय स्वीकृति व सीएमओ की स्वीकृति प्रदान कर दी गई थी, उसके उपरान्त भी विभाग के अधिकारियों ने भर्ती को शुरू नहीं किया।

इससे पूर्व प्रदेश कमेटी ने सीएमओ की वरिष्ठ सचिव आरती डोगरा एवं पंचायतीराज विभाग के मुख्य शासन सचिव अर्पणा अरोडा से मिलकर जल्दी भर्ती शुरू करने की मांग की लेकिन अब तक कार्यवाही नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि गुरुवार को मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

इसके उपरान्त भी भर्ती कार्य आरम्भ नहीं हुआ तो 09 सितम्बर से विधानसभा पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा। मदनसिंह सिसोदिया, जिला प्रवक्ता दायमखां, विजयसिंह राजपुरोहित, मंगलाराम, डालूराम, अशकरअली उपस्थित थे।

बाड़मेर. एलडीसी भर्ती 2013 को पूर्ण कराने की मांग को लेकर पंचायतीराज एलडीसी भर्ती संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी एवं विकास अधिकारी पंचायत समिति कार्यालय में ज्ञापन सौंपा।

समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं जल ग्रहण विकास दल के प्रदेष अध्यक्ष मघसिह राजपुरोहित ने बताया कि 24 जून को मुख्यमंत्री ने पंचायतीराज समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों को एलडीसी भर्ती 2013 को प्रथम चरण मे 4000 पदों की वित्तीय स्वीकृति व सीएमओ की स्वीकृति प्रदान कर दी गई थी, उसके उपरान्त भी विभाग के अधिकारियों ने भर्ती को शुरू नहीं किया।

इससे पूर्व प्रदेश कमेटी ने सीएमओ की वरिष्ठ सचिव आरती डोगरा एवं पंचायतीराज विभाग के मुख्य शासन सचिव अर्पणा अरोडा से मिलकर जल्दी भर्ती शुरू करने की मांग की लेकिन अब तक कार्यवाही नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि गुरुवार को मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

इसके उपरान्त भी भर्ती कार्य आरम्भ नहीं हुआ तो 09 सितम्बर से विधानसभा पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा। मदनसिंह सिसोदिया, जिला प्रवक्ता दायमखां, विजयसिंह राजपुरोहित, मंगलाराम, डालूराम, अशकरअली उपस्थित थे।

बाड़मेर. रक्षाबंधन पर्व पर सामाजिक सद्भाव, आपसी भाईचारा, साम्प्रदायिक सौहार्द की भावना को बढ़ावा देने के उद्धेश्य एवं स्नेह मिलन कार्यक्रम को लेकर ऑल इण्डिया कौमी एकता कमेटी शाखा बाड़मेर की विशेष बैठक अध्यक्ष एडवोकेट धनराज जोशी की अध्यक्षता में स्थानीय महावीर नगर स्थित ब्रह्म कुमारी आश्रम में हुर्ई।

धनराज जोशी ने कहा कि यह कमेटी पिछले कई सालों से जिले में सामाजिक सद्भाव, आपसी भाईचारा, साम्प्रदायिक सौहार्द को मजबूत बनाने में अपनी महत्ती भूमिका निभा रही है। पिछले दो सालों से कोरोना महामारी के कारण कार्यक्रम आयोजित नहीं हुए।

अत: तीसरी लहर की संभावना को ध्यान में रखते हुए कोविड गाइडलाइन के दिशा निर्देशानुसार रक्षा बंधन पर्व पर स्नेह मिलन समारोह आयोजित करने का निर्णय किया गया है। कमेटी के महामंत्री अबरार मोहम्मद ने बताया कि रक्षा बंधन पर्व पर ऑल इंडिया कौमी एकता कमेटी, ब्रह्म कुमारी आश्रम व लॉयंस क्लब बाड़मेर के संयुक्त तत्वावधान में रविवार सुबह साढ़े बजे स्नेह मिलन एवं कौमी एकता कार्यक्रम महावीर नगर में होगा।

कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नजीर मोहम्मद, ब्रहम कुमारी आश्रम की संचालिका बहन बबीता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष छगनलाल जाटव, संयुक्त सचिव मेवाराम सोनी, सह-कोषाध्यक्ष एडवोकेट मुकेश जैन, प्रवक्ता सुरेश जाटव, डॉ. राधा रामावत उपस्थित रहे।

बाड़मेर. बाड़मेर अधिवक्ता संघ के नए पदाधिकारियों के निवार्चन के लिए नामांकन प्रक्रिया के दूसरे दिन अध्यक्ष पद के लिए तीन, सचिव व कोषाध्यक्ष पद के लिए दो-दो एवं उपाध्यक्ष पद के लिए एक नामांकन जमा हुआ।

निर्वाचन अधिकारी सोहनलाल चौधरी ने बताया कि अधिवक्ता संघ बाड़मेर के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव व कोषाध्यक्ष पदों के चुनाव के लिए 17 अगस्त से नामांकन शाुरू हुए। नामांकन के दूसरे दिन अध्यक्ष पद के लिए पूंज राज बामणिया, माधो सिंह चौधरी व महेन्द्र रामा वत, उपाध्यक्ष पद के लिए लाधूराम प्रजापत, सचिव पद के लिए स्व रूपसिंह भदरू व महेन्द्र सिंह सोढ़ा एवं कोषाध्यक्ष पद के लिए पूंज राज बामणिया व पितांबर सोनी ने अपना नामांकन प्रस्तुत किया।

सहायक निर्वाचन अधिकारी नृसिंह सोलंकी, कुंदन सिंह व महेन्द्र चौधरी ने बताया कि आज गुरु वार को नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि रहेगी। इच्छुक अधिवक्ता सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे।१

बाड़मेर. सरकारी प्रोत्साहन राशि (छात्रवृत्ति ) में बड़ी कक्षाओं के विद्यार्थियों को कम फायदा मिल रहा है जबकि छोटी कक्षाओं में छात्रवृत्ति ज्यादा है। ग्यारहवीं-बारहवीं में संकाय शुरू होने पर पढ़ाई पर खर्चा भी ज्यादा हो रहा है बावजूद इसके छात्रवृत्ति कम मिल रही है।

अब समान छात्रवृत्ति की मांग हो रही है। गौरतलब है कि प्रदेश के माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को विभिन्न कक्षाओं में छात्रवृत्ति मिलती है जिसमें उच्च कक्षाओं में कम राशि मिल रही है। सरकार की ओर से शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न वर्गों के लिए हर साल छात्रवृत्ति दी जाती है। इसके पीछे सरकार की मंशा शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ ही आर्थिक स्थिति के चलते विद्यार्थियों को ड्राप आउट नहीं हो है।

हर साल मिलने वाली छात्रवृत्ति में जहां ११वीं व १२वीं के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति कम मिल रही है तो नवीं व दसवीं के विद्यार्थियों को ज्यादा। हर साल पांच सौ रुपए का यह अंतर है। एेसे में विद्यार्थी समान छात्रवृत्ति की मांग कर रहे हैं।

यह है स्थिति- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सफाई व अन्य जोखिम कार्य से जुड़े परिवार जिनकी वार्षिक आय ढाई लाख से कम है के विद्यार्थियों को पूर्व छात्रवृत्ति के तहत नवीं-दसवीं में तीन हजार रुपए की छात्रवृत्ति मिलती है। वहीं अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को ग्यारहवीं-बारहवीं में उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति के तहत पच्चीस सौ, अनुसूचित जनजाति व पिछड़ा वर्ग के छात्रों को तेईस सौ तथा अन्य पिछड़ी जाति के विद्यार्थियों को सौलह सौ रुपए मिलते हैं। इसमें आय सीमा अन्य पिछड़ा वर्ग के परिवार की आय सीमा डेढ़ लाख व अन्य वर्ग में ढाई लाख सालाना से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। ज्यादा खर्चा, छात्रवृत्ति कम- विद्यार्थियों के अनुसार नवीं-दसवीं की अपेक्षा ग्यारहवीं-बारहवीं में पढ़ाई पर खर्चा ज्यादा होता है। विशेषकर विज्ञान संकाय लेने वाले विद्यार्थियों को किताबों के साथ प्रायोगिक परीक्षा को लेकर भी विभिन्न सामग्री की जरूरत रहती है। बावजूद इसके उनको कम छात्रवृत्ति मिल रही है।

बड़ी कक्षाओं में मिले ज्यादा छात्रवृत्ति- बड़ी कक्षाओं ग्यारहवीं व बारहवीं में पढ़ाई पर खर्चा ज्यादा होता है इसलिए इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को ज्यादा छात्रवृत्ति मिलनी चाहिए। एेसा नहीं हो तो कम से कम नवीं-दसवीं के समान छात्रवृत्ति तो होनी ही चाहिए।- भोमाराम गोयल, वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत

सरकार के स्तर का मामला- छात्रवृत्ति की राशि सरकार की ओर से तय होती है। हम तो नियमानुसार जो छात्रवृत्ति बनती है उसको समय पर देने का प्रयास करते हैं।- जेतमालसिंह राठौड़, एडीईओ माध्यमिक शिक्षा बाड़मेर

बाड़मेर. थार की बालिकाओं को पढऩे के लिए हर तरफ से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। गांवों में उच्च कक्षाओं का अभाव तो बालिका विद्यालयों की कमी है।

वहीं, सरकारी छात्रावास अपर्याप्त होने से असुरक्षा की भावना के बीच शिक्षण करना मजबूरी हो चुका है। रही-सही कसर आवागमन के साधनों का अभाव तो सडक़ों की खस्ताहालात पूरी कर रही है।

स्थिति यह है कि जिले के करीब तीन हजार राजस्व गांवों में से बमुश्किल पांच सौ गांव की रोडवेज सेवा से जुड़े हैं। एक हजार गांव एेसे होंगे जहां रोडवेज को क्या निजी बस सेवा तक नहीं है। वहीं,३५८० किमी सडक़ें जर्जर हालात में है जिस पर साइकिल चलाना मुश्किल हो जाता है तो कई गांवों में सडक़ तो क्या पगडंडी भी नहीं है।

एेसे में बालिकाओं के कांधों से बस्ते उतर रहे हैं और पढ़ाई छूट रही है। बालिका शिक्षा को लेकर जनजागरूकता के बावजूद आवागमन के साधनों की कमी और सडक़ों के खस्ताहाल भी बच्चियों को पढ़ाई छोडऩे को मजबूर कर रहे हैं। जिले में करीब तीन हजार राजस्व गांव हैं। ६८९ ग्राम पंचायतों वाले जिले में राजस्व गांव तो क्या कई ग्राम पंचायतें एेसी हैं जो अब तक रोडवेज सेवा से वंचित है। बतौर उदाहरण मौखाब, साजीतड़ा, जूनेजो की बस्ती, आरंग, चोचरा, धारवीकला सहित कई ग्राम पंचायतों में रोडवेज नहीं पहुंची है।

वहीं, बॉर्डर की कई ग्राम पंचायतों में निजी बसों का संचालन भी नहीं हो रहा। इसका असर बालिका शिक्षा पर पड़ रहा है। एेसे गांवों में बालिकाओं का ड्राप आउट अधिक हो रहा है। क्योंकि आवागमन के साधन नहीं होने और ग्राम पंचायत में उच्च माध्यमिक स्तर का स्कू  ल नहीं होने पर अभिभावक बालिकाओं को आठवीं के बाद पढ़ाने में परहेज रखते हैं।

सडक़ों की स्थिति खराब- बालिका शिक्षा में सडक़ों की स्थिति भी अवरूद्ध बन रही है। जिले में अधिकांश ग्रामीण सडक़ें प्रधानमंत्री सडक़ योजना की है जो सालों पहले बनी थी और अब जर्जर हालात में है। जिले में ३५८० किमी सडक़ें सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार दुबारा बनाने या मरम्मत योग्य है। एेसे में इन सडक़ों पर वाहनों का कम आवागमन होता है। वहीं, यहां साइकिल से भी आवागमन मुश्किल हो जाता है। इस पर बालिकाएं पढ़ाई छोड़ रही है।

आवागमन में होती दिक्कत- आवागमन में दिक्कत भी पढाई छूटने का कारण है। घर वाले बिना साधन भेजे भी तो कैसे। साइकिल भी नहीं चलती एेसी सडक़ों की हालत है।- देवी, छात्रा निवासी बाधा

पैदल कैसे जाएं स्कू  ल- घर से दूसरी ग्राम पंचायत तक जाने के साधन नहीं है। एेसे में पढ़ाई छूट रही है। सरकार सडक़ों पर ध्यान दे तो स्कू  लों को क्रमोन्नत करे।- भंवरी, छात्रा निवासी आकल

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