>>: Digest for August 19, 2021

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नागौर. 'राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर शत-प्रतिशत परिवेदनाओं के निराकरण का लक्ष्य रखें। पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों का निस्तारण जितना आवश्यक है, उतना ही उनका क्वालिटी डिस्पोजल होना भी है।' यह बात जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने मंगलवार को भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र में आयोजित वीडियो कॉन्फे्रंसिंग के दौरान जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कही। डॉ. सोनी ने कहा कि परिवादियों के प्रकरणों का निस्तारण होने पर यह भी मॉनिटर करें कि परिवादी निस्तारण से संतुष्ट है कि नहीं। साथ ही उन्होंने परिवहन, प्रशासनिक सुधार, भूमि आवंटन सहित विभिन्न मुद्दों की समीक्षा भी की।

गौरतलब है कि राजस्थान पोर्टल पर दर्ज कराए जाने वाले प्रकरणों को अधिकारी बिना देखे ही निस्तारित कर रहे हैं। गत दिनों डिस्कॉम अधीक्षण अभियंता द्वारा खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल द्वारा दर्ज करवाए गए प्रकरण को भी शहर का बताकर रद्द कर दिया था, जबकि विधायक के आपत्ति के कलक्टर द्वारा जांच कराए जाने पर प्रकरण ग्रामीण क्षेत्र का था, इसके बाद कलक्टर सोनी ने एसई से जवाब मांगा था।

वीडियो कॉन्फे्रंसिंग में जिला कलक्टर ने सम्पर्क पोर्टल पर पंजीकृत होने वाले कुल प्रकरणों तथा उनके निस्तारण की समीक्षा करते हुए कहा कि जिले में जिन विभागों से संबंधित प्रकरण सर्वाधिक आ रहे हैं, उनका स्थाई समाधान करने के प्रयास किए जाएं। इस दौरान जिले के सभी उपखण्ड अधिकारियो, विकास अधिकारियों व नगर निकाय अधिशासी अधिकारियों सहित उपखण्ड स्तरीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिले में 6 माह से पूर्व के कोई प्रकरण लम्बित ना रहें। इसके लिए ब्लॉक स्तरीय निष्पादन समिति की बैठक आयोजित कर लम्बित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करने के निर्देश दिए।

घर-घर औषधि अभियान का हो अधिक से अधिक प्रचार
जिला कलक्टर डॉ. सोनी ने वीसी के दौरान वन विभाग के अधिकारी को घर-घर औषधि पहुंचाने के कार्य में तेजी लाने तथा उनका व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए। डॉ. सोनी ने कहा कि पौध वितरण कार्य का प्रतिदिन फीडबैक लेकर घर-घर औषधि पहुंचाने के कार्य में तेजी लाएं। इसके लिए नायब तहसीलदार, तहसीलदार, एसडीओ, विकास अधिकारी व वन विभाग के अधिकारी एवं कार्मिक संयुक्त रूप से कार्य करें।

भामाशाहों के सहयोग से बनाएं आईसीटी लैब
कलक्टर ने जिले में आईसीटी लैब बनाने के संबंध में निर्देश देते हुए कहा कि विद्यालय में इस लैब के लिए भामाशाहों का सहयोग लेकर अगस्त माह के अंत तक कार्य पूर्ण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी स्कूलों का निरीक्षण करें तथा स्कूल खुलने के दौरान व्यवस्थाओं की जांच करें।

नागौर. अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की ओर से पिछले कुछ वर्षों से ठेके पर दिए जा रहे ग्रिड सब स्टेशन (जीएसएस) भगवान भरोसे संचालित हो रहे हैं, जहां आईटीआई होल्डर तीन कार्मिकों की नियुक्ति ठेकेदारों को करनी चाहिए, वहां पर नियम विरुद्ध अनपढ़ या छठी व आठवीं पास लोगों को लगा रखा है। इनमें से कुछ लोग तो ऐसे हैं, जिन्होंने विद्युतकर्मियों के साथ कुछ समय काम किया था और आज पूरा जीएसएस संभाल रहे हैं। जीएसएस पर लगे कार्मिकों को बिजली के संबंध में पूरी जानकारी नहीं होने के कारण आए दिन कार्मिकों की जानें ज रही हैं। सोमवार को आंवलियासर में हुए हादसे का भी एक कारण यही था।

जिले में करंट से होने वाले हादसों पर नजर डालने पर सामने आया कि हर वर्ष तीन दर्जन लोग जान गंवा रहे हैं, जबकि पशुओं की संख्या इससे तीन गुनी है। इसके बावजूद डिस्कॉम के अधिकारी गंभीर होने की बजाय लापरवाह बने हुए हैं। ठेका पद्धति पर संचालित जिले के 78 प्रतिशत जीएसएस में सरकारी नियम-कायदे खूंटी पर टांके हुए हैं। ठेकेदार इन जीएसएस का संचालन 'अनाड़ी' युवकों से करवा रहे हैं, जिन्होंने आईटीआई का 'क', 'ख', 'ग' भी नहीं पढ़ा है, जबकि सरकारी आदेशों के अनुसार ठेकेदार पर संचालित प्रत्येक जीएसएस पर आईटीआई होल्डर कर्मचारी होने चाहिए।
डिस्कॉम अधिकारियों के अनुसार जिले में कुल 314 जीएसएस हैं, जिनमें से 246 जीएसएस ठेका पद्धति से संचालित किए जा रहे हैं, यानी जिले के 78 प्रतिशत जीएसएस ठेके पर हैं। जीएसएस को ठेके पर देने के पीछे सरकार का उद्देश्य बिजली आपूर्ति सुचारू रखना एवं हादसों को रोकना है, लेकिन ठेकेदार सरकारी प्रयासों पर पानी फेर रहा है।

ठेकेदार के जिम्मे हैं ये काम
ठेकेदार को प्रत्येक जीएसएस पर चार कार्मिक नियुक्त करने हैं। प्रति दिन तीन शिफ्ट में एक-एक कार्मिक और एक रिलीवर होना चाहिए। कार्मिकों का वेतन, जीएसएस का रखरखाव, कार्मिकों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाना, कार्मिकों का बीमा, पीएफ, ईएसआई में नाम दर्ज करना उसका दायित्व है, लेकिन ठेकेदार इन नियमों को ताक पर रखकर जीएसएस संचालित कर रहे हैं।

अधिकारियों की मौन स्वीकृति
ऐसा नहीं है कि ठेकेदारों की इस कारस्तानी के बारे में निगम के अधिकारियों को जानकारी नहीं है। उच्चाधिकारियों द्वारा समय-समय पर निर्देश देकर जीएसएस का निरीक्षण करने को कहा जाता है, लेकिन स्थानीय अधिकारी ठेकेदारों की अनियमितता को अनदेखा कर रहे हैं, जिसके चलते आए दिन हादसे हो रहे हैं।

प्रतिस्पर्धा पड़ रही भारी
ठेका उठाने की होड़ में ठेकेदार कम राशि भर देते हैं। ऐसे में इस राशि में डिग्रीधारी कर्मचारियों की भर्ती एवं अन्य व्यवस्थाएं करना मुश्किल होता है। निगम के लाभ को देखते हुए बड़े अधिकारी भी इस व्यवस्था को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं। लेकिन जब हादसा होता है तो मृतक के आश्रितों को दी जाने वाली पूरी राशि ठेकेदार के जिम्मे डाल दी जाती है। गत 4 अगस्त को खींवसर क्षेत्र के गुडिय़ा गांव में हुए हादसे में मृतक जगदीश के परिजनों को 17 लाख रुपए की सहायता देने पर सहमति बनी, जबकि सोमवार को आंवलियासर में हुए हादसे में जोधाराम के परिजनों को 16 लाख रुपए देने पर सहमति बनी। अधिकारियों का कहना है कि पूरी राशि ठेकेदार ही चुकाएगा। हादसे को लेकर जांच होगी, यदि कहीं डिस्कॉम की कमी पाई गई तो पांच लाख रुपए डिस्कॉम की ओर से दिए जाएंगे। इसी प्रकार पूर्व में हुए हादसों में भी ठेकेदार को लाखों रुपए देने पड़े हैं, इसके बावजूद ठेकेदार प्रशिक्षित कर्मचारी रखने की बजाए अनपढ़ व अप्रशिक्षित कार्मिकों के भरोसे जीएसएस चला रहे हैं।

पत्रिका पहले भी चेताया
ठेके पर संचालित जीएसएस पर नियुक्ति अप्रशिक्षित कार्मिकों को लेकर राजस्थान पत्रिका पिछले पांच साल से समय-समय पर समाचार प्रकाशित कर निगम अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कर रही है, इसके बावजूद अधिकारी गहरी नींद में हैं। जब भी कोई हादसा होता है तो ठेकेदार पर जिम्मेदारी डालकर पल्ला झाड़ लेते हैं।

ठेकेदारों व अधिकारियों को करेंगे पाबंद
हां, यह सही है कि ठेके पर संचालित जीएसएस पर प्रशिक्षित कर्मचारी नहीं होने से ही हादसे हो रहे हैं। इसमें कुछ हमारे अधिकारियों की लापरवाही भी है, वे समय-समय पर जीएसएस का निरीक्षण नहीं करते। इस व्यवस्था में सुधार के लिए मैंने कल ठेकेदारों व एक्सईएन को अजमेर बुलाया है, उनकी बैठक लेकर सख्त निर्देश दिए जाएंगे। फिर भी सुधार नहीं हुआ और निरीक्षण में कमियां पाई गई तो ठेकेदारों का भुगतान रोका जाएगा।
- मुरारीलाल मीणा, मुख्य अभियंता, अजमेर डिस्कॉम

नागौर. शहर के ऐतिहासिक जड़ा तालाब व आसपास के क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के नगर परिषद द्वारा प्रयास जारी है। जड़ा तालाब में नौकायन शुरू होने के बाद अब शहरवासी अपने मोबाइल से सेल्फी पॉइंट पर सेल्फी लेने का भी आनंद ले सकेंगे। जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बुधवार को जड़ा तालाब पहुंचकर आयुक्त श्रवणराम चौधरी के साथ तालाब की सफाई, नौकायन, सेल्फी पॉइंट सहित अन्य सौंदर्यकरण के कार्यों का जायजा लिया।

गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने करीब छह वर्ष पहले शहरवासियों के सहयोग से एक मुहिम शुरू कर जड़ा तालाब में नौकायन शुरू कराने व सौंदर्यकरण कराने का बीड़ा उठाया था, जिसके तहत कई दिनों तक श्रमदान किया गया और तालाब व आसपास के क्षेत्र को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने के प्रयास किए गए। पत्रिका द्वारा लगातार नौकायन के मुद्दे को उठाने व तालाब से शहरवासियों को जोड़े रखने के लिए समय-समय पर श्रमदान कार्यक्रम आयोजित करवाए, जिसकी बदौलत जिला कलक्टर के निर्देशन में नगर परिषद अधिकारियों ने जनवरी में नौकायन की शुरुआत की और अब दो सेल्फी पॉइंट बनाए हैं।

सबका मन मोह रहा आपणो नागौर
जड़ा तालाब में नौकायन शुरू होने के बाद यह शहरवासियों के लिए आकर्षण का केन्द्र बन गया है। अब सेल्फी पॉइंट को लेकर युवाओं में भी काफी उत्साह है। गौरतलब है कि इस क्षेत्र को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए तालाब के आसपास सिटी पार्क विकसित करने तथा तालाब के घाटों को हैरिटेज लुक देने के लिए जोधपुर के छीत्तर के पत्थर से घाट व रेलिंग का कार्य किया गया। साथ ही प्राचीन बावड़ी का जीर्णोद्धार भी किया गया है। इसके साथ वीर अमरसिंह राठौड़ की छतरियां, पैनोरमा पर्यटकों को लुभाने के केन्द्र हैं।

डॉ. सोनी के प्रयास लाए रंग
जिला कलक्टर डॉ. सोनी को नागौर में पदभार ग्रहण करने के बाद पत्रिका की मांग पर जड़ा तालाब का भ्रमण किया तो उन्हें यहां प्राकृतिक सौंदर्य काफी पसंद आया। जिस पर उन्होंने विशेषज्ञों एवं अधिकारियों से चर्चा करने के बाद नौकायन शुरू करवाने का निर्णय लिया और नगर परिषद अधिकारियों को इसकी तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने निरंतर साप्ताहिक बैठकों में इस मुद्दे की प्रगति लेकर अधिकारियों को इस काम में लगाए रखा, जिसके परिणामस्वरूप नौकायन का सपना सच हुआ और शहरवासी तालाब का सौंदर्य देखने के लिए पहुंचने लगे। जड़ा तालाब में नौकायन के साथ तालाब के सौन्दर्यकरण का काम भी करवाया गया। शहरवासियों के साथ नगर परिषद व जिला प्रशासन के सहयोग से तालाब में घाट निर्माण एवं पाल पर सिटी पार्क का निर्माण किया गया और तालाब में नौकायन व फव्वारा शुरू होने के बाद अब सेल्फी पॉइंट भी लग चुके हैं।

सिटी पार्क के रूप में विकसित किए जा रहे जड़ा तालाब के पास 'आई लव नागौर' व 'आपणो नागौर' सेल्फी पॉइंट लगाए गए हैं, जहां अब शहरवासी व पर्यटक सेल्फी का आनंद ले सकेंगे। जिला कलक्टर ने बुधवार को निरीक्षण के दौरान सेल्फी पॉइंट के पास रैलिंग लगवाने, तालाब के आसपास के क्षेत्र में हरियाली विकसित करवाने व अधिक से अधिक पौधरोपण करवाने के साथ तालाब क्षेत्र के आसपास किए गए अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिए हैं, जिसकी पालना शीघ्र करवाई जाएगी।
- श्रवणराम चौधरी, आयुक्त, नगर परिषद, नागौर

नागौर. रामद्वारा केशव दास महाराज बगीची बख्तसागर में भागवत कथा पर प्रवचन करते हुए महंत जानकीदास ने भगवान श्री राम चरित्र पर चिंतन करने की महत्ता समझाई। उन्होंने कहा कि राम सेवा सभी के लिए अनिवार्य है। जीवन राम के जैसा ही होना चाहिए। भगवान श्रीराम जैसा जीवन होने पर ही ज्ञान एवं भक्ति सफल होती है। राम चरित्र की विशेषता है कि यह सभी के लिए अति उपयोगी है। वाल्मीकि ऋषि ने रामायण में वर्णन किया है कि श्रीराम ही एक ऐसे मर्यादा पुरुषोत्तम है जो सर्व सद्गुणों के समुद्र हैं। ऐसा अन्य कोई देव भी नहीं हो सकता। राम के जैसी मातृ पितृ भक्ति, बंधु प्रेम, संयम ,सदाचार ,सरलता ,धैर्य, उदारता ,गंभीरता और एक पत्नी व्रत यह सभी सद्गुण कहीं भी नहीं मिलते हैं। सर्व देवों के देव परमात्मा राम है । राम माता-पिता के अनन्य भक्त हैं । वृद्धावस्था में माता-पिता की सेवा महान पुण्य है। बड़े यज्ञ करने से जो पुण्य नहीं मिलता जो पुण्य वृद्धावस्था में माता-पिता की सेवा करने से मिलता है।

नागौर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख राजकुमार मटाले अमरपुरा धाम पहुंचे । सह सेवा प्रमुख ने संत शिरोमणि श्रीलिखमीदासजी महाराज के स्मारक स्थल के दर्शन किए। इस अवसर पर उनके साथ राजस्थान क्षेत्र के सेवा प्रमुख शिव लहरी भी थे। यहां पर मटाले का सैनिक क्षत्रिय माली संस्थान की ओर से स्वागत किया गया। बालकिशन भाटी ने संघ पदाधिकारियों को संत शिरोमणि श्रीलिखमीदासजी महाराज के कृतित्व एवं व्यक्तित्व के संबंध में जानकारी दी। क्षेत्रीय सेवा प्रमुख शिव लहरी ने कहा कि महापुरुष किसी भी जाति , वर्ग विशेष के नहीं होते हैं। इस दौरान डा. हापुराम चौधरी , शिवदेव भाटी , सुरेन्द्र सोलंकी , नटवरराज आदि मौजूद थे।
नागौर. नगर परिषद् की ओर से दीनदयाल अन्त्योदय योजना की राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के घटक स्वरोजगार कार्यक्रम के तहत स्वरोजगार ऋण के लिए टास्क फोर्स कमेठी की बैठक आयुक्त श्रवणराम चौधरी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में प्राप्त 44 आवेदन मे से 26 आवेदन स्वीकृत हुए व 8 निरस्त कर दिए गए। 10 आवेदक अनुपस्थित थे। आयुक्त चौधरी ने बैंक अधिकारियों को लम्बित आवेदनों को शीघ्र निस्तारण किये जाने के निर्देश प्रदान करने के साथ ही इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना कीं भी जानकारी दी। इसमें बैठक में अग्रणी बैक अधिकारी संदीप गुप्ता व विभिन्न बैंकों व जिला उद्योग केन्द्र के प्रतिनिधि मौजूद थे।
भगवान को सच्चे भाव से पाया जा सकता है
नागौर. गोचिकित्सालय में चल रही भागवत कथा में कथावाचक ममता देवी ने कहा कि सच्चे भाव और प्रेम से भगवान को प्राप्त किया जा सकता है। भगवान भाव के भूखे होते है। द्वापर युग का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि की गोपियों को भगवान श्री कृष्ण का सानिध्य इसलिए मिला, क्योंकि उन्होंने त्रेता युग में ऋषि-मुनि के जन्म में भगवान के सानिध्य की इच्छा को लेकर कठोर साधना की थी। शुद्ध भाव से कि गई परमात्मा की भक्ति सभी सिद्धियों को देने वाली होती है। े श्री कृष्ण की गोपियों के साथ रासलीला का सुन्दर वर्णन करते हुए कहा कि शरद पुर्णिमा को भगवान श्री कृश्ण ने गोपियों के साथ रासलीला की थी। उन्होने कहा रास को श्रवण करने के लिए बुद्धि नही हृदय की आवश्यकता होती है। श्री कृष्ण का रूकमणी के साथ विवाह का सुन्दर चरित्र-चित्रण किया। दिव्य सजीव झाँकियों का प्रस्तुतिकरण किया गया। स्वामी कुशालगिरी ने ईश्वर प्राप्ति विषय पर प्रकाश डालाद्ध। भामाशाह नरसी कुुलरिया ने गोसेवा के लिए एक माह का चारा खर्च नौ लाख रुपए का वहन करने की घोषणा की। इनका सम्मान किया गया।

नागौर. जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में जयगच्छाधिपति 11वें पट्टधर आचार्य सम्राट शुभचंद्र महाराज का 83वां जन्मदिवस बुधवार को तप-त्याग पूर्वक मनाया गया। जयमल जैन पौषधशाला में आचार्य के महिमा की विशेषताएं बताते हुए हुए साध्वी बिंदुप्रभा ने कहा कि आचार्य शुभचंद्र सर्व संप्रदाय समुदाय के लोगों के बीच विशेष श्रद्धा एवं अनन्य आस्था के केंद्र थे। उनका जीवन सरलता, सादगी और संयम का त्रिवेणी संगम था। नाम के अनुसार ही आचरण, चिंतन, मनन, वाणी, व्यवहार सब शुभमय था। हर पल स्वाध्याय एवं अनुप्रेक्षा में रक्त रहते हुए शुभ भावों में रमन करते थे। सरलता की जीती-जागती प्रतिमूर्ति एवं सौम्य व्यक्तित्व के धनी थे। स्वयं प्रशांतचेता होने के कारण उनके सानिध्य में जाने वाला अमित शांति की अनुभूति करता था। उनका जन्म रुपावास पाली में हुआ। वह मात्र 17 वर्ष की आयु में संयम अंगीकार कर 63 वर्ष तक निर्भयम साधना का पालन करते हुए जिनशासन की महत्ती प्रभावना की। इकतीस वर्ष तक आचार्य पद पर रहते हुए जयमल संघ का कुशल नेतृत्व कर संघ को नई ऊंचाइयां प्रदान की। अंतिम समय में शारीरिक अस्वस्थता के कारण हुई वेदना को समभाव से सहन करते हुए आधि-व्याधि में भी समाधि में स्थित रहे। प्रेमलता ललवानी, रेखा सुराणा एवं रीता ललवानी ने जन्मदिवस पर भजन प्रस्तुत किया। संचालन संजय पींचा ने किया।
सामूहिक एकासन का हुआ आयोजन
आचार्य के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में सामूहिक एकासन का आयोजन रावत स्मृति भवन में किया गया। सामूहिक एकासन के लाभार्थी नरपतचंद, प्रमोद, सुनील, पूनम, नितेश ललवानी थे। प्रवचन और जय जाप की प्रभावना तथा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत करने के लाभार्थी पी.प्रकाशचंद, सुनील, भावेश ललवानी थें। प्रवचन में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर विनीता पींचा, कल्पना ललवानी, सरोज चौरडिय़ा, प्रेमलता ललवानी एवं प्रकाशचंद बोहरा ने दिए। संघ मंत्री हरकचंद ललवानी ने बताया कि दोपहर में आचार्य सम्राट के जन्मदिन के उपलक्ष्य में धार्मिक अंताक्षरी का आयोजन किया गया। संघ के कार्यकर्ताओं ने जन्मदिवस पर विशेष मूक पशु-पक्षियों की सेवा भी की। अनेक श्रावक-श्राविकाओं ने एकासन तप किया। इस मौके पर कन्हैयालाल ललवानी, महावीरचंद भूरट, नेमीचंद चौरडिय़ा, किशोरचंद ललवानी, पार्षद दीपक सैनी सहित अन्य श्रावक-श्राविकाएं मौजूद थीं।

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