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राजस्थान संपर्क पर परिवेदनाओं का क्वालिटी डिस्पोजल हो - कलक्टर Wednesday 18 August 2021 04:19 AM UTC+00 नागौर. 'राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर शत-प्रतिशत परिवेदनाओं के निराकरण का लक्ष्य रखें। पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों का निस्तारण जितना आवश्यक है, उतना ही उनका क्वालिटी डिस्पोजल होना भी है।' यह बात जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने मंगलवार को भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र में आयोजित वीडियो कॉन्फे्रंसिंग के दौरान जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कही। डॉ. सोनी ने कहा कि परिवादियों के प्रकरणों का निस्तारण होने पर यह भी मॉनिटर करें कि परिवादी निस्तारण से संतुष्ट है कि नहीं। साथ ही उन्होंने परिवहन, प्रशासनिक सुधार, भूमि आवंटन सहित विभिन्न मुद्दों की समीक्षा भी की। गौरतलब है कि राजस्थान पोर्टल पर दर्ज कराए जाने वाले प्रकरणों को अधिकारी बिना देखे ही निस्तारित कर रहे हैं। गत दिनों डिस्कॉम अधीक्षण अभियंता द्वारा खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल द्वारा दर्ज करवाए गए प्रकरण को भी शहर का बताकर रद्द कर दिया था, जबकि विधायक के आपत्ति के कलक्टर द्वारा जांच कराए जाने पर प्रकरण ग्रामीण क्षेत्र का था, इसके बाद कलक्टर सोनी ने एसई से जवाब मांगा था। वीडियो कॉन्फे्रंसिंग में जिला कलक्टर ने सम्पर्क पोर्टल पर पंजीकृत होने वाले कुल प्रकरणों तथा उनके निस्तारण की समीक्षा करते हुए कहा कि जिले में जिन विभागों से संबंधित प्रकरण सर्वाधिक आ रहे हैं, उनका स्थाई समाधान करने के प्रयास किए जाएं। इस दौरान जिले के सभी उपखण्ड अधिकारियो, विकास अधिकारियों व नगर निकाय अधिशासी अधिकारियों सहित उपखण्ड स्तरीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिले में 6 माह से पूर्व के कोई प्रकरण लम्बित ना रहें। इसके लिए ब्लॉक स्तरीय निष्पादन समिति की बैठक आयोजित कर लम्बित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करने के निर्देश दिए। घर-घर औषधि अभियान का हो अधिक से अधिक प्रचार भामाशाहों के सहयोग से बनाएं आईसीटी लैब |
अनाड़ी कार्मिकों के हवाले ठेके के जीएसएस, आए दिन हो रहे हादसे Wednesday 18 August 2021 04:30 AM UTC+00 नागौर. अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की ओर से पिछले कुछ वर्षों से ठेके पर दिए जा रहे ग्रिड सब स्टेशन (जीएसएस) भगवान भरोसे संचालित हो रहे हैं, जहां आईटीआई होल्डर तीन कार्मिकों की नियुक्ति ठेकेदारों को करनी चाहिए, वहां पर नियम विरुद्ध अनपढ़ या छठी व आठवीं पास लोगों को लगा रखा है। इनमें से कुछ लोग तो ऐसे हैं, जिन्होंने विद्युतकर्मियों के साथ कुछ समय काम किया था और आज पूरा जीएसएस संभाल रहे हैं। जीएसएस पर लगे कार्मिकों को बिजली के संबंध में पूरी जानकारी नहीं होने के कारण आए दिन कार्मिकों की जानें ज रही हैं। सोमवार को आंवलियासर में हुए हादसे का भी एक कारण यही था। जिले में करंट से होने वाले हादसों पर नजर डालने पर सामने आया कि हर वर्ष तीन दर्जन लोग जान गंवा रहे हैं, जबकि पशुओं की संख्या इससे तीन गुनी है। इसके बावजूद डिस्कॉम के अधिकारी गंभीर होने की बजाय लापरवाह बने हुए हैं। ठेका पद्धति पर संचालित जिले के 78 प्रतिशत जीएसएस में सरकारी नियम-कायदे खूंटी पर टांके हुए हैं। ठेकेदार इन जीएसएस का संचालन 'अनाड़ी' युवकों से करवा रहे हैं, जिन्होंने आईटीआई का 'क', 'ख', 'ग' भी नहीं पढ़ा है, जबकि सरकारी आदेशों के अनुसार ठेकेदार पर संचालित प्रत्येक जीएसएस पर आईटीआई होल्डर कर्मचारी होने चाहिए। ठेकेदार के जिम्मे हैं ये काम अधिकारियों की मौन स्वीकृति प्रतिस्पर्धा पड़ रही भारी पत्रिका पहले भी चेताया ठेकेदारों व अधिकारियों को करेंगे पाबंद |
जड़ा तालाब के सौंदर्य में चार चांद लगाएंगे सेल्फी पॉइंट Wednesday 18 August 2021 04:37 PM UTC+00 नागौर. शहर के ऐतिहासिक जड़ा तालाब व आसपास के क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के नगर परिषद द्वारा प्रयास जारी है। जड़ा तालाब में नौकायन शुरू होने के बाद अब शहरवासी अपने मोबाइल से सेल्फी पॉइंट पर सेल्फी लेने का भी आनंद ले सकेंगे। जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बुधवार को जड़ा तालाब पहुंचकर आयुक्त श्रवणराम चौधरी के साथ तालाब की सफाई, नौकायन, सेल्फी पॉइंट सहित अन्य सौंदर्यकरण के कार्यों का जायजा लिया। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने करीब छह वर्ष पहले शहरवासियों के सहयोग से एक मुहिम शुरू कर जड़ा तालाब में नौकायन शुरू कराने व सौंदर्यकरण कराने का बीड़ा उठाया था, जिसके तहत कई दिनों तक श्रमदान किया गया और तालाब व आसपास के क्षेत्र को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने के प्रयास किए गए। पत्रिका द्वारा लगातार नौकायन के मुद्दे को उठाने व तालाब से शहरवासियों को जोड़े रखने के लिए समय-समय पर श्रमदान कार्यक्रम आयोजित करवाए, जिसकी बदौलत जिला कलक्टर के निर्देशन में नगर परिषद अधिकारियों ने जनवरी में नौकायन की शुरुआत की और अब दो सेल्फी पॉइंट बनाए हैं। सबका मन मोह रहा आपणो नागौर डॉ. सोनी के प्रयास लाए रंग |
भगवान श्रीराम चरित्र की महत्ता समझाई Wednesday 18 August 2021 06:06 PM UTC+00 नागौर. रामद्वारा केशव दास महाराज बगीची बख्तसागर में भागवत कथा पर प्रवचन करते हुए महंत जानकीदास ने भगवान श्री राम चरित्र पर चिंतन करने की महत्ता समझाई। उन्होंने कहा कि राम सेवा सभी के लिए अनिवार्य है। जीवन राम के जैसा ही होना चाहिए। भगवान श्रीराम जैसा जीवन होने पर ही ज्ञान एवं भक्ति सफल होती है। राम चरित्र की विशेषता है कि यह सभी के लिए अति उपयोगी है। वाल्मीकि ऋषि ने रामायण में वर्णन किया है कि श्रीराम ही एक ऐसे मर्यादा पुरुषोत्तम है जो सर्व सद्गुणों के समुद्र हैं। ऐसा अन्य कोई देव भी नहीं हो सकता। राम के जैसी मातृ पितृ भक्ति, बंधु प्रेम, संयम ,सदाचार ,सरलता ,धैर्य, उदारता ,गंभीरता और एक पत्नी व्रत यह सभी सद्गुण कहीं भी नहीं मिलते हैं। सर्व देवों के देव परमात्मा राम है । राम माता-पिता के अनन्य भक्त हैं । वृद्धावस्था में माता-पिता की सेवा महान पुण्य है। बड़े यज्ञ करने से जो पुण्य नहीं मिलता जो पुण्य वृद्धावस्था में माता-पिता की सेवा करने से मिलता है। नागौर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख राजकुमार मटाले अमरपुरा धाम पहुंचे । सह सेवा प्रमुख ने संत शिरोमणि श्रीलिखमीदासजी महाराज के स्मारक स्थल के दर्शन किए। इस अवसर पर उनके साथ राजस्थान क्षेत्र के सेवा प्रमुख शिव लहरी भी थे। यहां पर मटाले का सैनिक क्षत्रिय माली संस्थान की ओर से स्वागत किया गया। बालकिशन भाटी ने संघ पदाधिकारियों को संत शिरोमणि श्रीलिखमीदासजी महाराज के कृतित्व एवं व्यक्तित्व के संबंध में जानकारी दी। क्षेत्रीय सेवा प्रमुख शिव लहरी ने कहा कि महापुरुष किसी भी जाति , वर्ग विशेष के नहीं होते हैं। इस दौरान डा. हापुराम चौधरी , शिवदेव भाटी , सुरेन्द्र सोलंकी , नटवरराज आदि मौजूद थे। |
सरलता की जीती-जागती प्रतिमूर्ति थे आचार्य शुभचंद्र Wednesday 18 August 2021 06:14 PM UTC+00 नागौर. जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में जयगच्छाधिपति 11वें पट्टधर आचार्य सम्राट शुभचंद्र महाराज का 83वां जन्मदिवस बुधवार को तप-त्याग पूर्वक मनाया गया। जयमल जैन पौषधशाला में आचार्य के महिमा की विशेषताएं बताते हुए हुए साध्वी बिंदुप्रभा ने कहा कि आचार्य शुभचंद्र सर्व संप्रदाय समुदाय के लोगों के बीच विशेष श्रद्धा एवं अनन्य आस्था के केंद्र थे। उनका जीवन सरलता, सादगी और संयम का त्रिवेणी संगम था। नाम के अनुसार ही आचरण, चिंतन, मनन, वाणी, व्यवहार सब शुभमय था। हर पल स्वाध्याय एवं अनुप्रेक्षा में रक्त रहते हुए शुभ भावों में रमन करते थे। सरलता की जीती-जागती प्रतिमूर्ति एवं सौम्य व्यक्तित्व के धनी थे। स्वयं प्रशांतचेता होने के कारण उनके सानिध्य में जाने वाला अमित शांति की अनुभूति करता था। उनका जन्म रुपावास पाली में हुआ। वह मात्र 17 वर्ष की आयु में संयम अंगीकार कर 63 वर्ष तक निर्भयम साधना का पालन करते हुए जिनशासन की महत्ती प्रभावना की। इकतीस वर्ष तक आचार्य पद पर रहते हुए जयमल संघ का कुशल नेतृत्व कर संघ को नई ऊंचाइयां प्रदान की। अंतिम समय में शारीरिक अस्वस्थता के कारण हुई वेदना को समभाव से सहन करते हुए आधि-व्याधि में भी समाधि में स्थित रहे। प्रेमलता ललवानी, रेखा सुराणा एवं रीता ललवानी ने जन्मदिवस पर भजन प्रस्तुत किया। संचालन संजय पींचा ने किया। |
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