>>: Digest for August 30, 2021

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सूरतगढ़ थर्मल(श्रीगंगानगर)। कोयला संकट के चलते सूरतगढ़ सुपर थर्मल पावर स्टेशन की 250-250 मेगावाट की सभी छह इकाइयों से पिछले पांच दिन से बिजली उत्पादन ठप पड़ा है। इस तरह थर्मल से 1500 मेगावाट बिजली का उत्पादन बंद है। वर्तमान में 660-660 मेगावाट की सातवीं व आठवीं सुपर क्रिटिकल इकाइयों से विद्युत उत्पादन हो रहा है। इनमें भी कोयला खत्म होने के कगार पर है। ऐसे में सूरतगढ़ सुपर थर्मल पावर स्टेशन (एसटीपीएस) से विद्युत उत्पादन पूरी तरह ठप होने का संकट गहरा गया है।

मात्र दो दिन का कोयला स्टॉक शेष
सुपर क्रिटिकल इकाइयों के कोल हैंडलिंग प्लांट के अधिकारियों के अनुसार रविवार को यार्ड में मात्र 30 हजार मीट्रिक टन कोयला स्टॉक ही शेष बचा था। जो वर्तमान में उत्पादन कर रही 660 मेगावाट की सातवीं इकाई और परीक्षण के तौर पर उत्पादन कर रही 660 मेगावाट की आठवीं इकाई के लिए दो दिन ही पर्याप्त होगा।

खपत से आधी से कम आपूर्ति
सुपर क्रिटिकल दोनों इकाइयों से बिजली उत्पादन के लिए रोजाना 15 से 16 हजार मीट्रिक टन कोयले की आवश्यकता होती है लेकिन वर्तमान में मात्र दो कोयला रैक (7 हजार मीट्रिक टन) ही परियोजना में पहुंच रहा है। जो खपत का आधा भी नहीं है।

उच्चस्तर पर करवाया अवगत
सुपर क्रिटिकल थर्मल के मुख्य अभियंता बी कुमार ने बताया कि कोयला आपूर्ति में सुधार के लिए जयपुर मुख्यालय को अवगत करवाया गया है। उन्होंने बताया कि सुपर क्रिटिकल थर्मल के लिए तीन गाडिय़ां लोड हुई है। उनके मंगलवार तक परियोजना में पहुंचने की उम्मीद है।

कोयला परिवहन बड़ी समस्या-
नव निर्मित सुपर क्रिटिकल इकाइयों का कोल हैंडलिंग प्लांट पूरी तरह से तैयार नहीं होने से कोयले की गाडिय़ां सीधे सुपर क्रिटिकल इकाइयों में खाली नहीं हो सकती। कोयला खदानों से आने वाले कोयले के रैक पहले 1500 मेगावाट की पुरानी परियोजना में खाली होते है। इन्हें ट्रकों से सुपर क्रिटिकल इकाइयों के कोल यार्ड में लाया जाता है। एक रैक कोयला परिवहन में करीब 4 से 5 घंटे लगते हैं।

नेतेवाला/श्रीगंगानगर। चूनावढ़ थाना इलाके में रविवार दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे एक कार संतुलन बिगडऩे पर खेत में बिजली पोल से टकरा गई। जिससे पोल टूट गया और बिजली के तार कार पर गिर गए। इससे कार में आग लग गई और युवा चालक जिंदा जल गया। युवक के साथ उसका दस साल का बेटा भी था, जो कार पलटते ही बार गिरने से बच गया। उससे मामूली खरोंचे आई है। मौके पर पहुंचे परिजनों, ग्रामीणों, दमकल व पुलिस ने आग पर काबू पाया।

परिजनों ने बताया कि 11 एमएल निवासी अनिल कुमार (25) पुत्र इंद्राज देवरथ रविवार दोपहर कार में अपने करीब 10 साल के पुत्र मयंक के साथ 11 एमएल से 22 एमएल वाली रोड पर अपनी सास को लेने के लिए जा रहा था। उसके पीछे ही उनके परिवार का रवि कुमार दूसरी कार में था। 22 एमएल में अचानक कार का संतुलन बिगड़ गया और कार जम्प खाती हुई खेत में उतर गई। इससे कार की खिड़कियां खुल गई और मयंक खेत में गिर गया। कार जाकर खेत में लगे बिजली के पोल से टकरा गई। इस हादसे में बिजली का पोल टूट गया। पोल टूटते ही 11 केवी की लाइन कार पर आ गिरी और कार में आग लग गई। जिससे अनिल कुमार की कार में जिंदा जलने से मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए।

सूचना मिलने पर चूनावढ़ थाना प्रभारी परमेश्वर सुथार मय जाब्ते के मौके पर पहुंच गए। वहीं दमकल व डिस्कॉम के जेइएन विकास बिश्नोई व लाइनमैन पहुंच गए। लाइन बंदवाकर दमकल ने आग पर काबू पाया। तब तक अनिल बुरी तरह जल चुका था। हादसे में जख्मी उसके पुत्र को तत्काल श्रीगंगानगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से शाम को परिजन इलाज के बाद घर ले गए। मृतक का शव वहां से अस्पताल ले जाने की स्थिति में नहीं था। वहीं परिजनों ने भी कार्रवाई से मना कर दिया। इस पर पुलिस ने मौके पर ही कार्रवाई कर शव परिजनों को सौंप दिया। जिसका अंतिम संस्कार गांव में कर दिया गया।

श्रीगंगानगर. संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से अंबानी और अढाणी की कंपनियों के विभिन्न मॉल और शॉपिंग सैंटरों को बंद करने के आह्वान पर किसानों ने रविवार को रिद्धि सिद्धि एन्केलव में संचालित मॉल को बंद कराया।

किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष अमरसिंह बिश्नोई ने बताया कि पिछले आठ महीने से इलाके में रिलान्यास कंपनी के मॉल को बंद करवा रखा था लेकिन रविवार को रिद्धि सिद्धि एन्केलव में फिर से मॉल खोलने की सूचना मिलने पर संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से इसी कॉलोनी में स्थित गुरुघर में बैठक की।

वहां इस मॉल को बंद करने के लिए रोष मार्च निकालते हुए रवाना हुए। मॉल के मुख्य गेट पर एकाएक किसानों ने धरना लगा दिया। वहां जमकर केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई। सुरक्षा की दृष्टिगत पुलिस का जाब्ता भी लगाया गया था।

इस दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन की ओर से तहसीलदार संजय अग्रवाल को भी वहां भिजवाया गया। इस प्रदर्शन के दौरान हरजिन्द्र ङ्क्षसह मान, गुरजीत सिंह, संदीप सिंह, रमन रंधावा, साहिल बिश्नोई, बॉबी पहलवान, रामनारायण नायक, अर्णव संधू आदि मौजूद थे। इस बीच बिश्नोई ने बताया कि रिदिध सिद्धि एन्कलेव में मॉल को बंद कराने के लिए कई युवा गुरुघर में पहुंचे तो वहां इस कॉलोनी के कॉलोनाइजर ने अपशब्द बोले थे।

इस बात को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने गंभीरता से लिया है। इस संबंध मेे सोमवार को सुबह ग्यारह बजे वहां मीटिंग बुलाई गई है। इस बैठक में निर्णय के उपरांत आगामी रणनीति तय की जाएगी।

बिश्नोई ने बताया कि हरियाणा के करनाल में किसानों पर हुए लाठीवार को लेकर भी किसान संगठनों में रोष व्याप्त है। इलाके में भाजपा किसान आंदोलन के लिए ओच्छी हरकतें कर रही है। इसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए युवा किसानों को अलग अलग जिम्मेदारी दी गई है।

श्रीगंगानगर. जीवन में मुसीबत का डटकर मुकाबला करें तो भाग्य की रेखाएं भी बदल सकती है। पिछले सवा साल से कोरोना प्रकोप से इलाका भी अछूता नहीं रहा। इस कोरोनाकाल में किसी का हमसफर छूटा तो किसी का रोजगार। परिवार के समक्ष रोटी का संकट खड़ा हो गया।

सहारा देने वालों ने भी मुंह मोड़ लिया। इलाके में एेसी महिलाओं ने अपने हूनर के बलबूते पर जीवन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। इनमें से चुनिंदा महिलाओं का कहना है कि लड्डू गोपाल ने संकट मोचक के माध्यम से सहारा दिया।

इलाके में लड्डू गोपाल की चलन अधिक होने लगा है। इन लड्डू गोपाल की डे्रस की अधिक खपत रहती है। इस कारण महिलाआें ने ड्रेस बनाने की प्रक्रिया शुरू की। एक महिला दुकानदार से ऑर्डर लेकर आती तो दूसरी ने कटिंग की। अन्य महिलाओं ने इन ड्रेस की सिलाई की।

देखते देखते अब तीन सौ से लेकर साढ़े तीन सौ रुपए प्रतिदिन की औसतन दिहाड़ी बनती है। घर पर बैठे इस काम को सिखने में महज तीन से चार दिन लगते है।

पुरानी आबादी की मंजू स्वामी का कहना है कि पिछले साल कोरोनाकाल में केन्द्र सरकार ने आत्मनिर्भर बनने का संदेश दिया था, अब यह सही मायने में सचमुच में होने लगा है। इलाके में बनी लड्डू गोपाल की रंग बिरंगी और आकर्षक पोशाक की डिमांड लोकल स्तर पर नहीं बल्कि मथुरा और वृंदावन तक होने लगी है। यहां से विभिन्न पोशाक की आपूर्ति भी होने लगी है।
नेहरानगर निवासी सुखविन्द्र कौर के पति की कोरोना महामारी से मृत्यु हो गई। एेसे में परिवार के समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया तो इस महिला ने खुद कमान संभाली।

पहले यह महिला प्राइवेट स्कूल में कार्यरत थी। अब लड्डू गोपाल की ड्रेस बनाकर परिवार पाल रही है। यही स्थिति आनंद विहार के पास नेहरानगर निवासी सरिता की है। इसके पति प्राइवेट स्कूल में बालवाहिनी के चालक थे लेकिन शिक्षण संस्थाएं बंद हुई तो काम से छुट्टी कर दी गई।

एेसे में रोजगार के रास्ते बंद होने पर सरिता ने लड्डू गोपाल की ड्रेस बनाने का काम सीखा और उसकी मेहनत रंग भी लाई। अब पूरा परिवार यह सिलाई कार्य करता है। एसएसबी रोड पर चक ३ ई छोटी शिवाजी कॉलोनी निवासी ममता भी प्राइवेट स्कूल में अध्यापिका थी लेकिन कोरोना ने रोजगार का यह मार्ग बंद करवा दिया।

आर्थिक संकट छाया तो खुद ही सिलाई मशीन लेकर काम करने लगी। ड्रेस बनाने में महारत हुई तो दूसरी महिलाओं के लिए यह प्ररेक बन गई। इसके आसपास की महिलाएं भी सिलाई का काम करने लगी है।

इधर, पुरानी आबादी वार्ड आठ में तो वे कामकाजी महिलाएं एक मंच आई जिनका कोरोनाकाल में काम छूट गया। इसमे कई महिलाएं तो ट्रेलरिंग का काम करती थी लेकिन बाजार से यह काम आना बंद हुआ तो लड्डू गोपाल की पोशाक बनाने में लग गई।

श्रीगंगानगर. जीवन में मुसीबत का डटकर मुकाबला करें तो भाग्य की रेखाएं भी बदल सकती है। पिछले सवा साल से कोरोना प्रकोप से इलाका भी अछूता नहीं रहा। इस कोरोनाकाल में किसी का हम सफर छूटा तो किसी का रोजगार। परिवार के समक्ष रोटी का संकट खड़ा हो गया। सहारा देने वालों ने भी मुंह मोड़ लिया।

इलाके में अधिकांश महिलाओं ने अपने हूनर के बलबूते पर जीवन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। इनमें से चुनिंदा महिलाओं का कहना है कि लड्डू गोपाल ने संकट मोचक के माध्यम से सहारा दिया।

इलाके में लड्डू गोपाल की चलन अधिक होने लगा है। इन लड्डू गोपाल की डे्रस की अधिक खपत रहती है। इस कारण महिलाआें ने ड्रेस बनाने की प्रक्रिया शुरू की।

एक महिला दुकानदार से ऑर्डर लेकर आती तो दूसरी ने कटिंग की। अन्य महिलाओं ने इन ड्रेस की सिलाई की। देखते देखते अब तीन सौ से लेकर साढ़े तीन सौ रुपए प्रतिदिन की औसतन दिहाड़ी बनती है।

घर पर बैठे इस काम को सिखने में महज तीन से चार दिन लगते है। चक आठ जैड निवासी मंजू स्वामी का कहना है कि पिछले साल कोरोनाकाल में केन्द्र सरकार ने आत्मनिर्भर बनने का संदेश दिया था, अब यह सही मायने में सचमुच में होने लगा है।

इलाके में बनी लड्डू गोपाल की रंग बिरंगी और आकर्षक पोशाक की डिमांड लोकल स्तर पर नहीं बल्कि मथुरा और वृंदावन तक होने लगी है। यहां से विभिन्न पोशाक की आपूर्ति भी होने लगी है।

बीरबल चौक के पास इंडस्ट्रीयल एरिया में रहने वाली कुसुम शर्मा का कहना है कि पिछले साल कोरोनाकाल में शिक्षण संस्थाएं बंद हुई तो मकान के ऋण की किस्तें चुकाने का संकट खड़ा हो गया। इस दौरान मंजू स्वामी ने लड्डू गोपाल की डे्रस बनाने का ऑफर किया तो उसके समक्ष कई चुनौतियां थी। चंद घंटों में ड्रेस बनाने को सीखना और फिर बनाना।

लेकिन हिम्मत नहीं हारी और इस काम में जुट गई। लड्डू गोपाल की ड्रेस बनाने से सुकुन भी मिला और दिहाड़ी भी बनी। बस फिर क्या था यह कारवां बनता गया। यही स्थिति नीरां की थी।

उसका स्कूल छूटा तो बेरोजगार हो गई। एेसे में उसे भी लड्डू गोपाल ने रोजगार दे दिया। वह अब दिन में एक सौ से अधिक ड्रेस तैयार करती है। खाली बैठने से अच्छा है कि कोई काम ही किया जाएं।

भगवान लड्डू गोपाल ने सुन ली। अब वह अपने लड्डू गोपाल के लिए खास ड्रेस भी बना लेती है।
नेहरानगर निवासी सुखविन्द्र कौर के पति की कोरोना महामारी से मृत्यु हो गई। एेसे में परिवार के समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया तो इस महिला ने खुद कमान संभाली।

पहले यह महिला प्राइवेट स्कूल में कार्यरत थी। अब लड्डू गोपाल की ड्रेस बनाकर परिवार पाल रही है। यही स्थिति आनंद विहार के पास नेहरानगर निवासी सरिता की है। इसके पति प्राइवेट स्कूल में बालवाहिनी के चालक थे लेकिन शिक्षण संस्थाएं बंद हुई तो काम से छुट्टी कर दी गई।

एेसे में रोजगार के रास्ते बंद होने पर सरिता ने लड्डू गोपाल की ड्रेस बनाने का काम सीखा और उसकी मेहनत रंग भी लाई। अब पूरा परिवार यह सिलाई कार्य करता है। एसएसबी रोड पर चक ३ ई छोटी शिवाजी कॉलोनी निवासी ममता भी प्राइवेट स्कूल में अध्यापिका थी लेकिन कोरोना ने रोजगार का यह मार्ग बंद करवा दिया। आर्थिक संकट छाया तो खुद ही सिलाई मशीन लेकर काम करने लगी।

ड्रेस बनाने में महारत हुई तो दूसरी महिलाओं के लिए यह प्ररेक बन गई। इसके आसपास की महिलाएं भी सिलाई का काम करने लगी है। इधर, पुरानी आबादी वार्ड आठ में तो वे कामकाजी महिलाएं एक मंच आई जिनका कोरोनाकाल में काम छूट गया।

इसमे कई महिलाएं तो ट्रेलरिंग का काम करती थी लेकिन बाजार से यह काम आना बंद हुआ तो लड्डू गोपाल की पोशाक बनाने में लग गई।

श्रीगंगानगर. गंगानगर में साधुवाली के समीप भारी मात्रा में नकली देसी शराब तैयार करने की फैक्ट्री पकड़ी जाने के बाद मिले इनपुट से हनुमानगढ़ में भी एक फैक्ट्री पकड़ी गई है। इसके बाद संगरिया व पीलीबंगा में ऐसी फैक्ट्री पकड़ी है। इन मामलों में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ व इनपुट के आधार तथा मुखबिरों से पता चला है कि नोहर से पल्लू, लूणकरणसर, अर्जुनसर, रावतसर व सूरतगढ़ इलाके में टिब्बा क्षेत्र में अभी नकली देसी शराब तैयार करने की फैक्टियां संचालित होने की संभावना है। दोनों जिलों के आबकारी विभाग के अधिकारी इनकी तलाश में जुटे हैं।

आबकारी अधिकारियों ने बताया कि 3 अगस्त को श्रीगंगानगर के साधुवाली में अवैध रूप से देसी शराब बनाने की फैक्ट्री पकड़ी गई थी। जिसमें भारी मात्रा में स्प्रीट, खाली पव्वे, ढक्कर, लेबल सहित अन्य सामान मिला था। मौके से गिरफ्तार एक आरोपी से पूछताछ में हनुमानगढ़ के गुरुसर इलाके में एक अन्य फैक्ट्री संचालित होने का इनपुट मिला था। इसके बाद श्रीगंगानगर आबकारी टीम व हनुमानगढ़ टीम ने कार्रवाई कर यहां से नकली देसी शराब की फैक्ट्री पकड़ी थी। यहां से गिरफ्तार आरोपी ने माल अन्य जगह भी जाने की जानकारी दी थी। इसके बाद आबकारी अधिकारियों को संगरिया, पीलीबंगा, सूरतगढ़, रावतसर व सादुलशहर के आसपास अन्य फैक्ट्री संचालित होने की संभावना थी। 25 अगस्त को आबकारी विभाग की ओर सेे हनुमानगढ़ में संगरिया में एक और नकली देसी शराब बनाने की पकड़ी गई। यहां से जानकारी मिलने के बाद 25 अगस्त को आबकारी विभाग ने पीलीबंगा में छापा मारकर चौथी फैक्ट्री पकड़ी। श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ इलाके में करीब 23 दिन में नकली देसी शराब तैयार करने की चार फैक्ट्री पकड़ी जा चुकी है।

इन चार फैक्ट्रियां पकड़े जाने के बाद दोनों जिलों के आबकारी निरीक्षकों को इनपुट मिला है कि नोहर, भादरा, पल्लू, लूणकरणसर, अर्जुनसर, सरदारशहर, रावतसर व सूरतगढ़ इलाके के टिब्बा क्षेत्र में नकली देसी शराब तैयार करने की कई फैक्ट्रियां संचालित होने की संभावना है। इसको लेकर विभागीय अधिकारियों ने इन इलाके में निगरानी शुरू कर दी है।

आरोपियों के खंगाले जा रहे हैं मोबाइल

- आबकारी विभाग की ओर से इन मामलों में मौके से पकड़े गए आरोपियों के मोबाइलों की डिटेल खंगाली जा रही है। जिसमें मिले नंबर, वाट्सअप चेटिंग सहित अन्य संपर्क सूत्रों का पता लगाया जा रहा है। इसके चलते काफी संख्या में आबकारी विभाग के पास नाम आए हैं। जो भूमिगत हो गए हैं। विभाग की टीमें इन व्यक्तियों की तलाश कर रही है।

पीलीबंगा वाला सप्लाई करता था ढक्कन

- आबकारी अधिकारियों ने बताया कि पीलीबंगा में एक कबाड़ का काम करने वाले व्यक्ति के यहां से अवैध देसी शराब तैयार करने का सामान पकड़ा गया था। वहीं आरोपी को भी टीम ने गिरफ्तार किया था। आरोपी नकली देसी शराब तैयार करने वालों को ढक्कन बेचान करता था और देसी शराब के खाली पव्वों को धोकर नकली शराब भरता था। आबकारी की टीम भी ढक्कन खरीदने आई को उसको पकड़ा था।

इनका कहना है

- हनुमानगढ़ जिले में नकली देसी शराब तैयार करने की तीन फैक्ट्रियां पकड़ी जा चुकी है। इनमें मिले इनपुट के आधार पर अभी नोहर, पल्लू, लूणकरणसर, अर्जुनसर, रावतसर, सरदारशहर व सूरतगढ़ इलाके में भी नकली देसी शराब तैयार करने की फैक्ट्रियां चलने की संभावना है। टीमें इसका पता लगा रही है।

- आशीष स्वामी, निरीक्षक आबकारी विभाग हनुमानगढ़

- साधुवाली में भारी मात्रा में नकली देसी शराब तैयार करने की फैक्ट्री पकड़ी जाने के बाद इनपुट के आधार पर हनुमानगढ़ के गुरुसर में भी ऐसी ही फैक्ट्री पकड़ी गई थी। दोनों का संचालन कर्ता एक ही पाया गया। इसके बाद आगे से आगे इनपुट मिलने पर पीलीबंगा व संगरिया में भी ऐसी फैक्ट्रियां पकड़ी गई। अब दोनों जिले में नोहर, पल्लू, लूणकरणसर, रावतसर, अर्जुनसर व सूरतगढ़ के टिब्बा क्षेत्र में देसी शराब तैयार होने की संभावना है।

- मनीष कुमार, निरीक्षक आबकारी विभाग श्रीगंगानगर

श्रीगंगानगर. जीवन में मुसीबत का डटकर मुकाबला करें तो भाग्य की रेखाएं भी बदल सकती है। पिछले सवा साल से कोरोना प्रकोप से इलाका भी अछूता नहीं रहा। इस कोरोनाकाल में किसी का हम सफर छूटा तो किसी का रोजगार। परिवार के समक्ष रोटी का संकट खड़ा हो गया। सहारा देने वालों ने भी मुंह मोड़ लिया।

इलाके में अधिकांश महिलाओं ने अपने हूनर के बलबूते पर जीवन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। इनमें से चुनिंदा महिलाओं का कहना है कि लड्डू गोपाल ने संकट मोचक के माध्यम से सहारा दिया।

इलाके में लड्डू गोपाल की चलन अधिक होने लगा है। इन लड्डू गोपाल की डे्रस की अधिक खपत रहती है। इस कारण महिलाआें ने ड्रेस बनाने की प्रक्रिया शुरू की।

एक महिला दुकानदार से ऑर्डर लेकर आती तो दूसरी ने कटिंग की। अन्य महिलाओं ने इन ड्रेस की सिलाई की। देखते देखते अब तीन सौ से लेकर साढ़े तीन सौ रुपए प्रतिदिन की औसतन दिहाड़ी बनती है।

घर पर बैठे इस काम को सिखने में महज तीन से चार दिन लगते है। चक आठ जैड निवासी मंजू स्वामी का कहना है कि पिछले साल कोरोनाकाल में केन्द्र सरकार ने आत्मनिर्भर बनने का संदेश दिया था, अब यह सही मायने में सचमुच में होने लगा है।

इलाके में बनी लड्डू गोपाल की रंग बिरंगी और आकर्षक पोशाक की डिमांड लोकल स्तर पर नहीं बल्कि मथुरा और वृंदावन तक होने लगी है। यहां से विभिन्न पोशाक की आपूर्ति भी होने लगी है।

बीरबल चौक के पास इंडस्ट्रीयल एरिया में रहने वाली कुसुम शर्मा का कहना है कि पिछले साल कोरोनाकाल में शिक्षण संस्थाएं बंद हुई तो मकान के ऋण की किस्तें चुकाने का संकट खड़ा हो गया। इस दौरान मंजू स्वामी ने लड्डू गोपाल की डे्रस बनाने का ऑफर किया तो उसके समक्ष कई चुनौतियां थी। चंद घंटों में ड्रेस बनाने को सीखना और फिर बनाना।

लेकिन हिम्मत नहीं हारी और इस काम में जुट गई। लड्डू गोपाल की ड्रेस बनाने से सुकुन भी मिला और दिहाड़ी भी बनी। बस फिर क्या था यह कारवां बनता गया। यही स्थिति नीरां की थी।

उसका स्कूल छूटा तो बेरोजगार हो गई। एेसे में उसे भी लड्डू गोपाल ने रोजगार दे दिया। वह अब दिन में एक सौ से अधिक ड्रेस तैयार करती है। खाली बैठने से अच्छा है कि कोई काम ही किया जाएं।

भगवान लड्डू गोपाल ने सुन ली। अब वह अपने लड्डू गोपाल के लिए खास ड्रेस भी बना लेती है।
नेहरानगर निवासी सुखविन्द्र कौर के पति की कोरोना महामारी से मृत्यु हो गई। एेसे में परिवार के समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया तो इस महिला ने खुद कमान संभाली।

पहले यह महिला प्राइवेट स्कूल में कार्यरत थी। अब लड्डू गोपाल की ड्रेस बनाकर परिवार पाल रही है। यही स्थिति आनंद विहार के पास नेहरानगर निवासी सरिता की है। इसके पति प्राइवेट स्कूल में बालवाहिनी के चालक थे लेकिन शिक्षण संस्थाएं बंद हुई तो काम से छुट्टी कर दी गई।

एेसे में रोजगार के रास्ते बंद होने पर सरिता ने लड्डू गोपाल की ड्रेस बनाने का काम सीखा और उसकी मेहनत रंग भी लाई। अब पूरा परिवार यह सिलाई कार्य करता है। एसएसबी रोड पर चक ३ ई छोटी शिवाजी कॉलोनी निवासी ममता भी प्राइवेट स्कूल में अध्यापिका थी लेकिन कोरोना ने रोजगार का यह मार्ग बंद करवा दिया। आर्थिक संकट छाया तो खुद ही सिलाई मशीन लेकर काम करने लगी।

ड्रेस बनाने में महारत हुई तो दूसरी महिलाओं के लिए यह प्ररेक बन गई। इसके आसपास की महिलाएं भी सिलाई का काम करने लगी है। इधर, पुरानी आबादी वार्ड आठ में तो वे कामकाजी महिलाएं एक मंच आई जिनका कोरोनाकाल में काम छूट गया।

इसमे कई महिलाएं तो ट्रेलरिंग का काम करती थी लेकिन बाजार से यह काम आना बंद हुआ तो लड्डू गोपाल की पोशाक बनाने में लग गई।

नेतेवाला/श्रीगंगानगर. चूनावढ़ थाना इलाके में रविवार दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे एक कार संतुलन बिगडऩे पर खेत में खड़े बिजली पोल से टकरा गई। जिससे पोल टूट गया और बिजली के तार कार पर गिरने से लगी आग में चालक जिंदा जल गया। शुक्र रहा कि चालक के साथ उसका बेटा भी था, जो कार से पहले ही गिर गया था। मौके पर पहुंचे परिजनों, ग्रामीणों, दमकल व पुलिस ने आग पर काबू पाया।

परिजनों ने बताया कि 11 एमएल निवासी अनिल कुमार (25) पत्र इंद्राज देवरथ दोपहर को कार में अपने करीब 10 साल के पुत्र मयंक के साथ 11 एमएल से 22 एमएल वाली रोड पर अपनी सास को लेने के लिए जा रहा था। उसके पीछे ही उनके परिवार का रवि कुमार दूसरी कार में था। 22 एमएल में अचानक कार का संतुलन बिगड़ गया और कार जम्प खाती हुई खेत में उतर गई। इस दौरान कार की खिड़कियां खुल गई और मयंक कार से खेत में गिर गया। कार जाकर खेत में लगे बिजली के पोल से टकरा गई। इस हादसे के दौरान बिजली का पोल टूट गया। पोल टूटने से 11 केवी की लाइन कार पर आ गिरी और कार में आग लग गई। जिससे अनिल कुमार की कार में जिंदा जलने से मौत हो गई। बिजली के तार टूटकर गिरने से कोई कार की तरफ नहीं गया। वहां मौजूद रवि कुमार ने वहां गिरे मयंक को तत्काल उठा लिया। हादसे की खबर परिजनों, ग्रामीणों, पुलिस व दमकल को दी। कुछ ही देर में मौके पर परिजन व ग्रामीण जमा हो गए। सूचना मिलने पर चूनावढ़ थाना प्रभारी परमेश्वर सुथार मय जाब्ते के मौके पर पहुंच गए। वहीं दमकल व डिस्कॉम के जेईएन विकास बिश्नोई व लाइन पहुंच गए। लाइन बंदवाकर दमकल ने आग पर काबू पाया। जब तक अनिल बुरी तरह जल चुका था। हादसे में जख्मी उसके पुत्र को तत्काल श्रीगंगानगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से शाम को परिजन इलाज के बाद घर ले गए। मृतक का शव वहां से अस्पताल ले जाने की स्थिति में नहीं रहा। वहीं परिजनों ने भी कार्रवाई से मना कर दिया। इस पर पुलिस ने मौके पर ही कार्रवाई कर शव परिजनों को सौंप दिया। जिसका अंतिम संस्कार गांव में कर दिया गया।

परिजनों में मचा कोहराम

- दोपहर को 11 एमएल के अनिल कुमार के कार में जिंदा जलने की खबर जैसे ही गांव पहुंची तो परिजनों में कोहराम मच गया। परिजन व गांव के लोग घटना स्थल की तरफ दौड़ पड़े। जब तक वे वहां पहुंचे तब तक सबकुछ जल चुका था। मौके पर पहुंचे परिजनों का रो रोककर बुरा हाल हो रहा था। वहीं ग्रामीण व सरपंच तरसेम सिंह परिजनों को ढांढस बंधा रहे थे। हादसे के बाद 11 एमएल सहित आसपास के गांवों में शोक छा गया।

कार करीब बीस फुट दूर चली गई

- पुलिस ने बताया कि हादसे के दौरान कार का संतुलन बिगड़ गया था और सडक़ से करीब बीस फुट दूर खेत में चली गई थी। जहां एक बिजली का पोल लगा हुआ था। कार का संतुलन वहां एक गड्ढे में टायर जाने के कारण बिगडऩा बताया जा रहा है।

मृतक परिवार में इकलौता

- ग्रामीणों ने बताया कि मृतक अनिल कुमार अपने पिता की इकलौती संतान थी। जिसकी हादसे में मौत हो गई। वहीं अनिल कुमार के भी एक ही बेटा है। जो भी घटना के वक्त उसके साथ रहा। जो पोल से कार टकराने से पहले ही खिडक़ी खुलने के कारण नीचे गिर गया था। ग्रामीणों कहा कि इस हादसे में जाको राखे सांईया मार सके ना कोय वाली पंक्ति चरितार्थ हुई है।

श्रीगंगानगर. सदर थाना पुलिस ने सद्भावना नगर में पत्रकार कॉलोनी में 18 अगस्त को अधिकारियों की मिलीभगत से सामान्य आरक्षित इंजीनियर बल (ग्रीफ) का साधुवाली से फाजिल्का ले जाए जा रहे 2 हजार लीटर डीजल बाहर अवैध रूप से बिकवाने के मामले में गिरफ्तार ग्रीफ के दो अभियंताओं को रविवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।

पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि 18 अगस्त को सीओ सिटी अरविंद कुमार को मुखबिर से सूचना मिली थी कि पत्रकार कॉलोनी के पास अवैध डीजल की बिक्री की जा रही है। इस सूचना के आधार पर सीओ सिटी मय स्टाफ व थाना प्रभारी हनुमानाराम बिश्नोई मय जाब्ते के पत्रकार कॉलोनी में नोहरा मुरलीधर की जांच की थी। जिसके गेट पर एक डंफर खड़ा हुआ था और डंफर से के पीछे ट्रेक्टर-ट्रॉली खड़ी हुई थी। ग्रीफ के डंफर से आरोपी असींगा भूना फतेहाबाद हरियााा निवासी इंद्रीज पुत्र सुभाष, गांव धांगनी नेच्छावा सीकर हाल कर्मचारी ग्रीफ ऑफिस फाजिल्का जितेन्द्र कुमार पुत्र सांवरमल, मरलीधर आटा चक्की जैतसर पुलिया के पास पदमपुर निवासी मुरलीधर पुत्र भगवानदास व वार्ड नंबर पांच पदमपुर निवासी हरदीप सिंह पुत्र गुरदेव सिंह डीजल के ड्रमों को उतारकर ट्रॉली में डाल रहे थे। जब चारों आरोपियों से डीजल के संबंध में पूछा गया तो इंद्रजीत व जितेन्द्र कुमार ने बताया कि यह डीजल हम साधुवाली से संतोष भारद्वाज यूनिट 141 डीएमसी ग्रीफ से लेकर आगे फाजिल्का पंजाब यूनिट डीएमपीएल ग्रीफ को देने की रसीद कटवाकर लाए हैं। यह डीजल हमें फाजिल्का भिजवाना था लेकिन फाजिल्का पंजाब ग्रीफ के अधिकारी लिंगा राजू व विनोद कुमार के कहने पर डीजल को अवैध रूप से बेचकर 1.3 लाख रुपए दोनों अधिकारियों को देने थे। इस पर डंफर लेकर गंगानगर में चोरी की डीजल खरीदने वाले दलाल मुरलीधर के नोहरा आ गए। नोहरा में दलाल मुरलीधर व डीजल का खरीददार हरदीप सिंह मिले। जिनको दो हजार लीटर डीजल 75 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से बेचकर 1.5 लाख रुपए लिए हैं। इन डेढ़ लाख रुपयों में से दस-दस हजार जितेन्द्र व इंद्रजीत ने रख लिए तथा एक लाख 30 हजार रुपए लिंगा राजू व विनोद कुमार के लिए अलग रखे थे।

आरोपियों ने पुलिस को बताया कि डीजल साधुवाली से फाजिल्का ग्रीफ में लेकर जाना था लेकिन कागजात में वहां पहुंच बताई जाकर अधिकारियों की मिलीभगत से यह डीजल बाजार भाव से कम में काश्तकारों को बेचने के लिए दलाल के मार्फत सौदा किया। जो बेचते हुए पकड़े गए थे। पुलिस ने 10 ड्रमों में 2200 लीटर डीजल, एक कैन में बीस लीटर पेट्रोलनुमा पदार्थ, डेढ़ लाख रुपए की नकदी, रसीद आदि बरामद कर आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में भिजवाए जा चुके हैं। मामले की जांच थाना प्रभारी को सौंपी गई है।

इस मामले जांच के बाद शनिवार को डीएमपीएल कुपारावल्ली नान्जंगुड बिलीगेरे मैसूर कर्नाटक एवं हाल ग्रीफ के सहायक अभियंता (सिविल) एवं प्रभारी अधिकारी साधुवाली निवासी लिंगा राजू पत्र चामूण्डा नायक व श्यामपुरम कॉलोनी बाजपुर रोड खडगपुर देवीपुरा काशीपुरा उधमसिंह नगर उत्तराखंड हाल कनिष्ठ अभियंता (सिविल) साधुवाली निवासी विनोद कुमार पुत्र मंगत कहार को गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपियों को रविवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।

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