>>: गर्मी के साथ बढऩे लगी बिजली की मांग, ग्रामीण क्षेत्रों में अघोषित पावर कट

>>

Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment!

राजसमंद. गर्मी बढऩे के साथ ही बिजली की मांग भी लगातार बढ़ती जा रही है। वर्तमान में 20 प्रतिशत से अधिक बिजली की डिमांड बढ़ गई है। हालांकि जिले में कहीं पर भी घोषित कटौती नहीं हो रही है, लेकिन रख-रखाव के नाम पर कई घंटे बिजली गुल होना आम बात हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में अघोषित कटौती जारी है।
अजमेर विद्युत निगम की ओर से बिजली की सप्लाई की जाती है। शहरी क्षेत्रों में अधिकांश स्थानों पर नियमित विद्युत आपूर्ति की जा रही है। इस दौरान दिन में एक-दो बार कुछ देर के लिए लाइट गुल हो जाती है। निगम के जीएसएस पर विद्युत उपकरणों के रख-रखाव के नाम पर प्रतिदिन कई कॉलोनियों में दो से चार घंटे बिजली बंद होना आम बात हो गई है। गर्मी के दौरान बिजली गुल होने से घरों में बैठना मुश्किल हो जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति काफी खराब है। यहां अघोषित कटौतीजारी है। इसके कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रात्रि के समय बिजली गुल होने से खुले में सोना मजबूरी बन गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में अंधेरे में जंगली जानवरों का भी डर बना रहता है। स्थिति यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली गुल होने के बाद कब आएगी इसका जवाब भी किसी के पास नहीं होता है। इसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति विकट होती जा रही है।

पंखे, कूलर और एसी चलने से बढ़ी मांग
जिले में गर्मी के चलते पंखे, कूलर, एसी, फ्रिज आदि का उपयोग बढ़ जाता है। इसके कारण बिजली की मांग एकाएक बढ़ जाती है। आगामी दिनों में तापमान में बढ़ोतरी होने पर बिजली की मांग ओर बढऩे की उम्मीद है। हालांकि विद्युत निगम का दावा है कि कहीं पर भी बिजली कटौती नहीं की जा रही है। वर्तमान में मांग के अनुरूप बिजली मिल रही है।
चारभुजा कस्बे में आठ घंटे अघोषित कटौती
चारभुजा कस्बे में 8 घंटे तक अघोषित बिजली कटौती हो रही है। ग्रामीणों के अनुसार चारभुजा धार्मिक कस्बे में दिन में दो-तीन बार तथा रात्रि के समय तीन-चार बार बिजली गुल हो जाती है। उन्होंने बताया कि लामोड़ी, उमरवास, रीछेड़, सेवंत्री और झींलवाड़ा सहित आस-पास के गांवों की स्थिति खराब है। यहां पर 8-10 घंटे बिजली गुल रहती है। अजमेर विद्युत निगम चारभुजा के कनिष्ठ अभियंता जगदीश शर्मा ने बताया कि जयपुर से बिना बताए ही सप्लाई काट दी जाती है हमें भी समय का पता नहीं रहता है।
बिजली कब आएगी नहीं मिलता जवाब
शहरी क्षेत्र में बिजली की स्थिति ठीक है। यहां भी कई बार फॉल्ट आदि आने पर बिजली गुल हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति खराब है। वहां पर कभी भी बिजली गुल हो जाती है। बिजली कब आएगी इसका जवाब किसी के पास नहीं होता है। इसके कारण परेशानी बढ़ जाती है।
फैक्ट फाइल
- 2.50 लाख बिजली के घरेलू कनेक्शन
- 50 हजार करीब कृषि और औद्योगिक कनेक्शन
- 45 से 46 लाख यूनिट प्रतिदिन बिजली खर्च
- 14 करोड़ यूनिट प्रतिमाह होती है बिजली खर्च
- 20 से 30 प्रतिशत बढ़ती है गर्मी में बिजली की मांग
20 से 30 प्रतिशत बढ़ जाती है मांग
जिले में सर्वाधिक बिजली की खपत औद्योगिक कनेक्शनों में होती है। गर्मी बढऩे पर घरेलू कनेक्शनों में बिजली की मांग 20 से 30 प्रतिशत बढ़ जाती है। जिले में प्रतिदिन 45-46 लाख यूनिट बिजली खर्च हो रही है।
- एम.एल. शर्मा, एसई विद्युत भवन राजसमंद

You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at abhijeet990099@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription.