>>: फलों के राजा आम की बागवानी से आ रही समृद्धि

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22 हैक्टेयर में तीन हजार आम के पेड़
सरकारी बाग के प्रबंधक चंदराम गुर्जर ने बताया कि यहां कई वर्षों से आम की पैदावार हो रही है। 22 हैक्टेयर भूमि में करीब 3000 हजार आम के पौधे हैं। यह फ सल लगभग पकने के कगार पर है।
फलों की तुड़ाई व परिपक्वता : आम का रंग देखकर या उसे पानी में डुबोकर उसकी परिपक्वता का अनुमान हो जाता है। फल यदि पानी में डूब जाए तो उसकी तुडाई कर लेनी चाहिए।

अनेक किस्में
यहां लंगडा, केसर, दशहरी, चौसा, बादामी आदि आम की कई किस्में हैं। देसी आम के पेड़ के फल से अचार व मुरब्बा बनता है। यहां से किसानोंं को आम की पौध भी दी जाती है।

सघन बागवानी में फल जल्दी
आम की बागवानी में फलों को पकने के लिए गर्मी की जरूरत पड़ती है। सघन बागवानी में फल जल्दी आना शुरू हो जाता है। साथ ही प्रति हेक्टेयर उत्पादन भी अधिक होता है। पौधों की कटाई-छंटाई करके उन्हें छोटा रखा जाता है। इसमें खाद, पानी, सूर्य की रोशनी आदि का पूरा उपयोग होता है।

मोहन जोशी — भुसावर

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