>>: Digest for April 22, 2023

>>

Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment!

You are receiving a digest because your subscriptions have exceeded your account's daily email quota. Your quota has automatically reset itself.

भाजपा कार्यालय में हुई पार्टी समर्थित सरपंच व जिला सहकारिता के पदाधिकारियों की बैठक में राष्ट्रीय मंत्री व प्रदेश सह प्रभारी विजया रहाटकर के समक्ष सरपंचों ने हंगामा किया। जिला प्रमुख बरजी बाई के सम्बोधन शुरू होते ही भाजपा से जुड़े सरपंचों ने विरोध दर्ज कराते हुए विकास कार्यों में भेदभाव का आरोप जड़ दिया। इससे जिला प्रमुख पूरा उदबोधन नहीं दे पाई। हालांकि पार्टी पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधि ने समझाइश की।

 

दरअसल, जिला कार्यालय में बुधवार को रहाटकर ने सरंपचों, जिला सहकारिता के पदाधिकारियों, नगर परिषद के पार्षद व पार्षद प्रत्याशियों की अलग-अलग बैठक हुई। समय कम होने से सरपंचों और जिला सहकारिता पदाधिकारियों की एक साथ बैठक शुरू हुई। जिला प्रमुख बरजी बाई का उदबोधन शुरू हुआ तो पार्टी के सरपंचों ने हंगामा किया। सरंपचों का कहना था कि जिला परिषद में उनकी पार्टी की जिला प्रमुख है। इसके बाद भी कांग्रेस के सरपंचों को विकास कार्यालय के पैसा मिल रहा। भाजपा के सरपंच परिषद के चक्कर काटकर तंग आ गए।

 

मेरी नहीं चल रही, सरकार बदलने का इंतजार
इस पर जिला प्रमुख ने परिषद कार्य में असमर्थता जताते हुए कहा कि उनकी नहीं चल रही। जिला परिषद में सरकार के दबाव में काम हो रहा है। सरंपचों को सरकार बदलने का इंतजार करना होगा। जहां वह बजट के लिए पैसा देना चाहती, वहां नहीं दिया जा रहा। सरंपचों के हंगामे को देखते हुए जिला प्रमुख अपनी सीट पर बैठ गई। जनप्रतिनिधियों व पार्टी पदाधिकारियों ने शांत किया।

मांडल थाने में जमीन विवाद को लेकर धोखाधड़ी मामले में पहले पुलिस अफसरों ने सही तफ्तीश नहीं की। एक माह तक जेल में रहकर आए पीडि़त बुजुर्ग रामजस टांक न्याय के लिए घूमने लगा तो भीलवाड़ा पुलिस ने उसकी चप्पल घिसवा दी। रामजस पहले पुलिस अधीक्षक कार्यालय के चक्कर लगाता रहा। परिवाद पर परिवाद दिया, लेकिन यहां उसकी एक नहीं सुनी गई। आखिर उसने अजमेर में आईजी रूपेन्द्रसिंघ के कार्यालय का दरवाजा खटखटाया।

 

आईजी के आदेश दरकिनार, सत्यापन में लगा दी मोहर
आईजी ने रामजस की पूरी बात सुनने के बाद उसके परिवाद की जांच के लिए भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक को आदेश दिए। एसपी ने मामले की जांच पुर थानाप्रभारी शिवराज गुर्जर को सौंपी। थानाप्रभारी गुर्जर ने सीआई राजेन्द्र गोदारा की जांच पर मोहर लगाकर उसे सही ठहरा दिया। इसका रामजस को पता लगा तो उसने हार नहीं मानी। फिर से वह आईजी ऑफिस गया।

इस बार डीएसपी को दी
आईजी ने मामले पर संदेह होने पर कार्यालय में तैनात डीएसपी बंशीलाल को जांच सौंपी। सितम्बर-2022 में जांच डीएसपी बंशीलाल के पास आई। बंशीलाल ने तफ्तीश शुरू की तो उनको फाइल में घालमेल नजर आया। वह मांडल आए और पंचायत से लेकर मांडल थाने तक के दस्तावेज जुटाए। इसके बाद रामजस के बैंक में रहन रखे पट्टे को देखा तो पुलिस अधिकारी की गड़बड़ी पकड़ में आ गई। दो माह में जांच पूरी कर डीएसपी ने रिपोर्ट आईजी को सौंप दी। आईजी ने जांच की सत्यता परखी और उसके बाद दोनों सीआई पर गाज गिरी। इस मामले में उपनिरीक्षक अय्यूब मोहम्मद और उगमाराम भी संदेह के दायरे में है। दोनों उपनिरीक्षक भी जांच के दौरान एक के बाद एक मांडल थाने में प्रभारी रहे हैं।

You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at rajisthanews12@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription.