जितेन्द्र पालीवाल@राजसमंद. देवगढ़ नगरपालिका अध्यक्ष शोभालाल रेगर को राज्य सरकार ने पद के दुरुपयोग के आरोप में निलम्बित कर दिया है। स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक व विशिष्ट सचिव ह्रदेश कुमार शर्मा ने निलम्बन आदेश जारी किया। इसमें गत 13 जनवरी को उप निदेशक के वार्षिक निरीक्षण के दौरान पालिकाध्यक्ष व अधिशासी अधिकारी के बीच पत्रावलियों को लेकर हुए विवाद का जिक्र किया गया है। पालिकाध्यक्ष रेगर पर अधिकारों से परे जाकर कर्मचारियों को नोटिस जारी करने और खफा सफाईकर्मियों के हड़ताल पर उतरने का जिक्र है। मामले में जांच कमेटी गठित की गई थी। रिपोर्ट आने पर रेगर को निलम्बित कर दिया गया।
देवगढ़ नगरपालिकाध्यक्ष शोभालाल रेगर के अधिशासी अधिकारी कृष्णगोपाल माली से लम्बे समय से चल रहे विवाद में उनके निलम्बन के साथ ही नया मोड़ आ गया है। विभागीय कार्यवाही के बाद उनके विरुद्ध न्यायिक जांच भी शुरू होगी।
स्वायत्त शासन विभाग, जयपुर के निदेशक एवं संयुक्त सचिव हृदेश कुमार शर्मा की ओर से शुक्रवार को जारी आदेश में राजस्थान नगर पालिका अधिनियम-2009 की धारा 39 के अन्तर्गत प्राथमिक जांच में प्रथम दृष्ट्या दोषी पाए जाने पर पालिकाध्यक्ष शोभालाल रेगर को निलम्बित किया गया। बताया कि राज्य सरकार ने उनके विरुद्ध न्यायिक जांच कराने का निर्णय भी लिया है। विभाग ने संयुक्त विधि परामर्शी को जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया है। उन्हें जांच पूर्ण पूरी कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। संयुक्त विधि परामशी को ईओ की शिकायत, जांच रिपोर्ट की प्रमाणित कॉपी, आरोप-पत्र, आरोप विवरण-पत्र, दस्तावेज और गवाहों की सूची, पालिकाध्यक्ष से मांगे गए स्पष्टीकरण नोटिस और जवाब की प्रमाणित कॉपी भी दी गई है।
पालिकाध्यक्ष के विरुद्ध लगे दो आरोप, जिन्होंने छीन ली कुर्सी
आरोप-1
देवगढ़ पालिकाध्यक्ष के पद पर रहकर अधिशाषी अधिकारी कृष्णगोपाल माली के साथ अशोभनीय व अमर्यादित व्यवहार किया। पत्रावली टेबल पर फेंकी व गाली-गलौज की। अधिशासी अधिकारी की ओर आक्रोशित होकर शोर-शराबा किया और पत्रावली को मंजूर करने का दबाव बनाया। पालिकाध्यक्ष ने राजकमल एवं नीरज कुमार की पत्रावली-2019 से लम्बित होना बताया गया। यदि अधिशाषी अधिकारी पत्रावली का निस्तारण समय पर नहीं कर रहे थे, तो इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से लिखित रूप में नहीं की। पालिकाध्यक्ष एवं अधिशाषी अधिकारी के विवाद में नगरपालिका के कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर दिया, जिससे शहर की सफाई व्यवस्था प्रभावित हुई। इस आचरण को राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के तहत कत्र्तव्यों के निर्वहन में अवचार एवं पद के अन्यथा दुरुपयोग की श्रेणी में माना।
आरोप-2
सफाई व्यवस्था प्रभावित होने से नगरपालिका एवं राज्य सरकार की छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ा। कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार व हड़ताल खत्म करने के लिए कर्मचारियों से समझाइश का पदीय दायित्व निभाने के विपरीत नगरपालिका संयुक्त कर्मचारी संघ अध्यक्ष धर्मसिंह (वरिष्ठ सहायक) को हड़ताल समाप्त करने के लिए 16 जनवरी, 2023 को नोटिस जारी किया। इसमें बताया कि उनके द्वारा अधिशाषी अधिकारी से अभद्रता का झूठा आरोप लगा कर्मचारियों को हड़ताल करने के लिए उकसाया। हड़ताल अवैधानिक बताई। हड़ताल खत्म नहीं करने पर राजस्थान नगर पालिका सेवा नियमों के तहत सभी कर्मचारियों पर कार्यवाही की चेतावनी दी। धर्मसिंह का नोटिस निरस्त कराने की कर्मचारियों ने मांग की। धर्मसिंह पंवार को 20 जनवरी को दिए पत्र को निदेशालय के आदेशों की पालना में विधि सम्मत नहीं मानते हुए अपास्त किया। यदि नोटिस को कर्मचारियों की मांग के अनुसार पालिकाध्यक्ष के स्तर पर निरस्त किया जाता तो कर्मचारियों में आक्रोश नहीं बढ़ता और समय पर हड़ताल खत्म हो जाती।
सरकार से करवाया अनुमोदन
निलम्बन आदेश में निदेशक ने लिखा कि उपरोक्त प्रकरण की न्यायिक जांच करवाने का निर्णय लिया गया है। न्यायिक जांच के लिए विधि विभाग को मामला प्रेषित किया जा चुका है। उन्होंने न्यायिक जांच प्रभावित होने की संभावना जताई। ऐसे में राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के तहत दोषी पाए जाने पर राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (6) के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर उन्हों पालिकाध्यक्ष पद व नगरपालिका देवगढ़ के सदस्य पद से तुरन्त प्रभाव से निलंबित किया जाता है। साथ ही लिखा कि यह आदेश सक्षम स्तर से अनुमोदित है।
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मुझे अभी कोई आधिकारिक तौर पर इस सम्बंध में पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।
शोभालाल रेगर, निलम्बित नगरपालिकाध्यक्ष, देवगढ़