>>: Digest for April 23, 2023

>>

Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment!

You are receiving a digest because your subscriptions have exceeded your account's daily email quota. Your quota has automatically reset itself.

राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में एक बार फिर से आरक्षण की आग फिर सुलग पड़ी है। माली, कुशवाह, शाक्य और मौर्य समाज के लोगों ने 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर आगरा-बीकानेर हाइवे जाम कर दिया है। भरतपुर जिला प्रशासन ने गंभीर स्थिति को देखते हुए जिले के नदबई, वैर और भुसावर में इंटरनेट बंद कर दिया है।

 

आंदोलनकारियों ने शुक्रवार शाम करीब सवा सात बजे गांव अरौंदा के पास पुलिस बल पर पथराव भी किया। शुक्रवार दोपहर को जाम करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े व बलपूर्वक खदेड़ा। हलैना-वैर मार्ग पर गांव रमासपुर के पास भी पुलिस और प्रदर्शनकारी आमने-सामने हो गए। इस पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े तो लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया।

 

प्रदर्शनकारी भुसावर क्षेत्र के बल्लभगढ़ पहुंच गए और पुलिस गाड़ी का घेराव कर कांच तोड़ दिए। लोग हाथों में लाठियां लेकर खड़े थे। ऐसे में स्थिति को देखते हुए राजस्थान पुलिस को यहां से बैरंग लौटना पड़ा। इधर, दूसरी ओर समाज के दूसरे धड़े ने प्रमुख शासन सचिव समित शर्मा से मुलाकात की।


...तो इसलिए अरौंदा में आंदोलन

माली, कुशवाह, शाक्य और मौर्य समाज के लोगों ने 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर जिस अरौंदा गांव के पास हाइवे पर बैठे हैं। यह इन जातियों का गढ़ है। यहां से इन जातियों के वर्चस्व वाली तीन विधानसभा आती है। इसमें भरतपुर की दो सीट नदबई और वैर है तो दौसा की महवा विधानसभा। इन तीनों ही विधानसभा में यह अपना बड़ा वोट बैंक रखते हैं। यही वजह है कि आंदोलन के लिए यह जगह चुनी गई। इससे पहले 12 जून 2022 को भी इन लोगो ने आंदोलन किया था जो कि नौ दिन चला था। मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने आश्वासन पर मामला निपटाया था।

 

रात में हाइवे किया कब्जा
आगरा-बीकानेर हाईवे जाम को लेकर पुलिस सुबह से लेकर शाम तक अलर्ट रही लेकिन रात का फायदा उठाकर आंदोलनकारियों ने हाईवे पर कब्जा कर लिया। हाईवे जाम के बाद रात सात बजे से ही गांवों से आंदोलनकारियों का आना शुरू हो गया। रात को आंदोलनकारियों ने भीड़ बढ़ाने के मकसद से आसपास के समाज के बाहुल्य वाले गांवों में फोन किए। जहां से ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में लोगों का आना शुरू हो गया। आंदोलन स्थल पर महिलाएं भी हाथों में लाठियां लेकर बैठी हुई हैं।

 


समिति के संयोजक हिरासत में
आरक्षण आंदोलन संघर्ष समिति ने आरक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर हाइवे पर उतरकर चक्काजाम करने की चेतावनी दी थी, लेकिन इससे पहले पुलिस ने समिति के संयोजक मुरारीलाल सैनी सहित अन्य को हिरासत में ले लिया। इससे लोगों को गुस्सा बढ़ गया था। सुबह गांवों के रास्तों से लोग अरौदा गांव की ओर बढ़े, लेकिन आंदोलनस्थल तक नहीं पहुंच सके। दोपहर करीब पौने तीन बजे रमासपुर गांव के पास प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच करीब 25 मिनट तक झड़प हुई।

 

तीन मांगों के लिए हो रहा आंदोलन
कुशवाह, मौर्य, माली समाज की तीन मुख्य मांग है। इनमें नवकुश कल्याण बोर्ड का गठन करने, राज्य और जिला स्तरीय लव-कुश छात्रावास का निर्माण कराने और समाज को 12 प्रतिशत आरक्षण अलग से दिए जाने की मांग की जा रही है। समाज मांगों को लेकर अड़ा है। पहले से 21 अप्रेल को हाईवे जाम की चेतावनी दी थी। समाज के प्रतिनिधियों ने कहा था कि पहले भी हाईवे जाम किया था तब सीएम, मंत्री और अधिकारियों ने आश्वासन दिया, लेकिन मांगें पूरी नहीं की। अब सरकार से हाईवे पर ही बात होगी।

You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at rajisthanews12@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription.