>>: फिंगर प्रिंट ​घिसते ही ऐसे बंद हो जाता है राशन पानी

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अलवर. प्रदेश सरकार महंगाई राहत शिविर के जरिए लोगों को राहत देने का दावा कर रही है लेकिन यहां लोगों को अनाज तक नहीं मिल पा रहा है। कारण ये है कि उनके फिंगर प्रिंट घिस गए। राहत शिविरों में ऐसी तमाम शिकायतें पहुंच रही हैं पर निदान नहीं हो पा रहा है। हालांकि कुछ केस रसद विभाग ने डायरेक्ट किए हैं, जिसके जरिए राशन मिला है।
मजदूरी की रकम राशन पर खर्च हो रही
बिराई माता कच्ची बस्ती के प्रेम चंद का कहना है कि वह फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं। उनके हाथों की उंगलियों के प्रिंट घिस गए हैं। जैसे ही वह राशन लेने के लिए जाते हैं तो पॉश मशीन नहीं पकड़ती, जिससे अनाज नहीं मिल पाता। कई बार ऐसा हो गया। मजदूरी छोड़कर तीन से चार बाद रसद विभाग भी पहुंचे लेकिन वहां अधिकारियों से मुलाकात नहीं हो पाई। अब तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। घर में चार सदस्य हैं। ऐसे में मजदूरी के पैसे से केवल राशन आदि ही आ पाता है।

इमरती बोली, अनाज मिलना हुआ बंद

यही बात कच्ची बस्ती के नन्हे लाल कहते हैं। उनके भी फिंगर प्रिंट घिस गए। वह अनाज के लिए परेशान हो रहे हैं। उनका कहना है कि कोटेदार के पास गए लेकिन प्रिंट ही मशीन पर नहीं आया तो अनाज नहीं दिया जबकि कोटेदार उन्हें जानता है। मशीन के बिना अनाज मिलना मुश्किल है। ऐसे में उनके लिए रास्ते निकाले जाएं। बुद्धविहार राहत शिविर में पहुंची इमरती का कहना है कि पहले राशन कार्ड से परिवार के मुखिया का नाम कट गया और बाद में अनाज मिलना बंद हो गया। परिवार के सदस्यों के फिंगर प्रिंट घिसने के कारण ऐसी िस्थति पैदा हो गई। एडीएम प्रथम उत्तम सिंह शेखावत का कहना है कि इस प्रकरण को दिखाएंगे।

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