>>: ROADWAYS--रियायती सफर का सच: बेड़े में बसें 100 के पार... सिर्फ 30 में ही मिलती महिलाओं को छूट

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जोधपुर।

राज्य सरकार ने रोडवेज में महिलाओं को आधे किराए में सफर कराने की घोषणा कर वाहवाही तो लूट ली, लेकिन हकीकत यह महिला यात्रियों के लिए व्यापक तौर पर फायदे का सौदा नहीं लग रही। किराए में ये पचास प्रतिशत की छूट सिर्फ लोकल बसों के लिए है। एक्सप्रेस और अन्य लग्जरी बसों में इसका फायदा देय नहीं है। इससे भी बड़ी बात यह है कि शहरों के समीपवर्ती इलाकों तक ही चलने वाली इन बसों की संख्या भी ऊंट में मुंह में जीरा के समान है। ऐसे में सभी रूटों पर पर्याप्त संख्या में बसें नहीं होने से महिला यात्रियों को प्रावधान के बावजूद फायदा नहीं मिल पाता।

जोधपुर में महज 30 बसें, प्रदेश में भी टोटा

पूरे प्रदेश में करीब 350-400 ही लोकल बसें हैं। जोधपुर डिपो में महज 30-33 हैं। यह बसें पूरे लोकल रूट पर संचालन के लिए ही पर्याप्त नहीं हैं। महिला यात्रियों की मांग है कि सरकार को आधे किराए की छूट लोकल के साथ एक्सप्रेस , डीलक्स आदि बसों में भी शुरु करनी चाहिए।


80 फीसदी बसें एक्सप्रेस-लग्जरी , छूट के दायरे से बाहर
रोडवेज की लगभग 80 प्रतिशत बसें एक्सप्रेस वोल्वो डीलक्स श्रेणी की है, जो इस छूट के दायरे से बाहर हैं। हर डिपो में छूट कुछ गांवों तक चलने वाली बसों में ही मिल रही है। एक्सप्रेस बसें जिला मुख्यालय, जयपुर, बीकानेर, अजमेर, दिल्ली, हरिद्वार, अहमदाबाद अन्य बड़े रूटों पर संचालित हो रही है। एक्सप्रेस बसों के किराए में छूट पहले की तरह 30 प्रतिशत ही है।


फैक्ट फाइल
- 110 बसें जोधपुर आगार बेड़े में।
- 50 फीसदी छूट लोकल बसों में।
- 30 फीसदी छूट एक्सप्रेस व वोल्वो बसों में।
- 30-33 बसें ही लोकल के दायरे में
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बजट में हुई घोषणा के अनुरूप महिलाओं को किराए पर छूट दी जा रही है। महिलाओं को लोकल बसों में 50 व एक्सप्रेस में छूट का दायरा तीस प्रतिशत है।
उम्मेदसिंह, मुख्य प्रबंधक
जोधपुर डिपो
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सभी छोटे रूटों पर भी पूरी लोकल बसें नहीं चल रही है। कई ऐसे रूटों पर भी एक्सप्रेस बसें ही चलती है, व पुराना वाला किराया ही देना पड़ रहा है।
सुमित्रा गोदारा, यात्री
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लोकल बसों में ही छूट का दायरा बढ़ाने का कोई मतलब नहीं निकला। यह दायरा सभी बसों में बढ़ाया जाना चाहिए था।
कृष्णा, महिला यात्री

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