>>: 10वीं पास के बाद 12वीं तक नहीं पहुंच पाती सभी बालिकाएं

>>

Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment!

अलवर. केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार तक बेटियों को शिक्षा में आगे ले जाने के लिए तमाम योजनाएं चला रही हैं लेकिन बेटियों का अनुपात कक्षा 12 वीं में आते-आते घट रहा है। हर साल तीन से चार हजार छात्राओं की संख्या कम हो रही है। यह आंकड़े सोचने पर मजबूर कर रहे हैं। शिक्षा विभाग ने इस गिरते आंकड़ों पर आज तक अध्ययन नहीं किया लेकिन जानकार बताते हैं कि तमाम परिवार बेटियों के हाथ पीले कर रहे हैं। कक्षा 10 वीं के बाद शादियां हो रही हैं। कुछ परिवारों की आर्थिक स्थिति साथ नहीं दे पाती है। कुछ के अन्य कारण हैं।

आंकड़ों को देखें तो वर्ष 2019 में कक्षा 10 वीं में 15543 बेटियां पंजीकृत थीं। उसके बाद वर्ष 2021 में बेटियों की पढ़ाई का आंकड़ा 11661 रह गया। यानी करीब चार हजार बेटियों ने कक्षा दसवीं करने के बाद 12वीं की पढ़ाई नहीं की। इसी तरह वर्ष 2020 में 16838 बालिकाओं ने कक्षा 10 वीं की पढ़ाई की जो वर्ष 2022 में कक्षा 12 वीं में आंकड़ा घटकर 14413 का रह गया। इसी तरह वर्ष 2021 में 17595 छात्राओं ने दाखिला लिया जो कक्षा 12 में वर्ष 2023 में यह आंकड़ा घटकर 14768 रह गया। यानी बेटियों के कक्षा 12 में पहुंचने के आंकड़े कम हो रहे हैं। हैरत की बात ये है कि कक्षा दसवीं के बाद 11वीं कक्षा में ही आंकड़े हर साल गिर रहे हैं। इस पर विभाग को मंथन करना चाहिए लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

पांच सालों के आंकड़े हुए ऊपर-नीचे: जिले में बालिका शिक्षा में पांच सालों में कई ऊतार-चढ़ाव आए हैं। इसमें कभी तो नामांकन अधिक तो कभी कम हो रहा है। वहीं कक्षा एक से लेकर नौ तक बालिकाओं का नामांकन अधिक रहता है लेकिन कक्षा 10 में आते ही कम होता जाता है। हालांकि जिले में संचालित 2842 स्कूलों में से शाला दर्पण एप पर 2780 स्कूलों में बालिका नामांकन को बढ़ाने के लिए प्रयास चल रहे हैं।

You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at rajisthanews12@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription.