>>: सरकार की लेटलतीफी से 4 लाख लोगों को उठानी पड़ रही है इतनी बड़ी परेशानी, जानें पूरा मामला

>>

Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment!

जोधपुर। एक तरफ सरकार आए दिन रोडवेज बसों में नि:शुल्क व रियायती सफर की सुविधा में इजाफा कर रही है, दूसरी ओर बसों की घटती संख्या के चलते सरकार की नीति पर ही प्रश्नचिह्न लगता जा रहा है। महिलाओं को भले ही पचास फीसदी किराए में सभी बसों में यात्रा करने की सुविधा दे दी हो, लेकिन रोडवेज बेड़े में बसों की संख्या लगातार कम हो रही है और नई बसों की खरीद नहीं होने से आने वाले दिनों में सफर करना होगा मुश्किल हो जाएगा।

यह भी पढ़ें- 2.5 लाख रुपए देकर लड़के ने की थी शादी, लेकिन दुल्हन ने दे दिया इतना बड़ा झटका, जानें पूरा मामला

सरकार ने सत्ता में आने से पहले रोडवेज में नई बसों की खरीद का वादा किया, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से साकार नहीं हो पा रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकार ने चार साल में अधिकारियों को 640 बसों की खरीद को मंजूरी दी, लेकिन गलत नीति की वजह से हर बार अधिकारी बसों की खरीद प्रक्रिया में फेल साबित हुए। चार साल में खरीदी जाने वाली बसों में 50 इलेक्ट्रिक और 590 डीलक्स, एक्सप्रेस और स्लीपर बसें शामिल है। इलेक्ट्रिक बसों का टेंडर पहले ही निरस्त हो गया। अब बजट से ज्यादा बसों की खरीद का आंकलन करने पर 590 बसों की खरीद का टेंडर भी निरस्त हो गया। बसें नहीं आने से प्रदेश के चार लाख यात्री परेशान हो रहे हैं। रोडवेज जोधपुर डिपो ने गत वर्ष अगस्त में 50 नई बसों के लिए प्रस्ताव भेजा था। वर्तमान में करीब 110 बसें है।

यह भी पढ़ें- बैंक से निकाल रहे हैं मोटी रकम तो हो जाएं सावधान, वरना लग सकता है बड़ा झटका, जानिए कैसे

सरकार के इस कार्यकाल में नई बसों की खरीद मुश्किल

टेंडर निरस्त होने के बाद अब रोडवेज बेड़े में सरकार के इस कार्यकाल में नई बसों की खरीद मुश्किल नजर आ रही है। क्योंकि नई बसों की खरीद प्रक्रिया पूरी होने से पहले चुनाव आचार संहिता लग जाएगी। वहीं बसों की खरीद प्रक्रिया में छह महीने लगेंगे और सितम्बर में आचार संहिता लग जाएगी। इतना ही नहीं टेंडर होने के दो महीने बाद बसों की चैचिस आना शुरू होंगे। इसके बाद बॉडी बनना शुरू होगी। इस पूरी प्रक्रिया में छह महीने बीत जाएंगे।


पांच लाख अधिक का प्रस्ताव

रोडवेज में बसों की खरीद से पहले ही हर बस के मूल्य का आकलन कर लिया था। इसी हिसाब से बजट स्वीकृत किया, लेकिन कम्पनियों ने प्रस्तावित कीमत पांच लाख रुपए अधिक का प्रस्ताव दिया। रोडवेज की एक्सप्रेस बस की प्रस्तावित कीमत प्रति बस 22.88 लाख का प्रस्ताव दिया। स्टार लाइन बस में 21 लाख प्रति बस की जगह कम्पनी ने 24.83 लाख, नॉन एसी स्लीपर का 22 की जगह 25.68 लाख रुपए प्रति बस का खरीद प्रस्ताव दिया। इस वजह से बजट 114.70 करोड़ की जगह 140.69 करोड़ रुपए का हो गया।


&नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं। टेंडर खुलने के बाद ही पता चलेगा कि रोडवेज में नई बसें कब तक शामिल हो पाएगी। सब कुछ नियमानुसार जल्द कराने की कोशिश है।

नथमल डिडेल, प्रबंध निदेशक, राजस्थान रोडवेज, जयपुर

You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at rajasthanss63@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription.