>>: बारिश से किसानों ने खेतों में जुताई की शुरू

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अलवर. जिले में पिछले कुछ माह में बारिश होने से किसानों ने खेतों में खरीफ फसल की बुवाई शुरू कर दी है। खरीफ की फसल केवल बारिश पर ही निर्भर करती है। खरीफ फसल की बुवाई का यह सबसे अच्छा समय होता है। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार खरीफ की फसल बुवाई का 15 जून के बाद का समय पीक समय माना जाता है। इसके बाद किसान खरीफ फसल की बुवाई करता है। इसमें बाजरा, ज्वार, मक्का, तिल व कपास आदि फसलें शामिल हैं। कपास की खेती प्री-मानसून आने से पूर्व ही किसानों ने कर दी।

पिछले साल के आसपास रहेगा बुवाई लक्ष्य : जिले में पिछले साल खरीफ की फसल में बाजरा 3 लाख 27 हजार हेक्टेयर, ज्वार 20 हजार हेक्टेयर, मक्का 1500 हेक्टेयर, अरहर 4 हजार हेक्टेयर में बुवाई की गई थी। सरकार ने यही लक्ष्य तय किया था। इस बार भी लक्ष्य इसी के आसपास रहने की संभावना है।

खरीफ फसलों का लक्ष्य नहीं आया : सरकार की ओर से हर साल खरीफ की फसलों के लिए रकबे से लेकर उत्पादन तक का लक्ष्य मिलता है लेकिन इस बार सरकार की ओर से अभी यह नहीं भेजा गया है। हालांकि इस बार बारिश पहले हुई है। उम्मीद है कि जल्द ही रकबे का लक्ष्य मिल जाएगा।

अच्छी बारिश होने पर बुवाई करें

जिले में खरीफ की फसल के लिए खाद-बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। किसान अच्छी बारिश आने पर ही बीज की बुवाई करें अन्यथा हल्की बारिश में बीज अंकुरित नहीं हो पाएगा। क्योंकि हल्की बारिश की नमी अधिक समय के लिए नहीं रहती।

सूरजभान शर्मा,संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग

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