>>: राजस्थान में टीचर्स ट्रेनिंग मॉड्यूल्स के तैयार होंगे ‘यूट्यूब वीडियोज’

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जयपुर. प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के तहत अलग-अलग गतिविधियों के लिए हर साल टीचर्स की ट्रेनिंग के लिए आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में लगने वाले मानव श्रम, समय और खर्च को कम करने के लिए ज्यादा से ज्यादा 'ट्रेनिंग्स मॉड्यूल्स' के वीडियो तैयार कर उन्हें 'यूट्यब' पर अपलोड किया जाएगा। वीडियोज की रिकॉर्डिंग के लिए राज्य स्तर पर स्टूडियो तैयार होगा और विभाग के प्रतिभावान शिक्षक एवं अधिकारी इन्हें तैयार करने में योगदान देंगे।

स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने नए शैक्षणिक सत्र के लिए अलग-अलग अभियानों में विभागीय गतिविधियों के दिशा-निर्देशों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में अधिकारियों को इस पर एक्सरसाइज करने को कहा। उन्होंने कहा कि हर साल एक जैसी छोटी-छोटी ट्रेनिंग्स के लिए शिक्षकों को अपने स्कूल मुख्यालय से बसों में सफर कर अन्यत्र जाना पड़ता है, इसमें समय भी बर्बाद होता है और उन्हें अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ता है। विभाग के स्तर पर ऐसे प्रशिक्षण कार्यों के वीडियोज इनहाऊस तैयार कर 'यूट्यब' पर डाले जा सकते हैं। ऐसे वीडियोज को शिक्षक आवश्यकता पडऩे पर कभी भी फिर से देख सकते है, इन्हें विद्यार्थियों को भी दिखाया जा सकता है और अभिभावक भी आसानी से समझ सकते हैं। ऐसे वीडियोज विभाग की परमानेंट एसेट के तौर पर सालों साल उपयोग में लिए जा सकेंगे, वहीं ये 'टीचर्स ट्रेनिंग्स' की फ्रिक्वेंसी को कम करने में सहायक होंगे।

स्कूलों में होंगी प्रतियोगिताएं
जैन ने बैठक में राष्ट्रीय आविष्कार अभियान के तहत राज्य के प्राइमरी और सैकेण्डरी सेटअप के सरकारी स्कूलों में आयोजित होने वाले विज्ञान मेले, विज्ञान प्रदर्शनी और विज्ञान क्लब जैसी गतिविधियों की समीक्षा के दौरान विद्यार्थियों में सांइस एवं टेक्नोलॉजी की सोच और अभिरूचि को प्रमोट करने के लिए लीक से हटकर प्रयास करने को कहा। उन्होंने कहा कि इसके तहत छात्र-छात्राओं को अपने फेवरेट साइंटिस्ट की जीवनी के बारे में पढक़र स्वयं का राइट-अप तैयार कर उनकी फोटो के साथ स्कूलों में चार्ट लाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इस ज्ञान-संचय को अन्य सभी विद्यार्थियों के साथ साझा करने के लिए विद्यालयों में 'नो बैग डे' के दिन ऐसे प्रतिभाशाली बच्चों के बीच प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाए। उन्होंने विज्ञान मेले, विज्ञान प्रदर्शनी और विज्ञान क्लब के तहत प्रदेश के स्कूलों में होने वाली 'एक्टिविटीज' और प्रोग्रेस के बारे में शाला दर्पण पोर्टल पर एक लिंक बनाकर इसमें स्कूलों से गतिविधियों का विवरण दर्ज कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने साइंस किट एवं मैथ्स किट की अनबॉक्सिंग और उनके प्रयोग के संबंध में भी वीडियोज तैयार कराने पर भी अधिकारियों से चर्चा की।

'फीडबैक मैकेनिज्म' होगा तैयार
बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय आविष्कार अभियान के तहत इस साल प्रदेश के प्रत्येक ब्लॉक से बच्चों का चयन कर उनको अंतर जिला और अंतर राज्य भ्रमण पर ले जाया जाएगा। बैठक में योगा, ओलम्पियाड एवं स्कूल रेडीनेस प्रोग्राम जैसे अन्य अभियानों की गतिविधियों के दिशा-निर्देशें के बारे में बताया। शासन सचिव ने सभी कार्यक्रमों की गुणवत्ता में निरंतर निखार लाने के लिए 'फीडबैक मैकेनिज्म' तैयार करने के भी निर्देश दिए। बैठक में अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक अनिल पालीवाल, राकेश गुप्ता, वित्तीय सलाहकार गोपाल विजय, अतिरिक्त निदेशक ममता दाधीच के अलावा परिषद की शाखाओं के उपायुक्त, उप निदेशक और सहायक निदेशक सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी मौजूद थे।

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