>>: Digest for June 17, 2023

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जयपुर। देश के 54 केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में से केवल सात में महिला कुलपति नियुक्त हैं, जो महज 13 फीसदी है। इतना ही नहीं, 160 एनआईटी संस्थानों में से केवल 17 में महिला डीन पदस्थ हैं। यह इंडिया@2047 के विजन के लिए सोचने का एक गंभीर विषय है, जिस पर आज से ही काम करने की जरूरत है। यह कहना था एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक प्रो. गौतम सूत्रधर का। प्रो. गौतम एमएनआईटी में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के आखिरी दिन एनआईटीज में महिलाओं की भूमिका पर चर्चा कर रहे थे।

देश की 54 सेंट्रल यूनिवर्सिटी में केवल 7 में फीमेल वाइस-चांसलर

उन्होंने आंकड़ों के जरिए बताया कि देश की विभिन्न एनआईटी संस्थानों में केवल 12.8 फीसदी महिला संकाय सदस्य हैं, जिसे 2030 तक 30 फीसदी किए जाने की जरूरत है। वहीं, एनआईटी में स्नातक पाठ्यक्रमों और तकनीकी शिक्षा में भी औसतन 21 फीसदी महिला छात्र ही पढ़ रही हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए स्कूली स्तर पर आउटरीच कार्यक्रमों की मदद से लड़कियों को तकनीकी शिक्षा से जोड़ा जा सकता है। साथ ही फीमेल एलमनी और माता-पिता भी इसमें मदद कर सकते हैं।

देश की 54 सेंट्रल यूनिवर्सिटी में केवल 7 में फीमेल वाइस-चांसलर

शिक्षाविदों के लिए आयोजित एन-लीप लीडरशिप के अंतर्गत डॉ. अमर पटनायक ने कहा कि राष्ट्र के विकास और संस्थाओ के निर्माण के लिए कोलैबोरेशन की संस्कृति जरूरी है। एनआईटी उत्तराखंड के निदेशक प्रो. ललित कुमार ने एक शैक्षणिक संस्थान में नेतृत्व की भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने सुझाव दिया कि युवा संकाय को कम परियोजनाओं का प्रयास करते हुए नंबर गेम का पीछा नहीं करना चाहिए। युवा फैकल्टी को आज अगले दशक के लिए शोध करने पर ध्यान देना चाहिए। एमएनआईटी, इलाहाबाद के निदेशक प्रो. रमा शंकर वर्मा ने लाभार्थियों को नेशनल इंस्टीट्यूशन रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में एनआईटी, सिक्किम के निदेशक प्रो. एम.सी. गोविल, एमएनआईटी, जयपुर के निदेशक डॉ. एन पी पाढ़ी और एनआईटी वारंगल के निदेशक प्रो. विद्याधर सुबुद्धि ने भी अपने विषय पर अनुभव साझा किए।

देश की 54 सेंट्रल यूनिवर्सिटी में केवल 7 में फीमेल वाइस-चांसलर

Success Story: राजस्थान के अलवर की रहने वाली नेहा ने नीट क्रेक कर ली है। वह अन्य सफल बच्चों से इसलिए अलग है क्योंकि भयंकर अभावों में भी हार नहीं मानने के जज्बे ने उसे जीता दिया है। उसके पिता नरेगा मजदूर हैं और मां भी कई बार पिता के काम में हाटा बंटा देती है। घर में कुछ मवेशी हैं उनका ख्याल रखती है। घर खर्च चलने तक का जुगाड़ हो पाता है, लेकिन ऐसे में बेटी ने देश की सबसे बड़ी परीक्षाओं में एक नीट में अपना झंडा फहरा दिया।

दरअसल अलवर जिले के मंडावर इलाके में चांदपुरा गांव में रहने वाले विक्रम सिंह की दो बेटियां है। परिवार में बेटा नहीं है। विक्रम सिंह का कहना था कि बेटियां शुरु से होशियार रही हैं। उसके बाद भी समाज और परिवार के लोग कहते कि तुम्हारा वंश नहीं चल सकेगा, बेटा नहीं है... बेटा पैदा कर लो। विक्रम सिंह ने बताया कि मैने और बच्चियों की मां ने कभी बच्चियों को बेटे से कम नहीं आंका।

नीट में ऑल इंडिया 3745वीं रैंक लाने वाली नेहा कहती है कि दसवीं तक नवोदय स्कूल में पढ़ी। मां को कहा कि डॉक्टर बनना हैं। मां ने डरते हुए पिता से कहा....। पिता कुछ नहीं बोले और अगले दिन तैयारी करने के लिए कहा। उसके बाद सीकर जाकर पढाई की। पिता नरेगा में मजदूरी करते और उसके बाद सवेरे शाम दूध बेचने का काम करते। जैसे तैसे घर चल रहा था लेकिन अब सीकर का खर्चा अलग से होने लगा। मां भी पिता के साथ हाथ बंटाने लगी और आखिर माता पिता के आर्शीवाद ने इसी मुकाम पर ला दिया। नेहा का यह तीसरा प्रयास रहा, उसने हार नहीं मानी और सफलता उसे मिल गई।

Constipation problem : आंत के स्वास्थ्य, पोषण और पाचन के बीच एक गहरा संबंध है। शरीर के मुख्य कार्यों में से एक इस क्षेत्र में किया जाता है और सही भोजन करने से उचित पाचन को बढ़ावा मिल सकता है। जब भी पोषण से समझौता किया जाता है तो व्यक्ति कब्ज का अनुभव कर सकता है। एक ऐसी स्थिति जिसमें एक व्यक्ति को एक सप्ताह में कम मल त्याग होता है।

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constipation treatment : पाचन पोषक तत्वों के अवशोषण, आत्मसात, चयापचय और शरीर से विषाक्त पदार्थों के उन्मूलन में मदद करता है। जब उन्मूलन की प्रक्रिया कार्य नहीं करती है तो कब्ज हो सकता है।

पोषण विशेषज्ञ ने पांच खाद्य पदार्थ बताए हैं जो भोजन के उचित पाचन में मदद कर सकते हैं और कब्ज से राहत दिला सकते हैं।

काली किशमिश Black raisins

काली किशमिश में फाइबर होता है जो मल को नरम करने में मदद करता है और पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है और कब्ज से राहत देता है।

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अंजीर Figs

अंजीर में फिसिन और ब्रोमेलैन जैसे एंजाइम होते हैं, जो प्राकृतिक रेचक के रूप में कार्य करते हैं।

सूखा आलूबुखारा Prunes

सूखा आलूबुखारा में फाइबर और सोर्बिटोल दोनों होते हैं। एक चीनी शराब जो मल को नरम करने और मल त्याग को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है।

सौंफ की चाय Prunes

सौंफ के बीज (सौंफ) को पानी में उबालकर बनाई गई सौंफ की चाय में ऐसे तेल होते हैं जो आंतों की दीवार में मांसपेशियों को आराम देने और स्वस्थ मल त्याग को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।

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तुलसी का पानी Basil water

तुलसी या तुलसी के पत्तों को पानी में उबालकर बनाए गए बेल के पानी में घुलनशील और अघुलनशील फाइबर होते हैं, जो नियमित मल त्याग को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।

इसके अलावा आप कब्ज में मदद (constipation treatment) के लिए घी और दही जैसे खाद्य पदार्थों को भी शामिल कर सकते हैं।

अपने पाचन में सुधार करने के लिए मोटे अनाज पर स्विच करें जो पेट के स्वास्थ्य में सुधार करता है। हमारा आंत एक महत्वपूर्ण अंग है जो आपके भोजन को चबाने से लेकर उसके बाहर निकलने तक शरीर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

स्वस्थ माइक्रोबायोम बनाए रखने के लिए अपने आहार में प्रोबायोटिक्स शामिल करें। प्रोबायोटिक्स आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं और पाचन में सुधार करते हैं।

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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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दुनियाभर में पिछले कुछ महीनों में भूकंप के मामलों में इजाफा जगजाहिर है और किसी से भी छिपा नहीं है। आज भूकंप का एक और मामला देखने को मिला है। आज फिलीपींस (Philippines) की राजधानी मनीला (Manila) के साउथवेस्ट में हुकाय (Hukay) के आस भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 6.2 रही। भूकंप लोकल समयानुसार आज गुरुवार, 15 जून सुबह करीब 10 बजकर 19 मिनट (भारतीय समयानुसार आज, सुबह 7 बजकर 49 मिनट) पर आया। अमेरिका (United States Of America) के यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (United States Geological Survey - USGS) ने इस भूकंप की पुष्टि की।


कितनी रही भूकंप की गहराई?

यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे ने जानकारी देते हुए बताया कि फिलीपींस की राजधानी मनीला के साउथवेस्ट में हुकाय में आज आए इस भूकंप की गहराई करीब 112 किलोमीटर रही।

बिल्डिंग्स से बाहर भागे लोग

फिलीपींस की राजधानी मनीला के साउथवेस्ट में हुकाय में आज आए इस भूकंप का झटका काफी तेज़ था। इस वजह से लोग भागकर अपने-अपने घरों और बिल्डिंग्स से बाहर निकल गए। जानकारी एक अनुसार इस भूकंप से ज़्यादा नुकसान नहीं हुआ है।


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चिंताजनक है भूकंप के मामलों का बढ़ना

पिछले कुछ महीनों में दुनियाभर में भूकंप के मामले बढ़ रहे हैं। दुनियाभर में पिछले कुछ महीने से आए दिन किसी न किसी जगह भूकंप के मामले देखने को मिलते हैं। कुछ भूकंपों से किसी तरह का नुकसान नहीं होता है, पर पिछले कुछ महीनों में कुछ ऐसे भी भूंकप देखने को मिले हैं जिनसे भारी तबाही मची है। पिछले साल इंडोनेशिया में आए भूकंप और इस साल तुर्की (Turkey) और सीरिया (Syria) में आए भूकंप ने काफी तबाही मचाई थी। हालांकि सभी भूकंप तबाही नहीं मचाते, पर भूकंप के मामलों का बढ़ना चिंताजनक है।

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जयपुर। गजल मैस्ट्रो उस्ताद अहमद हुसैन-उस्ताद मोहम्मद हुसैन के शागिर्द और भांजे मोहम्मद वकील को हाल ही इंडियन एम्बेसी, बर्मिंघम (यूनाइटेड किंगडम) में सम्मानित किया गया। आजादी का अमृत महोत्सव और जी-20 के तहत एम्बेसी की ओर से भारत सरकार के सलाहकार जरनल डॉ. शाशांक विक्रम ने वकील को सम्मानित किया। इसी महीने मुंबई में 13 जून को मेहंदी हसन की पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में भी वकील ने उनकी गजलें सुनाकर स्वाराजंली दी। बीते 25 वर्षों से भारतीय संगीत और गजल गायकी को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने वाले वीकल कई बड़े सम्मान से नवाजे जा चुके हैं। एकेडेमी अवॉर्ड, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, सा रे गा मा मेगा फाइनल के विजेता रह चुके वकील कहते हैं कि जब वे भारत को अपनी गायकी के जरिए अन्य देशों में रिप्रेजेंट करते हैं, तो उन्हें बहुत गर्व महसूस होता है। पत्रिका प्लस से बातचीत में उन्होंने संगीत, गजल गायकी और नई पीढ़ी के इस जॉनर में आने पर चर्चा की।

गजल को सुनने वाले पहले से ज्यादा बढ़े हैं: मोहम्मद वकील

गजल को सुनने वाले पहले से बढ़े हैं
मोहम्मद वकील ने बताया, 'मेहंदी हसन साहब ने सबसे पहले गजल गायकी को बुलंदियों पर पहुंचाया। उन्हीं को खिराज-ए-अकीदत पेश करने के लिए मुझे मुंबई में आमंत्रित किया गया था, जो मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। मुझे हाल ही संगीत की इबादत करते हुए 25 साल पूर हुए हैं, इसलिए भी मुझे इस कार्यक्रम में बुलाया गया था। रही बात गजल गायकी की, तो मैं एक संगीत परिवार से आता हूं और मैं अपने खानदान की सातवीं पीढ़ी हूं। हमारे बुजुर्ग राजगायक थे और हमारे नाना मरहूम उस्ताद अफजल हुसैन साहब और दादा उस्ताह मोहम्मद इस्माइल साहब का नाम संगीत जगत में बहुत सम्मान से लिया जाता है। मैंने 6 साल की उम्र में मंच पर गाने की शुरूआत की थी और अवॉर्ड जीता। सारेगामा फाइनल को जीते भी 25 साल हो गए। गजल एक ऐसी संगीत विधा है, जो हमेशा बरकरार रहेगी। हां, यह मैं जरूर मानता हूं कि पहुंचना है, तो हमें यूथ को वेस्टर्न इंस्ट्रूमेंट्स और गजल गायकी की शास्त्रीयता का मिश्रण पेश करना होगा। क्लासिकल संगीत आधारित गजल गायकी हमारा स्टाइल रहा है, इसलिए उससे अलग हम नहीं हो सकते। हालांकि अब नए लाग भी काफी गजल गायक आ रहे हैं और इसे यूथ पसंद भी कर रहा है। मैं अपने चैनल के जरिए भी युवाओं को गजल गायकी से जोडऩे का प्रयास कर रहा हूं।

गजल को सुनने वाले पहले से ज्यादा बढ़े हैं: मोहम्मद वकील

लोग मुझे प्यार करते हैं, यही मेरे लिए काफी है
'वीर जारा' फिल्म के अलावा मैंने दो धारावाहिकों के लिए भी अपनी आवाज दी है। जगजीत सिंह साहब ने अपनी कम्पोजिशन में 'महाराजा रणजीत सिंह' में मुझसे एक क्लासिकल बंदिश 'बलमा रे चुनरिया' गवाई थी। खैयाम साहब के साथ मैंने धारावाहिक 'बिखरी आस निखरी प्रीत' में अलका याज्ञनिक के साथ गाया है। मैंने जगजीत जी के साथ पांच बार काम किया है। अनूप जलोटा, पंकज उधास, तलत अजीज, सोनू निगम, श्रेया घोषाल, सुनिधि चौहान, कविता कृष्णमूर्ति जैसे बड़े कलाकारों के साथ गाया है। संगीत के सुनने वाले मुझे बहुत पसंद करते हैं। मेरा मानना है कि गजल को लेकर बेकार का माहौल बनाया हुआ हे। अगर आपके पास अच्छी पोएट्री है, तो उसे गजल के रूप में आज भी लोग बहुत पसंद करते हैं। फिल्मों में आएगी तो और पॉपुलैरिटी मिलेगी।

पपीते का सेवन हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है। पपीते में विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन ई जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। आमतौर पर हमलोग पके पपीते के अलावा कच्चे पपीते का सेवन भी खूब करते हैं, लेकिन कुछ लोगों के लिए कच्चा पपीता काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है। आज हम आपको कच्चे पपीते से होने वाले नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं।

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कच्चे पपीते के नुकसान

प्रेग्नेंसी में भूलकर भी नही खाना चाहिए कच्चा पपीता
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कच्चा या फिर पका हुआ पपीता भूलकर भी नहीं खाना चाहिए। क्योंकि पपीते का सेवन पेट में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए डॉक्टर इस दौन पपीता खाने के लिए मना करते हैं।

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हो सकती है पाचन संबंधी परेशानी
कुछ लोगों के लिए कच्चे पपीते का सेवन हानिकारक हो सकता है। दरअसल उन्हे कच्चा पपीता खाने से पाचन संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जिनका पाचन तंत्र कमजोर है उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसे लोगों को पाचन तंत्र खराब होने की वजह से हानि हो सकती है।

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हो सकती है उल्टी की समस्या
कच्चे पपीते को पचाना आसान नहीं होता है। अगर आपको सेवन करने से उल्टी आ रही है तो इसका सेवन बंद कर दें। इसको उबालकर या सब्जी बनाकर खाने से फायदा मिल सकता है।

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अस्थमा और पीलिया में न खाएं कच्चा पपीता
अगर आप अस्थमा या पीलिया के मरीज है तो कच्चे पपीते से दूर ही रहे। इसका सेवन हानिकारक हो सकता है। कच्चे पपीते का सेवन उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। क्योंकि पपीते में पपाइन और बीटा कैरोटीन पाया जाता है। जो दोनों बीमारियों के लिए नुकसानदायक है।

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हो सकती है एलर्जी की समस्या
कच्चा पपीता खाकर कुछ लोगों को एलर्जी की समस्या हो सकती है। एक्सपर्ट्स की माने तो कच्चे पपीते में पपेन पाया जाता है जो एलर्जी की समस्या के लिए जिम्मेदार हो सकता है।

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हिंदुओं के त्यौहारों में रंग-बिरंगी होली (Holi) का भी अलग ही मज़ा है। पूरे देश में हर साल बड़ी धूमधाम से होली मनाई जाती है। भारत में होली के जश्न का असर है कि दुनिया के दूसरे कई देशों में भी अब होली का त्यौहार मनाया जाने लगा है। हालांकि दूसरे देशों में होली का यह त्यौहार भारत के साथ नहीं, बल्कि अलग समय पर भी मनाया जाता है। इसी तरह से होली का जश्न हाल ही में पाकिस्तान (Pakistan) में भी मनाया गया।


पाकिस्तान की यूनिवर्सिटी पर चढ़ा होली का रंग

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी पसंद किया जा रहा है। इस वीडियो में पाकिस्तान की एक यूनिवर्सिटी पर होली का रंग चढ़ा हुआ है। पाकिस्तान के इस्लामाबाद शहर में स्थित Quaid-i-Azam यूनिवर्सिटी, जो एक स्टेट फंडेड यूनिवर्सिटी है, में होली का जश्न मनाया गया। इस यूनिवर्सिटी में होली का जश्न 12 जून को मनाया गया। होली के इस जश्न में यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने जमकर रंगों के साथ मस्ती की और एक-दूसरे के साथ धूमधाम से होली मनाई।


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लोगों का मिलाजुला रिएक्शन


होली के जश्न का यह वीडियो Quaid-i-Azam यूनिवर्सिटी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर होली के इस जश्न का वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो को अब तक 12 लाख लोग देख चुके हैं और काफी पसंद भी कर रहे हैं। पर दूसरी तरफ पाकिस्तान के कई लोग इस वीडियो की आलोचना भी कर रहे हैं। इस वीडियो को मिलाजुला रिएक्शन मिल रहा है।


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अगर आप सोने में निवेश करना चाहते है, तो वर्तमान समय आपके अनुकूल है। सोने का भाव कई दिनों बाद एक बार फिर 60 हजार के नीचे आ गए है। डॉलर और ट्रेजरी यील्ड में उछाल आने से ऐसा हुआ है। यूएस फेडरल रिजर्व की ओर से इस साल ब्याज दर बढ़ने के संकेत देने के बाद डॉलर में उछाल आया है। घरेलू स्तर पर भी सोने का वायदा भाव कमजोर बोला जा रहा है। एमसीएक्स एक्सचेंज पर 4 अगस्त 2023 की डिलीवरी वाला सोना 0.98 फीसदी या 581 रुपए की गिरावट के साथ 58,717 रुपए प्रति दस ग्राम पर ट्रेड कर रहा है। दूसरी तरफ, चांदी के दाम भी जोरदार गिरावट के साथ 74,000 रुपए किलोग्राम के नीचे आ गए है। चांदी के वायदा भाव 1.5 फीसदी से ज्यादा गिर गए।

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चांदी में भारी गिरावट

रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद यानी जीजेईपीसी के आंकड़ों के अनुसार चांदी के आभूषणों के निर्यात में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली है। अप्रेल-मई के दौरान चांदी के गहनों का निर्यात 68.54 फीसदी कम होकर करीब 1173.25 करोड़ रुपए पर आ गया है। साल भर पहले इनका निर्यात 485.42 मिलियन डॉलर यानी 3729 करोड़ रुपए रहा था।

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सोने के आभूषणों में तेजी

दूसरी तरफ, सोने के आभूषणों के निर्यात में तेजी दर्ज की जा रही है। इनका कुल निर्यात मई में 7.29 फीसदी बढ़कर 5705.32 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। यह एक साल पहले 5317.71 करोड़ रुपए रहा था।

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सस्ते में सोना खरीदने का मौका

अगर सस्ता सोना खरीदना चाहते हैं, तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया सस्ता सोना खरीदने का सुनहरा मौका लेकर आया है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत सस्ता सोना खरीदा जा सकता हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2023-24 के पहले सीरीज के तहत 19 से 23 जून के बीच सस्ता सोना खरीदा जा सकता है। वहीं, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2023-24 की दूसरी सीरीज सितंबर में जारी की जाएगी।

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- गर्भावस्था (Pregnancy) के दौरान होने वाले उच्च रक्तचाप (high blood pressure) को गर्भकालीन उच्च रक्तचाप के रूप में भी जाना जाता है
- गर्भकालीन उच्च रक्तचाप का कोई सटीक कारण नहीं है।

गर्भावस्था (Pregnancy) के दौरान उच्च रक्तचाप (high blood pressure) को प्रबंधित करने के लिए एक सहयोगी दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था आनंद और प्रत्याशा से भरी एक असाधारण यात्रा है। हालांकि, कुछ महिलाओं के लिए यह अप्रत्याशित चुनौतियां भी ला सकता है खासकर जब उच्च रक्तचाप (high blood pressure) का सामना करना पड़ता हैc

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उच्च रक्तचाप (high blood pressure) दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है और गर्भावस्था (Pregnancy) के साथ संयुक्त होने पर माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए सावधानीपूर्वक प्रबंधन की आवश्यकता होती है।

उच्च रक्तचाप का गर्भावस्था से क्या संबंध है? HOW IS HYPERTENSION LINKED WITH PREGNANCY?
गर्भावस्था (hypertension in pregnancy) से प्रेरित उच्च रक्तचाप जिसे गर्भकालीन उच्च रक्तचाप भी कहा जाता है लगभग 5-10 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है। यह आमतौर पर गर्भधारण के 20वें सप्ताह के बाद उत्पन्न होता है और उच्च रक्तचाप के स्तर की विशेषता है।

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यदि उच्च रक्तचाप (high blood pressure) को अनियंत्रित छोड़ दिया जाए तो यह गंभीर जटिलताओं को जन्म दे सकता है जैसे कि प्री-एक्लेमप्सिया, एक्लम्पसिया (गर्भवती महिला में दौरे या कोमा), प्लेसेंटल एबॉर्शन और समय से पहले जन्म।

गर्भकालीन उच्च रक्तचाप (Gestational hypertension) का सटीक कारण अज्ञात है लेकिन कई जोखिम कारकों की पहचान की गई है। इनमें पिछली गर्भधारण में उच्च रक्तचाप या प्रीक्लेम्पसिया का इतिहास, मोटापा, क्रोनिक किडनी रोग, कई गर्भधारण (जुड़वाँ या अधिक), और मधुमेह या ऑटोइम्यून बीमारियों जैसी कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ शामिल हैं। स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को इन जोखिम कारकों का आकलन करना चाहिए और उच्च रक्तचाप के किसी भी लक्षण की तुरंत पहचान करने के लिए गर्भावस्था के दौरान रक्तचाप की बारीकी से निगरानी करनी चाहिए।

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गर्भकालीन उच्च रक्तचाप का प्रबंधन कैसे करें? HOW TO MANAGE GESTATIONAL HYPERTENSION?
गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप (hypertension in pregnancy) को प्रबंधित करने के लिए गर्भवती मां और उसकी स्वास्थ्य देखभाल टीम के बीच एक सहयोगी दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। स्थिति की प्रगति की निगरानी करने और किसी भी संभावित जटिलताओं का पता लगाने के लिए रक्तचाप माप और मूत्र परीक्षण सहित नियमित प्रसवपूर्व जांच आवश्यक है।

जीवनशैली में बदलाव, जैसे कम सोडियम वाला स्वस्थ आहार अपनाना, नियमित व्यायाम (स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा अनुशंसित), और तनाव कम करने की तकनीक, रक्तचाप के स्तर को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं।

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कुछ मामलों में गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए दवा की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि, दवा का चुनाव महत्वपूर्ण है क्योंकि कुछ एंटीहाइपरटेंसिव दवाएं विकासशील भ्रूण के लिए हानिकारक हो सकती हैं। स्वास्थ्य सेवा प्रदाता सबसे उपयुक्त दवा विकल्प का चयन करने के लिए जोखिमों और लाभों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करते हैं जो बच्चे को कम से कम नुकसान पहुंचाता है।

पहले से मौजूद उच्च रक्तचाप वाली गर्भवती महिलाओं के लिए प्रबंधन का दृष्टिकोण भिन्न हो सकता है।

इन महिलाओं को गर्भाधान (Pregnancy) से पहले ही कड़ी निगरानी की आवश्यकता हो सकती है और माँ और बच्चे दोनों के लिए सर्वोत्तम परिणाम सुनिश्चित करने के लिए उनकी दवा के नियमों में समायोजन की आवश्यकता हो सकती है। गर्भवती होने की इच्छा रखने वाली पहले से मौजूद उच्च रक्तचाप वाली महिलाओं के लिए योजना बनाना और स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ शीघ्र परामर्श आवश्यक है।

चेतावनी के संकेत क्या हैं?
उच्च रक्तचाप वाली गर्भवती महिलाओं (Pregnancy) को उन चेतावनी संकेतों के बारे में पता होना चाहिए जो जटिलताओं का संकेत दे सकते हैं। गंभीर सिरदर्द, दृश्य गड़बड़ी, अचानक वजन बढ़ना, हाथों और चेहरे पर सूजन और पेट दर्द जैसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ये प्री-एक्लेमप्सिया के संकेत हो सकते हैं, गर्भकालीन उच्च रक्तचाप से जुड़ी एक गंभीर स्थिति। यदि इनमें से कोई भी लक्षण उत्पन्न होता है, तो तत्काल चिकित्सा ध्यान देना चाहिए।

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जबकि गर्भावस्था (Pregnancy) के दौरान उच्च रक्तचाप चुनौतियां पेश करता है इस स्थिति वाली कई महिलाएं सफलतापूर्वक यात्रा को नेविगेट करती हैं और स्वस्थ बच्चों को जन्म देती हैं। नियमित प्रसव पूर्व देखभाल, एक स्वस्थ जीवन शैली, उचित चिकित्सा हस्तक्षेप और सतर्क निगरानी सकारात्मक परिणाम में योगदान करती है।

अंत में गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप को मां और बच्चे दोनों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए सावधानीपूर्वक प्रबंधन की आवश्यकता होती है।

प्रारंभिक पहचान, नियमित निगरानी, जीवन शैली में संशोधन, और यदि आवश्यक हो तो दवा रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करने और जटिलताओं को कम करने में मदद कर सकती है। स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर काम करने और चेतावनी के संकेतों के प्रति चौकस रहने से, उच्च रक्तचाप वाली महिलाएं एक सुरक्षित और स्वस्थ गर्भावस्था प्राप्त कर सकती हैं, दुनिया में खुशी और मन की शांति के साथ अपने छोटे बच्चों का स्वागत कर सकती हैं।

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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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UPSC Recruitment 2023 : सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) (यूपीएससी) (UPSC) ने विशेषज्ञ, सहायक प्रोफेसर सहित अन्य पदों के लिए भर्ती निकाली है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय सहित विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के लिए यह भर्ती निकाली गई है। अभ्यर्थी कुल 113 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। पोस्ट ग्रेजुएट से लेकर मास्टर डिग्रीधारक अभ्यर्थी इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए नोटिफिकेशन अवश्य पढ़ें।

आयु सीमा
इन पदों के लिए अभ्यर्थियो की आयु 35 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आयु सीमा में छूट केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार मिलेगी।

आवेदन शुल्क
सामान्य, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस पुरुष अभ्यर्थियों को आवेदन शुल्क के रूप में 25 रुपए भरने होंगे, जबकि एससी/एसटी, दिव्यांग और महिला अभ्यर्थियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

ऐसे करना होगा आवेदन
अभ्यर्थी यूपीएससी की ऑफिशियल वेबसाइट https://www.upsconline.nic.in/ पर लॉगिन कर 29 जून (रात 11.59 बजे) तक आवेदन कर सकते हैं। पूर्ण रूप से जमा ऑनलाइन आवेदन फॉर्म को 30 जून (रात 11.59 बजे) तक प्रिंट कर सकते हैं।

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जयपुर। बारिश और तूफान को देखते हुए शहरी सरकार ने राजधानी में 6 बाढ़ नियंत्रण केन्द्र आज से शुरू कर दिए है। हालांकि आधी—अधूरी तैयारी के साथ ये बाढ़ नियंत्रण केन्द्र शुरू किए गए है। जयपुर ग्रेटर नगर निगम और हैरिटेज नगर निगम ने तीन—तीन बाढ़ नियंत्रण केन्द्र बनाए है। अब सभी जोन कार्यालयों में भी अलग से बाढ़ नियंत्रण केन्द्र बनाए जाएंगे। इसके साथ ही सभी जोन उपायुक्तों को अलग—अलग जिम्मेदारी तय कर दी गई है।

हैरिटेज नगर निगम ने अग्निशमन केन्द्र बनीपार्क, अग्निशमन केन्द्र घाटगेट और अग्निशमन केन्द्र आमेर में केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। जबकि जयपुर ग्रेटर नगर निगम ने वीकेआई अग्निमशन केन्द्र, मालवीय नगर अग्निशमन केन्द्र और मानसरोवर अग्निशमन केन्द्र पर केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाए है। इन बाढ़ नियंत्रण केन्द्रों पर कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। हालांकि मिट्टी के कट्टे भरने के टेंडर जारी कर दिए गए है, जबकि अन्य संसाधन लगाए जा रहे है। ये बाढ़ नियंत्रण केन्द्र 24 घंटे कार्यरत रहेंगे। जोन कार्यालयों पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष शुरू करने के लिए सभी जोन उपायुक्तों को निर्देश जारी कर दिए गए है।

जयपुर ग्रेटर निगम में केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष
वीकेआई फायर स्टेशन
मालवीय नगर फायर स्टेशन
मानसरोवर फायर स्टेशन

हैरिटेज निगम के बाढ़ नियंत्रण केन्द्र
बनीपार्क फायर स्टेशन को सिविल लाइन जोन क्षेत्र के लिए बाढ़ नियंत्रण केन्द्र बनाया गया है।
घाटगेट फायर स्टेशन को किशनपोल जोन और आदर्श नगर जोन क्षेत्र के लिए बाढ़ नियंत्रण केन्द्र बनाया गया है।
आमेर फायर स्टेशन को हवामहल—आमेर जोन क्षेत्र के लिए बाढ़ नियंत्रण केन्द्र बनाया गया है।

अभी तक की तैयारी
बाढ़ नियंत्रण केन्द्रों पर निगम की ओर से आवश्यक व्यवस्थाएं करना शुरू कर दिया है। जयपुर ग्रेटर और हैरिटेज निगम ने अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। अधिकारियों कर्मचारियों की तीन पारियों में ड्यूटी लगाई जा रही है। हर बाढ़ नियंत्रण केन्द्र पर फायरमैन की तीन पारियों में ड्यूटी लगाई जा रही है। ग्रेटर निगम ने चार—चार फायर मैन नियुक्त किए है, जबकि हैरिटेज निगम ने भी फायर मैन तैनात कर दिए है। बनीपार्क बाढ़ नियंत्रण केंद्र पर 20,000 मिट्टी के कट्टे और घाटगेट व आमेर बाढ़ नियंत्रण केंद्र पर 15—15 हजार मिट्टी के कट्टे रखवाने के निर्देश दिए गए है।

जोन बाढ़ नियंत्रण केन्द्र
जोन कार्यालय पर नियमित रूप से बाढ़ नियंत्रण कक्ष कार्य करेगा, जिसके लिए जोन उपायुक्त अपने स्तर पर आदेश जारी करेंगे। इनके प्रभारी अधिकारी भी संबंधित जोन उपायुक्त होंगे। बरसात के मौसम में जब भी 5 सेमी से अधिक वर्षा हो तो जोन उपायुक्त व अन्य निगम अधिकारी स्थिति सामान्य होने पर बाढ़ नियंत्रण केंद्र के निरंतर संपर्क में रहेंगे।

जोन उपायुक्तों को तय की जिम्मेदारी
अपने—अपने जोन क्षेत्र में जब भी 5 सेमी से अधिक बारिश हो तो जोन उपायुक्त बाढ़ नियंत्रण कक्ष के सम्पर्क में रहेंगे।
बारिश के दौरान आम रास्ते, नाले, नालियों में किसी भी प्रकार की गंदगी या अवरोधक नहीं हो। पानी निकासी सुगमता से हो सके।
तेज बारिश के दौरान जल भराव के क्षेत्र चिह्नित कर वहां लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी जारी करना। साथ ही उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की जिम्मेदारी।
वैकल्पिक व्यवस्था के लिए निचले इलाकों में लोगों के लिए सार्वजनिक स्थान, कॉलेज, स्कूल, धर्मशाला आदि में व्यवस्था करना।
बाढ़ व तेज बहाव से सड़क पर कटाव होने, मिट्टी जमाव होने या गड्ढ़े होने पर तत्काल मरम्मत व सफाई करवाना।

NEET UG Result 2023: केन्द्रीय शिक्षा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट यूजी) के परीक्षा परिणाम में चौमूं क्षेत्र के छात्र-छात्राओं ने परचम लहराया है। चौमूं निवासी एवं टारगेट कैरियर इंस्टीट्यूट के छात्र कमलेश सैनी पुत्र शैतान माली ने 720 अंक में से 710 अंक प्राप्त ऑल इंडिया में 50वीं रेंक हासिल कर सफलता हासिल की है।

छात्र की सफलता से परिवार व गुरुजनों में खुशी का माहौल बन गया। छात्र के पिता दुकानदार है। छात्र सैनी ने बताया कि वह प्रतिदिन आठ घंटे रोज पढाई करता था। साथ दुकान पर पिता का हाथ भी बंटाया करता है। उन्होंने बताया कि परीक्षा के दौरान उसने मोबाइल फोन से परहेज किया है।

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इधर, रामपुरा डाबड़ी निवासी निशा कुमावत पुत्र महेंद्र कुमावत ने भी 720 अंक में से 654 अंक प्राप्त कर परिवार का रोशन किया है। छात्रा कुमावत ने बताया कि उसने प्रतिदिन करीब सात से आठ घंटे पढाई की है।

जयपुर। देवस्थान विभाग की ओर से नंदन कानन योजना के तहत मंदिरों में तुलसी उपवन विकसित किए जा रहे है। इसके तहत आज देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत व आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी आमेर रोड पर मंदिरश्री बलदेवजी में पौधे लगाकर राजधानी के मंदिरों में योजना की शुरुआत की।

राजधानी के 37 मंदिरों सहित प्रदेशभर के 593 राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार और आत्मनिर्भर श्रेणी के मंदिरों में नंदन कानन योजना के तहत पौधे लगाए जा रहे है। इससे मंदिरों में हरियाली हो रही है, वहीं इन मंदिरों में वृंदावन की तर्ज पर तुलसी उपवन विकसित किए जा रहे है। इसी कड़ी में आमेर रोड, जलमहल स्थित मंदिर बलदेव जी परशुराम द्वारा में देवस्थान विभाग मंत्री शकुंतला रावत ने तुलसी, केला और बिल्वपत्र का पौधा लगाकर राजधानी में योजना की शुरुआत की। देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने बताया कि प्रदेश के 593 मंदिरों में जहां जमीन उपलब्ध है, वहां पर योजना के तहत पौधे लगाए जा रहे है।

ये पौधे लगाए जा रहे
आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी ने बताया कि मंदिरों में तुलसी व मोगरा सहित गेंदा, पीपल, आम, आंवला, नीम, केला, खेजड़ी, गिलोल, नक्षत्र वाटिका, बिल्वपत्र, आंवला आदि के पौधे लगाए जा रहे है। जिन मंदिरों में जमीन उपलब्ध नहीं है। वहां गमलों में पौधे लगाए जा रहे हैं। इनके रखरखाव की जिम्मेदारी पुजारी-सेवागीर को दी है।

बन रही गाइडलाइन
नंदन कानन योजना के तहत गाइडलाइन भी बनाई जा रही है। इसके तहत विभागीय मंदिरों की अप्रयुक्त कृषि भूमि और अन्य भूमि पर वाटिका विकसित की जाएगी।

10 से अधिक प्रजातियों के लगेंगे पौधे
जयपुर समेत प्रदेशभर में शुरू हुए देवस्थान पर्यावरण पखवाड़े के तहत बड़े मंदिरों में नंदन कानन योजना के तहत एक वाटिका विकसित की जाएगी।

Healthy diet tips : जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है हमारी जीवनशैली हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिबिंबित होने लगती है। यह महत्वपूर्ण है कि बीमारियों से मुक्त लंबा जीवन पाने के लिए हमें शुरुआत से ही कुछ स्वस्थ आदतों (healthy habits) का पालन करना शुरू कर देना चाहिए। चालीस की उम्र में लोगों में उम्र बढ़ने के लक्षण दिखने लगते हैं।

न्यूट्रिशनिस्ट ने बताया कैसे 40 की उम्र में लोग स्वस्थ आहार ले सकते हैं और उन्हें अपनी जीवनशैली में किन महत्वपूर्ण बातों का पालन करना चाहिए। चालीस के बाद आने वाले दशकों तक फिट और स्वस्थ रहना एक सतत प्रक्रिया है।

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40 के वर्ष में लोगों के लिए डाइट टिप्स Diet tips for people in their 40s

- कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा बनाए रखने से हड्डियों के नुकसान को धीमा करने में मदद मिलेगी इसलिए वसायुक्त डेयरी उत्पाद, साबुत दालें, सोयाबीन और काले तिल नियमित रूप से लें।

- अपने दैनिक आहार में कम वसा वाले, उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करें। साबुत अनाज, दाल, बींस, फल, सब्जियां, मेवे और बीज अधिक खाएं। वे हमें फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और खनिज प्रदान करते हैं, जो उम्र से संबंधित बीमारियों और विकारों से लड़ने के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्वों के साथ हमें उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को उलटने में सहायता करते हैं।

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- Essential mineral after age forty : जस्ता (Zinc) चालीस के बाद एक आवश्यक खनिज है क्योंकि यह ऊतकों को इंसुलिन के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए दिखाया गया है। यह शुगर क्रेविंग को कम करने में भी मदद करता है और इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। ज्यादातर लोग जो अपने चालीसवें वर्ष में तेजी से वजन बढ़ाते हैं, उनमें अनियंत्रित शुगर क्रेविंग भी होती है। जिंक सप्लीमेंट्स का सेवन मददगार होता है और इसलिए जिंक के अच्छे प्राकृतिक स्रोत जैसे काले और सफेद तिल और कद्दू के बीज लेने से भी मदद मिलती है।

- टेबल शुगर से पूरी तरह से बचें और खजूर, काली किशमिश, ताजे फल, अंजीर आदि के प्राकृतिक गुणों का सेवन करें।

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- बी-विटामिन (B-vitamins) के साथ एंटीऑक्सिडेंट की खुराक लेने से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया में देरी होती है।

- पर्याप्त प्रोटीन खाएं Eat adequate protein : दिन में कम से कम एक अंडा और 1 कप दही, 1 कप दाल और 100 से 200 ग्राम मछली, चिकन या पनीर खाएं। प्रोटीन आपको पूर्ण महसूस करने में मदद करता है और अनावश्यक भूख और चीनी की लालसा को रोकता है। यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में भी मदद करता है।

- नियमित रूप से व्यायाम करें Exercise regularly: नियमित वजन उठाने वाले व्यायाम हड्डियों के नुकसान को धीमा करने के लिए जाने जाते हैं। दूसरी ओर, एरोबिक व्यायाम (जो हृदय गति को बढ़ाता है) अच्छे हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने और शरीर के जोड़ों, स्नायुबंधन, मांसपेशियों और टेंडन को मजबूत और मोबाइल रखने के लिए फायदेमंद साबित होगा।

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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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मेडिकल साइंस में अक्सर ही कुछ न कुछ ऐसा होता है जिससे सभी अचंभे में पड़ जाते हैं। जो दूसरी चीज़ों से बिल्कुल अलग होता है। ऐसा ही कुछ हाल ही में श्रीलंका (Sri Lanka) में हुआ। श्रीलंका में हाल ही में एक आदमी की किडनी में स्टोन मिला। अब आप सोचेंगे, इसमें अलग क्या है? किडनी में स्टोन के मामले तो दुनियाभर में देखे जाते हैं और इसमें कुछ हटकर भी तो नहीं है। पर श्रीलंका में हाल ही में सामने आया किडनी स्टोन का मामला बिल्कुल अलग है। क्योंकि डॉक्टरों को जो किडनी स्टोन मिला, वो दुनिया का अब तक का सबसे भारी किडनी स्टोन निकला।


801 ग्राम का किडनी स्टोन

श्रीलंका में हाल ही में एक आदमी की किडनी में 801 ग्राम का स्टोन मिला। जी हाँ, आपने सही पढ़ा। पढ़कर आपको हैरानी ज़रूर हुई होगी और यह ख्याल भी आया होगा कि ऐसा कैसे हो सकता है, पर ऐसा हुआ है और यह पूरी तरह से सच है। 801 ग्राम का किडनी स्टोन। यह किडनी स्टोन अब तक का सबसे बड़ा किडनी स्टोन निकला। इस किडनी स्टोन की लंबाई करीब 13.372 सेंटीमीटर थी। यह एक केले जितना लंबा था और ग्रेपफ्रूट की साइज़ का था।

डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक निकाला सबसे बड़ा किडनी स्टोन

श्रीलंका के आर्मी डॉक्टर्स ने भी जब यह मामला देखा तो हैरान रह गए। एक 62 साल के आदमी की किडनी में उन्हें यह स्टोन मिला। डॉक्टरों को शुरू में इस किडनी स्टोन को देखकर हैरानी ज़रूर हुई, पर उन्होंने सफलतापूर्वक इस किडनी स्टोन को उस आदमी की किडनी से बाहर निकाल लिया। यह मामला 1 जून का है।


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बने दो नए गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स

इसके साथ ही इस किडनी स्टोन के नाम दो नए गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स हो गए। एक सबसे भारी किडनी स्टोन होने का और दूसरा सबसे लंबा किडनी स्टोन होने का। इससे पहले सबसे लंबे किडनी स्टोन का रिकॉर्ड 2004 में भारत में बना था, जब एक व्यक्ति की किडनी से 13 सेंटीमीटर का किडनी स्टोन निकला था और दूसरा रिकॉर्ड पाकिस्तान में 2008 में 620 ग्राम के किडनी स्टोन के निकलने के साथ बना था।

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आंवला एक ऐसा फल है, जिसमें अनगिनत गुण पाए जाते हैं। यह हमारे त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद है, साथ-साथ यह कई तरह के रोगों के लिए औषधि के रूप में भी काम में आता है। आंवला इम्युनिटी बूस्टर है, विटामिन सी से भरपूर है और त्वचा और बालों की कई समस्याओं को दूर करने में भी मददगार है। लेकिन, क्या आपको इसके नुकसान के बारे में पता है। जी हां, हर बार आंवले का जूस पीना आपकी सेहत के लिए फायदेमंद नहीं होता है। कुछ बीमारियों में यह सेहत को फायदे की जगह बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। लेकिन कुछ लोगों के लिए आंवले का जूस पीना हानिकारक हो सकता है।

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लिवर से जुड़ी समस्याओं में न करें सेवन
लीवर से जुड़ी कई स्थितियों के लिए आंवला का जूस हानिकारक हो सकता है। क्योंकि इसमें विटामिन सी और अत्यधिक अम्लीय तत्व पाए जाते हैं जो लिवर की चोट और दर्द को बदतर बना सकते है। इसलिए लीवर डैमेज और लीवर सिरोसिस के मामलों में आंवले का जूस पीने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

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किडनी को कर सकता है प्रभावित
किडनी से जुड़ी समस्याओं के लिए कई बार आंवले का जूस पीना खतरनाक हो सकता है। क्योंकि यह जूस मूत्रवर्धक गुणों से भरपूर होता है, लेकिन इसमें कुछ बायोएक्टिव तत्व भी पाए जाते हैं जो किडनी की बीमारी के दौरान कुछ कोशिकाओं और ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए, अगर आप किडनी की गंभीर बीमारी से गुजर रहे हैं तो इसके सेवन न करें।

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लो बीपी में न लें आंवला जूस
आंवला हाई-बीपी वालों के लिए फायदेमंद होता है, इसलिए लो-बीपी वालों के लिए यह हानिकारक हो सकता है। इसमें रक्तचाप को कम करने और बनाए रखने की काफी क्षमता है। लेकिन अगर आप हाइपोटेंशन यानी लो बीपी की समस्या से जूझ रहे हैं तो आंवला जूस का अधिक मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए।

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प्रेग्नेंसी के दौरान न खाएं आंवला
प्रेग्नेंसी के दौरान आंवले का जूस पीना आपके लिए हानिकारक हो सकता है। यह आपके शरीर में अम्लता और खट्टी डकारें बढ़ा सकता है। इसके आपको ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है। साथ ही यह मूत्रवर्धक गुणों से भरपूर होता है और इसलिए पेशाब की मात्रा बढ़ा सकता है, जिससे निर्जलीकरण हो सकता है, जो गर्भावस्था के दौरान अच्छा नहीं होता है। इसलिए ऐसी स्थिति में आंवले का जूस पीने से बचें।

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आंवला के फायदे
आंवला के प्रयोग से अनगिनत फायदे हैं। आंवला खून को साफ करता है, दस्त, मधुमेह, जलन की परेशानी में लाभ पहुंचाता है। इसके साथ ही यह जॉन्डिस, हाइपर-एसिडिटी, एनीमिया, रक्तपित्त (नाक-कान से खून बहने की समस्या), वात-पित्त के साथ-साथ बवासीर या हेमोराइड में भी फायदेमंद है। साथ ही आंवला मल त्याग करने की प्रक्रिया को आसान बनाता है। यह सांसों की बीमारी, खांसी और कफ संबंधी रोगों से राहत दिलाने में सहायक है। आंवला आंखों की रोशनी को भी बेहतर करता है। अम्लीय गुण होने के कारण यह गठिया में भी लाभकारी है।

 

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
Good News: शहरों में बिजली का नया घरेलू कनेक्शन सात दिन में देना ही होगा। ऐसा नहीं होता है तो पहले उपभोक्ता शिकायत निवारण समिति या डिस्कॉम प्रबंधन को शिकायत कर सकते हैं। वहां भी सुनवाई नहीं होती है तो राज्य विद्युत विनियामक आयोग में अपील की जा सकेगी। विद्युत सप्लाई कोड विनियम में नए कनेक्शन की समय सीमा तय की गई है।

हालांकि, शहर में बड़ी संख्या में लोग कनेक्शन के लिए दस से पन्द्रह दिन बाद भी भटक रहे हैं। केबल व अन्य संसाधनों की कमी के कारण यह स्थिति बन रही है। आयोग ने नए इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के तहत नए विद्युत कनेक्शन जारी करने की समय सीमा घटाई थी। मेट्रो शहरों में 7 दिन में, अन्य नगरपालिका क्षेत्रों में 15 दिन, ग्रामीण क्षेत्रों में 30 दिन में कनेक्शन जारी करना होगा। सभी जगह घरेलू श्रेणी के लिए यह समय सीमा सात दिन ही रहेगी।

यहां करें शिकायत-
उपभोक्ता शिकायत निवारण समिति: शहर में बनीपार्क पावर हाउस में समिति का ऑफिस है।

प्रबंध निदेशक, जयपुर डिस्कॉम: विद्युत भवन जाकर शिकायत करें।

राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग: सहकार मार्ग पर ऑफिस है। यहां पीटिशन फाइल की जा सकती है। इस संबंध में फोन नम्बर 2741181, 2741016 पर संपर्क कर सकते हैं। rercjpr@yahoo.co.in पर भी जानकारी ले सकते हैं।

जयपुर। अरब सागर से उठे विपरजॉय चक्रवात से मुकाबले के लिए प्रदेश में एसडीआरएफ का अलर्ट जारी हो गया है। जयपुर शहर सहित बांसवाड़ा, जालौर, सिरोही, पाली, उदयपुर और डूंगरपुर में आपदा राहत और बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ की टीमों को तैनात कर दिया गया है। वहीं बुधवार को पुलिस मुख्यालय ने अब की तैयारियों की समीक्षा की। साथ ही प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को इसके लिए अलर्ट जारी किया गया है।

52 टीम तैनात, जयपुर में रिजर्व रखी कंपनी
राज्य आपदा प्रतिसाद बल (एसडीआरएफ) की प्रदेश में आठ कंपनियां है। सभी संभाग मुख्यालयों पर एक-एक कंपनी तैनात है। विपजॉय को देखते हुए 12-12 जवानों की 52 टीम बनाकर बांसवाड़ा, जालौर, सिरोही, पाली, उदयपुर के कोडड़ा व सलुंबर और डूंगरपुर में तैनात की गई है।

डूबते को बचाने, बिंल्डिंग को काटने के साथ, रोप सेस्क्यू में एक्सपर्ट
प्रदेश में तैनात एसडीआरटीम के पास बचाव के लिए लाइफ जैकेट, नाव, बड़ी बिल्डिंग को काटने वाले कट्टर, रस्से सहित आपदा राहत के उपयोग में आने वाली सामग्री है। टीम में तैनात जवानों को पानी में डूबते हुए को बचाने, रोप रेस्क्यू के माध्यम से किसी बिल्डिंग में फंसे व्यक्ति को लाने और बड़े भवन की क्षति होने पर कट्टर से बिल्डिंग को काटने में समक्ष है।

जिलों के पास उपलब्ध संशाधनों की बन गई सूची
आपदा को देखते हुए प्रदेश के जिलों में राज्य आपदा मोचन निधि मद के तहत जिलों के पास उपलब्ध संशाधनों की सूची तैयार कर ली गई है। एसडीआरएफ की टीमों को आवश्यकता होने पर जेसीबी, क्रेन, वाटर पंप व अन्य संशाधन जिला कलक्टरों की ओर से उपलब्ध करवाए जाएंगे।

13 जिलों में सक्रिय रहेंगे आपदा मित्र समूह
प्रदेश के अजमेर, अलवर, बाड़मेर, बीकानेर, भरतपुर, जालोर, जोधुपर, जयपुर, झालावाड़, कोटा, नागौर, पाली एवं सिरोही जिले में आपदा मित्र समूहों को भी सक्रिय किया गया है। इसके अलावा यह भी पता किया जा रहा है कि पुलिस और आरएसी के जवानों में कितने तैराक है, जिससे आवश्यकता होने पर राहत कार्यों में उनका उपयोग किया जा सके।

इनका कहना है...
विपरजॉय चक्रवात को लेकर एसडीआरएफ की टीमें अलर्ट मोड पर है। संभावित जिलों में 52 टीमों की राहत के संशाधनों के साथ तैनाती कर दी गई है। बांसवाड़ा, जालौर और सिरोही में दो-दो टीम तैनात की गई है। जयपुर शहर में एक कंपनी को रिजर्व रखा गया है।
आलोक वशिष्ठ
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एसडीआरएफ)

Husband Wife RelationShip: हर व्यक्ति को अपने जीवनकाल में एक ना एक बार प्यार जरूर होता है। और प्यार एक ऐसी चीज है जो लड़का और लड़की दोनों के विश्वास पर कायम रहता है। इसमें दोनों को एक दूसरे पर अपनी जान से भी ज्यादा विश्वास करना पड़ता है, तब जाकर लड़का और लड़की एक-दूसरे को समझ सकते हैं। अगर प्यार में एक दूसरे को नहीं समझे तो प्यार और रिश्ता ज्यादा दिन तक नहीं चल सकता। हर प्यार करने वाला यह चाहता है कि उसका जीवन साथी उससे कभी कुछ भी नहीं छिपाए। क्योंकि पति और पत्नी के रिश्ते में अगर किसी बात को लेकर मनमुटाव होता है तो फिर वो रिश्ता ज्यादा दिन तक नहीं चल पता है। और एक ना एक दिन उस रिश्ते में इतनी दूरी हो जाती हैं कि फिर चाहे कितनी भी बात सही करने की कोशिश करें, बात नहीं सुधरती। साथ ही कोई भी पत्नी यह नहीं चाहती कि उसका पति किसी दूसरी महिला के साथ संबंध रखें। पर एक महिला इसके ठीक विपरीत भी है।

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कौन है ये अजीबो-गरीब महिला?

क्या आपने अपनी ज़िंदगी में ऐसी महिला के बारे में सुना है जो अपने पति को गैर औरतों के पास भेजती हो? आपको शायद ये सुनने में थोड़ा अटपटा लगें, लेकिन यह सच है। आज हम आपको एक ऐसे ही अजीबोगरीब मामले से रूबरू करवाने जा रहे हैं। जहां ऐसा करने पर पत्नी अपने आप को बहुत खुशनसीब समझती है। यह मामला अमरीका (America) का हैं जहां एक पत्नी ने यह दावा किया है कि अपने पति को गैर महिलाओं के पास भेजने से उनका रिश्ता मजबूत होगा। उसका मानना है कि ऐसा करने से उसका पति हमेशा खुश रहेगा। एक सार्वजिनक रिपोर्ट के मुताबिक इस महिला का नाम मोनिका हल्ट (Monika Helt) है।

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फेसबुक पोस्ट वायरल (Viral Facebook Post)

अगर मोनिका का पति उसके ही सामने दूसरी औरत के साथ चक्कर चलाता है तो उसे कोई दिक्कत नहीं है। यानी कि ऐसा करने पर वह अपने पति से ख़ुश है। वो खुद चाहती है कि उसका पति दूसरी महिलाओं के साथ इच्छा पूरी करे और ऐसा करने से मोनिका पीछे नहीं हटती। उसने खुद इस पूरी बात को अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। वो यह भी कहती है कि ऐसा करने से वो इस दुनिया की सबसे अच्छी पत्नी मानी जाएगी।

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पति को खुश रखने का कारण

रिपोर्ट के मुताबिक जब मोनिका अपने घर का काम करती है तो अपने पति को किसी गैर महिला के पास भेज देती है। जब तक घर का काम पूरा होता है तब तक उसका पति दूसरी महिलाओं के साथ रहता है। मोनिका का यह भी कहना है जिस काम में उसके पति को खुशी मिलती है वही काम वो करती है। मोनिका यह भी कहती है कि उसके पति को जहां पर सुख और खुशी मिलें, वही पर वो उसका साथ देगी और अपने पति की ख़ुशी में खुश रहेगी।

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इस दुनिया में हर इंसान अपनी इच्छा से और अपने घर पर रहना चाहता है। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपनी इच्छा से दूसरी जगह जाकर बस जाते हैं। पर अगर किसी को उसकी इच्छा के विपरीत मजबूरी में अपना घर खोना पड़े और दूसरी जगह विस्थापित होना पड़े, तो वो ऐसा नहीं चाहेगा। पर ऐसा कई लोगों के साथ होता है। और पिछले करीब एक साल में ऐसे लोगों की संख्या तेज़ी से बढ़ी है। क्या आप जानते हैं कि दुनिया में ऐसे कितने लोग हैं जो विस्थापित हो गए हैं और अपने घर से बिछड़ गए है? आँकड़ा जानकार आप हैरान हो सकते हैं।


दुनियाभर में 11 करोड़ से ज़्यादा लोगों ने खोया अपना घर

यूनाइटेड नेशंस हाई कमिशनर फॉर रिफ्यूजीस (United Nations High Commissioner for Refugees - UNHCR) नाम की संस्था ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार अब तक दुनिया में 110 मिलियन यानी कि 11 करोड़ लोग अपना घर खो चुके हैं। ये लोग या तो अपने ही देश में विस्थापित हो गए हैं, या फिर दूसरे देश में रिफ्यूजी के तौर पर रहने के लिए मजबूर हैं।

पिछले साल 1.9 करोड़ लोग विस्थापित

पिछले साल एक साल में सबसे ज़्यादा 1.9 करोड़ लोगों ने अपना घर खोया था। इनमें अपने ही देश में विस्थापित और दूसरे देशों में रिफ्यूजी के तौर पर शरण लेने वाले लोग शामिल थे।

इस साल 14 लाख से ज़्यादा लोग विस्थापित

इस साल अब तक 14 लाख से ज़्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं। इनमें भी अपने ही देश में विस्थापित और दूसरे देशों में रिफ्यूजी के तौर पर शरण लेने वाले लोग शामिल थे।

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क्या है वजह?


लोगों के अपना घर खोने और विस्थापित होने की सबसे बड़ी वजह है युद्ध और हिंसा। युद्ध और आंतरिक हिंसा की वजह से जान-माल का नुकसान तो होता है ही, साथ ही लोगों को अपनी जान बचाने के लिए अपने घर और कई बार तो अपने देश तक से हाथ धोना पड़ता है। पिछले साल रूस-यूक्रेन युद्ध के शुरू होने के बाद से अब तक बड़ी संख्या में यूक्रेन के लोग अपने देश में विस्थापित होने के साथ ही दूसरे देशों में रिफ्यूजी की तरह रहने के लिए मजबूर हो गए। इस साल पिछले दो महीने से चल रही सूडान हिंसा के चलते भी बड़ी संख्या में लोग अपने देश में तो विस्थापित हुए ही, दूसरे देश में रिफ्यूजी के तौर पर रहने को मजबूर भी हो गए।

और सिर्फ रूस-यूक्रेन युद्ध या सूडान हिंसा ही नहीं, लंबे समय तक अफगानिस्तान में चली अशांति की वजह से भी बड़ी संख्या में लोगों ने अपने घर खोए। सीरिया, ईरान और दूसरे कई इस्लामिक देशों के साथ ही कई अफ़्रीकी देशों में भी लंबे समय से चली आ रही हिंसा की वजह से लोगों ने अपने घर खो दिए और या तो अपने ही देश में विस्थापित होना पड़ा, या शरण के लिए रिफ्यूजी बनकर दूसरे देशों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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हमारा दिमाग जितना छोटा है, इसके राज उतने ही गहरे हैं। दुनियाभर के वैज्ञानिक दशकों से इसके राज खोलने में जुटे हुए हैं, फिर भी दिमाग की सभी परतें खुल नहीं पाई हैं। माना जाता है कि हमारा दिमाग इतना सक्षम है कि सुपर कम्प्यूटर भी उसके आगे कुछ नहीं। बावजूद इसके, हम इंसान अपने दिमाग का सही और पूरा उपयोग करना सीख ही नहीं पाए हैं। आइए जानते हैं दिमाग से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में।

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दिमाग का हर एक न्यूरॉन या सूचनाओं को ले जाने वाली तंत्रिका कोशिका 40 हजार सिनेप्सिस संरचनाओं से जुड़ी होती है। यदि दिमाग के 100 अरब से ज्यादा न्यूरॉन्स को 40हजार सिनेप्सिस से गुणा किया जाए तो दिमाग के कनेक्शन पूरे ब्रह्मांड के तारों से ज्यादा होंगे। हमारा दिमाग शरीर को मिलने वाली कुल ऑक्सीजन के 20% हिस्से का उपयोग करता है। दिमाग शरीर का सबसे मोटा या वसा युक्त अंग है। इसमें कुल वसा का लगभग 60% हिस्सा होता है। हमारे दिमाग का 70 से 75% हिस्सा पानी से बना होता है।

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जब हम जागते रहते हैं, तो दिमाग 10 से 23 वॉट के बराबर शक्ति उत्पन्न करता है, जो एक बल्ब को जलाने के लिए पर्याप्त होती है। दिमाग में कुल 100 अरब से ज्यादा न्यूरॉन्स कोशिकाएं होती हैं। कई बार किसी दूसरे इंसान को उबासी लेते देख हमें भी उबासी आने लगती है। हमारे दिमाग में कुछ कोशिकाएं ऐसी होती हैं, जिन्हें नकलची कोशिकाएं भी कहते हैं। अगर ये क्षतिग्रस्त हो जाएं तो इंसान को दूसरे लोगों से रिश्ते और संवाद बनाने में मुश्किल होती है। ऐसे बच्चे जो 5 साल की उम्र में दो भाषाएं सीख जाते हैं, दूसरे बच्चों की तुलना उनके दिमाग की संरचना में बदलाव आ जाता है और जब वे वयस्क होते हैं, तो उनका ग्रे मैटर(सुनने, देखने व महसूस करने की प्रतिक्रिया वाला हिस्सा) ज्यादा घना होता है।

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रेत के एक कण के बराबर दिमाग के हिस्से में एक लाख न्यूरॉन्स और एक अरब सिनेप्सिस होते हैं और सभी एक-दूसरे से जुड़कर बातें करते हैं। जब ब्रीदिंग यानी सांस लेने की गति धीमी हो जाती है, तो शरीर को बहुत कम ऑक्सीजन मिल पाती है। ऐसे में रक्त को ऑक्सीजन की पूर्ति करने और कार्बन-डाइऑक्साइड निकालने के लिए उबासी आती है। औसतन हमारे दिमाग में हर रोज 50 से लेकर 70 हजार तक विचार पैदा हो सकते हैं। रिसर्च से पता चला है कि हमारे दिमाग में सूचनाएं 268 मील प्रति घंटा की गति से आती-जाती हैं। लेकिन जब कोई इंसान शराब पी लेता है,तो यह गति कम हो जाती है और लगता है कि उसे नशा चढ़ गया है। संवेदनाएं और भावनाएं भले ही दिमाग में पैदा होती हों, लेकिन हमारे दिमाग को खुद कोई दर्द महसूस नहीं होता क्योंकि इसमें दर्द ग्रहण करने वाले रिसेप्टर्स होते ही नहींं। सिरदर्द, सिर के पैन रिसेप्टर्स से आता है और इसीलिए इसे हैडेक कहते हैं।

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जयपुर। उत्तराखंड में गुरुवार को राजस्थान के यात्रियों की बस ऋषिकेश बदरीनाथ नेशनल हाईवे पर हादसे का शिकार हो गई है। बस में सवार 30 यात्री बदरीनाथ धाम के दर्शन कर लौट रहे थे। जानकारी के अनुसार, हादसा धारी देवी के पास चमधार में हुआ। सभी यात्री जयपुर समेत राजस्थान के अन्य शहरों के बताए जा रहे हैं।


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बड़ा हादसा टला
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार गुरुवार सुबह बदरी विशाल के दर्शन कर लौट रहे यात्रियों से भरी बस चमधार में अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गई। बस में 30 यात्री सवार थे, जिनमें से 15 यात्री घायल हो गए। घायल 15 लोगों में से एक गंभीर बताया जा रहा है। गनीमत रही कि बड़ा हादसा टल गया।


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ये बताया जा रहा हादसे का कारण
घायलों को श्रीनगर के बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई। टीम ने घायलों को रेस्क्यू किया। पुलिस के मुताबिक ड्राइवर बस को बहुत तेज स्पीड से चला रहा था, जिससे मोड़ पर बस अनियंत्रित होकर पलट गई।

Indian Railways: रेलवे भले ही यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी के लाख दावे करे लेकिन इनके प्रचार-प्रसार में पीछे ही है। इसी का परिणाम है कि जानकारी के अभाव में यात्री कई सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं। जयपुर जंक्शन सहित राजधानी के अन्य स्टेशन पर बने रिजर्वेशन काउंटर से हर दिन 1500 से 2000 टिकट बुक होते हैं। वहीं 200 से 250 टिकट कैंसिल भी होते हैं।

टिकट कैंसिल करवाने के प्रमुख कारणों में से एक है यात्रा तिथि में बदलाव होना। ऐसी स्थिति में यात्रियों के लिए रेलवे ने कई वर्षों से टिकट मॉडिफिकेशन की सुविधा शुरू कर रखी है। इसमें मामूली शुल्क देकर यात्री टिकट मॉडिफिकेशन करवा सकता है। जानकारी के अभाव में कुछेक यात्री ही इसका लाभ उठा पा रहे हैं। जिन यात्रियों को इस सुविधा की जानकारी नहीं है उन्हें टिकट कैंसिल करवाने पर 120 से 340 रुपए चुकाने पड़ते हैं। यहां तक कि रिजर्वेशन काउंटर पर भी इसकी जानकारी नहीं दी जाती। रेलवे यदि प्रचार-प्रसार करे तो यात्री 20 से 65 रु. खर्च कर टिकट मॉडिफिकेशन करवा सकते हैं।

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यह देने पड़ रहे चार्ज:
क्लास-मोडिफाई-कैंसिल
स्लीपर-20-120
3-एसी-45-190
2-एसी-55-210
1-एसी-65-340

(चार्ज रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, आंकड़े रुपए में)

यात्रा तिथि में बदलाव होने पर टिकट कैंसिल करवाने की बजाय मॉडिफाई कराना बेहतर विकल्प है। इसमें शुल्क भी कम लगता है।
कैप्टन शशि किरण, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर पश्चिम रेलवे

शरीर के लिए पानी सबसे ज्यादा जरूरी है। इसके बिना इंसान जीवित नहीं रह सकता शरीर में पानी की कमी कई शारीरिक समस्याओं की वजह बन सकती है, जिसमें डिहाइड्रेशन को सबसे घातक माना गया है। यह गर्मियों में होने वाली सबसे आम परेशानी है, जो शरीर में पानी की कमी का संकेत देती है। यह परेशानी किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। गर्मी में पसीना निकलने की वजह से अक्सर शरीर में पानी की कमी हो जाती है, डिहाइड्रेशन से बचने के लिए आप इन उपायों को आजमाएं।

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सादा पानी : गर्मी से बचने का सॉलिड फॉर्मूला है पानी। 6-7 लीटर पानी आपको स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है, लेकिन ज्यादा ठंडा पानी न पीएं।
नींबू पानी : गर्मी के मौसम में चीनी या नमक डालकर नींबू पानी पीना फायदेमंद होता है।
नारियल पानी : यह प्रोटीन और पोटेशियम का अच्छा स्रोत होता है। यह एसिडिटी और अल्सर में भी फायदा करता है।
छाछ : इसमें काला नमक, पिसा व भुना हुआ जीरा डालकर पीने से पाचन में दिक्कत नहीं रहती।

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ये भी उपयोगी
आम पना : कच्चे आम को पानी में उबालकर, मसलकर गुठली निकाल लें। इसमें चीनी, पानी, कालीमिर्च और जीरा मिलाकर पीने से भूख बढ़ती है व गर्मी से राहत मिलती है।
फालसे का जूस: फालसे को अच्छी तरह धो लें। अब इसमें पानी मिलाकर मिक्सी में पीस लें। छानने के बाद पीएं। इसे शुगर के रोगी भी पी सकते है।

कारण
अधिक पसीना निकलने की वजह से
ज्यादा व्यायाम करने से
बुखार
उल्टी
दस्त
बहुत अधिक पेशाब आना

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लक्षण
अधिक प्यास लगना
पेशाब कम आना
गहरे पीले रंग का मूत्र आना
सूखी व ठंडी स्किन
सिरदर्द होना
मांसपेशियों में ऐंठन

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आपके सवालों के जवाब फैमिली एस्ट्रो स्पेशल पर
ज्योतिषाचार्य: पं. मुकेश भारद्वाज के साथ


यहां पाएं चार तरह की एस्ट्रो विधाओं के टिप्स
1). अंकगणित
2). टैरो कार्ड
3). वैदिक ज्योतिष (सनसाइन-मूनसाइन)
4). वास्तु शास्‍त्र
यह कॉलम उन पाठकों के लिए है जो ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से भविष्य के पूर्वानुमानों में भी रुचि रखते हैं। भविष्य के पूर्वानुमान लगाने की लगभग सभी लोकप्रिय विधाओं को समाहित कर इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए यह देश में एक नए तरह की पहल है। जिसमें पाठक ना केवल दिन से जुड़ी सम्भावनाओं की जानकारी लें सकेगें साथ ही भविष्य से जुड़े प्रश्न भेज पूर्वानुमान प्राप्त कर सकेगें।
इस कॉलम में अंकगणित टैरो कार्ड, सनसाइन, वैदिक ज्योतिष एवं मून साइन के अनुसार ग्रह नक्षत्र के समग्र प्रभाव का पूर्वानुमान और संभावना पर लगातार जानकारियों को साझा करेंगे।

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ज्योतिषाचार्य: पं. मुकेश भारद्वाज के साथ

अंक ज्योतिष के अनुसार आज का मूलांक 7 है जो एक और 6 अंक के सहयोग से बना है। वहीं आज का भाग्य अंक दो है जो 2 और 0 के सहयोग से बना है। इसके मायने यह है कि आज का दिन लगभग सभी प्रकार के लोगों के लिए बेहतर रहने की संभावना है। आज विशेषकर खोजपूर्ण प्रवृत्ति के साथ उच्च भावनात्मक ऊर्जा प्रबंधकीय दक्षता और कला संस्कृति पर्यटन से जुड़े लोगों को विशेष लाभ और विभिन्न प्रकार के व्यवसाय में शांत चित्र से किए गए कार्यों को आर्थिक लाभ की संभावना रहेगी। आज के दिन में निराशा और नकारात्मकता से अपने आप को बचाए रखने की भी आवश्यकता है। आज भावनात्मक संबंधों में नई ऊंचाई पाने का दिन भी है। भावनात्मक संबंधों को स्थाई रूप से निभाने के संकल्प भी आज लिए जा सकते हैं। मूलांक 1, 2, 6, 7 वालों के लिए विशेष दिन है। वहीं बाकी सभी के लिए भी आज के दिन में पर्याप्त सकारात्मक ऊर्जा उपलब्ध है। बस आप स्वयं को सकारात्मक रहने की आवश्यकता है।

टैरो कार्ड के अनुसार आज का कार्ड हेर् मीट के साथ ट्न ऑफ कप्स है। इसके मायने हैं कि आज के दिन में गाइडेंस और अपने आप को खोजने के साथ अपनी आंतरिक भावनाओं को समझते हुए सही रास्ते का चुनाव करने के बारे में विचार विमर्श करने की आवश्यकता रहेगी। दूसरों के साथ मिलने वाली खुशी आनंद और इसी परिपेक्ष में उनका साथ पाने के लिए प्रयत्नशील रहते हुए अपनी भावनाओं को प्रकट न करने का भाव भी मन में रहेगा। हो सकता है कि किसी सामूहिक उत्सव या मिलन की स्थिति में ऐसे लोगों से सामना हो जिन्हें आप मन ही मन बेहद पसंद करते हो।टैरो कार्ड आज संदेश देते हैं की अपने मन की वास्तविक स्थिति का दूसरे को पता न चलने दें यह आपके लिए आगे चलकर फायदेमंद साबित होगा।

सनसाइन के अनुसार आज का दिन एक दूसरे के लिए सहयोग और संघर्ष दोनों के बीच से रास्ता निकालते हुए महत्वपूर्ण कार्यों को निपटाना होगा। अन्यथा आने वाले दिनों में आज के दिन को विशेष रुप से उल्लेखित किया जा सकता है। जो असहयोग या किसी खास कार्य में असफलता के लिए जिम्मेदार माना जाए और असहयोग करने वाले लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़े।
अर्थव्यवस्था के लिए भी आज का दिन विशेष रूप से सफलता देने वाला रह सकता है। नए वेंचर्स यह बचत की नई स्कीम इसमें धन लगाने के लिए आपसी विचार विमर्श आज के दिन का विशेष परामर्श का मुद्दा हो सकता है लंबी अवधि के निवेश से बचें।


मूनसाइन के अनुसार आज का दिन आपसी सहयोग सम्मान और समर्थन के आधार पर पूरी भावनात्मक ऊर्जा के आदान-प्रदान से जुड़ा हुआ रहने की संभावना है। एक दूसरे के लिए विशेष तौर पर स्नेह पूर्ण स्थितियों के माध्यम से दूसरों को संदेश दिया जा सकता है की इस संबंध को स्थाई करने की मंशा उन्हें भी समझ में आए। ऐसी स्थिति में विरोधियों को स्पष्ट संदेश दिए जाने की संभावना रहेगी।


कैसा रहेगा इस सप्ताह आपका नौकरीपेशा राशिफल?

नौकरी पेशा वाले लोगों के लिए आने वाला सप्ताह बहुत सारे नए विचार के साथ परिवर्तनकारी और प्रयोगवादी हो सकता है। जहां एक ओर लंबे समय से एक स्थान पर कार्य करते हैं उन लोगों को स्थान परिवर्तन या जॉब में परिवर्तन का सामना करना पड़ सकता है। वहीं ग्रहों की स्थिति ऐसी बन रही है जिसमें मन की स्थिति में परिवर्तन के कारण वर्तमान कार्य और स्थिति में से असहजता महसूस हो ऐसे में पूरे मनोयोग से कार्य न हो पाए। सप्ताह के प्रथम 2 दिन उत्साह और लगन के साथ कार्य करने की स्थितियां बनी रहेगी। लेकिन सप्ताह का मध्य भाग निराशा और निश्चय के कारण किसी भी कार्य में पूर्णता प्राप्त करना मुश्किल रहेगा। वहीं सप्ताह का अंत नई योजनाओं और नए विचार के साथ होने की पूरी संभावना है।


आपका सवाल
प्रश्न: गर्भधान संस्कार करवाने के पीछे क्या कारण है?
उत्तर: गर्भाधान संस्कार के बाद पुंसवन संस्कार सबसे महत्वपूर्ण संस्कार माना जाता है। इसमें आने वाली संतान के विषय में ईश्वर से प्रार्थना की जाती है की आने वाली संतान सौभाग्यशाली गौरव पूर्ण जीवन के साथ श्रेष्ठ शारीरिक और बौद्धिक विकास को प्राप्त करे। उसकी भावनात्मक उन्नति श्रेष्ठ हो आचार विचार और व्यवहार ऐसा हो जिसमें मानव कल्याण और सभी का हित जुड़ा हो। साथ ही गर्भवती माता को भी आचार विचार खानपान और सभी प्रकार के गर्भावस्था के बाद होने वाले परिवर्तनों के बारे में ठीक से जानकारी देने के लिए यह संस्कार आयोजित किया जाता है। इसके माध्यम से देव अनुग्रह किया जाता है कि वह उस बच्चे के पूर्ण विकास का आशीर्वाद प्रदान करें घर के बुजुर्गों और सम्मानीय लोगों का आशीर्वाद भी परिवार के लिए लिया जाता है। इस संस्कार के माध्यम से एक तरह से पूरे परिवार को यह सूचना भी प्राप्त हो जाती है की गर्भवती महिला के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाना है और घर में एक आध्यात्मिक और सहयोगात्मक वातावरण कैसे बनाया जाए इसके बारे में भी यह विचार विमर्श होता है। इस दिन साबूदाने या चावल की खीर गाय की दूध में बनाकर निर्धारित क्रम में पूजा अर्चना की जाती है। मंगलाचरण के बाद रक्षा सूत्र बांधकर शिशु के अच्छे स्वास्थ्य के लिए कामना की जाती है। साथ में यज्ञ आदि कर्म करके परिवार जन सभी का आशीर्वाद लेते हैं। ऐसे में माना जाता है कि आने वाले शिशु को गर्भावस्था में मिलने वाले संस्कार इस समय ही प्राप्त होने आरंभ हो जाते हैं। सनातन संस्कृति का मानना है की जन्म से पहले भी अच्छा वातावरण प्रदान करके आध्यात्मिक चिंतन और वातावरण के द्वारा विभिन्न प्रकार की शिक्षाएं माता के माध्यम से गर्भस्थ शिशु को प्रदान की जा सकती हैं। इस संस्कार के माध्यम से यह प्रक्रिया आरंभ की जाती है और गर्भवती माता को भी यथोचित सुविधा और वातावरण प्रदान किया जाता है जिसमें एक स्वस्थ और संस्कारवान शिशु का जन्म हो सके।.

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आज का दैनिक राशिफल ज्यो पं चंदन श्याम नारायाण व्यास पंचांगकर्ता के साथ

मेष:- आपकी वाक शैली से लोग प्रभावित होंगे। माता से अकारण वाक युद्ध होगा। यात्रा सफल रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। राजकीय बाधा दूर होगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें।

वृषभ:- कार्य क्षमता में वृध्दि होगी। भय, पीड़ा, चिंता तथा तनाव रहेंगे। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। धनलाभ होगा। संतान की नौकरी लगने से प्रसन्न रहेंगे।

मिथुन:- किसी की सुनी सुनाई बातों पर ध्यान न दें। दोस्तों के साथ मन मुटाव होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। पार्टी-पिकनिक का आनंद मिलेगा। रुके कार्यों में गति आएगी।

कर्क:- निवेश से लाभ होगा। वाणी पर नियंत्रण रखें, नहीं तो बनते कार्य बिगड़ सकते हैं। दु:खद समाचार मिल सकता है। कार्य की अधिकता से निजी कार्य प्रभावित होंगे।

सिंह:-कभी कभी ज्यादा होशियारी भी नुकसान देती है। कार्यस्थल पर किसी अधिकारी से संबंधो में मजबूती आएगी। विवाह के लिए किए प्रयास सफल होंगे। प्रतिष्ठा वृद्धि होगी।

कन्या:-परिजनों से शुभ समाचार मिलेगा। आत्मसम्मान बढ़ेगा। शत्रु परास्त होंगे। आप के अपने आपके विरुद्ध षड्यंत्र रचेंगे। विवाद से बचें। बच्चों के विवाह की चिंता रहेगी।

तुला:- कार्यस्थल पर अधिकारियों से मतभेद संभव। सुख सुविधा के सामान में धन खर्च होगा। पारिवारिक जनों का सहयोग मिलेगा। आपसी संबंधों में मधुरता आएगी। न्याय पक्ष मजबूत होगा।

वृश्चिक:-आकस्मिक कोई बड़ा खर्च होने की आशंका है। कार्यस्थल पर व्यस्तता रहेगी। जल्दबाजी से हानि संभव है। विवाद न करें। परिवारिक क्लेश होगा।

धनु :-पिता के साथ किसी जरूरी विषय पर चर्चा होगी। पुराना धन मिल सकता है। रुके कार्य पूर्ण होंगे। संतान के विवाह संबंधित समस्या रहेगी।अनाज तिलहन व्यवसायियो के लिए समय व्यस्तता पूर्ण रहेगा

मकर :-अपनी गलतियों को नजरअंदाज न करें। व्यवसायिक नई योजना बनेगी। कार्यपद्धति में सुधार से लाभ बढ़ेगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। जीवन साथी के प्रति अपना व्यवहार ठीक करें ।अपने आप को संभाले संगती बदलें ।

कुम्भ :-कारोबार में मंदी की वजह से परेशान रहेंगे। शत्रु सक्रिय रहेंगे। थकान रहेगी। धार्मिक आस्था में वृद्धि होगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। कार्यसिद्धि होगी।

मीन :-जल्दबाजी में हानि से बचें। परिवार में चिंता तथा तनाव रहेंगे। कार्यस्थल पर विवाद से बचें। वाहन, मशीनरी व अग्नि के प्रयोग में सावधानी रखें। नए दोस्त बनेगे।

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ग्रह-नक्षत्र ज्योतिर्विद: पंडित घनश्यामलाल स्वर्णकार के साथ

शुभ वि. सं: 2080
संवत्सर का नाम: पिङ्गल
शाके सम्वत: 1945
हिजरी सम्वत: 1444
मु. मास: जिल्काद-26
अयन: उत्तरायण
ऋ तु: ग्रीष्म
मास: आषाढ़
पक्ष: कृष्ण

शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि वार, नक्षत्र व योगानुसार आज अति आवश्यकता में विवाह का (लग्नाभाव व मृत्युबाण दोष) रोहिणी नक्षत्र में यथाआवश्यक अशुद्ध मुहूर्त है। त्रयोदशी जया संज्ञक तिथि प्रात: 8-41 बजे तक, तदुपरांत चतुर्दशी रिक्ता संज्ञक तिथि है। त्रयोदशी तिथि में यात्रा, युद्ध, प्रवेश, अलंकार, मांगलिक कार्य, यज्ञोपवीत को छोडक़र करने चाहिए। चतुर्दशी रिक्ता संज्ञक तिथि में अग्निविषादिक असद कार्य, बंधन, शस्त्रादि दूषित कार्य करने योग्य है। शुभ कार्य वर्जित हैं।

श्रेष्ठ चौघडिय़ा: आज सूर्योदय से पूर्वाह्न 10-45 बजे तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत, दोपहर 12 -27 बजे से दोपहर बाद 2-10 बजे तक शुभ तथा सायं 5-35 बजे से सूर्यास्त तक चर के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं। दोपहर 12-00 बजे से दोपहर 12-54 बजे तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभ कार्यारम्भ के लिए अत्त्युत्तम है।

दिशाशूल: शुक्रवार को पश्चिम दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चंद्र स्थिति के अनुसार आज दक्षिण दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है।

राहुकाल: प्रात: 10-30 बजे से दोपहर 12-00 बजे तक राहुकाल वेला में शुभ कार्यारम्भ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।

चंद्रमा: चन्द्रमा सम्पूर्ण दिवारात्रि वृष राशि में है।

नक्षत्र: कृतिका "मिश्र व अधोमुख" संज्ञक नक्षत्र अपराह्न 3-07 बजे तक है। तदुपरांत रोहिणी "ध्रुव व ऊध्र्वमुख" संज्ञक नक्षत्र है। कृतिका नक्षत्र में सभा, साहस, अग्निग्रहण, शत्रुनाश व विवादादिक कार्य सिद्ध होते हैं। रोहिणी नक्षत्र में समस्त शुभ व मांगलिक कार्य शुभ होते हैं।

योग: धृति नामक नैसर्गिक शुभ योग अर्धरात्र्योत्तर 1-22 बजे तक, तदन्तर शूल नामक नैसर्गिक अशुभ योग है। शूल नामक योग की प्रथम छह घटी शुभ कार्यों में त्याज्य हैं।

विशिष्ट योग: यमघण्ट नामक अशुभ योग अपरान्ह 3-07 बजे से सूर्योदय तक है। यमघण्ट नामक योग में शुभ कार्यादि शुभ नहीं होते। यात्रा टालनी चाहिए।

करण: वणिज नामकरण प्रात: 8-41 बजे तक, तदन्तर रात्रि 8-55 बजे तक भद्रा है। इसके बाद शकुनि नामकरण है।

व्रतोत्सव : आज मास शिवरात्रि, गुरु अर्जुन देव पुण्य दिवस (नवीन मत से)।

आज जन्म लेने वाले बच्चे: आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (उ, ए, ओ, वा, वी) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। इनकी जन्म राशि वृष है। वृष राशि के स्वामी शुक्रहैं। इनका जन्म स्वर्णपाद से है। सामान्यत: ये जातक अपना काम निकलने में सिद्धहस्त, होशियार, चालाक, लोभी, विवादप्रिय, तेजस्वी और इनका बाह्य व्यक्तित्व शानदार होता है। इनका भाग्योदय 29 वर्ष की आयु तक होता है। वृष राशि वाले जातकों की नौकरी में तरक्की व व्यवसाय का विस्तार होगा। विद्यार्थी वर्ग के लिए समय अनुकूल है ।

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जयपुरः चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के गुजरात तट की ओर बढ़ने के बीच सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के कुछ हिस्सों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई। गुजरात मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवात बिपरजॉय फिलहाल जखाऊ पोर्ट से 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा है। यह उत्तर पूर्व की ओर बढ़ते हुए कच्छ, सौराष्ट्र को पार करने वाला है। इसकी रफ्तार 115-125 किमी प्रति घंटा होने वाली है। शाम से मध्य रात्रि तक लैंडफॉल जारी रहेगा। सौराष्ट्र और कच्छ के तटों के लिए रेड अलर्ट भी जारी किया गया है।

भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, अगले चार दिनों तक कच्छ और सौराष्ट्र में भारी बारिश के साथ पूरे गुजरात में बारिश होने का अनुमान जताया गया है। चक्रवाती तूफान का सबसे ज्यादा असर कच्छ, जामनगर और देवभूमि द्वारका जिलों में पड़ेगा। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर तट के पास रहने वाले 74,000 से अधिक लोगों को स्थानांतरित कर दिया है और बचाव और राहत उपायों के लिए आपदा प्रबंधन इकाइयों को तैनात किया है। गुजरात के विभिन्न हिस्सों में एनडीआरएफ की 30 और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमों को तैनात किया गया है। इनमें सबसे ज्यादा टीम कच्छ में है। इसके अलावा अन्य विस्तृत तैयारियां भी की गई है।

उधर, कमांडर कोस्ट गार्ड रीजन-नॉर्थ वेस्ट के इंस्पेक्टर जनरल के ए.के. हरबोला ने बताया कि हमने गुजरात में 15 जहाज तैयार रखे हैं। 7 एयरक्राफ्ट भी तैयार हैं। लैंडफॉल की संभावना के चलते 27 आपदा प्रबंधन टीम भी तैयार की गई हैं। हम राज्य सरकार के साथ निरंतर संपर्क में हैं।

IMD दिल्ली के DG डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि कच्छ की खाड़ी से लगते हुए जितने भी जिले हैं, जैसे पोरबंदर, जामनगर, राजकोट और देवभूमि द्वारका आदि में चक्रवात का सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिलेगा। लैंडफॉल आज शाम 6 बजे के बाद से लेकर आधी रात तक जारी रहेगा। लैंडफॉल मांडवी और कराची के बीच जखाऊ पोर्ट के आसपास पश्चिम में होगा।

राजस्थान में 16 जून को प्रवेश:
जयपुर मौसम केंद्र के मुताबिक, 16 जून को बिपरजॉय कमजोर होकर डिप्रेशन के रूप में दक्षिण-पश्चिम राजस्थान में प्रवेश कर सकता है। इसके असर से जोधपुर और उदयपुर संभाग में कहीं- कहीं भारी बारिश की संभावना है। इस दौरान 45 से 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। मौसम विभाग ने बाड़मेर, जोधपुर, जालोर, नागौर, पाली के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। 16 जिलों में आरेंज और यलो अलर्ट जारी किया गया है, यहां भी भारी बारिश संभव। 17 जून को तूफान का सर्वाधिक असर रहेगा। चक्रवात का असर 19 जून तक बना रह सकता है।

Cyclone Biparjoy Rajasthan Update: बिपरजॉय जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, इसका असर तेज होता दिखाई दे रहा है। Cyclone Biparjoy का कच्छ में लैंडफॉल शुरू हो गया है। इस दौरान 115-125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही है। इस समय सौराष्ट्र के सभी इलाकों में भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के के मुताबिक मध्य रात्रि तक लैंडफॉल जारी रहेगा। इसके बाद तूफान कमजोर होकर राजस्थान की ओर मुड़ जाएगा।

राजस्थान में भी बिपरजॉय का नजर आने लगा है। प्रदेश के अजमेर, पाली, जालोर, बाड़मेर, जैसलमेर सहित कई जगह पर दोपहर बाद अचानक मौसम में बदलाव आया। तेज हवा के साथ जोरदार बारिश हुई। इससे तापमान में गिरवट दर्ज की है। मौसम विभाग ने 16,17 और 18 जून को पांच जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। यहां 200 एमएम से ज्यादा बारिश और 80 किलोमीटर की रफ्तार से आंधी का जोर रहने की संभावना है। जबकि दर्जनभर से अधिक जिलों में भारी बारिश और अन्य जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है।

सेना की 45 जवानों की टुकड़ी मुश्तैद
बिपरजॉय तूफान को लेकर बाड़मेर में अलर्ट के साथ ही लोगों में सुरक्षा को लेकर मुश्तैदी नजर आई। मौसम गुरुवार दोपहर बाद खराब हुआ और हवाएं चलने लगी। शाम करीब चार बजे बूंदाबांदी का दौर शुरू हुआ। धोरीमन्ना क्षेत्र में आलेटी, अरणियाली, बोर चारणान, मीठी, सुदाबेरी आदि गांवों में घंटेभर से मुसलाधार बारिश हुई। सीमावर्ती क्षेत्र सहित तमाम इलाके में अलर्ट की वजह से प्रशासन और पुलिस को मुश्तैद किया गया गया है। ग्राम स्तर पर पटवारी और ग्रामसेवक को पूरी जिम्मेदारी है और इस दौरान प्रशासन ने इन कार्मिकों को बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोडऩे के सख्त निर्देश दिए है।

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जिला कलक्टर अरूण पुरोहित ने बताया कि प्रशासनिक अमला पूरी तरह से मुश्तैद है और इसको लेकर जिलेभर में सभी कार्मिकों को अपने क्षेत्र में आमजन के साथ मौजूद रहना है। अवकाश निरस्त करने के साथ ही सभी को निर्देश दिए गए है कि बिना इजाजत के मुख्यालय नहीं छोड़ेगे। अजमेर में सुबह से मंडराए बादल दोपहर में कुछ जगह बरसे। शहर में कई जगह 15 से 20 मिनट बरसात हुई। सड़कों पर पानी बह गया।

बाद में गर्मी और उमस ने पसीने बहाए। शाम से फिर रुक-रुक कर बरसात का दौर चला। शहर में 0.1 मिलीमीटर बरसात हुई। अधिकतम तापमान 36.3 डिग्री दर्ज किया गया। बादलों के चलते दो दिन में तापमान में 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हुई है। आदर्श नगर, परबतपुरा, जयपुर रोड, कायड़, कचहरी रोड, मेयोलिंक रोड, वैशाली नगर सहित अन्य इलाकों में बौछारें पड़ी।

तेज हवा संग जोरदार बारिश
पाली जिले के रोहट कस्बे में दोपहर में अचानक मौसम में बदलाव आया और तेज हवा के साथ जोरदार बारिश शुरू हो गई। कस्बे में करीब दस मिनट तक तेज हवाओं के साथ तेज बरसात से ग्रामीण तूफान आने का कयास लगाने लगे। ग्रामीणों ने सतर्कता बरतते हुए मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया और खुले में रखी सामग्री को भी सुरक्षित किया।

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यूं दिखाई देगा तीन दिन असर
16 जून को जोधपुर, उदयपुर और बीकानेर संभाग के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा के साथ गरज के साथ छींटे और जोधपुर संभाग के अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। बाड़मेर और जालोर में चक्रवाती तूफान का रेड अलर्ट जारी किया गया है। जबकि जैसलमेर, जोधपुर, पाली, सिरोही में भारी बारिश होगी। उधर, बीकानेर, राजसमंद, उदयपुर, डंगरपुर जिले के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है।

17 जून को जोधपुर, उदयपुर और अजमेर संभागों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा और अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा और बीकानेर और जयपुर संभागों में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा के साथ वर्षा की तीव्रता में वृद्धि होगी। बाड़मेर, जोधपुर, जालोर और पाली के लिए चक्रवाती तूफान रेड अलर्ट जारी किया गया है। जबकि नागौर, जैसलमेर, अजमेर, राजसमंद, भीलवाड़ा, उदयपुर, सिरोही और टोंक में भारी बारिश होगी। उधर, बीकानेर, चूरू, सीकर, जयपुर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, डूंगरपुर और बांसवाड़ा में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है।

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18 जून को अजमेर के लिए चक्रवाती तूफान का रेड अलर्ट जारी किया गया है। जबकि नागौर, सीकर, पाली, भीलवाड़ा, बूंदी, टोंक, सवाईमाधोपुर जिले में भारी बारिश होगी। उधर, जयपुर, जोधपुर, चूरू, दौसा, अलवर, करौली, सीकर, झुंझुनूं, चित्तौड़गढ़ और राजसमंद में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है।

जयपुर। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सुबह-शाम केंद्र सरकार और भाजपा को कोसते हैं, लेकिन वे यह बताएं प्रदेश की जनता को जो वादा करते हैं, उस पर कायम क्यों नहीं रहते। 2018 के चुनावी वादे में आप ने किसानों के कर्ज माफी, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता, सस्ती बिजली और महंगाई से मुक्ति का वादा किया था परंतु 4.5 वर्षों तक एक भी वादा पूरा नहीं किया। अब जो आप जनता में सहूलियत दे रहे हैं, जनता वह लेकर भी आप को वोट नहीं देगी। काठ की हांडी एक बार चढ़ सकती है बार-बार नहीं।

भाजपा मुख्यालय पर जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री यूथ कांग्रेस को संबोधित कर रहे थे, लेकिन उन्हें सबसे अधिक समस्या ही युवाओं से है। जब कोई युवा आगे बढ़ना चाहता है, तो उसे निकम्मा, नकारा कह कर स्वीकार नहीं करते। मुख्यमंत्री कहते हैं कि आलाकमान के फैसले को स्वीकार करना चाहिए, तो 25 सितंबर को वर्तमान के कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष जब आलाकमान का संदेश लेकर जयपुर आए थे तो आपने उनके फैसले को स्वीकार क्यों नहीं किया ? आपके मुंह से नैतिकता की बातें आपके पार्टी के लोगों और जनता को पच नहीं सकती।

कांग्रेस सरकार रिपिट नहीं होगी
जोशी ने कहा कि सुबह शाम सिर्फ भाजपा को कोसने से आपकी सरकार रिपीट नहीं होगी। आपको जनता के लिए काम करना चाहिए। अपने चुनावी घोषणा पत्र और पिछले 4 बजट में आपने जितनी घोषणाएं घोषित की थी, उसमें से कितनी पूरी की है, यदि इस विषय पर आप चिंता करें, तो स्वयं पर लज्जा महसूस होगी। आपको सिर्फ घोषणावीर कहा जा सकता है।

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तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं सीएम
गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद को हिंदू कहते हैं, लेकिन हनुमान चालीसा के पोस्टर फाड़ने वाले को संरक्षण देते हैं। आगामी दिनों में सांगानेर क्षेत्र में होने वाले हनुमान चालीसा पाठ आयोजन के पोस्टर हटाए जाने के मामले पर कहा कि गहलोत सरकार जनता की भावनाओं का दमन कर रही है। लोकतंत्र में सरकारें कैसे किसी की धार्मिक भावनाओं पर कुठाराघात कर सकती हैं।

श्रीकृष्ण की जन्मस्थली तक को नहीं छोड़ा
जोशी ने कहा कि प्रदेश में अवैध खनन का यह आलम है कि भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली तक को नहीं छोड़ा लगातार अवैध खनन हो रहे हैं। इन अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने में सरकार पूरी तरह फेल रही है। प्रदेश में अपराधियों के हौंसले इस कदर बुलंद हैं, कि खनन माफिया प्रशासनिक अधिकारियों पर लगातार हमले कर रहे हैं। भ्रष्ट नेता और भ्रष्ट अधिकारी मिलकर जनता को लूट रहें हैं, मंदिर के पुजारी को पूरी रात टॉर्चर थाने में पुलिस द्वारा टॉर्चर किया जाता है।

जयपुर. कृषि विभाग की ओर से तीन दिवसीय किसान मेला राजस्थान कृषि महोत्सव का आयोजन जयपुर एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में 16 जून से लेकर 18 जून तक प्रस्तावित है। इस दौरान मुख्यमंत्री कृषि मेले का उद्घाटन करेंगे। कृषि मेले में केंद्रीय व राज्य मंत्री समेत कृषि विश्वविद्यालयों के उपकुलपति, केंद्र सरकार उच्च अधिकारीगण व गणमान्य व्यक्तियों समेत हजारों लोगों के भाग लेने की संभावना है। इसको ध्यान में रखते यातायात की विशेष व्यवस्था की गई है।
अजमेर रोड से महापुरा रोड पर डीपीएस कट से यू टर्न , रिंग रोड, टोंक रोड, सीतापुरा फ्लाइओवर, इंडिया गेट, ग्लोब सर्कल से राधारमन नर्सिंग कॉलेज सर्कल से आगे सड़क के दोनों तरफ पार्किंग रहेगी।
कोटा-टोंक रोड- सीतापुरा फ्लाई ओवर, इंडिया गेट, ग्लोब सर्कल से सीधे आगे राधारमन नर्सिंग कॉलेज से आगे सड़क के दोनों तरफ पार्किंग की जा सकेगी।
आगरा रोड- आगरा रोड, बगराना, रिंग रोड टोंक रोड, सीतापुर फ्लाईओवर, इंडिया गेट, रिको सर्कल, ग्लोब सर्कल, से सीधे राधारमन नर्सिंग कॉलेज सर्कल से आगे सड़क की दोनों तर एक लेन में निर्धारित स्थल पर पार्किंग की जा सकेगी।
दिल्ली रोड- चंदवाजी मोड, दिल्ली अजमेर एक्सप्रेस हाईवे, 200 फीट चौराहा फ्लाईओवर, भांकरोटा चौराहा, डीपीएस कट, रिंग रड, टोंक रोड, सीतापुरा फ्लाई ओवर, इंडिया गेट, ग्लोब सर्कल से सीधे, राधारमन नर्सिंग कॉलेज सर्कल से आगे सड़क के दोनों तरफ एक लेन में पार्किंग स्थल पर पार्क कर सकेंगे।
कालवाड़ रोड- कालवाड पुलिया के नीचे से एक्सप्रेस हाईवे से की सर्विस लेन, 200 फीट चौराहा, कमला नगर नेहरू पुलिया, भांकरोटा चौराहा, डीपीएस कट, रिंग रोड, टोंक रोड, सीतापुरा फ्लाईओवर,इंडिया गेट, ग्लोब सर्कल से सीधे राधारमन नर्सिंग कॉलेज सर्कल से आगे सड़क के दोनों तरफ एक लेन की तरफ पार्किंग कर सकेंगे।
डिग्गी मालपुरा रोड- डिग्गी मालपुरा रोड़ से रिंग रोड, टोंक रोड़, सीतपुरा फ्लाईओवर इंडिया गेट, ग्लोब सर्कल से नर्सिंग कॉलेज सर्कल निर्धारित पार्किंग स्थल की तरफ वाहन पार्क कर सकेंगे।
खातीपुरा स्टेशन-खातीपुरा स्टेशन से आने वाली बसें इंद्रा गांधी नगर, सीबीआई कॉलोनी, 7 नंबर बस स्टैंड अक्षय पात्र, नारायण हृदयालय रोड़, आईआईटी पार्क, ग्लोब सर्कल से कॉलेज की तरफ एक लेन में निर्धारित पार्किंग में वाहन पार्क किये जा सकेंगे।
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-कार्यक्रम में बसों से आने वाले किसानों को ग्लोब सर्किल के पास अलाइटिंग प्वाइंट पर उतारकर सड़क के दोनों तरफ पार्किंग कर सकेंगे।
-कार्यक्रम में आने वाले वीआईपी व प्रशासनिक अधिकारी महिंद्र ऑटो व्लर्ड के सामने निर्धारित पार्किंग के सामने वाहन पार्क कर सकेंगे।
-क्रार्यक्रम के दौरान ग्लोब सर्कल से आगे जयपुर विद्युत वितरण निगम के कार्यालय के बगल में खाली जगह रिजर्व पार्किंग के लिए उपलब्ध रहेगी।
-कार्यक्रम में स्मार्ट फार्म , स्टॉल ऑनर, ईवेन्ट, फूड एवं सांस्कृतिक प्रोग्राम के लिए आने वाले वाहनों की पार्किंग इंडिया गेट से आईआईटी पार्क से सीधे सीडॉस रोड पर द्रव्यवती नदी तक सड़क के दोनों तरफ पार्क हो सकेंगे।
-कार्यक्रम में आने वाले विजिटर्स के हल्के वाहनों की पार्किंग ग्लोब सर्कल से आगे कम्पूकॉम कॉलेज के सामने वाली रोड़ पर पार्किंग कर सकेंगे।
-कार्यक्रम के दौरान रूट व कार्यक्रम स्थल के आसपास के मुख्य मार्गों पर सभी प्रकार के वाहनों की पार्किंग की निषेध रहेगी।

Rajasthan Assembly Election 2023 जयपुर। केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में देश से गरीबी हटाओ का केवल नारा दिया, गरीबी हटाने के लिए जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं किया, जबकि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने बिना किसी भेदभाव के योजनाएं चलाकर देश को गरीबी से बाहर निकालने का काम किया। उन्होंने गहलोत सरकार पर विकास कार्यों में भेदभाव करने का आरोप लगाया। शेखावत गुरुवार को भाजपा जैसलमेर की ओर से आयोजित महाजनसंपर्क अभियान के तहत लाभार्थियों के सम्मेलन में यह बात कही।

उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के जमाने से कांग्रेस देश से गरीबी हटाओ का नारा देती आ रही है, लेकिन वह केवल नारा ही बनकर रह गया। इसके लिए जो काम किया जाना चाहिए था, वह नहीं हुआ, लेकिन जब से देश में भाजपा की मोदी सरकार आई है, तब से बिना किसी भेदभाव के विकास कार्य हो रहे हैं। शेखावत ने कहा कि नौ साल पहले देश की हालात खराब थी। आए दिन आतंकी हमले होते थे। सीमा पर सैनिकों के सिर काट लिए जाते थे। भारत के लोगों में यह संदेह होने लगा था कि यह लोकतांत्रिक व्यवस्था सफल भी है कि नहीं।

जल जीवन मिशन में राज्य की धीमी गति
शेखावत ने कहा कि जल जीवन मिशन में सबसे ज्यादा पैसा राजस्थान को मिला, अभी तक चालीस हजार करोड़ रुपए राजस्थान को दिए, लेकिन जिस गति से काम राजस्थान में होना चाहिए, वैसा नहीं हुआ। गहलोत सरकार पानी पर राजनीति कर रही है।

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गहलोत के आरोपों पर पलटवार
शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा उन पर लगाए जा रहे आरोपों पर कहा कि उन्होंने जनता के आशीर्वाद से गहलोत के बेटे को चुनाव में हराया। इससे वे बौखला गए हैं और अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। मैंने यदि एक भी गलत काम किया या पैसा लिया है तो मुझे फांसी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक तरफ सबको साथ लेकर चलने वाली मोदी सरकार है। दूसरी ओर राज्य में गहलोत की सरकार है, जो भ्रष्टाचार में लिप्त है। पेपर लीक सरकार है।

महंगाई राहत के नाम पर रेवड़ियां बांट रहे
शेखावत ने कहा कि जब पूरे देश में महंगाई कम हो रही है, तब ये महंगाई राहत शिविर लगा रहे हैं। कैंप में लाइन लगाकर लोगों को परेशान किया। देश में सबसे ज्यादा महंगा पेट्रोल-डीजल राजस्थान में है। सरकार राहत शिविर के नाम पर पाप कर रही है।

Rajasthan weather update : जयपुर। चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की शुक्रवार दोपहर बाद राजस्थान में एंट्री होगी। एंट्री से 36 घंटे पहले ही तूफान का असर प्रदेश के कई इलाकों में दिखा। कई जिलों में तेज बरसात हुई, वहीं कुछ में बादल छाए रहे। तापमान में भी गिरावट हुई। प्रदेश में तूफान कुछ कमजोर होकर (डीप डिप्रेशन में बदलकर) प्रवेश करेगा। इसका असर 19 जून तक बना रहेगा। सर्वाधिक असर 17 जून को रहने के आसार हैं। उत्तरी राजस्थान के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू व आस-पास के कुछ जिलों में तूफान का असर अपेक्षाकृत कम रहेगा। वहीं ज्यादातर जिलों में अलग-अलग समय पर तूफान का असर रहेगा। जोधपुर, जालोर, बाड़मेर, पाली में तूफान का सर्वाधिक असर रहने का आशंका है। आपदा राहत के लिए टीमें तैनात कर दी गई हैं।

बाड़मेर में दिखा तूफान का असर
बाड़मेर. अरब सागर से उठे चक्रवात बिपरजॉय का असर बाड़मेर जिले में गुरुवार से शुरू हो गया। जिले के सीमावर्ती गांवों सहित जिला मुख्यालय पर तेज आंधी के बाद बरसात शुरू हो गई। जिले के धोरीमन्ना में कुछ स्थानों पर बिजली के पोल और पेड़ उखडऩे की जानकारी भी मिली है।

बाड़मेर में चक्रवात का अभी ज्यादा असर नहीं दिखा है, लेकिन तेज हवा के साथ बारिश का सिलसिला बना हुआ है। बरसात रुक-रुक कर चल रही है। जिले के गडरोड़, चौहटन, रामसर, सेड़वा और बाड़मेर में चक्रवात का असर दिखने लगा लगा।

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चौहटन-रामसर में हाईअलर्ट
जिले में तूफान का प्रवेश सीमाक्षेत्र के चौहटन-रामसर से होने का पूर्वानुमान है। इसके चलते वहां पर सेना की टुकड़ी मोर्चा संभालेगी। अतिरिक्त जिला कलक्टर सुरेंद्र पुरोहित ने बताया कि आर्मी के 45 जवान हाई अलर्ट वाले क्षेत्र में तूफान के दौरान मोर्चा संभालेंगे।

जयपुर में 17 व 18 को रहेगा तूफान का सर्वाधिक असर
जयपुर में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का असर 17 व 18 जून को रहेगा। इस दौरान 40-50 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है। साथ ही 50 मिमी तक बरसात होने के भी आसार हैं। हालांकि, शुक्रवार शाम से ही शहर में भी बादल छाने के साथ तेज हवा चलेगी। इससे पहले गुरुवार को भी तापमान में गिरावट हुई। दिन का तापमान गिरकर 38 डिग्री पर ही पहुंच गया। तूफान को देखते हुए जिला प्रशासन ने गाइडलाइन जारी करने के साथ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गै। किसी भी आपात स्थिति में जिला नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नम्बर 0141-2204475 0141-2204476 एवं टोल फ्री नम्बर 1077 पर सूचना दे सकते हैं।

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इन जिलों में अलर्ट
16 जून -- बाड़मेर, जालोर में रेड अलर्ट (150 मिमी से 250 मिमी तक बरसात संभव)। जैसलमेर, जोधपुर, पाली, राजसमंद, सिरोही में ऑरेंज अलर्ट व बीकानेर, डूंगरपुर व उदयपुर में यलो अलर्ट।

17 जून -- बाड़मेर, जोधपुर, पाली, जालोर में रेड अलर्ट (150 मिमी से 250 मिमी तक बरसात संभव)। सिरोही, उदयपुर, भीलवाड़ा, टोंक, अजमेर, नागौर व राजसमंद में ऑरेंज व जैसलमेर, बीकानेर, चूरू, सीकर, जयपुर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा में यलो अलर्ट।

18 जून -- अजमेर में रेड अलर्ट। नागौर, सीकर, पाली, भीलवाड़ा, बूंदी, टोंक में ऑरेंज अलर्ट व जयपुर, जोधपुर, चूरू, झुंझुनूं, अलवर, दौसा, करौली, सवाईमाधोपुर, चित्तौड़गढ़ में यलो अलर्ट।

19 जून -- करौली, सवाईमाधोपुर में ऑरेंज अलर्ट। नागौर, दौसा, धौलपुर, कोटा, बारां में यलो अलर्ट।

अलग-अलग जिलों में ये तैयारी
1. पाली व जालोर के साथ सिरोही में चक्रवाती तूफान से 200 एमएम से ज्यादा बारिश हो सकती है। साथ ही 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चलने के आसार हैं। तूफान को देखते हुए पाली में 1100 व जालोर में 1000 कर्मचारी तैनात किए है।

2. जोधपुर जिला प्रशासन ने ग्राम विकास अधिकारी तक के कर्मचारी को अलर्ट पर रखा है। एडीएम एलएल नेहरा के अनुसार 2500 से 3 हजार कर्मचारी मुस्तैद है। सभी संबंधितों के अवकाश निरस्त हैं।

3. बांसवाड़ा जिला मुख्यालय पर एसडीआरएफ की दो टीमें पहुंच गई हैं। आपदा प्रबंधन की ओर से जिले में 6-6 सदस्यों की 5 टीमें 24 घंटे तहसील मुख्यालय बांसवाड़ा, गढ़ी, घाटोल, सज्जनगढ़ एवं एक टीम रिजर्व रखी गई है।

4. अजमेर डिस्कॉम ने भी सभी 11 जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है। सभी जिलों में नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्य करेंगे। अधिकारियों और कर्मचारियों को मुख्यालय नहीं छोडऩे के निर्देश दिए गए हैं। डिस्कॉम के उपभोक्ता टोल फ्री नम्बर 18001806565 या 1912 (24 घंटे) पर संपर्क कर सकेंगे

बच्चों को भरतनाट्यम, तबला, फोक डांस, गिटार, कथक ,सुगम संगीत, सिंथेसाइजर जैसे संगीत से जुड़े 7 आर्ट फॉर्म्स की शिक्षा मिली । पत्रिका से बातचीत में इंस्ट्रक्टर्स ने बताया पहले के मुकाबले इस बार कैंप में संगीत से जुड़े आर्ट फॉर्म सिखने वाले बच्चों की संख्या बड़ी और कैंप में एक महीने के दौरान संगीत के साथ बच्चों को अनुसान, अच्छे संस्कार, जिंदगी के पाठ जैसे कई बातें सिखाई गई । कार्यक्रम के दौरान जेकेके अतिरिक्त महानिदेशक (प्रशासन) प्रियंका जोधावत, संजय झाला, गजानंद मानव मिश्रा मौजूद रहे। बच्चों ने गिटार पर फिल्मी गीतों की धुन छेड़कर कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने 'तुम ही हो ', 'है अपना दिल तो आंवारा' जैसे गीतों की धुन बजाई। कैंप में शेर मोहम्मद ने सिंथेसाइजर, डाॅ. अंकित पारिक ने तबले की शिक्षा,वहीं पीयूष पंवार, मीरा सक्सेना व मनस्विनी शर्मा से बच्चों ने सुगम संगीत, राजस्थानी लोकनृत्य व कथक की शिक्षा ली।

हनुमान चालीसा के पाठ के जरिए दिखाई अपनी कला
भरतनाट्यम गुरु निकिता मुद्गण मार्गदर्शन से सभी बच्चों ने समापन में मंच पर हनुमान चालीसा के पाठ पर भरतनाट्यम नृत्य के जरिए खास प्रस्तुति दी और भगवन हनुमान सबसे शक्तिशाली हैं यह संदेश दिया । नृत्य में तुलिदास के एक एक शब्द को परिभाषित किया गया है।

माता पिता ही ईश्वर यह संदेश के साथ दी अपनी प्रस्तुति
तबला गुरु डॉ अंकित पारीक के मार्गदर्शन में इस बार बच्चों ने तबले पर मंदिर की घंटियां बजाना सीखा और पिता व गुरु स्तुति के भाव तबले की ताल से मंच पर जाहिर किया यह संदेश दिया की माता पिता ही ईश्वर हैं और उसके बाद गुरु को प्रणाम किया । तबला सिखने से दिमाग तीव्र गति से काम करता है और ऊर्जा का स्तर भी बढ़ता है । साथ ही बच्चों ने मंच पर बच्चे शिव तांडव स्त्रोत की प्रस्तुति भी दी।

जयपुर सबसे पुराना घराना है कथक का
कथक गुरु मनस्विनी शर्मा के मार्गदर्शन से इस एक महीने में बच्चों ने कथक सिखने के साथ अच्छे संस्कार और अनुशासन भी सीखे । इस बार कथक की पारंपरिक प्रस्तुति की समझ बच्चों में डालने की कोशिश की है और वास्तविक कथक जो चला आ रहा है उसी क्रम में बच्चों ने मंच पर अपनी प्रस्तुति दी। इसके अलावा दीप जले आना', 'क्या हुआ तेरा वादा' गीत गाकर सुनाए। 'हम होंगे कामयाब' की सामूहिक गायन प्रस्तुति देकर बच्चों ने अपने मजबूत इरादे जाहिर किए।

हनुमान चालीसा के पाठ के जरिए तो दूसरी ओर तबले पर मंदिर की घंटियां बजाकर दी प्रस्तुति

Cyclone Biporjoy: जयपुर। अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का गुजरात में प्रवेश हो चुका है। तूफान का कच्छ में लैंडफॉल शुरू हो गया है। इस दौरान 115-125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के साथ ही सौराष्ट्र के सभी इलाकों में भारी बारिश हो रही है। अब तूफान के राजस्थान में प्रवेश करने के संकेत मिल रहे है। इसके चलते 16 से 19 जून तक प्रदेश के कई इलाकों में तेज हवा के साथ भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।

राजस्थान के अजमेर, बाड़मेर, जालौर और जोधपुर में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इन जगहों पर 16 से 18 जून के बीच भारी से भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। यहां हवा की रफ्तार 80 किमी प्रतिघंटा से ज्यादा रहने की संभावना है। इसके चलते इन जिलों में प्रशासन अलर्ट पर है। सरकार भी इस तूफान पर नजर बनाए हुए है।

इन जिलों में ओरेंज अलर्ट जारी

भीलवाड़ा, बूंदी, करौली, राजसमंद, सवाई माधोपुर, सिरोही, टोंक, उदयपुर, बीकानेर, जैसलमेर और पाली में भी ओरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में भी 16 से 19 जून के बीच तेज हवा के साथ बारिश की संभावना जताई गई है।

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जयपुर में भी हवा के साथ बारिश का रहेगा जोर

राजधानी जयपुर में भी अगले सात दिन तक मेघगर्जन के साथ बारिश व हवा की संभावना जताई गई है। अधिकतम तापमान 35 से 38 डिग्री से. के बीच दर्ज किया जा सकता है। इससे पहले गुरुवार को जयपुर में तेज गर्मी का दौर रहा। शाम को बादल छाए और हवा चली, लेकिन गर्मी से निजात नहीं मिली।

जयपुर। इलाज के दौरान समय पर रक्त नहीं मिलने के कारण मरीजों की जान तक चली जाती है। प्रक्रिया में देरी के कारण मरीज और उसके परिजन ब्लड बैंक के चक्कर लगाते हैं। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए जयपुर के दो युवाओं ने ई-ब्लड कनेक्ट स्टार्टअप की शुरुआत की है। इसके लिए मरीज, डोनर, ब्लड बैंक और अस्पतालों को एक प्लेटफॉर्म में लाया जाएगा।

जयपुर के किसी भी अस्पताल में मरीज को ब्लड की जरुरत हुई तो वह अस्पताल की पर्ची एप में अपलोड करेगा। इसकी सूचना ब्लड बैंक में भी पहुंचेगी। ब्लड बैंक मरीज को जानकारी देगा कि उसके ग्रुप का ब्लड उपलब्ध है या नहीं। जानकारी मिलने पर मरीज के परिजनल नजदीकी ब्लड बैंक से ब्लड ले सकेंगे। इस प्रक्रिया के लिए मोबाइल एप्लीकेशन और वेब एप्लीकेशन तैयार की गई है। राजापार्क स्थित स्वास्थिक ब्लड बैंक में पहले चरण में ट्रायल शुरू कर दिया है। मरीजों के लिए यह पूरी तरह नि:शुल्क रहेगा।

- अस्पताल में ही ब्लड लेने आएगा कार्मिक
अगर मरीज अकेला है या फिर परिजन ब्लड बैंक नहीं पहुंच सकते तो अस्पताल में भी ब्लड पहुंचाने की सुुविधा भी दी जाएगी। इसके तहत जैसे ही ब्लड बैंक में मरीज की एप्लीकेशन जाएगी। नर्सिंग स्टॉफ मरीज के पास सैंपल लेने आएगा। इतना ही नहीं, सैंपल की जांच के बाद वापस ब्लड बैंक से रक्त मरीज तक पहुंचाया जाएगा।

इसीलिए शुरू किया स्टार्टअप
प्रोफेसर और ईएचआर लॉजिक के सह-संस्थापक रवि शंकर शर्मा के अनुसार ब्लड बैंक का डिजिटलाइजेशन नहीं है। यह प्रक्रिया आज भी ऑफलाइन है। इसका नुकसान मरीज उठा रहे हैं। ब्लड की कालाबाजरी भी हो रही है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए यह स्टार्टअप शुरू किया है। निदेशक वीरेंद्र प्रताप ने बताया कि उन्हीं ब्लड बैंक को जोड़ा जा रहा है, जिनके पास ब्लड का स्टोरेज हैं, मरीज को ब्लड लेते समय किसी का भी ब्लड डोनेट नहीं करना पड़ेगा।

राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर केन्द्रीय निर्वाचन आयोग ने एक्सरसाइज शुरू कर दी है। आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों के दल ने गुरूवार को चुनाव की तैयारियों को परखा। जिला कलक्टर्स और पुलिस अधीक्षकों के साथ दिन भर मंथन किया। इस दौरान कलक्टरों ने पीपीटी के जरिए अपना प्रस्तुतिकरण दिया। आयोग का दल शुक्रवार को भी बैठक करेगा।
जिला निर्वाचन अधिकारियों ने कानून व्यवस्था, चुनाव व्यय पर्यवेक्षण की व्यवस्थाएं, मतदाता पंजीकरण, मतदान केन्दों में उपलब्ध सुविधाएं, ईवीएम, वीवीपैट मशीनों के भण्डारण एवं सुरक्षा इत्यादि बिंदुओं पर अपनी तैयारियां बताई। भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त धर्मेन्द्र शर्मा ने कानून व्यवस्था, संवेदनशील मतदान केन्द्र, मतदान केन्द्रों पर सुविधाएं, मतदान प्रतिशत सहित प्रमुख बिंदुओं पर जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिशा-निर्देश और सुझाव दिए। जैसलमेर, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, पाली, सिरोही, बीकानेर, नागौर, राजसमंद, अजमेर, टोंक, भीलवाड़ा, चुरू, उदयपुर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, झुंझुनूं, जयपुर सहित अन्य जिलों के निर्वाचन अधिकारियों ने आयोग को सारे बिंदु बताए।

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने इस मौके पर कहा कि आगामी राज्य विधानसभा चुनाव को लेकर आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली है। पात्र मतदाताओं को मतसूची में जोड़ने, युवा मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने, मतदान प्रतिशत बढ़ाने, विशेष योग्यजन को सुविधाएं देने इत्यादि के संबंध में कई नवाचार किए गए है। उन्होंने बताया कि विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत 82 लाख नए मतदाता जोड़े गए है। ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की एफएलसी (फर्स्ट लेवल चेक) की जा चुकी है। राज्य में 51187 मतदान केन्द्र है जहां पर सुगम मतदान के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि विभाग ने मतदान संबंधी समस्याओं के समाधान करने के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए है। साथ ही, मतदाताओं के लिए वोटर हेल्प लाईन -1950 भी संचालित है। उन्होंने बताया कि कम मतदान वाले केन्द्रों पर मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए विशेष कार्ययोजना के तहत काम किया जा रहा है। वोटर हेल्प लाईन, सी-विजिल एप्स के माध्यम से मतदाताओं को जागरूक किया जा रहा है।

जयपुर। बद्रीनाथ की तीर्थ यात्रा (Badrinath tirthyatra) कर राजस्थान लौट रहे जयपुर के 31 तीर्थ यात्रियों से भरी बस (badrinath bus accident) गुरुवार को उत्तराखंड में सडक पर चढाई के दौरान ब्रेक फेल होने से पलट गई। बस में 11 पुरूष और 18 महिला तीर्थ यात्री सवार थे। जिनमें से 24 घायल हो गए। बस में सवार जयपुर के आमेर निवासी यात्री ललित कुमार सैनी ने बताया कि तीर्थ यात्रा 4 जून को जयपुर से रवाना हुई थी और 17 जून को पूरी होनी थी। चार धाम की यात्रा करने के बाद यात्री ऋशिकेश के लिए रवाना हुए।

और बस के ब्रेक फेल हो गए

चमधार के पास अचानक सडक पर चढाई आई और बस के ब्रेक फेल हो गए। सडक के किनारे एक पेड का सहारा मिला तो बस वहीं पलट गई। उन्होंने कहा कि अगर पेड नहीं होता तो बस सीधे खाई में गिर जाती। हादसे की सूचना पर श्रीनगर तहसीलदार बीएल टमटा बचाव दल के साथ स्थानीय पुलिस को लेकर मौके पर पहुंचे और सडक पर पलटी हुई बस को सीधा कराया। तहसीलदार टमटा ने पत्रिका दूरभाष पर बताया कि सभी घायलों को श्रीनगर के श्रीकोट बेस अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पैर में फ्रेक्चर होने पर 32 वर्षीय यात्री रोहिताश कुमार समेत 13 यात्रियों को भर्ती किया गया है।

अन्य को प्राथमिक उपचार के बाद छुटटी दे दी गई है। तीर्थ यात्रियों के लिए बस में खाना बनाने के लिए रोहिताश भी साथ था। जैसे ही बस के ब्रेक फेल हुए तो वह बस से कूद गया। जिससे उसके पैर में फ्रेक्चर हो गया। ललित कुमार सैनी ने बताया कि हादसे के बाद तीर्थ यात्रा को निरस्त कर दिया है। शुक्रवार को हरिद्वार से दूसरी बस से यात्री जयपुर के लिए रवाना होंगे।

बस पलटने से मची चीख पुकार

मेहरा बस्ती सुशीलपुरा सोडाला निवासी गणेश मेहरा ने बताया कि बस में उनके परिवार के कई सदस्य थे। सुबह बद्रीनाथ से दर्शन करके निकले थे। 30 किलोमीटर दूर जाने के बाद बस पलट गई। मां विमला देवी के सिर में चोट लगी। जबकि जबकि उनके हाथ में चोट आई है। ताउजी के परिवार से महेन्द्र और

सुनीता मेहरा के कमर में चोट लग गई। खाना बनाने वाले हलवाई के दोनों पैर फ्रैक्चर हो गए। उन्होने कहा कि एक बार तो समझ में नहीं आया कि यह क्या हो गया। खुशी खुशी हम घर से यात्रा करने के लिए निकले थे, लेकिन बस पलटने के बाद हमारी खुशी आंसुओं में तब्दील हो गई।

श्रीकोट बेस अस्पताल में ये यात्री भर्ती

रोहताश कुमार
संगीता सैनी

संजय यादव
जुमा देवी

पवन सैनी
विद्या सैनी

सुनीता
सूरज देवी

कमखा देवी
रतन देवी

विमला देवी
शिव देवी

अनोक देवी

जयपुर।
सांगानेर के कई इलाकों में महीनों से पानी की सप्लाई बेपटरी है। आए दिन लोग जलदाय इंजीनियरर्स का घेराव कर रहे हैं, लेकिन क्षेत्र में पेयजल समस्याएं जस के तस बनी हुई है। गुरुवार को सांगानेर की दादाबाड़ी सेवा बस्ती और राणा बस्ती में पेयजल समस्याओं से त्रस्त लोग पार्षद गिर्राज शर्मा के नेतृत्व में सांगानेर कनिष्ठ अभियंता कार्यालय पहुंचें और 15 दिन में पेयजल समस्याओं का समाधान करने के लिए अधिशासी अभियंता के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा है कि तय समय में पेयजल समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो विभाग के शीर्ष इंजीनियर्स का उनके कार्यालयों में ही घेराव करने किया जाएगा।
सांगानेर कस्बे की लाखों की आबादी पानी की बूंद बूंद के लिए तरस रही है। हाल ऐसे हैं कि लोगों को टैंकरों के सहारे अपनी पेयजल जरूरतों पूरी करना मजबूरी हो गया है। लोग जलदाय इंजीनियरो को और नियंत्रण कक्ष में अपनी पेयजल समस्याओं के समाधान के लिए फोन करते हैं। लेकिन उनको केवल एक ही जबाव आपकी समस्या दर्ज कर ली गई है। जल्द ही इसका समाधान कर देंगे। लेकिन महीनों गुजर जाने के बाद भी लोगों की पेयजल समस्याओं का समाधान नहीं होता है। ऐसे में सांगानेर के लोगों का जलदाय इंजीनियरों के प्रति आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है।

जयपुर. रवीन्द्र मंच के ओपन थिएटर में गुरुवार को वर्गो सांस्कृतिक संस्था की ओर से समर कैंप के समापन समारोह का आयोजन हुआ। प्रशिक्षणार्थियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति के माध्यम से स्वच्छ भारत अभियान, कोविड-19 से जुड़े संदेश दिए। संस्था अध्यक्ष रूपाली राव ने बताया कि कार्यक्रम में करीब चार सौ प्रशिक्षणार्थियों ने प्रस्तुति दी। कैंप में आयोजित मेंहदी, डांस, अबेकस, इंग्लिश स्पीकिंग, आर्ट एंड क्राफ्ट प्रतियोगिता के प्रथम तीन विजेताओं को समारोह में मेडल और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने रैंप वॉक कर फैशन का जलवा दिखाया। इस दौरान जयपुर ट्रैफिक पुलिस के ट्रैफिक इंस्पेक्टर पी.के. मस्त ने यातायात के नियमों की जानकारी दी।कैंप में लगभग 205 बच्चे म्यूजिकल ग्रुप में शामिल थे। बच्चों को भरतनाट्यम, तबला, फोक डांस, गिटार, कथक ,सुगम संगीत, सिंथेसाइजर जैसे संगीत से जुड़े 7 आर्ट फॉर्म्स की शिक्षा मिली । पत्रिका से बातचीत में इंस्ट्रक्टर्स ने बताया पहले के मुकाबले इस बार कैंप में संगीत से जुड़े आर्ट फॉर्म सिखने वाले बच्चों की संख्या बड़ी और कैंप में एक महीने के दौरान संगीत के साथ बच्चों को अनुसान, अच्छे संस्कार, जिंदगी के पाठ जैसे कई बातें सिखाई गई ।

सांस्कृतिक प्रस्तुति से दिया स्वच्छ भारत अभियान का संदेश

बोस्टन. मानव प्रजनन अब एक नए मोड़ पर है। वैज्ञानिकों ने स्टेम सेल से पहली बार ङ्क्षसथेटिक मानव भ्रूण बनाया है। भ्रूण निर्माण की इस प्रक्रिया में मानव अंडाणु और शुक्राणु का उपयोग नहीं किया गया। इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आइवीएफ) के जरिए इस ङ्क्षसथेकिट भ्रूण के निर्माण को मेडिकल जगत ब्रेकथ्रो की संज्ञा दे रहा है। इसके पहले वैज्ञानिकों को चूहे का सिंथेटिक भ्रूण बनाने में सफलता मिली था।

स्टेम सेल की रीप्रोग्रामिंग से बना भ्रूण मॉडल
बुधवार को बोस्टन में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर स्टेम सेल रिसर्च की वार्षिक बैठक में यह उल्लेखनीय शोध चर्चा का विषय बना रहा। हालांकि, कैम्ब्रिज-कैल्टेक लैब के नवीनतम शोध का पूरा विवरण अभी तक किसी जर्नल पेपर में प्रकाशित नहीं हुआ है।

रीप्रोग्रामिंग से भूण जैसा मॉडल
कैंब्रिज विश्वविद्यालय और कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की प्रोफेसर मैग्डेलेना जर्निका-गोएत्ज ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि हम एम्ब्रायोनिक स्टेम सेल की रीप्रोग्रामिंग से भूण जैसे मॉडल बना सकते हैं। यह सुंदर है और पूरी तरह से भ्रूण स्टेम सेल से बनाया गया है।

सिंथैटिक भ्रूण में कितना जीवन

भ्रूण का मौजूदा मॉडल प्रथम तीन-चरणीय मानव भ्रूण मॉडल है, जो अंडे और शुक्राणु की पूर्ववर्ती कोशिकाओं एमनियन और जर्म कोशिकाओं से विकसित हुआ है। इस मॉडल में कोई धड़कता दिल या फिर मस्तिष्क की आरंभिक अवस्था मौजूद नहीं है। इससे तो बस प्लेसेंटा, यॉक सैक और भ्रूण का ही विकास हुआ है। मौजूदा मॉडल में ये संभावना नहीं है कि सिंथेटिक भ्रूण को क्लीनिकली उपयोग किया जाए। 14 दिनों से अधिक का मानव भ्रूण लैब में विकसित करना गैरकानूनी है।


क्लीनिकली उपयोग संभव नहीं
मौजूदा मॉडल में फिलहाल कतई ये संभावना नहीं है कि इस सिंथेटिक भ्रूण को क्लीनिकली उपयोग किया जाए। किसी महिला के गर्भाशय में इसको रखना पूरी तरह अवैध होगा। साथ ही, यह भी अब तक स्पष्ट नहीं है कि इन भ्रूण संरचनाओं में विकास के शुरुआती चरणों से आगे चलकर पूर्ण परिपक्व होने की क्षमता है या नहीं।

सिंथेटिक भ्रूण की क्यों पड़ी जरूरत
वैज्ञानिकों का दावा है कि ये कृत्रिम रूप से बनाए गए भ्रूण बार-बार होने वाले गर्भपात के जैविक कारणों पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकते हैं। मनुष्य के भ्रूण के विकास में आरंभिक 16 से 17 दिन की अवधि को ब्लैक बॉक्स की संज्ञा दी जाती है, जिसके बारे में वैज्ञानिकों ज्यादा नहीं जानते। इस सिंथैटिक भ्रूण से उन्हें इस बारे में ज्यादा जानकारी मिल सकेगी। लैंसेट मैग्जीन के अनुसार, दुनिया भर में 2 करोड़ 30 लाख गर्भपात हर साल होते हैं।

कृत्रिम तकनीक से प्रजनन को बढ़ावा देने के लिए चीन की बड़ी घोषणा

गिरती जन्म दर की समस्या से निपटने के लिए चीन ने एक और बढ़ा कदम उठाया है। बीजिंग ने गुरुवार को घोषणा की है कि वह 1 जुलाई से शहर के हेल्थ केयर सिस्टम में 16 प्रकार की प्रजनन सहायक तकनीकों को कवर करेगी। इसके बाद, अब इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन, भ्रूण प्रत्यारोपण, स्पर्म फ्रीज और संग्रह करना जैसे कुछ उपचार बुनियादी बीमा के तहत शामिल किए जाएंगे। इसके पहले चीन ने पिछले दिनों घोषणा की थी कि सिंगल महिलाएं भी कानूनी तौर पर आईवीएफ ट्रीटमेंट ले सकेंगी।

कल्चर भ्रूण जैसी कामयाबी
ये एक तरह का कल्चर भ्रूण जैसा है। इससे आरंभिक दिनों के प्लेसेंटा आदि को करीब से देखा जा सकेगा, जिसके बारे में अब तक ज्यादा जानकारी नहीं है। इससे गर्भपात या भ्रूण विकृतियां रोकने में मदद मिलेगी। स्वागत योग्य खोज।
डॉ. सीमा शर्मा, एचओडी (गाइनिक), जेएनयू हॉस्पिटल

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जयपुर। बाइक के दो पहियों पर सवार होकर देश के एक शहर से दूसरे शहर को एक्सप्लोर करने के लिए जयपुर के युवा खूब पसंद कर रहे हैं। इस सप्ताह 13 लोगों का एक ग्रुप अपनी पावर बाइक्स पर जयपुर से नेपाल तक के सफर पर निकला है। खास बात यह है कि इस ग्रुप में बाइक राइडर ग्रुप के सदस्यों की पत्नियां और बेटी भी शमिल हैं। आमतौर पर अपने बाइक क्लब के साथ अकेले सड़कों के ऊबड़-खाबड़ रास्तों और पहाडिय़ों से घिरे लंबी सड़कों पर अपने जुनून की मुहर लागने वाले बाइकर्स अब एडवेंचर रोड ट्रिप्स पर अपने फैमिली मेंबर्स को भी साथ ले जा रहे हैं।

सुपरबाइक से फॅमिली मेंबर्स के साथ घूम रहे देश के सबसे खतरनाक रोड ट्रिप एडवेंचर पर

ग्रुप में ये मेंबर हैं शामिल
-सितेश शर्मा (39) और उनकी बेटी गौरिका शर्मा (13)
-लक्ष्मण यादव (27) और प्रियंका यादव (26)
-कुष सुथार (39), झंवर सुथार (20) और विजय सुथार (21)
-मधुर शर्मा (39), अंकित चौधरी (32), अभिमन्यु राजावत (30)
-मीनल उदावत (30), यश झा (33), कृष्णा सिंह चौहान (27)

सुपरबाइक से फॅमिली मेंबर्स के साथ घूम रहे देश के सबसे खतरनाक रोड ट्रिप एडवेंचर पर

ऑफिस से छुट्टी लेकर 10 दिन का रोडमैप किया प्लान
ग्रुप के सीनियर बाइकर और बाइक क्लब मेंबर सितेश शर्मा ने बताया कि हर बाइकर का सपना होता है कि वह बाइकर्स के लिए सबसे चैलेंजिंग डेस्टिनेशन को एक्सप्लोर करे। नॉर्मली लोग लो पावर बाइक (500 सीसी से नीचे) उस पर ट्यूर करते हैं। लेकिन हम प्रोफेशनपल बाइक राइडर्स हैं। हमारे पास 1000 सीसी से ऊपर की बाइक हैं, जिनका बीएचपी 150-200 है। बीते साल मई में हम लोग 12 दिन के ट्यूर पर 4200 किमी बाइक चलाकर जयपुर से पठानकोट, श्रीनगर, कारगिल, लेह होते हुए पेंगोग होते हुए हानले तक पहुंचे थे। यह दुनिया के सबसे ऊंचे मोटरेबल रोड उमलिंग ला पास (5798 मीटर) जाकर आए थे। यहां 150किमी तक सड़कें ही नहीं हैं। कच्चे पहाड़ी रासतों पर होकर जाना पड़ता है। हम लोग यह मिथ ब्रेक करना चाहते थे कि इतने ऊंचे रोड पर भी सुपर बाइक्स जा सकती हैं। हमारे पास एडवेंचर कैटेगिरी, सुपर स्पोट्र्स कैटेगिरी और स्पेट्र्स टूवे में बाइक्स हैं।

सुपरबाइक से फॅमिली मेंबर्स के साथ घूम रहे देश के सबसे खतरनाक रोड ट्रिप एडवेंचर पर

इस बार हम नेपाल लोवर मश्टैंग और अपर मश्टैंग तक जाएंगे। जयपुर से हम लोग शनिवार को लखनऊ, गोरखपुर, पोखरा होते हुए तातो पानी पहुंचेंगे। इस दौरान होटेल की बजाय हम लोग कैम्पिंग करेंगे और सड़क के किनारे ही अपना खाना वगैरह बनाएंगे। इस ट्यूर के लिए हम सभी दो महीने से तैयारियां कर रहे हैं। अपने अपने ऑफिस और काम से 10 दिन की छुट्टी ली है। सितेश ने बताया कि उनका एक दोस्त राइड के लिए दुबई से स्पेशली आए हैं। ग्रुप में स्टूडेंट्स, बिजनेसमैन, प्रोफेशनल फोटोग्राफर, प्राइवेट कंपनी में जॉब करने वाले हैं। इस पूरे सफर में 10 से 12 दिन लगेंगे।

सुपरबाइक से फॅमिली मेंबर्स के साथ घूम रहे देश के सबसे खतरनाक रोड ट्रिप एडवेंचर पर

रोहित निकले लद्दाख के लिए
रोहित सिंह चौहान भी शहर के एक प्रोफेशनल बाइकर हैं। हाल ही वह भी अकेले ही जयपुर से लद्दाख तक 3500 किमी की बाइक राइड पर निकले हैं। इसके लिए उन्होंने 803 सीासी की एक नई सुपरबाइक भी खरीदी है। रोहित का कहना है कि उन्हें पूरे देश का चक्कर लगाना है। ऑल इंडिया ट्यूर पर जाने से पहले वह इस ट्रिप के जरिए अपनी तैयारियां परखना चाहते थे। खुद को सुरक्षित रखने के लिए इंटरकॉम लगे हेलमेट, सेफ्टी गीयर्स, राइडर जैकेट्स और एनर्जी ड्रिंक्स, काजू-बादाम लेकर गए हैं, ताकि बाहर का ज्यादा न खाना पड़े। इस ट्रिप के बाद वह साउथ की रोडट्रिप पर निकलेंगे। उनके ग्रुप के साथ रूस से आाया एक बाइकर भी जुड़ा हुआ है।

मुंबई. 2014 में जब भाजपा ने सत्ता संभाली थी, उस समय अप्रभावी नीतियों, विलंबित परियोजनाओं और बैंकिंग सेक्टर पर मंडराते बैड लोन के माहौल में सरकार से बहुत ज्यादा अपेक्षाएं थीं। उस समय पूरे विश्व में भारतीय अर्थव्यवस्था को 'कमजोर माना जा रहा था। लेकिन आज यह देखकर बहुत खुशी हो रही है कि आर्थिक मोर्चे पर हमारा प्रदर्शन आशावादी अपेक्षाओं से भी बेहतर रहा है। पिछले 9 साल आर्थिक वृद्धि दर को बनाए रखने के लिए आसान नहीं थे। विश्व विकट चुनौतियों और विपरीत परिस्थितियों, जैसे कोविड, रूस यूक्रेन युद्ध, चीन-अमेरिका टकराव, बढ़ती महंगाई, बढ़ती ब्याज दर और कमजोर मुद्रा एवं विकसित देशों में मंदी के दौर से गुजर रहा था। भारत ने इन सभी चुनौतियों को पार भी किया, और एक 'शक्तिशाली देश भी बनकर उभरा। यह कहना है निर्मल जैन, फाउंडर, आईआईएफएल समूह का।
उन्होंने बताया कि
भौतिक और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में पिछले 9 सालों में राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई लगभग दोगुनी होकर 1,45,000 किलोमीटर तक पहुंच चुकी है, ब्राडबैंड इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या 15 गुना बढ़कर 85 करोड़ को पार कर गई है, और 2022 में डिजिटल विनिमय 149.5 लाख करोड़ रु. के थे। जैन ने बताया कि देश को विकास करने में मदद करते हुए बैंकों ने सबसे अच्छा कैपिटल एडिक्वेसी और लाभ दर्ज किया, जिसका कारण बैड लोन का तेजी से समाधान और पीएसयू बैंकों का कान्सोलिडेशन कर कुछ बड़े बैंकों का निर्माण था। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस रैंकिंग में भारत प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए 147 से बढ़कर 63 वें स्थान पर आ गया। आर्थिक और भूराजनैतिक क्षेत्र में कई बाहरी विकास भारत के लिए अच्छा समय लेकर आए हैं। मौजूदा सरकार द्वारा किए गए नीतिगत सुधारों के प्रभाव से भारतीय अर्थव्यवस्था की क्षमता और बढ़ेगी, और यह आने वाले दशक में 7 से 8 प्रतिशत प्रतिवर्ष की वृद्धि दर हासिल करते हुए 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ेगी।

नई दिल्ली. जलवायु परिवर्तन ने वैश्विक संकटों को बढ़ाया है। महामारी और भू-राजनैतिक अस्थिरता के कारण खाद्य आपूर्ति में आई बाधा ने लोगों को विज्ञान एवं एग्री-बायोटेक्नॉलॉजी अपनाने की ओर प्रेरित किया है। महामारी को नियंत्रित करने के लिए बायोटेक्नॉलॉजी द्वारा पेश किए गए तीव्र समाधानों से खाद्य उत्पादन और वितरण में अनेक समस्याओं के लिए टेक्नॉलॉजिकल समाधानों में उपभोक्ता के विश्वास को बल मिला है। यह कहना है डॉ. रत्ना कुमरिया, सीनियर डायरेक्टर, एग्रीकल्चरल बायोटेक्नॉलॉजी, अलायंस फॉर एग्री इनोवेशन, फेडरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया का। उन्होंने बताया कि दुनिया के कई देशों में अपनी आबादी को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए पिछले 5 सालों में जीएम खेती को अपनाया गया है। इन देशों में चीन, केन्या, मलावी, घाना और नाईजीरिया हैं। चीन में अभी तक जीएम कपास और जीएम पपीते की वाणिज्यिक खेती की अनुमति मिल चुकी है। इस बात के मजबूत संकेत मिल रहे हैं कि कुछ और जीएम फसलों, खासकर जीएम मक्का और जीएम सोयाबीन को भी वाणिज्यिक खेती की अनुमति जल्द दे दी जाएगी। भारत सरकार कई दशकों से आधुनिक विज्ञान और कृषि में इसके उपयोग के लिए वित्तीय मदद दे रही है, ताकि कृषि क्षेत्र में परिवर्तन संभव बनाया जा सके। सार्वजनिक और निजी क्षेत्र द्वारा बेहतर लक्षणों और पोषण वाली जीएम फसलों का विकास किया जा रहा है। जीएम सरसों की कमर्शियल स्वीकृति ने बेहतर लक्षणों वाली अन्य जीएम फसलों की स्वीकृति मिलने और खेती के द्वार खोल दिए हैं।

Cyclone Biparjoy Live update: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने सरकारों की सांसे फुला दी हैं। दो दिन से सीएम गहलोत टेंशन में हैं। जो भी संसाधन यूज किए जा सकते हैं वे कर रहे हैं। चेतावनी जारी की जा रही है, लोगों से अपील की जा रही है कि घर में ही रहें। मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए विज्ञापन जारी किए जा रहे हैं कि लोग सुरक्षित स्थानों पर रहें और सावधानी बरतें। लेकिन इस बीच तूफान ने गुजरात में बवाल मचा दिया है। गुजरात की एंट्री के साथ ही तूफान ने राजस्थान में भी भारी बारिश शुरू कर दी है।

तूफान का असर कल शाम से ही राजस्थान में देखने को मिल रहा है। बाड़मेर, जालोर, जैसलमेर में कल दोपहर बाद से तेज हवाएं चलनी शुरू हो गई और कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई। शाम को कुछ देर के लिए ही सही लेकिन भयंकर हवाओं के साथ तेज बारिश हुई। जोधपुर के अलावा अब उदयपुर, अजमेर और जयपुर संभाग मेें टेंशन है। इन संभाग में आने वाले जिलों में परेशानी बढ़ना तय है।

जैसलमेर, जालोर, बाडमेर में तूफान ने असर दिखाना शुरू कर दिया है। निचले इलाकों में बार बार चेतावनी जारी की जा रही है और लोकल प्रशासन के जरिए मुनादी कराई जा रही है। जैसलमेर जिले के डाबला गांव से तो करीब पांच सौ लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया है। आज और परिवारों को शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है। सीएम गहलोत ने जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, पाली, बाडमेर, जैसलमेर, बीकानेर, अजमेर, टोंक समेत पंद्रह से भी ज्यादा जिलों में रहने वाले करीब ढाई करोड़ लोगों के लिए यह एडवाजरी जारी की है।

आज का सुविचार
''अच्छा स्वभाव वो खूबी है, जो व्यक्ति को सदा के लिये सभी का प्रिय बना देता है, कितना भी किसी से दूर हों पर अच्छे स्वभाव के कारण हम किसी न किसी पल यादों में ज़रूर आ ही जाते हैं''

 

आज क्या ख़ास

- अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफ़ान आज राजस्थान और गुजरात में दिखायेगा असर, बाड़मेर-जालोर में रेड अलर्ट- तो जैसलमेर, जोधपुर, पाली, राजसमंद और सिरोही में ऑरेंज अलर्ट, बीकानेर, उदयपुर और डूंगरपुर में यलो अलर्ट

- पहला अंतर्राष्ट्रीय डेल्टा शिखर सम्मेलन कोलकाता के साल्ट लेक में होगा शुरू, नदी डेल्टा प्रबंधन योजना के लिए तैयार होगी रणनीति

- CII की ओर से 'CFO कॉन्क्लेव 2023' आज से हैदराबाद में होगा शुरू, 'ट्रान्सेंडिंग न्यू फ्रंटियर्स: टेक्नोलॉजी, सस्टेनेबिलिटी एंड गवर्नेंस' रहेगी थीम

- चीफ इकनॉमिक एडवाइज़र वी अनंत नागेश्वरन के नेतृत्व में केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का दल आज नई दिल्ली में क्रेडिट रेटिंग एजेंसी (मूडी) के वरिष्ठ अधिकारियों से करेगा मुलाकात

- भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का दो दिवसीय त्रिपुरा प्रवास आज से, मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर करेंगे रैली को संबोधित

- बिहार के सत्तारूढ़ जनता दल (यू) विधायक रत्नेश सदा आज पटना स्थित राजभवन में लेंगे मंत्री पद की शपथ, तीसरी बार विधायक बने हैं रत्नेश

- तमिलनाडु में सत्तारूढ़ सेक्युलर प्रोग्रेसिव एलायंस का कोयम्बटूर में विरोध मार्च आज, बिजली मंत्री सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी का जताएंगे विरोध

- तमिलनाडु के निलंबित विशेष पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजेश दास के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में फैसला सुनाएगा सीजेएम कोर्ट, एक महिला आईपीएस अधिकारी ने लगाए हैं संगीन आरोप

- तीन दिवसीय ग्रीन व्हीकल एक्सपो आज से बेंगलुरु के अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र में आज से होगा शुरू

- माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प के सह-संस्थापक बिल गेट्स आज रहेंगे बीजिंग में, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से करेंगे मुलाकात

- ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज टेस्ट सीरीज़ का होगा आगाज़, पहले मैच का पहला दिन आज- बर्मिंघम में भारतीय समयानुसार दोपहर साढ़े 3 बजे से शुरू होगा मैच

- 9 दिवसीय कला महोत्सव कल से जयपुर के कलानेरी आर्ट गैलरी में होगी शुरू, फाइन आर्ट के स्टूडेंट्स करेंगे अपनी कला का प्रदर्शन

- राजस्थान सरकार और पेट्रोल-डीज़ल डीलर्स के प्रतिनिधिमंडल के बीच वार्ता आज, पेट्रोल-डीजल पर वेट के सिलसिले में होगी बातचीत

 

काम की खबरें

- चक्रवात बिपरजॉय के लैंडफॉल की प्रक्रिया शुरू, गुजरात के समुद्र तट से सटे कच्छ समेत 8 तटीय ज़िलों से तकरीबन 1 लाख लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया

- गुजरात में बिपरजॉय प्रभावित क्षेत्रों में किसी भी ऑपरेटर का नेटवर्क इस्तेमाल कर सकते हैं मोबाइल यूज़र, 17 जून की आधी रात तक उपलब्ध रहेगी ये विशेष सेवा

- राजस्थान सरकार ने चक्रवात बिपरजॉय के चलते जारी की एडवाइज़री, पर्यटन या एडवेंचर गतिविधियों में शामिल ना होने और ज़रूरी काम होने पर ही घरों से बाहर निकलने की दी सलाह

- कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा पारित 'धर्मांतरण विरोधी कानून' को करेगी रद्द, तो स्कूल की किताबों से हटेंगे आरएसएस के हेडगेवार और सावरकर से जुड़े पाठ

- हिमाचल प्रदेश के चंबा में भीड़ ने हत्या के आरोपी का घर जलाया, इलाके में धारा 144 लागू

- मणिपुर की राजधानी इम्फाल में गुरुवार को फिर भड़की हिंसा, भीड़ ने कई घरों में लगाई आग, सुरक्षाबलों ने दागे आंसू गैस के गोले

- दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 1 हज़ार से भी ज़्यादा छात्रों ने पास की NEET परीक्षा, पिछली बार के 569 छात्रों के मुकाबले दोगुनी हुई सफल छात्रों की संख्या

- दिल्ली पुलिस ने डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दायर की चार्जशीट

- विशाखापत्तनम के सांसद सत्यनारायण की पत्नी व बेटे का हुआ अपहरण, कुछ ही घंटों में छुड़ाए गए

- करीब 292 लाख करोड़ रुपए के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण

- श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने आगामी अमरनाथ यात्रा के लिए 40 से अधिक खाद्य पदार्थों पर लगाया प्रतिबंध, तीर्थयात्रियों को हर रोज़ कम-से-कम 5 किलोमीटर पैदल चलने की सलाह

- अब उपभोक्ताओं को खाद्य तेलों के लिए चुकानी होगी कम कीमत, रिफाइंड सोयाबीन तेल और रिफाइंड सूरजमुखी तेल पर बेसिक आयात शुल्क में 5% की कटौती

- अहमदाबाद एयरपोर्ट पर लैंडिंग के दौरान इंडिगो के विमान का पिछला हिस्सा ज़मीन से टकराया, मामले की जांच जारी

Petrol Diesel Price Today : अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग कमजोर पड़ने से कच्चे तेल के दामों में गिरावट का दौर जारी है। वर्तमान में इसके दाम 73 डॉलर प्रति बैरल के आसपास घूम रहे है। हालांकि कच्चे तेल के दामों में उतार—चढ़ाव का लाभ आम लोगों को नहीं मिल पा रहा है। इस गिरावट के बीच सरकारी तेल कंपनियों ने शुक्रवार को भी पेट्रोल और डीजल के दामों में कोई परिवर्तन नहीं किया है। देश में आखिरी बार पेट्रोल-डीजल के दामों में बदलाव पिछले साल मई में हुआ था। उस समय केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 8 रुपए और डीजल पर 6 रुपए की एक्साइज ड्यूटी कम की थी। आखिरी बार पेट्रोल-डीजल की कीमत में राष्ट्रीय स्तर पर बदलाव 21, मई 2022 को किया गया था। तब केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 8 रुपए और डीजल पर 6 रुपए एक्साइज ड्यूटी घटाई थी। जयपुर में अभी पेट्रोल के दाम 108.48 और डीजल के दाम 93.72 रुपए प्रति लीटर हैं।

महानगरों में पेट्रोल-डीजल के दाम

दिल्ली: पेट्रोल 96.72 और डीजल 89.62 रुपए प्रति लीटर

कोलकाता: पेट्रोल 106.03 और डीजल 92.76 रुपए प्रति लीटर

मुंबई: पेट्रोल 106.31 और डीजल 94.27 रुपए प्रति लीटर

चेन्नई: पेट्रोल 102.86 और डीजल 94.46 रुपए प्रति लीटर

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पिछले साल 9.45 रुपए महंगा हुआ था डीजल

पिछले साल सितंबर के बाद पेट्रोल के मुकाबले डीजल का बाजार ज्यादा तेज हुआ था। कारोबारी लिहाज से देखें तोए पेट्रोल के मुकाबले डीजल बनाना महंगा पड़ता हैए लेकिन भारत के खुले बाजार में पेट्रोल महंगा बिकता है और डीजल सस्ता बिकता है। बीते साल 24 सितंबर से यहां जो डीजल में आग लगनी शुरू हुई थी, वह उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद रुकी थी। सितंबर से दिवाली तक डीजल करीब 9.45 रुपए महंगा हो गया था।

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देश के महानगरों में पेट्रोल-डीजल का हाल

दिल्ली में पेट्रोल के दाम 96.72 रुपए व डीजल के दाम 89.62 रुपए प्रति लीटर, मुंबई में पेट्रोल 106.31 रुपए व डीजल के दाम 94.27 रुपए प्रति लीटर, कोलकाता में पेट्रोल 106.03 रुपए और डीजल 92.76 रुपए प्रति लीटर, चेन्नई में पेट्रोल 102.65 रुपए और डीजल के दाम 94.25 रुपए प्रति लीटर पहुंच गए।

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जयपुर। देश के कई हिस्सों में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का खासा असर देखा जा रहा है। गुजरात में सबसे ज्यादा तूफान का असर देखा रहा है। राजस्थान में जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर व अजमेर संभाग में तूफान का असर देखने को मिल रहा है। तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। ऐसे में इन इलाकों में सेना व सिविल डिफेंस को अलर्ट मोड पर रखा गया है। मौसम विभाग के अनुसार इस तूफान की राजस्थान में एंट्री डिप्रेशन के रूप में पाकिस्तान-गुजरात की सीमा के पास बाड़मेर से होना बताया है। जो शुक्रवार देर शाम तक बालोतरा, जोधपुर की सीमा तक आकर कमजोर पड़ सकता है। इस तूफान के प्रभाव से राजस्थान के 5 जिलों में अति भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। जबकि 13 जिलों में भारी बारिश की आशंका जताते हुए यहां के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग का अनुमान है कि 24 घंटे के दौरान राजस्थान के कुल जिलों में 8 इंच या उससे ज्यादा बारिश हो सकती है।

राज्य सरकार ने चक्रवाती तूफान को देखते हुए इसके प्रभाव में आने वाले जिलों में महंगाई राहत कैंप स्थगित करने के निर्देश संबंधित जिला कलेक्टरों को दिए हैं। आयोजना विभाग के संयुक्त शासन सचिव सुशील कुमार कुलहरी ने बताया कि 16 एवं 17 जून को चक्रवाती तूफान बिपोर्जोय के कारण राज्य के कई जिलों में तेज गति की हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है। इसके मद्देनजर जिला कलेक्टरों को आमजन की सुरक्षा को देखते हुए आवश्यकतानुसार महंगाई राहत कैम्पों को स्थगित करने के लिए उचित निर्णय लेने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में कलक्टर प्रभावित इलाकों में महंगाई राहत कैंपों को निरस्त कर सकते है। जिससे आमजन तूफान के बीच कैंपों में नहीं पहुंचे। और किसी तरीके से कोई भी नुकसान नहीं हो।

जोधपुर संभाग में स्थगित लम्पी सहायता कार्यक्रम...

तूफान के मद्देनजर जालौर, सिरोही, बाड़मेर, जैसलमेर एवं जोधपुर जिला मुख्यालयों तथा सांचौर एवं बालोतरा मुख्यालयों पर शुक्रवार को होने वाले लम्पी सहायता कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है। संभाग के पाली जिला मुख्यालय और फलौदी मुख्यालय पर यह कार्यक्रम पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित होगा।
आयोजना विभाग के संयुक्त शासन सचिव सुशील कुमार कुलहरी ने बताया कि कार्यक्रम स्थगित होने वाले क्षेत्रों के पात्र पशुपालकों के खातों में लंपी सहायता की राशि शुक्रवार को ही सीधे स्थानांतरित कर दी जाएगी। बीकानेर एवं उदयपुर संभाग में लम्पी सहायता कार्यक्रम आयोजित होंगे।

बाड़मेर में सेना की 45 जवानों की टुकड़ी मुश्तैद

राजस्थान में तूफान का सबसे ज्यादा असर बाड़मेर व पूर्वी राजस्थान में देखा जा रहा है। बिपरजॉय तूफान को लेकर बाड़मेर में अलर्ट के साथ ही लोगों में सुरक्षा को लेकर मुश्तैदी नजर आई। बाड़मेर में सेना की 45 जवानों की टीम और सिविल डिफेंस को अलर्ट मोड पर रखा गया है। बाड़मेर जिले के चौहटन, रामसर, सेड़वा हाईअलर्टं पर है। यहां पर सेना को मोर्चां संभालने के लिए कहा गया है।

दो दिन बन्द रहेगा विश्वविख्यात राणकपुर जैन मन्दिर

चक्रवाती तूफान को देखते हुए पाली स्थित विश्वविख्यात राणकपुर जैन मंदिर पूर्णतया बन्द रहेगा। इस दौरान अभ्यारण्य सफारी भ्रमण भी नही कर पाएंगे। राणकपुर पेढ़ी प्रबन्धक जसराज गहलोत ने बताया कि गुजरात के बाद बिफरजोय चक्रवाती तूफान के प्रवेश से कोई अनहोनी नही हो,, इसको लेकर प्रशासन ने मन्दिरो, होटल को बंद रखने के निर्देश दिए। इसके मध्यनजर 16 व 17 जून को मंदिर पूर्णतया बंद रहेगा।

450 लोगों को किया गया शिफ्ट

बाड़मेर, जालोर में निचले और जलभराव वाले चिह्नित एरिया में मुनादी करवाकर जगह खाली करने के निर्देश दिए। जैसलमेर के डाबला गांव से 100 परिवार के 450 लोगों को शिफ्ट किया है। तूफान प्रभावित इलाकों में प्रशासन ने नरेगा के काम और महंगाई राहत शिविर रुकवा दिए।

जोधपुर में कॉलेजों के पेपर स्थगित किए

जोधपुर में 17 जून को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसे देखते हुए जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय प्रशासन से विश्वविद्यालय से अटैच सभी कॉलेजों में 16 और 17 जून को होने वाली लिखित और प्रैक्टिकल एग्जाम को स्थगित कर दिया है। वहीं जोधपुर से बाड़मेर जाने वाली पैसेंजर ट्रेन के संचालन को दो दिन के लिए रोक दिया है। मौसम विभाग ने जोधपुर में 17 जून को अति भारी बारिश होने की आशंका जताते हुए यहां के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। जबकि 16 और 18 जून को भी यहां भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

Dahi Ke Sholey: गर्मियों पेट को ठंडा रखने के लिए अक्सर लोग दही और छाछ का उपयोग रकते हैं। दही को सादा खाने के अलावा इसमें मसाला डालकर या फिर तरह-तरह की डिशेज़ बनाकर खा सकते हैं। दही से ही लस्सी से लेकर रायता तक तैयार किया जाता है। लेकिन दही के शोले भी एक ऐसी डिश है जिनका स्वाद आपको चौंका देगा। दही के शोले को हंग कर्ड यानी कि गाढ़े दही में बनाया जाता है। यदि आप वास्तव में कुछ नया और मजेदार करना चाहते हैं तो पढ़ें दही के शोले बनाने की ये मजेदार रेसिपी।

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दही के शोले बनाने के लिए सामग्री (Dahi Sholey Ingredients)
ब्रेड- 6
हंग कर्ड- 1 कप
पनीर- 100 ग्राम
शिमला मिर्च- ½ कप
गाजर- ½ कप
हरी मिर्च- 4
हरा धनिया- 2-3 टेबल स्पून
काली मिर्च पाउडर- ¼ टेबल स्पून
मैदा- 2 टेबल स्पून
नमक- स्वादानुसार
तेल- जरूरत के अनुसार

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दही के शोले बनाने की विधि (How to make dahi ke sholey)
दही के शोले बनाने के लिए शिमला मिर्च, गाजर, हरी मिर्च और हरे धनिये की पत्तियों को बारीक-बारीक काट लें। इसके बाद एक बड़े कटोरे में हंग कर्ड निकाल लें और इसमें पनीर को कद्दूकस करके मिलाएं। इसके साथ बारीक कटी हुई शिमला मिर्च, गाजर, हरा धनिया और हरी मिर्च, काली मिर्च पाउडर और स्वादानुसार नमक डालकर अच्छी तरह मिक्स कर दें।


ब्रेड के किनारे काटकर चपटा कर लें
इसके बाद मैदा लें और उसमें थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए पतला घोल बनाएं। इसके बाद ब्रेड लें और इनके किनारे चाकू की मदद से काटकर अलग कर लें। इसके बाद एक कटा हुआ ब्रेड लें और उसे बेलन की सहायता से दबाव देते हुए बेल लें।

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ऐसे तैयार करें शोले (Dahi Sholey Recipe)
इसके बाद बेली हुई ब्रेड पर एक टेबल चम्मच पनीर की स्टफिंग रखें और ब्रेड के किनारों पर मैदे का घोल लगाकर इसे रोल कर लें। ब्रेड के किनारों को अच्छे से चिपकाने के लिए ब्रेड रोल को पॉलीथीन शीट पर रखकर एकबार फिर से रोल कर लें। इसके बाद रोल के दोनों किनारों को हल्के हाथों से दबाते हुए एक दूसरे की विपरित दिशा में मोड़ लें। दही के शोले अच्छे से चिपक गए हैं। ब्रेड रोल को पॉलीथीन शीट से निकालकर एक प्लेट में रखें। इसी तरह से सारे दही के शोले बनाकर तैयार करें।


इसके बाद गैस पर एक कड़ाही चढ़ाएं और इसमें तेल डालकर गरम करें। जब तेल गर्म हो जाए तो इसमें तैयार शोले डालें। इसके बाद शोलों को कलछी से मदद से पलटते हुए गोल्डन ब्राउन होने तक फ्राई करें। शोलों को फ्राई करने में 4 से 5 मिनट का समय लगता है। अब इन फ्राई किए हुए दही के शोलों को एक प्लेट में निकालें।

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Rajasthan Weather Update: गुजरात में चक्रवाती तूफान के कारण अहमदाबाद, कच्छ के इलाकों में तेज बारिश लगातार जारी है। इसके कारण 940 गांवों में बिजली सुविधा ठप पड़ी है और लैंडफॉल के कारण अब तक कई पेड़ और खंभे उखड़ चुके हैं। गुजरात में हवा की रफ्तार 120 किमी प्रति घंटे से ज्यादा रही और तूफान के कारण दो लोगों की मौत भी हुई।

मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान में तूफान की एंट्री आज दोपहर बाद हो सकती है। लेकिन एंट्री से 36 घंटे पहले ही तूफान का असर प्रदेश के कई इलाकों में देखने को मिला। कई जिलों में तेज बरसात हुई, वहीं कुछ में बादल छाए रहे और तापमान में भी गिरावट दर्ज हुई। प्रदेश में तूफान कुछ कमजोर होकर (डीप डिप्रेशन में बदलकर) प्रवेश करेगा। इसका असर 19 जून तक बना रहेगा। सर्वाधिक असर 17 जून को रहने के आसार हैं। जोधपुर, जालोर, बाड़मेर, पाली में तूफान का सर्वाधिक असर रहने का आशंका है इसलिए वहां आपदा राहत के लिए टीमें तैनात कर दी गई हैं।

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ये ट्रेनें हुई रद्द
बिपरजॉय तूफान के कारण उत्तर पश्चिम रेलवे ने एक ट्रेन का संचालन रद्द और दो ट्रेनों का संचालन आंशिक रद्द किया है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार शुक्रवार को भुज-बरेली ट्रेन भुज से रवाना होकर अहमदाबाद तक और ओखा-देहरादून ट्रेन ओखा से रवाना होकर हापा तक ही संचालित होगी। इसके अलावा रविवार को मुजफ्फरपुर-पोरबंदर एक्सप्रेस ट्रेन प्रारम्भिक स्टेशन से रद्द रहेगी।

रेलवे ने जोधपुर, बाड़मेर से चलने वाली ट्रेनों को गुरुवार शाम को रद्द करने का निर्णय किया है। इसके तहत गाड़ी संख्या 04841 जोधपुर - भिलड़ी, 04842 भिलड़ी जोधपुर, 14893 जोधपुर पालनपुर, 14894 पालनपुर जोधपुर, 04881 बाडमेर मुनाबाव, 04882 मुनाबाव बाडमेर, 14895 जोधपुर बाडमेर, 14896 बाड़मेर जोधपुर, 04839 जोधपुर बाडमेर, 04840 बाडमेर जोधपुर, 04843 जोधपुर बाड़मेर, 04844 बाड़मेर जोधपुर अगले दो दिन तक नहीं चलेगी। इनके अतिरिक्त चलने वाली अन्य ट्रेनें चलेंगी।


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जिला प्रशासन ने जारी की गाइडलाइन
- तेज हवा व मेघ गर्जन के दौरान घरों के अन्दर रहें।
- तेज हवा, बारिश व बिजली चमकने के समय बड़े पेड़, बिजली के पोल, ट्रांसफॉर्मर, बड़े हॉर्डिंग्स, कच्चे मकानों से दूर रहें।
- पशुओं को खुले बाड़े में रखें तथा खूंटे से नहीं बांधें।
- जिन घरों में टीन शेड हैं, उनके गेट बंद रखें।
- पानी के तेज बहाव में वाहन न उतारे तथा आपात स्थिति में टॉर्च, रेन कोट एवं छाते का प्रयोग करें।
- बैटरी से संचालित मोबाईल, इनवर्टर इत्यादि उपकरणों को फुल चार्ज करें।

कुछ दिनों की राहत के बाद एक बार फिर जीरे के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। जीरे के वायदा भाव फिर पचास हजारी हो गए हैं। सरकार की ओर से जीरे के वायदा भाव थामने के लिए अतिरिक्त मार्जिन लगाने जैसी सख्ती का असर कुछ ही दिन रह पाया है। इस सख्ती के बावजूद जीरा फिर से महंगा होना शुरू हो गया है। पिछले महीने जीरे के भाव में नरमी देखी गई थी। लेकिन इस महीने जीरे के भाव चढ़ रहे हैं।

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निर्यात मांग में बढ़ोतरी, स्टॉक हुआ कम

मसाला कारोबारी रामअवतार अग्रवाल ने बताया कि पिछले महीने ऊंचे भाव पर मुनाफावसूली और अतिरिक्त मार्जिन जैसी सख्ती के कारण जीरे के भाव गिरे थे। लेकिन, अब इस महीने इसके भाव लगातार बढ़ रहे हैं। इसकी वजह निर्यात मांग बढ़ना है। जीरा 50 हजार रुपए के स्तर को पार कर चुका है। उत्पादन घटने के कारण मंडियों में पहले से ही आपूर्ति कमजोर है। पिछले साल उत्पादन 6.29 लाख टन था। इस साल यह घटकर 3.8 से 4 लाख टन रह सकता है। जीरे की इस समय निर्यात मांग भी अच्छी है। साथ ही, इस साल इसका स्टॉक भी कम रह सकता है। मांग के अनुरुप बाजार में सामान्य से कम आपूर्ति के कारण जीरे के भाव फिर से बढ़ने लगे हैं। इस महीने मंडियों में 7324 टन जीरे की आवक हो चुकी है, जो पिछले साल की समान अवधि में हुई आवक 8434 टन से करीब 13 फीसदी कम है।

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वायदा बाजार में आसमान पर पहुंचे दाम

जीरे का बेंचमार्क जुलाई कॉन्ट्रैक्ट ने 50,100 रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर दिन का उच्च स्तर छू लिया। अगस्त कॉन्ट्रैक्ट तो 50,515 रुपए के स्तर को छू चुका है। इस महीने की पहली तारीख को जुलाई कॉन्ट्रैक्ट 44,930 रुपए के भाव पर बंद हुआ था। इस तरह इस कॉन्ट्रैक्ट के भाव इस महीने करीब 13 फीसदी बढ़ चुके हैं।

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जयपुर। नीट यूजी के परीक्षा परिणाम में जयपुर के पार्थ खंडेलवाल ने टॉप किया है। पार्थ ने 10th रैंक हासिल की है। पार्थ को 715 नंबर मिले हैं। पार्थ ने कहा कि वह न्यूरो या कॉर्डियोलॉजी के डॉक्टर बनना चाहते है। पार्थ ने कहा कि अगर संगति अच्छी होती है तो आपका सब अच्छा होगा। मुझे अच्छी फैमिली, दोस्त और टीचर्स मिले। उसी का नतीजा है आज मेरी अच्छी रैंक आई है। पार्थ ने बताया कि मेरी बड़ी बहन जाह्नवी खंडेलवाल ने मुझे इंस्पायर किया है। वह एसएमएस मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर रही हैं। उन्हें देख मैंने भी नीट की तैयारी शुरू की थी। मुझे लगता है कि सिर्फ हार्डवर्क और रेगुलर स्टडी ही सक्सेस का मंत्र है। पार्थ जयपुर के बनीपार्क में रहते हैं। उनके पिता सुधीर खंडेलवाल ड्राई फ्रूट्स के व्यापारी हैं। मां ऋतु खंडेलवाल गृहिणी हैं।

पार्थ ने बताया- मैं सुबह 10 बजे एलन इंस्टीट्यूट जाता था और रात 10 बजे तक वहीं रहता था। वहां फैकल्टीज का बहुत सपोर्ट मिला। मैं पढ़ाई घड़ी देखकर नहीं करता। लगता था कि किसी टॉपिक को पढ़े हुए टाइम हो गया तो उसे ही पढ़ने लग जाता था। दोस्तों से बात करके रिफ्रेश हो जाता हूं। कभी सब्जेक्ट की बातें तो कभी हंसी-मजाक मुझे रिचार्ज कर देते हैं। उन्होंने कहा कि मैं एनटीएसई स्कॉलर रहा हूं, स्टेज-1 ओवरऑल 33 वीं रैंक प्राप्त की। एसटीएसई स्टेज-2 में रैंक-1 प्राप्त की। बायोलॉजी मेरी स्ट्रॉन्ग है, इसलिए नीट देने का मन बनाया। मैं अपनी विफलता से प्रेरित होता हूं। एक एग्जाम में मेरी पर्सेंटेज कम आई। सबसे लो स्कोर होने के बाद मैंने और अधिक मेहनत करने का संकल्प लिया और इसके बाद कभी स्कोर कम नहीं आने दिया। मैं दिल्ली एम्स से एमबीबीएस करना चाहता हूं। इसके बाद न्यूरो या कार्डियोलॉजी में जाना चाहता हूं। बता दें कि नीट-यूजी में देशभर में कुल 20.38 लाख स्टूडेंट्स में से 11.45 लाख स्टूडेंट्स क्वालिफाई हुए हैं। यूपी से 1.39 लाख, महाराष्ट्र से 1.31 लाख और राजस्थान से 1 लाख से अधिक स्टूडेंट्स क्वालिफाई हुए हैं।

जयपुर। राजस्थान में 23 जून से राजीव गांधी शहरी व ग्रामीण ओलंपिक खेल शुरू होने जा रहे है। इन खेलों में भाग लेने के लिए 53 लाख से अधिक लोगों ने पंजीयन करवाया है। विश्व में पहली बार किसी प्रतियोगिता में इतनी बड़ी संख्या में खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। इससे पूर्व पिछले वर्ष आयोजित हुए ग्रामीण ओलंपिक खेलों में प्रदेश के करीब 30 लाख लोगों ने भागीदारी की थी।


शासन सचिव खेल विभाग नरेश कुमार ठकराल ने बताया कि ग्रामीण ओलंपिक खेलों में भाग लेने के लिए 41 लाख 48 हजार से ज्यादा लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है, जबकि शहरी ओलंपिक खेलों के लिए 12 लाख 36 हजार से अधिक लोगों ने पंजीयन करवाया है। ग्रामीण ओलंपिक खेलों में सर्वाधिक 12 लाख 48 हजार 622 रजिस्ट्रेशन कबड्डी प्रतियोगिता के लिए हुए हैं। इनमें 9 लाख 72 हजार 992 पुरुष एवं 2 लाख 75 हजार 554 महिलाएं हैं। टेनिस बॉल क्रिकेट के लिए कुल 8 लाख 1 हजार 82 रजिस्ट्रेशन हुए हैं, जिनमें 7 लाख 26 हजार 570 पुरुष एवं 74 हजार 485 महिलाएं हैं। रस्साकशी प्रतियोगिता के लिए हुए 7 लाख 67 हजार 919 रजिस्ट्रेशन में से 5097 पुरुषों एवं 7 लाख 62 हजार 667 महिलाओं के हैं। इसी प्रकार, खो-खो प्रतियोगिता के लिए कुल 5 लाख 82 हजार 674 रजिस्ट्रेशन हुए हैं, जिनमें से 3234 पुरुष एवं 5 लाख 79 हजार 439 महिलाएं हैं। वॉलीबॉल के लिए हुए 3 लाख 38 हजार 339 रजिस्ट्रेशन में से 2 लाख 70 हजार 213 पुरुषों एवं 68 हजार 106 महिलाओं के हैं। वहीं, फुटबॉल के लिए हुए 2 लाख 87 हजार 194 रजिस्ट्रेशन में से पुरुषों के 2 लाख 34 हजार 222 एवं महिलाओं के 52 हजार 957 हैं। जबकि, शूटिंग बॉल के लिए हुए 1 लाख 31 हजार 341 रजिस्ट्रेशन में से पुरुषों के 1 लाख 28 हजार 976 एवं महिलाओं के 2364 हैं।
ठकराल ने बताया कि शहरी ओलंपिक खेलों में टेनिस बॉल क्रिकेट के लिए सर्वाधिक 2 लाख 72 हजार 802 रजिस्ट्रेशन हुए हैं, जिनमें से 2 लाख 50 हजार 345 पुरुष एवं 22 हजार 447 महिलाएं हैं।

एथलेटिक्स (100 मीटर) के लिए 2 लाख 62 हजार 668 रजिस्ट्रेशन हुए हैं, जिनमें से 1 लाख 37 हजार 261 पुरुष एवं 1 लाख 25 हजार 393 महिलाएं हैं। एथलेटिक्स (200 मीटर) के लिए हुए 1 लाख 14 हजार 448 रजिस्ट्रेशन में से 65 हजार 692 पुरुष एवं 48 हजार 752 महिलाएं हैं। इसी प्रकार एथलेटिक्स (400 मीटर) के लिए हुए 53 हजार 345 रजिस्ट्रेशन में से 35 हजार 410 पुरुष एवं 17 हजार 935 महिलाएं हैं। उन्होंने बताया कि शहरी ओलंपिक खेलों में कबड्डी के लिए कुल 1 लाख 91 हजार 112 रजिस्ट्रेशन हुए हैं, जिनमें से 1 लाख 36 हजार 998 पुरुष एवं 54 हजार 104 महिलाएं हैं। खो-खो में भाग लेने के लिए कुल 1 लाख 50 हजार 53 लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है, जिनमें से 683 पुरुष एवं 1 लाख 49 हजार 370 महिलाएं हैं। इसी प्रकार, वॉलीबॉल में भाग लेने के लिए 81 हजार 324 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है, जिनमें से 61 हजार 538 पुरुष एवं 19 हजार 786 महिलाएं हैं। वहीं, फुटबॉल खेल में भाग लेने के लिए 72 हजार 618 रजिस्ट्रेशन हुए हैं, जिनमें से 56 हजार 332 पुरुष एवं 16 हजार 282 महिलाएं हैं। जबकि, बास्केटबॉल प्रतियोगिता के लिए कुल 38 हजार 731 रजिस्ट्रेशन हुए हैं, जिनमें से 22 हजार 995 पुरुष एवं 15 हजार 735 महिलाएं हैं।


शासन सचिव ने बताया कि प्रदेश भर में ग्राम पंचायत एवं नगरपालिका स्तर तक इन खेलों का आयोजन किया जाएगा। खेलों में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों में विशेष उत्साह नजर आ रहा है। राज्य सरकार ने इन खेलों के लिए 50 लाख रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य रखा था जिसकी तुलना में कहीं ज्यादा रजिस्ट्रेशन हुए हैं। खिलाड़ियों और टीमों ने खेलों के लिए उत्साह के साथ जोर-शोर से तैयारियां शुरू कर दी हैं। उन्होंने कहा कि 29 अगस्त को खेलों का समापन होगा।

आज के समय में ब्रेक फास्ट में ब्रेड खाना (Bread Breakfast) लगभग सभी लोगों पसंद होता है। ब्रेड से कई तरह के नाश्ते तैयार किए जाते हैं। ब्रेड के ऊपर बटर लगाकर खाना हो या सैंडविच बनाना हो सभी में यह उपयोग होता है। इंस्टेंट नाश्ते के लिए भी के दिमाग में ब्रेड ही आता है। ऐसे में हम आपको लिए ब्रेड से बनने वाली एक रेसिपी बता रहे हैं जो बेहद आसान और स्वाद में भी लाजवाब है।

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बनाने के लिए सामग्री (Bread Breakfast Ingredients)
8 ब्रेड
1 उबला हुआ आलू
2 चम्मच कॉर्न
1 प्याज बारीक कटा हुआ
4 बारीक कटी हुई हरी मिर्च
1/2 कप मेयोनीज़
2 चम्मच हरी चटनी
1/2 चम्मच नमक
बटर स्वादानुसार

डिश को सजाने के लिए:-
टोमेटो सॉस
सेव वाली नमकीन

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ब्रेड ब्रेक फास्ट ऐसे बनाएं (How to make Bread Breakfast)
- सबसे पहले एक कटोरी में उबले हुआ आलू को अच्छी तरह मैश कर लें। इसके बाद इसमें नमक, कॉर्न, बारीक कटा हुआ प्याज, बारीक कटी हरी मिर्च, मेयोनीज, हरी चटनी और नमक डालकर अच्छी तरह मिक्स कर दें।

- अब आपका बैटर बनकर तैयार हो चुका है। इसे ढककर रख दें और अब ब्रेड लें।

- ब्रेड को हमे गोल-गोल काटना है। इसके लिए ब्रेड के ऊपर रखकर दबा दीजिए। गोल हिस्सा अलग निकल आएगा। इसी तरह सभी ब्रेड को गोल शेप में काट लीजिए।

- अब आपने जो बेल शेप में ब्रेड काटी हैं उन सभी पर बटर फैला कर लगा दें। इसके बाद तैयार किए हुए आलू के मिश्रण को लगाकर फैला दें। ऊपर से सेव वाली नमकीन और टौमेटो सॉस फैला दें। दूसरे ब्रेड के पीस ले ढक दें।

- इसके बाद दोनों ब्रेड को तेल लगाकर हल्का सा ग्रीस करें फिर तवे पर रखकर सेंक लें। दोनों तरफ से सुनहरा होने पर लुत्फ उठाएं।

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Treatment of obesity, diabetes, asthma, cancer : आजकल बदलती हुई लाइफस्टाइल के कारण मोटापा , डायबिटीज, अस्थमा और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां आम बात हो गई हैं। लेकिन कुछ छोटी -छोटी बातों का अगर धयान रखा जाए तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है।

ब्लड टेस्ट बताएगा मोटापा होगा या नहीं

यूनिवर्सिटी ऑफ साउथहैम्पटन के शोधकर्ताओं ने एक नया ब्लड टेस्ट (blood test) ईजाद किया है जो बच्चों में मोटापे (besity in children) के लक्षण दिखने से काफी पहले ही इसका पूर्वानुमान लगा सकता है। डीएनए पढऩे में सक्षम यह टेस्ट 5 साल की उम्र में बच्चों की जांच कर यह बता देगा कि 14 साल की उम्र में वे मोटे होंगे या नहीं। इसका पता चलने पर माता-पिता बच्चे की डाइट और एक्टिविटी में सुधारकर उसे मोटा होने से बचा सकते हैं।

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डायबिटीज कंट्रोल करेंगे स्टेम सेल्स Stem cells will control diabetes
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने स्टेम सेल्स (stem cells) की मदद से ऐसी तकनीक बनाई है, जिससे ऐसी कोशिकाएं निर्मित की जा सकेंगी जो शरीर में ही इंसुलिन पैदा करके डायबिटीज को नियंत्रित करेंगी। स्टेम सेल्स पर 15 वर्ष की रिसर्च के बाद ऐसी बीटा कोशिकाओं की दोबारा उत्पत्ति करने में सफलता मिली है, जिन्हें अग्नाशय में प्रत्यारोपित करने से वे इंसुलिन हार्मोन स्रावित करती हैं।

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खांसी में लापरवाही दे सकती है अस्थमा Negligence in cough can give asthma

डॉक्टरों के मुताबिक फेफड़ों की नसों पर अधिक दबाव होने या दिल का एक हिस्सा बड़ा होने पर भी खांसी हो सकती है। इसे दिल का अस्थमा (asthma of the heart) कहते हैं। आमतौर पर दमा, गले में इंफेक्शन, टॉन्सिलाइटिस, फेरनजाइटिस, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों के इंफेक्शन (lung infection) , निमोनिया या हृदयरोग आदि की वजह से खांसी हो सकती है। इसलिए खांसी ज्यादा दिनों तक चले तो फौरन फिजिशयन से सलाह लें।

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कैंसर से बचाती है ब्रोकली Broccoli protects against cancer

वैज्ञानिकों ने पाया है कि ब्रोकली (Broccoli ) में पेट के कैंसर (Stomach cancer) का कारण बनने वाले बैक्टीरिया हेलीकोबेक्टर पायलोरी को मारने की क्षमता होती है। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी (बाल्टीमोर) एवं दी फैं्रच नेशनल साइंटिफिक रिसर्च सेंटर के विशेषज्ञों ने पाया है कि ब्रोकली में मौजूद यही कंपाउंड इसे अलग स्वाद भी देता है। वैसे हेलीकोबेक्टर इंफेक्शन (Helicobacter infection) से निजात दिलाने वाले एंटीबायोटिक्स महंगे होते हैं।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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जयपुर पत्रिका. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत 827 चिकित्सकों को पदोन्नति की अभिशंषा की गई है। यह निर्णय गुरुवार को राजस्थान लोक सेवा आयोग में विभागीय पदोन्नति समिति एवं डीएसीपी स्कीम के तहत आयोजित स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में लिया गया। विभाग के निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ.रविप्रकाश माथुर ने बताया कि बैठक में 1637 चिकित्सकों के लिए पदोन्नति की अभिशंषा की गई थी।

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माथुर ने बताया कि एक अप्रेल 2022 और इससे पूर्व के प्रकरणों में चिकित्सा अधिकारी से वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, कनिष्ठ विशेषज्ञ, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, कनिष्ठ विशेषज्ञ से उप निदेशक, वरिष्ठ विशेषज्ञ एवं उप निदेशक-वरिष्ठ विशेषज्ञ से प्रमुख मुख्य चिकित्सा अधिकारी, प्रमुख विशेषज्ञ की पदोन्नति की गई है। चिकित्सा मंत्री से अनुमोदन मिलने के बाद उक्त पदोन्नति आदेश जारी किए जाएंगे। इन पदोन्नति के बाद 600 चिकित्सा अधिकारियों के सीधी भर्ती के लिए पद रिक्त हो जाएंगे।

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जयपुर।

प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र मिशन मोड पर जुटी कांग्रेस पार्टी के लिए अंदरूनी गुटबाज़ी और नेताओं के बीच मनभेद-मतभेद को दूर करना सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच खुलकर सामने आई अदावत को आलाकमान बार-बार सुलझा रहा है तो वहीं कुछ अन्य नेताओं के बीच आपसी टकराव जारी है।

 

ऐसा ही गतिरोध अब दो वरिष्ठ नेताओं के बीच गरमाने लगा है। इनमें एक गहलोत सरकार में एक नेता कॉर्पोरेशन में चेयरमेन हैं तो दूसरी वरिष्ठ नेत्री हैं जो अपने क्षेत्र में राजनीतिक रूतबा रखती हैं और प्रदेश कांग्रेस में महत्वपूर्ण पद पर हैं।

 

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नसीम अख्तर V/S धर्मेंद्र राठौड़
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष नसीम अख्तर और आरटीडीसी चेयरमेन धर्मेंद्र राठौड़ के बीच जारी अदावत एक बार फिर खुलकर सामने आ रही है। इस वजह से अजमेर का राजनीतिक पारा गरमाने लगा है। इधर बताया जा रहा है कि इन दोनों नेताओं के बीच की गरमा रही टसल को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा पल-पल की अपडेट ले रहे हैं।

 

आज सामूहिक गिरफ्तारी देंगी अख्तर
अजमेर में मंगलवार को नसीम अख्तर, उनके पति कांग्रेस नेता हाजी इंसाफ अली व पुत्र समेत करीब 15 जनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सभी पर राजकार्य में बाधा डालने व लोक सेवक से अभद्र व्यवहार करने के आरोप लगाए गए हैं। अजमेर ग्रामीण पंचायत समिति के विकास अधिकारी की ओर से सिविल लाइन्स थाने में बुधवार देर रात मामले में मुकदमा दर्ज करवाया गया था। अब इसी मुक़दमे के चलते नसीम अख्तर अन्य आरोपी सहयोगियों के साथ आगे बढ़कर आज सामूहिक गिरफ्तारियां देने जा रहे हैं।

 

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गिरफ्तारी से पहले प्रेस वार्ता, करेंगी 'भंडाफोड़'
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष नसीम अख्तर ने बताया है कि आज वे और अन्य सहयोगी नेता-कार्यकर्ता सामूहिक गिरफ्तारियां देंगे। लेकिन इस ऐसे पहले प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया से रु-ब-रु होकर अपना पक्ष रखेंगे। माना जा रहा है कि नसीम अख्तर इस प्रेसवार्ता में उनके खिलाफ एफआईआर के पीछे राजनीतिक साजिश को लेकर कोई बड़ा खुलासा कर सकती हैं। जानकार मान रहे हैं कि वे आज एक बार फिर अपनी ही पार्टी के प्रतिद्वंदी नेता आरटीडीसी चेयरमेन धर्मेंद्र राठौड़ के खिलाफ बड़े आरोप लगा सकती हैं।

 

कितनों के खिलाफ मुक़दमे दर्ज करवाएंगे राठौड़?: नसीम अख्तर
पीसीसी उपाध्यक्ष नसीम अख्तर ने एफआईआर दर्ज होने पर स्थानीय मीडिया को दी प्रतिक्रिया में आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ का नाम लेकर निशाना साधा। उन्होंने एफआईआर को राजनीतिक साजिश बताते हुए कहा कि राठौड़ कितने अधिकारियों से मिलकर कितने लोगों पर मुकदमे दर्ज करवाएंगे?

 

उन्होंने कहा कि पहले पुष्कर में नगर पालिका ईओ से पुष्कर नगरपालिका के कांग्रेस पार्षदों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाए गए, फिर अजमेर उत्तर से कांग्रेस प्रत्याशी रहे महेंद्र सिंह रलावता के पुत्र शक्ति सिंह रलावता और उनके कार्यकर्ताओं पर मुकदमे दर्ज करवाए गए और अब मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाए गए हैं।

 

'क्या मैं डकैत हूं?'
नसीम अख्तर ने कहा कि मुझ पर डकैती की धाराएं लगाई गई है क्या मैं डकैत हूं? मैं कांग्रेस की एक सच्ची कार्यकर्ता हूं। मैंने अजमेर में जन्म लिया है और अजमेर से ही राजनीति करती हूं। मैंने पूरा जीवन अजमेर को दिया है। मैं इनके कहने से पीछे हटने वाली नहीं हूं। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के काम नहीं होंगे तो एक बार नहीं 10 बार अधिकारियों को कहूंगी। जिस घटना को लेकर एफआईआर दर्ज हुई है उसमें हॉट टॉक के अलावा और कोई दूसरी बात नहीं हुई।

 

पुरानी है वर्चस्व की जंग
आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ और पीसीसी उपाध्यक्ष नसीम अख्तर के बीच अदावत नई नहीं है। पुष्कर और अजमेर उत्तर क्षेत्र में इन दोनों नेताओं के बीच कई बार वर्चस्व की जंग खुलकर सामने आ चुकी है। इन दोनों पक्षों के बीच कई मुद्दों पर टकराव की स्थिति बनती रही है। अब एक बार फिर ये अदावत खुलकर सामने आ रही है।

गर्मी के मौसम में चिलचिलाती धूप से बचना बेहद जरूरी है। इससे शरीर में पानी की कमी, कब्ज, पेट में जलन, सीने में जलन जैसी दिक्कतें होने लगती है। इन समस्याओं को दूर रखने के लिए गर्मी में बेल का जूस पीना बेस्ट ऑप्शन है। बेल फ्रूट को बिल्व भी कहा जाता है, जो मूल रूप से भारत में पैदा होता है। यह फल पेट की गर्मी दूर करने के लिए रामबाण इलाज है। आप इसका शरबत पीकर पेट को ठंडक दे सकते हैं।

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बेल खाने के फायदे
यह काफी पौष्टिक फल होता है। इसमें प्रोटीन, पानी, फाइबर, कैल्शियम, पोटैशियम, विटामिन बी1, विटामिन बी2, विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है। इसका गूदा पेट और पाचन के लिए बेहतरीन माना जाता है। इसलिए इसे गर्मी के लिए बेस्ट ड्रिंक कहा जाता है। इसके रस में ठंडा, ताजगी, पोषण, लैक्सेटिव आदि गुण होते हैं। जो इसे धूप के मौसम के लिए टॉनिक बनाते हैं।

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खुल जाएंगी आंतें
पाचन खराब होने पर आंतों का संकुचन कम हो जाता है, जो कि कब्ज बनाता है। गर्मी में डिहाइड्रेशन इस समस्या को गंभीर बना सकती है। मगर बिल्व/बेल का रस पानी की पूर्ति करके आंतों को रिलैक्स करता है और संकुचन सामान्य करता है।

हड्डियां होती है मजबूत
बेल पेट के अलावा हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है। इसमें कैल्शियम का लेवल शारीरिक ढांचें को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है। इसका जूस तुरंत एनर्जी देने के लिए भी जानी जाती है।

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बढ़ता है खून
बेल के जूस में विटामिन बी2 होता है, जो शारीरिक विकास में मदद करता है। यह रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन में मददगार होता है। जिससे खून की कमी दूर होती है।

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अन्य फायदे
बील के पके फल का गूदा एक चम्मच दूध के साथ लेने से कब्ज की समस्या दूर होती है। ज्यादा पुरानी कब्ज हो, तो चार चम्मच चूर्ण के साथ दो चम्मच मिश्री मिलाकर लें।
मुंह में छाले होने पर बील की पत्तियों को चबाएं।
बारिश में होने वाली सर्दी, खांसी व बुखार के लिए बीलपत्र के रस में शहद मिलाकर लें।

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बील के पत्तों को पीसकर गुड़ मिलाकर गोलियां बना लें। इन्हें खाने से बुखार ठीक होता है।
पेट में कीड़े होने पर बील का रस पीएं। बच्चों को दस्त होने पर उन्हें एक चम्मच रस पिलाएं।
इसके रस में मिश्री मिलाकर पीने से एसिडिटी में आराम मिलता है। अगर मधुमक्खी या ततैया काट ले, तो बीलपत्र का रस कटे हुए भाग पर लगाने से लाभ होगा।

 

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

 

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Kaju Sabji Recipe: आज के समय में ज्यादातर घरों में दाल और सब्जियां ही बनती हैं। कुछ लोग इनको खा—खाकर बोर हो जाते हैं और कुछ नया ट्राई करना चाहते हैं। ऐसे में हम आपको काजू से बनने वाली ऐसी डिश के बारे में बता रहे हैं जो टेस्ट में लाजवाब होने के साथ ही झटपट से तैयार हो जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं यह सब्जी बनाने की विधि।

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काजू की सब्जी बनाने के लिए सामग्री (Kaju Sabji Ingredients)
1 कप काजू (भिगोए हुए)
2 बड़ी प्याज़ (बारीक़ कटी हुई)
2 टमाटर (बारीक़ कटा हुआ)
2 हरी मिर्च (बारीक़ कटी हुई)
1 छोटा चम्मच अदरक-लहसुन का पेस्ट
1 छोटा चम्मच धनिया पाउडर
1/2 चम्मच हल्दी पाउडर
1/2 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
1 चम्मच गरम मसाला पाउडर
1 छोटा चम्मच जीरा
1 टेबलस्पून घी
धनिया पत्ती (गार्निश के लिए)
नमक स्वादानुसार

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काजू की सब्जी बनाने की विधि (kaju sabji recipe)
काजू की सब्जी बनाने के लिए सबसे पहले गैस पर एक कड़ाही में घी गरम करें। इसके बाद उसमें जीरा डालें और उसे सुनहरा होने तक तलें। अब इसमें प्याज़ डालकर सॉफ्ट होने तक भूनें। फिर बाद अदरक-लहसुन का पेस्ट डालकर 1-2 मिनट तक भूनें। इसके बाद टमाटर डालें और उन्हें मुलायम होने तक पकाएं। इसके बाद धनिया पाउडर, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और गरम मसाला पाउडर डालकर सारे मसालों को अच्छी तरह से मिलाएं और उन्हें 3-4 मिनट तक भूनें। इसके बाद मसाले में भिगोए हुए काजू डालकर उन्हें हल्का फ्राई करें। सब्जी को अच्छी तरह मिलाएं और स्वादानुसार नमक डालें। धीमी आंच पर इसे 5-7 मिनट तक पकाएं, जब काजू पक जाएं और सब्जी में सुनहरा रंग आ जाए तो गैस बंद कर दें। लो जी तैयार है आपकी गरमा-गरम काजू की सब्जी। इस सब्जी को धनिया पत्ती से सजाएं और गरम चावल या रोटी के साथ खाएं।

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जयपुर। राजधानी इस बार बारिश में दरिया नहीं बन जाए, जागरूक लोगों को यह चिंता सताने लगी है। क्योंकि मानसून से पहले होने वाले नालों की सफाई का काम अभी अधूरा है। जयपुर ग्रेटर व हैरिटेज नगर निगम के अफसर इस बार नाला सफाई का काम पूरा नहीं करवा पाए है। दोनेां नगर निगमों को 15 जून तक शहर के 1300 से अधिक नालों की सफाई का काम पूरा करना था, लेकिन अभी तक 60 फीसदी भी नाले पूरी तरह साफ नहीं हो पाए है।

महापौर धरातल पर उतरी से सच्चाई आई सामने
हैरिटेज नगर निगम क्षेत्र में करीब 435 नाले है, लेकिन अभी तक 300 भी नालों की सफाई का काम पूरा नहीं हो पाया है। मानसून नजदीक आता देख खुद महापौर मुनेश गुर्जर और आयुक्त राजेन्द्र सिंह शेखावत नाला सफाई की मॉनिटरिंग करने निकले तो नाला सफाई की सच्चाई सामने आ गई। नालों में कचरा गंदगी देख महापौर ने अधिकारियों से दो टूक शब्दों में कहा, 'कब साफ करवाओगे नाले, बारिश आ जायेगी तब...' इस पर अधिकारी बगले झांकने लगे। महापौर जहां से भी गुजरी, वहां नाले कचरा गंदगी से अटे मिले, जहां नाला सफाई का काम चल रहा था, वहां पर्याप्त संसाधन भी नहीं मिले। दो से चार लेबर के भरोसे नाला सफाई का काम हो रहा है। इस बीच महापौर ने अधिकारियों और संबंधित फर्म को नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए।

अफसरों को टारगेट के बाद भी नहीं हो पा रहा काम
हैरिटेज नगर निगम में नाला सफाई में देरी को देखते हुए पिछले दिनों महापौर ने नालों को साफ कराने का निगम अधिकारियों को टारगेट दिया है। वहीं नाला सफाई की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी भी जोन उपायुक्तों को सौंपी थी। इसके बाद भी शहर के नालों की सफाई नहीं हो पा रही है।

ग्रेटर महापौर ने बुलाई आज बैठक
जयपुर ग्रेटर निगम में 900 से अधिक नाले है। इनमें मुख्य मार्गों के ही नाले अभी तक पूरी तरह साफ नहीं हो पाए है। बाहरी कॉलोनियों और मार्गों के अधिकतर नालों की सफाई का काम अभी शुरू ही नहीं हो पाया है। जबकि निगम प्रशासन को 15 जून तक नालों की सफाई का काम पूरा करना था। तय समय पर नाला सफाई नहीं होने से नाराज महापौर सौम्या गुर्जर ने आज निगम अधिकारियों की बैठक बुलाई है। इसमें शहर के नालों की सफाई को लेकर फीडबैक लिया जाएगा। इसमें अधिकारियों को नाला सफाई को लेकर टारगेट तय किए जा सकते है।

पार्षदों की तय की जिम्मेदारी
ग्रेटर निगम महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर का कहना है कि समय पहले नालों की सफाई का काम शुरू कर दिया जाए तो मैन पावर की कमी नहीं आए। इससे समय पर नाले साफ हो जाए। अब हमने पार्षदों को मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी है, जब तक वे नाला सफाई का प्रमाण पत्र नहीं देंगे, तब तक संबंधित ठेकेदार को भुगतान नहीं किया जाएगा।

अब कार्रवाई होगी
हैरिटेज निगम महापौर मुनेश गुर्जर ने कहा कि यह सही है कि शहर में नालों की सफाई का काम पूरा नहीं हुआ है। सिविल लाइंस जोन क्षेत्र को छोड़कर अन्य जोनों में नाला सफाई के नाम पर दिखावा हो रहा है। कल अधिकारियों की बैठक लेकर स्थिति पर चर्चा की जाएगी, जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

rajasthan politics राजस्थान में मिशन 2023 में अपनी सत्ता को रिपीट करने के लिए कांग्रेस अब टिकटों में युवाओं को तरजीह देगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को युवा कांग्रेस नेताओं को संदेश दिया कि चुनाव में आपको अपना हक मांगना चाहिए। भले ही सीनियर लोग जगह नहीं छोड़ना चाहें, लेकिन आपको टिकट के लिए भी दावेदारी करनी चाहिए।

गहलोत ने कहा कि मैं चाहता हूं कि टिकट भी दो माह पहले ही तय हो जाएं। इंदिरा गांधी पंचायती राज भवन में युवक कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में सीएम गहलोत ने यह बातें कहीं। मुख्यमंत्री ने यह भी माना कि कांग्रेस के ही कुछ विधायक कहते हैं कि वह चुनाव नहीं जीत पा रहे हैं इसलिए ऐसे विधायकों से यह पूछेंगे कि वो किसे मौका देना चाहते हैं। यदि सरकार में आना है तो सिर्फ जीतने वाले नेता को ही टिकट देना चाहिए।

राहुल बोले, योजनाओं से ही काम नहीं चलेगा
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पिछले दिनों राहुल गांधी ने मुझे दिल्ली में यह बात कही कि चुनाव में सिर्फ सरकारी योजनाओं से ही काम नहीं चलेगा। विधायकों का जनता में व्यवहार, उनका कामकाज और दोबारा जीतने की क्षमता भी देखनी पडे़गी। हम पिछली बार 100 सीटों पर चुनाव हार गए थे। वो सीटें तो खाली हैं।
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चुनाव में उम्मीदवारों को टिकट जल्दी देने का क्या होगा असर...
फायदे
- उम्मीदवार को चुनाव लड़ने का पर्याप्त समय।
- विपक्षी उम्मीदवार को कम मौका मिलेगा।
- प्रचार करने का पूरा मौका।

नुकसान
- चुनाव में ज्यादा पैसा खर्च होगा।
- सारे विरोधी गुटों को एकजुट होने का मौका मिलेगा।
- प्रचार तंत्र में कोई भी कमी भारी पड़ सकती है।

दिल पर पत्थर रखकर मानना होता है फैसला: सीएम ने युवाओं को कहा कि जल्दबाजी में गलत कदम नहीं उठाना चाहिए। कई बार मौके आते हैं जब आलाकमान का फैसला दिल पर पत्थर रखकर मानना पड़ता है।
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बसपा से आए विधायकों ने उठाई थी जल्दी टिकट देने की मांग: बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों ने कुछ दिन पहले पार्टी प्रभारी सुखजिंदर रंधावा से भी मांग की थी कि टिकट वितरण जल्दी कर दिया जाए।

थका उम्मीदवार क्या चुनाव लड़ेगा
उम्मीदवार चयन को लेकर गहलोत ने कहा कि दिल्ली में कई दिनों तक चलने वाली बैठकों का सिलसिला बंद हो जाना चाहिए। जिस नेता को टिकट देना है, उसको फाइनल करके दो माह पहले ही इशारा कर दो ताकि वो चुनाव में जुट जाए, क्योंकि टिकट के लिए दिल्ली की सड़कों पर घूम-घूमकर नेता थक जाता है। थका नेता कैसे चुनाव लड़ेगा।

दुनिया में आज टेक्नोलॉजी तेज़ी से बढ़ और विकसित हो रही है। इसके चलते दुनिया में कुछ न कुछ अनोखा और नया बनाने की कोशिश लगी रहती है। अक्सर ही हमें दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में कुछ न कुछ नया देखने को मिलता है। हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार आने वाले समय में दुनिया की पहली फ्लोटिंग सिटी (Floating CIty) बनने वाली है। यह दुनिया का पहला ऐसा शहर होगा जो समुद्र पर तैरेगा। यह शहर जापान (Japan) में होगा और इसका नाम डोगेन सिटी (Dogen City) होगा।


समुद्र पर तैरेगी डोगेन सिटी

जानकारी के अनुसार डोगेन सिटी पूरी तरह से समुद्र पर तैरेगी। इस फ्लोटिंग सिटी का थोड़ा सा हिस्सा भी बिल्कुल भी ज़मीन पर नहीं होगा। यह एक अनोखा शहर होगा और इसे N-Ark डेवलपर्स तैयार कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार समुद्र पर तैरने वाला यह शहर 2030 तक तैयार हो जाएगा।


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क्या होगा खास?


डोगेन सिटी में काफी कुछ खास मिलेगा। जानकारी के अनुसार इस फ्लोटिंग सिटी में करीब 40 हज़ार लोग आराम से रह सकेंगे। डोगेन सिटी तीन हिस्‍सों में बनेगी। इस शहर का पहला हिस्सा बाहरी हिस्‍सा होगा और इसमें आउटर रिंग होगी, जिसमें लिविंग एरिया होगा। इस हिस्से में पानी, एनर्जी और सीवेज की सुविधाएं मिलेंगी।

दूसरा हिस्‍सा होगा इनसाइड रिंग, जिसमें तैरते घर और बिल्डिंग्स होंगी। ये बिल्डिंग्स मूवेबल होंगी। लोग एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए नांव या फेरी का इस्तेमाल कर सकेंगे।

डोगेन सिटी का तीसरा हिस्‍सा अंडरवॉटर होगा। यह हिस्सा पानी की सतह के नीचे होगा। इस हिस्से में डाटा सेंटर और मेडिकल रिसर्च फैस‍िलिटीज़ होंगी।

डोगेन सिटी को इस तरह डिज़ाइन किया जाएगा जिससे सुनामी जैसी आपदा से निपटा जा सके। इस फ्लोटिंग सिटी में स्‍पोर्ट्स स्‍टेडियम, फ्लोटिंग पार्क्‍स, रेजिडेंशियल होटल, सेमेट्री और प्रार्थना करने के लिए चर्च और मंदिर भी होंगे।

इस फ्लोटिंग सिटी में ऐसे फल और सब्जियाँ भी मिलेंगे जिन्हें पानी के अंदर उगाया जा सकेगा। जानकारी के अनुसार इस डोगेन सिटी में हेल्थकेयर और मेडिकल ट्रीटमेंट फैस‍िलिटीज़ के साथ ही इस सेक्टर में रिसर्च करने के लिए भी खास ध्यान रखा जाएगा। इसे पूरी तरह एक एडवांस्ड सिटी के तौर पर तैयार किया जाएगा।

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Good habits your lifestyle : स्वस्थ रहने का बेहतरीन फॉर्मूला है संयमित और अनुशासित भोजन। हैल्दी शरीर के लिए भोजन करते समय मन, वचन और शरीर को मर्यादित रखना चाहिए। प्राचीन इतिहास और वर्तमान में मेडिकल साइंस भी यही कहता है कि मनुष्य को मर्यादित (संयमित), मौनपूर्वक, बैठकर और एकांत में भोजन करना चाहिए।

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सात्विक भोजन यानी अच्छी हैल्थ Eating in solitude gives peace of mind
सात्विक भोजन (Satvik food) मनुष्य के शरीर के लिए पौष्टिक और गुणकारी होने के साथ शरीर में होने वाले कीटाणुओं और रोगों से लडऩे की ताकत देता है। अधिक मिर्च-मसाले से बना भोजन स्वादिष्ट तो हो सकता है पर शक्तिवर्धक नहीं। बीमार व्यक्ति को डॉक्टर दवाई के साथ सलाह देते हैं कि अधिक मात्रा में घी, शक्कर, तेल, मिर्च आदि का प्रयोग नहीं करें। मूंग की दाल रोटी (moong dal roti) , खिचड़ी, हरी सब्जी (green vegetables) ज्यादा मात्रा में लें। सात्विक-संयमित भोजन नहीं करने से मोटापा, शुगर, अपच, हृदय रोग, कैंसर जैसे रोग पैदा होने लगते हैं।

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मौनपूर्वक भोजन बनाएगा फिट Benefits of sitting down to eat
मौनपूर्वक भोजन पाचक होता है। जिससे गुस्सा शांत होता है और व्यक्ति तनाव मुक्त रहता है। साथ ही मन, वचन और काया स्थिर रहती है।

बैठकर भोजन करने के लाभ Benefits of sitting down to eat

बैठकर भोजन करने से व्यक्ति को मोटापा नहीं आता और आंतों में सूजन नहीं होती। भोजन करते समय रक्त का प्रवाह अधिक होता है। बैठकर भोजन करने से खून का प्रवाह शरीर में समान रूप से प्रवाहित होता है। बैठकर भोजन करने से भोजन शरीर के अनुपात मात्रा में जाता है और पचने में भी आसानी होती है। इससे शरीर को थकान महसूस नहीं होती, जिससे लोग खाने को आराम से चबाकर खा सकते हंै।

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एकांत में भोजन देता है मानसिक शांति Eating in solitude gives peace of mind

दीर्घायु पाने के लिए हमेशा एकांत में और शांत होकर भोजन करना चाहिए। ज्यादा लोगों के साथ सामूहिक भोज में अनेक व्यक्ति एक साथ भोजन करते हैं, जिनके विचार भी अलग-अलग होते हैं। उन सब विचारों का असर भोजन और भोजन करने वाले व्यक्ति पर पड़ता है। किसी का तरीका हमें अच्छा तो किसी का बुरा भी लग सकता है।

एकांत में भोजन की गुणवत्ता बढ़ जाती है। प्राचीन आचार्य-मुनियों के अनुसार भोजन की सात्विकता मनुष्य के शरीर को स्वस्थ और दीर्घ जीवन प्रदान करती है व स्वभाव को सरल, सहज, संयमित रखती है। जो मनुष्य जीवन को आनन्द से जीना चाहते हैं तो उनको सात्विक भोजन के साथ मौन, संयमित, एकांत और बैठकर भोजन करना चाहिए।
स्वस्ति श्री क्षुल्लक अतुल्य सागर

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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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पत्रिका। Devasthan Department: एक ओर जहां देश में एक तरफ दलितों को मंदिर में प्रवेश करने को लेकर विवाद की खबरें सामने आती है, वहीं प्रदेश के देवस्थान विभाग के मंदिरों में सामाजिक समरसता का शंखनाद सुनाई देगा। इससे बड़ा सामाजिक बदलाव भी आएगा।

देवस्थान विभाग की ओर से वर्ष 2014 में आयोजित पुजारी भर्ती की परीक्षा का परिणाम सितंबर, 2022 में जारी किया गया। इसके बाद गत 22 अप्रेल को पात्र अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र भेजा गया। इनमें ब्राह्मणों के साथ ही दलित और पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों ने भी भगवान की सेवा-पूजा करने की इच्छा जाहिर की। फिर सफल अभ्यर्थियों को हाल ही पुजारी, सेवागीर, प्रबंधक पद पर ज्वाइनिंग करवाकर प्रशिक्षण दिलाया गया।

25 वर्ष बाद हुई परीक्षा
- वर्ष 1989 के बाद 2014 फरवरी में 65 पदों के लिए हुई थी परीक्षा

- संभाग मुख्यालय पर सात मैनेजर, मंदिरों के लिए 47 पुजारी और 11 सेवागीर शामिल

- 8,792 आवेदनों में से 6,804 अभ्यर्थी परीक्षा में बैठे

- ज्वाइनिंग के बाद शुरुआत में 13 हजार रुपए से कम मिलेगा मानदेय

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भगवान की सेवा-पूजा में भेदभाव नहीं होना चाहिए। हाल ही ब्राह्मण के अलावा एसटी, एससी, ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों की पुजारी के पद पर नियुक्ति हुई है। इनमें महिला अभ्यर्थी भी शामिल हैं। सब पुजारी मास्टर डिग्री के साथ ही अन्य डिग्रीधारी हैं। उन्हें पूजन, पाठ की विधि से लेकर अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है।
रतनलाल योगी, सहायक आयुक्त प्रथम, देवस्थान विभाग

सभी को समानता का अधिकार है। वर्तमान समय में गर्भगृह की सफाई, देव वस्त्र खोलने सहित अन्य जानकारी दी गई है। अब ठाकुरजी की सेवा के साथ ही लोगों को भक्ति मार्ग के लिए प्रेरित करना है।
सुभाष यादव, सेवागीर, निवासी श्रीमाधोपुर

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यह होगा असर
पुजारियों को पूजा-पाठ की विधि समेत मंदिर खोलने व भोग लगाने से जुड़े कार्यों का प्रशिक्षण देने के बाद मंदिरों में भेजा जाएगा। इससे मंदिर समय पर खुलने के साथ ही भगवान को भोग-आरती भी समय से हो सकेगी।


जयपुर प्रथम को मिले 29 पुजारी
देवस्थान विभाग की ओर से जयपुर प्रथम में 29 महिला-पुरुष पुजारी समेत अन्य सेवागीर लगाए गए हैं। नौ महिला पुजारी में से कुछ पीएचडी डिग्रीधारी भी हैं। इनमें चार दलित, दो पिछड़ा वर्ग के अलावा बाकी ओबीसी और सामान्य वर्ग के हैं। बीएड, एमएड, पीएचडी की शिक्षा लेने के साथ ही कई पुजारियों ने नेशनल सेमिनार में शिरकत की। वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के अंतर्गत दुर्गापुरा स्टेशन से पहली ट्रेन की रवानगी से पूर्व स्टेशन पर इन पुजारियों ने स्वस्ति पाठ का वाचन किया।

Appe Recipe without Maker: अप्पे एक ऐसा साउथ इंडियन स्नैक है जिसें दही सूजी के बैटर और सब्जियों के मिश्रण के साथ बनाया जाता है। इसें आप नाश्ते में भी खा सकते हैं। विशेषतौर पर बच्चों को यह डिश बेहद पसंद आती है। कमाल की बात ये है कि इन्हें बनाना वास्तव में बेहद आसान है। अप्पे बनाने के लिए मार्केट में इसका सांचा यानी मेकर मिलता है। लेकिन यदि आपके पास मेकर नहीं तो भी टेंशन नहीं लें क्योंकि आप बिना मेकर भी अप्पे बना सकते हैं। तो आइए जानते हैं आसान विधि—

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अप्पे बनाने के लिए सामग्री (Appe without Maker Ingredients)
1 कप सूजी
1 कप दही
आधा प्याज
2 हरी मिर्च
आधा टमाटर
तेल

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बिना सांचे के अप्पे ऐसे बनाएं (Appe without Maker Recipe)
अप्पे बनाने के लिए सूजी का फूलना जरूरी है। इसके लिए सूजी और दही को एक बाउल में डालकर अच्छी तरह फेंटे। इस बैटर को थोड़ा गाढ़ा रखें। बैटर को अच्छी तरह मिक्स करने के बाद इसमें प्याज, हरी मिर्च, टमाटर को बारीक काटकर मिलाएं। अब बैटर को अच्छी तरह से मिक्स करें और फिर ढंककर रख दें जिससें कि यह सेट हो जाए।

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इसके बाद आपको छोटी-छोटी कटोरियां लेनी हैं। इन इन सभी कटोरियों को तेल लगाकर ग्रीस कर लें। फिर इन कटोरियों में बैटर की 2-3 चम्मच भर दें। कटोरियों को आधा ही भरें। अब एक बड़े भगोने में पानी गरम करने के लिए रखें। फिर ऊपर से एक जाली रखें। इन जालियों पर कटोरी रखकर ऊपर से ढक दें। 5-6 मिनट में आपके स्वादिष्ट अप्पे बनकर तैयार हो जाएंगे। इन अप्पे को हरी चटनी के साथ सर्व करके खाएं।

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जयपुर। आषाढ़ शुक्ल द्वितीया पर 20 जून को जगन्नाथपुरी की तर्ज पर छोटीकाशी में भी रथयात्रा महोत्सव का आयोजन होगा। शहर में पहली बार एमआई रोड से रथयात्रा निकाली जाएगी। इसमें 30 फीट ऊंचे रथ में भगवान जगन्नाथ, बलदेवजी व सुभद्राजी विराजमान होकर नगर भ्रमण करेंगे। सैकड़ों भक्तों में भगवान के रथ को खिंचने की होड़ सी मचेगी। ढोल—नगाड़ों व शंखनाद के बीच भक्त हरिनाम संकीर्तन करते हुए आगे बढ़ेंगे।

हरे कृष्ण सांस्कृतिक केन्द्र जगतपुरा की ओर से रथयात्रा का आयोजन किया जा रहा है। मंदिर अध्यक्ष अमितासना दास ने बताया कि रथयात्रा पहली बार एमआई रोड से गुजरेगी। बनीपार्क के जंगलेश्वर महादेव मंदिर से रथ यात्रा शुरू होगी, जो खासाकोठी, गणपति प्लाजा, गवर्नमेंट हॉस्टल चौराह, पांच बत्ती, अजमेरी गेट होते हुए रामनिवास बाग के अल्बर्ट हॉल पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि जगन्नाथपुरी के जैसे ही यहां भी रथयात्रा महोत्सव को साकार किया जाएगा। लवाजमे के साथ निकलने वाली रथयात्रा में भक्त नगाड़े बजाते, हरिनाम संकीर्तन करते हुए आगे बढ़ेंगे। 30 फीट ऊंचे रथ को भक्त हाथों से खिंचेंगे, रथ में हाईड्रोलिक सिस्टम होगा, जो जरूरत के अनुसार छोटा—बड़ा भी सकेगा। उन्होंने बताया कि रथ 30 फीट ऊंचा होने से इस बार चारदीवारी की जगह एमआई रोड से रथयात्रा निकाली जा रही है।

अष्ट धातु के गौर गोविंद विग्रह चांदी के रथ में बैठ करेंगे यात्रा
शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में रथ यात्रा निकाली जाएगी। इस दौरान हरिनाम संकीर्तन होगा। शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में रथ यात्रा महोत्सव का आयोजन होगा। इस दिन सुबह 7 बजे अष्ट धातु के गौर गोविंद विग्रह को चांदी के रथ में विराजमान कर मंदिर के गर्भ गृह के पश्चिम द्वार से होते हुए निज मंदिर की परिक्रमा कराई जाएगी। मंदिर के सेवक नृत्य की छटा बिखेरते हुए हरिनाम संकीर्तन करते हुए चलेंगे। ठाकुरजी को मंदिर में चार परिक्रमा करवाई जाएगी।

रथयात्रा पदों का होगा गायन
सुभाष चौक पानों का दरीबा स्थित शुक संप्रदाय की प्रधान पीठ सरस निकुंज में रथ यात्रा महोत्सव मनाया जाएगा। ठाकुर श्री राधा सरस बिहारी जी सरकार की श्रृंगार झांकी के दर्शन होंगे। इसके बाद निज मंदिर में ठाकुरजी को रथ में विराजमान कर परिक्रमा कराई जाएगी। ठाकुरजी को नवीन पोशाक धारण कराकर केसर-चंदन का लेप किया जाएगा। शुक पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण के सान्निध्य में रथयात्रा पदों के गायन से ठाकुरजी को लाड़ लड़ाए जाएंगे। ठाकुरजी की रथ झांकी की पदावलियों का गायन होगा।

गर्मी का मौसम स्वादिष्ट और सेहतमंद मौसमी पसंदीदा जैसे आम को खाने का समय है। इसी तरह नीचे गर्मियों के खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें आपको गर्म मौसम में सर्वोत्तम स्वास्थ्य के लिए खाना चाहिए। जो आपके शरीर को ठंडा रखेगा। साथ ही इससे गर्मी में होने वाली समस्याएं भी नहीं होंगी।

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खीरा Cucumber
इस चिलचिलाती गर्मी में क्या आप खीरे की तरह ठंडक महसूस करना चाहेंगे? अपने सलाद ट्रे में, ये कुरकुरे फल डालें (हां, यह एक फल है!)। खीरे में कैलोरी, कार्ब्स, नमक, वसा और कोलेस्ट्रॉल सभी प्राकृतिक रूप से कम होते हैं। इसके अतिरिक्त, चूंकि उनमें 95% पानी होता है, वे स्वाभाविक रूप से हाइड्रेट करते हैं, जो ठंडा रहने के लिए आवश्यक है।

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तरबूज Watermelon
सबसे अधिक हाइड्रेटिंग गर्मियों के खाद्य पदार्थों में से एक ताज़ा तरबूज है। इसके अलावा, आकर्षक लाल रंग इंगित करता है कि यह लाइकोपीन की एक केंद्रित आपूर्ति है, वही हृदय-सुरक्षात्मक पदार्थ जो टमाटर में देखा जाता है। मीठे और नमकीन गर्मियों के सलाद में जैतून के तेल के साथ बूंदा-बांदी वाला तरबूज आज़माएं या इसे तेल से ब्रश करें और इसे ग्रिल करें क्योंकि जब आप इसे वसा के साथ खाते हैं तो आप अधिक लाइकोपीन को अवशोषित करते हैं।

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मकई Corn
मकई एक कार्ब-भारी भोजन है जो फाइबर, विटामिन और खनिजों से भी भरपूर होता है। हालांकि, इसमें प्रोटीन और वसा की मात्रा भी कम होती है, जो इसे गर्मियों के लिए एक शानदार साइड डिश या स्नैक बनाती है।

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चेरी Cherries
गर्मी में आनंद लेने के लिए सबसे सुखद फलों में से एक चेरी है। पॉलीफेनोल्स इसमें प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। पौधों के यौगिकों का एक व्यापक वर्ग जो सेलुलर क्षति से बचाता है, सूजन को कम करता है, और सामान्य स्वास्थ्य को आगे बढ़ाता है, चेरी हैं।


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खरबूजे Melons
क्या गर्मियों में कुछ ठंडा खरबूजे खाने से ज्यादा स्वादिष्ट कुछ है? इस फल से आप विटामिन सी की एक महत्वपूर्ण मात्रा प्राप्त करेंगे।

 

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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राजधानी में मरीज के पेट में कैंची छोड़ने का मामला सामने आया है। हालांकि यह कैंची परिजन को गुरुवार को मोक्षधाम में अस्थियां चुनने के दौरान मिली। मृतक के पुत्र ने डॉक्टरों पर पिता की सर्जरी के दौरान पेट में कैंची छोडऩे का आरोप लगाते हुए जवाहर सर्कल थाने में लिखित में शिकायत दी है। मानसरोवर निवासी मृतक उपेंद्र शर्मा के पुत्र कमल ने बताया कि उन्होंने 29 मई को बाइपास सर्जरी के लिए पिता को फोर्टिस अस्पताल में भर्ती करवाया था।

यहां 30 मई को ऑपरेशन किया गया। इसके बाद डॉक्टकों ने बिना पूछे उनके पिता की दूसरी सर्जरी कर दी। 4 लाख जमा करवा लिए। 12 जून की रात करीब 8 बजे उनके पिता की मौत हो गई। अगले दिन अंतिम संस्कार कर दिया। गुरुवार को मोक्षधाम में अस्थियां लेने गए तो वहां कैंची मिली। जबकि अस्पताल प्रशासन ने परिजन के आरोपों को निराधार बताया है।
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थानाधिकारी सुरेन्द्र सैनी का कहना है कि पीड़ित पक्ष की तरफ दी गई रिपोर्ट पर परिवाद दर्ज कर मामले की जांच के लिए एसएमएस अस्पताल रिपोर्ट दी है।

परिजन का आरोप झूठा
फोर्टिस अस्पताल जयपुर के क्षेत्रीय निदेशक नीरव बंसल का कहना है कि परिजन का आरोप झूठा और दुर्भावनापूर्ण है। अस्पताल के पास सर्जरी के बाद की समस्त जांच रिपोर्ट व एक्सरे हैं, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि मरीज के शरीर के अंदर कोई सर्जिकल कैंची या अन्य कोई बाहरी वस्तु नहीं थी।
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मंत्री ने गठित की कमेटी
चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीणा के निर्देश पर मामले की जांच के लिए विभाग ने निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ.रविप्रकाश माथुर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है। समिति में अतिरिक्त निदेशक अस्पताल प्रशासन सुशील कुमार परमार एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर द्वितीय बीएल मीणा को शामिल किया गया है।

केदारनाथ त्रासदी के 10 साल पूरे : सदी की आपदा, दशक का सबक

10 Years of Kedarnath Tragedy : 16-17 जून, 2013... केदारनाथ धाम का वो प्रलयकारी मंजर! जिन्होंने प्रत्यक्ष देखा, उनकी आंखों में हमेशा के लिए समा गया, जिसने सुना, बिसरा नहीं सका और जिसने भोगा उसके घाव आज भी हरे हैं। ऐसा क्यों हुआ था? भक्तों पर यह आपदा क्यों आन पड़ी? कितनों के तो मृत शरीर भी नहीं मिले, कितनों की बर्फ में जीवित समाधि बन गई तो कितनों की (kedarnath flood story) जल समाधि, कोई आंकड़ा कभी पूरा न हो सका। इन सवालों में सबसे बड़ा सवाल यही है प्रकृति के इस प्रलयकारी तांडव से हमने सबक सीखा या नहीं?

शालिनी अग्रवाल
केदारनाथ. भोलेनाथ की नगरी केदारनाथ (Kedarnath Dham) को श्रद्धा और आस्था की नगरी भी कहा जाता है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां बाबा का आशीर्वाद लेने आते हैं। लेकिन आज से ठीक दस साल पहले भोलेनाथ की यही धार्मिक नगरी प्रलय का ऐसा (kedarnath flood story) मंजर लेकर आई थी, जिसे देखकर और सुनकर सभी हैरान थे। उस प्रलय में हजारों लोगों की मौत हुई थी। सैकड़ों लोग लापता हो गए थे, उनमें कुछ का पता आज तक नहीं चला। दस साल में यहां क्या बदला और प्रलय के उस मंजर से हमने क्या सबक लिया। इन्हीं सवालों का जवाब तलाशने मैं बाबा की नगरी पहुंची। महसूस किया कि आस्था के साथ बढ़ते पर्यटन के कदमताल ने प्रकृति के साथ प्रशासन को भी बेहाल कर दिया है। प्रलय (kedarnath flood story) के बाद भी आस्था में कोई कमी नहीं आई और
2014 के मुकाबले श्रद्धालुओं की संख्या 70 गुना तक पहुंच गई है।

ऐसे बढ़ते गए श्रद्धालु

2013.................. 3 32 240 (16 जून से पहले)
2014................................. 27,463
2015................................. 1,54,430
2016................................. 3,०9,746
2017................................. 4,71,235
2018................................. 7,32,241
2019................................. 10,०००,21
2020................................. 1,30,551
2021............................... 2,42,712
2022............................. 15,59,778
2023 ............................. अब तक 8,०००,०० पार
(श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अनुसार)

-बदलता मौसम, इंतजाम नाकाफी

यहां का मौसम पूरे रास्ते हर पल बदलता रहता है। हमें तो रेनकोट में ही पूरा सफर तय करना पड़ा। भीड़, घोड़े और खच्चरों की गंदगी और फिसलन के बीच जैसे-तैसे पहुंच जाते हैं तो दर्शनों के लिए घंटों कतार में लगना होता है। आप रात में मंदिर के पास रुकने का मन बनाते हैं तो फिर भारी पैसे भी खर्च करने होते हैं। टैंट में रहना है। महिलाएं और बच्चे साथ हों तो परेशानी कई गुना बढ़ जाती है। यही हाल गौरीकुंड का भी हैं, जहां आपको 2000 रुपए के कमरे के लिए 10 हजार रुपए तक खर्च पड़ सकते हैं।

- रजिस्ट्रेशन के मायने नहीं... Registration of kedarnath yatra

जयपुर से जब हम रजिस्ट्रेशन करवाकर सोनप्रयाग पहुंचे तो लगा कि रास्ते में चैकिंग रहेगी, लेकिन वहां जाकर देखा कि कई बार लोग रजिस्ट्रेशन करवाकर भी नहीं आते और जो कराकर जाते हैं, उनकी ठीक चैकिंग नहीं हो रही है, यात्रियों के हुजूम के आगे ऐसा संभव भी नहीं लगता। एक श्रद्धालु ने बताया कि उन्होंने किसी और के रजिस्ट्रेशन पर दर्शन किए।

- घोड़े वालों की मनमानी

पैदल रास्ते में घोड़े, खच्चर और पिटठू वालों के साथ यात्रा करनी होती है। पूरे रास्ते में कई बार एक ही घोड़े वाला तीन-चार घोड़ों को लेकर चलते मिलते हैं। वह एक को पकड़ता तो बाकी भगदड़ में खुद घायल हो जाते हैं या यात्री चोटिल हो जाते हैं। हाल ही यात्रियों से मारपीट करने का वीडियो भी वायरल हो रहा है।

-सबक जो नहीं लिए

वर्ष 2013 के बाद हुए अध्ययन का निचोड़ था कि आपदा प्रकृति (2013 Kedarnath flood disaster) के साथ छेड़छाड़ का नतीजा है। आज प्रतिदिन वहां करीब 25 हजार श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इनके अलावा प्रशासन के लोग, दुकानदार, तीर्थ पुरोहित और सुरक्षाकर्मी भी मौजूद हैं। इस तरह करीब 40 हजार लोग प्रतिदिन वहां रह रहे हैं। पूरे साल भारी-भरकम मशीनें वहां चल रही हैं। इसी सीजन में केदारनाथ में तीन बार ग्लेशियर टूट चुके हैं। मतलब त्रासदी के बाद भी हमने कोई सबक नहीं लिया है।

-सच जानते केवल बाबा केदार

सरकारी आंकड़ों के अनुसार आपदा (2013 Kedarnath flood disaster) में 5000 से ज्यादा मौतें हुई थीं, वहीं 13 हजार लोग फंस गए थे। आपदा के तुरंत बाद 19 जून को केदारनाथ पहुंचे प्रत्यक्षदर्शी कुलदीप राणा बताते हैं कि आपदा में मरने वालों की संख्या तकरीबन 25 हजार थी। साधु-संतों का कोई आंकड़ा नहीं था। वहीं, मिनी नेपाल कहे जाने वाले गौरीकुंड में मारे गए नेपाली नागरिकों की भी कोई गिनती नहीं हुई।


-आज भी याद है वो मंजर

'15 जून,2013 की शाम पर जब गौरीकुंड पहुंचे तो मौसम खराब हो चुका था। सुबह उठे तो चारों ओर कोहरा था, सामने नदी बुरी तरह से उफन रही थी। सारे होटल, घोड़े, खच्चर बह चुके थे। चार दिन-चार रात वहीं फंसे रहे। भाग्यशाली रहे कि वहां से किसी तरह पूरा परिवार सुरक्षित लौट आया।' -कन्हैयालाल (प्रलय के प्रत्यक्षदर्शी)

'मेरे माता-पिता 2013 में केदारनाथ गए थे और वहां प्रलय (2013 Kedarnath flood disaster) आ गई और वे कभी नहीं लौटे। उनके साथ सैकड़ों लोग लापता हो गए और बहुत लोगों की मौत हो गई थी। यह दर्द कभी नहीं भुला पाएंगे। प्रकृति के साथ खिलवाड़ बंद होना चाहिए।' -संदीप, शाहपुरा

यदि आपको मधुमेह, उच्च रक्तचाप, गुर्दे की विफलता का पारिवारिक इतिहास है, या यदि आप 60 वर्ष से अधिक उम्र के हैं और गुर्दे की बीमारी का खतरा है। इसलिए हर साल गुर्दे की बीमारी का परीक्षण कराना महत्वपूर्ण है। यहां कुछ संभावित संकेतक दिए गए हैं कि आपको गुर्दे की बीमारी हो सकती है। फिर भी सुनिश्चित करने का एकमात्र तरीका परीक्षण करना है।

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आपकी त्वचा का रूखी और रूखी होना Your skin is scratchy and dry
स्वस्थ गुर्दे के कार्य व्यापक हैं। वे लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने में मदद करते हैं, हड्डियों को स्वस्थ रखते हैं, आपके शरीर से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को हटाते हैं, आपके रक्त में खनिजों के उचित स्तर को बनाए रखते हैं और लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में सहायता करते हैं। जब गुर्दे आपके रक्त में खनिजों और पोषक तत्वों के उचित संतुलन को बनाए रखने में असमर्थ होते हैं, तो गुर्दे की गंभीर बीमारी अक्सर खनिज और हड्डी की बीमारी के साथ हो सकती है, जो शुष्क और खुजली वाली त्वचा के रूप में प्रकट हो सकती है।

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पेशाब करने की तीव्र इच्छा High urge to urinate
अधिक बार पेशाब करने की आवश्यकता, विशेष रूप से रात में, गुर्दे की बीमारी का संकेत हो सकता है। पेशाब करने की इच्छा में वृद्धि गुर्दे के फिल्टर को नुकसान पहुंचा सकती है। यह कभी-कभी पुरुषों में मूत्र संक्रमण या बढ़े हुए प्रोस्टेट का संकेत भी दे सकता है।

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आपकी आंखों के आसपास सूजन Puffiness around your eyes
एक प्रारंभिक संकेत है कि गुर्दे के फिल्टर में खराबी आ गई है और प्रोटीन आपके मूत्र के साथ निकल रहा है, मूत्र में प्रोटीन की उपस्थिति है। हो सकता है कि आपकी किडनी इसे जमा करने के बजाय मूत्र में बहुत अधिक प्रोटीन छोड़ रही हो, यही कारण है कि आपकी आंखों के आसपास सूजन हो सकती है।

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आपके टखनों और पैरों में सूजन आ गई है You have swollen ankles and feet
गुर्दे की कम कार्यक्षमता के कारण नमक प्रतिधारण के परिणामस्वरूप आपके पैर और टखनों में सूजन हो सकती है। इसके अतिरिक्त, निचले अंगों में सूजन हृदय रोग, यकृत रोग, या लगातार पैर की नसों की समस्या का लक्षण हो सकता है।

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आपकी भूख कमजोर है Your appetite is weak
लंबे समय तक भूख न लगने को नज़र अंदाज़ नहीं करना चाहिए। यह एक अपेक्षाकृत व्यापक लक्षण है, लेकिन इसका एक कारण बिगड़ा हुआ गुर्दा द्वारा लाए गए विषाक्त पदार्थों का निर्माण हो सकता है।

 

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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जयपुर. प्रदेश में नेतृत्व की कमी से जूझ रही भाजपा का सहारा केंद्रीय नेता ही बने हुए हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी के लगातार 2 दौरों के बाद अब इस माह के अंत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का राजस्थान दौरा तय किया जा रहा है।

पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री शाह का उदयपुर दौरा होगा। शाह का इस माह में आने का कार्यक्रम तो तय कर दिया है, लेकिन वे आएंगे कब? इसे लेकर उच्च स्तर पर मंथन जारी है। शाह के आने की संभावित तिथि 23 जून भी बताई जा रही है। वे यहां एक बड़ी जनसभा को संबोधित कर सकतेे हैं। इससे पहले पीएम नरेन्द्र मोदी मानगढ़ धाम में भी सभा कर चुके हैं।

भाजपा को मेवाड़-वागड़ में नेतृत्व की कमी अखर रही
: भाजपा मेवाड़-वागड़ में पिछले कुछ चुनावों से लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में सरकार नहीं बनने के बाद भी उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद की 23 सीटों में से भाजपा को दस सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस 9 सीटें ही जीत पाई थी। बीटीपी ने भी इस चुनाव में दो सीटें जीती थी, लेकिन इस बार पार्टी इस क्षेत्र में किस तरह से चुनाव लड़े। यह पशोपेश बना हुआ है। इस बार पार्टी के साथ सबसे बड़ी दिक्कत ऐसे चेहरे की है, जो मेवाड़-वागड़ में चुनाव को संभाल ले। मेवाड़ के कद्दावर नेता गुलाब चंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाया जा चुका है, जबकि किरण माहेश्वरी का निधन हो चुका है। पार्टी ने चित्तौड़गढ सांसद सी.पी. जोशी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर इस क्षेत्र को साधने की कोशिश तो की है।

सीएम के दौरे बढा रहे बेचैनी

सीएम अशोक गहलोत लगातार मेवाड़-वागड़ का दौरा कर रहे हैं। आए दिन कोई न कोई घोषणा कर भाजपा की बेचैनी बढ़ाए हुए हैं। इसी काट में भाजपा ने पहले तो केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव और फिर राष्ट्रीय मंत्री अलका गुर्जर की प्रेसवार्ता करवा यह बताने की कोशिश की है कि डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, उदयपुर, राजसमंद सहित 7 जिलों में ओबीसी के डांगी और देवासी सहित अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियों के प्रमाण पत्र नहीं बनाए जा रहे हैं। इस बहाने सीएम पर निशाना भी साधा जा रहा है। माना जा रहा है कि शाह जब उदयपुर आएंगे तो उनके भाषण में यह मुद्दा जरूर हावी रहेगा।


छात्रों से संवाद कर सकते हैं नड्डा
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा का कोटा दौरा तय किया जा रहा है। यह भी आज-कल में तय हो जाएगा। इस दौरान वे बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे और एक कार्यक्रम उनका छात्रों के साथ भी हो सकता है। कोटा को कोचिंग हब माना जाता है, ऐसे में पार्टी यह विचार कर रही है कि उनका छात्र संवाद का कार्यक्रम भी रखा जाए।

Rava Kachori Recipe: अगर आपको स्नैक्स पसंद और कुछ नया टाई करना चाहते हैं तो रवा कचौड़ी एक लजीज़ और पौष्टिक नाश्ता है। इसको आप अपने परिवार और मेहमानों को घर पर आसानी से बनाकर खिला सकते हैं। यदि आप शाम को स्नैक्स में कुछ टेस्टी खाना चाहते हैं तो रवा कचौड़ी बेस्ट है। इसको आप फटाफट बना सकते हैं। इसको बच्चे-बड़े सभी शौक से खाते हैं। इस स्वादिष्ट कचौड़ी को आप हरी या मीठी चटनी के साथ खा सकते हैं। तो आइए जानते हैं रवा कचौड़ी बनाने की आसान विधि—

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रवा कचौड़ी बनाने के लिए सामग्री (Rava Kachori Ingredients)
1 कप रवा (सूजी)
1/2 चम्मच अजवाइन
1/4 चम्मच हींग
तेल (तलने के लिए)
1 कप पानी
नमक स्वादानुसार
भरने के लिए-
1/2 कप उबले हुए आलू (कुचले हुए)
1/4 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
1/4 चम्मच धनिया पाउडर
1/4 चम्मच अमचूर पाउडर
1/4 चम्मच जीरा
स्वादानुसार नमक

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रवा कचौड़ी बनाने की विधि (Rava Kachori Recipe)
एक चौड़ी कढ़ाही में तेल गर्म करें और इसके बाद उसमें अजवाइन और हींग डालकर चटकने दें। अब इसमें सूजी (रवा) डालकर मध्यम आंच पर हल्का गुलाबी होने तक भूने। फिर 1 कप गर्म पानी में स्वादानुसार नमक मिलाएं और इसे धीरे-धीरे सूजी में डालकर नरम होने तक गूंथें।

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ऐसे करें रवा कचौड़ी की स्टफिंग (Rava Kachori Stuffing)
इसके बाद स्टफिंग तैयार करने के लिए गैस पर कढ़ाही रखकर उसमें 2 बड़े चम्मच तेल डालें, इसके बाद इसमें 1/4 चम्मच जीरा, अजवाइन, धनिया पाउडर, अमचूर पाउडर और लाल मिर्च पाउडर डाल दें। इसमें स्वाद के अनुसार नमक मिलाकर इन सबको हल्का भूनें। फिर मसाले में उबले हुए आलू को अच्छी तरह मैश कर मिलाएं और 3-4 मिनट तक भूनें। अब गुथे हुए आटे की छोटी-छोटी लोई बना लें। इसके बाद लोई को थोड़ा फैलाकर इसके बीच में स्टफिंग कर लें।

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फिर इसें चारों तरफ से बंद करके कचौड़ी का आकार बना लें। इस तरह सभी कचौड़ियां तैयार कर लें। अब एक कढ़ाही में तेल गर्म करें और उसमें तैयार किए गए रवा कचौड़ी को डालकर सुनहरे और कुरकुरे होने तक तलें। लो जी, इसके बाद तैयार है आपकी स्वादिष्ट रवा कचौड़ी। इस रवा कचौड़ी को गरमा-गरम मीठी चटनी या हरी चटनी के साथ खाएं।

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Of India Narendra Modi) अगले हफ्ते अमेरिका (United States Of America) के 4 दिवसीय दौरे पर जाने वाले हैं। पीएम मोदी का यह दौरा 21-24 जून तक रहेगा। इस दौरान पीएम मोदी कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे और अमेरिका के कई राजनेता, बिज़नेसमैन और दूसरे प्रभावी लोगों से मिलेंगे। पीएम मोदी के इस अमेरिका दौरे के दौरान 22 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) और उनकी पत्नी और फर्स्ट लेडी ऑफ अमेरिका जिल बाइडन (Jill Biden) पीएम मोदी के स्वागत में व्हाइट हाउस में रात्रिभोज का भी आयोजन करेंगे। इससे पहले 22 जून के ही दिन पीएम मोदी एक और काम भी करेंगे।


पीएम मोदी करेंगे अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित

पीएम मोदी अपने अमेरिका के दौरे के दौरान अमेरिकी कांग्रेस को भी संबोधित करेंगे। पीएम मोदी का अमेरिकी कांग्रेस (US Congress) को संबोधन 22 जून को होगा। पीएम मोदी इस दौरान अमेरिकी कांग्रेस को जॉइंट सिटिंग के दौरान संबोधित करेंगे और कई अहम विषयों पर बातचीत करेंगे। पीएम मोदी का यह अमेरिकी दौरा काफी अहम माना जा रहा है। ऐसे में उनका अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करना एक बड़े मौके से कम नहीं है।

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पीएम मोदी से पहले 5 भारतीय पीएम कर चुके हैं ऐसा


पीएम मोदी का 22 जून को अमेरिकी कांग्रेस का संबोधित करना पहला अवसर नहीं होगा जब एक भारतीय प्रधानमंत्री अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी से पहले 5 दूसरे भारतीय पीएम भी ऐसा कर चुके हैं। आइए उन पर एक नज़र डालते हैं और यह भी जानते हैं कि उन्होंने किस तारीख को अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया था।

भारतीय पीएम संबोधन की तारीख
जवाहरलाल नेहरू 13 अक्टूबर, 1949
राजीव गांधी 13 जून, 1985
पी.वी. नरसिम्हा राव 18 मई , 1994
अटल बिहारी वाजपेयी 14 सितंबर, 2000
मनमोहन सिंह 19 जुलाई, 2005


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जयपुर @ पत्रिका. विधानसभा चुनाव के चल रही तैयारियों के बीच सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा के थिंक टैंक में इन दिनों बेचैनी है। दरअसल बेचैनी की वजह लगातार हार वाली सीटें हैं, जहां दोनों ही दलों को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में दोनों ही दल हार का क्रम किस प्रकार तोड़ पाए इसी जद्दोजहद में जुटे हुए हैं। भाजपा के मुकाबले कांग्रेस को इस मामले में ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल प्रदेश में 52 सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस को लगातार तीन बार हार का सामना करना पड़ रहा है, वहीं भाजपा को 14 सीटों पर लगातार हार का सामना करना पड़ा है।


कांग्रेस: माइक्रो मैनेजमेंट के तहत तैयारी शुरू

लगातार जिन सीटों पर पार्टी को हार मिल रही है उन पर जीत के लिए कांग्रेस थिंक टैंक ने भी अब नए सिरे से रणनीति तैयार करना शुरू कर दी है। इसके लिए बकायदा माइक्रो मैनेजमेंट के तहत चुनावी तैयारियां शुरू की गई हैं। साथ ही पार्टी के अग्रिम संगठनों के नेताओं को भी इन सीटों की जिम्मेदारी दी जाएगी। वहीं चर्चा यह भी है कि लगातार हार रही सीटों पर चुनावी चेहरे भी बदलने की रणनीति बनाई जा रही है।

यहां चार बार से ज्यादा हारी कांग्रेस

वहीं कई सीटें ऐसी भी हैं जहां कांग्रेस को चार या उससे ज्यादा बार हार का सामना करना पड़ रहा है। उन सीटों में बाली, पाली, सूरसागर, झालरापाटन, खानपुर और उदयपुर शहर है। 2008 में सूरसागर रिजर्व सीट से सामान्य हुई थी।

5 सीटें ऐसी जहां पर 3 बार से लगातार जीती

वहीं 200 में से केवल चार सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस को लगातार तीन बार से जीत मिल रही है। इनमें सरदारपुरा, झुंझुनूं, लक्ष्मणगढ़ और बागीदौरा, बाड़मेर है। सरदारपुरा से अशोक गहलोत लगातार 5वीं बार विधायक हैं।

इन सीटों पर मिल रही लगातार 3 बार से हार

श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, भादरा, बीकानेर पूर्व, रतनगढ़, उदयपुरवाटी, खंडेला, शाहपुरा, फुलेरा, विद्याधर नगर, मालवीय नगर, सांगानेर, बस्सी, किशनगढ़ बास, बहरोड, थानागाजी, अलवर शहर, नगर, नदबई, धौलपुर, महवा, गंगापुर, मालपुरा, अजमेर नॉर्थ, अजमेर साउथ, ब्यावर, नागौर, खींवसर, मेड़ता, जैतारण, सोजत, मारवाड़ जंक्शन, भोपालगढ़, सिवाना, भीनमाल, सिरोही, रेवदर, उदयपुर, घाटोल, कुशलगढ़, राजसमंद, आसींद, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा साउथ, लाडपुरा, रामगंज मंडी है।

भाजपा: जीत के लिए बनाई रणनीति

सूत्रों के अनुसार भाजपा यह मान कर चल रही कि 180 सीटों पर तो पार्टी चुनावी पाला मांडने में कामयाब हो जाती है। इन सीटों में से करीब 27 सीटें तो ऐसी हैं, जहां लगातार तीन बार से भाजपा चुनाव जीतती आ रही है। शेष सीटों पर कभी हार तो कभी जीत मिल रही है। 19 सीटों पर तमाम प्रयास के बाद भी जीत नहीं मिल पा रही है। बताया जा रहा है कि इन 19 सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए जो रणनीति बनाई गई है, उसके तहत सबसे पहले इन सीटों पर उन प्रभावशाली व्यक्तियों से संपर्क किया जा रहा है, जो किसी न किसी रूप में बड़े वोट बैंक को प्रभावित करते हों। ऐसे नेता जो इन क्षेत्रों में बागी होकर चुनाव लड़ चुके हैं। उन्हें भी फिर से पार्टी में शामिल किया जा रहा है। संगठन की कमजोर स्थिति के कारण ढूंढे जा रहे हैं और उनको दूर करने पर काम किया जा रहा है।

इन सीटों पर लगातार जीत रही भाजपा

बीकानेर पूर्व, रतनगढ़, फुलेरा, विद्याधर नगर, मालवीय नगर, अलवर शहर, अजमेर उत्तर, अजमेर दक्षिण, ब्यावर, नागौर, सोजत, पाली, बाली, सूरसागर, सिवाना, भीनमाल, रेवदर, उदयपुर, राजसमंद, आसींद, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा दक्षिण, लाडपुरा, रामगंजमंडी, झालरापाटन, खानपुर।

ये सीटें भाजपा के लिए चिंता का विषय

झुंझुनूं, नवलगढ़, खेतड़ी, फतेहपुर, लक्ष्मणगढ़, दातारामगढ़, कोटपूतली, बस्सी, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़, बाड़ी, टोडाभीम, सपोटरा, सिकराय, लालसोट, सरदारपुरा, बाड़मेर, सांचोर, वल्लभनगर, बागीदौरा।

3 से ज्यादा बार कब्जा

प्रदेश की जिन 27 सीटों पर पार्टी जीत रही है, उनमें से बाली और पाली ऐसी सीट है, जहां पांच बार से लगातार भाजपा जीत रही है। इसी तरह अजमेर शहर की दोनों सीटें, झालरापाटन पर भाजपा चार बार से लगातार जीत दर्ज कर रही है।

जयपुर। प्रदेश कांग्रेस में हाल ही में हुई 85 सचिवों की नियुक्ति पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने आगामी आदेशों तक रोक लगा दी है। अब एआईसीसी को सचिवों की नियुक्ति पर फैसला करना है, जब तक फैसला नहीं होता है तब तक रोक जारी रहेगी।


जानकार सूत्रों की माने तो आमतौर पर प्रदेश सचिव की नियुक्ति भी एआईसीसी के संगठन महामंत्री करते हैं लेकिन इस बार प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की सहमति के बाद प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने स्तर पर ही सचिवों की सूची जारी कर दी थी। बताया जा रहा है कि इन नियुक्तियों से पार्टी हाईकमान भी नाखुश हैं और इसी के चलते सचिवों की नियुक्ति पर रोक लगाई गई है।

शिकायतें भी पहुंची थी दिल्ली

वहीं कांग्रेस गलियारों में चर्चा यह भी है कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से जारी की गई सचिवों की जंबो सूची में ज्यादातर ऐसे चेहरों को शामिल किया गया था जिनको संगठनात्मक कामकाज का अनुभव नहीं है और नेताओं की सिफारिश से पीसीसी सचिव बने थे, इसकी शिकायतें भी दिल्ली पहुंची थी जिसके बाद एआईसीसी ने सचिवों की नियुक्ति पर रोक का फैसला लिया है।

गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से 27 मई को 85 सचिवों की जंबो सूची जारी की गई थी। हालांकि सूची जारी होने के बाद से ही विवादों में रही। दरअसल विवाद की वजह यह है कि सूची में जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर नेताओं की परिक्रमा करने वाले लोगों को सचिव बनाया गया था। इनमें अधिकांश चेहरे ऐसे भी हैं जो हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं।

वीडियो देखेंः- CM Ashok Gehlot ने चलाई टिकटों की हवा.. मायने क्या..? | Rajasthan Politics

फिरोज सैफी/जयपुर।

विधानसभा चुनाव के चल रही तैयारियों के बीच सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा के थिंक टैंक में इन दिनों बेचैनी है। दरअसल बेचैनी की वजह लगातार हार वाली सीटें हैं जहां पर दोनों ही दलों को हार लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में दोनों ही दल हार का क्रम किस प्रकार तोड़ पाए इसी जद्दोजहद में जुटे हुए हैं। हालांकि भाजपा के मुकाबले कांग्रेस को इस मामले में ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। दऱअसल प्रदेश में 52 सीटें ऐसी हैं जहां पर कांग्रेस को लगातार तीन बार से हार का सामना करना पड़ रहा है वहीं भाजपा को 14 सीटों पर लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है।

कांग्रेस थिंक टैंक भी जुटा नई रणनीति में
लगातार जिन सीटों पर पार्टी को हार मिल रही है उन पर जीत के लिए कांग्रेस थिंक टैंक ने भी अब नए सिरे से रणनीति तैयार करना शुरू कर दी है। इसके लिए बकायदा माइक्रो मैनेजमेंट के तहत चुनावी तैयारियां शुरू की गई हैं साथ ही पार्टी के अग्रिम संगठनों के नेताओं को भी इन सीटों की जिम्मेदारी दी जाएगी। वहीं चर्चा यह भी है कि लगातार हार रही सीटों पर चुनावी चेहरे भी बदलने की रणनीति बनाई जा रही है।

इन सीटों पर मिल रही कांग्रेस को लगातार तीन बार से हार
श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, भादरा, बीकानेर पूर्व, रतनगढ़, उदयपुरवाटी, खंडेला, शाहपुरा, फुलेरा, विद्याधर नगर, मालवीय नगर, सांगानेर, बस्सी, किशनगढ़ बास, बहरोड, थानागाजी, अलवर शहर, नगर, नदबई, धौलपुर, महवा, गंगापुर, मालपुरा, अजमेर नॉर्थ, अजमेर साउथ, ब्यावर, नागौर, खींवसर, मेड़ता, जैतारण, सोजत, मारवाड़ जंक्शन, भोपालगढ़, सिवाना, भीनमाल, सिरोही, रेवदर, उदयपुर, घाटोल, कुशलगढ़, राजसमंद, आसींद, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा साउथ, लाडपुरा, रामगंज मंडी है।

इन सीटों पर चार बार से ज्यादा हारी कांग्रेस
वहीं कई सीटे ऐसी भी हैं जहां कांग्रेस को चार या उससे ज्यादा बार हार का सामना करना पड़ रहा है उन सीटों में बाली, पाली, सूरसागर, झालरापाटन, खानपुर और उदयपुर शहर है। 2008 में सूरसागर रिजर्व सीट से सामान्य हुई थी।

केवल 5 सीटें ऐसी जहां पर तीन बार से लगातार जीत रही कांग्रेस
वहीं 200 में से केवल चार सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस को लगातार तीन बार से जीत मिल रही है। इनमें सरदारपुरा, झुंझुनूं, लक्ष्मणगढ़ और बागीदौरा, बाड़मेर है। सरदारपुरा से अशोक गहलोत लगातार 5वीं बार विधायक हैं।

वीडियो देखेंः- CM Ashok Gehlot ने चलाई टिकटों की हवा.. मायने क्या..? | Rajasthan Politics

आटे की महंगाई से परेशान होते आम आदमी को राहत देते हुए सरकार ने 15 साल में पहली बार गेहूं पर स्टॉक लिमिट लगाई थी, जिसका असर अब थोक मंडियों में दिखना शुरू हो गया है। स्टॉक सीमा लगने से इसकी कीमतों में 100 से 150 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई है, जिसके अनुपात में आटा, मैदा एवं सूजी के दामों में भी नरमी दर्ज की जा रही है। स्टॉक सीमा फिलहाल 31 मार्च 2024 तक लागू रहेगी। इस बीच, सरकार ने खुला बाजार बिक्री योजना के तहत पहले चरण में केन्द्रीय पूल से थोक उपभोक्ताओं एवं व्यापारियों को 15 लाख टन गेहूं बेचने का भी फैसला किया है।

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गेहूं में आ सकती और मंदी

खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि स्टॉक सीमा लगने के बाद जयपुर मंडी में गेहूं मिल डिलीवरी के भाव 2250 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास रह गए हैं। एफसीआई के टेंडर किस भाव पर जारी होंगे, लेकिन अभी भविष्य के गर्त में है लेकिन, टेंडर यदि नीचे भावों पर जारी होते हैं, तो गेहूं में और मंदी आ सकती है। उल्लेखनीय है कि कुछ महीनों में गेहूं के भावों में तेजी दर्ज की गई थी। मंडी स्तर पर गेहूं की कीमतें करीब 8 फीसदी मजबूत हुई हैं। हालांकि, सरकार का गेहूं पर आयात शुल्क कम करने के बारे में फिलहाल बदलाव की कोई योजना नहीं है। क्योंकि, देश में गेहूं की कोई कमी नहीं है। गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध भी जारी रहेगा। परिणामस्वरूप गेहूं में और मंदी आने के संकेत हैं। गेहूं पर स्टॉक सीमा तय होने से आटा, मैदा एवं सूजी के भाव भी नीचे आने की संभावना बन गई है।

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Rubiks Cube World Record 2023 : अमरीका के कैलिफोर्निया में आयोजित एक प्रतियोगिता में दिमागी कसरत के लिए स्पीड रुबिक क्यूबिंग का आयोजन हुआ। यहाँ के एक बन्दे ने वाकई में कमाल कर दिया। इस बन्दे ने 3 सेकंड से भी कम टाइम में इसे सॉल्व कर दिया। इस बन्दे का नाम मैक्स पार्क (Max Park) है और उम्र केवल 21 साल है। लेकिन इतनी कम उम्र में इस बन्दे ने वो काम किया है, जो आसानी से कोई नहीं कर सकता। रुबिक क्यूब को सॉल्व करने पर मैक्स को गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स हॉल ऑफ फेमर का अवॉर्ड भी दिया गया।

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रुबिक क्यूब (Rubik Cube) को इतने कम समय में सॉल्व करना सच में हैरान करने वाली बात है। यह इतने कम समय में किया गया कि किसी को इस बारे में यकीन ही नहीं हो रहा है। अब आप खुद सोचेंगे कि आपको इस पोस्ट को पढ़ते हुए जितना टाइम लगा, उससे भी कम समय में मैक्स ने इसको सॉल्व कर दिया।

कहाँ हुई थी यह प्रतियोगिता?

इस प्रतियोगिता का आयोजन अमरीका (America) के कैलिफोर्निया (California) में 11 जून को हुआ था। इसमें कई लोगों ने भाग लिया था। लेकिन जब आयोजन शुरू हुआ, तब मैक्स ही एक ऐसे था जिसने इस प्रतियोगिता में भाग लेकर 5 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। इससे पहले का रिकॉर्ड चीन (China) के युशेंग डू (Yusheng Du) के नाम था। उसने 3x3x3 रूबिक क्यूब को 3.47 सेकंड में सॉल्व किया था। अब मैक्स का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Guinness World Records) में दर्ज हो गया है।

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पुराने रिकॉर्ड को तोड़कर बनाया नया वर्ल्ड रिकॉर्ड

अमरीका के मैक्स ने इस रिकॉर्ड को 3.13 सेकंड से भी कम समय में पूरा करते हुए पिछले रिकॉर्ड को 0.34 सेकंड से भी कम समय तोड़ दिया। और जैसे ही मैक्स ने ये जीत हासिल कि वैसे ही गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स ने उनका वीडियो अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट (Twitter Account) पर शेयर (Share) कर दिया। इस वीडियो में आसानी से देखा जा सकता है कि मैक्स इस रुबिक क्यूब को एक झटके में सॉल्व कर देता है। लेकिन वहाँ मौजूद वो लोग जिओ इसे देख रहे थे या फिर जिसने भी इसका वीडियो देखा, उनको भी इस बारे में यकीन नहीं हो रहा कि मैक्स एक ही झट्के में इसको कैसे सॉल्व कर सकता है। उसका हमेशा से एक ही सपना था कि वो सभी के रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दे और उसकी मेहनत इस प्रतियोगिता में काम आई इस रिकॉर्ड के बाद उसे पूरी दुनिया से बधाईयाँ मिल रही हैं।

वीडियो में देखे, मैक्स ने कैसे किया ये कमाल (Viral Video) :-


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मैक्स पार्क ने किया अपनी खुशी का इजहार :-

अमरीका के रहने वाले इस युवक ने कैलिफ़ोर्निया में आयोजित इस प्रतियोगिता में कुछ ऐसा कर दिया, जिससे लोग हैरत में रह गए। और यह करने के बाद उनकी खुशी का अंदाजा नहीं था। उसने इस रिकॉर्ड को केवल 3.13 सेकंड में 3x3x3 रूबिक क्यूब को सॉल्व कर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि यह खेल उनके दिमाग में सोते जागते चलता रहता था। और इस खेल को वह रोज खेलते रहते थे। उनका यह भी कहना हैं कि कभी जीवन में हार नहीं माननी चाइए। चाहें कितनी भी परेशानियां, आपके जीवन में क्यों न आ जाए। अगर आपका हौसला बुलंद हैं तो आपकी जीत अवस्य होगी। आपकी जीत को कोई नहीं रोक सकता। उनका हमेशा से एक ही सपना था कि वो सभी के रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दें। और उनकी मेहनत इस प्रतियोगिता में काम आयी। और उन्होंने एक नया कीर्तिमान इस्तापित कर अपनी जगह गिनीज बुक में दर्ज करवाई। इस रिकॉर्ड के बाद उनको पूरी दुनिया से बधाइयाँ मिल रही हैं। और वह भी काफी खुश हैं।

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जयपुर. मुकेश शर्मा। सिविल लाइंस फाटक के नजदीक विशेष योग्यजन निदेशालय के सीनियर अकाउंटेंट धर्म सिंह मीणा व ठेकेदार जयनारायण मीणा के खिलाफ एसीबी ने एफआईआर दर्ज की। एसीबी सूत्रों के मुताबिक ठेकेदार व सीनियर अकाउंटेंट कोडवर्ड में भी बात करते थे।

विशेष योग्यजन निदेशालय व मानसिक विमंदित महिला एवं बाल कल्याण पुनर्वास गृह जामडोली में टेण्डर एवं घटिया सामग्री सप्लाई करने और रिश्वत में दोनों को गिरफ्तार किया गया है। मामले में ठेकेदार जयनारायण मीणा और सीनियर अकाउंटेंट धर्म सिंह मीणा को 50 हजार रुपए की रिश्वत देते व लेते पकड़ा गया था। एसीबी की जांच में सामने आया कि आरोपी धर्म सिंह मीणा ठेकेदार पर रिश्वत के लिए दबाव बनना रहे थे।

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सीनियर अकाउंटेंट : घर पर गए थे क्या?
ठेकेदार : हां... घर पर गया था
सीनियर अकाउंटेंट : क्या हुआ?
ठेकेदार : घर पर मैडम मिली थीं, जिन्हें कहा कि बिजली-नल का सामान लेकर आया हूं, लेकिन उन्होंने कहा कि साहब को ही देना। तब मैं लौट आया।
सीनियर अकाउंटेंट : पैसे लेकर नहीं गए थे?
ठेकेदार : पैसे ही तो लेकर गया था।
सीनियर अकाउंटेंट : नाराज होते हुए कहा कि अभी वापस जाकर मैडम को पैसे देकर आओ?
ठेकेदार : विश्वास दिलाता हूं... आप इधर से आओगे... मैं सड़क पर ही आपको रुपए दे दूंगा।

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रिश्वत की बात होते ही मिला ठेका...
एसीबी की पूछताछ में ठेकेदार जयनारायण ने बताया कि विमंदित बच्चों को खाना खिलाना, नहलाना, उनकी देखरेख करने सहित कई कामों के ठेके के लिए आवेदन किया, लेकिन विभाग ने मुझे ठेका नहीं दिया। परिचित ठेकेदार रमेश मीणा ने बताया कि ठेका चाहिए तो विभाग में पदस्थापित एओ धर्म सिंह मीणा से मिलो। तब धर्म सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि ठेका चाहिए तो 50 हजार रुपए देने होंगे। रुपए देने के वादे पर ठेका जारी कर दिया।

जयपुर। राजधानी में सड़कों को बनाने के नाम पर इंजीनियरों ने एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित कर दिया है। यही वजह है कि हर वर्ष 400 करोड़ रुपए से अधिक खर्च होने के बाद भी शहर की सड़कें चमाचम नहीं दिखतीं। मानसून से ठीक पहले शहर की सड़कों पर करीब 100 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। इनमें से ज्यादातर सड़कें बरसात में क्षतिग्रस्त होंगी। पहले इनकी मरम्मत होगी। दिवाली से पहले जेडीए और नगर निगम फिर सड़क निर्माण में करोड़ों रुपए खर्च करेंगे।


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रातों-रात बन रहीं सड़कें
● अभी सड़कों का काम शहर में तेजी से चल रहा है। वैशाली नगर, विद्याधर नगर, मुरलीपुरा, प्रताप नगर और मालवीय नगर में नई सड़क बनाई जा रही है।
● रातों-रात कॉलोनी के बाहर सड़कें बनाई जा रही हैं। कई बार सड़क को बिना साफ किए ही डामर बिछा रहे हैं। इससे सड़क कुछ दिन बाद ही टूट जाती है।
● जेडीए के पृथ्वीराज नगर उत्तर और दक्षिण जोन की कई कॉलोनियों में सड़कें गायब हो चुकी हैं, लेकिन जेडीए यहां सड़कें नहीं बना रहा है।
● मानसून से कुछ माह पहले 100 करोड़ रुपए से सड़कों के काम हो रहे हैं।
● मानसून के जाने और दिवाली की आहट शुरू होने के साथ ही इंजीनियर सड़कों को शुरू करने का काम करते हैं। तीन-चार माह में 300 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाते हैं।
● मानसून के दौरान सड़कें क्षतिग्रस्त होती हैं और मरम्मत के नाम पर 50 करोड़ रुपए तक खर्च किए जाते हैं।

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नालों की भी सही से सफाई नहीं
राजधानी के दोनों नगर निगम को 15 जून से पहले नालों की सफाई करनी होती है। अब तक 60 फीसदी नालों को साफ करने का दावा किया जा रहा है। मानसून के दौरान पानी की निकासी न होने से सड़क पर पानी भरता है और सड़क क्षतिग्रस्त होती है। दोनों निगम 10 करोड़ से अधिक नाला सफाई पर खर्च कर रहे हैं।


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पेचवर्क से चलाएं काम, बारिश के बाद हों बड़े काम
मानसून से पहले उन्हीं सड़कों पर काम किया जाए, जो बहुत जरूरी हैं। यदि पेचवर्क से काम हो जाए तो चलाना चाहिए। मानसून के बाद सड़कों का काम होना चाहिए। इससे सड़कें आठ से 10 माह तक सही बनी रहती हैं। बारिश में डामर की सड़कें जलभराव से खराब होती ही हैं। क्षतिग्रस्त सड़कों को सही करने और फिर नया बनाने में करोड़ों रुपए खर्च होते हैं।-ओपी गुप्ता, सेवानिवृत्त, नगर निगम आयुक्त

जयपुर।

भीषण चक्रवात बिपरजॉय को लेकर जहां राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक अलर्ट मोड पर है, वहीं इसका इफेक्ट अब महंगाई राहत कैंपों पर भी दिखता नज़र आ रहा है। दरअसल, चक्रवात प्रदेश भर में लगे राहत कैंपों पर खलल ना डाल दे इसके लिए राज्य सरकार ने सभी ज़िलों के कलक्टर्स को ज़रूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत अब कलक्टर्स चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के प्रभाव में आने वाले महंगाई राहत कैंप को स्थगित करने का फैसला अपने स्तर पर ले सकेंगे।

 

आयोजना विभाग के संयुक्त शासन सचिव सुशील कुमार कुलहरी ने बताया कि शुक्रवार और शनिवार को चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के कारण राज्य के कई जिलों में तेज गति की हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है। इसके मद्देनजर जिला कलेक्टरों को आमजन की सुरक्षा को देखते हुए आवश्यकता के अनुसार महंगाई राहत कैम्पों को स्थगित करने के लिए उचित निर्णय लेने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही स्थगित होने वाले महंगाई राहत कैम्पों के बारे में पर्याप्त प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं ताकि आम जनता इन कैंपों में ना पहुंचें।

 

स्थगित रहेगा लम्पी सहायता कार्यक्रम-

जोधपुर संभागीय आयुक्त ने बिपरजॉय चक्रवाती तूफान के मद्देनजर जालौर, सिरोही, बाड़मेर, जैसलमेरएवं जोधपुर जिला मुख्यालयों के साथ ही सांचौर एवं बालोतरा मुख्यालयों पर आज शुक्रवार को होने वाले लम्पी सहायता कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है। संभाग के पाली जिला मुख्यालय और फलौदी मुख्यालय पर यह कार्यक्रम पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित होगा।

 

आयुक्त की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि कार्यक्रम स्थगित होने वाले क्षेत्रों के पात्र पशुपालकों के खातों में लंपी सहायता की राशि शुक्रवार को ही सीधे स्थानांतरित कर दी जाएगी। बीकानेर एवं उदयपुर संभाग में लम्पी सहायता कार्यक्रम आयोजित होंगे।

संक्षेप में
- वर्तमान में इन संरचनाओं को प्रत्यारोपित करने का कोई कानूनी साधन नहीं है
- वे पहले एक चूहे के सिंथेटिक भ्रूण को विकसित करने में सफल रहे थे
- इस अध्ययन का मुख्य फोकस गर्भपात के कारणों की जानकारी हासिल करना है

Scientists created synthetic human embryo : वैज्ञानिकों ने एक कृत्रिम मानव भ्रूण का निर्माण किया है जिसमें गर्भपात के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करने की क्षमता है, जो चिकित्सा विज्ञान (medical science) में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने बिना अंडे या शुक्राणु का इस्तेमाल किए पहला सिंथेटिक मानव भ्रूण बनाया है । इसकी सहायता से मानव विकास के शुरुआती चरणों का अध्ययन करने और गर्भावस्था के नुकसान की व्याख्या करने में मदद कर सकते हैं।

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संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के वैज्ञानिकों की एक टीम ने भ्रूण मॉडल के रूप में संदर्भित दुनिया की पहली सिंथेटिक मानव भ्रूण (world's first synthetic human embryo) जैसी संरचनाओं को सफलतापूर्वक विकसित किया है।

प्रारंभिक चरण के मानव विकास से मिलती-जुलती ये संरचनाएँ स्टेम सेल का उपयोग करके उत्पन्न की गई हैं। क्या इस सफलता को और भी पेचीदा बनाता है इन सिंथेटिक भ्रूणों (synthetic human embryo) का उपयोग करके शुक्राणु या अंडे की आवश्यकता को दरकिनार करने की भविष्य की संभावना।

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प्रीप्रिंट सर्वर बायोरेक्सिव में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, भ्रूण के ये स्टेम सेल-व्युत्पन्न मॉडल गर्भाशय में आरोपण के बाद होने वाले संरचनात्मक परिवर्तनों के दौरान विकासात्मक घटनाओं और अंतरकोशिकीय संचार के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में काम करते हैं।

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से मैग्डालेना ज़र्निका-गोएत्ज़ के नेतृत्व में टीम ने जोर दिया कि ये वास्तविक सिंथेटिक भ्रूण (synthetic human embryo) नहीं बल्कि भ्रूण मॉडल हैं।

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शोध का फोकस जीवन बनाना नहीं बल्कि उसे बचाना है। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि आगे की जांच आनुवंशिक बीमारियों और गर्भावस्था के दौरान गर्भपात के कारणों (causes of miscarriage during pregnancy) की बेहतर समझ में योगदान देगी।

हम मानव भ्रूण का एक मॉड्यूलर, ट्रैक्टेबल, एकीकृत मॉडल पेश करते हैं जो हमें मानव पोस्ट-इम्प्लांटेशन विकास के प्रमुख प्रश्नों की जांच करने की अनुमति देगा।

वर्तमान में इन संरचनाओं को रोगी के गर्भ में प्रत्यारोपित करने का कोई कानूनी साधन नहीं है और यह स्पष्ट नहीं है कि नए विकसित भ्रूण (human embryo ) विकास के शुरुआती चरणों से परे जीवित रह सकते हैं या नहीं।

लंदन में फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट में स्टेम सेल जीव विज्ञान और विकासात्मक आनुवंशिकी के प्रमुख रॉबिन लोवेल-बैज ने द गार्जियन को बताया, विचार यह है कि स्टेम सेल का उपयोग करके सामान्य मानव भ्रूण के विकास की सटीक मॉडलिंग करके हम शुरुआती चरणों के बारे में व्यापक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह हमें शुरुआती भ्रूणों की आवश्यकता के बिना अनुसंधान करने की अनुमति देता है।

मागदालेना की टीम ने पहले नर शुक्राणु और मादा गर्भ के उपयोग के बिना एक चूहे के सिंथेटिक भ्रूण को विकसित करने में सफलता प्राप्त की थी। वे एक सक्रिय मस्तिष्क, धड़कते दिल और महत्वपूर्ण अंगों के साथ भ्रूण को विकसित करने में सक्षम थे।

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इस अध्ययन का एक मुख्य फोकस गर्भपात के कारणों के बारे में जानकारी हासिल करना है। कृत्रिम भ्रूण गर्भ के भीतर प्रारंभिक चरण के विकास को दोहराते हैं, वैज्ञानिकों को केवल अल्ट्रासाउंड स्कैन पर निर्भर रहने के बजाय एक ठोस मॉडल प्रदान करते हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कानूनी नियमों के अनुसार, वैज्ञानिकों को केवल अधिकतम 14 दिनों के लिए प्रयोगशाला में भ्रूण की कल्टीवेट करने की अनुमति है।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Of India Narendra Modi) अगले हफ्ते अमेरिका (United States Of America) जाने वाले हैं। पीएम मोदी स्टेट विज़िट के लिए अमेरिका जाएंगे और उनका यह अमेरिका दौरा चार दिवसीय होगा। यह स्टेट विज़िट 21 जून से 24 जून तक रहेगी। अमेरिका की इस स्टेट विज़िट के दौरान पीएम मोदी कई बड़े कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे और अमेरिका के कई राजनेता, बिज़नेसमैन और दूसरे प्रभावी लोगों से मिलेंगे। पीएम मोदी अमेरिका के इस दौरे के दौरान प्रवासी भारतीयों से भी मुलाकात करेंगे और उन्हें संबोधित करेंगे। इससे पहले 21 जून को पीएम मोदी के नेतृत्व में अमेरिका में कुछ खास होगा।


पीएम मोदी के नेतृत्व में होगा योगाभ्यास

21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पीएम मोदी अमेरिका के न्यूयॉर्क (New York) शहर में होंगे। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर को खास बनाने के लिए पीएम मोदी के नेतृत्व में एक खास कार्यक्रम होगा। इस दिन पीएम मोदी के नेतृत्व में योगाभ्यास किया जाएगा, जिसमें कई लोग शामिल होंगे। पीएम मोदी के नेतृत्व में होने वाले योगाभ्यास के इस कार्यक्रम का आयोजन न्यूयॉर्क में स्थित यूएन (United Nations - UN) हेडक्वार्टर्स में होगा।


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22 जून को पीएम मोदी करेंगे अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित


22 जून को पीएम मोदी वॉशिंगटन डी.सी. (Washingdon D.C.) में अमेरिकी कांग्रेस (US Congress) को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी इस दौरान अमेरिकी कांग्रेस को जॉइंट सिटिंग के दौरान संबोधित करेंगे और कई अहम विषयों पर बातचीत करेंगे।

पीएम मोदी के स्वागत में व्हाइट हाउस में होगा रात्रिभोज का आयोजन

पीएम मोदी की इस अमेरिका स्टेट विज़िट के दौरान उनके स्वागत में रात्रिभोज का आयोजन भी किया जाएगा। 22 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) और उनकी पत्नी और फर्स्ट लेडी ऑफ अमेरिका जिल बाइडन (Jill Biden) पीएम मोदी के स्वागत में व्हाइट हाउस में रात्रिभोज का आयोजन करेंगे।

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नरेन्द्र सिंह सोलंकी

घर बनाने में लोग अपनी जिंदगी की सारी जमा पूंजी खर्च कर देते हैं। ऐसे में किसी भी तरह की जल्दबाजी ठगी का शिकार बना सकती है। देश में प्रॉपर्टी को लेकर सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के मामलें सामने आए है, क्योंकि खरीदार शुरुआती जांच-पड़ताल ठीक से नहीं करते है और बिल्डर की तरफ से दिखाए गए ब्रॉशर पर ही निवेश के लिए तैयार हो जाते है। इसलिए प्रॉपर्टी को खुद जाकर देखना और सुनिश्चित करके ही निवेश करना अवश्यक है। किसी भी प्रोजेक्ट की विश्वसनीयता जानने का एक आसान तरीका यह है कि आखिर कौन-कौन से बैंक उस परियोजना के लिए फाइनेंस कर रहे हैं। अगर किसी प्रोजेक्ट के लिए सिर्फ कुछ गिने-चुने बैंक ही लोन दे रहे हों तो उस प्रोजेक्ट में निवेश करने से पहले सावधानी बरतना जरूरी है।

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कारपेट, बिल्ड-अप और सुपर एरिया के नाम पर ठगी

मकान को खरीदते वक्त सबसे पहले प्रोजेक्ट का अप्रूव्ड लेआउट मैप जरूर देखना चाहिए। इससे देखकर योजना में कितने टावरों, कितनी मंजिलों और मकानों के निर्माण होगा, जिसकी मंजूरी मिली हुई है यह नहीं इसकी जानकारी हासिल होती है। सिर्फ ब्राशर पर यकीन करने से गलतफहमी के शिकार हो सकते हैं। अप्रूव्ड लेआउट से ही आपको मकान का वास्तविक एरिया पता चलता है और आप कारपेट, बिल्ड-अप और सुपर एरिया के नाम पर होने वाली ठगी से बच सकते हैं।

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मांगे ऑक्यूपेंसी और कंप्लीशन सर्टिफिकेट

कई बार देखा गया है कि बिल्डर अप्रूव मकानों से अधिक मकान या फ्लोर बना देते हैं और फिर लोगों को बेच देते हैं। ऐसी स्थिति में जरूरी है कि आप मकान खरीदने से पहले बिल्डर से कम्प्लीशन या ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट जरूर मांगे। हालांकि, शहरी और ग्रामीण निकायों के नियम-कानून अलग-अलग होते हैं, लेकिन ऑक्यूपेंसी और कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी करने जैसी व्यवस्था तकरीबन सभी जगह है। ये दोनों प्रमाण-पत्र बिल्डर को नगर निगम जैसे निकाय से मिलते हैं, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इमारत का निर्माण सभी नियमों को पालन करते हुए अप्रुव नक्शे के आधार पर हुआ है और अब यह लोगों के रहने योग्य है।

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हिडेन चार्जेज के बारे में पता करें

बिल्डरों की ओर दिए जाने वाले लुभावने ऑफर की पूरी जांच पड़ताल करें। पता करें कि वह ऑफर मान्य भी है या नहीं। अगर मान्य है भी तो छुपे हुए चार्जेज के बारे में भी पता करें। कई बार बिल्डर हिडेन चार्जेज के बारे में नहीं बताते और बाद में उसका भी पैसा आपको ही चुकाना होता है। किसी अचल संपत्ति की वैधता के मामले में दो चीजें महत्वपूर्ण हैं। पहली, जिस जमीन पर इमारत बनी है या बनने वाली है, वह किसके नाम है। दूसरा, उस पर किया गया निर्माण नियमानुसार है अथवा नहीं। कई बार जमीन का मालिक कोई और होता है और उसे डवलप कर प्रॉपर्टी कोई और बेच रहा होता है। इसलिए लैंड टाइटिल का पता लगाना जरूरी है।

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तीन प्रकार की होती ब्याज दरें

फिक्स्ड रेट लोन: फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पूरी लोन अवधि में समान रहती है और इसलिए आपकी ईएमआई राशि भी समान ही रहती है। फिक्स्ड रेट होम लोन के लिए आवेदन करना तब बेहतर होता है जब मौजूदा होम लोन की ब्याज दर काफी कम होती है और भविष्य में उनके बढ़ने की संभावना होती है। कई बार बैंक ग्राहकों को यह विकल्प भी प्रदान करते हैं कि वे एक निश्चित अवधि पूरी करने के बाद वेरिएबल/ फ्लोटिंग होम लोन ब्याज दरों में स्विच कर सकते हैं।

फ्लोटिंग रेट लोन: फ्लोटिंग ब्याज दर को वेरिएबल ब्याज दर के नाम से भी जाना जाता है। ये दरें मार्केट की मौजूदा दरों के मुताबिक घटती-बढ़ती हैं और इसलिए वे लोन अवधि के दौरान बदल सकती हैं। ब्याज दर बदलने पर होम लोन की ईएमआई भी बदल जाएगी।

हाइब्रिड लोन: हाइब्रिड रेट वाले होम लोन में फिक्स्ड रेट और फ्लोटिंग रेट दोनों शामिल होती हैं। शुरुआत में कुछ समय के लिए फिक्स्ड ब्याज दर लागू होगी, जिसके बाद यह ब्याज की फ्लोटिंग दर में बदल जाएगी। ऐसे होम लोन उन लोगों के लिए सबसे उपयुक्त हैं जिन्हें कम फिक्स्ड दर पर लोन मिला है और वे फ्लोटिंग रेट शुरू होने से पहले इसकी प्रीपेमेंट या फोरक्लोज कर सकते हैं।

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जयपुर
आज 15 जून यानि विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस है। राजस्थान में बुजुर्गों के हालात पर बात करने का दिन है। राजस्थान के सीनियर सिटीजन के हालातों की बात की जाए तो हम आधी आधी स्थिति में हैं। यानि देश के करीब चालीस फीसदी राज्यों से हमारे बुजुर्गों के हालात बेहतर हैं लेकिन अभी भी देश के करीब पंद्रह राज्यों की तुलना में हालात खराब है। राजस्थान सरकार और राजस्थान पुलिस के द्वारा चलाई जा रही सरकारी योजनाएं भी इसका बड़ा कारण हैं। कुछ समय पहले राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो ने इससे संबधित रिकॉर्डस जारी किए थे। अच्छी बात ये है कि पिछले कुछ सालों में राजस्थान में बुजुर्गों की हालत लगातार सुधर रही है।

बुजुर्गों से अपराध और दुर्रव्यवहार के 365 केस दर्ज हुए हैं प्रदेश में एक साल के दौरान
राजस्थान में साठ साल के बुजुर्गों की संख्या लाखों में है। लेकिन अच्छी बात ये है कि उनके साथ होने वाले अपराधों की स्थिति अन्य राज्यों से बेहतर हैं। साल 2021 में राजस्थान में सीनियर सिटीजन के साथ होने वाले अपराधों की संख्या सिर्फ 365 रही, यानि औसतन हर साल एक। इसके इतर महाराष्ट्र राज्य मे यह संख्या 6190 और एमपी में 5273 रही। तेलांगना, तमिलनाडु, केरल, आंधप्रदेश, हरियाणा, यूपी जैसे राज्य राजस्थान से कहीं आगे रहे अपराध के मामलों में। सबसे ज्यादा हालात अन्य राज्यों की तुलना में बेहद छोटे तेलागंना राज्य के रहे हैं। प्रदेश में एक साल के दौरान दस बुजुर्गों की हत्या की गई है। दो के उपर हत्या का प्रयास किया गया है। बुजुर्गों से मारपीट और गंभीर मारपीट के 36 केस सामने आए हैं। रेप के चार केस दर्ज किए गए हैं। चोरी और लूट के करीब बीस केस दर्ज हुए हैं। इसके अलावा ठगी, चीटिंग और अन्य अपराधों के करीब 120 केस दर्ज किए गए हैं।

राजस्थान में सरकार और पुलिस ने अलग अलग रखा है बुजुर्गों का ख्याल
राजस्थान पुलिस ने सिटीजन एप जारी कर रखा है। इस एप के अनुसार कोई भी बुजुर्ग जो एकांकी जीवन जी रहे हैं वे लोकल थाने के लोकल पुलिसकर्मी का नंबर ले सकते हैं और अपने डेली के जरूरी कामों के लिए पुलिस की सेवा ले सकते हैं। करीब दस साल पहले इस एप की शुरुआत की गई थी और प्रदेश भर में करीब पांच हजार से ज्यादा बुजुर्गों ने इससे फायदा उठाया है। वहीं राजस्थान सरकार ने भी बुजुर्गों की देखभाल के लिए कई योजनाएं जारी कर रखी हैं। हाल ही में बुजुर्गों को मुफ्त में तीर्थ यात्रा भी कराई जा रही है।

Mango Kulfi Recipe: गर्मियों के मौसम में आने वाला रसीला आम एक ऐसा फल है जिसके बारे में सुनते ही सबके मुंह में पानी आ जाता हैं। इसके साथ ही यदि गर्मियों में आम की कुल्फी खाने के लिए मिल जाए तो मन प्रसन्न हो हो जाता है। गर्मी के सीजन में ठंडी-ठंडी कुल्फी खाने पर मूड रिफ्रेश हो जाता है। आप इसे आसानी से घर में बना सकते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आम की कुल्फी बनाने का तरीका।

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कुल्फी बनाने के लिए सामग्री (Mango kulfi ingredients)
2 मीठे आम
1 कप दूध
1/2 कप चीनी
3 ब्रेड की स्लाइस
1 कप क्रीम
केसर 6-7 धागे
8-10 काजू
1/2 इलायची पाउडर
1 छोटा चम्मच काजू (कटे हुए)
1 छोटा चम्मच पिस्ता (कटे हुए)

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आम की कुल्फी बनाने की तरीका (mango kulfi recipe)
- सबसे पहले रसीले आम को अच्छे से छीलें और इसके बाद इसे छोटे-छोटे पीस में काट लें। इसके बाद एक ग्राइंडर लें और उसमें आम के टुकड़े डालकर प्यूरी बना लें। इस प्यूरी के लिए पानी बिल्कुल भी यूज नहीं करें।

- इसके बाद गैस पर एक पैन या कड़ाही रखें। इसमें 1 कप फुल क्रीम दूध और आधा कप चीनी डालकर धीमी आंच पर पकाएं। ऐसा करने पर कुल्फी का टैक्सचर बहुत बढ़िया आएगा और हमें मिल्क या कस्टर्ड पाउडर की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। दूध को नीचे लगने नहीं दें इस वजह से इसें लगातार चलाते हुए पकाएं।

- अब 3 ब्रेड के स्लाइस लें। ब्रेड के इस्तेमाल से अच्छी बाइंडिग मिल जाएगी और कुल्फी में इसका टेस्ट बिल्कुल भी नहीं आएगा। ब्रेड के छोटे- छोटे टुकड़े कर लें। इसके बाद ग्राइंडर जार में काजू और इलायची पाउडर डालकर पाउडर तैयार करें।

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- इसके बाद दूध में चुटकीभर केसर मिलाएं। दूध में उबाल आने पर ब्रेड के पाउडर को दूध में मिलाएं। इससे दूध में गाढ़ापन आ जाएगा। इसके बाद दूध को 2 मिनट तक पकाएं। जब यह हल्का पीला नजर आने लगे और गाढ़ा हो जाए तो गैस बंद कर दें। दूध को ठंडा होने रखें।

- इसके बाद दूध को आम की प्यूरी में मिलाएं और इसके साथ ही इसमें एक कप क्रीम भी मिलाएं। इसके बाद आम की प्यूरी और दूध के मिक्षण को ग्राइंडर में डालकर फाइन पेस्ट तैयार करें।

- इसके बाद अब इस मिश्रण में काटे हुए काजू और पिस्ता मिक्स करें। इसके बाद मिश्रण को कुल्फी के सांचे, गिलास या छोटी कटोरियों में डालकर फ्रीजर में रख दें। 6-7 घंटों में आपकी आम की मजेदार कुल्फी जमकर तैयार हो जाएगी इसके बाद इसका लुत्फ उठाएं।

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शरद शर्मा/ जयपुर।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पिछले माह राजसमंद और आबू की यात्रा के बाद इस क्षेत्र में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है। इस कड़ी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले दिनों से इस क्षेत्र में आमजन के बीच रहे और अपनी योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया। वहीं भाजपा भी गुलाबचंद कटारिया के राज्यपाल बनाए जाने के बाद अब उदयपुर में उनका विकल्प तलाशने में जुटी है।

 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दौरे में प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और उदयपुर पर फोकस किया और इस दौरान आमजन के बीच भी गए। इसके लिए सीएम ने जहां महंगाई राहत के कार्यक्रम में शिरकत की, वहीं आमजन से सीधी मुलाकात के दौरान एक रेस्टोरेंट में रात को चाय भी पी। इस दौरान मुख्यमंत्री नेे क्षेत्र को लेकर बड़ी घोषणाएं की और अन्य आयोजनों में भी भाग लिया। तमाम कवायद के दौरान उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर पर सीएम का फोकस ज्यादा देखने को मिला है।

 

ये है वर्तमान स्थिति

मुख्यमंत्री की ओर से किए गए चार जिलों के दौरे में देखा जाए तो कांग्रेस पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा से पिछड़ गई थी। इन जिलों में 19 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस के पास 7 और भाजपा के पास 9 सीटे हैं। वहीं दो सीटे बीटीपी और एक सीट निर्दलीय के पास है।

 

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उदयपुर में स्थिति सुधारने की कवायद
पिछले विधानसभा चुनाव में उदयपुर और राजसमंद की 12 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को मात्र चार सीटे ही मिली थी। इसमें भी राजसमंद में तो दोनों पार्टियां बराबरी पर थी, लेकिन उदयपुर में 8 में से 2 सीटों पर ही कांग्रेस को संतोष करना पड़ा था। शेष छह सीटे भाजपा के खाते में गई थी।

 

कटारिया के हटने से बदले समीकरण
उदयपुर में भाजपा की ओर से गुलाबचंद कटारिया पिछले तीन दशक से भी अधिक समय से पार्टी को लगातार विजय दिलाते रहे हैं। पिछले चुनाव में भी पाटी ने उदयपुर जिले में छह सीटों पर जीत दर्ज की थी। पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार उदयपुर के समीकरण भी बदल रहे हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता कटारिया अब असम के राज्यपाल हो गए हैं और उनके स्थान पर फिलहाल भाजपा को उदयपुर में कोई बड़ा विकल्प नहीं मिल रहा है।

 

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माहेेश्वरी के बाद दीया
वहीं राजसमंद में भी वरिष्ठ नेता किरण माहेश्वरी के देहांत के बाद वरिष्ठ नेता नहीं है, यहां पर भी भाजपा कोई बड़ा नेता तय नहीं कर पाई है। हालांकि पीएम नरेन्द्र मोदी की राजसमंद यात्रा के दौरान सांसद दीया कुमारी काफी सक्रिय नजर आई थी, वहीं किरण माहेश्वरी की पुत्री दीप्ती माहेश्वरी भी विधायक बनने के बाद क्षेत्र में सक्रिय है।

शरद शर्मा/ जयपुर।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व लगातार विपक्ष को अचंभित करने में लगे हुए है। हाल ही में उन्होंने सौ से ज्यादा सीटों पर पार्टी के प्रत्याशियों की हार का उल्लेख कर चुके हैं। इससे कयास लगाए जा रहे है कि सरकार के समर्थन में आए निर्दलीय विधायकों को इस बार वे पार्टी का टिकट दिलाकर उपकृत कर सकते हैं।

 

गौरतलब है कि गहलोत ने जयपुर में पिछले दिनों आयोजित युवक कांग्रेस सम्मेलन के बाद करीब सौ टिकट पर प्रत्याशी बदलने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कई विधायक को भी अपनी सीट पर हार का खतरा दिख रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में 100 सीटे ऐसी है जहां पार्टी हार गई थी। इन सीटों पर भी नए सिरे से टिकट के लिए कवायद की जाएगी।

 

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सरकार बचाने वालों पर नजर
गौरतलब है कि प्रदेश में जुलाई 2020 में सचिन पायलट नाराज होकर करीब एक दर्जन से अधिक विधायकों को लेकर मानेसर चले गए थे। इस दौरान विधानसभा में निर्दलीय जीत कर आए विधायकों ने कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया था। अपनी सरकार बचाने में इन विधायकों के सहयोग के संबंध में गहलोत कई बार सार्वजनिक रूप से भी कह चुके हैं। उनके वर्तमान बयान से यह स्पष्ट है कि सरकार बचाने वाले कांग्रेस पृष्ठ भूमि वाले निर्दलीय विधायकों को पार्टी इस बार अपना प्रत्याशी बना सकती है।

 

इन निर्दलीयों पर नजर
वर्तमान में सरकार को समर्थन करने वाले निर्दलीय विधायकों में अधिकांश पूर्व कांग्रेसी है। इसमें मुख्य रूप से आलोक बेनीवाल शाहपुरा से चुनाव जीते है और कांग्रेस की सरकार में उपमुख्यमंत्री रह चुकी वरिष्ठ नेता कमला के पुत्र है। इसके अलावा बाबू लाल नागर पूर्व कांग्रेस सरकार में मंत्री थे, महादेव सिंह खंडेला पूर्व की यूपीए सरकार में मंत्री रहे थे। इसके अलावा संयम लोढा कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं। अन्य में रमीला खडिया, राजकुमार गौड, लक्ष्मण मीणा, रामकेश, खुशवीर सिंह सहित अन्य विधायक भी कहीं ना कहीं कांग्रेस से जुडे़ हुए हैं।

 

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ये रहा था परिणाम
विधानसभा के वर्ष 2018 के चुनाव में 199 सीटो पर मतदान हुआ था। कांग्रेंस को 99 सीटे मिली थी और वह पूर्ण बहुमत प्राप्त नहीं कर पाई थी। चुनाव में भाजपा को 73, बसपा को 6, बेनीवाल की आरएलपी को 3, सीपीएम को 2, बीटीपी को 2, राष्ट्रीय लोकदल को एक और निर्दलीयों ने 13 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

 

100 सीटों पर हारी थी कांग्रेस
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 100 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। इसमें से करीब आठ से दस बागी प्रत्याशीयों ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों को पराजित किया था। इसमें बाबूलाल नागर, महादेव सिंह खंडेला, राजकुमार गौड, संयम लोडा, खुशवीर सिंह प्रमुख नाम है। वर्तमान में इन सीटों पर कांग्रेस की ओर से जीते हुए प्रत्याशियों के नाम पर टिकट बदले जा सकते हैं।

 

एमएलए के टिकट भी कटेंगे?
वहीं पार्टी के सीटिंग एमएलए में भी करीब बीस से अधिक के टिकट पार्टी काट सकती है। इसके लिए कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से चर्चा भी कराई जा रही है। वहीं मुख्यमंत्री गहलोत भी इन सीटों पर परिवर्तन को लेकर पार्टी आलाकमान के साथ बातचीत कर अपना पक्ष रख सकते हैं।

Torai Ke Chilke Ke Kabab: तोरई एक ऐसी सब्जी है जो आज के समय में हर मौसम में मार्केट में उपलब्ध रहती है। ऐसे में लोग तोरई की सब्जी तो अक्सर खाते रहते हैं लेकिन क्या आपने कभी इसके कबाब खाए हैं। क्योंकि आप तोरई के छिलकों के कबाब बनाकर खा सकते हैं। तोरई के छिलकों का स्वाद तो लाजवाब होता ही है। इसके साथ ही यह सेहत के लिए लिहाज से भी काफी फायदेमंद होती हैं। इसलिए तोरई के छिलकों को फेंकने के बजाए आप इसके कबाब बनाकर खा सकते हैं जिनको बनाना बहुत ही आसान है। तो आइए जानते हैं रेसिपी-

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तोरई के छिलको के कबाब के लिए सामग्री (Torai Ke Kabab Ingredients)
4 तुरई के चिल्के
लहसुन- 5
धनिया के बीज- 1 टेबल स्पून
लाल मिर्च- 5
काली मिर्च 10 से 12
दालचीनी- 2 पीस
लौंग- 5 से 6
2 काली इलायची के दाने
जीरा पाउडर- 1 टेबल स्पून
पानी- 1 कप
नमक- 1 टेबल स्पून
हरी मिर्च- 5 से 6 कटी हुई
प्याज- 1 कटा हुआ
हरा धनिया- 1 गुच्छा कटा हुआ

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तोरई के कबाब बनाने की विधि (Torai Ke Kabab Recipe)
तोरई के छिलकों के कबाब बनाने कि लिए पहले तोरई को अच्छे से धोकर पीलर की सहायता से इसके छिलके निकाल लेंगे। इसके बाद छिलकों को पानी से अच्छी तरह धो लें। इसके बाद लहसुन भी छील लें। अब साबुत मसालों को पैन में डालकर रोस्ट करें। अब मसालों को मिक्सी में डालकर दरदरा पीस लें।

इसके बाद एक कुकर गैस पर चढ़ाएं और उसमें सभी मसाले, भीगी हुई दाल, नमक, जीरा पाउडर, तोरई के छिलके, और लाल मिर्च पाउडर डालकर मिक्स करें। अब इसमें थोड़ा सा पानी डालें। अब कुकर में 2 सीटी लगाएं। जब कुकर का प्रेशर निकल जाए तो ढक्कन हटा दें। दाल के मिश्रण को छन्नी में निकाल लें। इसके बाद जब मिश्रण ठंडा हो जाए तो इन्हें मिक्सर जार में डाल लेंगे। ऊपर से इसमें 1 अंडा फोड़कर अच्छी तरह पीस लें।

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इस पिसे हुए मिश्रण में प्याज और हरी मिर्च को बारीक काटकर डाल दें। ऊपर से हरा धनिया डालकर मिक्स कर दें। इसके बाद अब हाथों पर हल्का तेल लगाकर कबाब तैयार कर लें। पैन को गैस पर चढ़ाएं और इसमें थोड़ा सा तेल डालकर गर्म करें। तेल के गर्म होने पर इसमें कबाब सेंक लें। दोनों तरफ से सुनहरे होने तक कबाब को सेकें और इसको हरी चटनी के साथ सर्व करें।

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कपल्‍स के बीच दूरियों को कम करती है स्‍लीप डिवोर्स।
स्‍लीप डिवोर्स से आ सकती है बेहतर नींद।
स्‍लीप डिवोर्स कम और अधिक समय के लिए हो सकता है।

Benefits Of Sleep Divorce : दिनभर काम करने के बाद हर कोई चैन की नींद सोना चाहता है. अपने पार्टनर की कुछ आदतों के चलते लोग परेशान हो जाते हैं. ऐसे में, लोग Sleep Divorce को अपना रहे हैं।.\

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Benefits Of Sleep Divorce: शादी के बाद के दोनों में लोग एक ही घर में एक ही कमरे में रहते हैं। एक साथ खाते हैं और सोते भी एक साथ ही हैं। बिस्तर शेयर करना न केवल कपल के रोमांटिक पलों में से एक है, बल्कि इसे उन्हें एक-दूसरे को समझने का भी मौका मिलता है। ज्यादातर रिश्‍तों में एक साथी के साथ रहना रोमांचकारी हो सकता है।

लेकिन कई कपल्‍स के लिए ए‍क साथ बेड साझा करना बहुत मुश्‍किल होता है। या कहे एक साथ सोना बिलकुल भी पसंद नहीं करते है। कई बार खर्राटे, सोने का अलग-अलग समय और बेडशीट की खींचातानी की वजह से नींद प्रभावित हो सकती है। नींद की क्‍वालिटी को सुधारने और संघर्ष को कम करने व रिश्‍तों में मधुरता बनाए रखने के लिए कपल्‍स स्‍लीप डिवोर्स (Sleep divorce) का ऑप्‍शन चुनते हैं। वैसे तो अलग-अलग बेडरूम में सोना अक्‍सर अनहेल्दी या रिश्‍ते में तनाव के रूप में देखा जाता है, लेकिन स्‍लीप डिवोर्स इसके बिल्‍कुल उल्टा हो सकता है। चलिए जानते हैं क्‍या है स्‍लीप डिवोर्स और इसके बेनिफिट्स के बारे में।

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क्‍या है स्‍लीप डिवोर्स what is sleep divorce
स्‍लीप डिवोर्स (Sleep divorce) तब होता है, जब पार्टनर एक साथ रहते हैं, लेकिन बेहतर नींद लेने के लिए अलग-अलग बेड या बेडरूम में सोते हैं। स्‍लीप डिवोर्स में कपल्‍स अपनी मर्जी से दूसरे बेड या बेडरूम में सोने का निर्णय लेते हैं। इससे रिश्‍तों में किसी प्रकार की दरार या कंफ्यूजन नहीं होती। साथ ही अलग सोने से खर्राटे और अन्‍य समस्‍याओं से छुटकारा मिल सकता है। कई लोग प्रेग्‍नेंसी और रोग में भी अलग-अलग सोना पसंद करते हैं।

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क्‍यों अलग सोना चाहते हैं कपल्‍स why couples want to sleep separately

बहुत सारे कपल्‍स रात की बेहतर नींद के लिए बस अलग-अलग बिस्‍तरों में सोते हैं। कपल्‍स जब सोते समय मुश्‍किलों का सामना करते हैं, तब ऐसे निर्णय लेते हैं। एक साथ सोने से खर्राटे, सांस की परेशानी, तकिया या कंबल को गले लगाना, अधिक करवट लेना, देर रात तक टीवी देखना और सोशल मीडिया स्‍क्रॉल करने जैसी समस्‍याएं आ सकती हैं।

स्‍लीप डिवोर्स के फायदे Benefits of sleep divorce
– बेहतर नींद : इससेआपकी नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है
– पर्सनल स्‍पेस : कपल्‍स को अपना-अपना पर्सनल स्‍पेस मिलता है.
– कम लड़ाई होना : खुला बिस्तर मिलता है, जिससे अच्छी नींद आती है.
– बेहतर रुटीन : ऐसे एक अच्छे दिन की शुरआत करने में मदद मिलती है
– बेहतर लव लाइफ : अच्छी रिलेशनशिप के लिए जरूरी नहीं कि एक ही बेड पर सोया जाए, एक-दूसरे के साथ सोए बिना भी कपल्स इंटीमेसी बना सकते हैं.

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अच्‍छी नींद और बेहतर रिश्‍ते के लिए स्‍लीप डिवोर्स (Sleep divorce) एक अहम कदम हो सकता है। स्‍लीप डिवोर्स के कई हेल्‍थ बेनिफिट्स भी हैं, जिससे रिश्‍तों में मधुरता आ सकती है।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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जयपुर।

प्रदेश में नेतृत्व की कमी से जूझ रही भाजपा का सहारा केंद्रीय नेता ही बने हुए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के लगातार दो दौरों के बाद अब इस माह के अंत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का राजस्थान दौरा तय किया जा रहा है।

 

पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री शाह का उदयपुर दौरा होगा। शाह का इस माह में आने का कार्यक्रम तो तय कर दिया है, लेकिन वे आएंगे कब? इसे लेकर उच्च स्तर पर मंथन जारी है। शाह के आने की संभावित तिथि 23 जून भी बताई जा रही है। वे यहां एक बड़ी जनसभा को संबोधित कर सकतेे हैं। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी मानगढ़ धाम में भी सभा कर चुके हैं।

 

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भाजपा को मेवाड़-वागड़ में नेतृत्व की कमी अखर रही

भाजपा मेवाड़-वागड़ में पिछले कुछ चुनावों से लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में सरकार नहीं बनने के बाद भी उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद की 23 सीटों में से भाजपा को दस सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस 9 सीटें ही जीत पाई थी। बीटीपी ने भी इस चुनाव में दो सीटें जीती थी, लेकिन इस बार पार्टी इस क्षेत्र में किस तरह से चुनाव लड़े। यह पशोपेश बना हुआ है।

 

इस बार पार्टी के साथ सबसे बड़ी दिक्कत ऐसे चेहरे की है, जो मेवाड़-वागड़ में चुनाव को संभाल ले। मेवाड़ के कद्दावर नेता गुलाब चंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाया जा चुका है, जबकि किरण माहेश्वरी का निधन हो चुका है। पार्टी ने चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी. जोशी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर इस क्षेत्र को साधने की कोशिश तो की है।

 

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सीएम अशोक गहलोत लगातार मेवाड़-वागड़ का दौरा कर रहे हैं। आए दिन कोई न कोई घोषणा कर भाजपा की बेचैनी बढ़ाए हुए हैं। इसी काट में भाजपा ने पहले तो केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव और फिर राष्ट्रीय मंत्री अलका गुर्जर की प्रेसवार्ता करवा यह बताने की कोशिश की है कि डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, उदयपुर, राजसमंद सहित 7 जिलों में ओबीसी के डांगी और देवासी सहित अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियों के प्रमाण पत्र नहीं बनाए जा रहे हैं। इस बहाने सीएम पर निशाना भी साधा जा रहा है। माना जा रहा है कि शाह जब उदयपुर आएंगे तो उनके भाषण में यह मुद्दा जरूर हावी रहेगा।

 


कोटा दौरा करेंगे नड्डा

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा का कोटा दौरा तय किया जा रहा है। यह भी आज-कल में तय हो जाएगा। इस दौरान वे बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे और एक कार्यक्रम उनका छात्रों के साथ भी हो सकता है। कोटा को कोचिंग हब माना जाता है, ऐसे में पार्टी यह विचार कर रही है कि उनका छात्र संवाद का कार्यक्रम भी रखा जाए।

आजकल चाय पीना लोगों के लिए फैशन बन गया है। ऐसा कहा जाता है कि चाय शराब के नशे से भी ज्यादा खराब है। आपको हर गली मोहल्ले में चाय की एक छोटी सी टपरी पर युवकों की भीड़ देखने को मिल जाएगी। चाय के शौकिन लोग नए-नए तरह के फ्लेवर की चाय टेस्ट करना पसंद करते हैं।

 

आपके घर में भी ज्यादातर लोग दिन की शुरुआत चाय से ही करते होंगे। सुबह बिस्तर से उठते ही लोगों को चाय पीने की आदत होती है। लोग दूध और चीनी की चाय तो स्वाद लेकर पीते ही हैं, साथ ही हर्बल टी की डिमांड भी पिछले कुछ समय में काफी बढ़ गई है। कई लोग को समय पर चाय नहीं मिलने पर सिर दर्द की समस्या भी हो जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि चाय के साथ कुछ चीजों का सेवन हानिकारक होता है। ऐसे चीजों का सेवन हमे चाय के साथ बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए।

 

चाय के साथ नींबू का सेवन से बचें
हमे नींबू की चाय के साथ दूध का सेवन बिल्कुल नहीं करनी चाहिए। क्योंकि नींबू में मौजूद अम्लता से मिलकर दूध के प्रोटीन को जमा करने में कठिनाई होती है जो आपके पाचन तंत्र को प्रभावित करती है। साथ सेवन करने से पाचन तंत्र को संक्रमण जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

 

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चाय के साथ ठंडे फूड को कहे ना
आइसक्रीम जैसे ठंडे फूड प्रोडक्ट को चाय के साथ बिल्कुल नहीं खाना चाहिए। क्योंकि चाय में कैफीन होता है, जो एक स्टिमुलेंट होता है, जो आपके शरीर को जागृत रखता है, जबकि आइसक्रीम जैसे ठंडे फूड प्रोडक्ट शरीर को शांत करते हैं। ये दोनों फूड प्रोडक्ट एक साथ खाने से आपके शरीर को कॉन्फ्यूज करता है और उसे डाइजेशन प्रोसेस के दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

 

हल्दी से हो सकती है समस्या
हल्दी एक शक्तिशाली औषधि है जिसमें कई स्वास्थ्य लाभ छुपे हैं। लेकिन अगर चाय के साथ मिलाया जाए तो यह दोषों को उत्पन्न कर सकता है। इसमें मौजूद अधिक मात्रा में कुछ तत्व जैसे कुछ तरल पदार्थ और कर्कट तत्व होते हैं जो आपके पाचन तंत्र के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इससे पाचन तंत्र के विकार उत्पन्न हो सकते हैं। इससे अपच, गैस, बदहजमी, दस्त और लगातार उलटी हो सकती है। चाय में मौजूद कैफीन भी आपके पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है।

 

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बेसन से बनी चीजों का चाय के साथ ना करें सेवन
अक्सर हम चाय के साथ पकोड़े या अन्य तले हुए चीजें खाते हैं। लेकिन इन चीजों का चाय के साथ अधिक मात्रा में खाने का परिणाम घातक हो सकते हैं। ये खाद्य पदार्थ ज्यादातर तेल में तले हुए होते हैं जो उच्च वसा और उच्च कैलोरी का स्रोत होते हैं। साथ ही अधिक मात्रा में बेसन खाने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। वैसे अगर आप इन चीजों को कम मात्रा में और समझदारी से खाते हैं तो इन्हें खाने से आपको कोई नुकसान नहीं होगा।

 

कच्चा प्याज या प्याज से बने स्नैक्स को कहे ना
चाय के साथ कच्चा प्याज या इससे बने स्नैक्स नहीं खाना चाहिए। प्याज में मौजूद एसिड चाय के साथ मिलकर आपके पाचन को खराब कर सकता है। इसके अलावा चाय के साथ उबले हुए अंडे, सलाद या अंकुरित अनाज या फलों का सेवन नहीं करना चाहिए। यह आपके सेहत को प्रभावित कर सकता है।

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IMD Weather Alert : राजस्थान में बिपरजॉय की दस्तक किसी समय हो सकती है। इससे पहले तूफान के असर से मौसम बदल गया। बाड़मेर, पाली, बीकानेर, बारां और जालोर सहित कई जगह पर झमाझम बारिश दौर जारी है। बीती रात से अब तक देखें तो जालोर के चितलवाना में 75 एमएम, बाड़मेर के धोरीमन्ना में 60 एमएम, गुढ़ामलानी में 31 एमएम जबकि सिरोही के सुमेरपुर और शिवगंज में 25-25 एमएम बारिश दर्ज हो चुकी है। वहीं मौसम विभाग ने अगले तीन घंटे के लिए राजस्थान के चार जिलों में ऑरेंज तथा नौ जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। बता दें कि बिपरजॉय राजस्थान में बाड़मेर और जालोर के रास्ते किसी भी समय प्रवेश कर सकता है।

अगले तीन घंटें में यहां होगी भारी बारिश
मौसम विभान ने राजस्थान के कुछ जिलों में अगले तीन घंटे में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। बाड़मेर, जालोर, सिरोही, पाली जिले में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। वहीं जैसलमेर, जोधपुर, नागौर, बीकानेर, चूरु, भरतपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, बूंदी जिले में हल्की बारिश और आकाशीय बिजली चमकने का यलो अलर्ट जारी किया है।

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बाड़मेर में तूफानी बारिश, साचौर में बाजार बंद
बाड़मेर में तूफानी बारिश का दौर जारी है। जिले में कई स्थानों पर बारिश झमाझम बारिश हुई। वहीं जालोर जिले के साचौर में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के खतरे को दिखते हुए बाजार बंद हो गया। निजी बसें बंद हो गई। बूंदी में भी तेज बारिश का दौर जारी है। बीकानेर की बात करें तो बिपरजॉय का असर दिखने लगा है। शहर में हल्की बारिश के साथ तेज हवाएं चलने लगी है।

इन जिलों के लिए अलर्ट जारी
16 जून को बाड़मेर व जालोर में रेड अलर्ट, जैसलमेर, जोधपुर, पाली और सिरोही में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि बीकानेर, राजसमंद, उदयपुर, डूंगरपुर जिले में यलो अलर्ट रहेगा।

17 जून को बड़मेर, जोधपुर, जालोर और पाली में रेड अलर्ट, नागौर, जैसलमेर, अजमेर, राजसमंद, भीलवाड़ा, उदयपुर, सिरोही, टोंक में ऑरेंज अलर्ट और बीकानेर, चूरू, सीकर, जयपुर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, डूंगरपुर और बांसवाड़ा में यलो अलर्ट रहेगा।

18 जून को अजमेर के कुछ स्थानों, नागौर, सीकर, पाली, भीलवाड़ा, बूंदी, टोंक, सवाईमाधोपुर में ऑरेंज अलर्ट और जयपुर, जोधपुर, चूरू, दौसा, अलवर, करौली, सीकर, झुंझुनूं, चित्तौड़गढ़ और राजसमंद में यलो अलर्ट रहेगा।

दुनियाभर में ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते मौसम का मिजाज़ बुरी तरह बिगड़ा हुआ है। जगह-जगह बेमौसम बारिश देखने को मिल रही है, तो पहले ठंडी रहने वाली जगहों में गर्मी ने तेवर दिखाना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं, गर्म जगहों पर भी अप्रत्याशित रूप से ठंड का असर देखने को मिल रहा है। हालांकि गर्म जगहों पर गर्मी के मौसम में आग उगलती गर्मी भी पड़ती है। बदलते मौसम में पुराने रिकॉर्ड्स का टूटना और नए रिकॉर्ड्स का बनना भी देखा जाता है। हाल ही में चीन (China) की राजधानी बीज़िंग (Bejing ) में गर्मी का ने कहर दिखारे हुए एक नया रिकॉर्ड बना दिया।


बीज़िंग में दर्ज हुआ जून का सबसे गर्म

बीजिंग में रहने वाले लोग 16 जून यानी कि आज का दिन कभी नहीं भूलेंगे। इसकी वजह है बीजिंग में आज दर्ज हुआ एक नया रिकॉर्ड। पर यह रिकॉर्ड ऐसा है जिससे लोगों को राहत नहीं, सिर्फ तपन ही मिली। हम बात कर रहे हैं गर्मी की तपन की। चीन के राजधानी बीजिंग में आज, शुक्रवार, 16 जून का दिन सालों में अब तक जून में सबसे गर्म दिन के तौर पर दर्ज हुआ।


कितना रहा तापमान?

बीज़िंग में मौसम विभाग के अनुसार आज जून के महीने का सबसे गर्म दिन देखा गया। बीज़िंग के मौसम विभाग ने अपने ऑफिशियल वीबो चैनल पर जानकारी देते हुए बताया कि आज, 16 जून को दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर (भारतीय समयानुसार 12 बजे) 39.4 डिग्री सेल्सियस (103 डिग्री फॉरेनहाइट) तापमान दर्ज किया गया। आज से पहले चीन की राजधानी में जून में उतनी गर्मी कभी नहीं पड़ी है। पिछले महीने में भी चीन में गर्मी के आग उगलने का सिलसिला जारी था।

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अलग हटके और स्टाइलिश लुक वाले फोन की तलाश कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है। चीन की उपभोक्ता कंपनी यूनिहर्ट्ज ने एंड्रॉयड-13 जैलीस्टार स्मार्टफोन (Unihertz Jelly Star Smartphone) लांच किया है। कंपनी का कहना है कि यह गूगल द्वारा विकसित ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) पर चलने वाला सबसे छोटा स्मार्टफोन है। रिपोट्र्स के मुताबिक, जैलीस्टार (Jelly Star) का डिजाइन 'यूनीक' है और यह इतना छोटा है कि यह आसानी से हाथ की हथेली में फिट हो सकता है। रिपोट्र्स के मुताबिक, इसकी बिक्री अक्टूबर माह में शुरू होगी। अभी इसकी कीमत 170 अमरीकी डॉलर (करीब 14000 रुपए) रखी गई है। बिक्री शुरू होने पर कीमत को बढ़ाकर 210 डॉलर कर दिया जाएगा।

Unihertz Jelly Star : कमाल के फीचर्स है फोन में
फोन का वजन महज 116 ग्राम है। इसमें 8 जीबी रैम, 256 जीबी स्टोरेज और एक माइक्रोएसडी कार्ड रीडर है। प्रोसेसर के लिए इसमें पावरफुल मीडिया टेक हेलियो जी99
(MediaTek Helio G99) मिलता है।

Unihertz Jelly Star : कैमरा एंड डिस्पले
नथिंग फोन (1) (Nothing Phone (1)) के समान डिजाइन वाला जैलीस्टार सेल्फी और वीडियो कॉल के लिए 8 एमपी लेंस के साथ आता है। साथ ही, इसमें 48 मेगापिक्सल का रियर कैमरा है। 480*584 पिक्सेल रिजॉल्यूशन वाला 3 इंच का एलईडी डिस्पले है।

Unihertz Jelly Star : सेफ्टी
फोन को सिक्योर रखने के लिए कंपनी ने बैक पर फिंगरप्रिंट स्कैनर दिया है।

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Cyclone Biparjoy BIG Update: भयानक चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने गुजरात के कच्छ में जखाऊ तट में एंट्री के साथ ही तबाही मचाना शुरू कर दी है। तेज हवाओं की रफ्तार 120-150 किलोमीटर प्रति घंटे की बताई जा रही है। गुजरात के 7 जिलों और 450 से ज्यादा गांव अलर्ट पर हैं। तूफान तट से टकराने के बाद धीमी रफ्तार से राजस्थान की तरफ बढ़ रहा है।

मौसम विभाग के अनुसार तूफान आज शाम तक राजस्थान में प्रवेश कर जाएगा। तूफान के कारण विभाग ने कई जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है साथ ही सावधानी बरतने की भी अपील की है। प्रशासन भी अपनी तैयारियों में जुटी है और आपदा प्रबंधन की सारी टीमें तैनात कर दी है। इसका सबसे ज्यादा असर दक्षिण राजस्थान में पड़ने वाला है, जिससे भारी से अति भारी बारिश की संभावना जताते हुए रेड अलर्ट जारी किया है।

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गुजरात में अब भी तेज बारिश
गुजरात में अब भी तेज बारिश और तेज हवाओं का सिलसिला जारी है। तूफान के कारण कई पेड़ और बिजली के पोल गिर गए। 920 से ज्यादा गांवों में बिजली सुविधा ठप है और लैंडफॉल के कारण दो लोगों की मरने की खबर भी सामने आ रही है। हर जगह पुलिस और आपदा प्रबंधन टीम तैनात की गई है।

 

लोकल ट्रेनें रद्द, यात्री परेशान
मौसम विज्ञान के मुताबिक 16 और 17 जून को कई जिलों में रेड अलर्ट रहेगा। अलर्ट के चलते उत्तर पश्चिम रेलवे ने एक दर्जन ट्रेनों का संचालन 16 व 17 जून को रद्द कर दिया है। रेलवे ने जोधपुर, बाड़मेर से चलने वाली ट्रेनों को गुरुवार शाम को रद्द करने का निर्णय किया है। इसके तहत गाड़ी संख्या 04841 जोधपुर - भिलड़ी, 04842 भिलड़ी जोधपुर, 14893 जोधपुर पालनपुर, 14894 पालनपुर जोधपुर, 04881 बाडमेर मुनाबाव, 04882 मुनाबाव बाडमेर, 14895 जोधपुर बाडमेर, 14896 बाड़मेर जोधपुर, 04839 जोधपुर बाडमेर, 04840 बाडमेर जोधपुर, 04843 जोधपुर बाड़मेर, 04844 बाड़मेर जोधपुर अगले दो दिन तक नहीं चलेगी। इनके अतिरिक्त चलने वाली अन्य ट्रेनें चलेंगी।

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सुबह जल्दी बच्चों को स्कूल भेजने से लेकर रात में रसोई की साफ—सफाई करने तक, एक महिला दिन— भर में बिना रुके ढेरों काम करती हैं। फिर यदि वह वर्किंग हो, तो उस पर दोहरी जिम्मेदारी आ जाती है। ऐसे में यदि उसका पति उसे ये बोले कि तुम घर पर बिल्कुल भी काम नहीं करती, तो उस पर क्या गुजरेगी। पति या सास—ससुर के ये ताने सिर्फ भारत में ही नहीं सुनने को मिलते हैं, बल्कि विदेशों की स्थिति भी यही है।
यूएस का एक टिकटॉक वीडियो इन दिनों खूब वायरल हो रहा है। 33 वर्षीय डोनली ने अपने पति के ताने के बाद घर का काम करना बंद कर दिया और लम्बे वीकएंड पर चली गई। डोनली ने काम के हड़ताल के बाद का वीडियो बनाया। इस वीडियों में पूरा घर बिखरा हुआ था, बिस्तर और बर्तन साफ नहीं थे, सोफे पर कपड़ों का ढेर लगा हुआ था और बाथरूम के फर्श पर गंदे बर्तन, खिलौनें और तौलिए बिखरे हुए थे। उनके पति ब्रेन को इस बात का अहसास हो गया कि घर को संभालने में उनकी पत्नी की कितनी अहम भूमिका है। उनके घर का यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ और करोड़ों लोगों ने देखा। बाद में ब्रेन ने अपनी पत्नी से माफी मांगी।
डोनली ने याद किया कि एक रात जब वह बच्चों को सोने के लिए तैयार कर रही थी, तो ब्रेन क्रोधित था, और उसने उसके बारे में टिप्पणी की कि वह घर के लिए कुछ नहीं कर रही है। इसके बारे में लड़ने के बजाय डोनली ने अलग अंदाज में अपनी बात को साबित किया और हड़ताल पर चली गई। हालांकि इस जोड़े ने इस बात को बहुत अच्छे से सुलझा लिया।

अब बात करते हैं भारतीय समाज की
अक्सर भारतीय परिवारों में इस तरह के इश्यूज सामने आते हैं कि नौकरीपेशा बहू घर की देखभाल सही तरीके से नहीं करती। सास—ससुर, बच्चों व पति का ध्यान अच्छे से नहीं रखती। सभ्य समाज में भी कामकाजी महिलाओं को लेकर इसी तरह की सोच हैं कि वह घर से ज्यादा आॅफिस को प्राथमिकता देती है। यह बात सही है कि भारतीय समाज में महिलाओं की प्राथमिक भूमिका घरेलू कामकाज और बच्चों की देखभाल करना माना जाता रहा है। यदि वह गृहिणी हैं, तो पूरी तरह से घर के कामों के लिए समर्पित हैं। ऐसे में समाज को घर के कामों में महिलाओं के अद्वितीय योगदान को स्वीकार करना चाहिए, न सिर्फ उनका सहायक बनना चाहिए, बल्कि आभार भी जताना चाहिए।

महिला ही घर को घर बनाती हैं
बचपन से ही हमें यह सिखाया जाता है कि महिला नौकरीपेशा हो या गृहिणी, घर की जिम्मेदारी उसी की है। यदि महिलाएं घरों को नहीं संभालेंगी तो डोनली के वीडियो की तरह हमारे अधिकांश घर वार—जोन में बदल जाएंगे। हम देखते हैं कि जब एक महिला एक दिन से अधिक समय तक बाहर रहती हैं तो खाना—बनाने से लेकर साफ—सफाई तक के कामों में कितनी परेशानी होती है। पितृसत्ता ने समाज में लैंगिक भूमिकाएं थोप दी हैं। महिलाएं बिना किसी वेतन और ब्रेक लिए बिना लगातार काम करती रहती हैं। अब समय आ गया है कि पितृसत्तात्मक मानसिकता से बाहर निकलें। महिलाओं के हर एक मिनट के योगदान को पहचानें। महिलाएं समर्थन, समझ और समान योगदान के अलावा कुछ भी अपेक्षा नहीं करतीं। हमें उनका समर्थन शुरू करना चाहिए और आलोचना करने के बजाय घरेलू कामों में समान रूप से योगदान देना चाहिए।

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Beware Of Fake ChatGPT Apps : प्ले स्टोर चैटजीपीटी खोजने पर कई ऐप दिखते हैं, जो एआइ सहायक होने का दावा करते हैं। हालांकि रिव्यू सेक्शन देखने पर ये ऐप ज्यादातर पेड रिव्यू का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे ऐप थर्ड पार्टी कंपनियों को यूजर डेटा बेचकर कमाई कर सकते हैं। कुछ ऐप तो नॉन-रिफंडेबल प्रीमियम चार्ज करते हैं और सबसे अच्छा चैटबॉट होने का दावा करते हैं। एक बार जब आप इनके जाल में फंस जाते हैं और सदस्यता ले लेते हैं तो बाद में आप कुछ नहीं कर सकते।

कुछ बेहतर ऐप्स


बिंग चैट
बिंग ने जीपीटी-4 को अपने सर्च इंजन में इंटिग्रेट कर लिया है। माइक्रोसॉफ्ट एज ब्राउजर के जरिए डेस्कटॉप पर या अपने एंड्रॉइड या आइफोन पर बिंग ऐप का नया संस्करण डाउनलोड कर सकते हैं। चैटजीपीटी क्लोन से बेहतर विकल्प है।

पर्पेक्सिलिटी एआइ
ओपनएआइ के जीपीटी-3 भाषा मॉडल पर प्रशिक्षित पर्पेक्सिलिटी एआइ बेहतरीन उपकरण है। जो नतीजों के लिए वेब को स्कैन करता है। साइन-अप या लॉगिन की जरूरत नहीं है।

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चैटजीपीटी की लोकप्रियता आसमान को छूने के बाद एआइ-संचालित चैटबॉट्स की संख्या भी बढ़ गई है। कई चैटबॉट खुद को 'थर्ड-पार्टी चैटजीपीटी ऐप' बताते हैं। ऐप स्टोर और प्ले स्टोर दोनों पर भरमार है और यही हाल क्रोम वेब स्टोर का भी है। तो, क्या ये थर्ड-पार्टी चैटजीपीटी ऐप्स और एक्सटेंशन सुरक्षित हैं?

क्रोम चैटजीपीटी एक्सटेंशन
अगर क्रोम वेब स्टोर पर चैटजीपीटी खोजते हैं तो बहुत से चैटजीपीटी एक्सटेंशन दिखते हैं। कोई जीमेल के जवाबों में सहायता करने की पेशकश कर सकता है तो कोई वेब पेजों को सारांशित कर सकता है। नतीजे सभी जीपीटी-3.5 एपीआइ का इस्तेमाल कर दिखाते हैं। कुछ ऐसे भी हैं, जो फिशिंग साइट्स पर ले जाते हैं। क्रोम एक्सटेंशन इंस्टॉल करने से पहले उसकी रेटिंग्स और रिव्यूज पढ़ लें। बेहतर मुफ्त क्रोम एक्सटेंशन की तलाश में हैं तो मर्लिन चैटजीपीटी को आजमा सकते है।

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नोवा एआइ
वेब, मोबाइल और ओएस ऐप के रूप में उपलब्ध नोवा एआइ का भी आप बातचीत करने, सवाल पूछने और शोध करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि आपको इस्तेमाल करने से पहले इसे साइन अप या लॉग इन करना होगा।

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जयपुर. ग्रेटर नगर निगम में डेयरी बूथ आवंटन के मामले में नया मोड़ आ गया है। महापौर सौम्या गुर्जर ने एक कमेटी का गठन कर भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं। कमेटी में लाइसेंस समिति के चेयरमैन रमेश चंद सैनी को अध्यक्ष बनाया है। इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष राजीव चौधरी, अतिरिक्त आयुक्त प्रवीण कुमार और मुख्य अभियंता अनिल सिंघल को सदस्य के रूप में कमेटी में शामिल किया गया है।

दरअसल, ऐसा माना जा रहा है कि डेयरी बूथ आवंटन प्रक्रिया से भाजपा के वरिष्ठ नेता कार्यकर्ताओं की अनदेखी से नाराज हैं। इन लोगों की सिफारिश और जो नाम दिए गए, उनमें से ज्यादातर को डेयरी नहीं मिली। इसी वजह से लगातार विरोध हो रहा है। सूत्रों की मानें तो कई कार्यकर्ताओं ने नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, शहर अध्यक्ष राघव शर्मा और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी से भी शिकायत की थी।

 

कैसे होगी निष्पक्ष जांच

कमेटी में दो अधिकारी तो निगम से ही हैं। ऐसे में ये अधिकारी कैसे अपने ही अधिकारियों की निष्पक्ष जांच कर पाएंगे।

 

डेयरी बूथ आवंटन में अनियमितता की शिकायत नेता प्रतिपक्ष राजीव चौधरी सहित अन्य पार्षदों ने की थी। इससे संबंधित तथ्य भी दिए हैं। जांच के लिए कमेटी का गठन किया है। ये कमेटी 15 दिन में रिपोर्ट पेश करेगी।

-सौम्या गुर्जर, महापौर

 

 

प्रक्रिया को रोका जाना जरूरी

डेयरी बूथ आवंटन प्रक्रिया को जांच रिपोर्ट आने तक रोकना जरूरी है। आवंटन प्रक्रिया में हो रही भ्रष्टाचार का कई बार विरोध किया और नोटशीट भी लिखी। लेकिन निगम प्रशासन ने सुनवाई नहीं की।

-पुनीत कर्णावट, उप महापौर

रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच चल रहे युद्ध को 15 महीने से ज़्यादा समय पूरा हो चुका है और कुछ ही दिन में 16 महीने पूरे हो जाएंगे। यूक्रेन पर कब्ज़ा करने के इरादे से रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के आदेश पर 24 फरवरी को रुस की आर्मी ने यूक्रेन में घुसपैठ करते हुए हमला कर दिया। पुतिन का प्लान कुछ ही दिन में यूक्रेन पर कब्ज़ा करना था। इस युद्ध की वजह से यूक्रेन में भीषण तबाही मच चुकी है। जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। पर जिस युद्ध को पुतिन कुछ दिन में ही खत्म करना चाहते थे, उसे चलते हुए 16 महीने पूरे होने वाले हैं। इस दौरान इस युद्ध में कई मोड़ आ चुके हैं। यूक्रेन की आर्मी डटकर रूस की आर्मी का सामना कर रही है। इसी बात को देखते हुए रूस में कुछ समय पहले एक फैसला लिया था और बेलारूस (Belarus) के साथ एक समझौता किया था।


क्या था रूस और बेलारूस का समझौता?

कुछ समय पहले दोनों देशों में एक समझौता हुआ था। दोनों पड़ोसी देश हैं और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्ज़ेंडर लुकाशेंको (Alexander Lukashenko) अच्छे दोस्त भी हैं। ऐसे में दोनों ने समझौता करते हुए रूस के परमाणु हथियारों का एक जखीरा बेलारूस में तैनात करने के फैसला लिया था।

बेलारूस पहुंचा रूस के परमाणु हथियारों का जखीरा

रूस के परमाणु हथियारों का जखीरा आज बेलारूस पहुंच गया है। बेलारूस ने शुरू से इस युद्ध में खुले तौर पर रूस को समर्थन दिया है। रूस के बेलारूस में परमाणु हथियारों का एक जखीरा तैनात करने की एक वजह यह भी है कि बेलारूस और यूक्रेन भी पड़ोसी हैं और बेलारूस में इन हथियारों की तैनाती से यूक्रेन को रेंज पर लिया जा सकता है।

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लुकाशेंको ने दी धमकी


रूस के परमाणु हथियारों का एक जखीरा बेलारूस में आने के बाद बेलारूसी राष्ट्रपति लुकाशेंको ने धमकी दे दी है। लुकाशेंको ने धमकी देते हुए कहा है कि पुतिन को उन्हें सिर्फ एक फोन करके मंजूरी देने की ज़रूरत है। उसके बाद वह बेलारूस में तैनात रूस के परमाणु हथियारों को यूक्रेन के खिलाफ इस्तेमाल करने से बिल्कुल नहीं हिचकिचाएंगे।

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क्या है बेलारूस में परमाणु हथियार तैनात करने की वजह?

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को चलते हुए 16 महीने पूरे होने वाले हैं और अभी भी इसमें रूस को जीत नहीं मिली है। वहीं लगातार मिल रही इंटरनेशनल हेल्प की वजह से यूक्रेनी आर्मी डटकर रुसी आर्मी का सामना कर रही है। इस युद्ध की वजह से अब तक बड़ी तादाद में रुसी आर्मी के भी सैनिक मारे जा चुके हैं। वित्तीय रूप से भी रूस को इस युद्ध में काफी नुकसान हो चुका है। साथ ही रूस पर कई प्रतिबंधों की मार भी पड़ चुकी है।

लंबे समय से रक्षात्मक रणनीति के साथ आगे बढ़ रहे यूक्रेन ने कुछ समय पहले ही इस युद्ध में जवाबी कार्रवाई भी शुरू कर दी है। ऐसे में यूक्रेनी आर्मी इस युद्ध में भारी भी पड़ सकती है। इसी खतरे को ध्यान में रखते हुए रूस ने अपने परमाणु हथियारों की एक खेंप को बेलारूस में तैनात करने का फैसला लिया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रूस के पास सबसे ज़्यादा 4,489 परमाणु हथियार हैं।

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जर्नल साइंस में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, टॉरिन की कमी शरीर को जल्दी बुढ़ा बना सकता है। यह मांस, डेयरी, मछली जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। शोधकर्ता, विजय यादव, अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी वैगेलोस कॉलेज ऑफ फिजिशियन एंड सर्जन में जेनेटिक्स एंड डेवलपमेंट के सहायक प्रोफेसर और उनके सहयोगियों ने पाया कि टॉरिन का प्रशासन बाहरी रूप से चूहों और बंदरों में उम्र बढ़ने को धीमा कर देता है, साथ ही उनके स्वास्थ्य को भी बढ़ाता है।

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चूहों में प्रयोग करने के बाद, जिन्होंने एक वर्ष के लिए टॉरिन की खुराक प्राप्त की, यादव और उनकी टीम सहित अन्य उम्र बढ़ने वाले शोधकर्ताओं ने कई प्रजातियों में टॉरिन पूरकता के प्रभावों का अध्ययन करते हुए पाया कि टॉरिन ने मादा चूहों में औसत जीवनकाल में 12 प्रतिशत की वृद्धि की है और नर चूहों में 10 प्रतिशत। इसका मतलब है कि चूहों में तीन से चार महीने अधिक। चूहों के स्वास्थ्य मापदंडों का अध्ययन करते हुए, शोधकर्ताओं ने कई लाभों का पता लगाया, जिसमें महिला चूहों में रजोनिवृत्त वाले उम्र से जुड़े वजन में कमी, ऊर्जा के उपयोग में वृद्धि, हड्डियों का द्रव्यमान और मांसपेशियों की ताकत शामिल है।

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उन्होंने यह भी पाया कि चूहों में अवसाद जैसे और चिंतित व्यवहार कम हो गए, इंसुलिन प्रतिरोध और कुल मिलाकर, एक युवा दिखने वाली प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा दिया जा रहा है। लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जीने के अलावा, उन्हें सेलुलर स्तर पर कई लाभ भी मिले, जैसे कि "ज़ोंबी कोशिकाओं" को कम करना, कुछ ऊतकों की स्टेम कोशिकाओं में वृद्धि, चोट के बाद तेजी से उपचार को बढ़ावा देना, डीएनए क्षति को कम करना, आदि।

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रीसस बंदरों में, टीम ने पाया कि टॉरिन ने वजन बढ़ने से रोका, रीढ़ और पैरों में हड्डियों का घनत्व बढ़ाया और उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली के स्वास्थ्य में सुधार किया। मनुष्यों में, जबकि यह अभी तक अज्ञात है कि क्या टॉरिन की खुराक स्वास्थ्य या दीर्घायु को बढ़ाएगी, शोधकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने दो प्रयोगों के परिणामों से टॉरिन की क्षमता का सुझाव दिया।

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पहले में, यादव और टीम ने 60 और उससे अधिक आयु के 12,000 यूरोपीय वयस्कों में लगभग 50 स्वास्थ्य मापदंडों और उनके टॉरिन स्तरों का अध्ययन किया। उन्होंने उच्च टॉरिन स्तर को बेहतर स्वास्थ्य से जुड़ा पाया, टाइप 2 मधुमेह के कम मामलों और मोटापे, उच्च रक्तचाप और सूजन के कम स्तर के साथ। यादव ने कहा, "परिणाम इस संभावना के अनुरूप हैं कि टॉरिन की कमी मानव उम्र बढ़ने में योगदान करती है।

 

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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने जब से पीएम पद की कुर्सी गंवाई है, तभी से उन्होंने देश के नए प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ (Shehbaz Sharif) और पाकिस्तान की आर्मी के खिलाफ बयानबाजी शुरू कर दी। इससे आर्मी के साथ ही देश की सरकार भी पूरी तरह उनके खिलाफ हो गई। इससे इमरान की मुश्किलें कम होने की जगह बढ़ गई और अभी भी उन्हें मुश्किलों से छुटकारा नहीं मिल रहा है। भले ही इमरान को सुप्रीम कोर्ट से रिहाई और इस्लामाबाद हाई कोर्ट से तोशखाना मामले और अल कादिर ट्रस्ट मामले में राहत दे दी, पर इसके बावजूद इमरान की मुश्किलें कम होने की जगह बढ़ ही रही हैं। इमरान के साथ उनकी पार्टी PTI (पीटीआई - पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) के मेंबर्स को भी राहत नहीं है।


पंजाब पुलिस पर लगाया बड़ा आरोप

इमरान ने हाल ही में पाकिस्तान के पंजाब की पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया है। इमरान ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, "पंजाब पुलिस ने पीटीआई के मेंबर्स के खिलाफ दहशत का एक दौर शुरू कर दिया है। उन्होंने सभ्यता के सभी मानदंडों को तोड़ने के अलावा सभ्य लोगों और कानून का पालन करने वाले नागरिकों को आतंक के दम पर डराने की कोशिश की है जो कायरता की पराकाष्ठा है। पंजाब की पुलिस हथियारों के साथ उनके घर में घुसकर तोड़-फोड़ कर रही है।"


फोटोज़ में दिखी तोड़फोड़

इमरान ने अपने ट्वीट में कुछ फोटोज़ भी शेयर की हैं। इन फोटोज़ में उनकी पार्टी के एक मेंबर के घर के अंदर हुई तोड़फोड़ की की झलक दिखाई दे रही है। फोटोज़ से साफ है कि घर में घुसकर बुरी तरह से तोड़फोड़ की गई है जिससे घर के सामान को काफी नुकसान पहुंचा है। और ये फोटोज़ तो सिर्फ एक पीटीआई मेंबर के घर की हैं। इमरान के अनुसार पंजाब पुलिस पीटीआई के कई मेंबर्स के खिलाफ दहशतभरा एक्शन ले रही है।

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Ajab Gajab News : आजकल आपने ऐसी खबरों के बारे में बहुत सुना होगा कि किसी के पेट में कैची मिलती है, तो किसी के पेट में रॉड। यह तब होता है तब कोई व्यक्ति अपने पेट का ऑपरेशन करवाता है और डॉक्टर की गलती से ये चीज़ीं पेट में रह जाए। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारें में बताने जा रहें हैं जिसने अभी तक कोई भी ऑपरेशन नहीं करवाया था, लेकिन फिर भी उसके पेट में 1 फ़ीट लंबी लोहे की छड़ी मिली।

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आखिर कौन है यह शख्स?

यह शख्स सेंट्रल अमरीका के ग्वाटेमेला देश का रहने वाला है। इस शख्स के पेट में अचानक से एक दिन दर्द हुआ। तभी वह अपने पेट का चेकअप करवाने डॉक्टर के पास जाता है। डॉक्टर जब उसका एक्स-रे निकालता है तब डॉक्टर भी हैरान रह जाता है। उस आदमी की रिपोर्ट में उसके पेट में लोहे की घुमावदार लंबी छड़ी मिलती है। इस छड़ी को देखने के बाद सबकी हवा ख़िसक जाती है। ऐसे में डॉक्टर और सबके मन में एक ही सवाल आता है कि आखिर ये लोहे की छड़ी उसके पेट में गयी कैसे?

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क्या है मामला?

एक ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक ग्वाटेमाला के 52 वर्षीय व्यक्ति के पेट में एक दिन अचानक से बहुत जोर का दर्द उठा। जब वह आदमी उस दर्द को सहन नहीं कर पाया तब अमरीका के रूजवेल्ट अस्पताल में गया। वहाँ डॉक्टर ने उसका एक्स-रे निकाला और देखने पर उसके पेट में एक लंबी लोहे की छड़ी मिली। इस छड़ी की लंबाई लगभग 1 फीट और चौड़ाई 0.8 इंच थी। इन सब बातों को देख डॉक्टर ने उसके पेट का ऑपरेशन करके किसी तरीके से उस छड़ी को बाहर निकाला। अब यह घटना सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि अभी तक उस शख्स के नाम का खुलासा नहीं हो पाया है।

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आखिर पेट में कैसे पहुंची इतनी बड़ी घुमावदार छड़ी?

इस शख्स के पेट में इतनी बड़ी छड़ी मिली। ऐसे में हर किसी के मन में अब एक ही सवाल चल रहा है कि आखिर इतनी बड़ी छड़ी उसके पेट में पहुंची कैसे? जब डॉक्टर ने उससे पूछा तो उस शख्स ने जो बताया उसको सुन सब हैरान रह गए। उसने बताया कि उसके दिमाग में अजीब सी आवाज़ें आती हैं। और कोई उस आवाज़ में उसको छड़ी निगलने के लिए कहता है। ऐसे में वह नींद में ही लोहे की छडी को निगल जाता है। उसके बाद जो उसको असहनीय दर्द होता है।

ऐसा होने के बाद डॉक्टर ने उस के पूरे शरीर का चेकअप किया और रिपोर्ट के मुताबिक पता चला कि उसको सिज़ोफ्रेनिया (Schizophrenia) नामक बीमारी है, जो व्यक्ति के सोचने, महूसस करने और व्यवहार करने के तरीके को प्रभावित करती है। अमरीका के अस्पताल की तरफ से वीडियो और फोटोज सांझा किए गए हैं, जिनमें साफ़ तौर पर देखा जा सकता है कि यह छड़ी शख्स की आहार-नली में फंसी है। डॉक्टर ने यह भी बताया कि उन्होंने आज तक ऐसा केस नहीं देखा। इसको देखकर उन्हें चिंता हुई पर किसी तरह उन्होंने इसे पेट से बाहर निकाल दिया।

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स्मार्टफोन आपकी आंखें कमजोर कर सकता है क्योंकि इसे आंखों के काफी नजदीक रखना पड़ता है, लंबे समय तक नजदीक से स्क्रीन पर टकटकी लगाने या नजर गड़ाने से आंखों में दर्द, खुजली, लालिमा, सिरदर्द, दृष्टि में धुंधलापन और ड्राई आई की समस्याएं हो सकती हैं।

 

लंबे समय तक नेट सर्फिंग करने, मैसेज टाइप करने और चलते हुए वाहन में बैठकर मोबाइल के स्क्रीन पर नजर गड़ाने से भी आंखों पर दबाव पड़ता है। युवा, स्मार्टफोन को आंखों के काफी नजदीक रखते हैं (10-12 इंच) जिससे निकट दृष्टि दोष होने की आशंका बढ़ जाती है।

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लंबे समय तक एक फिक्स स्थिति में स्क्रीन पर टकटकी लगाने से गर्दन की मांसपेशियों में कड़ापन भी आ जाता है। स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी हमारे शरीर में मेलाटोनिन का उत्पादन कम कर सकती है, जिससे नींद आने में दिक्कतहो सकती है।

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डॉक्टरी राय: नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील गुप्ता के अनुसार स्मार्टफोन का प्रयोग करते समय पलकों को बार-बार झपकाएं। इसे एक बार में एक घंटे से ज्यादा प्रयोग ना करें। स्मार्टफोन यूज करते समय करीब एक फुट की दूरी रखें। ड्राई आई की समस्या में टियर सब्सटिट्यूट (आंखों में नमी के लिए) का दिन में 2-3 बार प्रयोग करें, इनका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता।

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अन्य समस्या
हड्डियों में दर्द बने रहना
ऑर्थोपेडिक एक्सपर्ट के अनुसार, लगातार कई घंटों तक फोन का इस्तेमाल करने से रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि लोग घंटों तक फोन को हाथों में पकड़कर रहते हैं। इससे कलाई और कोहनी में दर्द हो जाता है। अगर ये दर्द लगातार बना रहता है तो रूमेटाइड आर्थराइटिस होने का खतरा रहता है।

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मानसिक सेहत पर भी असर
डॉक्टर के अनुसार, स्मार्ट फोन को बिना जरूरत के इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। देखा जाता है कि लोग टाइम पास करने के लिए घंटों फोन का इस्तेमाल करते हैं, कोशिश करें कि दिन में डेढ़ घंटे से ज्यादा फोन का प्रयोग न करें। ऐसा न करने से मेंटल हेल्थ पर भी असर पड़ता है। खासतौर पर रात के समय फोन का यूज मानसिक सेहत को बिगाड़ सकता है।

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नींद का पैटर्न होता है खराब
फोन के इस्तेमाल से स्लीप का पैटर्न भी खराब होता है। कई बच्चों को नींद न आने की समस्या हो जाती है। रात में फोन के इस्तेमाल से सोने के घंटे कम हो जाते हैं, जिसका सीधा असर सेहत पर पड़ता है। नींद बिगड़ने की वजह से सिरदर्द और पेट खराब होने जैसी समस्याएं भी हो रही हैं।

 

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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अगर आप अपने लिए कोई सस्ता प्रीपेड प्लान ढूंढ रहे हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। अधिक ग्राहकों को आकर्षित करने और मौजूदा ग्राहकों को बनाए रखने के लिए देश की प्रमुख दूरसंचार ऑपरेटरों एयरटेल (Airtel), जियो (Jio) और वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) ने हाल ही में एक नया प्रीपेड रिचार्ज प्लान लांच किया है। इस प्लान के जरिए आपको कई तरह के लाभ मिलेंगे। हाई-स्पीड इंटरनेट (Hi Speed Internet) और अनलिमिटेड कॉलिंग (Unlimited Calling) की लगातार बढ़ती मांग के साथ, यह प्लान ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है। चाहे आप अधिक डेटा उपयोगकर्ता हों या असीमित कॉलिंग, तीनों कंपनियोंं ने ग्राहकों की जरूरतों को ध्यान में रखकर ही यह प्लान लांच किया है। इस प्लान का इस्तेमाल महीने भर किया जा सकता है। 155 रुपए का है प्लान।

जियो का 155 प्लान
जियो (Jio) के इस महीने भर प्लान में ग्राहकों को अनलिमिटेड कॉलिंग के साथ साथ 2 जीबी हाई स्पीड डेटा मिलता है। इसके अलावा 300 एसएमएस भी मिलते हैं। यही नहीं, कंपनी अपने ग्राहकों को जियो एप्स का फ्री एक्सेस भी मिलता है। इस प्लान की वैधता 28 दिन है।

एयरटेल 155 प्लान
एयरटेल (Airtel) भी इस प्लान में अपने ग्राहकों को अनलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा प्रदान करता है। हालांकि, 24 दिन के इस प्लान में ग्राहकों को डेटा केवल 1 जीबी ही मिलता है। जियो की तरह एयरटेल भी 300 एसएमएस दे रहा है। इसके अलावा फ्री हैलो ट्यूंस (Hellotunes) और Wynk Music मिलता है।

वोडाफोन आइडिया प्रीपेड प्लान
एयरटेल की तरह ही वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) भी अपने ग्राहकों को 155 रुपए के रिचार्ज में 24 दिन की वैधता के साथ 1 जीबी डेटा मुहैया करवा रही है। एसएमएस की बात करें तो ग्राहक उक्त दिनों तक 300 एसएमएस का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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Cyclone Biparjoy: बिपरजॉय तूफान को लेकर राजस्थान में प्रशासनिक और पुलिस अमला अलर्ट मोड पर है। हर परिस्थति से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन टीम तैयार है। राजस्थान सरकार ने चक्रवाती तूफान बिपरजॉय को देखते हुए इसके प्रभाव में आने वाले जिलों में महंगाई राहत कैंप स्थगित करने के निर्देश संबंधित जिला कलक्टरों को दिए हैं।

आयोजना विभाग के संयुक्त शासन सचिव सुशील कुमार कुलहरी ने बताया कि 16 एवं 17 जून को चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के कारण राज्य के कई जिलों में तेज गति की हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है। एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल ने प्रेस सम्मेलन करके अपने अभियान की जानकारी दी। अतुल करवाल ने कहा कि तूफान जैसे-जैसे कमजोर और गहरे दबाव में परिवर्तित हो रहा है, तो इससे दक्षिण राजस्थान में बारिश होने की संभावना है। राजस्थान सरकार के अनुरोध पर हमने एक टीम जालौर में पहुंचा दी है।

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इसके मद्देनजर जिला कलेक्टरों को आमजन की सुरक्षा को देखते हुए आवश्यकतानुसार महंगाई राहत कैम्पों को स्थगित करने के लिए उचित निर्णय लेने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही स्थगित होने वाले महंगाई राहत कैम्पों के बारे में पर्याप्त प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं ताकि आम जनता इन कैंपों में न पहुंचे।

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जोधपुर संभागीय आयुक्त ने अवगत कराया कि बिपोर्जोय चक्रवाती तूफान के मद्देनजर जालौर, सिरोही, बाड़मेर, जैसलमेर एवं जोधपुर जिला मुख्यालयों तथा सांचौर एवं बालोतरा मुख्यालयों पर शुक्रवार को होने वाले लम्पी सहायता कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है। संभाग के पाली जिला मुख्यालय और फलौदी मुख्यालय पर यह कार्यक्रम पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित होगा। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम स्थगित होने वाले क्षेत्रों के पात्र पशुपालकों के खातों में लंपी सहायता की राशि शुक्रवार को ही सीधे स्थानांतरित कर दी जाएगी। बीकानेर एवं उदयपुर संभाग में लम्पी सहायता कार्यक्रम आयोजित होंगे।

आगामी 23 जून अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस से शुरू होने जा रहे राजीव गांधी ग्रामीण एवं शहरी ओलंपिक खेलों के प्रति प्रदेशवासियों ने जबरदस्त उत्साह दिखाया है। इन खेलों में भाग लेने के लिए रिकॉर्ड तोड़ रजिस्ट्रेशन हुए हैं। अंतिम तिथि 15 जून की शाम तक 53 लाख से अधिक लोगों ने इन खेलों में हिस्सा लेने के लिए अपना पंजीयन करवाया है। विश्व में पहली बार किसी प्रतियोगिता में इतनी बड़ी संख्या में खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। इससे पूर्व पिछले वर्ष आयोजित हुए ग्रामीण ओलंपिक खेलों में प्रदेश के करीब 30 लाख लोगों ने भागीदारी की थी।

शासन सचिव, खेल विभाग नरेश कुमार ठकराल ने बताया कि ग्रामीण ओलंपिक खेलों में भाग लेने के लिए 41 लाख 48 हजार से ज्यादा लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है, जबकि शहरी ओलंपिक खेलों के लिए 12 लाख 36 हजार से अधिक लोगों ने पंजीयन करवाया है।गुरुवार शाम तक ग्रामीण ओलंपिक खेलों में सर्वाधिक 12 लाख 48 हजार 622 रजिस्ट्रेशन कबड्डी प्रतियोगिता के लिए हुए हैं। इनमें 9 लाख 72 हजार 992 पुरुष एवं 2 लाख 75 हजार 554 महिलाएं हैं। टेनिस बॉल क्रिकेट के लिए कुल 8 लाख 1 हजार 82 रजिस्ट्रेशन हुए हैं, जिनमें 7 लाख 26 हजार 570 पुरुष एवं 74 हजार 485 महिलाएं हैं। रस्साकशी प्रतियोगिता के लिए हुए 7 लाख 67 हजार 919 रजिस्ट्रेशन में से 5097 पुरुषों एवं 7 लाख 62 हजार 667 महिलाओं के हैं। इसी प्रकार, खो-खो प्रतियोगिता के लिए कुल 5 लाख 82 हजार 674 रजिस्ट्रेशन हुए हैं, जिनमें से 3234 पुरुष एवं 5 लाख 79 हजार 439 महिलाएं हैं। वॉलीबॉल के लिए हुए 3 लाख 38 हजार 339 रजिस्ट्रेशन में से 2 लाख 70 हजार 213 पुरुषों एवं 68 हजार 106 महिलाओं के हैं। वहीं, फुटबॉल के लिए हुए 2 लाख 87 हजार 194 रजिस्ट्रेशन में से पुरुषों के 2 लाख 34 हजार 222 एवं महिलाओं के 52 हजार 957 हैं। जबकि शूटिंग बॉल के लिए हुए 1 लाख 31 हजार 341 रजिस्ट्रेशन में से पुरुषों के 1 लाख 28 हजार 976 एवं महिलाओं के 2364 हैं।

गर्दन में रीढ़ की हड्डी 7 वर्टिब्र से मिलकर बनी होती है। इन्हीं 7 वर्टिब्रों और हर वर्टिब्र के बीच डिस्क(छल्ला)में उम्र के साथ आने वाले विकारों को सर्वाइकल स्पोन्डीलोसिस कहते हैं। इस रोग से स्पाइनल कॉर्ड और स्पाइनल नर्व रूट पर इरिटेशन या प्रेशर पडऩे लगता है, जिससे मरीज को कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। यह बीमारी बुजुर्ग व्यक्तियों में होती है। एक शोध के अनुसार 65 वर्ष से अधिक उम्र के 90 फीसदी लोगों में यह बीमारी हो सकती है।

इस रोग के लक्षण
गर्दन में दर्द व तनाव रहना, कंधे या हाथ और अंगुलियों में सूनापन या झनझनाहट होना। पैरों में भारीपन, चलने में तकलीफ, हाथ-पैरों में कमजोरी, पेशाब करने में तकलीफ, सिरदर्द, चक्कर आना, आंखों के आगे अंधेरा छाना, कंधे व हाथ की अंगुलियों में दर्द।

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ये भी हैं वजह
गर्दन में चोट लगना या ऐसा काम करना, जिससे गर्दन पर दबाव आए जैसे सिर पर वजन उठाने से यह बीमारी हो सकती है।

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इलाज एवं जांच
गर्दन का एक्स-रे, सीटी स्केन व एमआरआई की जाती है। हाथ व पैर की ईएमजी/ एनसीवी की जांच होती है।

 

दवा-व्यायाम: ज्यादा दर्द होने पर कुछ दिन तक गर्दन को आराम देने की जरूरत होती है। इसके लिए गर्दन का पट्टा(सर्वाइकल कॉलर) दिया जाता है और दर्द निवारक दवाओं से कुछ दिनों में आराम मिल सकता है, बशर्ते मरीज बाद में भी नियमित चेकअप कराए और सावधानियों का पालन करे। दर्द ठीक होने के बाद मरीज को गर्दन का नियमित व्यायाम करना चाहिए।

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ऑपरेशन: वे मरीज जिन्हें आराम करने या दवा लेने से भी फायदा नहीं मिलता, उनमें गर्दन का साधारण ऑपरेशन कर मरीज की तकलीफ को कम या दूर किया जाता है। ऑपरेशन में जो भाग नर्व या स्पाइनल कॉर्ड पर दबाव डाल रहा होता है, उसे माइक्रोस्कोप एवं माईक्रोड्रिल की मदद से निकाल कर टाइटेनियम इम्प्लांट लगा दिया जाता हैं। टाइटेनियम इम्प्लांट शरीर में रिएक्शन नहीं करता तथा एमआरआई कम्पैटिबल होता है।

रखें ध्यान
न्यूरोसर्जन डॉ.रशिम कटारिया ने बताया कि कम्प्यूटर के सामने हमेशा सही मुद्रा में बैठें, ना कि गर्दन झुकाकर। कंप्यूटर स्क्रीन आंखों की सीध में होनी चाहिए। हमेशा सोते समय तकिए का प्रयोग करना चाहिए और ध्यान रखें कि वह ना ज्यादा बड़ा हो, ना अधिक पतला और ना ही बहुत ज्यादा सख्त हो।

 

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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आपके सवालों के जवाब फैमिली एस्ट्रो स्पेशल पर
ज्योतिषाचार्य: पं. मुकेश भारद्वाज के साथ


यहां पाएं चार तरह की एस्ट्रो विधाओं के टिप्स
1). अंकगणित
2). टैरो कार्ड
3). वैदिक ज्योतिष (सनसाइन-मूनसाइन)
4). वास्तु शास्‍त्र
यह कॉलम उन पाठकों के लिए है जो ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से भविष्य के पूर्वानुमानों में भी रुचि रखते हैं। भविष्य के पूर्वानुमान लगाने की लगभग सभी लोकप्रिय विधाओं को समाहित कर इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए यह देश में एक नए तरह की पहल है। जिसमें पाठक ना केवल दिन से जुड़ी सम्भावनाओं की जानकारी लें सकेगें साथ ही भविष्य से जुड़े प्रश्न भेज पूर्वानुमान प्राप्त कर सकेगें।
इस कॉलम में अंकगणित टैरो कार्ड, सनसाइन, वैदिक ज्योतिष एवं मून साइन के अनुसार ग्रह नक्षत्र के समग्र प्रभाव का पूर्वानुमान और संभावना पर लगातार जानकारियों को साझा करेंगे।

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ज्योतिषाचार्य: पं. मुकेश भारद्वाज के साथ

अंक ज्योतिष के अनुसार आज का मूलांक 8 है। जो कि एक और सात के संयोग से बना है। वहीं आज के दिन का भाग्य अंक तीन है जो दो और एक के सहयोग से बना है। इसके मायने यह है कि आज के दिन में साहस विश्वास दृढ़ता के साथ कठोर परिश्रम और विशेष आर्थिक उन्नति ऊर्जा उपलब्ध रहेगी वे सभी लोग जो धैर्य और विनम्रता के साथ अपने कार्य को करेंगे आज के दिन में पहले के पूर्वानुमानओं से ज्यादा आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकेंगे। शनि और बृहस्पति का यह संयोग तकनीकी से जुड़े ज्ञान में भी विशेष सफलता प्रदान करने की ऊर्जा रखता है। आपके प्रयास आप की ऊंचाई निर्धारित करेंगे। मूलांक 1, 2, 3, 7, 6, 8 और 9 विशेष लाभान्वित हो सकते हैं। बाकी सब के लिए भी दिन ठीक है।

टैरो कार्ड के अनुसार आज के दिन का कार्ड व्हील आफ फॉर्चून के साथ टू ऑफ कप्स है। इसके मायने हैं कि आज के दिन में पहले से प्लान की गई चीजों के अलावा भी बहुत सारे नए घटनाक्रम जुड़ सकते हैं। कुछ चीजों में बदलाव की स्थिति के लिए तैयार रहना होगा। आपको अपने विचारों के अनुसार आज के दिन को फिर से रीस्केड्यूल करने का मौका मिलेगा। हो सकता है कि किसी ऐसे व्यक्ति से मुलाकात हो जिसके लिए आप लंबे समय से प्रतीक्षारत थे। टैरो कार्ड आपको संदेश देते हैं कि आज अगर आपके सामने ऐसा व्यक्ति हो जिसे आप अपने मनोभावों से अवगत कराना चाहते हो तो इस अवसर को हाथ से ना जानें दे।

सनसाइन के अनुसार आज का दिन कार्यस्थल पर कठोर अनुशासन से बंधा हुआ हो सकता है। जो लोग लापरवाही और अनुशासनहीनता के साथ अपने कार्यों को लगातार गैर जिम्मेदाराना तरीके से कर रहे थे हो सकता है उनके लिए आज एक कठिन दिन हो। पिछले किए गए कार्यों की समीक्षा और आगे के लिए योजना बनाने से संबंधित आज के दिन का मुख्य विचार रहेगा। साथी कर्मी आपके किए गए कार्य का भी एडवांटेज लेना चाहेंगे सतर्क रहना होगा।

मूनसाइन के अनुसार आज के दिन में भावनात्मक ऊर्जा संतुलित रहेगी। प्रतीक्षारत व्यवस्थाएं मिल सकती है। भावनात्मक रूप से कमजोर महसूस कर रहे लोगों को दूसरों से लंबी बातचीत से बचना चाहिए। अपरिचित लोगों के संपर्क में आने से पहले किसी साथी या मित्र को विश्वास में अवश्य लें आज का दिन सावधानी सी गुजारने की आवश्यकता रहेगी।

कैसा रहेगा इस सप्ताह आपका स्वास्थय राशिफल?

स्वास्थ्य के लिहाज से बात करें तो आने वाला सप्ताह कई तरह की स्वास्थ्य से संबंधित गतिविधियों में सावधानी पूर्वक व्यवहार करने का संकेत देता है। सप्ताह का आरंभ भावनात्मक और मानसिक रूप से तनावग्रस्त लोगों के लिए विशेष रुप से सावधानियां बरतने का रहेगा। वहीं सप्ताह का मध्य भाग सेहत के आकस्मिक उतार-चढ़ाव से जुड़ा रह सकता है। जिसमें छोटे-मोटे संक्रमित रोग या मौसम संबंधी उतार-चढ़ाव से जुड़े रोगों के उभरने की संभावना रहेगी। कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग सावधानी बरतें सप्ताह का अंत मौसम स्थिर होने के कारण सामान्य रहने की संभावना रहेगी।
आपका सवाल

प्रश्न: भगवान शिव को तिल क्यों चढ़ाया जाता है?
उत्तर: भगवान शिव की पूजा अर्चना में अलग अलग कस्ट के निवारण के लिए अलग-अलग चीजों से अभिषेक करने की परंपरा रही है जिसमें मुख्य तौर पर दूध दही घी शहद शक्कर गंगाजल बेलपत्र भांग विभिन्न प्रकार के रस सुगंध और पुष्पों का उपयोग किया जाता है जहां तक तिल के विषय में बात की जाए तो अच्छे स्वास्थ्य की कामना और शनि के प्रभाव से बचने के लिए साढ़ेसाती ढैया या शनि की महादशा मैं पढ़ने वाले दुष्प्रभाव से बचने के लिए भगवान शिव से प्रार्थना करते समय काले तिल का उपयोग प्रार्थना के समय किया जाता है ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति प्रदान कर वांछित फल देने वाले शीघ्र प्रसन्न होने वाले महादेव है

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आज का दैनिक राशिफल ज्यो पं चंदन श्याम नारायाण व्यास पंचांगकर्ता के साथ

मेष:- कम बोलें अच्छा बोलें। शत्रु भी प्रशंसा करेंगे। बाहरी विवादों का असर परिवार पर न होने दें।वैवाहिक जीवन में शांति रहेगी। मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी। न्याय पक्ष उत्तम रहेगा।

वृषभ:- सोच के परे कार्य होने से परेशानी बढ़ सकती है। लाभ के अवसर मिलेंगे। कार्यस्थल का वातावरण पक्ष में होगा। विवादों में मौन ही लाभदायक होगा। अपने से बड़ों का आदर करें।

मिथुन:- नौकरी में अशांति का वातावरण बनने के योग हैं। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। फिजूल खर्च बढ़ेंगे। धोखा होने की आशंका है। पुराने रोग उभरने की संभावना है। सम्भल कर रहें।

कर्क:- दिन चिंताजनक व्यतीत हो रहे हैं। मानसिक पीड़ा हावी रहेगी। पर इष्ट बल पर मजबूत रखें ।आर्थिक निवेश से लाभ के आसार हैं। सन्तान के स्वास्थ में सुधार होगा।

सिंह:- दिन की शुरुआत आनंददायक रहेगी। पुराने मित्र से मुलाकात से लाभ के योग हैं जो शुभ रहेगा। शत्रु परास्त होंगे। यात्रा के योग हैं। स्वांस् से सम्बंधित रोग से ग्रसित रह सकते हैं।

कन्या:- समय के साथ अपने आचार विचार में बदलाव करना पड़ेगा। सुख शांती चाहते हो तो स्वयम् के व्यवहार को बदलना पड़ेगा,मुश्किल है पर नामुमकिन नहीं । लाभ के अवसर बढ़ेंगे।

तुला:- अपने आप पर विश्वास रखो दूसरों के भरोसे न रहें। आलस्य से बड़ा कोई शत्रु नहीं है। सजग रहें सतर्क रहें । स्वास्थ्य ठीक होगा। व्यय बढ़ेंगे।

वृश्चिक:- अपनी दिनचर्या में बदलाव लाएं। यश कीर्ति में वृद्धि होगी। कारोबार में लाभ बढ़ेगा। संतान पर ध्यान रखने की आवश्यकता है। अपने व्यवहार में नम्रता लाने की आवश्यकता है। वाहन सुख मिलेगा।

धनु:- दिन की शुरुवात शुभ संकल्पों से होगी।नए कारोबार में लाभ की आशंका कम हे।माता पिता के स्वास्थ्य में लाभ होगा।कैरियर में निराश न हों, समय बदलेगा। नए आवास के योग बन रहे हे।

मकर:- आपके काम करने के तरीको में सुधार की जरूरत है। आज धनागमन सहज होगा। लाभ होगा, स्वास्थ्य ठीक रहेगा। कारोबार में विवाद शांत होंगे। समय बदलेगा। वाहन खरीदने के योग बन रहे हैं।

कुम्भ:- कार्यस्थल पर स्थिति आप के पक्ष में बनेगी। परिवार में बुजुर्गो की स्वास्थ्य समस्या बढ़ेगी। नौकरी में विवाद शांत होंगे। लाभ के अवसर मिलेंगे। घर पर शांति बनाए रखें।

मीन:- अपने पराये में फर्क समझें। ‍दिनचर्या नियंत्रित रखें। बोलने से पहले विचार करें। किसी दूर के मित्र से मुलाकात फायदेमंद साबित होगी। दूसरों के निजी मामलो में बोलना बन्द करें।

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ग्रह-नक्षत्र ज्योतिर्विद: पंडित घनश्यामलाल स्वर्णकार के साथ
शुभ वि. सं: 2080
संवत्सर का नाम: पिङ्गल
शाके सम्वत: 1945
हिजरी सम्वत: 1444
मु. मास: जिल्काद-27
अयन: उत्तरायण
ऋ तु: ग्रीष्म
मास: आषाढ़
पक्ष: कृष्ण

शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज किसी शुभ व मांगलिक कार्यादि शुभ व शुद्ध मुहूर्त नहीं हैं। चतुर्दशी रिक्ता संज्ञक तिथि प्रात: 09-12 बजे तक, तदन्तर अमावस्या तिथि प्रारम्भ हो जायेगी। कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी व अमावस्या दोनों तिथियों में शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित कहे गए हैं। चतुर्दशी तिथि में शत्रु मर्दन, अग्नि विषादिक कार्य व शस्त्रादि दूषित कार्य सिद्ध होते हैं। अमावस्या तिथि में स्नान, दान, श्राद्ध व पितृ कार्यादि करने चाहिए।

श्रेष्ठ चौघडिय़ा: आज प्रात: 07-20 बजे से प्रात: 09-02 बजे शुभ तथा दोपहर 12-28 बजे से सायं 05-36 बजे तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर 12-00 बजे से दोपहर 12-54 बजे तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।

दिशाशूल: शनिवार को पूर्व दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चंद्र स्थिति के अनुसार आज दक्षिण दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है।
राहुकाल: प्रात: 9-00 बजे से प्रात: 10-30 बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारम्भ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है। चंद्रमा: चंद्रमा अन्तरात 05-13 बजे तक वृष राशि में, तदन्तर मिथुन राशि में होगा।

नक्षत्र: रोहिणी ''ध्रुव व ऊध्र्वमुख'' संज्ञक नक्षत्र सायं 04-25 बजे तक, तदन्तर मृगशिर ''मृदु व तिडंकर्यमुख्'' संज्ञक नक्षत्र है। यदि तिथ्यादि शुभ व ग्रह्य हो तो रोहिणी व मृगशिर नक्षत्रों में सभी शुभ व मांगलिक कार्य शुभ होते हैं, पर तिथि शुभ नहीं है।

योग: शूल नामक नैसर्गिक अशुभ योग रात्रि 01-01 तक, तदुपरान्त गण्ड नामक नैसर्गिक अशुभ योग है। गण्ड नामक योग की प्रथम 6 घटी शुभकार्यों में त्याज्य है।

विशिष्ट योग: सर्वार्थसिद्धि व अमृतसिद्धि नामक शुभ योग सूर्योदय से सायं 4-25 तक है। करण: शकुनि नामकरण प्रात: 09-12 बजे तक, तदन्तर चतुष्पद व नाग आदि नामकरण क्रमश: हैं।

व्रतोत्सव : आज पितृ कार्यामावस्या तथा रोहिणी व्रत (जैन) हैं।

आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (वि, वु, वे, वो, क) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। अन्तरात 05-13 बजे तक जन्मे जातकों की जन्म राशि वृष व इसके बाद जन्मे जातकों की जन्म राशि मिथुन है। वृष राशि के स्वामी शुक्र व मिथुन राशि के स्वामी बुध हंै। इनका जन्म स्वर्णपाद से है। सामान्य: ये जातक सुन्दर, आकर्षक, सत्य व मधुर भाषी, जनप्रिय, कार्यपटु, कलाकार, बुद्धिमान और दृढ़ प्रतिज्ञ होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग 28 वर्ष की आयु तक होता है। वृष राशि वाले जातकों को शुभापेक्षित कार्यों में सफलता मिलेगी। विवाह योग्य युवक-युवतियों के विवाह में आ रही बाधाएं दूर होगी। कार्य-सम्पन्न होंगे।

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जयपुर। आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग की ओर से नवचयनित भारतीय सांख्यिकी सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों के पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुक्रवार को समापन हुआ ।

विभाग के निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव भंवर लाल बैरवा ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभाग की ओर से संचालित विभिन्न कार्यक्रमों एवं गतिविधियों जैसे राजीव गाँधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम, यंग इंटर्न्स कार्यक्रम, पहचान पोर्टल, सतत विकास लक्ष्य के संबंध में प्रशिक्षु अधिकारियों को जानकारी दी गई।

पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजीव श्रीवास्तव, उपनिदेशक, रमेश कुमार यादव, संयुक्त निदेशक, अशोक कुमार जैन, संयुक्त निदेशक, राजश्री सांखला, संयुक्त निदेशक, आई.टी., सीताराम स्वरूप, संयुक्त निदेशक, राजीव चौधरी, सहायक निदेशक, वीरेश कुमार जैन, महेश वर्मा, सांख्यिकी अधिकारी, डॉ. प्रवीण कुमार, सांख्यिकी अधिकारी, डॉ. भूदेव सिंह, मनोज कुमार जाट, सहायक सांख्यिकी अधिकारी ने भाग लिया। कार्यक्रम के अंतिम दिन प्रशिक्षु अधिकारियों ने सवाई माधोपुर के जिला एवं ब्लॉक सांख्यिकी कार्यालयों का क्षेत्र भ्रमण किया गया।

Rajasthan Assemble Election 2023: जयपुर। आम आदमी पार्टी भी राजस्थान में चुनावी आगाज करने जा रही है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की 18 जून को श्रीगंगानगर में रैली होगी। रैली में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी हिस्सा लेंगे। केजरीवाल जयपुर में भी तिरंगा रैली निकाल चुके हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवीन पालीवाल ने कहा कि केजरीवाल की रैली से बीजेपी-कांग्रेस घबराई हुई हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में जनता आप पार्टी को आशीर्वाद देगी। पालीवाल ने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी हो या कांग्रेस जब विधायकों ने जनता के लिए पांच साल काम ही नहीं किया, तो हार का डर सताना लाज़िमी है।

गहलोत को हुआ अहसास, सरकार जाने वाली है
पालीवाल ने कहा कि सीएम गहलोत को भी ये एहसास हो गया है कि अब उनकी सरकार नहीं बनने वाली। क्योंकि पांच साल कांग्रेस विधायकों ने सिर्फ अपनी जेब भरने में ध्यान लगाया है, इतना ही नहीं गहलोत और पायलट विवाद में भी विधायकों को लेकर चली खींचतान में भी विधायकों के पैसा लेने की बात सामने आई थी।

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सियासी समीकरण बिगाड़ेंगे केजरीवाल
आप के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि केजरीवल की रैली के बाद प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के सभी सियासी समीकरण बिगड़ेंगे। ये बात बीजेपी और कांग्रेस भी भली भांति जानती है कि अब उनका सियासी खेल ज्यादा दिन नहीं चलने वाला। इसलिए जनता ने बीजेपी को तो पूरी तरह से नकार दिया है जिसका प्रमाण तो सचिवालय घेराव के दिन ही जनता ने दे दिया।

जयपुर. झोटवाड़ा सर्कल के लोगों के लिए अच्छी खबर है। चेन स्नेचिंग, छेड़छाड़ और छीना-झपटी की वारदातों को रोकने के लिए पुलिस ने विशेष टीम बनाई है। मुरलीपुरा, करधनी, झोटवाड़ा व कालवाड़ थाना क्षेत्रों में यह टीम समाजकंटकों पर लगातार नजर रखेगी। इसके लिए थाना इलाकों मे स्थित मुख्य बाजार व अन्य स्थान चिन्हित किए गए है। इसके अलावा अपराधिक वारदातों में सक्रिय रहे लोगों पर भी यह टीम नजर रखेगी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान सीमित समय के लिए नही होगा। इलाके में विशेष नाकाबंदी कर संदिग्ध लोगों की तलाशी ली जाएगी।
टीम में प्रत्येक थाना पुलिस के चार जवान
विशेष टीम में प्रत्येक थाना पुलिस के चार जवान शामिल किए गए गए हैं। यह टीम समय-समय पर इलाके में नाकाबंदी करेगी। इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर वाहन चोर, नकबजन व सार्वजनिक स्थान पर नशा करने वालों की पहचान कर उन पर कार्रवाई करेगी। वहीं थानाधिकारियों को भी क्षेत्र में ज्यादा समय गश्त करने के निर्देश दिए गए हंै।

पावर बाइक पर रहेगी विशेष नजर
छेड़छाड़, छीना-झपटी जैसे अधिकतर अपराध में पावर बाइक का उपयोग किया जाता है। ऐसे में क्षेत्र में पावर बाइक रखने वालों की पुलिस सूची तैयार कर उन पर नजर रखेगी। वहीं नाकाबंदी के दौरान भी पावर बाइक पर विशेष नजर रखी जाएगी। अपराध में सक्रियता का शक होने पर पावर बाइक को जब्त कर कार्रवाई की जाएगी।

मादक पदार्थ की बिक्री को रोकना चुनौती
पुलिस टीम के लिए इस क्षेत्र में मादक पदार्थ की बिक्री को रोकना चुनौती है। वजह है कि क्षेत्र में कई स्पोट पर मादक पदार्थ की बिक्री होने की बात सामने आ रही है। यह लोग मादक पदार्थ की पुडिय़ां वाहनों में लेकर आते हैं और सड़क किनारे गाड़ी खड़ी कर बेच देते हैं। इनके ग्राहक भी तय होते हैं। ऐसे में बात पुलिस तक नहीं पहुंच पाती है। ऐसे में पुलिस की टीम संदिग्ध हालात में खड़े वाहनों की तलाशी लेगी। साथ ही होटलों में होने वाली पार्टियों में उपयोग किए जाने वाले नशे पर भी नजर रखेगी।

ये मुख्य स्थान
थाना करधनी
- कालवाड़ एड पोस्ट
- नो दुकान
- बैद जी का चौराहा निवारु रोड

थाना झोटवाड़ा
- खाती रोड बाजार
- हायपर सीटी के पास
- कांटा चौराहा
- खिरणी फाटक

थाना मुरलीपुरा
- अलका तिराहा
- नाढी का फाटक
- मुरलीपुरा स्कीम

थाना विद्याधर नगर
- पुराना विद्याधर नगर
- नेशनल हैंडलूम के पास
- सेंटर स्पाईन के पास
- बियानी कॉलेज

फैक्ट फाइल
- 4 पुलिसकर्मी होंगे एक टीम में
- 3 से 4 बार थाना अधिकारी करेंगे इलाके का दौरा
- 1 दर्जन से ज्यादा स्थान चिन्हित प्रत्येक थाना क्षेत्र के
- 5-7 मामले रोजाना आ रहे लूट के
- 5-6 मामले आ रहे बाइक चोरी के

- थाना इलाके में मादक पदार्थ बेचने वाले व महिलाओं से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस टीम चिन्हित स्थानों पर विशेष निगरानी रखेगी।
हीरालाल सैनी, थानाधिकारी करधणी
- थाना इलाके में बेहतर कानून व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए पुलिस सदैव तैयार रहती है। संदिग्धों पर कार्रवाई की जा रही है।
घनश्याम राठौड़, थानाधिकारी झोटवाड़ा
- आम जन सुरक्षित रहे इसके लिए पुलिस इलाके में गश्त और नाकाबंदी करती है। अपराधी पुलिस गिरफ्त में आए इसके लिए जनता को भी सहयोग करना चाहिए।
हवा सिंह, थानाधिकारी मुरलीपुरा
- थाना क्षेत्र में स्थित कॉलेज व स्कूलों के बाहर विषेश निगरानी रखी जा रही है। इसके अलावा मनचलो पर रोजाना कार्रवाई की जा रही है। इससे छेड़छाड़ की घटनाओं में कमी देखी जा रही है।
विरेंद्र कुरील, थानाधिकारी विद्याधर नगर

जयपुर। नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने सीएम गहलोत द्वारा राजस्थान किसान महोत्सव में लंपी रोग से प्रभावित पशुपालकों के खातों में सहायता राशि हस्तांतरित करने पर पलटवार किया है।

उन्होंने कहा कि बजट 2023-24 में सरकार ने लंपी स्कीन डिजीज से दुधारु गोवंश की मृत्यु होने पर प्रति गाय 40 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने की बजटीय घोषणा की थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार तत्समय लंपी से 15.67 लाख पशुधन संक्रमित हुआ था तथा सरकार ने मात्र 76 हजार 30 गौवंश की मृत्यु होना स्वीकारा था, जबकि सरकार को सरपंच संघ द्वारा दिये गये ज्ञापन के अनुसार 5 लाख 13 हजार पशुधन की मृत्यु हुई थी। बजटीय घोषणा के अनुसार जो बीमा राशि 1 अप्रेल 2023 को स्वतः ही पशुपालकों के खाते में हस्तांतरित हो जानी चाहिए थी, अब सरकार वास्तविक आंकड़े छिपाकर पशुपालकों को अनुदान देकर झूठी वाहवाही लेने का प्रयास कर रही है। इससे बड़े दुर्भाग्य की बात क्या होगी कि सरकार गोशालाओं में लंपी से मृत्यु को प्राप्त हुए एक भी गोवंश को सहायता राशि नहीं दे रही है, जिस कारण गोशाला संचालकों में भी सरकार के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है।

दुधारू की शर्त जोड़कर अपात्र किया

राठौड़ ने कहा कि सरकार ने लंपी स्कीन डिजिज (एलएसडी) से 76 हजार गोवंश मृत माने और जब सहायता देने का अवसर आया तो उसमें भी दुधारु गौवंश होने की शर्त जोड़ दी, जिसके बाद बड़ी संख्या में पशुपालक पात्र होने के बावजूद अपात्र की श्रेणी में आ गए। हैरानी की बात है कि जब बजटीय घोषणा में प्रति 2 दुधारू पशुओं के हिसाब से 20 लाख पशुपालकों को लाभान्वित करने की बात कही गई है तो मुख्यमंत्री कामधेनु बीमा योजना में 90 लाख पशुपालकों को कैसे लाभान्वित किया जाएगा ?


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घोषणा के बाद भी बीमा योजना शुरू नहीं की

राठौड़ ने कहा कि पशुपालकों के सम्मान समारोह आयोजित करने की बात कहने वाले मुख्यमंत्री पहले यह बताएं कि कांग्रेस ने जन घोषणा पत्र में लघु और सीमांत किसानों के पशुधन के मुफ्त बीमा की घोषणा की थी उसे 3 साल तक शुरु क्यों नहीं किया ? विधानसभा में मेरे स्वयं के प्रश्न के जवाब में सरकार ने स्वीकारा है कि वर्तमान कांग्रेस सरकार का कार्यकाल प्रारम्भ होने के वर्ष 2019 से सितंबर 2022 तक लघु और सीमांत किसानों के लिए मुफ्त बीमा योजना संचालित नहीं थी।

Rajasthan Weather forecast : भीषण चक्रवाती तूफान बिपरजॉय को लेकर मौसम विभाग ने राजस्थान में तीन दिन अलर्ट जारी किया है। विभाग ने शनिवार से कई जिलों में 200 मिलीमीटर तक बारिश होने के साथ 60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से अंधड़ चलने की चेतावनी दी है। राज्य में आठ डिग्री तक तापमान में गिरावट आएगी। चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए जिलों में प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ गया है। जोधपुर में प्रशासन ने स्कूल, कॉलेज, कोचिंग और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रखने के निर्देश दिए हैं। वहीं, जिलों में राहत कैंप तीन दिन के लिए स्थगित कर दिए हैं। सुरक्षा को देखते हुए उत्तर पश्चिम रेलवे ने 14 ट्रेनें और रद्द कर दी हैं। स्टेट ओपन स्कूल ने दो दिन परीक्षाएं स्थगित कर दी है। मौसम विभाग के अनुसार 17 से 19 जून तक तूफान का असर रहेगा। इससे पहले शुक्रवार को भीलवाड़ा, चित्तौडगढ़, बाड़मेर, पानी, सिरोही में अंधड़ के साथ बारिश शुरू हुई।

बाड़मेर में पांच हजार लोगों को किया शिफ्ट
बाड़मेर में दो दिनों में कुल 52 एमएम बरसात हो चुकी है। इस बीच चक्रवात के अलर्ट को देखते हुए प्रशासन ने करीब 100 से अधिक परिवारों को शिफ्ट किया है। सेना के जवानों के साथ क्यूआरटी व अन्य टीमें सीमावर्ती गांवों में तैनात की गई है। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले करीब 100 से अधिक परिवारों को अन्यत्र शिफ्ट किया है। जालोर के चितलवाना में सर्वाधिक तीन इंच बारिश दर्ज की गई है। वहीं, पाली के सुमेरपुर व सिरोही के शिवगंज व माउंट आबू में भी एक-एक इंच बारिश दर्ज की गई।

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ये ट्रेन रद्द
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशिकिरण ने बताया कि गांधीधाम-अमृतसर ट्रेन गुरुवार को रद्द रही। इस तरह शुक्रवार को अमृतसर-गांधीधाम टे्रन, जोधपुर-भीलड़ी-जोधपुर ट्रेन, जोधपुर-पालनपुर-जोधपुर ट्रेन, बाड़मेर-मुनाबाव-बाड़मेर एक्सप्रेस टे्रन, जोधपुर-बाड़मेर-जोधपुर ट्रेन का संचालन प्रारम्भिक स्टेशन से रद्द रहेगा।

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यह है अलर्ट :
रेड अलर्ट : अतिभारी बारिश : (200 एमएम से अधिक) : बाड़मेर, जालोर, पाली, सिरोही, अजमेर

ऑरेंज अलर्ट : भारी बारिश : (115 से 200 एमएम तक) जोधपुर, नागौर, अजमेर, राजसमंद, भीलवाड़ा, उदयपुर, बूंदी, टोंक, जयपुर, सवाईमाधोपुर, बारां।

यलो अलर्ट : (64 से 115 एमएम तक) : जैसलमेर, राजमसंद, डूंगरपुर, बीकानेर, चित्तौडगढ़, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, बूंदी, टोंक, जोधपुर, दौसा, अलवर, करौली, सीकर, कोटा, भरतपुर।

जयपुर। चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के चलते गुजरात के सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में भारी तबाही हुई। चक्रवात के कारण समुद्र के पास निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है। 23 लोग घायल, करीब 1000 गांवों में बिजली की आपूर्ति को नुकसान पहुंचा है। तूफान बिपरजॉय के कारण शुक्रवार सुबह से तेज हवाओं के साथ बारिश का दौर जारी है।

भारतीय मौसम विभाग के निदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि चक्रवात बिपरजॉय उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ा और गुजरात के जखाऊ बंदरगाह के करीब सौराष्ट्र-कच्छ से सटे पाकिस्तान के तट को पार कर गया। बाद में यह बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान से गंभीर चक्रवाती तूफान की श्रेणी में बदल गया। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि चक्रवाती तूफान बिपरजॉय अगले 24-48 घंटों के लिए क्षेत्रीय मौसम को प्रभावित करता रहेगा, जिससे उत्तरी गुजरात और दक्षिणी राजस्थान के कुछ हिस्सों में अत्यधिक भारी बारिश होगी।

राजस्थान के पांच जिलों में रेड अलर्ट
जयपुर मौसम केंद्र के मुताबिक, चक्रवाती तूफान बिपरजॉय राजस्थान में 16 जून देर रात प्रवेश करने से पहले ही चक्रवात की स्थिति से हटकर डीप डिपरेशन में तब्दील हो जाएगा। 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। बिपरजॉय के कारण राजस्थान के पांच जिलों में रेड अलर्ट है। वहीं, बिपरजॉय के असर के चलते बाड़मेर में शुक्रवार सुबह से बारिश का दौर जारी रहा। शुक्रवार शाम तक 30.6 एमएम बारिश दर्ज की गई, वहीं दो दिनों में कुल 52 एमएम बरसात हो चुकी है। बाड़मेर में चक्रवात के अलर्ट को देखते हुए प्रशासन ने करीब 100 से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। बारिश के बीच कहीं से नुकसान की कोई सूचना नहीं है। बाड़मेर में प्रशासन की ओर से सभी उपखंड और संभावित स्थानों पर टीमें तैनात की गई है। राज्य में बाड़मेर के अलावा जालोर, पाली, चित्तौड़गढ़, जैसलमेर, जोधपुर समेत कई जिलों में बारिश का दौर जारी है।

गुजरात में भारी तबाही, जनहानि नहीं
गुजरात सरकार में आपदा प्रबंधन प्रभारी ऋषिकेश पटेल ने बताया कि हमने 54,000 लोगों को शेल्टर होम में आश्रय दिया। चक्रवाती तूफान से करीब 80,000 बिजली के खंबे गिरे हैं। सबस्टेशन आदि में खराबी आने की वजह से विद्युत प्रणाली को नुकसान पहुंचा है। PGVCL के कर्मचारी कच्छ में विद्युत प्रणाली की बहाली के लिए कार्यरत है। चक्रवात से किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई है और करीब 71 पशुओं की जान गई है। वहीं, एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने शुक्रवार को कहा कि गुजरात में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के आने के बाद किसी की जान नहीं गई है। हालांकि 23 लोग विभिन्न घटनाओं में घायल हुए हैं और राज्य के कम से कम एक हजार गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।

Gulab Kothari Article शरीर ही ब्रह्माण्ड: "शरीर स्वयं में ब्रह्माण्ड है। वही ढांचा, वही सब नियम कायदे। जिस प्रकार पंच महाभूतों से, अधिदैव और अध्यात्म से ब्रह्माण्ड बनता है, वही स्वरूप हमारे शरीर का है। भीतर के बड़े आकाश में भिन्न-भिन्न पिण्ड तो हैं ही, अनन्तानन्त कोशिकाएं भी हैं। इन्हीं सूक्ष्म आत्माओं से निर्मित हमारा शरीर है जो बाहर से ठोस दिखाई पड़ता है। भीतर कोशिकाओं का मधुमक्खियों के छत्ते की तरह निर्मित संघटक स्वरूप है। ये कोशिकाएं सभी स्वतंत्र आत्माएं होती हैं।"
पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी की बहुचर्चित आलेखमाला है - शरीर ही ब्रह्माण्ड। इसमें विभिन्न बिंदुओं/विषयों की आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से व्याख्या प्रस्तुत की जाती है। गुलाब कोठारी को वैदिक अध्ययन में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उन्हें 2002 में नीदरलैन्ड के इन्टर्कल्चर विश्वविद्यालय ने फिलोसोफी में डी.लिट की उपाधि से सम्मानित किया था। उन्हें 2011 में उनकी पुस्तक मैं ही राधा, मैं ही कृष्ण के लिए मूर्ति देवी पुरस्कार और वर्ष 2009 में राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान से सम्मानित किया गया था। 'शरीर ही ब्रह्माण्ड' शृंखला में प्रकाशित विशेष लेख पढ़ने के लिए क्लिक करें नीचे दिए लिंक्स पर -

शरीर ही ब्रह्माण्ड Podcast: ब्रह्म ज्ञान है, माया विज्ञान
नारी का स्त्रैण भाव अग्नि है
आसक्ति मुक्त होना ही लीनता
कर्म के पांच कारण
कामना ही जननी है
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जयपुर। बिपरजॉय चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। जयपुर में शनिवार से तूफान का असर शुरू हो जाएगा। मौसम विभाग ने 50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार के साथ अंधड़ और भारी बारिश की चेतावनी दी है। मौसम विभाग ने जयपुर जिले के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। कलक्टर ने आपदा प्रबंधन से संबंधित विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों के अवकाश रद्द कर दिए हैं।

कार्मिकों को मुख्यालय नहीं छोड़ने के लिए भी पाबंद किया गया है। इधर, जयपुर में बिफरजॉय के प्रभाव से बचाव और मानूसन के दौरान बाढ़ से बचाव एवं प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त जिला कलक्टर (दक्षिण) मोहम्मद अबूबक्र शुक्रवार को बाढ़ नियंत्रण केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बाढ़ नियंत्रण एवं राहत संसाधनों को बारीकी से जांचा। मौके पर ही मड पम्प, ड्रेगन लाइट सहित अन्य उपकरण चलाकर देखे गए। प्रशासन ने 17 जून को जिले में आयोजित होने वाले महंगाई राहत कैंप स्थगित कर दिए गए हैं।

जिला नियंत्रण कक्ष में दे सूचना
जिला कलक्टर ने आमजन से संभावित तूफान से सतर्क और सुरक्षित रहने के साथ साथ किसी भी आपात स्थिति में जिला नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नम्बर- 0141-2204475, 0141-2204476 एवं टोल फ्री नंबर 1077 पर सूचना देने की अपील की है। जिला स्तरीय कंट्रोल रूम के प्रभावी संचालन की जिम्मेदारी तहसीलदार स्तर के अधिकारी को सौंपी गई है।

इन कन्ट्रोल रूम पर किया जा सकता है सम्पर्क
जे.वी.एन.एल 0141-2202762
जे.पी.डी ग्रामीण 0141-2201070
सी.एम.एच.ओ प्रथम 0141-2605858
सी.एम.एच.ओ द्वितीय 0141-2603426
पी.डब्ल्यू.डी 0141-2226537
जे.डी.ए 0141-2565800, 0141-2575252
नगर निकाय ग्रेटर 0141-2742900
नगर निकाय हैरिटेज 0141-2602666
पुलिस नियंत्रण कक्ष शहर 0141-2388435, 0141-2388436
पुलिस नियंत्रण कक्ष ग्रामीण 0141-2209741, 0141-2209765
पुलिस नियंत्रण ट्रेफिक 0141-2561256, 0141-2565630
कलेक्ट्रेट नियंत्रण 0141-2204475, 0141-2204476
हैरिटेज बनीपार्क 0141-2203518, 8279179061
हैरिटेज घाटगेट 0141-2615550, 8279179063
हैरिटेज आमेर 0141-2531282, 8279179060
ग्रेटर मानसरोवर 0141-2395566, 8764880060
ग्रेटर मालवीय नगर 0141-2755930, 8764880030
ग्रेटर विश्वकर्मा 0141-2330080, 8764880070

बाढ़ से बचाव के लिए इंसीडेंट कमान्डर्स नियुक्त
जिला प्रशासन ने मानसून पूर्व तैयारियों के तहत 15 जून से ही नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर दी है। साथ ही जिला कलक्टर ने बाढ़ से बचाव एवं नियंत्रण के लिए जयपुर शहर में 22 इंसीडेंट कमाण्डर की नियुक्ति की, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में उपखण्ड अधिकारियों को इंसीडेंट कमाण्डर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन्सीडेन्ट कमाण्डर संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर बाढ़ नियंत्रण एवं बचाव कार्य सुनिश्चित कर रहे हैं।

बिजली कंपनियाें ने जारी किए हेल्पलाइन नम्बर

कंट्रोल रूम----टेलीफोन नम्बर---मोबाइल नम्बर(नियंत्रण कक्ष) ---मोबाइल नम्बर (एक्सईएन)
ब्लॉक प्रथम- 2231770-- 9413390214-- 9413390064

ब्लॉक द्वितीय- 2571559-- 9413390235-- 9413390065
ब्लॉक तृतीय- 2571613-- 9413390252-- 9413390066

ब्लॉक चतुर्थ- 2612895-- 9414029406-- 9413390067
ब्लॉक पांच- 2618460-- 9413390275-- 9413390068

ब्लॉक छह- 2782565-- 9413390287-- 9413390069
ब्लॉक सात- 2232692-- 9413390305-- 9413390070

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यहां भी कर सकते हैं शिकायत

-टोल फ्री नम्बर 18001806507
-लैंडलाइन 0141-2203000
-1912 नम्बर पर शिकायत भेजें
-9414037085 मोबाइल नम्बर मैसेज वा वाट्सऐप के जरिए

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