>>: Digest for August 24, 2023

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Table of Contents

उदयपुर. विधानसभा चुनावों को लेकर उत्साहित कांग्रेस एक बार फिर से पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरने को आतुर है। इसी क्रम में बुधवार को ब्लॉक में दावेदारों से आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। गौरतलब है कि शीर्ष नेतृत्व ने इस संबंध में हाल ही में निर्णय लिया था कि ब्लॉक अध्यक्ष के माध्यम से दावेदारों के आवेदन लिए जाएंगे। इसके बाद इस प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। जानकारी के अनुसार जिले में कांग्रेस के कुल 15 ब्लॉक हैं। जिनमें दावेदार समर्थकों के साथ आवेदन प्रस्तुत कर रहे हैं। कांग्रेस के जिला प्रवक्ता संजीव राजपुरोहित ने बताया कि ये प्रक्रिया 27 अगस्त तक जारी रहेगी। इधर उदयपुर शहर के ए ब्लॉक में 17 और बी ब्लॉक में 15 दावेदारों ने दावेदारी जताई है। इसके अलावा अन्य ब्लॉक में भी ये प्रक्रिया जारी रही। इसके अलावा बचे हुए लोग 25, 26 और 27 को जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में आवेदन दे सकते हैं। इधर शहर ज़िला कांग्रेस कमेटी बी ब्लॉक की बैठक में विधानसभा चुनाव को लेकर मजबूत रणनीति बनाने पर चर्चा की गई। बैठक में ज़िला प्रभारी चांदमल जैन, विधानसभा प्रभारी असरार अहमद, शहर अध्यक्ष फ़तहसिंह राठौड़, बी ब्लॉक अध्यक्ष अजय सिंह, राव कल्याण सिंह, हरीश शर्मा, अरुण टाक ने उदयपुर शहर में एकजुट होकर चुनाव लड़ने की बात पर बल दिया। बैठक में सूर्यप्रकाश उपाध्याय, महेश धनावत, पीआर व्यास , राकेश खोखावत , कालू गुर्जर , अमित श्रीवास्तव मयंक ख़मेसरा आदि मौजूद थे।

ब्लॉक अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष को सौंपेंगे आवेदन

प्रवक्ता राजपुरोहित ने बताया कि ब्लॉक स्तर पर आने वाले आवेदनों की सूची को एक जगह कर वे जिलाध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपेंगे। जिलाध्यक्ष इन रिपोर्ट को 27 अगस्त को कांग्रेस के प्रभारी के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। आपको बता दें कि भजनलाल जाटव व मुरारीलाल मीणा 27 को उदयपुर आएंगे। जिनके समक्ष दावेदारों की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।

उदयपुर. उदयपुर जिले के जूडो खिलाडि़यों के लिए बड़ी खुश खबर है। उन्हे अब जूडो सीखने के लिए कहीं दूर नहीं भटकना पड़ेगा। क्योंकि उदयपुर जिले को इंडिया जूडो एकेडमी आवंटित की गई है। इस एकेडमी के खुलने से खिलाड़ी खेल के गुर सीख अब बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। यही नहीं इस एकेडमी के लिए राज्य क्रीड़ा परिषद ने हिमांशु राजोरा को कोच नियुक्त किया है। वहीं सहायक कोच के रूप में चाहत जैन को लगाया है। गौरतलब है कि 40 नेशनल जूड़ो पदक विजेता पहले से तैयारी कर रहे हैं। वहीं 70 खिलाड़ी ऐसे हैं जो लगातार जूडो का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। ऐसे में बच्चों की संख्या को ध्यान में रखते हुए ये एकेडमी खोली गई है। कोच हिमांशु राजोरा ने बताया कि राजस्थान राज्य में शुरू हुई केन्द्रीय सरकारी योजना के तहत 33 झीलों वाले क्षेत्रों में 33 इंडिया अकादमी का उद्घाटन सवाई मानसिंह स्टेडियम जयपुर में केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने किया। इस अवसर पर राजस्थान के खेल मंत्री अशोक चांदना, राजस्थान राज्य क्रीडा परिषद की अध्यक्ष कृष्णा पूनिया भी मौजूद रही। उदयपुर जिले को इंडिया जूडो एकेडमी आवंटित की गई। इस अकादमी के संचालन के लिए एनआईएस जूडो कोच चाहत जैन को नियुक्ति प्रदान की है। जैन के प्रशिक्षण में कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर भाग लेकर पदक जीत चुके हैं। इस उपलब्धि पर जिला खेल अधिकारी सुनीता भण्डारी एवं अन्य सभी प्रशिक्षकों ने कोच चाहत जैन को शुभकामनाएं दी।

राजस्थान में केवल एक जूडो अकादमी

प्रभारी खेल अधिकारी ललित सिंह झाला ने बताया की राजस्थान में केवल एक जूडो अकादमी आवंटित की गई जिसकी सौगात उदयपुर जिले को मिली। इस अकादमी का संचालन महाराणा प्रताप खेलगांव जूडो हाॅल में किया जाएगा।

Rakshabandhan 2023 श्रावण मास की पूर्णिमा पर भाई-बहन के स्नेह का त्योहार रक्षाबंधन मनाया जाता है। इस बार 30 व 31 अगस्त को यह पर्व मनाया जाएगा। लेकिन इस बार रक्षाबंधन पर दिनभर भ्रदा का साया रहेगा, ऐसे में दिन के बजाय रात में ही राखी बांधने का समय मिल पाएगा।

पं. जितेंद्र त्रिवेदी जोनी के अनुसार इस वर्ष पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को प्रारंभ हो रही है और उस दिन रात 9 बजे तक है, वहीं पंचक पूर्णिमा तिथि से पूर्व लग रहा है और अगले दिन प्रात:काल तक रहेगा। पंचांग के अनुसार, रक्षाबंधन का त्योहार 30 अगस्त बुधवार को मनाया जाएगा। इस दिन सुबह 10 बजकर 58 मिनट से भद्रा लग जाएगी, जो रात 9.03 बजे तक रहेगी। इसके बाद राखी बांधी जा सकेगी। वहीं, अगले दिन 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा सुबह 07 बजकर 07 मिनट तक रहेगी। ऐसे में इस समय तक भी राखी बांधी जा सकेगी।

रक्षाबंधन पर भद्रा का रखा जाता है विशेष ध्यान

पं. त्रिवेदी के अनुसार रक्षाबंधन पर भद्राकाल और राहुकाल का विशेष ध्यान रखा जाता है। भद्राकाल और राहुकाल में राखी नहीं बांधी जाती, क्योंकि इन काल में शुभ कार्य वर्जित है। इस बार राखी भद्रा के बारे में कहा जाता है कि रावण ने भद्रा मुहूर्त में ही बहन से राखी बंधवा ली थी। एक साल बाद ही उसके कुल समेत सबका विनाश हो गया। शास्त्रों के अनुसार भद्रा शनि देव की बहन है, जिन्हें ब्रह्माजी से शाप मिला था कि जो भी इस मुहूर्त में शुभ कार्य करेगा, वह अशुभ माना जाएगा।

शहर की डाक टिकट संग्रहकर्ता डॉ. पुष्पा खमेसरा का नाम लंदन बुक ऑफ रेकॉडर्स में दर्ज किया गया है। दरअसल, बर्ड थीम के ऊपर लगभग 14 हजार डाक टिकटों का संग्रह उनके पास है। ये डाक टिकट 371 देशों के हैं। इससे पूर्व भी पुष्पा के नाम 8 रेकॉडर्स में शामिल किया जा चुका है। जिनमें लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड, वर्ल्ड ग्रेटेस्ट रेकॉर्ड, ग्रेट इंडियन बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स आदि में दर्ज हो चुके हैं।

45 वर्ष पहले लगा शौक

डॉ. पुष्पा खमेसरा ने बताया कि लगभग 45 वर्ष पहले डाक टिकट संग्रह करने के शौक से अब लाखों डाक टिकट का संग्रह कर लिया, ये खुद उन्हें भी पता नहीं चला। वे अब तक 5 लाख से अधिक डाक टिकटों का संग्रहण कर चुकी हैं। जिसमें विश्व का व भारत का प्रथम डाक टिकट भी है। देश के कई राज्य के स्कूल, कॉलेज एवं अन्य जगहों पर लगभग 50 से अधिक डाक टिकट काॅइंस व करेंसी की एकल प्रदर्शनी लगाकर इसको शिक्षा के साथ जोड़ने का प्रयास किया। इसी प्रयास की बदौलत 2021 में डाॅक्टरेट की मानद उपाधि मिली।

छह साल की उम्र से शुरू किया संग्रह

उन्होंने बताया कि वे छह साल की उम्र से डाक टिकट का संग्रह कर रही हैं। बर्ड थीम पर डाक टिकट संग्रहण का उद्देश्य लोगों, युवाओं व बच्चों को पक्षियों, प्रकृति व पर्यावरण का मानव जीवन में उपयोगिता समझाना है। वन विभाग द्वारा आयोजित बर्ड फेस्टिवल में पक्षियों पर आधारित एवं अनेक विषयों पर डाक टिकटों को प्रदर्शित कर वे इसकी जानकारी दे चुकी हैं।

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अनुमोदन पर मंगलवार को उदयपुर देहात जिला कार्यकारिणी की सूची जारी हुई। एक घंटे में ही संशोधित सूची जारी की गई। कांग्रेस से बर्खास्त कार्यकर्ताओं को भी पद दिए गए, वहीं ऐसे नाम भी शामिल किए गए, जिन पर आपत्तियां आ रही है। 70 पदों की कार्यकारिणी में 12 नाम गोगुन्दा विधानसभा क्षेत्र से लिए हैं। सीपी जोशी गुट के लोगों को ज्यादा जगह मिली है।

कांग्रेस देहात जिलाध्यक्ष कचरूलाल की कार्यकारिणी सूची सोमवार शाम को जारी की गई। इसमें एक व्यक्ति को दो पद दे रखे थे। एक घंटे के दरमियान ही संशोधित सूची जारी की गई। इसमें दो पद वाले पदाधिकारी का एक पद हटाते हुए नया नाम जोड़ा गया। सूची में जोड़े गए नामों में कुछ ही लोग पुराने हैं, जबकि ज्यादातर ऐसे नाम लिए गए हैं, जो ज्यादा पहचान रखने वाले नहीं।

कार्यकारिणी में इन्हें जगह

महासचिव गजेंद्र कोठारी, कोषाध्यक्ष मोहनलाल औदिच्य, उपाध्यक्ष हरेंद्रसिंह सोलंकी, कांतिलाल पटेल, वासुदेव परमार, अशोक वैष्णव, गोपाल आमेटा, नारायण पालीवाल, केसुलाल पालीवाल, नानसिंह सिसोदिया, नवलसिंह चुंडावत, विरेंद्र कुमार पटेल, हेमन्त श्रीमाली, गिरिराज भाणावत, दिलीप जारोली, किशोरसिंह राव, मोड़ सिंह सिसोदिया, महासचिव यसवंत दोशी, पन्नालाल परमार, डॉ. महेश चंद्र त्रिपाठी, हाजाराम मीणा, जग्गाराम पटेल, श्यामलाल आमेटा, भगवतीलाल खटीक, प्रहलादसिंह झाला, तुलसी मेघवाल, कमलाशंकर खैर, भगवान लाल अहीर, रणजीत जैन, ललित चोरडिय़ा, लक्ष्मीनारायण मेघवाल, हरीश धायभाई, अब्दुल कादर खान, कुशलेश चौधरी, दिनेश जैन, भूपेंद्र चौहान, खेमराज पटेल, सचिव मांगीलाल मेघवाल, नरेश मीणा, कांतिलाल कलाल, डोली गमेती, रेशमा मीणा, शंकरलाल मेघवाल, लक्ष्मीकांत शर्मा, विष्णु पटेल, शंभूसिंह राणावत, देवीलाल सुथार, सुरेश कसोलिया, सादिक खान, लक्ष्मीनारायण पुरोहित, प्रभुलाल मेघवाल, विजय प्रकाश वढ़ेरा, दिनेश मेनारिया, अर्जुन मेघवाल, रतनलाल पूर्बिया, मोतीलाल सुथार, हेमन्त गरासिया, धनपाल जैन, गंगाराम कलाल, भैरुलाल मीणा, भानुप्रताप गुर्जन, शरीफ मोहम्मद, मोहम्मद शकील, चंद्रप्रकाशवीर गुर्जर, कन्हैयालाल मीणा, गणेश मेहता, दिनेश चौधरी, प्रवक्ता डॉ. संजीव राजपुरोहित, गजानन्द मेहता, सोशल मीडिया प्रभारी दीपक सुथार, मदन बाबरवाल को बनाया है।

ये आपत्तियां आई सामने

- 4 दिसम्बर 2018 को 6 साल के लिए निष्कासित मोहनलाल औदिच्य, विरेंद्र कुमार पटेल, खेमराज पटेल को भी पद मिले। रघुवीर मीणा से बगावत कर चुनाव लड़ चुकी रेशमा मीणा का निष्कासन खत्म होने से पहले ही पद मिल गया।

- पहली बार में अनुभवहीन लोगों को कार्यकारिणी में जगह दी गई। गजेंद्र कोठारी को एंट्री देते ही महासचिव बना दिया। जबकि, जिले में कई वरिष्ठ पदाधिकारी हैं।

- प्रहलादसिंह झाला ब्लॉक में पदाधिकारी है, जिन्हें जिला कार्यकारिणी में भी नियम विरुद्ध जगह दी गई है।

- महासचिव गजेंद्र कोठारी को बनाया है, जबकि उनकी पत्नी जिला परिषद सदस्य है। इसी तरह से जिला परिषद सदस्य और समाज कल्याण बोर्ड में सदस्य सीमा चोर्डिया के पति ललित चोरडिय़ा को भी पद दे दिया।

हाल ही में राज्य सरकार की ओर से बिजली दरों पर फ्यूल सरचार्ज में राहत देने का आदेश दिया गया। ऐसे में घरेलू और कृषि बिजली उपभोक्ताओं का खर्च तो सरकार उठाएगी, लेकिन कॉमर्शियल और औद्योगिक बिजली कनेक्शनों पर बेसिक फ्यूल सरचार्ज 52 पैसा प्रति यूनिट रखा है। जबकि, बेसिक फ्यूल सरचार्ज की गणित समझें तो 29 पैसे प्रति यूनिट की दर से फ्यूल सरचार्ज ही लगना चाहिए था।

अजमेर विद्युत वितरण निगम की ओर से 11 अगस्त को आदेश जारी किया गया था। राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के टैरिफ आदेश 31 मार्च 2023 के प्रावधानों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए विद्युत उपभोक्ताओं पर 52 पैसा प्रति यूनिट की दर से बेसिक फ्यूल सरचार्ज लगाया गया। लेकिन, आदेश के साथ सरचार्ज का गणित स्पष्ट नहीं किया गया।

यह लिखा है नियम

विद्युत विनियामक आयोग के 31 मार्च 2023 के टैरिफ आदेश के पेरा 5.1.25 में लिखा है कि बीते साल की चारों तिमाही में बिलिंग किए गए ईंधन अधिभार की औसत दर पर मासिक बेसिक फ्यूल सरचार्ज लगाया जाएगा। जबकि, ऐसा नहीं किया गया। इसको लेकर उपभोक्ता अधिकार संगठन की ओर से आपत्ति जताते हुए अजमेर डिस्कॉम के एमडी को गणित बताई।

यह स्थिति जानें

- वर्ष 2022-23 में ईंधन अधिभार की बिलिंग दरें देखें तो प्रथम तिमाही (19 पैसा), द्वितीय तिमाही (45 पैसा), तीसरी तिमाही (52 पैसा), चौथी तिमाही के लिए फ्यूल सरचार्ज घोषित नहीं हुआ।

- वित्तीय वर्ष 2022-23 में बिलिंग फ्यूल सरचार्ज की औसत दर की गणना (19 गुणा 3), (45 गुणा 3), (52 गुणा 3) को मिलाकर 348 पैसा होती है। 12 माह में बांटें तो 29 पैसा/यूनिट बनता है।

पारदर्शिता के लिए बेसिक फ्यूल सरचार्ज की दर 29 पैसा प्रति यूनिट के बजाय 52 पैसा प्रति यूनिट आंकलन किया गया है, जिसे स्पष्ट किए जाने की जरुरत है। इसके स्थान पर 29 पैसा प्रति यूनिट की दर से संशोधित आदेश निकाले जाने की जरुरत है। इस पर निगम को स्थिति बताई है।

वाइके बोलिया, ऊर्जा सलाहकार, उपभोक्ता अधिकार संगठन

आरबीआइ ने हाल ही में बिना दावे वाली जमा राशि पता करने के लिए अनक्लेम्ड डिपॉजिट-गेटवे टू एक्सेस इंफॉर्मेशन नामक केंद्रीकृत वेबपोर्टल लॉन्च किया है। आरबीआई ने इस प्लेटफॉर्म को उपभोक्ताओं के लिए एक ही स्थान पर कई बैंकों में बिना दावे वाली जमा की तलाश आसान करने के लिए लॉन्च किया है।

बैंक अधिकारियों ने बताया कि डीप अकाउंट में चली गई राशि से जुड़ा पोर्टल है। बैंक उपभोक्ताओं के लिए डेटा तक पहुंच को बेहतर और व्यापक बनाने के लिए आरबीआई ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाने का निर्णय लिया था। उपभोक्ताओं को इनपुट के आधार पर विभिन्न बैंकों में पड़ी अपक्लेम्ड राशि की खोज करने के लिए मौका मिलता है। आरबीआइ ने लावारिस जमा का पता लगाने के लिए केंद्रीकृत वेब सुविधा की घोषणा 6 अप्रेल को की थी।

इसलिए शुरू किया पोर्टल

वेबपोर्टल की शुरुआत के साथ ग्राहक आसानी से अनक्लेम्ड जमा और खातों का पता लगा सकेंगे। इस्तेमाल से जमा खातों को व्यक्तिगत बैंकों में सक्रिय कर सकते हैं या अप्रयुक्त जमा राशि जुटा सकते हैं। प्लेटफॉर्म को रिजर्व बैंक सूचना प्रौद्योगिकी और भारतीय वित्तीय प्रौद्योगिकी की ओर से बनाया गया है। फिलहाल ग्राहक पोर्टल पर सूचीबद्ध सात बैंकों में मौजूद अपनी लावारिस जमा के बारे में जानकारी देख सकेंगे।

यह है स्थिति

पब्लिक सेक्टर के बैंकों ने फरवरी 2023 तक करीब 35 हजार करोड़ की बिना दावे वाली जमा राशि को आरबीआइ को ट्रांसफर किया था। यह राशि ऐसे अकाउंट से जुड़ी थी, जो 10 साल या इससे ज्यादा समय से उपयोग में नहीं है। एसबीआइ में सबसे ज्यादा 8 हजार 86 करोड़ बिना दावे की राशि है। इसके अलावा पीएनबी में 5 हजार 340 करोड़, केनरा बैंक में 4 हजार 558 करोड़ और बैंक ऑफ बड़ौदा में 3 हजार 904 करोड़ रुपए बिना दावे के हैं।

पोर्टल पर पंजीकरण प्रक्रिया

- पोर्टल के साथ शुरुआत करना एक सीधी प्रक्रिया है। लावारिस जमाओं को पंजीकृत करने और उनकी खोज शुरू करने के लिए यह करना होगा।

- यूडीजीएम पोर्टल पर मोबाइल नंबर, नाम, पासवर्ड और दिया गया कैप्चा भरें। फॉर्म के बाद विवरण सबमिट करें।

- पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजा जाएगा। आगे बढ़ने के लिए ओटीपी को दर्ज करें।

- उद्गम खाते में लॉगइन करने के लिए पंजीकृत मोबाइल नंबर और पासवर्ड का उपयोग करें।- एक बार जब लॉगिन विवरण दर्ज कर लेंगे तो अतिरिक्त सुरक्षा के लिए एक और ओटीपी दर्ज करने के लिए कहा जाएगा।

- एक पेज पर खाताधारक का नाम और बैंक का नाम दर्ज करना होगा। इसके अतिरिक्त, पैन, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस नंबर, पासपोर्ट नंबर या जन्मतिथि जैसे विकल्पों में से एक खोज मानदंड चुनें।

- जमा विवरण को फिर प्राप्त करने और प्रदर्शित करने के लिए सिस्टम को ट्रिगर करने के लिए खोज बटन पर क्लिक करना होगा।

प्रदेश में विद्युत वितरण निगम की ओर से ईंधन अधिभार के नाम पर फ्यूल सरचार्ज जोड़ा जाता है। बिजली घरों में कोयले के स्वीकृत खर्च से अधिक भुगतान के नाम पर सरचार्ज लिया जाता है।

आधार ईंधन अधिभार और कोयला का सही प्रबंधन, दोनों विषय एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। ईंधन अधिभार की अधिकतम सीमा के बराबर 52 पैसे प्रति यूनिट की आधार ईंधन अधिभार का अतिरिक्त भार औद्योगिक और अघरेलू विद्युत उपभोक्ताओं पर डाला गया है, वहीं घरेलू और कृषि कनेक्शन की छूट राशि राज्य सरकार की ओर से वहन की जा रही है। इसकी जरुरत ही नहीं पड़े, यदि कोयले का अनावश्यक आयात रोककर देशी कोयले का सही प्रबंध हो। विशेषज्ञ रिटायर्ड इंजीनियर्स ने नियामक आयोग से पत्राचार कर आपत्ति दर्ज कराई है।

दरों में फर्क की स्थिति

21000 करोड़ प्रति टन कोयला लागत राजस्थान में

1100 करोड़ से अधिक का कोयला गतवर्ष खरीदा405 करोड़ का कोयला इस वर्ष खरीदने की प्रक्रिया

इन मापदंडों पर अलग है आयातित कोयला

- आयातित कोयला अत्यधिक ज्वलनशील है। कोल स्टॉक यार्ड में आग की घटनाओं के कारण भंडारण की अधिक हानि होती है।- आयातित कोयले में सल्फर की मात्रा लगभग एक प्रतिशत है, जो स्वदेशी कोयले में 0.5 प्रतिशत से कम है, जिससे एसओ-2 गैस अधिक होती है।

- आयातित कोयले के लिए भंडारण और हैंडलिंग सुविधा नहीं होने से आयातित कोयले की जरुरत मात्रा को स्वदेशी कोयले के साथ मिश्रित करना संभव नहीं- दस प्रतिशत आयातित कोयले को मिश्रित करने के लिए 90 प्रतिशत स्वदेशी कोयले की जरुरत है, जो कि स्वदेशी कोयले की कमी की अवधि के दौरान संभव नहीं हो सकता है।

- आयातित कोयले से उत्पादन की लागत बहुत अधिक है, जिसके परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं पर ईंधन अधिभार का बोझ पड़ता है।

बिजली उत्पादन और कोयले का विश्लेषण

- राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के 7580 मेगावॉट के बिजली घर है। कोटा, सूरतगढ़ व छबड़ा को मिलाकर 3240 मेगावॉट के लिए कोल इंडिया से कोयला आपूर्ति आवंटित होती है।

- सूरतगढ़, छबड़ा, कालीसिंध इकाईयों की कुल क्षमता 4340 मेगावॉट है। 85 प्रतिशत उत्पादन के लिए छत्तीसगढ़ में खानों से कोयला मिलती है।- केंद्र सरकार ने वर्ष 2022-23 में 10 और 2023-24 में 6 प्रतिशत आयात के निर्देश दिए। यह घरेलू कोयले में मिलाकर कमी पूर्ति के लिए होता है।

- राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के तापीय बिजली घरों का उत्पादन क्षमता के 50 प्रतिशत तक ही हो रहा है। कोटा में 63 प्रतिशत, छबड़ा में 52 प्रतिशत, सूरतगढ़ में मात्र 30 प्रतिशत व अन्य में 52 प्रतिशत उत्पादन है।- पिछले साल बिना जरुरत जांचे एकल निविदा पर अडानी एसोसिएट्स को 21 हजार रुपए प्रति टन की दर पर आयातित कोयले की आपूर्ति का आदेश दिया, जबकि देशी कोयली की औसत दर मात्र 4500 प्रति टन है।

- ऐसे में देशी कोयले से उत्पादित बिजली 3.60 प्रति यूनिट की तुलना में दर 13 रुपए प्रति यूनिट हो गई।

कमियों के ये बिंदु भी अहम

- देशी कोयले में आयातित कोयला मिलाने की व्यवस्थाएं नहीं है

- आयातित कोयले की पूरी मात्रा 1-2 माह में आ जाती है, जबकि बिजली घरों के पास भंडारण की सीमित क्षमता के कारण आयातित कोयला ही उपयोग में लेते हैं।- आयातित कोयले की लागत का भुगतान अग्रिम दिया जाता है व साइट पर गुणवत्ता जांच के बिना ही भुगतान कर दिया जाता है।

सलूम्बर. सलूम्बर जिला बनने के बाद हाडा रानी जनजाति कन्या छात्रावास भवन में अस्थाई रूप से जिला कलक्ट्रेट एवं मिनी सचिवालय शुरू कर दिया गया है, वहीं पुलिस के प्रमुख अंग रिजर्व पुलिस लाइन को हाडा रानी महाविद्यालय के बालिका छात्रावास भवन में संचालित करने को बेहरतरीन व्यवस्था की जा रही है। यहां मैस, संचित निरीक्षक का कक्ष सहित 13 कमरे होंगे। पुलिस अधिकारी व जवान इसके शुभारंभ की तैयारियों में जुटे हुए हैं। बताया गया कि यहां गार्ड ऑफ ऑनर के साथ रोजाना पुलिस ध्वज का ध्वजारोहण होगा।

संचित निरीक्षक कक्ष, मैस सहित 13 कमरे- बालिका छात्रावास के भवन में रिजर्व पुलिस लाइन संचालित को लेकर छात्रावास की मरम्मत करके रंग रोगन के साथ पुलिस लाइन के मुख्य द्रार पर संचित निरीक्षक कक्ष , कोत 1, कोत 2 ,सहित गार्ड के लिए 13 कक्ष व भोजन के लिए मैस तैयार किया गया है। स्थाई पुलिस लाइन परिसर में पेयजल व्यवस्था को लेकर ट्यूबवेल खुदवाया गया है।

डेढ़ सौ जवानों का सलूम्बर तबादला

जिला मुख्यालय िस्थत रिजर्व पुलिस लाइन को लेकर उदयपुर रेंज के आईजी अजयपाल लांबा ने तीन अलग-अलग आदेश सूची जारी कर कुल 148 पुलिस जवानों का स्थानांतरण किया है ।दिन में तीन बार क्वार्टर गार्ड का रोल कॉल

रिजर्व पुलिस लाइन के शुभारंभ के बाद रोज सुबह राजस्थान पुलिस के ध्वज का गार्ड ऑफ ऑनर के साथ ध्वजारोहण होगा तथा सूर्य अस्त होने से पहले गार्ड ऑफ ऑनर के साथ ध्वज को सम्मान के साथ उतर जाएगा। दिन में तीन बार क्वार्टर गार्ड का रोल कॉल होगा। स्थानांतरण होकर जिला मुख्यालय पहुंचने वाले पुलिस कांस्टेबल से लेकर पुलिस निरीक्षक तक के अधिकारी पुलिस लाइन में अपनी आमद करवाते हैं तथा यहां से स्थानांतरण कर अन्य जगह जाने वाले पुलिस जवान एवं अधिकारी पुलिस लाइन से ही रवानगी लेते हैं। यही से जिले में कानून व्यवस्था को लेकर जाप्ता तैनात करने तक के इंतजाम किए जाएंगे।

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