>>: किशोरियों के जज्बे को देख बोलीं क्लारा. . अमेजिंग. .

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पीसांगन. पीसांगन में चल रहे आवासीय शिविर में रिसोर्स पर्सन जर्मन मूल की स्कॉलर क्लारा पर्सन ने ग्रामीण क्षेत्र की किशोरियों से मुलाकात की। राजस्थान ओपन बोर्ड की तैयारियों में जुटी किशोरियों ने अपने सपनों व ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए उनके योगदान की बातें सुनकर क्लारा की प्रतिक्रिया थी. . अमेजिंग. .।उन्होंने किशोरियों के अभिभावकों की सराहना की। शिविर में कम्प्यूटर, इंगलिश,पर्यावरण,गृह विज्ञान,व्यवसाय अध्ययन,सिलाई आदि विषय और जीवन कौशल शिक्षा सहित योग,स्वास्थ्य और आत्मा रक्षा को लेकर प्रशिक्षण दिया गया।

बालिकाओं से पूछे गए सवाल पर उन्होंने बताया कि वह शिक्षण पूर्ण करने के बाद आर्मी ,पुलिस,शिक्षिका, महिला स्वास्थ्य,सशक्तिकरण, समाज सुधार के क्षेत्र में जिम्मेदारी निभाना चाहती हैं। क्लारा ने बालिकाओं के लिए शिक्षा के महत्व को बताया। उन्होंने बालिकाओं के साथ डांस भी किया।इसके बाद वह डल इखवेलो सेन्टर गयी जहां किशोर-किशोरियों ने विज्ञान के कई प्रयोग कर दिखाए। विज्ञान और स्वास्थ्य अधिकार, शिक्षा और कानून के क्षेत्र में इन ग्रामीण लडके-लड़कियों के आत्मविश्वास को बढाने में दूसरा दशक के योगदान को सराहा। इस अवसर के लिए दूसरा दशक टीम सहित परियोजना निदेशक का आभार जताते हुए उन्होंने किशोरियों के उत्तरोत्तर आगे बढ़ने की कामना की। |

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