>>: राजस्थान में गरमाए पेपर लीक प्रकरण के बीच फर्जी सर्टिफिकेट से नौकरी पाने का 'खेला', ये हुए बड़े खुलासे

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Jaipur News: सम्पत्ति हड़पने, नौकरी लगने या फिर गबन करने के लिए राजस्थान में फर्जी प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। कोई मैरिज सर्टिफिकेट तो कोई मृत्यु प्रमाणपत्र व फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज बना रहा है। फर्जी मैरिज सर्टिफिकेट के जरिये कहीं पर महिला भरण-पोषण का दावा कर रही हैं तो कहीं पर सम्पत्ति व गबन के लिए ऐसे सर्टिफिकेट बनाने के मामले सामने आ चुके हैं। राजस्थान ही नहीं देश के कई राज्यों में ऐसे सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह सक्रिय हैं।

 


फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज से नौकरी लग जाने के भी कई मामले सामने आ चुके हैं। जैसलमेर की सम पंचायत समिति के अंतर्गत तुर्कों की बस्ती के पूर्व ग्राम विकास अधिकारी व ई-मित्र संचालक के खिलाफ एक मामला सामने आया था, जिसमें दोनों ने बीपीएल परिवार की लड़कियों को शादी के लिए मिलने वाली सरकारी राशि का गबन करने के लिए बड़ी संख्या में फर्जी मैरिज सर्टिफिकेट बना लिए थे। जिन लड़कियों के नाम से सर्टिफिकेट बनाए, उनको इसकी जानकारी ही नहीं थी।

 

 

भरतपुर में सुरेश चंद नाम के युवक ने जिला प्रशासन को शिकायत दी कि उसके परिवार के लोगों ने उसे कई वर्षों तक बंधक बनाकर रखा और उसकी सम्पत्ति हड़पने के लिए फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बना लिया। इतना ही नहीं दिव्यांग कोटे से आने वाली पेंशन को बंद करवा दिया।

 

 

 

फर्जी सर्टिफिकेट की तुरंत रिपोर्ट दर्ज कराएं

किसी भी व्यक्ति का फर्जी मैरिज व मृत्यु सर्टिफिकेट बना लिया जाता है तो सबसे पहले वह संबंधित थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाए। इसके बाद किस संस्था ने फर्जी सर्टिफिकेट जारी किया है, उसके दस्तावेज की जांच करवाएं।

 


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केस एक - फर्जी मैरिज सेटिफिकिट बना ब्लैकमेल किया


झुंझुनूं के मलसीसर थाने में एक युवती ने गत वर्ष रिपोर्ट दर्ज करवाई कि कौशल सिंह नाम का युवक शादीशुदा है और उसने पीडि़ता का फर्जी मैरिज सर्टिफिकेट बनाकर ब्लैकमेल कर रहा है।

 

 

 

केस दो - भरण-पोषण के लिए बनाया सर्टिफिकेट

मंडावा में राजेश कुमार नाम के युवक ने एक रिपोर्ट दर्ज कराई कि एक महिला फर्जी मैरिज सर्टिफिकेट बनाकर उससे भरण-पोषण की मांग रही है।

 

 

केस तीन - नौकरी में फर्जी सर्टिफिकेट बनवाया

अलवर में कुछ वर्ष पहले नगर परिषद सफाई कर्मचारी भर्ती परीक्षा में एक अभ्यर्थी ने फर्जी मैरिज सर्टिफिकेट लगा दिया। सर्टिफिकेट के मुताबिक आरोपी के बेटा शादी से पहले हो गया। जबकि आरोपी सही सर्टिफिकेट बनाता तो उसका बाल विवाह होने का पता चलता।

 

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