>>: होली से पहले नहरी पानी पर चढ़ा राजनीति का रंग, साठ दिन की बंदी टालने के प्रयास में जुटी भजनलाल सरकार

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Indira Gandhi Canal Project : हनुमानगढ़। होली से पहले नहरी पानी पर राजनीति का रंग चढ़ने लगा है। लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत नहरी पानी का मुद्दा खूब गर्म हो रहा है। इस बीच बताया जा रहा है कि इंदिरा गांधी नहर में होने वाली साठ दिन की बंदी टालने का प्रयास किया जा रहा है। इसे लेकर राजस्थान सरकार ने पंजाब सरकार तथा केंद्रीय जल संसाधन मंत्री को पत्र भी लिखा है। इसमें बताया है कि लोकसभा चुनाव आगे होने हैं। राजस्थान में पानी की जरूरत को देखते हुए इंदिरा गांधी नहर में छह हजार क्यूसेक पानी चलाने की मांग की गई है।

राजस्थान सरकार की ओर से लिखे गए पत्र में राजस्थान फीडर में होने वाली बंदी को स्थगित करने का उल्लेख किया गया है। अति आवश्यक होने पर सरहिंद फीडर में 27 मार्च के बाद बंदी लेने की बात कही गई है। जबकि पंजाब सरकार सरहिंद फीडर में पहले बारह तथा अब सोलह मार्च से बंदी लेने की मांग कर रहा है। राजस्थान सरकार ने अबकी बार इंदिरा गांधी नहर में बंदी टालने तथा लगातार छह हजार क्यूसेक पानी चलाने की मांग रखी है। ताकि राजस्थान की बड़ी जनसंख्या में पेयजल की आपूर्ति होती रहे।

इससे पहले जल संसाधन विभाग हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता अमरजीत सिंह मेहरड़ा लगातार पंजाब सरकार से समन्वय बनाकर इंदिरा गांधी नहर में पानी बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन राजस्थान की इंदिरा गांधी नहर में पानी बढ़ाने को लेकर अभी पंजाब सरकार स्तर पर किसी तरह का संकेत नहीं मिला है। जबकि राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर क्षेत्र के किसान रबी फसलों की पकाई के लिए 27 मार्च तक नहर में सिंचाई पानी चलाने की मांग कर रहे हैं।

 

राजस्थान व पंजाब सरकार के बीच बातचीत तेज

कुछ भाजपा नेता भी इस मांग को लेकर सीएम भजनलाल से मिले थे। इसके बाद राजस्थान सरकार व पंजाब सरकार के बीच बातचीत तेज हुई है। लेकिन अभी यह साफ नहीं हुआ है कि इंदिरागांधी नहर में कब से तथा कितना सिंचाई पानी चलाया जाएगा। किसान नहर में सिंचाई पानी चलने का इंतजार कर रहे हैं। गौरतलब है कि इंदिरा गांधी नहर में बीस मार्च के बाद साठ दिन की नहरबंदी शुरू होनी है। अभी पेयजल भंडारण के लिए आईजीएनपी में पानी चलाया जा रहा है। सिंचाई पानी का आगामी रेग्यूलेशन कैसा होगा, इसकी तस्वीर अब तक साफ नहीं हुई है।

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बंदी टालने के मूड में भजनलाल सरकार

इस बीच लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत राजस्थान सरकार इस बार बंदी टालने के मूड में है। देखना है आगे क्या होता है। फिलहाल नहरी मामले में अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं हुआ है। पंजाब सरकार सरहिंद फीडर में बंदी को जरूरी मान रही है। इसके बिना पंजाब व राजस्थान दोनों को दिक्कत हो सकती है। उक्त नहर के पास पूर्व में कटाव आने से पंजाब को डर है कि फिर पानी चलाने पर किसी तरह की दिक्कत नहीं आ जाए। इसलिए पंजाब सरकार सरहिंद फीडर की प्रस्तावित लाइनिंग का कार्य अनिवार्य रूप से करवाने के मूड में है।

 

इतने जिलों को मिलता है पानी

इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में आठ जिले श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर, जोधपुर एवं फलौदी के 16.70 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है। जबकि 15 जिले बाड़मेर, बालोतरा, सीकर, नीमकाथाना, झुंझुनूं, नागौर, डीडवाना-कुचामन, श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर, जोधपुर एवं फलौदी के 49 शहर/ कस्बे, 7500 गांव-ढ़ाणी तथा महाजन फायरिंग रेंज एवं सेना को पेयजल उपलब्ध होता है।

 

इंदिरा गांधी नहर परियोजना पर नजर

-पंजाब, हरियाणा व राजस्थान से निकलने वाले इंदिरागांधी नहर की कुल लंबाई 649 किमी है। इसमें सबसे ज्यादा क्षेत्रफल राजस्थान में 445 किमी है।

-1958 में इंदिरा गांधी फीडर का निर्माण शुरू हुआ था।

-11 अक्टूबर 1963 में राजस्थान में पहली बार इंदिरा गांधी नहर की नौरंगदेसर वितरिका में पानी प्रवाहित किया गया था।

-नहरी क्षेत्रों से राजस्थान में 6000-7000 करोड़ का उत्पादन हो रहा है।

-चालू वर्ष में इंदिरा गांधी नहर में होने वाली 60 दिन की बंदी को टालने का प्रयास किया जा रहा है।

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