>>: Digest for March 17, 2024

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Table of Contents

राज्य सरकार की ओर से निकाली गई भर्तियों की परीक्षाएं तो करवाई गई, लेकिन युवाओं को नौकरी कब तक मिल पाएगी, इसकी राह अभी आसान नजर नहीं आ रही है। ऐसे में प्रदेश के हजारों युवाओं को नौकरी के लिए और इंतजार करना पड़ सकता है। चूंकि अब लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सरकार युवाओं को नौकरी देने का वादा कर रही है। लेकिन कई भर्तियों के परिणाम आने बाकी है। ऐसे में युवाओं को लोकसभा चुनाव की आचार संहिता का डर सता रहा है। लेकिन राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड कुछ भर्तियों के परिणाम तो जारी कर चुकी है, कुछ के आने बाकी है। लेकिन परिणाम के बाद युवाओं को नौकरी के लिए इंतजार करना पड़ेगा। एक अनुमान के रूप में माना जाए तो राजस्थान में विभिन्न भर्तियों के करीब 17 हजार युवा ऐसे हैं। जो काफी समय से नौकरी की आस लगाए बैठे हैं। इन भर्तियों में पीटीआई, वनरक्षक, रीट लेवल टू, रीट लेवल वन, फायरमैन, सूचना सहायक शामिल हैं। जिसके फाइनल परिणाम आना शेष है। गौरतलब है कि वनरक्षक के 937, रीट लेवल टू के 5400, रीट लेवल वन के 6000, फायरमैन के 120 अभ्यर्थियों और सूचना सहायक की 2730 को नौकरी का इंतजार करना होगा।

सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी जानकारी

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कुछ भर्तियों के परिणाम जारी करने की जानकारी साझा की है। उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि पीटीआई, वनरक्षक, रीट लेवल टू, इंग्लिस आदि के परिणाम जारी करने का प्रयास किए जा रहे हैं।

रीट लेवल वन का फैसला सुरक्षित

इधर रीट लेवल वन के मामले में सुनवाई जयपुर की सिंगल बेंच में पूरी हो चुकी है। इस संबंध में न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। ऐसे में अब इसके निर्णय का इंतजार है। फैसला आने के बाद इस मामले में अभ्यर्थियों की वेटिंग जारी की जा सकती है।

इस पर संशय बरकरार

फायरमैन भर्ती का मामला भी विवादों में है। इस मामले का निस्तारण किया जाना बाकी है, लेकिन इस भर्ती में बचे हुए अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की जांच की जा रही है। क्योंकि अभ्यर्थियों के फर्जी सर्टिफिकेट पकड़े गए थे। इसकी जांच पूरी होने के बाद ही शेष रहे अभ्यर्थियों का परिणाम जारी किया जाकर नौकरी प्रदान की जाएगी।

संगणक व सीएचओ की आंसर की जल्द होगी जारी

इधर राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने युवाओं को राहत की सांस दी है। बोर्ड के चेयरमैन ने अपनी एक पोस्ट के जरिए लिखा है कि संगणक और सीएचओ परीक्षा की प्रोविजनल आंसर की 22 मार्च तक जारी की जाएगी। बोर्ड की ओर से लगातार युवाओं के हित को लेकर कदम उठाए जा रहे हैं।

अभ्यर्थियों के लिए कैलेण्डर जारी करें

राजस्थान बेरोजगारी एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से लगातार कैलेण्डर जारी किए जा रहे हैं। लेकिन आरपीसीएसी की ओर से कैलेंडर जारी नही किए जा रहे हैं। ऐसा किया जाना चाहिए किस डेट में आंसर की, परिणाम कब और किस डेट को ज्वाइनिंग देंगे, ये शैडयूल भी साथ में दिया जाना चाहिए। ताकि युवा युवा भटके नहीं। अब लोकसभा के चुनाव आ गए हैं, ऐसे में युवाओं को नौकरी के लिए इंतजार करना पड़ सकता है।

इसे उपभोक्ताओं की नादानी कहें या लापरवाही या एलपीजी गैस कंपनियों की अनदेखी। सुरक्षा की जांच को लेकर किसी को परवाह नहीं है। ऐसा ही आलम रसोई गैस से जुड़ा सामने आया है। समय-समय पर रसोई गैस की जांच करवानी होती है लेकिन इसमें कोई रूचि नहीं दिखा रहे हैं। ऐसे में जिले के रसोई गैस उपभोक्ताओं पर खतरा मंडरा रहा है। उपभोक्ताओं को पांच साल में एक बार रसोई गैस कनेक्शन की सुरक्षा जांच करवाना जरूरी है। जिले में तीन कंपनियों के करीब 6 लाख रसोई गैस के कनेक्शन हैं। पिछले पांच साल में सिर्फ 1 लाख 20 हजार उपभोक्ताओं ने ही रसोई गैस सुरक्षा की जांच करवाई है। ऐसे में करीब 4 लाख 80 हजार भोक्ता ऐसे हैं जिन्होंने जांच नहीं करवाई। ऐसे में उन पर खतरा मंडरा रहा है।

... तो नहीं मिल पाएगा मुआवजा

यदि रसोई गैस कनेक्शन में किसी तकनीकी खराबी के चलते कोई हादसा हो जाता है तो उसे सुरक्षा जांच के अभाव में क्लेम नहीं मिल पाएगा। इसलिए प्रत्येक गैस उपभोक्ता को इन गैस कनेक्शनों की जांच जरूर करवानी चाहिए ताकि घर-परिवार सुरक्षित रहे। बताया जा रहा है कि गैस के हादसे से मृत्यु होने पर कंपनियों की ओर से छह लाख रूपए का मुआवजा प्रदान किया जाता है। ऐसे में घर की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नियमानुसार सुरक्षा की जांच करवानी चाहिए।

कंपनियों की जिम्मेदारी, खुद जाकर करें जांच

गैस कंपनियों की जिम्मेदारी है कि वे स्वयं अधिकृत उपभोक्ता के घर जाकर सुरक्षा की जांच करे। गैस से जुडे़ इश्यू देखे। लेकिन उपभोक्ता वितरक को सूचना देकर घर पर इसकी जांच करवा सकता है। जांच के लिए वितरक का मैकेनिक घर आकर गैस चूल्हा, रबर पाइप, रेगुलेटर, सिलेंडर तथा संबधित सभी उपकरणों की गंभीरता से जांच करता है। वह उपभोक्ता को रसोई गैस का सुरक्षित उपयोग करने की जानकारी भी देता है।

 

ये भी आती है समस्या

इधर कंपनियों के अधिकारियों और वितरकों का कहना है कि उनके यहां से मैकेनिक नियमित रूप से जांच करने उपभोक्ताओं के घर जाते हैं, लेकिन वे मना कर देते हैं। इसके पीछे कारण ये है कि उपभोक्ता जांच शुल्क और अन्य खर्च के डर से मैकेनिक को इनकार कर देते हैं। इस कारण घरेलू गैस उपकरणों की जांच तक नहीं हो पाती है।

उज्वला के 59 और अन्य गैस कनेक्शनों पर 236 रुपए का चार्ज

अनिवार्य सुरक्षा जांच को लेकर रसोई गैस कंपनियां उपभोक्ता से जीएसटी सहित कुल 236 रुपए शुल्क वसूल करती है। जिसकी बाकायदा रशीद भी उपलब्ध कराई जाती है। उज्वला योजना में जांच करवाने पर मात्र 59 रूपए का भुगतान ही लिया जाता है।

बीमा क्लेम के काम आती है जांच रशीद

रसोई गैस उपकरणों में तकनीकी खराबी से यदि कोई हादसा हो भी जाता है तो रुपए लेकर दी गई जांच रशीद बीमा क्लेम के काम आती है। साथ ही गैस कंपनियां उपभोक्ता और उनके परिजन का निशुल्क बीमा करती है। यदि कोई हादसा हो जाता है तो वह जांच के बाद हादसे की गंभीरता के मद्देनजर मुआवजा तय करती है।

फर्जी मैकेनिकों से रहें सावधान

गैस उपभोक्ताओं को फर्जी मैकेनिकों से सावधान रहने की बात भी कही है। ये कंपनी का प्रतिनिधि बताकर घरों में उपकरणों की जांच करने लग जाते हैं। जांच के बाद खुद की छपी रसीद देकर रूपए ऐंठ लिए जाते हैं। लेकिन ये लोग जांच करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। इनकी जांच कंपनी के रिकॉर्ड में भी दर्ज नहीं की जा सकती है।

क्या करे उपभोक्ता

फर्जी मैकेनिक यदि उपभोक्ता के घर पर आ भी जाए तो परेशान ना हों। इससे पहले अपनी अधिकृत गैस एजेंसी पर फोन करके पहले पूरी जानकारी हासिल करें। यदि कंपनी के प्रतिनिधि हैं तो जांच करवाएं वरना उन्हे घर में प्रवेश से इनकार कर दें। ताकि उपभोक्ता फ्रॉड से बच सके।

इनका कहना है

 

पांच वर्ष में एक बार सुरक्षा जांच करवानी चाहिए। इसके अलावा पांच साल में एक बार टयूब जरूर बदलें। जरूरत पड़ने पर अधिकृत वितरक से परीक्षण अनिवार्य रूप से करवाएं। हम मैकेनिक निरीक्षण के लिए भेजते हैं, लेकिन उपभोक्ता इसमें रूचि नहीं दिखाते हैं।

- श्लोक गुप्ता, नोडल अधिकारी, एलपीजी सेल्स एरिया, उदयपुर

DMFT FUND: डिस्ट्रिक माइनिंग फाउंडेशन ट्रस्ट की गवर्निंग कमेटी की बैठक जिला परिषद सभागार में कमेटी अध्यक्ष व जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल की अध्यक्षता में हुई। बैठक में पूर्व में स्वीकृत कार्यों को निरस्त कर दिया है। इस दौरान 400 करोड़ रूपए के नए कार्यों के प्रस्ताव लिए। बैठक में उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, वल्लभनगर विधायक उदयलाल डांगी, गोगुन्दा विधायक प्रताप गमेती, सलूम्बर विधायक अमृतलाल मीणा, खेरवाड़ा विधायक डॉ दयाराम परमार तथा धरियावाद विधायक थावरचंद डामोर भी मौजूद रहे। माइनिंग इंजीनियर आरिफ अंसारी ने बताया कि वर्ष 2017-18 से वर्ष 2023-24 तक जिले में डीएमएफटी मद से 269 करोड़ के 1106 कार्य स्वीकृत हुए। इनमें 237 पूर्ण हुए हैं। कई काम प्रगतिरत हैं। कुछ शुरू नहीं हो पाए। अब उनकी लागत अब बढ़ गई है। इस पर अप्रारंभ कार्यों को निरस्त करने का प्रस्ताव रखा, जिस पर सभी ने सहमति जता दी। इस मौके पर सीईओ कीर्ति राठौड़, उप जिला प्रमुख पुष्कर तेली आदि मौजूद रहे।

स्कूलों भवनों की मरम्मत का लिया प्रस्ताव

उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा व जनप्रतिनिधियों ने जर्जर विद्यालय की मरम्मत तथा विद्यालयों में नए कक्षा कक्ष निर्माण की पैरवी की। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 100-100 विद्यालय भवनों की मरम्मत के लिए 5-5 लाख रूपए स्वीकृत करने का प्रस्ताव लिया। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 100-100 नए हैण्डपंप के प्रस्ताव लिए। उदयपुर पेराफेरी के भुवाणा में पेयजल प्रबंधन के लिए करीब 4 करोड़ रूपए सहित तकरीबन 8.50 करोड़ के प्रस्ताव भी लिए।

इस काम के लिए बनी सहमति

शहर विधायक ताराचंद जैन ने आयड़ नदी में हुए कब्जों को हटाने, दोबारा कब्जे न हो इसके लिए फेसिंग कराने की मांग रखी। जिस पर फेसिंग कार्य के प्रस्ताव लिए। केसरियाजी में नदी पर बनी रपट पर बड़े यातायात दबाव देख 4 करोड़ रूपए की लागत से पुलिया निर्माण व सड़क सुदृढीकरण पर सहमति बनी। बडी स्थिति टीबी हॉस्पीटल में 150 बेड के नवीन ब्लॉक के लिए 10 करोड़, टीबी हॉस्पीटल की चारदीवारी निर्माण के लिए प्रस्ताव स्वीकार किया।

विभागीय कमेटी करेगी समसा के कार्यों की रिपोर्ट

जनप्रतिनिधियों ने समग्र शिक्षा विभाग के माध्यम से किए जा रहे कार्यों में से अधिकांश अधूरे होने की शिकायत की। समसा के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि कार्य पूर्ण हो चुके हैं, लेकिन एसडीएम लेवल कमेटी की रिपोर्ट के अभाव में अंतिम भुगतान बकाया है। कलक्टर ने विभागीय कमेटी से रिपोर्ट तैयार कर 5 दिन में देने, रिपोर्ट के आधार पर बकाया भुगतान करने के निर्देश दिए।

लागत बढ़ने पर चैयरमैन स्वीकृति के लिए अधिकृत

बैठक में सामने आया कि कुछ कामों की लागत पूर्व में स्वीकृत राशि की तुलना में बढ़ गई है। ऐसे प्रकरणों का निस्तारण नहीं होने से पेडेन्सी बढ़ी है। सदन ने प्रगतिरत कार्यों में मूल स्वीकृति से 20 प्रतिशत तक लागत बढ़ने पर उसकी रिवाईज सेंशन के लिए कमेटी चैयरमेन को अधिकृत करने तथा संशोधित स्वीकृति का अनुमोदन आगामी गवर्निंग कमेटी की बैठक में कराने का प्रस्ताव लिया।

DMFT FUND: डिस्ट्रिक माइनिंग फाउंडेशन ट्रस्ट की गवर्निंग कमेटी की बैठक जिला परिषद सभागार में कमेटी अध्यक्ष व जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल की अध्यक्षता में हुई। बैठक में पूर्व में स्वीकृत कार्यों को निरस्त कर दिया है। इस दौरान 400 करोड़ रूपए के नए कार्यों के प्रस्ताव लिए। बैठक में उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, वल्लभनगर विधायक उदयलाल डांगी, गोगुन्दा विधायक प्रताप गमेती, सलूम्बर विधायक अमृतलाल मीणा, खेरवाड़ा विधायक डॉ दयाराम परमार तथा धरियावाद विधायक थावरचंद डामोर भी मौजूद रहे। माइनिंग इंजीनियर आरिफ अंसारी ने बताया कि वर्ष 2017-18 से वर्ष 2023-24 तक जिले में डीएमएफटी मद से 269 करोड़ के 1106 कार्य स्वीकृत हुए। इनमें 237 पूर्ण हुए हैं। कई काम प्रगतिरत हैं। कुछ शुरू नहीं हो पाए। अब उनकी लागत अब बढ़ गई है। इस पर अप्रारंभ कार्यों को निरस्त करने का प्रस्ताव रखा, जिस पर सभी ने सहमति जता दी। इस मौके पर सीईओ कीर्ति राठौड़, उप जिला प्रमुख पुष्कर तेली आदि मौजूद रहे।

स्कूलों भवनों की मरम्मत का लिया प्रस्ताव

उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा व जनप्रतिनिधियों ने जर्जर विद्यालय की मरम्मत तथा विद्यालयों में नए कक्षा कक्ष निर्माण की पैरवी की। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 100-100 विद्यालय भवनों की मरम्मत के लिए 5-5 लाख रूपए स्वीकृत करने का प्रस्ताव लिया। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 100-100 नए हैण्डपंप के प्रस्ताव लिए। उदयपुर पेराफेरी के भुवाणा में पेयजल प्रबंधन के लिए करीब 4 करोड़ रूपए सहित तकरीबन 8.50 करोड़ के प्रस्ताव भी लिए।

इस काम के लिए बनी सहमति

शहर विधायक ताराचंद जैन ने आयड़ नदी में हुए कब्जों को हटाने, दोबारा कब्जे न हो इसके लिए फेसिंग कराने की मांग रखी। जिस पर फेसिंग कार्य के प्रस्ताव लिए। केसरियाजी में नदी पर बनी रपट पर बड़े यातायात दबाव देख 4 करोड़ रूपए की लागत से पुलिया निर्माण व सड़क सुदृढीकरण पर सहमति बनी। बडी स्थिति टीबी हॉस्पीटल में 150 बेड के नवीन ब्लॉक के लिए 10 करोड़, टीबी हॉस्पीटल की चारदीवारी निर्माण के लिए प्रस्ताव स्वीकार किया।

विभागीय कमेटी करेगी समसा के कार्यों की रिपोर्ट

जनप्रतिनिधियों ने समग्र शिक्षा विभाग के माध्यम से किए जा रहे कार्यों में से अधिकांश अधूरे होने की शिकायत की। समसा के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि कार्य पूर्ण हो चुके हैं, लेकिन एसडीएम लेवल कमेटी की रिपोर्ट के अभाव में अंतिम भुगतान बकाया है। कलक्टर ने विभागीय कमेटी से रिपोर्ट तैयार कर 5 दिन में देने, रिपोर्ट के आधार पर बकाया भुगतान करने के निर्देश दिए।

लागत बढ़ने पर चैयरमैन स्वीकृति के लिए अधिकृत

बैठक में सामने आया कि कुछ कामों की लागत पूर्व में स्वीकृत राशि की तुलना में बढ़ गई है। ऐसे प्रकरणों का निस्तारण नहीं होने से पेडेन्सी बढ़ी है। सदन ने प्रगतिरत कार्यों में मूल स्वीकृति से 20 प्रतिशत तक लागत बढ़ने पर उसकी रिवाईज सेंशन के लिए कमेटी चैयरमेन को अधिकृत करने तथा संशोधित स्वीकृति का अनुमोदन आगामी गवर्निंग कमेटी की बैठक में कराने का प्रस्ताव लिया।

राजस्थान पत्रिका के स्थापना दिवस के मौके पर पत्रिका स्पीक आउट कार्यक्रम गुरुवार को वार्ड 41 में हुआ। इस दौरान यहां के वार्डवासियों ने बेबाकी के साथ अपनी समस्याओं को रखा। यहां सबसे बड़ी और प्रमुख बात ये उभरकर सामने आई कि यहां का युवा नशे की जद में है। नशा इतना सिर चढ़कर बोलने लगा है कि ये युवा परिजनों के काम पर चले जाने के बाद घरों के बर्तन तक बेच देते हैं। इससे वे अपने नशे की लत को पुरा करते हैं। यही नहीं यहां काला भाटा िस्थत राजकीय बालिका प्रावि की बच्चियों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

यहां असामाजिक तत्व आकर उनको गलत इशारे करते हैं। लेकिन पुलिस प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई तक नहीं की जा रही है। कहने तो यहां पहले पुलिस चौकी बनाई गई थी, लेकिन अब इस चौकी का अस्तित्व ही खतरे में है। इसकी हालत भी बदतर है। इसके अलावा मादड़ी क्षेत्र के इस वार्ड में बनी नालियों का ढालान भी सही नहीं है। ऐसे में नालियों का पानी ओवरफ्लो होकर आम रास्तों पर बिखर रहा है। इसके अलावा मादडी क्षेत्र के लोग आवागमन के साधन नहीं होने से बहुत परेशान हैं। यहां सामान्य तबके के लोग रहते हैं। शहर के सबसे नजदीक का वार्ड है लेकिन नगर निगम की ओर से इसके लिए यातायात की कोई सुविधा नहीं दी है। ऐसे में यहां के लोगों के लिए सिटी बस का संचालन किया जाना चाहिए ताकि आवागमन सुगम हो सके। इसके नगर निगम, प्रशासन, जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत कराया गया लेकिन अभी तक इसका समाधान नहीं हो पाया है। इस वार्ड में िस्थत पार्क की हालत भी खराब है। यहां अतिक्रमण किया गया है। जिससे पार्क की हालत खराब हो गई है।

वार्ड के लोगों ने आरोप लगाया कि इतनी समस्याएं होने के बावजूद नगर निगम प्रशासन ने एक तरह से इस वार्ड को अलग-थलग मान रखा है। वार्ड के लोगों ने बताया कि ठोकर चौराहा से लेकर आकाशवाणी तक लाइट की सुविधा नहीं है। रोड़ पर अंधेरा रहता है। जिसका समाधान किया जाना जरूरी है। पत्रिका स्पीक आउट पारखजी की बाड़ी रोड़ नंबर तीन के सामने आयोजित की गई।

इन्होंने रखी बेबाकी से अपनी बात

पार्षद कमलेश मेहता, लोकेश पारख, देवीलाल पालीवाल, सत्येन्द्रसिंह राजावत, लक्ष्मीनारायण साहु, लक्ष्मणसिंह चुण्डावत, लक्ष्मणसिंह राव, चन्द्रशेखर शर्मा , प्रवीण सालवी, शिवपूजन, हितेश गोस्वामी आदि ने वार्ड की समस्याओं को लेकर अपनी बात बेबाकी से रखी।

ये प्रमुख मुद्दे आए सामने

- मादड़ी को जयसमंद से पानी दिया जाए। पेट्रोल पंप से पाइप लाइन के जरिए वार्ड में पानी पहुंचाया जाए।

- यहां पीने के पानी में 1700 टीडीएस की मात्रा है। जिसका समाधान किया जाए।

- मादड़ी तक सिटी बस का संचालन किया जाए।

- मुख्य मार्ग अण्डरब्रिज से लेकर मादड़ी तक सड़क साढ़े सात मीटर चौड़ी है। इसलिए इसके दोनों ओर लगे अतिक्रमण हटाए जाएं। ताकि आवागमन सुगम हो।

- रीको की रोड नंबर दो, तीन और पांच की ओर मादड़ी में प्रवेश करने वाले भारी वाहनों पर रोक लगाई जाए। इन पर बेरीकेड लगाए जाएं।

- वार्ड में पानी एक दिन छोड़कर आता है। इस समस्या का समाधान किया जाए।

- रीको के कारण भूमिगत जल सही नहीं है। प्रशासन की ओर से इस पर ध्यान दिया जाए।

- कालाभाटा के सामने चल रहे नशे के कारोबार पर प्रतिबंध लगाकर युवा पीढ़ी को बचाने की दिशा में काम किया जाए।

- करीब 15 दिन से बंद पड़ी पनघट योजना को शुरू किया जाए।

- ठोकर चौराहा से आकाशवाणी तक रोशनी की व्यवस्था की जाए।

- नगर निगम की ओर से लगाई गई कचरा संग्रहण गाड़ी पर बार-बार चालक बदलने पर अंकुश लगाया जाए।

- मादड़ी में कचरा संग्रहण के लिए कम से कम दो ऑटो की व्यवस्था की जाए।- लक्ष्मीनगर में पानी निकासी के लिए नालियां बनाई जाए।

- वार्ड में सफाई व्यवस्था के लिए बीट व्यवस्था को मजबूत कर पर्याप्त कर्मचारी लगाए जाएं।

- अपराधिक गतिविधियों पर रोकथाम के लिए पुलिस गश्त को मजबूत किया जाए।

उदयपुर. जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि उदयपुर में भूमाफिया खूब पनप रहे हैं और उनको बचाने का काम प्रशासन कर रहा है। उनकी मिलीभगत के कारण ही शहर और आसपास में अवैध इमारतें खड़ी हो जाती है। इन्हेंं रोकने के लिए प्रशासन पर दबाव बनाए रखना बेहद जरुरी है। अब तक होना था वो हो गया, अब अवैध कुछ भी नहीं होने देंगे। भूमाफियाओं पर हमारी पूरी नजर है, पर्यावरण हित में अवैध काम कतई नहीं करने देंगे।
जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री खराड़ी ने शनिवार को यह बात राजस्थान पत्रिका कार्यालय में कही। उन्होंने कहा कि पहाडिय़ों का काटा जाना उदयपुर की बड़ी समस्या है। जनजाति क्षेत्र के लोगों के माध्यम से पहाडिय़ों पर कब्जे कराए जाते हैं। फिर भूमाफिया उनसे कोडिय़ों के दाम में पहाडिय़ां खरीद लेते हैं और उन पर कॉलोनियां काटकर महंगे दाम में बेचते हैं। इस स्थिति पर हम ध्यान दे रहे हैं। बेतरतीब खनन से भी पहाड़ खोखले होते जा रहे हैं। बिना अनुमति हो रहे कामों को नहीं रोका तो बड़ा खतरा हो जाएगा। जो काम अवैध रूप से हो रहे हैं, उन्हें रोका जाएगा। क्योंकि जंगल बचे रहेंगे तो पर्यावरण संतुलन बना रहेगा। ऐसा नहीं किया तो महानगरों की हालत हम सब जान रहे हैं। शहर के बनिस्बत गांवों में पर्यावरण संतुलन है। इसी का नतीजा है कि कोरोना काल में गांवों की तुलना में शहरों में ज्यादा मौतें हुई। ऐसे में पर्यावरण बचाए रखना हमारी प्राथमिकता है।

उदयपुर शहर के भुवाणा क्षेत्र में जोधा बावजी ग्राउंड के पास िस्थत मानस भवन में शुक्रवार रात केमिकल गोदाम में आग लग गई। तीन मंजिला रिहायशी भवन में भूतल पर केमिकल गोदाम था, जबकि ऊपरी दो मंजिलों पर किराएदार रहते हैं। शाम करीब सवा सात बजे केमिकल गोदाम में आग की लपटें उठती दिखाई दी तो लोगों ने अग्निशमन विभाग को सूचना दी।

देखते ही देखते शहर के सभी फायर स्टेशनों से सायरन बजाते दमकल वाहन भुवाणा की ओर दौड़ते दिखाई दिए। रात करीब आठ बजे जब तक दमकल मौके पर पहुंची आग विकराल रूप ले चुकी थी। सूचना पर सुखेर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने सबसे पहले भवन के ऊपरी तल पर रहने वाले परिवारों को सुरक्षित नीचे उतारा। इधर, तब तक अग्निशमन बेड़े ने अपना काम शुरू कर दिया। आग इतनी फैल चुकी थी कि एक के बाद एक दमकल खाली होती गई और पानी लेने के लिए वापस दौड़ती नजर आई। केमिकल में आग लगने से अग्निशमन कर्मियों को फोम का उपयोग करना पड़ा, तब जाकर करीब एक घंटे में िस्थति नियंत्रण में आई। इधर, आस-पास के टैंकर सप्ताई करने वाले भी अपने टैंकर लेकर आग बुझाने में सहयोग करने पहुंच गए। अग्निशमन अधिकारी शिवराम मीणा के अनुसार शहर के सुंदरवास, सुखेर, अशोक नगर और मीरा कला मन्दिर फायर स्टेशन की दमकलें मौके पर पहुंची।

टीम ने किया सराहनीय काम

पूरे घटनाक्रम में अग्निशमन विभाग, पुलिस और होमगार्ड आदि ने शानदार टीम वर्क किया। शुरुआत में आग की लपटों को देखते हुए ऐसा लग रहा था, जैसे जान माल का काफी नुकसान हो सकता है। लेकिन जहां अग्निशमन कर्मियों ने सामूहिक रूप से बेहतरीन प्रयास कर महज एक घंटे में आग पर काबू पा लिया तो वहीं पुलिस ने भवन में रहने वाले परिवारों को सुरक्षित निकाला। वहीं बाहर लगी लोगों की भीड़ को भी संभाला। होमगार्ड ने भी पूरे ऑपरेशन में सहयोग किया। आग लगने के बाद स्थानीय लोगों ने भी आग बुझाने में मदद की। वहीं आपातकालीन हालात की आशंका को देखते हुए एम्बुलेंस भी मौके पर पहुंच गई।

गोदाम में भरा था रेजिन केमिकल

सुखेर थाना अधिकारी हिमांशु सिंह ने बताया कि गोदाम में मार्बल घिसने के उपयोग में आना वाला रेजिन केमिकल पड़ा हुआ था। ऊपर 7-8 किराएदार रहते हैं। जिन्हें समय रहते नीचे उतारने के साथ ही वहां रखी गैस की टंकियों को भी उतारा गया। ताकि उनमें विस्फोट की िस्थति ना बने। इसके साथ ही मौके पर जमा भीड़ को नियंत्रित करने के साथ आग पर काबू पा लिया गया। भवन गणपत नागर का बताया गया है। थाना अधिकारी ने बताया कि गोदाम मालिक का अभी पता नहीं चल पाया है। जांच के बाद नियमानुसार मामला दर्ज किया जाएगा।

दो घंटे बंद रही बिजली

आग लगने के बाद भुवाणा व चित्रकूट नगर इलाके में करीब दो घंटे तक बिजली बंद रही। आग लगने के कुछ ही देर बाद ऐहतियात के तौर पर बिजली बंद कर दी गई। जो काफी समय बाद चालू हुई। इस दौरान लोग विद्युत निगम के फॉल्ट कम्पलेंट सेंटर पर फोन घनघनाते रहे।

सलूम्बर. सड़क सुरक्षा अभियान के दूसरे दिन शुक्रवार को जिला परिवहन अधिकारी सुरेंद्र सिंह गुलिया के नेतृत्व में दुपहिया और चार पहिया वाहन चालकों से हेलमेट एवं सीट बेल्ट लगाने की अपील की गई।

परिवहन अधिकारी सुरेंद्र सिंह गुलिया ने बताया कि बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने, दुर्घटनाओं से होने वाली जन-धन की क्षति को कम करने, आम जनता में यातायात नियमाें के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए जिला प्रशासन, परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग तथा पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त विशेष सड़क सुरक्षा अभियान जिले में चलाया जा रहा है। सडक सुरक्षा जन जागृति के लिए सप्ताह भर महाअभियान के तहत गुरुवार को जिला कलक्टर जसमीत सिंह संधू के निर्देशन में बस स्टैण्ड पर सडक सुरक्षा जनजागरूकता कार्यक्रम रोको-टोको जागो का आयोजन किया गया था।
इस कार्यक्रम में दुपहिया वाहन चालकों को हेलमेट की उपयोगिता के बारे में जागरूक किया गया। साथ ही कई दुपहिया वाहन चालकों को मौके पर ही हेलमेट पहनाकर नियमित रूप से हेलमेट लगाकर ही दुपहिया वाहन चलाने का संकल्प दिलाया गया।

कुराबड़. (उदयपुर). जिले के कुराबड- बंबोरा मार्ग पर गुडली भादवी आंबा के विकेट मोड में शुक्रवार रात पत्थरों से भरकर आ रहा ट्रेलर दुकान के बाहर खड़ी कार और मोटरसाइकिल को चपेट में लेते हुए दीवार से जा टकराया और पलट गया। दबने से एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई जबकि तीन अन्य घायल हो गए, जिन्हें काफी मशक्कत के बाद बाहर निकलते हुए अस्पताल पहुंचाया गया। घटना की सूचना पर मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंच गए। आक्रोशित ग्रामीणों ने मार्ग जाम कर दिया। सूचना पर कुराबड थाना पुलिस मौके पर पहुंची तथा देर रात तक ग्रामीणों को समझाने की कोशिश करती रही।

बंबोरा की ओर से पत्थरों से भरा ट्रेलर उदयपुर की ओर जा रहा था। रात करीब 8 बजे गुडली भादवी आंबा के निकट ट्रेलर दुकान के बाहर खड़ी करीब 10 से 15 मोटरसाइकिल व एक कार को चपेट में लेते हुए दुकान से जा टकराया तथा समीप की दीवार को तोड़ते हुए पलट गया। ट्रेलर के नीचे दबने से मोटरसाइकिल और कार चकनाचूर हो गए। इस दौरान गुडली निवासी लालू राम (30) पुत्र डुंगा मीणा , लोगर मीणा और अन्य साथी भी चपेट में आ गए। हादसे के बाद जेसीबी मशीन मंगवा कर ट्रेलर के नीचे दबे वाहनों और लोगों को निकालने का रेस्क्यू शुरू किया। लालू राम की मौके पर ही मौत हो गई] जबकि अन्य घायलों को वहां से कुराबड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उदयपुर रेफर किया गया। ट्रेलर ने इस दौरान बिजली के खंभे को भी तोड़ दिया, जिसमें करंट प्रवाहित होने लगा। बाद में लाइन बंद करवाई गई।

गुस्साए ग्रामीणों ने किया रोड जाम:

हादसे के बाद में गुडली गांव सहित आसपास से सैकड़ों ग्रामीण मौके पर जमा हो गए। घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए क्षेत्र से गुजरने वाले पत्थरों से भरे डंपर ट्रेलर को रोकने की मांग करते हुए पीड़ित को मुआवजे की मांग करने लगे। सूचना पर कुराबड़ थाना अधिकारी मय जाप्ता मौके पर पहुंचे और समझाइश करने लेकिन लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे।

तीन दिन में तीन हादसे

क्षेत्र में पिछले तीन दिन में तीन हादसे हो चुके हैं और तीनों ही हादसे पत्थरों से बड़े डंपर ट्रेलर बिजली के पोल से टकराते हुए दीवारों से जा टकराया है, तीनों ही घटना में बिजली के पोल टूटे, दो हादसों में तो जान माल की हानि नहीं हुई, लेकिन तीसरे हादसे में जनहानि होने से ग्रामीणों सहित क्षेत्र वीसियों में भारी आक्रोश है।

पहला हादसा मंगलवार रात को कुराबड जगत रोड पर वली गांव में हुआ। जहां बिजली के पांच पोल तोड़ते हुए डंपर दीवार से जा टकराया। दूसरा हादसा गुरुवार को करमाल मायदा के निकट हुआ जहा डंपर ने तीन बिजली के पोल को तोड़ दिए, जिससे बिजली लाइन के तार दो पहिया सवार दंपति पर गिरे लेकिन बच गए। और तीसरा हादसा गुडली में हुआ।

बीसी भरने एकत्र हुए थे ग्रामीण

गुडली भादवि अंबा के यहां प्रत्येक माह की 15 तारीख को ग्रामीणों की बीसी चलती है, जहां एक दुकान पर सभी ग्रामीण एकत्रित होकर बीसी भरते हैं। इसीलिए देर रात कई ग्रामीण दुर्धरा से बाइक लेकर यहां बीसी भरने पहुंचे थे और हादसा हो गया।

Top 10 Holi Destination: रंगों के त्योहार होली पर 25 मार्च को देश भर में जश्न मनाया जाएगा। यूं तो पूरे देश में इस त्योहार की रौनक देखने को मिलती है, लेकिन भारत की कुछ ऐसी जगह भी हैं, जहां अनूठे तरीके के साथ इस पर्व को मनाया जाता है। इन शहरों में होली का नजारा भी कुछ अलग होता है। ऐसे में इन स्थानों पर जाकर होली मनाने का क्रेज अब बढ़ने लगा है। लोग इन मशहूर स्थानों की होली देखना और खेलना चाहते हैं। ऐसे में ट्रेवल एंड लीजर की ओर से टॉप 10 होली डेस्टिनेशंस की सूची जारी की गई है, जो इस होली पर सबसे ज्यादा ट्रेंडिंग हैं।
उदयपुर व जयपुर में मनाएं होली

देश के टॉप होली डेस्टिनेशंस में राजस्थान का उदयपुर और जयपुर शहर शामिल है। दरअसल, उदयपुर के पुराने शहर में होली पर भव्य उत्सव होता है। जगदीश चौक पर होलिका दहन होता है और गणगौर घाट पर भी आयोजन होते हैं। वहीं, सिटी पैलेस में भी पारंपरिक तरीके से होलिका दहन होता है। अगले दिन रंग खेलने के लिए बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक शामिल होते हैं। इस दौरान लोक गीतों, ढोल, ढोलक व डीजे पर लोग जमकर थिरकते हैं। इसी तरह जयपुर में भी होली का विशेष आकर्षण होता है। इससे पहले ऑनलाइन ट्रैवल पोर्टल ट्रैवल ट्राइंगल ने भी सूची जारी की थी, जिसमें भी उदयपुर टॉप डेस्टिनेशंस में से एक था।
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देश के टॉप 10 होली डेस्टिनेशंस -
1. मथुरा, उत्तर प्रदेश
2. वृंदावन , उत्तर प्रदेश
3. बरसाना, उत्तर प्रदेश
4. शांतिनिकेतन, पश्चिम बंगाल
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5. पुरुलिया, पश्चिम बंगाल
6. उदयपुर, राजस्थान
7. हम्पी, कर्नाटक
8. पुरी, ओडिशा
9. आनंदपुर साहिब, पंजाब
10. जयपुर, राजस्थान

Udaipur Airport : उदयपुर एयरपोर्ट के विस्तार को लेकर महाराणा प्रताप एयरपोर्ट की एडवाइजरी कमेटी की बैठक हुई। बैठक के अध्यक्ष सीपी जोशी ने बताया कि उदयपुर का यह एयरपोर्ट राजस्थान का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। महाराणा प्रताप एयरपोर्ट चार गुणा बड़ा करने की तैयारियां चल रही हैं। कमेटी के चेयरमैन और चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने कहा कि करीब दस साल से मैं इस कमेटी का चेयरमैन हूं और विकास के लिए कटिबद्ध हूं। अब राज्य सरकार ने भी इसके लिए कदम आगे बढ़ाया है। ऐसे में एयरपोर्ट का नवीनिकरण जल्द से जल्द करने की तैयारी है।

 

Biggest Airport Of Rajasthan : चेयरमैन सीपी जोशी के मुताबिक, एयरपोर्ट के नवीनिकरण के लिए सीएम भजनलाल शर्मा ने स्टेट का पार्ट लगभग 85 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि भूमि अवाप्ति के लिए जारी कर दी है। आगे चलकर महाराणा प्रताप उदयपुर एयरपोर्ट आज के मुकाबले चार गुना बड़ा एयरपोर्ट होगा। बैठक के दौरान इसके विकास में आ रही अड़चनों पर डायरेक्टर योगेश नगाईच ने प्रकाश डाला। कमेटी चेयरमैन सीपी जोशी ने आश्वस्त किया कि आ रही सभी अड़चनों का जल्द निदान किया जाएगा, ताकि मेवाड़ क्षेत्र का यह एयरपोर्ट अंतरर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करते हुए जल्द से जल्द विकसित हो पाए। कमेटी के बैठक में वल्लभनगर विधायक उदयलाल डांगी, डिप्टी मेयर पारस सिंघवी, जिला कलेक्टर अरविन्द कुमार पोसवाल, एसपी योगेश गोयल उपस्थित थे।

 

 

ग्राहक संतुष्टि सर्वे में हासिल है दूसरा स्थान

 

Dabok Airport : लोकसिटी का महाराणा प्रताप एयरपोर्ट ग्राहक संतुष्टि के मामले में देश का दूसरा टॉप एयरपोर्ट बन गया है। दरअसल, भारतीय विमानपतन प्राधिकरण की ओर से निर्धारित सर्विस क्वालिटी मापदंडों को ध्यान में रखकर साल में दो बार ग्राहक संतुष्टि सर्वे कराया जाता है। इसमें जुलाई से दिसंबर 2023 के सर्वे में उदयपुर एयरपोर्ट ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इससे पहले जनवरी से जून 2023, के सर्वे में भी उदयपुर एयरपोर्ट 4.97 अंक के साथ पहले स्थान पर रहा।

 

 

 

देशभर में सर्वे, मिले 4.99 अंक

 

एयरपोर्ट अथॉरिटी ने देशभर के कुल 56 एयरपोर्ट का सर्वे कराया था। इसमें ग्राहक संतुष्टि सूचकांक के आधार पर उदयपुर एयरपोर्ट को 4.99 अंक मिले। वहीं, इस यूची में पहला स्थान भोपाल का रहा, जिसे 5.00 अंक प्राप्त हुए, भोपाल जनवरी से जून और जुलाई से दिसंबर 2023 के दोनों राउंड के आधार पर प्रथम रहा है।

 

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दुनिया के बेहतरीन और खूबसूरत शहरों में गिनी जाने वाली लेकसिटी का महाराणा प्रताप एयरपोर्ट ग्राहक संतुष्टि के मामले में देश का दूसरा टॉप एयरपोर्ट बन गया है। दरअसल, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की ओर से निर्धारित सर्विस क्वालिटी मापदंडों को ध्यान में रखकर साल में दो बार ग्राहक संतुष्टि सर्वे कराया जाता है। इसमें जुलाई से दिसंबर, 2023 के सर्वे में उदयपुर एयरपोर्ट ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इससे पहले जनवरी से जून, 2023 के सर्वे में भी उदयपुर एयरपोर्ट 4.97 अंक के साथ दूसरे स्थान पर रहा। ऐसे में दोनों राउंड के आधार पर उदयपुर एयरपोर्ट दूसरे नंबर पर रहा है।

उदयपुर को मिले 4.99 अंक

एयरपोर्ट अथॉरिटी ने देशभर के कुल 56 एयरपोर्ट का सर्वे कराया था। इसमें ग्राहक संतुष्टि सूचकांक (कस्टमर सेटिस्फेक्शन सर्वे) के आधार पर उदयपुर एयरपोर्ट को 4.99 अंक मिले। वहीं, इस सूची में पहला स्थान भोपाल का रहा, जिसे 5.00 अंक प्राप्त हुए, भोपाल जनवरी से जून और जुलाई से दिसंबर 2023 के दोनों राउंड के आधार पर प्रथम रहा है। सर्वे में दूसरे राउंड में दूसरे स्थान पर उदयपुर के साथ जम्मू, गोरखपुर व देहरादून भी रहे।

इस आधार पर होती है रैंकिंग

एयरपोर्ट पर पार्किंग की सुविधाएं, कर्मचारियों का व्यवहार, स्वच्छता, खाने की सुविधा, उड़ान की सूचना स्क्रीन, बैगेज डिलीवरी स्पीड, चेक इन स्टाफ की दक्षता, बैंक, एटीएम व रेस्तरां की सुविधाएं जैसे बिंदुओं को इसमें शामिल किया गया है।

जुलाई से दिसंबर 2023 की रैंकिंग में टॉप 10 एयरपोर्ट -

स्थान- एयरपोर्ट- अंक

1. भोपाल – 5.00

2. उदयपुर, जम्मू, गोरखपुर, देहरादून– 4.99

3. राजामुंद्रि – 4.98

4. लेह, बेलगाम, दरभंगा– 4.97

5. हुबली, मदुरै – 4.95

6. रांची – 4.93

7. जबलपुर, विजयवाड़ा– 4.92

8. बरेली– 4.91

9. कानपुर, ग्वालियर- 4.90

10. प्रयागराज- 4.89

महाराणा प्रताप एयरपोर्ट पर अब बोइंग 777 विमान भी उतारे जा सकेंगे। इसके लिए रन-वे पूरी तरह तैयार है। वहीं, रात्रिकालीन सेवाओं के लिए भी उदयपुर एयरपोर्ट की भविष्य में खुले रहने की संभावना है। वर्तमान में उदयपुर हवाई अड्डे पर सुबह 6 से रात 8 बजे तक ही सेवाएं रहती हैं। यहां नाइट लैंडिंग की व्यवस्था है। ऐसे में एयरपोर्ट प्रशासन इसके वॉच आवर्स बढ़ाने के प्रयास कर रहा है। इससे रात में भी उदयपुर एयरपोर्ट खुल सकेगा और यहां यात्रियों को भी सुविधाएं मिल सकेंगी। ये उपलिब्धयां उदयपुर एयरपोर्ट की सलाहकार समिति की बैठक में उदयपुर एयरपोर्ट निदेशक योगेश नगाइच ने रखी । उदयपुर हवाई अड्डा सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन शुक्रवार को समिति के अध्यक्ष व सांसद सीपी जोशी की अध्यक्षता में किया गया।

बैठक में जोशी ने जानकारी दी कि एयरपोर्ट के विस्तार के बाद उसका स्वरूप अब से चार गुणा बड़ा हो जाएगा। इसके बाद यह एयरपोर्ट राजस्थान का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। वहीं, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने लगभग 85 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि भूमि अवाप्ति के लिए जारी कर दी है। ऐसे में एयरपोर्ट पूरी तरह बदल जाएगा। बैठक में यात्री सुविधा में बढ़ोतरी एवं विकास संबंधी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई । हवाई अड्डा विकास में आ रही अडचनों संबंधी मुद्दों पर एयरपोर्ट निदेशक योगेश नगाइच ने जानकारी दी। इस पर सीपी जोशी ने कहा कि हवाई अड्डे के विकास के संबंध में आ रही सभी अडचनों का निदान किया जाएगा, ताकि मेवाड़ क्षेत्र का यह महत्वपूर्ण हवाई अड्डा अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करते हुए अपनी समयावधि में विकसित हो कर क्षेत्र के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करे। इस अवसर पर समिति के अन्य सदस्य वल्लभनगर विधायक उदयलाल डांगी, उपमहापौर पारस सिंघवी, जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल, पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल, एयरपोर्ट निदेशक योगेश नगाइच, एयरपोर्ट के महाप्रबंधक (अभि.-परियोजना) राजीव कुमार गुप्ता व अन्य विशिष्ठ गणमान्य उपस्थित थे।

विस्तारा की बेंगलूरू के लिए शुरू होगी फ्लाइट

विस्तारा एयरलाइंस उदयपुर में अपनी सेवाओं का विस्तार कर रहा है। इसके तहत 1 अप्रेल से बेंगलूरू के लिए फ्लाइट शुरू की जाएगी। पर्यटन व्यवसायी अशोक जोशी ने बताया कि अब उदयपुर एयरपोर्ट से बेंगलूरू जाने वाली 2 फ्लाइट्स हो जाएगी। इंडिगो की एक फ्लाइट बेंगलूरू की चल रही है। दूसरी फ्लाइट शुरू होने से यात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी। वर्तमान में विस्तारा एयरलाइंस की 2 फ्लाइट्स दिल्ली व मुुंबई के लिए हैं। बेंगलूरू की फ्लाइट सुबह 11 बजे रवाना होगी और 1.20 बजे उदयपुर पहुंचेगी। वहीं, उदयपुर से यह दोपहर 1.55 बजे रवाना होकर शाम 4.15 बजे बेंगलूरू पहुुंचेगी।

Railways New Update : रेलवे का नया अपडेट। अजमेर मंडल के उदयपुर-मावली रेलखंड के मध्य स्थित भीमल यार्ड पर तकनीकी कार्य के कारण ब्लॉक लिया जा रहा है। इसके कारण 16 और 17 मार्च को रेल यातायात प्रभावित रहेगा। उत्तर-पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार उक्त कार्य के कारण गाड़ी संख्या 09613, उदयपुर-बडी सादड़ी रेलसेवा और गाड़ी संख्या 09614, बड़ी सादड़ी-उदयपुर रेलसेवा 17 मार्च को रद्द रहेगी। इसी प्रकार गाड़ी संख्या 09602, चित्तौडगढ़-उदयपुर सिटी रेलसेवा 17 मार्च को चित्तौडगढ़ से प्रस्थान करेगी व मावली तक ही संचालित होगी। वहीं गाड़ी संख्या 19606, उदयपुर सिटी-मदार रेलसेवा 17 मार्च को उदयपुर सिटी के स्थान पर मावली से संचालित होगी। गाड़ी संख्या 05835, मंदसौर-उदयपुर सिटी रेलसेवा 17 मार्च को मंदसौर से प्रस्थान करेगी व मावली तक संचालित होगी। गाड़ी संख्या 05836, उदयपुर सिटी-मंदसौर रेलसेवा 17 मार्च को उदयपुर सिटी के स्थान पर मावली से संचालित होगी। ये सभी रेलसेवाएं उदयपुर से मावली के बीच रद्द रहेंगी।

जयपुर-उदयपुर एक्सप्रेस रेलसेवा किया गया रिशिड्यूल



इसी प्रकार गाड़ी संख्या 22901, बान्द्रा टर्मिनस-उदयपुर रेलसेवा 16 मार्च को बान्द्रा टर्मिनस से प्रस्थान करेगी व मार्ग में मावली स्टेशन पर 1.21 घंटे रेगुलेट रहेगी। इधर, गाड़ी संख्या 09721, जयपुर-उदयपुर एक्सप्रेस रेलसेवा को रिशिड्यूल किया गया है। यह रेलसेवा 17 मार्च को जयपुर से अपने निर्धारित समय से 3 घंटे देरी से प्रस्थान करेगी।

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National Vaccination Day: आपके घर में बच्चे हैं तो आपको यह जानना जरुरी है कि जन्म से लेकर किशोरावस्था तक 10 तरह के टीके लगते हैं। ये टीके हमारे बच्चों को हेपेटाइटस-बी, पोलियो, बीसीजी, रोट वायरस, खसरा जैसी गंभीर बीमारियों से बचाकर रखते हैं। कोराना काल में तो ज्यादात्तर लोगों ने वैक्सीन लगवाई है। यह बात इसलिए की जा रही है, क्योंकि आज राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस है। यह दिन हमें जागरूक करता है कि हम समय पर टीकाकरण करवाएं।

वर्तमान परिप्रेक्ष्य में हमारे आसपास मौजूद वायरस और बैक्टीरिया के कारण हमेशा बीमारियों का खतरा बना रहता है। ऐसे में वैक्सीनेशन हमें बीमारियों से बचाने में मदद करती है। लोगों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक करने के लिए हर वर्ष 16 मार्च को नेशनल वैक्सीनेशन डे मनाया जाता है। इसे इम्यूनाइजेशन डे भी कह सकते हैं। टीकाकरण के मामले में उदयपुर की स्थिति देखें तो प्रदेश में तीसरे पायदान पर है। कई नवगठित जिले भी टॉप-10 में जगह बनाए हुए है, जबकि राजधानी सहित कई बड़े जिले अंतिम दस की सूची में है।
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शुरुआत बच्चों से, लेकिन जरुरी सबके लिए
वैक्सीन कई खतरनाक और गंभीर बीमारियों को रोकने का एक प्रभावी माध्यम है। टीकाकरण बच्चों से लेकर बड़ों तक, सभी के लिए महत्वपूर्ण है। भले ही आज के दिन की शुरुआत बच्चों की वैक्सीन के साथ हुई हो, लेकिन हर उम्र के लोगों को इसका महत्व समझना जरूरी है। लोगों को इसका महत्व समझाने और जागरूक करने के लिए नेशनल वैक्सीनेशन डे मनाया जाता है।

इसलिए मनाया जाता है यह दिवस
हर साल 16 मार्च को नेशनल वैक्सीनेशन डे मनाया जाता है। वर्ष 1995 में 16 मार्च को देश में ओरल पोलियो वैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी। इसी दिन देश को पोलियो मुक्त बनाने के लिए अभियान शुरू किया गया था। अभियान के तहत 0 से 5 साल की उम्र के सभी बच्चों को पोलियो के खिलाफ 'दो बूंद जिंदगी की' दी गई थी। वर्ष 2014 में देश को पोलियो मुक्त देश घोषित किया गया था।
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आज के दिन के तीन महत्व
● संक्रामक रोगों से सुरक्षा
● सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार
● बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा

आंकड़ों में स्थिति
16.12 लाख के टीकाकरण का वार्षिक लक्ष्य प्रदेश में
13 लाख का टीकाकरण किया जा सका सालभर में
5000 टीकाकरण का अधिक लक्ष्य पिछले साल से
87.98 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया जा सका

टॉप-10 जिले
जिला -- वार्षिक लक्ष्य -- रेंक
ब्यावर -- 23249 -- 1
सलूम्बर -- 13750 -- 2
उदयपुर -- 60170 -- 3
बांसवाड़ा -- 49342 -- 4
खेरतल तिजारा -- 24116 -- 5
पाली -- 34471 -- 6
भीलवाड़ा -- 37223 -- 7
जालोर -- 26559 -- 8
बीकानेर -- 56211 -- 9
राजसमंद -- 26485 -- 10

अंतिम 10 जिले
जिला वार्षिक -- लक्ष्य -- रेंक
हनुमानगढ़ -- 36153 -- 39
जयपुर (1) -- 72812 -- 40
भरतपुर -- 38202 -- 41
अनूपगढ़ -- 15508 -- 42
चूरू -- 49364 -- 43
सीकर -- 42920 -- 44
डीडवाना -- 37182 -- 45
गंगानगर -- 26325 -- 46
कोटपूतली -- 28776 -- 47
झुंझुनूं -- 34762 -- 48

उदयपुर. बीते दो दशक से रीते पड़े मावली क्षेत्र के बागोलिया बांध को भरने का रास्ता साफ हो गया है। उदयसागर का पानी डायवर्ट करके बागोलिया बांध को भरा जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद कलक्टर ने डीएमएफटी से 190 करोड़ की डीपीआर स्वीकृत की है।

मावली क्षेत्र के लोगों की पेयजल व सिंचाई के पानी को लेकर बरसों से चली आ रही समस्या का अब जल्द ही समाधान होने की राह आसान हो गई है। कलक्टर अरविंद पोसवाल ने डीएमएफटी के तहत बांध में उदयसागर का पानी डायवर्ट करने की जल संसाधन विभाग की ओर से तैयार 190 करोड़ की डीपीआर को स्वीकृति प्रदान की। सालों से बागोलिया बांध को भरने को लेकर मांग की जा रही है। इसेे लेकर जनप्रतिनिधियों के साथ क्षेत्रवासियों ने भी प्रयास किए। लेकिन, नतीजे तक नहीं पहुंचे। मावली विधानसभा क्षेत्र का यह मुख्य मुद्दा विधानसभा में भी कई बार उठा। बागोलिया बांध का फीडर उदयसागर की बायीं मुख्य नहर से निकलेगी। पानी की आवक होने के बाद 17 गांवों के लोगों को राहत मिलेगी।

नहर से जाएगा 180 एमसीएफटी पानी
गत दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मावली में आगमन पर बागोलिया की मांग प्रमुखता से रखी गई। इस पर मुख्यमंत्री ने कलक्टर को रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे। कलक्टर ने जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली। इसको लेकर बैठक में 180 एमसीएफटी पानी उदयसागर से नहर द्वारा बागोलिया बांध में डायवर्ट करने पर सहमति बनी।

क्षेत्र का सबसे बड़ा बांध
बडियार ग्राम पंचायत में मावली-नाथद्वारा हाइवे पर स्थित बागोलिया बांध सन 1956 में बना था। बांध मावली से 6 किमी दूर है, जिससे पूरे क्षेत्र में पेयजल एवं सिंचाई का लाभ मिलेगा। यह तहसील क्षेत्र का सबसे बड़ा बांध है, जो 18 साल से खाली है। वर्ष 2006 में अच्छी बारिश होने पर अंतिम बार लबालब हुआ था। इसकी भराव क्षमता साढ़े 21 फीट है।

पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
मावली के बागोलिया बांध को भरने के लिए क्षेत्रवासी लंबे समय से मांग कर रहे थे। राजस्थान पत्रिका ने समय-समय पर समाचार प्रकाशित कर क्षेत्रवासियों की मांग को प्रमुखता से उठाया था। साथ ही अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का इस ओर ध्यानाकर्षण किया था। आखिर प्रशासन और सरकार ने इसे गंभीरता से लिया।

बागोलिया बांध : एक नजर

  • 686 एमसीएफटी बागोलिया बांध की कुल भराव क्षमता
  • 1956 में इस बांध का निर्माण किया गया
  • 2006 में अंतिम बार फुल भरा था, इससे पहले दो बार भर चुका
  • 3676 हैक्टेयर मावली क्षेत्र के 17 गांवों का सिंचित क्षेत्र
  • 30.6 किमी बागोलिया फीडर की लम्बाई

पूरणमल साहू/सिन्दु. आज के दौर में कृषि में किसान नित नए नवाचार के माध्यम से फसल में अधिक उपज के प्रयास में किसान रासायनिक उर्वरकों का सहारा ले रहे है, वहीं तहसील के एक प्रगतिशील किसान पिछले 10 वर्षों से जैविक खाद का प्रयोग कर रासायनिक उर्वरक के मुकाबले अधिक मुनाफा कमा रहे है।

बात कर रहे है सिन्दु के खाणना मगरी निवासी प्रगतिशील किसान मांगीलाल डांगी की। किसान ने जैविक खाद निर्माण को लेकर अपने खेत में खाद का प्लांट बनाया है। जिसके माध्यम से वह विगत 10 वर्षों से जैविक खाद का उत्पादन कर अपने ही खेत में इसका उपयोग कर रहा है। जिससे उसे रासायनिक उर्वरक के मुकाबले अधिक उपज भी मिल रही है।

भूमि की बढ़ी उर्वरक क्षमता व उत्पादन

किसान मांगीलाल ने बताया कि उसने अपने खेत में वर्मी कम्पोस्ट खाद का प्लांट तैयार किया। वहीं से वह खाद को तैयार करता है। जिसके उपयोग से जहां खेत की भूमि की उर्वरता क्षमता बढ़ रही है और फसल उत्पादन में भी बढ़ोतरी हुई है। पूर्व में यूरिया या अन्य रासायनिक खाद से उसे करीबन 8 से 10 ङ्क्षक्वटल गेहूं की उपज हो रही थी। लेकिन जैविक खाद के उपयोग के बाद से उसे 10 से 12 ङ्क्षक्वटल गेहूं की पैदावार हुई। वहीं गेहूं की फसल में आने वाली बालियों में फर्क नजर आया। इसके बाद से उसने इसे ही अपनाते हुए जैविक तरीके से खेती करना शुरू किया।

इस तरह करें खाद का प्रयोग

किसान मांगीलाल ने बताया कि जब गेहूं की बुवाई करते हैं तब गेहूं के साथ जैविक खाद भी साथ में डालना चाहिए। करीब 21 दिन बाद कोर पान (पहली बार पिलाई) से पहले जैविक खाद का उपयोग कर पिलाई करें। बता दें, डीएपी खाद की तुलना में जैविक खाद की कीमतों में कमी रहती है। इसे लेकर वह क्षेत्र के आमजन को भी प्रेरित कर रहे है तथा वर्मी कम्पोस्ट बनाना सीखा रहे है। वहीं कई किसानों ने भी जैविक खेती को किसान मांगीलाल से प्रेरित होकर अपनाया।

ऐसे तैयार कर रहे जैविक खाद
किसान ने बताया कि पहले एक 10 फीट लंबा, 1 फीट चौड़ा व 4 फीट ऊंचा बेढ तैयार किया जाता है। जिसके अंदर कूड़ा, करकट, गोबर, पेड़ों की पत्तियां व पानी छिड़का जाता है। उसे ठंडा करने के बाद गड्ढे में केंचुए डाले जाते है। जो कूड़ा, करकट, गोबर व पेड़ों की पत्तियों को खाते है। जिसके बाद केंचुए के मल से जैविक खाद तैयार होता है।

यह है फायदे

  • भूमि की उर्वरता बढ़ती है
  • अनाज की उत्पादन क्षमता क्षमता बढ़ती है
  • भविष्य में भूमि के बंजर होने की संभावना कम
  • रासायनिक उर्वरक की अपेक्षा जैविक खाद सस्ता
  • फसल में पानी की आवश्यकता कम होती है

उदयपुर. झल्लारा. . कार सवार तस्कर शुक्रवार रात झल्लारा थाना क्षेत्र में बेरिकेड्स तोडकऱ भाग निकले। पुलिस ने फायर करते हुए तस्करों को पीछा भी किया लेकिन वे भागने में सफल रहे। तडक़े तक पुलिस ने नाकाबंदी के साथ ही कई स्थानों पर धरपकड़ की लेकिन सफलता नहीं मिली।

झल्लारा थाने के सामने रात करीब 11.30 बजे एक बिना नम्बर की कार आसपुर की तरफ से आई। थानाधिकारी धर्मेन्द्र सिंह वाघेला, नयनपाल सिंह, राहुल मीणा तथा कैलाश पाटीदार की टीम ने रुकवाने का प्रयास किया तो चालक तेज गति से कार भगा ले गया। पुलिस ने पीछा किया तो चालक कार को पांच किलोमीटर दूर खोलड़ी टोल नाके तक ले गया। वहां आगे ट्रक होने से कार चालक आगे नहीं जा सका। पीछे पुलिस जीप को देख तस्कर कार को यू टर्न कर वापस झल्लारा की तरफ भाग निकले। थानाधिकारी ने सूझबूझ से तस्कर की कार के टायर पर फायर भी किया लेकिन फिर भी वे भाग निकले। थानाधिकारी वाघेला ने तुरंत थाने व कंट्रोल रूम सूचना देकर नाकाबंदी करवाई। एक जगह वह नाकाबंदी तोडकऱ धरियावद की तरफ भाग गए । इधर, सूचना पर पुलिस उपाधीक्षक हितेश मेहता भी पहुंचे।

थानाधिकारी सहित जाप्ते ने करीब 40 किमी तक तस्करों का पीछा किया। रास्तेभर में तस्करों ने खूब छकाया। डीवाइएसपी ने अन्य थानाक्षेत्रों को सूचना देकर नाकाबंदी करवाई। धरियावद थानाधिकारी कपिल पाटीदार, केसरियाजी थाने सहित करीब पांच थानों में नाकाबंदी करवाई लेकिन तस्कर भागने में कामयाब रहे। पुलिस की टीमों ने तडक़े चार बजे तक आसपास के जंगल, संकरे रास्ते आदि जगह पर तलाश की लेकिन आरोपियों को पता नहीं चला।

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इनका कहना

एक सफेद रंग की काले शीशे लगे कार थी, जिसे रुकवाने का प्रयास किया लेकिन वे भाग गए। आरोपी पुलिस जीप को टक् कर मार कर भाग निकले। हमारे जवानों ने रात भर पीछा भी किया। अन्य थानों में नाकाबंदी भी करवाई लेकिन वे भागने में कामयाब रहे।

हितेश मेहता, पुलिस उपाधीक्षक, सलूम्बर

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