लोकसभा चुनाव की हलचलों में राजस्थान की नागौर लोकसभा इस वक्त की 'सुपर हॉट सीट' बनी हुई है। दो चिर-प्रतिद्वंदियों डॉ ज्योति मिर्धा और हनुमान बेनीवाल के तीसरी बार सीधे मुकाबले ने इस सीट पर सियासी गर्माहट को बढ़ाकर रखा हुआ है। डॉ ज्योति मिर्धा जहां इस बार भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान पर हैं, तो वहीं हनुमान बेनीवाल कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के साथ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी प्रत्याशी हैं।
हनुमान की शिकायत, कांग्रेस का एक्शन
नागौर सीट से लेटेस्ट अपडेट आई है। इसके मुताबिक़ कांग्रेस पार्टी ने नागौर जिला कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। ये वो तीन नेता हैं जिनकी कार्यशैली को लेकर प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल ने एक सार्वजनिक सभा में अपनी नाराज़गी जताई थी। बेनीवाल ने इन नेताओं के भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने की बात कही थी।
बेनीवाल की इस नाराज़गी के कुछ ही वक्त बाद कांग्रेस ने इस पर सख्त एक्शन लिया और तीन नेताओं को पार्टी की सदस्यता से अगले 6 साल के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया।
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इन नेताओं पर गिरी गाज
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की ओर से जारी एक आदेश के अनुसार नागौर जिला कांग्रेस कमेटी से तेजपाल मिर्धा, सुखाराम डोडवाडिया और भंवराराम सुबका को अगले 6 साल तक के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
मिर्धा परिवार से हैं तेजपाल
कांग्रेस पार्टी से निष्कासित तेजपाल मिर्धा, नागौर से लेकर राजस्थान की राजनीति में चर्चित मिर्धा परिवार से हैं। वे भाजपा प्रत्याशी डॉ ज्योति मिर्धा के चचेरे भाई भी हैं। इसके अलावा तेजपाल मिर्धा कुचेरा नगर पालिका से दूसरी बार अध्यक्ष पद पर काबिज हैं। कांग्रेस पार्टी ने उन्हें विधानसभा चुनाव 2023 में खींवसर सीट से टिकट थमाकर चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन वे चुनाव हार गए थे।
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कांग्रेस-आरएलपी गठबंधन बर्दाश्त नहीं : डोडवाडिया
कांग्रेस से निष्कासित सुखाराम डोडवाडिया ने इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया ज़ाहिर की है। पलटवार करते बयान में सुखाराम ने आरएलपी-कांग्रेस गठबंधन पर नाराज़गी ज़ाहिर की और कहा, 'ऐसी क्या मजबूरी थी कि कांग्रेस ने उस आदमी और पार्टी से गठबंधन किया, जिसने पंचायत समिति चुनाव से लेकर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को खूब नुकसान पहुँचाया और कांग्रेस के कितने ही नेताओं को साजिश और षड्यंत्र करके हराया।'
उन्होंने आगे कहा, 'इस पार्टी और इनके सुप्रीमो ने हमेशा कांग्रेस पार्टी और आदरणीय राहुल गांधी जी को टारगेट किया। हम ऐसे गठबंधन को कैसे स्वीकार करें जिसने कांग्रेस और कांग्रेस के आम कार्यकर्ता को हमेशा नीचा दिखाने का काम किया।'
डोडवाडिया ने कहा, 'भले ही कांग्रेस पार्टी ने आज मुझे बाहर कर दिया है, पर इसी कांग्रेस के लिए मैंने दिल से मेहनत की और पूरे देश में जहां आदेश दिया वहां तन-मन-धन-लगन से मेहनत की। कांग्रेस के निर्णय अब बोतल लेने लगी है और यह लोग कांग्रेस को खत्म कर देंगे। आज जो सुप्रीमो के कहने से पार्टी ने निर्णय लिया है उसको मैं और मेरा समाज हमेशा याद रखेगा।'