>>: Rajasthan Politics: जाटों को जो साधेगा वही होगा ‘सिकंदर’, जानें नागौर हॉट सीट की ग्राउंड रिपोर्ट

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आशीष जोशी : प्रदेश की हॉट सीटों में शुमार नागौर में गौर करने वाली बात यह है कि इस बार भी यहां पिछले लोकसभा चुनाव वाले चेहरे ही आमने-सामने हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि पिछली बार तक कांग्रेस से चुनाव लड़ती आईं ज्योति मिर्धा इस बार भाजपा के टिकट पर मैदान में है। वहीं, पिछले चुनाव में एनडीए गठबंधन में शामिल हनुमान बेनीवाल ने इस मर्तबा इंडिया गठबंधन से ताल ठोक रखी है। जो बातें पिछले चुनाव में ज्योति बोल रहीं थी वो इस बार हनुमान बोल रहे और हनुमान जो बोल रहे थे वो अब ज्योति बोल रहीं।

 

नागौर परम्परागत रूप से जाट राजनीति का प्रमुख गढ़ माना जाता है। इसलिए दोनों ही पार्टियां यहां जाट उम्मीदवार पर ही दांव खेलती आई है। इस बार भी दोनों प्रत्याशी जाट समुदाय से हैं। नागौर की नब्ज टटोलने बीकानेर से देशनोक और नोखा होते हुए सबसे पहले श्रीबालाजी धाम पहुंचा। यहां डेह गांव के रेखचंद और श्यामसुंदर बोले-कांटे की फाइट है। जो जाटों को साधने में आगे रहेगा, वही 'सिकंदर' बन जाएगा।

 

 

मिर्धा परिवार का रहा वर्चस्व


इस सीट पर मिर्धा परिवार का वर्चस्व रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और किसान नेता नाथूराम मिर्धा ने सर्वाधिक छह बार जीत दर्ज की। अब पिछले कुछ साल में युवाओं को साधकर हनुमान बेनीवाल ने किसान नेता के रूप में पहचान बनाई है। बेनीवाल इस बार कांग्रेस के 'परम्परागत' वोट बैंक को जोड़ने में जुटे हैं। इधर, भाजपा नेता एक ही राग अलाप रहीं हैं कि नागौर में पार्टी, उम्मीदवार पीएम मोदी और चुनाव चिह्न कमल है। संघ का भी पूरा फोकस है। पानी, बिजली, सड़क जैसे मुद्दों की बजाय राष्ट्रीयता और 'नेशन फर्स्ट' के मुद्दे पर वोटिंग का आग्रह कर रहे हैं।

 

 

 

किसानों का गढ़, समस्याएं कई


नागौर कृषि मंडी में कृषि मंडी व्यापार मंडल के अध्यक्ष मूलचंद भाटी मिले। बोले- कोरोनाकाल में शुरू हुआ कृषि कल्याण टैक्स अभी तक बंद नहीं किया। कृषि मंडी व्यापार मंडल के सचिव नितिन मित्तल ने कहा कि नागौर के नए औद्योगिक क्षेत्र में जीएसएस की आवश्यकता है। ट्रांसपोर्ट नगर चाहिए। आगे बढ़ा तो खींवसर के नेणाऊ में किसान भगाराम मिले। बोले- किसानों का हित करना है तो एमएसपी पर खरीद होनी चाहिए।

 

 

 

खामोशी पर कयासों के सुर


पूर्व मंत्री युनूस खान अभी 'साइलेंट' मोड पर हैं। वे खुलकर किसी के साथ नहीं दिख रहे। डीडवाना में भी यह खामोशी महसूस हुई। इससे उलट जायल में चुनावी माहौल थोड़ा जीवंत नजर आया। ग्रामीण रेवंत राम ने बताया कि दोनों पार्टियों के मूल लोग अंदरखाने क्या कर रहे हैं। उनकी निष्ठा पर ही इनकी जीत-हार टिकी है।

 

 

 

5 मुद्दों की हो रही बात

 

  • गांवों में पेयजल की समस्या।
  • डीडवाना-कुचामन रेल लाइन।
  • कृषि कानून और अग्निवीर योजना।
  • नागौरी मेथी को जीआई टेग।
  • किसानों को मिले उचित मूल्य।

 

 

पिछले चुनाव का गणित

 

मतदान: 62.15%

प्रत्याशी मत मिले वोट शेयर
हनुमान बेनीवाल 660051 54.86 %
डॉ. ज्योति मिर्धा 478791 39.8 %

 

 

 

आठ में से चार सीटें कांग्रेस के पास

 

इस संसदीय क्षेत्र में आठ विधानसभा सीटें आती हैं। नागौर, लाडनूं, परबतसर और मकराना कांग्रेस के पास है। वहीं नावां और जायल से भाजपा विधायक हैं। खींवसर से हनुमान बेनीवाल रालोपा से जीते तो डीडवाना में युनूस खान निर्दलीय विधायक हैं।

 

 

अग्निवीर और रेल लाइन भी मुद्दा


कुचामन सिटी सेना भर्ती कोचिंग का गढ़ रहा है। एक कोचिंग के बाहर युवा राधेश्याम चौधरी ने कहा, अग्निवीर योजना से यहां की सेना भर्ती कोचिंग बंद होने के कगार पर है। एडवोकेट मनीष शर्मा ने कहा डीडवाना-कुचामन रेललाइन बड़ा मुद्दा है।

 

 

 

दिलाओ जीआई टैग, मेथी को मिले पहचान


किसान रिद्धकरण कुड़ी ने कहा कि नागौर पशु मेले में बछड़ों पर रोक हटनी चाहिए। इससे मेले की रौनक ही खत्म हो गई है। नागौरी पान मेथी को जीआई टैग जल्दी मिले। इससे किसानों को उचित दाम और मैथी को असली पहचान हासिल होगी।

 

 

 

 

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