>>: श्रीगंगानगर फाटक पर 45 करोड़ का आरओबी नहीं 25 करोड़ का आरयूबी बनेगा

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श्रीगंगानगर फाटक पर 45 करोड़ का आरओबी नहीं 25 करोड़ का आरयूबी बनेगा
- स्टेट हाइवे के मापदंडों के अनुसार 5 बाय 5 मीटर डबल बॉक्स रखकर होगा निर्माण,
- रेलवे का नहीं होगा शेयर, राज्य सरकार करेगी निर्माण, वित्तीय स्वीकृति जारी

हनुमानगढ़. श्रीगंगानगर रेलवे फाटक पर प्रस्तावित आरओबी का निर्माण अब नहीं होगा। इसकी जगह पर आरयूबी का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यालय ने इसकी वित्तीय स्वीकृति भी जारी कर दी है। सूत्रों के अनुसार सोमवार तक स्थानीय पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों के पास इससे संबंधित पत्र आने की संभावना है। श्रीगंगानगर फाटक पर कई व्यापारी संगठन ने रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण करने पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद विधायक चौधरी विनोद कुमार ने सीएम को पत्र लिखकर श्रीगंगानगर फाटक पर आरओबी की जगह आरयूबी का निर्माण करने का आग्रह किया था। इस पत्र का हवाला देते हुए सीएमओ ने स्थानीय पीडब्ल्यूडी विभाग को पत्र भेज कर आरओबी का प्रस्ताव रद्द करते हुए आरयूबी निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे। अब आरयूबी का निर्माण राज्य सरकार की ओर से किया जाएगा। इस पर करीब 25 करोड़ की लागत आएगी। जिसकी वित्तीय स्वीकृति जारी हो चुकी है। इससे संबंधित पत्र मिलने के बाद कंसलटेंसी कंपनी से ड्राइंग तैयार करवाई जाएगी। इसके लिए निविदा जारी होगी। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने बजट के दौरान जंक्शन स्थित श्रीगंगानगर फाटक पर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कराने की घोषणा की थी। आरओबी निर्माण पर 45 करोड़ की लागत प्रस्तावित की गई। इसमें 20 करोड़ रुपए रेलवे की ओर से खर्च करने का प्रस्ताव था तो 25 करोड़ रुपए राज्य सरकार की ओर से खर्च किए जाने थे। अब राज्य सरकार की ओर से 25 करोड़ की लागत से इस फाटक पर रेलवे अंडरपास का निर्माण किया जा रहा है।

फाटक होगा बंद, एनओसी जारी
पहले तो जिला कलक्टर की ओर से आरओबी निर्माण के लिए श्रीगंगानगर फाटक को बंद करने के लिए एनओसी जारी की थी। अब एनओसी में संशोधन किया जा चुका है। इसमें आरओबी व आरयूबी दोनों का निर्माण होने पर फाटक को बंद करने की अनुशंसा करते हुए एनओसी जारी की जा चुकी है।

ऐसा होगा अंडरपास
श्रीगंगानगर फाटक पर अंडरपास का निर्माण स्टेट हाइवे के मापदंड़ों के अनुसार होगा। दोनों तरफ पांच बाय पांच मीटर के डबल बॉक्स होंगे। इस अंडरपास के जरिए बड़े ट्रोले आसानी से आ जा सकेंगे। व्यापार मण्डल धर्मशाला से अंडरपास का निर्माण शुरू होगा। दूसरी तरफ गंगमूल डेयरी से आने वाले वाहनों को यूटर्न होकर अंडरपास से आना होगा। वाहनों की आवाजाही के लिए दोनों तरफ सर्विस रोड का निर्माण किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार अंडरपास का निर्माण इसी वर्ष के अंत तक शुरू होगा। करीब 18 माह में निर्माण कार्य पूरा करने की अवधि होगी।
इसलिए बदला प्रस्ताव
आरओबी का निर्माण करने पर धानमंडी के गेट बंद होने की आशंका थी। इसके अलावा शिव मंदिर मार्ग पर निर्माण नगर परिषद की ओर से करीब चार करोड़ की लागत से किया गया है। आरओबी होने से इस मार्ग का औचित्य कम हो जाता। इसके अलावा दोनों तरफ के दुकानदारों को भी आर्थिक नुकसान होता। इन तमाम कारणों का हवाला देते हुए व्यापारी संगठन विधायक से मिले थे। जिसके बाद प्रस्ताव में फेरबदल किया गया।

नगर परिषद हटाएगी अतिक्रमण
अंडरपास के दोनों तरफ सर्विस रोड का निर्माण करने के लिए नगर परिषद अतिक्रमण हटाएगी। इसके अलावा नालों को शिफ्ट किया जाएगा और सौंदर्यीकरण के लिए विद्युत की व्यवस्था करेगी। सूत्रों के अनुसार इन कार्यों को कराने के लिए नगर परिषद सहमति पत्र भी सार्वजनिक निर्माण विभाग को भेज चुकी है।

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