>>: Digest for July 06, 2021

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जयपुर। देश में बढ़ती महंगाई के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मोदी सरकार की गलत नीतियों को जिम्मेदार बताया है। मुख्यमंत्री गहलोत ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले 7 साल में महंगाई को कम करने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया। इसके चलते आज इतनी महंगाई हो गई है कि आम आदमी को अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के कारण पहले ही सभी की आमदनी कम हुई है और बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की जेब खर्च का हिसाब बिगाड़ दिया है। यह दिखाता है कि केंद्र सरकार बुरी तरह असफल हुई है जिसके पास ना तो सही नीति है और ना ही साफ नियत है। पेट्रोल-डीजल रसोई गैस से लेकर रोजमर्रा के इस्तेमाल की सभी चीजें महंगी होती जा रही है।

गहलोत ने केंद्र सरकार के द्वारा जारी किए गए महंगाई के आंकड़ों पर बात करते हुए कहा कि अप्रैल में खुदरा महंगाई 4. 23 प्रतिशत पर थी जो मई में बढ़कर 6.30 प्रतिशत हो गई है। वही थोक महंगाई दर मई में बढ़कर रिकॉर्ड 12. 94 फ़ीसदी हो गई है इसी प्रकार मई में खाद्य महंगाई 1. 96 से बढ़कर 5.01 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई है। यह दिखाता है कि बाजार में आम आदमी के इस्तेमाल की वस्तुओं की कीमतें किस तेजी से बढ़ी है। 1 लीटर सरसों के तेल की कीमत 180 190 रुपए तक पहुंचना आम आदमी से भोजन छीनने जैसा है।


1 जुलाई को रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में हुई ₹25 की बढ़ोतरी पर गहलोत ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 14 महीने में रसोई गैस सिलेंडर के दाम ₹255 बढ़ा दिए हैं। गैस सब्सिडी पूरी तरह बंद हो गई है, इससे आमजन खाना पकाने के लिए सिलेंडर छोड़कर दोबारा कोयला और लकड़ी के इस्तेमाल को मजबूर हो रहे हैं।

यूपीए के समय ₹450 का सिलेंडर मोदी सरकार 838 वह बेच रही है। उज्जवला योजना में सिलेंडर पाने वाले परिवार सरकार को अपना सिलेंडर वापस देना चाहते हैं यह मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों का ही परिणाम है।

भाजपा का मिशन 'ग्रीन'

Sunday 04 July 2021 04:27 PM UTC+00

जयपुर। भाजपा जयपुर शहर की ओर से डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी स्मृति एवं जन्मदिवस पखवाडा कार्यक्रम के तहत रविवार को संगठन के तिलक नगर स्थित शहर कार्यालय पर पौधरोपण कार्यक्रम हुआ। इसमें भाजपा जयपुर शहर अध्यक्ष राघव शर्मा, महामंत्री कुलवंत सिंह, उपाध्यक्ष अजय पारीक एवं चन्द्रप्रकाश सैनी के साथ अन्य कार्यकर्ता शामिल हुए। इसके बाद 250 वार्डों यही सिलसिला चला। शहर अध्यक्ष ने बताया कि कार्यक्रम में सिंग्ल यूज प्लास्टिक एवं जलस्त्रोतों में स्वच्छता का कार्यक्रम जलमहल की पाल और आस-पास की बावड़ी पर किया गया। स्वच्छता अभियान, पौधारोपण के कार्य सम्पूर्ण जयपुर शहर में सघन रूप से किए जा रहे हैं। कार्यकर्ताओं की ओर से प्रत्येक बूथ पर 10 पौधे लगाने का अभियान है। प्रत्येक वार्ड एवं मंडल में भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं ने पौधों का पालनपोषण करने का संकल्प लिया।

पदाधिकारियों को सक्रिय रहने के निर्देश
भाजपा जयपुर शहर कार्यालय पर जयपुर शहर की विधानसभाओं के मंडलों की कार्यकारिणी मार्च मं घोषित की जा चुकी है। अध्यक्ष राघव शर्मा ने अब सभी पदाधिकारियों को जनहित कार्य में पूरी तरह सक्रियता के निर्देश दिए हैं।

जयपुर। पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की दरों में लगातार हो रही वृद्धि के खिलाफ 7 से 17 जुलाई तक होने वाले विरोध प्रदर्शन की तैयारियां प्रदेश कांग्रेस में तेज हो गई है। प्रदर्शनों को लेकर सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा की ओऱ से निर्देश दिए गए हैं। हालांकि प्रदर्शनों के दौरान कोविड प्रोटोकॉल की पालना करने को भी कहा गया है।

अग्रिम संगठनों को मिला अलग-अलग टास्क
वहीं दूसरी ओर पेट्रोल-डीजल की कीमतों के खिलाफ होने वाले प्रदर्शनों को लेकर कांग्रेस की हरावल बिग्रेड हो अलग-अलग टास्क दिया गया है। 7 जुलाई को जहां महिला कांग्रेस को विरोध प्रदर्शन का टास्क दिया गया है। सभी जिलों में महिला कांग्रेस थाली बजाकर और गैस सिलेंडरों के साथ विरोध प्रदर्शन करेंगी।

तो वहीं 8 जुलाई को एनएसयूआई, 9 जुलाई को सेवादल और 10 जुलाई को युवा कांग्रेस को विरोध प्रदर्शनों का टास्क दिया गया है। अग्रिम संगठन पेट्रोल पंपों के बाहर प्रदर्शन कर हस्ताक्षर अभियान करने के साथ ही कई अन्य तरीकों से भी विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस के विभिन्न प्रकोष्ठों और विभागों को भी एक दिन महंगाई खिलाफ प्रदर्शन करने का जिम्मा दिया गया है। प्रकोष्ठ-विभागों की ओर से पेट्रोल पंपों के बाहर प्रमुख चौराहों पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

17 जुलाई को जयपुर में होगा बड़ा प्रदर्शन
17 जुलाई को विरोध प्रदर्शन के अंतिम दिन जयपुर में प्रदेश स्तरीय विरोध प्रदर्शन किया जाएगा ,जिसमें प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में पैदल मार्च निकाला जाएगा। इधर महंगाई के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए मंत्री-विधायकों और जिला प्रभारियों को अपने-अपने प्रभार वाले क्षेत्रों में जाने के निर्देश दिए गए हैं। अपने-अपने प्रभार वाले क्षेत्रों में रहकर ही मंत्री-विधायक और जिला प्रभारी विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लेंगे।

जयपुर। खण्डेलवाल डवलपमेंट आर्गेनाइजेशन लगातार कोविड वैक्सीनेशन शिविर में जुटा है। इसी के तहत रविवार को एस.एल. नगर स्थित जागेश्वर महादेव मंदिर में वैक्सीनेशन शिविर लगाया गया। यहां 300 व्यक्तियों को वैक्सीन लगाई गई। संस्था के मंत्री राजेश कुमार ताम्बी व कार्यक्रम संयोजक मनीष गुप्ता के अनुसार मुख्य अतिथि सांसद रामचरण बोहरा थे। इनके अलावा खंडेलवाल समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश गुप्ता (तूंगा वाले), पार्षद दिनेश कांवट, नया खेड़ा खण्डेलवाल समाज के अध्यक्ष अनिल रावत सहित अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए।

राजनीतिक संगठन भी आगे
राजनीतिक संगठन भी शहरवासियों का वैक्सीनेशन कराने के लिए काम कर रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस इसमें मुख्य रूप से काम कर रहे हैं। जगह-जगह शिविर लगाकर लोगों को वैक्सीनेशन के लिए जागरुक कर रहे हैं। हालांकि, कई बार दोनों राजनीतिक दलों ने एक-दूसरे पर राजनीतिकरण का भी आरोप लगाया है। इस मामले में कुछ जगह तो माहौल इतना गरमा चुका है किन सीएमएचओ को बीच में आकर वास्तविक स्थिति साफ करनी पड़ी।



प्रदेश की यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं पर बहुप्रतिक्षित फैसला आ गया है। 20 लाख विद्यार्थियों की परीक्षा से जुड़े मामले में समिति की रिपोर्ट के मुताबिक अंतिम वर्ष की परीक्षा ही आयोजित करवाई जाएगी। उच्च शिक्षामंत्री भंवर सिंह भाटी (Higher Education Minister Bhanwar Singh Bhati) ने बताया कि विवि और कॉलेजों के यूजी थर्ड ईयर या फाइनल ईयर और टर्मिनल सेमेस्टर के साथ ही पीजी फाइनल ईयर की परीक्षाएं जुलाई के अंतिम सप्ताह या अगस्त के पहले सप्ताह में आयोजित करवाई जाएंगी। इसके परिणाम 30 सितंबर तक जारी कर दिए जाएंगे।
स्नातक प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को उनके 10वीं और 12वीं परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के औसत के आधार पर अंक देकर प्रमोट किया जाएगा। स्नातक द्वितीय वर्ष और पीजी प्रीवियस ईयर विद्यार्थियों को अस्थाई आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। कोविड की स्थिति सामान्य होने पर इन विद्यार्थियों की भी परीक्षाएं ऑब्जेक्टिव या डिस्क्रेप्टिव पैटर्न पर आयोजित करवा कर 31 दिसंबर तक परीक्षा परिणाम जारी किए जाएंगे।
10 जुलाई से ऑनलाइन क्लास शुरू
भाटी ने बताया कि कोविड के कारण फिलहाल ऑफलाइन कक्षाएं नहीं लगाई जाएंगी। उच्च शिक्षण संस्थाओं में 10 जुलाई से ऑनलाइन क्लास शुरू हो जाएंगी। सीबीएसई और राजस्थान बोर्ड के 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया की शुरुआत होगी।
डेढ़ घंटे का होगा पेपर
जिन कोर्सेज, फैकल्टी या विषयों में स्टूडेंट्स की संख्या कम है और विवि के पास प्र्याप्त साधन हैं, उनकी परीक्षाएं ऑनलाइन मोड में करवाई जा सकती हैं। इसी प्रकार व्यावसायिक कोर्स और सेमेस्टर पद्धति के कोर्सेज की परीक्षाएं भी ऑनलाइन मोड में ही होंगी। उन्होंने बतायाकि प्रश्नपत्रों में यूनिट की बाध्यता हटा दी गई है। परीक्षा भी अब तीन घंटे की जगह डेढ़ घंटे की होगी। एक विषय के दोनों पेपर एक साथ ही आयोजित करवाए जाएंगे यानी हर पेपर को हल करने के लिए डेढ़ घंटे का समय दिया जाएगा। इतना ही नहीं पेपर में दिए गए प्रश्नों में से छात्र को 50 फीसदी सवाल हल करने का ऑप्शन दिया जाएगा। कोविड गाइडलाइन की पालना करते हुए परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
संक्रमित विद्यार्थी को मिलेगा विशेष अवसर
उन्होंने बताया िक परीक्षा केंद्रों पर कोविड गाइडलाइन की पालना सुनिश्चित करवाई जाएगी। कोविड संक्रमित कोई विद्यार्थी यदि परीक्षा में सम्मिलित नहीं होता है तो या अपने परीक्षा परिणाम से संतुष्ट नहीं होता है तो उसे परीक्षा देने के लिए अलग से विशेष अवसर दिया जाएगा। विवि और कॉलेजों में स्टूडेंट्स के साथ शिक्षकों और कार्मिकों को वैक्सीनेशन में प्राथमिकता दी जाएगी।
यूजीसी से नहीं मिले निर्देश
भाटी ने बताया कि परीक्षा को लेकर सरकार ने यूजीसी को भी पत्र लिखा था और दिशा निर्देश मांंगे थे लेकिन वहां से अब तक कोई जवाब नहीं मिला ऐसे में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन और यूजीसी की गतवर्ष की गाइडलाइन को ही आधार बनाते हुए परीक्षाओं को लेकर यह निर्णय लिए हैं। यदि अब यूजीसी की ओर से कुछ अन्य निर्देश सरकार को प्राप्त होते हैं तो हम उनकी पालना करेंगे। गौरतलब है कि उच्च शिक्षण संस्थानों की परीक्षाओं को लेकर सरकार ने छह सदस्यों की कमेटी का गठन किया था। कमेटी की सिफारिशों को आधार बनाते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है।

जयपुर. कोरोना काल में बीते वर्ष एक करोड़ से अधिक लोगों को आजीविका देकर रोजगार का सबसे बड़ा जरिया बनी मनरेगा प्रदेश में फिर नया रेकॉर्ड बनाने के रास्ते पर दिख रही है।
पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में योजना के तहत राजस्थान में 1.10 करोड़ लोगों को रोजगार दिया, जो बीते पांच साल में रेकॉर्ड था। इधर, मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में ही अब तक करीब 40 लाख मजदूर प्रदेश में रोजगार पा चुके हैं। यह स्थिति तब है, जबकि इस साल पहली बार सरकार ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए 14 दिन तक योजना के कार्यों को बंद रखा था।
इसी औसत से यदि श्रमिकों का नियोजन रहता है तो निश्चित ही 2021-22 के अंत में रोजगार का आंकड़ा बीते वर्ष के रेकॉर्ड को तोड़ देगा।
पहली तिमाही में हुए खर्च का आकलन करें तो इस अवधि में योजना के क्रियान्वयन के लिए उपलब्ध राशि का 67 प्रतिशत खर्च हो चुका है। मनरेगा रिपोर्ट के अनुसार कुल उपलब्ध 3130 करोड़ रुपए में से 2116 करोड़ रुपए अब तक खर्च हुए हैं।

40 दिन में हुए 32 लाख

कोरोना संक्रमण में बढ़ोतरी के कारण राज्य सरकार ने इस साल 11 मई को मनरेगा कार्यों को स्थगित कर दिया था। 25 मई को अनलॉक के वक्त योजना में सिर्फ 1.37 मजदूर ही रोजगार पर आए, लेकिन इसके बाद लगातार बढ़ते गए श्रमिकों क संख्या रविवार को 32 लाख पर पहुंच गई है।

प्रवासियों का बड़ा सहारा

कोरोना काल में मजदूरों की संख्या में बढ़ोतरी का बड़ा कारण वो प्रवासी मजदूर भी रहे हैं, जो दूसरे राज्यों से राजस्थान लौटे और यहां मनरेगा में नियेाजित हुए। सरकार आंकड़ों के अनुसार बीते साल मार्च से अब तक करीब 13 लाख से अधिक प्रवासी राजस्थान के विभिन्न जिलों में लौटे हैं।

भवनेश गुप्ता
जयपुर। सरकारी एजेंसियों की लापरवाही इस कदर बढ़ गई है कि बांधों के पानी में 'जहर' (प्रदूषण) बढ़ता जा रहा है। शहर आबादी से सटे हुए नेवटा बांध में एक बार फिर ऐसे ही परेशान करने वाले हालात सामने आए हैं। यहां पानी में डिजॉल्वड (घुलित) ऑक्सीजन की मात्रा 0.21 मिलीग्राम प्रति लीटर से घटकर 0.05 तक पहुंच गई यानि लगभग शून्य की स्थिति। इस पानी को पीना घातक हो सकता है। आस-पास के इलाकों में भूजल की गुणवत्ता भी प्रभावित होने की आशंका है। बांध में लगातार सीवरेज और कैमिकल युक्त पानी पहुंचने के कारण यह स्थिति बन रही है। इसकी जानकारी अफसरों को काफी समय से पहले से है, लेकिन एक्शन की बजाय मूक दर्शक बने रहे। जल संसाधन विभाग भी जिम्मेदारों का पता लगाने का दावा कर रहा पर नतीजा ढाक के तीन पात रहा। एमएनआईटी की रिपोर्ट में भी सीवरेज और औद्योगिक इकाइयों के अपशिष्ट का नेवटा बांध के पानी की गुणवत्ता पर असर बताया जा चुका है।


लापरवाही के तीन स्त्रोत :

(1) एसटीपी व सीईटीपी फेल
सांगानेर इलाके में कॉमन एफ्ल्यूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) बनाया गया है,जहां फैक्ट्रियों से निकलने वाले जहरीला पानी परिशोधित होना है। लेकिन यह प्लांट प्रभावी तरीके से संचालित ही नहीं हो पाया और न ही यहां फैक्ट्रियों से निकलने वाले पानी पहुंचाने की कोई प्रभावी व्यवस्था है। नतीजा, फैक्ट्रियों का जहरीला पानी अब भी गूलर बांध में पहुंच रहा है।सांगानेर इलाके में 750 से ज्यादा वस्त्र उद्योग संचालित हैं।

(2) कोर्ट के आदेश ताक पर
हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेश हैं कि गूलर बांध के जरिए बारिश का पानी ही नेवटा बांध में पहुंचे। बारिश के बाद गंदा पानी आना शुरू हो जाता है। अब्दुल रहमान बनाम सरकार एवं रामगढ़ सुओ मोटा बनाम सरकार मामले में भी हाईकोर्ट के इन्हें बचाने के आदेश हैं।

(3) कनेक्शन काटने के बाद भूले
प्रदूषण नियंत्रण मण्डल ने हाईकोर्ट के आदेश पर पहले तो फैक्ट्री संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। डिस्कॉम के जरिए इनका बिजली कनेक्शन काटा गया। लेकिन कुछ समय बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इससे कैमिकल युक्त पानी लगातार बहाया जा रहा है।

खतरा पता, पर मौन
-बीमारी फैलने का खतरा
-भूजल लगातार दूषित हो रहा है, नलकूप में गंदा पानी आ रहा
-सब्जियां, अनाज व अन्य उपज प्रभावित हो रही। खेती की जमीन के खराब
-गंदे पानी में अवैध तरीके से मछली पालन
-बांध के आस-पास निवासियों का रहना मुश्किल

फैक्ट फाइल
-बांध की भराव क्षमता गेज 16 फीट पर 236.72 एमसीएफटी है
-वर्तमान में गेज 11 फीट 7 इंच पर 125.72 एमसीएफटी पानी है
-बांध का कुल भराव क्षेत्र 443.583 हेक्टेयर है

जयपुर. आरएलपी संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने बाड़मेर के कमलेश प्रजापति एनकाउंटर प्रकरण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख कर सीबीआई जांच की मांग की है। पूर्व में राज्य सरकार भी इस प्रकरण में सीबीआई जांच की अनुशंसा केन्द्र को कर चुकी है।

कुम्हार महासभा के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के बाद बेनीवाल ने यह पत्र लिखा और इसे टï्वीट भी किया है। इसमें कहा है कि अप्रेल मेंं हुए इस एनकाउंटर के वीडियो देखने से यह एनकाउंटर फर्जी प्रतीत हो रहा है। इसे लेकर कुम्हार समाज समेत सभी समाजों के लोगोंं में रोष है।

सीबीआई जांच के लिए 40 दिन तक लोगों ने आंदोलन भी किया था। मृतक के परिजनों ने एक नेता की संलिप्तता को लेकर संदेह जाहिर किया है। ऐसे में प्रदेश की एजेंसियां निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती। बेनीवाल ने कहा कि जरूरत पड़ी तो आगामी लोक सभा सत्र में भी मामले को उठाया जाएगा।



जयपुर। कोरोना के कारण राज्य सरकार (State govt) द्वारा प्रदेश के सभी कॉलेज-विश्वविद्यालयों व हॉस्टल (Colleges-Universities and Hostels) को बंद कर रखा है, इसके बाद भी राजस्थान विश्वविद्यालय(Rajasthan university) के हॉस्टलों में छात्रों के रहने का मामला सामने आने के बाद रविवार को विवि प्रशासन कुछ हरकत में आया। डीबीएन हॉस्टल वार्डन (DBN Hostel warden) ने हॉस्टल को खाली करवाकर सील दिया। डीबीएन हॉस्टल (DBN HOste;) में २५ से ३० छात्र रह रहे थे। अभी भी विश्वविद्यालय के अन्य हॉस्टलों में बड़ी संख्या में छात्र रह रहे हैं, जिनका बंद होना अभी शेष है।
गौरतलब है कि राजस्थान विवि कुलपति सहित बड़ी संख्या में शिक्षक कैंपस में ही रहते हैं फिर भी उन्होंने हॉस्टलों में रह रहे छात्रों की ओर ध्यान नहीं दिया। विवि कैंपस में जहां हॉस्टल बने हुए वहां से विश्वविद्यालय मुख्यिा कुलपति प्रो. राजीव जैन (Vice Chancellor Prof. Rajeev Jain) के विवि आवास अधिक दूरी पर नहीं है।

जयपुर. पहली तेज बारिश ने व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी। थोड़ी ही देर की बारिश में सड़कें लबालब हो गईं और पानी निकलने में घंटों लग गए। जबकि, दोनों ही नगर निगम की ओर से दावा किया जा रहा था कि नाले साफ कर दिए गए हैं। पांच करोड़ रुपए से अधिक नाला सफाई के नाम पर खर्च किए गए हैं। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि पानी निकलने में समय लगता है। कुछ ही नाले बचे हैं, जो साफ नहीं हो पाए हैं।
इतना ही नहीं, डॉ. आरबी शारदा मार्ग पर तो सड़कों पर कई घंटे पानी भरा रहा है। यहां करंट आने से एक घोड़ा उसकी चपेट में आ गया और उसने दम तोड़ दिया। साथ ही एक बाइक सवार भी चपेट में आया। हालांकि, गनीमत रही कि वो बाइक छोड़कर भाग गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क बनाने के दौरान यहां बहाव का ध्यान नहीं रखा गया।

सी जोन बाइपास की सर्विस रोड का बुरा हाल
परकोटे के मुकाबले शहर के अन्य इलाकों में बारिश कम हुई। लेकिन यहां भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सी जोन बाइपास की सर्विस रोड पर पानी निकासी का कोई इंतजाम न होने से वाहन चालक परेशान रहे। पास की कॉलोनियों में पानी जाना शुरू हो गया।
गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने 29 जून को शीर्षक 'जिम्मेदारों की उलटी चाल..पानी निकासी नहीं, सड़कें चमकाने पर ध्यानÓ से खबर प्रकाशित की थी। इसमें बताया था कि सी जोन बाइपास के दोनों ओर नालियां तो बना दीं, लेकिन पुलियाओं पर इनको जोड़ा नहीं गया है।

जयपुर. राजधानी के सिविल लाइन्स विधानसभा क्षेत्र में 11 करोड़ रुपए से ग्रीन कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। इस बजट से सड़क, फुटपाथ से लेकर पार्कों का विकास किया जाएगा। सड़कों के किनारे पेड़ लगाए जाएंगे और पार्कों में भी हरियाली को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा कई सड़कों का भी निर्माण किया जाएगा। पीतल फैक्ट्री से पानी की टंकी, शास्त्री नगर और कावंटिया सर्कल से पानीपेच तक सड़क का निर्माण होगा। सड़क के दोनों तरफ ग्रीन कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। इस पर दो करोड़ 70 लाख रुपए खर्च होंगे। रविवार को परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने पीलत फैक्ट्री स्थित कामधेनु शॉपिंग सेंटर पर इन कार्यों का शिलान्यास किया। खाचरियावास ने कहा कि काम की गुणवत्ता कहीं भी खराब दिखे तो तुरंत शिकायत करें। इस मौके पर कोरोना वॉरियर्स का सम्मान भी किया गया। हैरिटेज नगर निगम महापौर मुनेश गुर्जर, पार्षद मनोज मुद्गल, दशरथ सिंह शेखावत, उमेश शर्मा, विजेंद्र तिवाड़ी आदि उपस्थित रहे।

जयपुर. झारखंड का जामताड़ा देशभर में साइबर जालसाजों का गढ़ है। स्पेशल ऑपरेशन गु्रप (एसओजी) के मुताबिक, देशभर की पुलिस भी उनके यहां साइबर ठगी के मामलों में जालसाजों की तलाश में जामताड़ा में दबिश देती रहती है। एसओजी की टीम हरियाणा के आइपीएस हिमांशु गर्ग के जयपुर निवासी परिवार से ठगी करने वाले मुख्य साइबर जालसाज कलीम अंसारी की तलाश में कई जगह दबिश दी। लेकिन उसका सुराग नहीं लगा है।

इधर-उधर भाग निकले जालसाज

जामताड़ा में एसओजी के साथ एक अन्य स्टेट की पुलिस भी साइबर जालसाजों की तलाश में है। इसको देखते हुए बड़ी संख्या में जालसाज इधर-उधर भाग निकले।

जामताड़ा साइबर सैल पुलिस ने की प्रेसवार्ता

आइपीएस अधिकारी के परिवार की रकम उड़ाने वाला कलीम अंसारी कुख्यात जालसाज है। झारखंड के दुमका डीआइजी सुदर्शन मंडल ने प्रेसवार्ता में बताया कि एसओजी की सूचना पर कलीम अंसारी के घर छापा मारा। जामताड़ा में आए दिन साइबर जालसाजों की तलाश में छापामारी होती है। लेकिन पहली बार 14 लाख रुपए साइबर जालसाज के घर से बरामद हुए हैं।


क्रेडिट कार्ड बंद होने का झांसा दे 50 हजार रुपए ठगे


खोहनागोरियान थाने में प्रेम नगर निवासी विकास कुमार ने साइबर जालसाजों के खिलाफ 50 हजार रुपए ठगी करने का मामला दर्ज करवाया है। पीडि़त ने रिपोर्ट में बताया कि जालसाजों ने फोन कर क्रेडिट कार्ड बंद होने का झांसा दे बैंक खाता संबंधित गोपनीय जानकारी ले ली और फिर क्रेडिट कार्ड अकाउंट से 50 हजार रुपए निकाल लिए।

जयपुर। ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में सफाई व्यवस्था दम तोड़ती दिख रही है। लगातार शिकायतों के बाद भी निगम प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। एक माह पहले आयुक्त से हुई कथित हाथापाई के बाद सफाई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे। हड़ताल से लौटने के एक माह बाद भी डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की व्यवस्था सुचारू न होने से गलियों में कूड़े और गंदगी के ढेर लग गए हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि कोरोना काल चल रहा है। वहीं मौसमी बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। अगर सब कुछ ऐसे ही चलता रहा, तो लोगों में संक्रमण बढऩे का खतरा और भी बढ़ जाएगा।

कचरा गाड़ी नहीं आने का आरोप

ग्रेटर नगर निगम के वार्ड 109 के मॉडल टाउन डी ब्लॉक के निवासी बालमुकुंद ओझा ने बताया कि उनकी कॉलोनी में एक सप्ताह से कचरा गाड़ी नहीं आ रही। नगर निगम के शिकायत केंद्र सहित सेक्टर सुपरवाइजर रोशन और वार्ड सुपरवाइजर राजेश को एक दर्जन बार मोबाइल पर शिकायत करने के बाद भी कचरा गाड़ी नहीं पहुंची। इससे सफाई व्यवस्था नाकाम और बेपटरी होने का साफ पता चलता है। उन्होंने कहा कि नगर निगम के सफाई व्यवस्था के जिम्मेदार कर्मचारियों और अधिकारियों की ओर से नियमित रूप से निरीक्षण के दावे भी खोखले साबित हो रहे हैं।

जयपुर। तेल विपणन कंपनियों ने सोमवार को लगातार दूसरे दिन पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी कर दी। लेकिन, डीजल के दामों में आज कोई बदलाव नहीं किया गया। तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दाम 37 पैसे की बढ़ोतरी की, जिससे जयपुर में इसके दाम 106.64 रुपए प्रति लीटर हो गए। डीजल के दाम 98.47 रुपए प्रति लीटर पर स्थिर रहे। तेल कंपनियों की इस साल पेट्रोल के दाम में यह 61वीं बढ़ोतरी की है, डीजल के दाम 59 बार बढ़ चुके है। इस तरह इस साल तेल कंपनियों ने 61 बार में पेट्रोल के दाम 18.07 रुपए प्रति लीटर महंगा कर दिया हैं, जबकि डीजल के दाम 59 बार में 17.59 रुपए प्रति लीटर हो चुके है। पूरे देश में ये डीजल के सबसे अधिक भाव हैं।
देश के महानगरों में पेट्रोल-डीजल का हाल
दिल्ली में पेट्रोल के दाम 99.86 रुपए व डीजल के दाम 89.36 रुपए प्रति लीटर, मुंबई में पेट्रोल 105.92 रुपए व डीजल के दाम 96.91 रुपए प्रति लीटर, कोलकाता में पेट्रोल 100.75 रुपए और डीजल 93.91 रुपए प्रति लीटर, चेन्नई में पेट्रोल 100.75 रुपए और डीजल के दाम 93.91 रुपए प्रति लीटर पहुंच गए।
कई राज्यों में पेट्रोल का शतक
कई राज्यों और संघ शासित प्रदेशों राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा और लद्दाख के बाद तमिलनाडु के कई शहरों मसलन सलेम, वेल्लौर, कुडालोर में पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर के पार हो गया है।
प्रति दिन छह बजे बदलती है कीमत
बता दें कि प्रति दिन सुबह छह बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। सुबह छह बजे से ही नई दरें लागू हो जाती हैं। पेट्रोल व डीजल के दाम में कीमत में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोडऩे के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है।
जानिए आपके शहर में कितना है दाम
पेट्रोल-डीजल की कीमत आप एसएमएस के जरिए जान सकते हैं। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, आपको आरएसपी और अपने शहर का कोड लिखकर 9224992249 नंबर पर भेजना होगा। हर शहर का कोड अलग-अलग है, जो आपको आईओसीएल की वेबसाइट से मिल जाएगा।

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

जयपुर। लू, भीषण गर्मी और उमस से जूझती राजधानी को रविवार को बारिश की बूंदों ने राहत दी। बारिश ने संडे को फन-डे बना दिया। वीकेंड कर्फ्यू के कारण अधिकांश लोगों ने घर पर रहकर आनंद लिया। शहर के चारदीवारी क्षेत्र, सिविल लाइंस, राजापार्क, गोपालपुरा बायपास, मानसरोवर, दुर्गापुरा सहित कई इलाकों में बादल छा गए और बरसात शुरू हो गई, इससे मौसम सुहाना हो गया।

बरसात के कारण दोपहिया चालकों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। परकोटे में अपेक्षाकृत अच्छी बारिश हुई। जिससे सड़कों पर पानी बह निकला। चांदी की टकसाल, रामगढ़ मोड़, जौहरी बाजार, नेहरु बाजार, गणगौरी बाजार सहित विभिन्न बाजारों व रास्तों पर पानी भर गया। पानी में आनंद लेने बच्चे व युवा सड़क पर आ गए। पानी जमा होने के कारण कई स्थानों पर जाम की स्थिति भी बन गई। मौसम विभाग ने शहर में 2.7 मिमी बारिश दर्ज की।

परकोटे में तेज रही बरसात-
रविवार सुबह से ही आसमान में बादलों की आवाजाही रही। 11 बजते-बजते काले बादल घुमड़ आए और एक बजे बाद बारिश शुरू हो गई। परकोटे में बारिश के कारण बरामदों के नालों से भी पानी बहने लगा। रामगढ़ मोड़ पर ट्रैफिक जाम हो गया। वहीं जलमहल, नाहरगढ़ आदि स्थानों पर लोग मौसम का आनंद लेने पहुंचे।

नाले जाम, सामने आई हकीकत-
अभी तक मानसून शहर में पहुंचा नहीं है, प्री-मानसून बारिश में नालों की सफाई की हकीकत सामने आ गई। नाले जाम होने के कारण सड़क पर पानी के साथ कचरा बहने लगा। इसी कारण पानी की निकासी में भी दिक्कत आई। यहीं स्थिति रही तो मानसून के दौरान समस्या अधिक बढ़ेगी।

डेढ़ घंटे में तापमान 9.6 डिग्री गिरा-
जयपुर में बारिश के बाद तापमान 9.6 डिग्री गिर गया। 1.30 बजे अधिकतम तापमान 36.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया जो बारिश के बाद 3 बजे 27 डिग्री पर पहुंच गया।

पहली तेज बारिश, खुली व्यवस्थाओं की पोल-
पहली तेज बारिश ने व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी। थोड़ी ही देर की बारिश में सड़कें लबालब हो गईं और पानी निकलने में घंटों लग गए। जबकि, दोनों ही नगर निगम की ओर से दावा किया जा रहा था कि नाले साफ कर दिए गए हैं। पांच करोड़ रुपए से अधिक नाला सफाई के नाम पर खर्च किए गए हैं। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि पानी निकलने में समय लगता है। कुछ ही नाले बचे हैं, जो साफ नहीं हो पाए हैं।

सी जोन बायपास की सर्विस रोड का बुरा हाल-
200 फुट बायपास स्थित सी जोन बायपास की सर्विस रोड पर पानी निकासी नहीं होने से वाहन चालक परेशान रहे। पास की कॉलोनियों में पानी जाना शुरू हो गया। गंगा सागर कॉलोनी निवासी नीरज नाटाणी ने बताया कि यहां आसपास पानी के चलते निकलना मुश्किल हो गया। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने 29 जून को शीर्षक 'जिम्मेदारों की उलटी चाल..पानी निकासी नहीं, सड़कें चमकाने पर ध्यान' खबर प्रकाशित की थी। इसमें बताया था कि सी जोन बायपास के दोनों ओर नालियां तो बना दीं, लेकिन पुलिया पर इनको जोड़ा नहीं गया है।

देवेंद्र सिंह राठौड़
जयपुर। तीसरी लहर से पहले बच्चों में जान का खतरा देखने को मिल रहा है। स्थिति यह है कि मल्टी इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम इन चाइल्ड (एमआईएस-सी ) के शिकार भी हो रहे है, जिसकी वजह से गंभीर हालात में उनकी मौत भी हो रही है। इस तरह से मामले राजधानी स्थित जेके लोन अस्पताल में लगातार बढ़ रहे है। अब तक यहां गंभीर हालत में आए 17 बच्चे दमतोड़ चुके है। हालांकि ऐसा संक्रमित होने के बाद पाया जा रहा है।

चिकित्सकों के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर में बच्चों से लेकर बुजुर्ग सभी कोरोना की चपेट में आए। बड़े बुजुर्गों का इलाज हुआ, उन्हें अस्पताल भी जाना पड़ा, लेकिन इस बीच कई बच्चों संक्रमित हुए। जिन्हें एसिम्टोमेटिक कोरोना हुआ। उन्हें अस्पताल नहीं जाना पड़ा। यहां तक उनके परिजनों को उनके संक्रमित होने का पता भी नहीं चल सका। वे ठीक भी हो गए। अब उनके शरीर में मल्टी सिस्टम इंफ्लैमेटरी सिंड्रोम इन चाइल्ड. बीमारीहै लक्षण पाए जा रहे है।

जेके लोन अस्पताल में अब तक इससे ग्रस्त 150 से अधिक बच्चे आ गए। इस बीमारी में गंभीर हालात में आए १७ बच्चे इस वर्ष अप्रेल से अब तक दम भी तोड़ चुके है। जिनमें लीवर, किडनी व हार्ट फेलियर पाया गया था। ऐसे में तीसरी लहर से पहले यह बच्चों में बड़ा खतरा है।

विशेषज्ञ बोले, लगातार बढ़ रहे केस, जल्दी हो रहे ठीक
-विशेषज्ञों का कहना है कि यहां लगातार इस सिंड्रोम के केस बढ़ रहे है। आए दिन बच्चे आ रहे है। इनमें 3 से 12 साल के बच्चों में ज्यादा केस आ रहे है। जल्दी पकड़ में आने पर जल्द ठीक हो जाते है।

एमआइएस-सी सिंड्रोम की वजह
- विशेषज्ञों के अनुसार यह हमारे इम्यून सिस्टम के ओवररिएक्शन के कारण से होने वाली प्रक्रिया है। इसमें कोरोना के बाद शरीर ऐसे जहरीले तत्व उत्पन्न करने लगते है, जोकि शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाते है।

माता-पिता को मालूम नहीं बच्चा हो गया संक्रमित
-यह पोस्ट कोविड बीमारी है। यहां अभी तक जितने भी केस आए है, उनके माता-पिता को जानकारी ही नहीं कि बच्चा संक्रमित हो गया।जब तक पता चलता बीमारी उग्र हो चुकी होती है। दूसरी लहर में ज्यादा मामले बढ़े है। बच्चों को लेकर सजग रहने की जरूरत है। अबतक 153 बच्चे आ चुके, जिनमें 17 की मौत हो चुकी है। इनमें एंटीबॉडी ज्यादा पाई गई है। कई बच्चे गंभीर हालत में पहुंचे है।
-मनीष शर्मा, एडि. सुप्रीडेंट जेके लोन अस्पताल

यों करे बचाव
-घर में किसी भी सदस्य के कोरोना संक्रमित आए पर सभी की जांच कराएं। बच्चों को अनदेखा न करें। उनकी भी जांच कराए, स्वास्थ्य पर नजर बनाए रखें।
-बच्चों में उलटी, दस्त, तेज,बुखार, लाल दाने होने समेत कई लक्षण पाए जाने पर तुरंत शिशु रोग विशेषज्ञ को दिखाए।
- घर बैठकर या केमिस्ट के अनुसार व हर किसी चिकित्सक से उपचार न कराएं। क्योंकि पीडियाट्रीक कोविड अलग होता है।

यह दिख रहे लक्षण
- हार्ट व फेफड़े के आसपास पानी भरना, 24 घंटे तक तेज बुखार, स्किन रैसेज, चेहरे पर सूजन,पेट दर्द, उलटी,तेज धड़कन, सांस फूलना, लाल आंख,हाथ, होंठ,चेहरे व जीभ पर सूजन, लाल चलते समेत कई लक्षण मिल रहे हैं।

जयपुर। कांग्रेस पार्टी की ओर से सात जुलाई से देश भर में पेट्रोल-डीजल कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ आंदोलन शुरु किया जाएगा। इसी के तहत प्रदेश भर में भी धरने प्रदर्शन होंगे। यूथ कांग्रेस की ओर से 12 जुलाई को जिला और विधानसभा स्तर पर धरने पद्रर्शन किए जाएंगे। प्रदेश यूथ कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक गणेश घोघरा ने इस बारे में सभी जिलाध्यक्षों और अन्य पदाधिकारियों को निर्देेश दे दिए है।

सभी जिलाध्यक्षों को भेजे परिपत्र — प्रदेश यूथ कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक गणेश घोघरा ने सभी जिलाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने अपने जिलों और विधानसभा स्तर पर मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन की तैयारी करें। इसके तहत धरने और प्रदर्शन किए जाएं और इसमें कोरोना गाइडलाइन की पालना की जानी चाहिए। ताकि आंदोलन की वजह से कोरोना का असर फिर से न बढ़ जाए। पहले भी कांग्रेस पार्टी की ओर से किए आंदोलन में कोरोना की गाइडलाइन की पालना नहीं की गई थी।

गहलोत ने साधा निशाना — देश में बढ़ती महंगाई को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने भी कल पेट्रोल-डीजल कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर केन्द्र सरकार की नीतियों पर निशाना साधा था। गहलोत ने एक बयान में कहा था कि मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों से छह साल में देश में महंगाई, बेरोजगारी को लेकर बुरी स्थिति बन गई हैै। पेट्रोल और डीजल के दामों में बेतहाशा बढोत्तरी की जा रही है। इनके दाम प्रतिदिन बढाए जा रहे है जिससे सभी वस्तुओं के दामों आसमान छू रहे है और लोगों का जीना बेहाल हो गया है। कोरोना के चलते पहले से ही लोगों की आर्थिक स्थिति खराब है और इसके बाद भी मोदी सरकार लोगों को राहत देने के बजाय उनसे वसूली में लगी हुई है।

कल पहुंचेंगे जिलों में नेता —
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आहवान पर होने वाले इस आंदोलन की तैयारी के लिए कल सभी अपने अपने जिलों में नेता मौजूद रहकर तैयारी की समीक्षा करेंगे और प्रभारी मंत्री और पदाधिकारी भी जिलों में पहुंचेंगे। सभी को इस बारे में एक परिपत्र भेजा गया है। इस परिपत्र में कहा गया हैं कि वे सात जुलाई से 17 जुलाई तक अपने अपने जिलों में आंदोलन की तैयारियां करें। इसके तहत जिला कांग्रेस कमेटियों को अपने अपने जिलों में धरने प्रदर्शन करने होंगे। इसमें लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़े नेता, विधायक, सांसद सहित अन्य जन प्रतिनिधि, पार्टी पदाधिकारी और अन्य नेता शामिल होंगे। इन कार्यक्रमों में कोविड गाइडलाइन की पालना की जानी चाहिए। इसके तहत साइकिल यात्रा भी निकाली जाएगी।

जयपुर
जोधपुर के डांगियावास से होकर गुजरने वाला हाईवे बीती रात मौत का हाईवे बनकर सामने आया। यहां सड़क हादसे मे एक एक कर छह लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। बीती रात हुए इस हादसे में अभी भी एक अन्य व्यक्ति गंभीर घायल है। हादसा इतना खतरनाक था कि चैपहिया वाहन पूरी तरह से चकनाचूर हो गया। अपनी सीटों पर बैठे बैठे ही लोगों ने दम तोड़ दिया। उनके शवों को काटकर जैसे-तैसे अवशेषों में बाहर निकाला गया है। हादसा जोधपुर- जयपुर हाइवे पर स्थित एक निजी काॅलेज के नजदीक देर रात करीब बारह बजे हुआ है।

जीप को कुचल दिया कंट्रेनर ने, सात लोग सवार थे ें
देर रात मौके पर पहुंची डांगियावास पुलिस ने बताया कि लग्जरी जीप और कंट्रेनर में यह भिडंत हुई। जीप की हालत देखकर लग रहा है कि वाहन की रफ्तार काफी तेज थी। टक्कर इतनी तेज थी कि जीप का इंजन तक नष्ट होकर चालक और आगे बैठी सवारियों मे जा घुसा। पिछली सीट पर बैठी सवारियों के शरीर में भी जीप के हिस्से जा घुसे। एक युवक का तो सिर ही धड़ से जुदा हो गया। सभी को जैसे-तैसे बाहर निकाला गया। पांच लोगों की तो मौके पर ही मौत हो गई और उसके बाद एक अन्य ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। पुलिस ने बताया कि उनके पास मिले दस्तावेजों के आधार पर उनकी पहचान की जा रही है। साथ ही उनके परिजनों को भी सूचना दी गई है। देर रात हाइवे पर हए इस हादसे के बाद काफी देर तक यातायात जाम के हालात बने रहे। जिसे पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद दुरुस्त किया। कंटेनर चालक से भी पड़ताल की जा रही है।

हाइवे पर काम चल रहा था, इक तरफा था यातायात
जोधपुर जयपुर हाइवे पर देर रात हुए हादसे के बारे में पुलिस ने बताया कि जिस जगह पर हादसा हुआ वहां पर हाइवे पर निर्माण का कार्य चल रहा है। इस कारण उस जगह पर आठ से दस किलोमीटर क्षेत्र में एक तरफा यातायात किया था। देर रात जिस समय हादसा हुआ उस समय भी एक तरफा रोड पर वाहनों का आवागमन जारी था। संभव है कि नींद की झपकी या वाहन को ओवरटेक करने के चक्कर में सामने से आ रहे कंटेनर से जीप जा भिड़ी। हादसे में ब्यावर निवासी मनोहर, सुमेर, रेवतराम, जितेन्द्र, राजेश और सिकंदर की मौत हो चुकी है। जबकि चंदन सिंह का उपचार जारी है।

जयपुर
राजस्थान में प्रति लीटर पेट्रोल शतक पूरा कर चुका है। कीमतें 105 रुपए प्रति लीटर से भी ज्यादा हो चुकी हैं। इन बढ़ती कीमतों के बीच देर रात राजस्थान के अजमेर में पैट्रोल पंप लूट की वारदात को अंजाम दिया गया है। पहले तो बाइक सवारों ने बाइक में पैट्रोल टैंक फुट कराया और उसके बाद रुपए देने की जगह सेल्समैन से रुपए छीन और लिए। करीब चालीस से पचास हजार रुपए का कैश कलेक्शन लूटकर लुटेरे फरार हो गए।

देर रात लूट की यह पूरी वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई। पूरी रात से अजमेर समेत आसपास के जिलों मे लुटेरों की तलाश की जा रही है। जांच कर रही पुलिस ने बताया कि रुपनगढ़ में किशनगढ़ रोड पर स्थित भंवर पैट्रोल पंप पर लूट की यह वारदात हुई। देर रात बाइक पर सवार तीन बदमाश वहां आए। दो बाइक से उतरे और तीसरा बाइक पर बैठा रहा। इस दौरान वहां मौजूद सेल्समैन जगदीश पुरी को बाइक का पैट्रोल टैंक पूरा भरने के लिए कहा गया।

जगदीश ने बाइक में पैट्रोल डाला और रुपयों की मांग की तो बाइक से उतरे दोनो बदमाशों ने जगदीश को घेर लिया। उसे हथियार दिखाए और जान से मारने की धमकी देकर दिन भर का कैश कलेक्शन छीन लिया। चालीस से पचास हजार रुपए कैश छीनने के बाद दो बदमाश जगदीश के साथ पंप पर बने केबिन में गए और वहां पर भी तलाशी ली। लेकिन तलाशी के दौरान वहां पर कैश नहीं मिला। उसके बाद जगदीश को धमकाकर तीनों लुटेरे बाइक से वहां से फरार हो गए।

जगदीश ने तुरंत पंप मालिक नटवर लाल को सूचना दी और बाद में इस बारे में पुलिस को बताया गया। पुलिस ने लुटेरों की तलाश में पूरे शहर में नाकाबंदी कराई लेकिन बात नहीं बनी। गौरतलब है कि इसी पैट्रोल पंप पर करीब 28 साल पहले भी लूट की वारदात हुई थी। उस समय पंप मालिक को गोलियों से भून दिया गया था और बाद में पैट्रोल पंप लूटकर लुटेरे फरार हो गए थे।

जयपुर। राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों में भाजपा पदाधिकारी को पद दिए जाने का मामला कांग्रेस आलाकमान तक पहुंच गया है और प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने भी इसको लेकर नाराजगी जाहिर की है। माकन ने इस नियुक्ति को रद्द करने के निर्देश करने के निर्देश दिए हैं ताकि विवाद और ज्यादा न बढ़ जाए और पार्टी का संदेश सही जाए।

भविष्य में ध्यान रखने के निर्देश-

सूत्रों के अनुसार इन नियुक्तियों को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट गुट के नेताओं ने भरतपुर में भाजपा महिला मोर्चा की पदाधिकारी को राशन आवंटन सलाहकार समिति में सदस्य बनाए जाने की शिकायत की थी। इस शिकायत के बाद प्रभारी अजय माकन ने इस मामले में बात की और निर्देश दिए कि इसे तत्काल हटाएं और आगे से जो भी नियुक्ति की जाए उनमें पार्टी की विचारधारा के लोगों को शामिल किया जाए ताकि कोई गलत संदेश न जाए।

विधायक के नजदीक हैं पदाधिकारी के पति-
गौरतलब हैं कि भरतपुर में भाजपा महिला मोर्चा की पदाधिकारी हंसिका सिंह धाउ को स्थानीय राशन आवंटन समिति में सदस्य बनाया था। यह समिति राशन की दुकानों के आवंटन में सिफारिश करती है। सूत्रों के अनुसार जिस महिला नेता को समिति में लिया गया था, उनके पति भरतपुर जिले से आने वाले बसपा के टिकट पर चुनाव जीते विधायक के नजदीक है और इन्हींं विधायक की सिफारिश पर उन्हें ले लिया गया। उधर विधायक भी विरोधियों को ये तर्क दे रहें है कि महिला नेता का नाम जब भेजा गया था तब वो भाजपा में नहीं थी। वहीं विधायक के विरोधी विधायक और पायलट समर्थक यह आरोप लगा चुके हैं कि उनके क्षेत्र में इन्हीं विधायकों की चल रही है।

जयपुर। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी का इस्तीफा पार्टी के लिए जी का जंजाल बन गया है। पार्टी ने तो इस्तीफे को मंजूर कर पा रही है और ना ही इसे नामंजूर किया गया है। उल्टें चौधरी को विधानसभा में राजकीय उपक्रम समिति का सभापति बनाकर इसे और लटका दिया है।

विधायक बार बार बोले, नहीं लूंगा इस्तीफा वापस— उधर विधायक हेमाराम चौधरी बार बार ये कह रहे हैं कि वे विधायक पद से दिए इस्तीफे को वापस नहीं लेंगे। उन्होंने कहा है कि वे स्पीकर सीपी जोशी से दुबारा समय लेकर मिलेंगे और इस्तीफे को मंजूर करने को कहेंगे। चौधरी अभी बाडमेर में है। वहीं स्पीकर जोशी आज अपने विधानसभा क्षेत्र में चले गए है।

पायलट खेमे में हैं चौधरी— विधायक हेमाराम चौधरी को सचिन पायलट खेमे में माना जाता है और उन्होंने मानेसर में पायलट के साथ कैंप भी किया था। विधानसभा चुनाव के समय चौधरी चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे लेकिन पायलट के मनाने पर वे मान गए थे। इसके बाद जब मंत्रिमण्डल का गठन हुआ तो उनकी जगह हरीश चौधरी को मंत्री बना दिया गया। इससे वे नाराज हो गए और लगातार अपनी नाराजगी जाहिर करते रहे। अपने क्षेत्र में विकास को मुद्दा बनाकर उन्होंने 18 मई को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद ही तब से अब तक उनके इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं हुआ और अभीह हाल ही में विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने उन्हें राजकीय उपक्रम समिति का सभापति भी बना दिया।

डोटासरा और माकन ने भी की बात— चौधरी के इस्तीफे के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा और प्रभारी अजय माकन ने भी उनसे बात की थी। चौधरी पीसीसी चीफ डोटासरा के घर भी गए थे तब भी उन्हें राजी करने को प्रयास किया गया था। यहीं नहीं जिस पायलट गुट से आते है उनके नेता सचिन पायलट ने भी उनसे इस्तीफा वापस लेने को कहा था।

मंजूरी नहीं मिलने तक विधायक की जिम्मेदारी — हेमाराम चौधरी ने यह भी कह दिया हैं कि जब तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं होगा वे विधायक पद की जिम्मेदारी निभाते रहेंगे और जनता की सुनवाई करेंगे।लेकिन चौधरी यह कहने से भी नहीं चूके कि वे इस्तीफा वापस नहीं लेंगे। चौधरी ने कहा है कि वे विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी से मिलने विधानसभा भी गए थे किंतु कोरोना की वजह से जोशी से मुलाकात नहीं हो पाई थी। चौधरी ने कहा कि अब वे दुबारा से जोशी से समय लेंगे और मिलने जाएंगे।

जयपुर। राजस्थान विधानसभा स्पीकर डॉ. सी. पी. जोशी आज से सात दिन के दौरे पर नाथद्वारा जाएंगे। डॉ जोशी 6 जुलाई को धरियावद के विधायक रहेे गौतम लाल मीणा के निधन पर उनके निवास पर पहुंचकर परिवारजन को ढ़ांढ़स बंधाएंगे। डॉ. जोशी सात दिन तक इसके बाद विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे। इस दौरान कई उद्घाटन, शिलान्यास आदि करेंगे। डॉ जोशी 11 जुलाई रविवार की शाम जयपुर वापस लौट आएंगे।

शर्मा की जयंती मनाई
पीसीसी के अध्यक्ष रह चुके पंडित नवल किशोर शर्मा की आज जयंती है। पीसीसी में सवेरे 11 बजे से पुष्पाजंलि कार्यक्रम शुरु हुआ। पार्टी के नेता और पदाधिकारी उन्हें पुष्पाजंलि देकर याद कर रहे है। शर्मा पीसीसी के अध्यक्ष, केन्द्र में मंत्री और गुजरात के राज्यपाल रह चुके है। राजीव गांधी सरकार में शर्मा को केंद्र सरकार में पेट्रोलियम मंत्री का जिम्मा दिया गया था। वे दौसा, जयपुर और अलवर से भी सांसद रहे है। वे 1998 में जयपुर ग्रामीण विधानसभा सीट से विधायक भी रहे है। आज दौसा में भी उनकी जयंती पर कार्यक्रम किया जा रहा है।


जयपुर
कस्टम विभाग की जयपुर और जोधपुर विंग ने मिलकर राजस्थान मे बड़ा एक्शन किया है। करीब चार दिन से लगातार कार्रवाई जारी है और आज दोपहर बाद इस कार्रवाई से कस्टम विभाग पूरी तरह से पर्दा उठाने की तैयारी कर रहा है। पूरा मामला विदेशों से होने वाली तस्करी से जुड़ता दिख रहा है। कस्टम विभाग के अफसर इस बारे में फिलहाल कुछ बोलने को तैयार नहीं है। बरामद माल की कीमत करोड़ों रुपयों में बताई जा रही है।

चार दिन में पूरा हुआ एक्शन, करीब 70 कंटेनर बरामद, कई लोग गिरफ्तार
कस्टम विभाग के अफसरों ने बताया कि जयपुर और जोधपुर की टीम ने जोधपुर में थार ड्राई पोर्ट पर कार्रवाई की है। चार दिन के दौरान करीब 70 कंटेनर जब्त किए जा चुके हैं और इन कंटेनर्स मंे से करीब छह करोड़ रुपए का माल बरामद किया जा चुका है। कई लोग अब तक गिरफ्तार किए गए हैं। अफसरों ने बताया कि सूडान से गलत तरीके से भारत में तरबूज के बीच भेजे गए थे। इन बीजों से भरे कंटेनर एयर कार्गो के जरिए जोधपुर के थार ड्राई पोर्ट पर भेजे गए थे।

ढाई महीने पहले ही बैन किया था बीजों को डीजीएफटी ने
दरअसल करीब ढाई महीने पहले यानि 24 अप्रेल को डीजीएफटी यानि विदेश व्यापार महानिदेशालय ने किन्ही कारणों से तरबूज के बीजों का आयात आगामी आदेशों तक कंट्रोल और बैन किया था। लेकिन उसके बाद भी गलत तरीके से सूडान से ये बीच भारत भेजे गए। भारत भेजने के बाद इनको डाॅक से अलग-अलग राज्यों में भेजे जाने की सूचना मिली थी। इंटेलीजेंस की इस सूचना के बार राजस्थान में भी कस्टम अफसर सतर्क हो गए थे। जोधपुर ड्राई पोर्ट जहां अक्सर हेैंडीक्राफ्ट से जुड़ा माल ही पहुंचता था, वहां पर इन कंटेनर्स को गलत तरीके से भेजा गया। पहले बीस कंटेनर भेजे गए और बाद में पचास और भेजे गए। कुल 70 कंटेनर से करीब 1200 टन से भी ज्यादा बीज बरामद किए गए हैं। इनकी कीमत करीब छह करोड़ रुपए से भी ज्यादा है।

दोपहर बाद होगा पूरे एक्शन का खुलासा
खुफिया विभाग की सूचना के बाद एक्शन में आई कस्टम टीम ने इस बारे में अभी तक पूरी जानकारी साझा नहीं की है। कस्टम अफसरों का कहना है कि चार से पांच दिन तक लगातार कार्रवाई करने के बाद कई सारे इनपुट मिले हैं। जिनके आधार पर कडी से कडी जोडकर माल मंगाने वालों के खिलाफ बड़ा एक्शन लेने की तैयारी की जा रही है। आज दोपहर बाद इस पूरे मामले का खुलासा किया जा सकता है। हांलाकि माल किसने मंगाया अभी तक इस बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है।

जयपुर
कोरोना में लंबे समय तक ड्यूटी करने के बाद अब मानसिक और शारीरिक थकावट मिटाने के लिए खाकी योग की शरण में जा रही है। राजस्थान पुलिस लाइन में तीन दिन का विशेष कैंप आयोजित किया गया है जिसमें हजारों की संख्या में पुलिसकर्मी योग की कलाओं के साथ ही ध्यान कर दिमाग को शांत करना सीख रहे हैं।

पुलिस लाइन में किए गए ध्यान योग शिविर के आयोजन में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के योग विभाग प्रमुख डाॅक्टर पुनीत चतुर्वेदी और उनकी टीम ने योग का अभ्यास कराया। योग की कई कलाओं की जानकारी देने के साथ ही दैनिक जीवन में योग के महत्व को भी बताया। वहीं तनाव मुक्ति के लिए रिटायर पुलिस अफसर नरपत सिंह राठौड ने हार्टफुलनेस ध्यान के साथ ही मन को काबू करने के बारे में बताया।

पुलिसकर्मियों के साथ ही पुलिस लाइन के सहायक पुलिस आयुक्त नरेन्द्र दायमा समेत अन्य पुलिस अफसरों ने भी योग के इस शिविर में भाग लिया। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले पुलिस अफसरों ने अपने मातहतों को कोरोना के बाद अब फिर से ड्यूटी पर लौटकर केस मुकदमों को जल्द निस्तारण के निर्देश दिए थे।

रुला रही जुलाई: पांच दिन में 1.10 रुपए महंगा हुआ पेट्रोल

- इस माह तीसरी बार महंगा हुआ पेट्रोल, डीजल स्थिर

- जयपुर में अब पेट्रोल 106.64 रुपए , डीजल 98.47 रुपए प्रति लीटर

जयपुर। जुलाई की शुरुआत महंगाई के साथ हुई है। इस माह तेल कंपनियों ने पेट्रोल तीसरी बार महंगा किया है। आज पेट्रोल 37 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ, वहीं डीजल के दाम अपरिवर्तित रहे। इस बढ़ोतरी के बाद जयपुर में अब पेट्रोल 106.64 रुपए प्रति लीटर और डीजल 98.47 रुपए प्रति लीटर पर बिक रहा है। जुलाई माह में पेट्रोल1 रुपए 10 पैसे और डीजल १८ पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ। इस साल तेल कंपनियों ने 61 बार में पेट्रोल 18.07 रुपए प्रति लीटर और 59 बार में डीजल 17.59 रुपए महंगा कर दिया है। चिंता की बात यह है कि ईंधन के दामों में बढ़त का सीधा असर लोगों के जीवन पर पड़ता है। एक तो पेट्रोल—डीजल की बढ़ती कीमत घर का बजट बिगाड़ रही है। दूसरी ओर ईंधन महंगा होने का सीधा मतलब है माल ढुलाई महंगी होना, ऐसे में फल—सब्जी से लेकर दालें और तेल सब महंगा हो रहा है। इसका सीधा असर हर घर पर पड़ रहा है।

श्रीगंगानगर में पेट्रोल 114.14 रुपए प्रति लीटर

प्रदेश के श्रीगंगानगर में अब डीजल 102.60 रुपए और पेट्रोल114.14 रुपए प्रति लीटर हो चुका है। जिले के रूप में पूरे देश में ये पेट्रोल और डीजल के सबसे अधिक भाव हैं।

वृद्धि पर विराम लगने की संभावना कम

वहीं क्रूड के दामों के स्तर को देखते हुए फिलहाल पेट्रो उत्पादों के दामों पर विराम लगने की कोई संभावना नहीं दिख रही है। आज सुबह ब्रेंट क्रूड ऑयल के भाव कमोबेश तेजी के साथ 76.07 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहे हैं। डब्ल्यूटीआई कच्चे तेल के दाम 75.06 डॉलर प्रति बैरल बने हुए हैं। जबकि ब्रेंट के दाम 26 जून को 76.18 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई कच्चे तेल के भाव 74.05 डॉलर प्रति बैरल पर थे।

यहां ईंधन का शतक

राजस्थान सहित मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पेट्रोल का भाव 100 रुपए के पार पहुंच चुके हैं। वहीं महानगरों में मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु में पेट्रोल पहले ही 100 रुपए प्रति लीटर के आंकड़े को पार कर चुका है। आज दिल्ली में पेट्रोल का दाम 99.86 रुपए जबकि डीजल का दाम89.36 रुपए प्रति लीटर है।

जयपुर। राजस्थान में मानसून की झितराई बारिश अभी मेहर नहीं बरसा सकी है। जिन जिलों में पिछले दो-तीन दिन के भीतर बारिश हुई वहां गर्मी और उमस ने फिर से घर कर लिया है। मौसम विभाग की माने तो 10 जुलाई के बाद पूरे प्रदेश में राहत की झमाझम होगी और उसके बाद गर्मी और उमस काफुर हो जाएगी। उधर, गर्मी बढ़ने के साथ ही प्रदेश के कुछ जिलों में फिर से तापमान में ऊछाल आ सकता है। विभाग के अनुसार पश्चिमी और पूर्वी राजस्थान में कई जगहों पर आज शाम तक तेज हवा के साथ हल्की बारिश की संभावना है।

Video: जयपुर समेत कई जिलों में हुई तेज बारिश, जानें कब से होगा मानसून सक्रिय

मौसम विभाग की माने तो प्रदेश में मानसून पिछले 16 दिनों से अपने स्थान पर अटका हुआ है। प्रदेश में मानसून की तेज बारिश का इंतजार बढ़ता जा रहा है। जिन इलाकों में बारिश नहीं हो सकी, वहां किसानों की परेशानी बढ़ती जा रही है। बारिश में देरी फसलों को नुकसान पहुंचा रही है। मौसम विभाग का कहना है कि हवा के रुख में बदलाव के साथ ही बारिश होगी। ऐसे में 9 या 10 जुलाई के बाद ही राजस्थान में मानसून सक्रिय हो सकता है। इससे पूर्व प्रदेश के कुछ इलाकों में हल्की बारिश की संभावना जताई जा रही है। वहीं, पश्चिमी राजस्थान के कुछ भागों में 11-12 जुलाई से मानसून सक्रिय होगा।

राजस्थान मौसमः यहां हुई तेज बारिश, लोगों को उमस और गर्मी से मिली राहत

जयपुर मौसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर संभाग के जिलो में आज आंधी व बारिश की संभावना है। उधर, पूर्वी राजस्थान के कोटा, उदयपुर, जयपुर, अजमेर और भरतपुर संभाग की जिलों में बारिश की संभावना है। 6 से 9 जुलाई के दौरान पूर्वी राजस्थान में कुछ जगहों पर बारिश हो सकती है। 10 जुलाई से प्रदेश में अच्छी बारिश होगी की संभावना है।

जयपुर। कोरोना काल में बीते वर्ष एक करोड़ से अधिक लोगों को आजीविका देकर रोजगार का सबसे बड़ा जरिया बनी मनरेगा प्रदेश में फिर नया रेकॉर्ड बनाने के रास्ते पर दिख रही है।
पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में योजना के तहत राजस्थान में 1.10 करोड़ लोगों को रोजगार दिया, जो बीते पांच साल में रेकॉर्ड था। इधर, जून में बीती मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में ही अब तक करीब 40 लाख मजदूर प्रदेश में रोजगार पा चुके हैं। यह स्थिति तब है, जबकि इस साल पहली बार सरकार ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए 14 दिन तक योजना के कार्यों को बंद रखा था। इसी औसत से यदि श्रमिकों का नियोजन रहता है तो निश्चित ही 2021-22 के अंत में रोजगार का आंकड़ा बीते वर्ष के रेकॉर्ड को तोड़ देगा।

पहली तिमाही में हुए खर्च का आकलन करें तो इस अवधि में योजना के क्रियान्वयन के लिए उपलब्ध राशि का 67 प्रतिशत खर्च हो चुका है। मनरेगा रिपोर्ट के अनुसार कुल उपलब्ध 3130 करोड़ रुपए में से 2116 करोड़ रुपए अब तक खर्च हुए हैं।

40 दिन में हुए 32 लाख
कोरोना संक्रमण में बढ़ोतरी के कारण राज्य सरकार ने इस साल 11 मई को मनरेगा कार्यों को स्थगित कर दिया था। 25 मई को अनलॉक के वक्त योजना में सिर्फ 1.37 मजदूर ही रोजगार पर आए, लेकिन इसके बाद लगातार बढ़ते गए श्रमिकों क संख्या रविवार को 32 लाख पर पहुंच गई है।

प्रवासियों का बड़ा सहारा
कोरोना काल में मजदूरों की संख्या में बढ़ोतरी का बड़ा कारण वो प्रवासी मजदूर भी रहे हैं, जो दूसरे राज्यों से राजस्थान लौटे और यहां मनरेगा में नियेाजित हुए। सरकार आंकड़ों के अनुसार बीते साल मार्च से अब तक करीब 13 लाख से अधिक प्रवासी राजस्थान के विभिन्न जिलों में लौटे हैं।

जयपुर।

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सोमवार को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के आरएसएस और राम मंदिर निर्माण चंदे को लेकर दिए बयानों पर पलटवार किया। राठौड़ ने कहा कि बचकाने बयान देना प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष की आदत में शुमार हो गया है। बिना प्रमाण के बिना आधार पर राम मंदिर के निर्माण में जिन लोगों ने सहयोग किया उन पर प्रश्न चिन्ह लगाने का उनको कोई अधिकार नहीं है।

राठौड़ ने भाजपा मुख्यालय पर कहा कि कांग्रेस की असली तकलीफ दूसरी है। लम्बे अर्से तक राम मंदिर के निर्माण में कांग्रेस बाधा बनी है। आज जब अयोध्या देश की आस्था का केंद्र और धर्म&सांस्कृतिक राजधानी बनने जा रहा है, इसलिए उनके पेट में मरोड़े आ रहे हैं। उनके बयान हास्यास्पद है, इस प्रकार के बयान देकर वह मात्र अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए राठौड़ ने कहा कि कोरोना के कारण उपजे आर्थिक संकट से आमजन को उबारने के लिए मुख्यमंत्री के पास कोई रोडमैप हो तो वह जारी करना चाहिए ताकि आमजन को इससे राहत मिल सके। गहलोत सरकार ने जन घोषणा पत्र में जो वादे किये थे उसमें वह चार कदम भी नहीं चले।

भागवत के बयान पर संघ बरसों से काम कर रहा है

मोहन भागवत के बयान पर राठौड़ ने कहा कि जो बयान भागवत ने दिया है। उस पर संघ वर्षों से काम कर रहा है।निश्चित तौर पर देश के अंदर भारतीयता पहले हैं। सांप्रदायिकता के आधार पर विभाजन के बाद देश में जो हालात बने। आज नहीं कह सकते कि देश में मुसलमानों को बराबरी का हक नहीं है।

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्रिपरिषद समूह की बैठक 7 जुलाई को बुलाई है। 7 जुलाई को शाम 5 बजे कैबिनेट और 5:30 बजे मंत्रिपरिषद की बैठक होगी। मुख्यमंत्री आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस बैठक में कई मंत्री वर्चुअल तौर पर बैठक में शामिल होंगे।

हालांकि बैठक को लेकर मंत्रिमंडल सचिवालय की ओर से कोई अधिकारी एजेंडा जारी नहीं किया गया है., लेकिन माना जा रहा है कि विधानसभा के मानसून सत्र बुलाने और कोरोना की तीसरी लहर की तैयारियों को लेकर बैठक में चर्चा होगी। इसके साथ ही कई अहम फैसले भी बैठक में लिए जा सकते हैं।

विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर होगी चर्चा
विश्वस्त सूत्रों की माने तो गहलोत सरकार जुलाई माह के आखिर या फिर अगस्त के पहले सप्ताह में विधानसभा का मानसून सत्र बुला सकती है इसे लेकर कैबिनेट मंत्रिपरिषद समूह की बैठक में चर्चा होगी। मंत्रिमंडल सचिवालय से जुड़े लोगों ने भी अगस्त के पहले सप्ताह तक विधानसभा का सप्तम सत्र बुलाए जाने के संकेत दिए हैं।

छठे सत्र के सत्रावसान की फाइन को सीएम की मंजूरी का इंतजार
विधानसभा के छठे सत्र के सत्रावसान की फाइल को सीएम गहलोत की मंजूरी का इंतजार है। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा जाएगा। जहां राज्यपाल कलराज मिश्र सत्रावसान करेंगे। सत्रावसान के बाद ही सरकार की ओर से सप्तम सत्र बुलाने को लेकर दोबारा फाइल भेजी जाएगी।

कोरोना की तीसरी लहर की तैयारियों पर होगी चर्चा
वहीं दूसरी ओर मंत्रिपरिषद समूह की बैठक में डेल्टा प्लस वैरिएंट और कोरोना की संभावित तीसरी लहर की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रियों के सुझाव लेंगे और तैयारियों को लेकर क्या-क्या कदम उठाए जा सकते हैं इस पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा मंत्रिपरिषद समूह की बैठक में वैक्सीनेशन की कमी को लेकर भी चर्चा होगी।

प्रदेश में वैक्सीन की कमी को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार केंद्र सरकार से मांग के अनुरूप वैक्सीन उपलब्ध करवाने की मांग करते आ रहे हैं। सूत्रों की माने तो की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रियों को कोरोना वैक्सीन के लिए लोगों को जागरूक करने और प्रदेश में शत-प्रतिशत व्यक्ति वैक्सीनेशन हो सके, इसके लिए भी मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों में जाकर वैक्सीनेशन का फीडबैक लेने के निर्देश देंगे। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना के बाद बिगड़े आर्थिक हालातों पर काबू पाने और मानसून के सक्रिय होने के बाद प्रदेश में सघन वृक्षारोपण को लेकर भी चर्चा होगी।

 

 

राजस्थान के पूर्व राज्यपपाल कल्याण सिंह की हालत नाजुक
एसजीपीजीआईएमएस में शिफ्ट
रक्तचाप में अचानक वृद्धि से माइनर हर्ट अटैक
जयपुर। राजस्थान के पूर्व राज्यपाल एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की हालत बिगडऩे के बाद रविवार देर शाम उन्हें लखनऊ में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआईएमएस) में शिफ्ट कर दिया गया। उन्हें राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (आरएमएलआईएमएस) से स्थानांतरित किया गया था, जहां वह शनिवार से आईसीयू में थे। उनके रक्तचाप में अचानक वृद्धि से माइनर हर्ट अटैक आया था।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 89 वर्षीय राजनेता के पैरोटिड ग्रंथि में सूजन हो गया है और उनके किडनी में भी अनियमितताएं पाई गईं हैं। दस डॉक्टरों का एक पैनल पूर्व मुख्यमंत्री का इलाज कर रहा है। एक एसजीपीजीआई बुलेटिन के अनुसार उनका रक्तचाप और प्लस स्थिर है, लेकिन यह सेंसरियम में बदल गया है, जिसका इलाज कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, एंडोक्रिनोलॉजी और न्यूरो-ऑटोलॉजी के डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है। एंटीबायोटिक्स एडमिनिस्ट्रेशन ने उनके सेप्सिस को नियंत्रित करने में मदद की है, लेकिन मस्तिष्क स्कैन में खुन के थक्के दिखे। इस बीच, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह औरउत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य एसजीपीजीआई की क्रिटिकल केयर मेडिसिन आईसीयू में ले जाने से पहले दिग्गज नेता से मिलने गए थे।

फिरोज सैफी/जयपुर।

प्रदेश में अशोक गहलोत गुट और सचिन पायलट गुट में चल रही बयानबाजी और खींचतान के बीच प्रदेश प्रभारी अजय माकन मंगलवार को जयपुर आ रहे हैं। हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ से कहा जा रहा है कि अजय माकन प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक लेने जयपुर आ रहे हैं, लेकिन राजनीतिक प्रेक्षक इसे सियासी खींचतान से जोड़कर देख रहे हैं।

सियासी खींचतान के बीच अजय माकन के दौरे को काफी अहम माना जा रहा है। वहीं प्रभारी अजय माकन के दौरे के चलते एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल के साथ ही राजनीतिक नियुक्तियों की भी सुगबुगाहट शुरू हो गई है।

मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री से मिलेंगे अजय माकन
पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की माने तो मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल को लेकर प्रदेश प्रभारी अजय माकन मंगलवार शाम या फिर बुधवार सुबह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात करेंगे। बताया जाता है कि मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार को लेकर को लेकर कांग्रेस आलाकमान ने एक फॉर्मूला तैयार किया है। इस फॉर्मूले के तहत दोनों खेमों को बराबर अहमियत देने की बात कही जा रही है। इसी फॉर्मूले को लेकर अजय माकन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात करेंगे।

दोनों खेमों के नेताओं से भी मिलेंगे माकन
बताया जाता है कि मंगलवार शाम को प्रदेश प्रभारी अजय माकन एयरपोर्ट के पास स्थित एक होटल में अशोक गहलोत कैंप और सचिन पायलट कैंप के नेताओं से अलग-अलग मुलाकात करेंगे । साथ ही सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों से मुलाकात करेंगे।

इसके अलावा पार्टी के प्रमुख नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। गौरतलब है कि राजनीतिक नियुक्तियों और मंत्रिमंडल विस्तार की मांग को लेकर प्रदेश के कई नेताओं ने दिल्ली जाकर माकन से मुलाकात की थी।

पदाधिकारियों की बैठक भी लेंगे माकन
मंगलवार दोपहर 2 बजे जयपुर पहुंचने के बाद प्रदेश प्रभारी अजय माकन दोपहर 3 बजे पीसीसी मुख्यालय में प्रदेश कार्यकारिणी और अग्रिम संगठनों के प्रमुखों की बैठक लेकर महंगाई के खिलाफ 7 जुलाई से होने वाले विरोध प्रदर्शनों और आउटरीच कार्यक्रम को लेकर फीडबैक लेंगे। गौरतलब है कि प्रदेश प्रभारी अजय माकन 3 अप्रैल को विधानसभा उपचुनाव के दौरान पांच दिवसीय दौरे पर आए थे और उसके बाद अजय माकन मंगलवार को जयपुर आ रहे हैं।

ये रहेगा माकन का दौरा
प्रभारी अजय माकन मंगलवार को दोपहर 1 बजकर 25 मिनट पर फ्लाइट से जयपुर पहुंचेंगे और उसके बाद दोपहर 3 बजे कांग्रेस मुख्यालय में पीसीसी पदाधिकारियों और अग्रिम संगठनों के प्रमुखों की बैठक लेंगे। माकन रात्रि विश्राम जयपुर में करेंगे और 7 जुलाई को अगले दिन दोपहर 1 बजकर 55 मिनट पर फ्लाइट से दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

जयपुर।

महापौर सौम्या गुर्जर निलंबन मामले में भाजपा इसी हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी। पार्टी ने लीगल सैल के जरिए ड्राफ्ट तैयार करवा लिया है। मामले को लेकर भाजपा मुख्यालय में सोमवार को प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी के बीच चर्चा हुई। बैठक में सभी नेताओं ने संगठनात्मक मुद्दों के साथ आने वाले दिनों में किए जाने वाले विरोध-प्रदर्शन, पंचायत व निकाय चुनाव की तैयारियों सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की।

सतीश पूनियां के दिल्ली के तीन दिवसीय दौरे के बाद हुई इस बैठक में पूनियां ने केंद्रीय नेतृत्व की ओर से दिए गए निर्देशों को भी रखा गया। बैठक में आरएसएस के मामले को लेकर विशेष रूप से चर्चा हुई। बीवीजी मामले में आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक को आरोपी बनाने के मामले पर भी भाजपा बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रही है। अगर क्षेत्रीय प्रचार को मामले में घसीटा जाता है तो राजधानी जयपुर के साथ पूरे प्रदेशभर में आंदोलन किए जाएंगे। इस मामले में केंद्रीय नेतृत्व भी गंभीर है। यही वजह है कि पार्टी की ओर से संभाग स्तरों पर प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया और अब जिला स्तर पर सरकार को घेरा जाएगा।

दिसंबर तक की रूपरेखा होगी तैयार

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने 2023 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर आगे के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए हैं। अभी पार्टी की ओर से दिसंबर तक संगठनात्मक कार्यों की रूपरेखा तैयार की जा रही है। इसके बाद अगले साल के कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाई जाएगी।


जयपुर, 5 जुलाई
राज्य में पांच सौ से अधिक प्राइवेट स्कूलों को फर्जी तरीके से मान्यता दिलाने के मामले में शिक्षा निदेशालय (Directorate of Education) ने आठ जिला शिक्षा अधिकारियों (District Education Officers) को भूमिका संदिग्ध मानते हुए उन्हें नोटिस (Notice) दिए गए हैं। इनमें जयपुर, बीकानेर,जोधपुर, सीकर, झुंझुनूं, अलवर, चूरू और नागौर के जिला शिक्षा अधिकारी शामिल हैं। इनके अलावा कुछ अन्य जिलों में भी इसी प्रकार की गड़बड़ी की आशंका शिक्षा निदेशालय (Directorate of Education) को है। जिनकी जांच की जा रही है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी (Director of Secondary Education Saurabh Swamy) ने बताया कि आठ डीईओ को नोटिस जारी किए गए हैं। जवाब आने के बाद तथ्यों के साथ मिलान किया जाएगा। अगर दोषी होंगे तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशालय (Directorate of Secondary Education) ने पहली बार मान्यता के कागजातों की जांच इस तरह की है। फिलहाल ये तय नहीं है कि इन स्कूलों पर आगे कोई कार्रवाई होगी या नहीं।

कहां कितने स्कूल
स्वामी ने बताया कि निदेशालय की जांच में करीब पांच सौ स्कूलों को फर्जी तरीके से मान्यता दिलाने की कोशिश की गई। इसमें सर्वाधिक 161 स्कूल जयपुर में हैं। उनका कहना था कि निदेशालय में 328 स्कूलों की फाइल आई थी, जिसमें 161 स्कूल ऐसे थे जिनके मानदंड पूरे नहीं थे। बीकानेर के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 55 स्कूलों में से 33 में, सीकर में 62 में से 41, अलवर में 107 में से 47,चूरू में 75 में से 57 और नागौर में 83 में से 60 स्कूलों में मानदंड अधूरे थे। इसके बाद भी मान्यता की सिफारिश की गई।
आमतौर पर निजी स्कूलों की मान्यता की फाइल जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा होती है।वहां से अनुमोदन के बाद शिक्षा निदेशालय से मान्यता आदेश जारी किए जाते हैं। इस बार पहली बार आवेदन करने वाले स्कूलों की फाइल निदेशालय में मंगवाई गई थी, जहां जांच में यह फर्जीवाड़ा सामने आया। जांच से पता चला कि जिन विद्यालयों के कमरों के आकार मानदंडों से छोटे हैं, जिनके पास तय वर्ग मीटर में जमीन नहीं है, जिन स्कूल के पास साइंस प्रयोगशाला और खेल मैदान नहीं है, उनकी मान्यता के लिए सिफारिश कर दी गई।



जयपुर,5 जुलाई
जवाहर कला केंद्र की ओर से आयोजित करवाए जा रहे 'मेस्मराइजिंग मीनाकारी' सेशन में प्रतिभागियों ने शिल्पगुरु इंदर सिंह कुदरत से मीनाकारी की पारंपरिक कला सीखी। यह सेशन मीनाकारी के इतिहास, इस कला में शामिल तकनीक और कौशल,उत्कृष्ट कृतियों को बनाने के लिए आवश्यक सामग्री और उपकरण के बारे में समझाने पर केंद्रित था।
सेशन में शिल्पगुरु ने मीनाकारी के इतिहास के बारे में बताया। उनका कहना था कि यह एक पेचीदा काम है। एक आर्टपीस को डिजाइन करने, रंगने, उकेरने, अलंकृत करने और चमकाने में कई उपकरण शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रतिभाशाली शिल्पकारों को अपनी कला को जारी रखने के साथ और अधिक अनूठे और रचनात्मक शिल्प को आगे लाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। मंगलवार को शिल्पगुरु इंदर सिंह कुदरत के 'मेस्मेराइजिंग मीनाकारी' पर चल रहे ऑनलाइन सेशन का समापन होगा। सेशन आवश्यक तकनीकों और कौशल के साथ विभिन्न प्रकार के मीनाकारी डिजाइनों सिखाने पर केंद्रित रहेगा।



जयपुर, 5 जुलाई
निवर्तमान कांग्रेस वार्ड अध्यक्ष अनिल शर्मा के नेतृत्व में सोमवार को जयपुरिया चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. सुनीत सिंह राणावत का साफा पहनाकर,गुलदस्ता देते हुए सम्मान किया गया। उन्हें यह सम्मान अस्पताल में कोरोना मरीजों को बेहतर उपचार उपलब्ध करवाने के साथ ही अस्पताल परिसर को साफ सफाई के साथ पर्यावरण की दृष्टि हरा भरा बनाए रखने के सराहनीय प्रयास के लिए दिया गया। डॉ. राणावत ने सभी सम्मानकर्ताओं का आभार जताते हुए कहा कि मरीजों को बेहतर उपचार देना और वातावरण को साफ सुथरा बनाए रखना अस्पताल प्रशासन की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सरकार की जनहितकारी चिरंजीवी बीमा योजना से सभी परिवारों को जुड़कर योजना का लाभ लेना चाहिए, इसके लिए राजस्थान सरकार और प्रशासन जनहितकारी सकारात्मक कदम उठाया है। इस अवसर पर राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के जिलाध्यक्ष अनिल वर्मा, कांग्रेस कार्यकर्ता ओमप्रकाश ढाका, मदनलाल, साबिर भाई, अजय, लक्की, मंजू सालोदिया सहित अन्य कांग्रेसी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।



जयपुर, 5 जुलाई
राजस्थान के पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी का कहना है कि स्कूल के पाठ्यक्रम में बदलाव का राजनीतिक दलों से कोई वास्ता नहीं होता है। सिलेबस में परिवर्तन इसलिए होता है जिससे बच्चों को हर एक क्षेत्र में सक्रिय रखा जा सके। हर एक पीढ़ी को भारत के इतिहास और उसके सर्वश्रेष्ठ होने की गाथा पता होनी चाहिए। बच्चों को मिल रहे हर तरह के ज्ञान से वो एक आदर्श नागरिक के तौर पर तैयार होते है। एक आदर्श नागरिक बनाने के लिए ही बदलाव करने जरूरी हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि अच्छी शिक्षा हमें अच्छा चरित्र, सच्चा देशभक्त और अच्छा नागरिक बनने में सहायक करती है। दरअसल, यह बात पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने डि जिटल बाल मेले में रूबरू होते हुए जाह्नवी शर्मा के सवाल के जवाब में कही। जाह्नवी ने पूछा था कि आखिर राजस्थान बोर्ड के सिलेबस में हर पांच साल में बदलाव क्यों होता है।
फ्यूचर सोसाइटी और एलआईसी की ओर से आयोजित रचनात्मक मंच डिजिटल बाल मेला 2021 सीजन.2 में सोमवार को बच्चों ने पूर्व मंत्री और विधायक वासुदेव देवनानी से शिक्षा के बदलते स्वरूप पर जमकर अपने सवाल दागे। इस दौरान काव्य गादिया के नई शिक्षा नीति लेकर आने के सवाल पर पूर्व मंत्री ने बताया कि नई शिक्षा नीति लाने का कारण बच्चों को हर तरह की सुविधा देना है, जिससे कोई भी बच्चा किसी भी कारण से शिक्षा से वंचित ना रह पाए। इस संवाद में बच्चों ने स्कूल फीस को लेकर पेरेंट्स और स्कूल मैनेजमेंट में लगातार हो रहे विवाद पर भी सवाल किया। बच्चों ने कहा कि जब पेरेंट्स टीसी लेने जा रहे हैं तो फीस के रुपए मांगे जा रहे हैं। जबकि अभिभावक कोरोना के कारण फीस चुकाने में असमर्थ हैं। ऐसे में बच्चों के भविष्य का क्या होगा? जिस पर देवनानी ने कहा कि उनकी सरकार में उन्होंने टीसी ना मिलने पर स्कूल में एडमिशन ना होने का नियम खत्म कर दिया था, जिसे अब भी लागू किया जाना चाहिए।

प्रताप नगर थाना पुलिस ने भानुप्रताप गैंग कोटा का सदस्य कुख्यात हथियार तस्कर को पकड़ा हैं। पुलिस ने उसके कब्जे से एक अवैध पिस्टल, 50 कारतूस, दो पिस्टल मैग्जीन बरामद की हैं। आरोपी कुख्यात हिस्ट्रीशीटर महेन्द्र उर्फ समीर अपने एंटी ग्रुप के कल्लू उर्फ कुलदीप की हत्या करने की फिराक में घूम रहा था। आरोपी हत्या करने में सफल हो पाता, इससे पहले ही पुलिस ने उसे हथियारों के साथ गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि ऑपरेशन आग के तहत अवैध हथियारों की तस्करी करने वालों पर निगरानी रखकर धरपकड़ अभियान चलाया जा रहा हैं। पुलिस ने मुखबिर से सूचना मिलने के बाद हल्दी घाटी मार्ग 6 नम्बर बस स्टैण्ड प्रताप नगर जयपुर से घेराबंदी कर नागर कॉलोनी छावनी कोटा निवासी समीर उर्फ महेन्द्र कुमार (31) पुत्र कजोड़ मल मेघवाल को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके कब्जे से एक पिस्टल 50 जिंदा कारतूस, दो पिस्टल मैगजीन हथियार तस्करी में प्रयुक्त कार बरामद कर लिया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी समीर से अवैध हथियार मेरठ उत्तर प्रदेश से लाना बताया हैं। भानु प्रताप गैंग कोटा का सक्रिय सदस्य हैं। जो अपने एंटी गैंग सदस्य कल्लू उर्फ कुलदीप को जान से मारने की फिराक में था। गिरफ्तार आरोपी अव्वल दर्जे का बदमाश था। जो पुलिस थाना गुमानपुरा कोटा का हिस्ट्रीशीटर हैं। तथा पुलिस थाना उदय मंदिर जिला जोधपुर से धोखाधड़ी के प्रकरण में फरार चल रहा हैं।

भष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की कोटा इकाई ने सोमवार को जयपुर में कार्रवाई करते हुए सांख्यिकी अधिकारी को रिश्वत लेते पकड़ लिया। एसीबी ने सत्यनारायण रावत सांख्यिकी अधिकारी, कार्यालय सचिव, राज्य परिवहन प्राधिकरण राजस्थान जयपुर को परिवादी से 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ लिया।
भष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक भगवान लाल सोनी ने बताया कि एसीबी की कोटा इकाई को परिवादी ने शिकायत दी थी कि उसकी ट्यूर एवं ट्रैवल फर्म का बाईक रेन्टल सर्विस प्रमाण पत्र बनाने की एवज में सत्यनारायण रावत सांख्यिकी अधिकारी, कार्यालय सचिव, राज्य परिवहन प्राधिकरण, राजस्थान जयपुर की ओर से 50 हजार रुपए रिश्वत राशि मांग कर परेशान किया जा रहा हैं।
जिस पर एसीबी कोटा इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चन्द्रशील कुमार के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन किया गया इस पर उप अधीक्षक पुलिस हर्षराज सिंह खरेडा और पुलिस निरीक्षक अजीत बगड़ोलिया तथा उनकी टीम ने जयपुर में ट्रैप कार्रवाई करते हुए महादेव नगर जगतपुरा निवासी सत्यनारायण रावत को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एम.एन के निर्देशन में आरोपी के आवास और अन्य ठिकानों की एसीबी टीमों द्वारा तलाशी जारी हैं।

जयपुर। झोटवाड़ा स्थित कांटा चौराहा के पास एक अपार्टमेंट में महिला की हत्या उसके प्रेमी ने की थी। प्रेमी महिला के साथ छह वर्ष से लीव इन रिलेशनशिप में रह रहा था। जबकि दोनों ने खुद को पति-पत्नी बताया था। पास पड़ोसियों ने बताया कि दोनों में कभी कोई झगड़ा भी नहीं होता था।

डीसीपी प्रदीप मोहन शर्मा ने बताया कि तुम्पा रॉय की हत्या के मामले में पश्चिम बंगाल माथा भंगा निवासी तापश वर्मन को गिरफ्तार किया है। अपार्टमेंट में फ्लैट मालकिन संतोष ने 30 जून की शाम को सूचना दी कि उसके फ्लैट में महिला तुम्पा रॉय की हत्या की गई है।

प्राथमिक जांच में तुम्पा का पति तरानी रॉय डेढ़ वर्षीय बेटी को लेकर भाग गया। लेकिन जांच में सामने आया कि तुम्पा पति से अलग रहती थी और प्रेमी तापश वर्मन के साथ लीव इन रिलेशनशिप में रह रही थी।

एडिशनल डीसीपी रामसिंह के नेतृत्व में टीम ने तापश वर्मन की पश्चिम बंगाल में जानकारी जुटाकर उसे पकड़ा। पूछताछ में आरोपी ने कहा कि किसी बात को लेकर तुम्पा से कहासुनी हो गई थी, तब उसकी तौलिए से गला दबाकर हत्या कर दी थी।



जयपुर, 5 जुलाई

राज्य के तकनीकी विश्वविद्यालयों (technical universities) की अंतिम वर्ष और सेमेस्टर की परीक्षाएं (Final year and semester examinations) जुलाई के अंतिम सप्ताह या अगस्त के पहले सप्ताह में आयोजित की जाएगी और रिजल्ट 30 सितंबर तक जारी कर दिए जाएंगे। इन परीक्षाओं का आयोजन ऑफलाइन या ऑनलाइन आयोजित किया जाएगा। वहीं अन्य सभी सेमेस्टर और वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट किया जाएगा। वहीं
बोर्ड आफॅ टेक्निकल एजुकेशन (board of technical education) के तहत पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों (polytechnic colleges) के तृतीय वर्ष के छात्रों की ऑफलाइन परीक्षाएं भी जुलाई के पहले सप्ताह या अगस्त के पहले सप्ताह में परीक्षा आयेाजित होंगी और 30 सितम्बर तक परीक्षा परिणाम जारी किए जाएंगे। पॉलिटेक्निक के प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष और द्वितीय सेमेस्टर के छात्रों को गत साल की तरह परफॉर्मेंस बेस्ड फॉर्मूले के तहत क्रमोन्नत किया जाएगा।
डेढ़ घंटे का होगा पेपर
विश्वविद्यालयों/प्राविधिक शिक्षा मण्डल की परीक्षा की अवधि तीन घंटे की जगह डेढ़ घंटे की होगी और पेपर में दिए गए सवालों को आनुपातिक रूप से संशोधित किया जाएगा। जो छात्र अपने परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट रहेंगे वह परिस्थितियां अनुकूल होने पर ऐसे छात्रों के लिए स्पेशल परीक्षा आयेाजित की जाएगी।

झोटवाड़ा थाना पुलिस ने फैक्ट्री मालकिन की हत्या के मामले में एक बदमाश को पकड़ा हैं, जबकि दूसरा अभी फरार चल रहा हैं। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि फैक्ट्री में ही काम करने वाले दो कर्मचारियों ने पैसे के लिए हत्या की थी। उन्हें यह जानकारी थी कि मालकिन के पास पांच से सात लाख रुपए हमेशा मौजूद रहते हैं।
डीसीपी (पश्चिम) प्रदीप मोहन ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी बलवीर सिंह (30) पुत्र बजरंग पीलवा नागौर हाल कर्मचारी पीपा फैक्ट्री झोटवाड़ा का रहने वाला हैं। जबकि इस मामले में पीलवा नागौर निवासी चैन सिंह (25) पुत्र सौभाग सिंह फरार चल रहा हैं।
पुलिस ने बताया कि इस संबंध में परिवादी सुभाष नगर शास्त्री नगर निवासी राजेश कुमार खैमका ने थाने में मामला दर्ज करवाया था। जिसमें बताया कि उनकी फैक्ट्री कबीर एन्टरप्राइजेज शालीमार चौराहा झोटवाड़ा इण्डस्ट्रीज एरिया में स्थित हैं, उसमें मां निर्मला देवी रहती हैं। 30 जून कोउसके टैम्पू ड्राइवर महेन्द्र उर्फ पिन्टू ने फोन कर बताया कि माताजी नीचे गिरी हुई हैं। और आस-पास खून बिखरा हुआ हैं। इस पर राजेश की तरफ से हत्या का मामला दर्ज करवाया गया।

सीसीटीवी फुटेज से हुई पहचान-
पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी। आने जाने वाले संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखी और काम करने वाले कर्मचारियों से पूछताछ की। सीसीटीवी फुटेज से संदिग्ध व्यक्तियों का तकनीकी विश्लेषण करने के बाद फैक्ट्री में चालक बलवीर सिंह और कर्मचारी राकेश से पूछताछ की। पूछताछ में बलवीर सिंह पुलिस टीम को गुमराह करता रहा। पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की तो बलवीर सिंह ने कहा कि उसने चाचा चैन सिंह को बुलाकर पैसे के लालच में पीपा फैक्ट्री की मालकिन की हत्या करवाई।

इस तरह दिया वारदात को अंजाम-
पुलिस पूछताछ में बलवीर सिंह ने बताया कि शराब के ठेके पर बैठकर पीपा फैक्ट्री के अंदर घटना करने की प्लानिंग की थी। आरोपी बलवीर सिंह ने बताया कि चैन सिंह भी इस फैक्ट्री में कर्मचारी रहा हैं। हम दोनों को यह अंदेशा था कि मालकिन के पास 5 से 7 लाख रुपए हमेशा अलमारी के अंदर मौजूद रहते हैं। घटना के समय वह फैक्ट्री कर्मचारी राकेश को शराब पिलाने के लिए फैक्ट्री एरिया में चला गया। पीछे से चैन सिंह ने घटना को अंजाम दिया और मौके से फरार हो गया। बलवीर सिंह ने बताया कि वह राकेश को फैक्ट्री में छोड़कर घर चला गया।



जयपुर, 5 जुलाई
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (Rajasthan Staff Selection Board) ने कृषि पर्यवेक्षक (Agriculture Supervisor) के पदों पर सीधी भर्ती परीक्षा 2021 की संशोधित विज्ञप्ति जारी की है। बोर्ड (Board) ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के पुरुष अभ्यार्थियों को अधिकतम आयु सीमा में पांच वर्ष और महिला अभ्यार्थियों को अधिकतम आयु सीमा में 10 साल की अतिरिक्त छूट प्रदान की है। साथ ही कार्मिक विभाग के निर्देश के मुताबिक आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को अन्य पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग के समान आवेदन शुल्क जमा कराने की रियायत प्रदान की गई है। बोर्ड ने कुल 2254 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन (Online Application) मांगे हैं। गौरतलब है कि कृषि विभाग (Agriculture department) की ओर से गैर अनुसूचित क्षेत्र के लिए कृषि पर्यवेक्षक के नए 1160 पद और अनुसूचित क्षेत्र के लिए कृषि पर्यवेक्षक के नए 212 पदों यानी कुल 1372 पदों को शामिल कर अब 2254 पदों के लिए संशोधित अभ्यर्थना बोर्ड को भिजवाई गई है।



जयपुर, 5 जुलाई
प्रदेश में सुस्त पड़ा मानसून अगले चार पांच दिन के बाद एक बार रफ्तार पकड़ सकता है। सोमवार को प्रदेश के अजमेर, डबोक, कोटा, चूरू, भीलवाड़ा, पिलानी, सीकर, सवाई माधोपुर,धौलपुर में बरसात रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा की स्थिति राजस्थान के बाड़मेर, भीलवाड़ा और धौलपुर जिले से गुजर रही है। परिस्थितियां अनुकूल रहने पर 10 जुलाई के आसपास मानसून के प्रदेश के शेष भागों में प्रवेश करने की संभावना है।
मौसम विभाग ने मंगलवार को भरतपुर, दौसा, झालावाड़, राजसमंद में कहीं कहीं पर मेघगर्जन, वज्रपात के साथ अचानक 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना जताई है। वहीं श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में कहीं कहीं पर लू चलने का यलो अलर्ट दिया है। बुधवार और गुरुवार को प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा जबकि 9 जुलाई को भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर, धौलपुर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू जिलों में कहीं कहीं पर मेघगर्जन,वज्रपात के साथ 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना है।
तापमान में होगी बढ़ोतरी
पिछले 24 घंटे की बात करें तो श्रीगंगानगर सबसे अधिक गर्म 41.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा बीकानेर, वनस्थली, पिलानी, सवाई माधोपुर, धौलपुर, पाली, टोंक और बूंदी का दिन का तापमान 40 डिग्री या इससे अधिक रिकॉर्ड किया गया।
प्रदेश के विभिन्न भागों का अधिकतम और न्यूनतम तापमान
अजमेर 37.5 27.0
जयपुर 39.8 24.6
कोटा 38.9 29.2
डबोक 35.4 26.0
बाड़मेर 38.3 28.6
जैसलमेर 39.0 27.9
जोधपुर 39.0 30.5
बीकानेर 40.6 30.9
चूरू 39.5 24.5
श्रीगंगानगर 41.8 29.6
भीलवाड़ा 38.0 26.4
वनस्थली 40.2 26.5
अलवर 39.8 20.9
पिलानी 40.8 25.7
सीकर 39.5 24.6
चित्तौडगढ़़ 37.0 27.1
फलौदी 39.8 31.6
सवाई माधोपुर 41.4 28.6
धौलपुर 42.1 28.4
पाली 41.7 32.2
नागौर 39.6 30.0
टोंक 40.7 27.5
बूंदी 40.0 28.0

जयपुर. झोटवाड़ा औद्योगिक क्षेत्र में पीपा फैक्ट्री की मालकिन निर्मला खेमका की हत्या चालक व काम छोड़ चुके कर्मचारी ने की थी। पुलिस ने चालक को गिरफ्तार कर लिया, जबकि चाचा की तलाश है।

एडिशनल डीसीपी रामसिंह ने बताया कि नागौर के पिलवा स्थित भवानी गांव निवासी बलवीर सिंह को हत्या के मामले में गिरफ्तार किया है। जबकि बलवीर के चाचा चैन सिंह की तलाश जारी है।

चाचा-भतीजा ने शराब के ठेके पर रची साजिश

एसीपी हरिशंकर शर्मा ने बताया कि फैक्ट्री का चालक बलवीर सिंह और फैक्ट्री में काम कर चुका उसके चाचा चैन सिंह ने मिलकर हत्या की साजिश रची। दोनों ने चौमूं के रामपुरा में एक ठेके पर शराब पी। उन्हें आशंका थी कि फैक्ट्री मालकिन के पास 5 से 7 लाख रुपए हमेशा रहते हैं। साजिश के तहत बलवीर फैक्ट्री के चौकीदार राकेश को 29 जून की रात करीब 9 बजे अपने साथ शराब पिलाने ले गया।

चौकीदार को करीब साढ़े दस ग्यारह बजे तक अपने साथ रखा। इसी दौरान पीछे से चैन सिंह फैक्ट्री में पहुंच गया और फैक्ट्री मालकिन की हत्या कर दी। वारदात के बाद पुलिस ने घटना आस-पास के सीसीटीवी कैमरे और तकनीकी टीम की मदद ली। बलवीर फैक्ट्री के पास नजर आया था। बलवीर ने पूछताछ में चाचा के संग हत्या करना कबूल लिया।



जयपुर, 5 जुलाई
सादुल स्पोट्र्स स्कूल बीकानेर (Sardul Sports School.bikaner ) में एडमिशन लेने के इच्छुक विद्यार्थी नए शिक्षा सत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं। स्कूल प्रशासन ने 12 खेलों में आयु वर्ग के अनुसार रिक्त सीटों पर आवासीय छात्रों के प्रवेश के लिए यह आवेदन मांगे गए हैं। इन 12 खेलों में एथलेटिक्स, बास्केटबॉल, क्रिकेट,फुटबॉल, जिम्नास्टिक, हैंडबॉल, हॉकी, कबड्डी, खो.खो, टेबल.टेनिस, वालीबॉल और कुश्ती शामिल हैं।
एडमिशन के लिए एप्लाई करने वाले छात्र की आयु 31 दिसम्बर 2021 को कक्षा 6 से 8 तक के लिए 14 वर्ष, कक्षा 9 से 10 तक 17 वर्ष और कक्षा 11 से 12 तक 19 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। 10वीं से 12वीं कक्षा में एडमिशन के लिए छात्र के पास विद्यालयी खेलकूद प्रतियोगिता में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सम्बंधित खेल का प्रमाण.पत्र अनिवार्य है। आवेदन पत्र 7 जुलाई से कार्यालय दिवस के दौरान प्रात: 10 बजे से शाम 5 बजे तक उपलब्ध होंगे। आवेदन पत्र जमा करवाने की अंतिम तिथि 6 अगस्त निर्धारित की गई है।
छात्र आवेदन पत्र डाक से मंगवाने के लिए स्वयं का पता लिखा लिफाफा और 200 रुपए का रेखांकित पोस्टल ऑर्डर प्रधानाचार्य सादुल स्पोट्र्स स्कूल, बीकानेर के नाम से भेजे जा सकते हैं। जिन छात्रों ने सत्र 2020-21 में आवेदन किया था उन्हें पुन: आवेदन पत्र भरने की आवश्यकता नहीं है।



जयपुर, 5 जुलाई

गत वर्ष कोविड के कारण स्कूल बंद रहने से खेल मैदानों और परिसरों में झाड़ झंखाड़ उग आए। कई स्कूलों में लगे पेड़ पौधे पानी नहीं मिलने के कारण सूख गए। लेकिन इन सबके बीच शहर का एक स्कूल ऐसा भी था जहां हरियाली अपने पैर पसार रही थी और यह संभव हुआ उस स्कूल के शिक्षकों के प्रयासों से। आज स्कूल में वाटिका विकसित हो चुकी है जो दूसरे स्कूलों के लिए भी एक उदाहरण है और पर्यावरण सरंक्षण की दिशा में एक अभिनव प्रयास भी। हम बात कर रहे हैं गांधी सर्किल स्थित राजकीय पोद्दार स्कूल की, जिसकी दशा स्कूल शिक्षकों ने मिलकर बदल दी, स्कूल में पौधे लगाए और वाटिका विकसित कर दी वह भी अपने खर्च पर।

लॉकडाउन में उठाई देखभाल की जिम्मेदारी
स्कूल के शिक्षक काफी सालों से समय समय पर नियमित रूप से परिसर में पौधे लगाते आ रहे हैं लेकिन पिछले साल लॉकडाउन लगने के बाद स्कूल बंद हो गए जिसके चलते परिसर में लगे काफी पेड़ पौधे सूख गए, ऐसे में जो पौधे बचे थे उन्हें बचाने के लिए शिक्षकों ने निर्णय लिया कि वह खुद उनकी देखभाल करेंगे। स्कूल बंद होने के बाद भी शिक्षकों ने नियमित रूप से अपनी जिम्मेदारी लेते हुए पौधों की देखभाल करने का निर्णय लिया, जिससे शेष बचे पेड़ पौधों को सूखने से बचाया जा सके। शिक्षकों ने
जन्मदिन पर भी लगा रहे पौधे
इसके साथ ही अपने और अपने परिजनों के जन्मदिन के अवसर पर भी खाने पीने पार्टी करने में पैसे बरबाद करने की जगह स्कूल परिसर में पौधे लगाएंगे। नतीजा केवल छह माह में यहां शिक्षक तकरीबन हजार से अधिक पौधे लगा चुके हैं। शिक्षक खुद फावड़ा, दांतली लेकर श्रमदान करते हैं और स्कूल परिसर में एक वाटिका विकसित कर ली। शिक्षकों का कहना है कि यदि आमजन भी यहां आकर पौधरोपण करना चाहे तो वह कर सकते हैं।
वेस्ट ऑफ बेस्ट का सही उपयोग
लॉकडाउन के बाद जब कुछ समय के लिए स्कूल खुले उस दौरान शिक्षकों को पौधरोपण करते देख विद्यार्थियों को भी प्रेरणा मिली और उन्होंने भी नियमित रूप से उनका साथ देना शुरू किया। नतीजा कुछ ही समय में वाटिका का स्वरूप निखर आया। विद्यार्थियों और शिक्षकों ने वेस्ट ऑफ बेस्ट के सिद्धांत का सही उपयोग करते हुए वाटिका की बाउंड्री वॉल बनाने के लिए स्कूल में पड़े हुए पुराने कबाड़ का ही उपयोग किया गया। साथ ही पुराने गमले, टूटी बोतल, प्लास्टिक के डिब्बों को फैंकने की जगह उनमें भी पौधे लगाए गए।

इन्होंने भी निभाई जिम्मेदारी
राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने भी इस दिशा में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई। संघ के प्रदेशाध्यक्ष शशिभूषण शर्मा को जो कि इसी स्कूल में पदस्थापित हैं ने बताया कि कोविड में ड्यूटी करते हुए शहीद हुए शिक्षकों, चिकित्सकों, पत्रकारों की याद को अक्षुण्ण रखने के लिए संघ ने एक लाख से अधिक पौधे लगाने का निर्णय लिया था। इसकी शुरुआत विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर स्कूल से ही की गई थी। जिसके बाद से स्कूल के शिक्षक अपने जन्मदिन, मैरिज एनिवर्सरी आदि पर कम से कम दस पौधे यहां लगाते हैं और उनकी देखभाल करने का संकल्प लेते हैं। उन्होंने कहा कि देश में ऑक्सीजन की कमी के चलते हजारों नागरिकों ने अपना जीवन गंवाया है। हमारे बच्चों ने अपने माता.पिता या अभिभावकों को खोया है। संगठन का मानना है कि पेड़ पौधे ऑक्सीजन का भंडार है अन्य बीमारियों से बचाते हैं इसलिए संगठन द्वारा यह संकल्प लिया गया है कि वह पेड़ लगाकर पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देंगे।

जयपुर। वैशाली नगर थाना इलाके में सोमवार दोपहर नेमीसागर कालोनी के आगे मुख्य सड़क पर लग्जरी कार तेजी से उल्टी दौड़ने लगी। भीड़भाड़ वाली सड़क पर उल्टी दौड़ती कार को देखकर हड़कंप भी मच गया। कार ने दो कारों को टक्कर मारने के बाद एक शोरूम के बेसमेंट में जाने वाली सीढ़ियों पर लटक गई। पुलिस ने क्रेन की मदद से क्षतिग्रस्त कारों को बेसमेंट और सीढिय़ों से हटाया। हादसे में कार चालक के चोटे आई है, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया है।

थाना प्रभारी अनिल जैमिनी बताया कि दोपहर करीब दो बजे नेमी सागर कॉलोनी निवासी आशीष गोयल तिरोह से कार पीछे ले रहे थे। इस दौरान कार अनियंत्रित हो गई और करीब १०० की स्पीड में स्कूल की दीवार के पास खड़ी दो कारों को टक्कर मार दी। इसके बाद कार डिवाइड कूदकर तिरोह पर स्थित एक शोरूम की पार्किंग में पहुंच गई। कार ने यहां खड़ी दो कारो को टक्कर मार दी। गनीमत रही की इस हादसे में किसी प्रकार की जनहानी नहीं हुई। नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था।

प्रारम्भिक जांच में सामने आया है कि हादसे में समय चालक कार पीछे ले रहा था तभी वह अनियंत्रित हो गई उसने स्कूल की दीवार के पास खड़ी दो कारो को टक्कर मार दी। इसके बाद वह हड़बड़ा गया और कार की स्पीड तेज हो गई। इससे चालक के चोटें आई है जिसको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है पुलिस मामले की जांच कर रही है।

समझ नहीं आया क्या हुआ
प्रत्यशदर्शी शोरूम संचालक गौरव गुप्ता ने बताया कि कार की गति बहुत ज्यादा लग रही थी और उल्टी दौड़ रही थी। कार से नुकसान हुआ है हादसा कैसे हुआ इसकी जांच पुलिस कर रही है।

Jaipur प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का असर कम होने लगा है। सोमवार का दिन इसलिए भी राहत भरा रहा कि 21 जिलों में कोरोना के नए मरीजों की संख्या शून्य रही, जबकि 12 जिलों में 55 नए संक्रमित दर्ज किए गए। हालांकि 3 मरीजों की कोरोना से जान गई। एक्टिव केस भी अब राहत की ओर हैं। प्रदेश में 1092 एक्टिव केस ही रह गए हैं। जिन जिलों में संक्रमण दर्ज किया गया है, उनमें सिर्फ जयपुर में 19 मरीज मिले, अन्य में नए मामलों की संख्या 10 से कम ही रही। राहत की बात यह भी रही कि अलवर जिले में भी संक्रमण कम हुआ है, यहां से लगातार अन्य जिलों की तुलना में संक्रमित ज्यादा दर्ज किए जा रहे थे।

यहां रही संख्या शून्य
अजमेर, बांसवाड़ा, बारां, बूंदी, चित्तौड़गढ़, चूरू, धौलपुर, डूंगरपुर, जैसलमेर, झालावाड़, झुंझुनूं, करौली, कोटा, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, सीकर, टोंक और उदयपुर में कोई नया कोरोना मरीज दर्ज नही किया गया है।

यहां मिले संक्रमित
जयपुर में 19, दौसा में 8, सिरोही में 5, जोधपुर में 4, बीकानेर 4, हनुमानगढ़ 4, भरतपुर 3, श्रीगंगानगर 3, अलवर 2, बाड़मेर, भीलवाड़ा, जालौर में एक-एक नया मरीज मिला है।

यहां हुई मौतें
बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और उदयपुर में एक-एक मरीज की मौत हुई है।

जयपुर।

नगरीय विकास विभाग ने भूमि आवंटन नीति—2015 में संशोधन करते हुए राजकीय विभागों को निर्धारित सीमा तक भूमि आवंटन के अधिकार निकायों को दिए हैं। इन मामलों को अब मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

विभाग के आदेश के मुताबिक अब प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को संभाग मुख्यालय तक 2 हजार और अन्य स्थानों पर 3 हजार वर्गमीटर तक भूमि का आवंटन निकाय स्तर पर ही किया जा सकेगा। इसी तरह माध्यम और उच्च माध्यमिक विद्यालयों को संभागीय मुख्यालय पर 4 हजार और अन्य स्थानों पर 6 हजार वर्गमीटर भूमि का आवंटन स्थानीय स्तर पर किया जा सकेगा। महाविद्यालय (सामान्य, तकनीकी, पॉलिटेक्निक, चिकित्सा, आईटीआई सहित) को भी संभागीय मुख्यालय पर 10 हजार और अन्य स्थानों पर 13 हजार वर्गमीटर भूमि का आवंटन निकाय स्तर पर किया सकेगा। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा पोषित मंडल, निगम, उपक्रम को आरक्षित दर से कम दर (50 प्रतिशत से कम नहीं) पर आवंटन निकाय कर सकेंगे। ऐसे मामले भी सरकार के पास भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

ये भूमि भी आवंटित कर सकेंगे निकाय

—जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग व अन्य राजकीय विभागों को उनके कार्यालय, इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 हजार वर्गमीटर तक

—प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए 4 हजार वर्गमीटर तक

—उप स्वास्थ्य भवन के लिए 5 वर्गमीटर तक

—पुलिस थाना के लिए 2 हजार वर्गमीटर तक

—पुलिस चौकी के लिए 500 वर्गमीटर तक

—अन्य ग्राम या ग्राम पंचायत स्तरीय कार्यालय के लिए 500 वर्गमीटर तक

—अन्य तहसील या पंचायत समिति स्तरीय कार्यालय के लिए 4 हजार वर्गमीटर तक

—अन्य उपखंड स्तरीय एवं जिला स्तरीय कार्यालय के लिए 5 हजार वर्गमीटर तक

Jaipur कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से पहले राज्य में सम्पूर्ण टीकाकरण मूर्त रूप लेता दिखाई नहीं दे रहा। प्रदेश में लगातार कोरोना टीकों की कमी के कारण टीकाकरण प्रभावित हो रहा है। टीकों की कमी के चलते सोमवार को प्रदेश के कुछेक केंद्रों पर ही टीकाकरण हो सका, वहीं मंगलवार को यह पूरी तरह बंद रहेगा। जिन केंद्रों पर कुछ डोज बची हुई है, वो लगाई जा सकती है, बाकी सभी केंद्रों पर ताले रहेंगे। पिछले सप्ताह ही वैक्सीन आपूर्ति के लिए राज्य के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री दोनों केंद्र सरकार को पत्र लिख चुके हैं। इन पत्रों में कहा गया है कि राज्य में एक दिन में 10 लाख तक का टीकाकरण किया जा सकता है, यदि समय पर वैक्सीन उपलब्ध हो तो।

जयपुर जिले में भी बंद रहेंगे केंद्र
प्रदेश के अन्य जिलों के साथ राजधानी के सभी केंद्र मंगलवार को बंद रहेंगे। इससे पहले सोमवार को भी लाभार्थी अपने नजदीकी केंद्रों पर पहुंचे, लेकिन उन्हें मायूस लौटना पड़ा। जिला प्रशासन और सरकार की ओर से चलाए जा रहे वैक्सीन जागरूकता अभियानों पर यहां पानी फिरता नजर आ रहा है। लोग बड़ी संख्या में केंद्रों तक पहुंच रहे हैं, लेकिन वैक्सीन उनकी पहुंच से दूर है। इस जुलाई माह में अब तक राज्य को साढ़े सात लाख डोज ही मिली है। यह राज्य में दो से तीन दिन ही चल पाई।

इनका कहना है
दो दिनों से प्रदेश में वैक्सीन नहीं है। सोमवार को कोई खेप नहीं पहुंची और मंगलवार को भी वैक्सीन मिलेगी या नहीं, यह साफ नहीं हो पाया है। वैक्सीन की कमी से मंगलवार को वैक्सीनेशन बंद रहेगा, इस दिन भी वैक्सीन नहीं आती है तो बुधवार को भी टीकाकरण नहीं हो पाएगा।
डॉ. रघुराज सिंह, नोडल अधिकारी, कोरोना वैक्सीनेशन

जयपुर। योगिनी एकादशी के मौके पर सोमवार को भक्तों ने व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना कर मंदिरों में दर्शन के साथ ही दान पुण्य किया। गोविंददेव जी मंदिर में मंदिर में ठाकुर जी ने एकादशी पर भक्तोंं को दर्शन नहीं दिए। कोरोना संक्रमण और भीड़भाड़ के चलते गोविंद देव जी मंदिर प्रबंधन की ओर से भक्तों के हित में अच्छी पहल भी देखने को मिली।

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यहां हर बड़े उत्सवों, एकादशी, पूर्णिमा पर आम दर्शनार्थियों का प्रवेश वर्जित रहेगा। ताकि कोई संक्रमण का खतरा न रहे या व्यवस्था न बिगड़े। परंतु भगवान के दर्शनों में भी वीवीआईपी माहौल में दर्शन जारी रहे। सुबह मुख्य सचेतक महेश जोशी समेत अन्य लोगों ने मंदिर में दर्शन किए। आमजन ने कहा कि नियम सबके लिए एक हो।

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इस दौरान भक्त मंदिर के मुख्य द्वार बंद होने पर नतमस्तक होकर आराध्य से सुख समृद्धि की कामना करते हुए दिखे। सुबह महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में ठाकुरजी का अभिषेक हुआ।

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इसके बाद नटवर वेश में दर्शन दिए। गोचारण लीला भाव के अनुरूप श्रृंगार किया। भक्तों ने ईदर्शन किए। मंगलवार से सुचारू सुबह 7.45 बजे से सुबह 11.30 बजे तक दर्शन होंगे।

इकोलॉजिकल जोन में जेडीए की जमीन पर अतिक्रमण
— आधा बीघा जेडीए स्वामित्व की बेशकीमती भूमि को कराया अतिक्रमण मुक्त
— जामडोली के केशव विद्यापीठ चौराहा पर जेडीए की कार्रवाई

जयपुर। जेडीए के प्रवर्तन दस्ते ने सोमवार को कार्रवाई करते हुए ईकोलॉजिकल जोन (Jaipur Ecological Zone) आगरा रोड केशव विद्यापीठ चौराहा जामडोली में करीब आधा बीघा जेडीए स्वामित्व की बेशकीमती भूमि और आम रास्ता व सड़क सीमा में आ रहे अतिक्रमण को ध्वस्त (Demolition encroachment) कर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया।

मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन रघुवीर सैनी ने बताया कि प्रवर्तन प्रकोष्ठ की ओर से जोन 10 में इकोलॉजिकल जोन आगरा रोड केशव विद्यापीठ चौराहा, जामड़ोली के खसरा नंबर 717 मुख्य रोड पर करीब आधा बीघा जेडीए स्वामित्व की सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर अवैध दुकाननुमा नव निर्माण व अन्य अवैध निर्माण-अतिक्रमण कर लिए गए, जिन्हें जोन-10 के राजस्व व तकनीकी स्टाफ की निशादेही पर प्रवर्तन दस्ते की ओर से जेसीबी मशीन व मजदूरो की सहायता से ध्वस्त किया गया और जेडीए स्वामित्व की बेशकीमती भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाया गया।

यहां भी कार्रवाई
उन्होंने बताया कि जयसिंहपुरा खोर मानबाग के पास ओम शिव कॉलोनी में आम रास्ते पर रोड सीमा में भूखण्ड संख्या 23 के सामने रोड पर अतिक्रमण कर अवैध रूप से करीब 10 वर्ष पहले बनाये गये शोचालय, बाथरूम आदि अवैध निर्माण-अतिक्रमण को ध्वस्त किया गया।

प्रवर्तन दस्ते की ओर से आगरा रोड जामड़ोली में खसरा नंबर 717 के सामने अवैध रूप से डीपीसी भरकर किए जा रहे 5 दुकाननुमा अवैध नवनिर्माण आदि को जेसीबी मशीन व मजदूरों की सहायता से इस कार्यवाही के दौरान जेडीए प्रवर्तन दस्ते के साथ स्थानीय पुलिस थाना ब्रहमपुरी, आमेर सर्किल का जाप्ता आदि भी मौजूद रहा।

Jaipur राजस्थान विश्वविद्यालय के अविवादित खसरों के नामान्तरण विश्वविद्यालय के पक्ष में खोलने की प्रक्रिया जारी है। वहीं विश्वविद्यालय की अन्य भूमि का नामान्तरण सर्वे कार्य के बाद ही किया जा सकेगा। यह सर्वे उपखण्ड अधिकारी जयपुर से समन्वय रखते हुए विश्वविद्यालय की ओर से ही होगा। आरयू और सम्बद्ध महाविद्यालयों को आंवटित, अधिग्रहित भूमि को राजस्थान विश्वविद्यालय के नाम से राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाने के सम्बन्ध में सोमवार को आयोजित बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रथम इकबाल खान ने यह निर्देश दिए। खान ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार कजोड़ मल दुरिया को उपखण्ड अधिकारी जयपुर से समन्वय रखते हुए तहसील जयपुर और विश्वविद्यालय के अन्य प्रतिनिधियों को साथ लेकर सर्वे कराने निर्देश दिए।

दस्तावेज करने होंगे प्रस्तुत
महाराजा कॉलेज व महारानी कॉलेज की भूमि के दोनों परिसरों के टाइटल के सम्बन्ध में दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए विश्वविद्यालय प्रतिनिधियों को निर्देषित किया गया। वहीं राजस्थान कॉलेज की विश्वविद्यालय के अधिपत्य की राजकीय भूमि के रूप में दर्ज भूमि के प्रस्ताव बनाकर भेजने के लिए तहसीलदार जयपुर को निर्देशित किया गया, ताकि राज्य सरकार से सहमति प्राप्त की जा सके। बैठक में एनसीसी के प्रतिनिधि के रूप में मौजूद मधु रघुवंशी ने महाराजा कॉलेज परिसर से लगते हुए ग्राम किशनपोल तहसील जयपुर की भूमि पर बने हुए एनसीसी भवन की भूमि एनसीसी के नाम किए जाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। उन्हें बताया गया कि इस मामले में पीडब्ल्यूडी से एनओसी लिए जाने के बाद ही कार्रवाई किया जाना सम्भव होगा। तहसीलदार जयपुर को निर्देशित किया गया कि वह प्रतिनिधि को आवश्यक अभिलेख की नकलें उपलब्ध करावें।

कुछ भूमि वन विभाग की
कॉमर्स कॉलेज के साथ अन्य भूमि जो विश्वविद्यालय को औपचारिक रूप से आंवटित कि गई है, वह अधिकांश भूमि वन विभाग के नाम है। इस बारे में डीएफओ जयपुर उपकार बोराना को दो-तीन दिन में कार्रवाई करते हुए विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि को स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया। विश्वविद्यालय की जेडीए के नाम दर्ज भूमि की एनओसी प्राप्त करने के लिए जोन उपायुक्त कुन्तल विश्नोई से वार्ता कर दो दिवस में कार्रवाई पूर्ण कर आदेश जारी कराने के निर्देश दिए हैं। इस सम्बन्ध में अगली बैठक 30 जुलाई का होगी।

जयपुर। मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल को लेकर कांग्रेस में चल रही सियासी खींचतान के बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने 9 जिलों में होने वाले नगर निकायों के उपचुनाव को लेकर कार्यक्रम जारी कर दिया है। चुनाव कार्यक्रम के तहत शहरी निकायों के दो अध्यक्षीय पदों और सदस्यों के 18 रिक्त पदों पर उपचुनाव होंगे।

कार्यक्रम जारी होने के साथ संबंधित जिलों के क्षेत्र में आचार सहिंता लागू हो गई है। कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में कमी आने के साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य की नगर निकाय और पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज कर दी है। पहले दौर में राज्य निर्वाचन आयोग नगर निकाय उपचुनाव का कार्यक्रम जारी किया है। सभी चुनाव ईवीएम से कराए जाएंगे।

12 जुलाई को जारी होगी अधिसूचना
निकायों के उपचुनाव में सदस्य पद के लिए अधिसूचना 12 जुलाई को जारी होगी। नामांकन पत्र 16 जुलाई सुबह 10:30 बजे से पेश किया जा सकेंगे। नामांकन पत्रों की जांच होगी 17 जुलाई को सुबह 10:30 बजे। 20 जुलाई को चुनाव चिन्हों का आवंटन होगा। सदस्य पद के लिए मतदान 26 जुलाई सुबह 8 से शाम 6 बजे तक होगा।

मतगणना 28 जुलाई सुबह 8 बजे से होगी। अध्यक्ष पद के लिए अधिसूचना 29 जुलाई को होगी जारी। नामांकन पत्र 30 जुलाई सुबह 10:30 से दोपहर 3 बजे तक पेश किए जा सकेंगे। 2 अगस्त को नामांकन वापस लेने के समय के तुरंत बाद चुनाव चिन्ह का होगा। अध्यक्ष पद के लिए मतदान 5 अगस्त सुबह 10 से दोपहर 20 बजे तक होगा।

कोरोना से बचाव के किए जाएंगे उपाय
निर्वाचन आयोग की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार साफ किया गया है कि कोरोना लेकर जो आयोग ने गाइडलाइन जारी की है उसकी पालना हो। चुनाव के दौरान किसी भी तरह के सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सैनिटाइजर की गाइड लाइन की पूरी तरीके से पालना हो , इसको लेकर सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए हैं।


इन 9 जिलों के निकायों में होंगे उपचुनाव
-अजमेर---- --अजमेर निगर निगम, और किशनगढ़ नगर पालिका
-भरतपुर------- भरतपुर नगर निगम
-चूरू------- --रतन नगर, सुजानगढ़ और छापर नगर पालिका
-हनुमानगढ़----- नोहर और भादरा नगर पालिका
-झालावाड़----- झालावाड़ और पिड़ावा नगरपालिका
-झुंझुनूं- ------झुंझुनू नगर पालिका और खेतड़ी
-नागौर------- डीडवाना
-प्रतापगढ़----प्रतापगढ़ नगर पालिका
-पाली----सुमेरपुर और सादड़ी नगर पालिका में उपचुनाव होने हैं।

जया गुप्ता / जयपुर। प्रदेश में पिछले 16 दिनों से मानसून अटका हुआ है। सोमवार को भी प्रदेश में कुछ स्थानों पर बारिश ने राहत दी, वहीं कुछ स्थानों पर उमस से लोग बेहाल रहे। अब मानसून पूर्वी राजस्थान में 10 जुलाई से सक्रिय होगा।

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मानसून की उतरी सीमा सोमवार को भी बाड़मेर, भीलवाड़ा व धौलपुर से गुजर रही है। ये पिछले 16 दिनों से यहीं पर है। मौसम विभाग के अनुसार 10 जुलाई से पूर्वी राजस्थान में बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होने की सम्भावना है। 10 जुलाई को पूर्वी राजस्थान के कुछ भागों में मानसून के आगे बढ़ेगा।

6-9 जुलाई के दौरान पूर्वी राजस्थान में होगी छिटपुट बारिश

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6 से 9 जुलाई के दौरान पूर्वी राजस्थान में छुटपुट स्थानों पर बारिश होने की संभावना है। 10 जुलाई से पूर्वी राजस्थान के कुछ भागों में बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी। वहीं पश्चिमी राजस्थान में मानसून के सक्रिय होने में समय लगेगा।

चुरू में 20 मिमी बारिश, जयपुर में उमस ने किया परेशान

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सोमवार को प्रदेश के कुछ जिलों में बारिश से राहत मिली। अजमेर में 1.2 मिमी, डबोक में 0.1 मिमी, चुरू में 20 मिमी, भीलवाड़ा व पिलानी में 3 मिमी, सीकर में 5 मिमी, सवाईमाधोपुर में 2 मिमी व धौलपुर में 0.5 मिमी बारिश हुई। वहीं जयपुर में बादल आए मगर बरसे नहीं। उमस के कारण लोग बेहाल रहे।

इस माह चार बड़े ग्रह बदलेंगे अपनी राशि
— बुध ग्रह 7 जुलाई को करेंगे राशि परिवर्तन
— बुध ग्रह वृष राशि से अपनी स्वराशि मिथुन में करेंगे प्रवेश

जयपुर। ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार जुलाई का महिना खास रहेगा। इस माह चार बड़े ग्रहों का राशि परिवर्तन (change of planets) होगा। ऐसे में कई राशि के जातकों के लिए ये सफलता लेकर आएंगे। इसकी शुरुआत 7 जुलाई को होगी, इस दिन सुबह 11 बजकर 04 मिनट पर ग्रहों के युवराज बुध ग्रह (Mercury Planet) वृष राशि (Taurus) को छोड़कर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। जो करीब 19 दिन तक मिथुन राशि में रहेंगे, इसके बाद 25 जुलाई को ये चन्द्र ग्रह की राशि कर्क में प्रवेश करेंगे। इसके बाद 16 जुलाई को सूर्य शाम 4.52 बजे कर्क राशि में आएंगे। 17 जुलाई को शुक्र सुबह 9.26 बजे सिंह राशि में आएंगे और 20 जुलाई को मंगल भी सिंह राशि में आएंगे। वहीं 20 जुलाई को ही गुरु सुबह 10.28 बजे धनिष्ठा नक्षत्र में आएंगे।

ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि नवग्रहों के युवराज बुध ग्रह 7 जुलाई को राशि परिवर्तन कर अपनी स्वराशि मिथुन में आएंगे। बुध ग्रह का स्वराशि में आना सफलता लेकर आएगा। ग्रह अपनी स्वराशि में मजबूत स्थिति में होता है। बुध ग्रह के बाद ग्रहों के राजा सूर्य देव अपनी राशि बदलेंगे। वे कर्क संक्रांति के दिन यानि 16 जुलाई 2021 को शाम 4.52 बजे चंद्रमा की राशि कर्क में प्रवेश करेंगे। जहां पर इस राशि में वे एक माह तक विराजमान रहेंगे। सूर्य के बाद सुख और वैभव के कारक ग्रह शुक्र 17 जुलाई को सुबह 9.26 बजे सिंह राशि में अएंगे और 20 जुलाई ग्रहों के सेनापति मंगल शाम 5.54 बजे सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। इन चारों ग्रहों का राशि परिवर्तन चार राशियों के लिए बेहद शुभ होने जा रहा है।

बुध ग्रह मिथुन राशि का स्वामी
ज्योतिषाचार्य पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि बुध ग्रह बुद्धि, धन व व्यापार का कारक होता है। बुध ग्रह मिथुन राशि का स्वामी है, ऐसे में वह अपनी स्वराशि में प्रवेश कर रहा है, जिससे मिथुन राशि के साथ तुला व वृश्चिक राशि के जातकों के लिए यह सफलता और उन्नति दायक होगा। बाकि के लिए यह सामान्य रहेगा।

कब किसका राशि परिवर्तन

— बुध ग्रह 7 जुलाई को करेंगे राशि परिवर्तन
— सूर्य 16 जुलाई को आएंगे कर्क राशि में
— शुक्र 17 जुलाई को सिंह में करेंगे राशि परिवर्तन
— मंगल 20 जुलाई को सिंह राशि में आएंगे
— 20 जुलाई को गुरु सुबह 10.28 बजे धनिष्ठा नक्षत्र में आएंगे

कौन कब तक रहेगा राशि में
— बुध 25 जुलाई तक मिथुन में रहेंगे
— सूर्य 16 अगस्त तक कर्क राशि में रहेंगे
— शुक्र 11 अगस्त तक सिंह राशि में रहेंगे
— मंगल 6 सितंबर तक सिंह राशि में रहेंगे

बोझ या बहाना

Monday 05 July 2021 04:34 PM UTC+00 | Tags: opinion

अमित वाजपेयी


नेतृत्व के बिना न परिवार चलता है और न समाज, न देश और न लोकतन्त्र। इसीलिए हर संस्था में प्रमुख या मुखिया का प्रावधान है। ताकि वह अधिकृत तौर पर सम्बन्धित संस्था का बेहतर संचालन करे। उस पर नियन्त्रण रखे और उसकी बाधाएं दूर करते हुए उन्नति की ओर ले जाए।

जिलों में मुखिया के तौर पर यह भूमिका कलक्टर के जिम्मे होती है। जिलों में वह सरकार का भी सबसे बड़ा प्रतिनिधि होता है और जनता का भी। इस नाते उसका दायित्व है कि वह मजबूत सेतु बने और बना रहे। न केवल सरकारी योजनाओं-कार्यक्रमों का लाभ जनता तक प्रभावी ढंग से पहुंचाए बल्कि जनता की पीड़ा-परेशानियां सुने और सरकार से उनका निराकरण कराए। नवाचार करे, विकास के नए आयाम गढ़े। उसके रहते जिला खुशहाली की दिशा में नए पायदान चढ़े।

लेकिन पिछले वर्षों में कलक्टरों का ध्यान इन दायित्वों से लगभग हट गया है। उनकी भूमिका कलक्टर की बजाय 'बड़े बाबू' की तरह हो गई है। ढेरों कागज, कभी न खत्म होने वाली फाइलें, अनवरत बैठकें, अथाह रिपोर्टें और नेताओं की अनिवार्य जी-हुजूरी। इन सभी में उनका दम खप रहा है। कुछ नया करना या कर गुजरना तो दूर, जनता के प्रति सामान्य दायित्व निभाने पर भी ध्यान नहीं है।


क्या समूचे राजस्थान में कोई ऐसा कलक्टर है, जिसने शहरी जनता से समन्वय सतत बेहतर बनाने, गांवों की चौपालों में शामिल होने, गांवों में रात्रि ठहराव करने का सिलसिला अब तक बरकरार रखा हो? जनता से दूरी का यह सिलसिला आखिर कब तक चलेगा? जनता के काम नहीं होंगे, लोगों की परेशानियां दूर नहीं होंगी तो क्या मर्ज बढ़ता नहीं जाएगा? जरूरतों के आधार पर विकास की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो क्या जिलों के रूप में पिछड़ते-पिछड़ते पूरा राजस्थान गर्त में नहीं चला जाएगा?

क्या उतना ही काम और विकास होगा, जितना 'ऊपर' से कागजों में उकेरकर जिलों को दिया जाएगा? जिलों में जनता के बीच बैठने वाला कलक्टर क्या व्यावहारिकता और आवश्यकता के पैमाने को नजरअंदाज ही करता रहेगा? कागजी आदेशों की पालना कराने में जनता का हित भी सदा के लिए भुला बैठेगा?


सोचने वाला बिन्दु यह है कि कलक्टर ही फाइलों-बैठकों में व्यस्त रहकर खुश हैं या सरकार उन्हें जनता के काज नहीं साधने देना चाहती? यदि कलक्टर खुद काम नहीं करना चाहते तो पद और अधिकारों पर कुंडली क्यों? यदि सरकार उन्हें बांधे रखना चाहती है तो 'जनता के लिए' का खोखला नारा क्यों? नीति नियंताओं को इस पर विचार करना चाहिए। सरकार को चाहिए कि कलक्टरों पर काम का बोझ है, तो अनुपयोगी-अनुत्पादक कार्यों को चिह्नित करे।

जिन बैठकों का वर्षों से कोई सार नहीं निकला, उन्हें बन्द करना चाहिए। जो बैठकें-गतिविधियां ज्यादा अहम नहीं हैं, उनका जिम्मा कलक्टर के बजाय किसी अन्य अधिकारी को देना चाहिए। यदि सरकार को लगता है कि काम का बोझ केवल बहाना है, तो इस बहाने की आड़ में जनता से कन्नी काट रहे कलक्टरों पर कार्रवाई करनी चाहिए। बोझ हो या बहाना, हल तो निकालना होगा। वरना जनता जिस दिन हल निकालने उतरेगी, उस दिन न कलक्टरों के पास कोई हल होगा और न सरकार के पास।

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जयपुर। प्रदेश में युवा बेरोजगारी को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने युवाओं को अधिक से अधिक स्किल डवलपमेंट ट्रेनिंग देने पर जोर दिया है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (आरएसएलडीसी) की समीक्षा बैठक लेते हुए कहा कि ग्रामीण इलाकों के युवाओं को रोजगार के लिए हर पंचाय़त स्तर पर स्किल डवलपमेंट के तहत प्लम्बर, इलैक्ट्रीशियन एवं फिटर जैसे कोर्स की ट्रेनिंग दी जाए, जिससे हर गांव में प्रशिक्षित कारीगर उपलब्ध हो सकें।

सीएम ने कहा कि स्किल डवलपमेंट के जरिए अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लक्ष्य तय कर विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम की ओर से चुनी गई ट्रेनिंग पार्टनर फर्म एमओयू की शर्तों के मुताबिक निर्धारित संख्या में प्रशिक्षित युवाओं को प्लेसमेंट उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि स्किल डवलपमेंट के लिए तय की गई शर्तों के अनुसार उपलब्ध इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं सुविधाओं के बारे में पूरी छान-बीन कर ट्रेनिंग पार्टनर फर्म का चयन किया जाए।

भिक्षावृत्ति खत्म करने के लिए भिखारियों को मिले रोजगार की ट्रेनिंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए भिखारियों को कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने भिक्षावृत्ति उन्मूलन एवं भिखारियों को रोजगार से जोड़ने की योजना की सराहना करते हुए इसे हर जिले में लागू करने के निर्देश दिए और कहा कि इससे भिक्षावृत्ति उन्मूलन में काफी सफलता मिलेगी।

उन्होंने कहा कि स्किल ट्रेनिंग के बाद रोजगार हासिल करने वाले भिखारियों की सेवाएं अन्य भिखारियों को प्रशिक्षण देकर मुख्यधारा में लाने के लिए मास्टर ट्रेनर्स की तरह ली जाएं। उन्होंने भिखारियों के पुनर्वास एवं उनके प्रशिक्षण के लिए आरएसएलडीसी एवं सामाजिक न्याय व आधिकारिता विभाग को समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।

बैठक में आरएसएलडीसी के चैयरमेन नीरज के. पवन ने युवाओं मे स्किल डवलपमेंट के लिए चलाई जा रही योजनाओं एवं बजट घोषणाओं की क्रियान्विति के बारे में अलग से प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि भिखारियों को रोजगार से जोड़ने की योजना में 100 भिखारियों को प्रशिक्षित किया गया, उनमें से 40 को अक्षयपात्र संस्था में रोजगार मिल चुका है।

ऑक्सीजोन विकसित करने के लिए जेडीए अपना रहा जापानी पद्धति
— सेन्ट्रल पार्क में विकसित करेंगे ऑक्सीजोन
— मियावाकी पद्धति से लगाएंगे 10 हजार पौधे

जयपुर। राजधानी में ऑक्सीजोन विकसित (develop oxygon) करने के लिए जेडीए जापानी पद्धति अपना (JDA adopting Japanese method) रहा है। इसके तहत सेन्ट्रल पार्क में ऑक्सीजोन विकसित किया जाएगा। इसमें करीब आधा हेक्टेयर जमीन में जापानी मियावाकी पद्धति से सघन पौधारोपण (Miyawaki Method Plantation) किया जाएगा। इसकी शुरुआत जेडीए ने सोमवार को पार्क में करीब 200 पौधे लगाकर की। पार्क में आधा हेक्टेयर में जेडीए करीब 10 हजार पौधे लगाएगा।

ऑक्सीजन की जरूरत को देखते हुए जेडीए ने जापानी मियावाकी पद्धति अपनाने का निर्णय लिया। इसके तहत जेडीए शहर के बीच स्थित सबसे बड़े पार्क सेन्ट्रल पार्क में ऑक्सीजोन विकसित करेगा। यहां करीब आधा हेक्टेयर जमीन चिह्नित कर इस तकनीक से पौधारोपण शुरू कर दिया है। इसमें जेडीए राजस्थानी प्राकृतिक पौधे ही लगाएगा, जिसमें नीम, कंरज, गुलमोहर, शीशम, शहतूत, जामुन, सीरस आदि के पौधे अधिक होंगे। इसमें खासबात यह भी होगी कि पड़े पौधों के साथ बीच—बीच में छोटे पौधे भी लगाए जाएंगे, जिससे चिह्नित एरिया में सघन पौधारोपण हो सकेगा। इससे सेन्ट्रल पार्क के करीब आधा हेक्टेयर में ऑक्सीजोन विकिसत हो सकेगा।

यूं लगाएगा जेडीए पौधे
जेडीए के वरिष्ठ उद्यानविज्ञ महेश तिवाड़ी ने बताया कि ऑक्सीजोन विकसित करने के लिए जापानी मियावाकी पद्धति अपना रहे है। इसमें पौधे एक—एक मीटर की दूरी पर लगाए जाएंगे, साथ ही 8 से 10 फुट के पौधों के बीच—बीच में एक से दो फुट के पौधे भी लगाए जाएंगे। इससे सघन पौधारोपण हो सकेगा। आधा हेक्टेयर जमीन पर करीब 10 हजार पौधे लगाए जाएंगे।

जयपुर। राज्य के संविदाकर्मियों को लॉकडाउन अवधि का वेतन देने का सोमवार को आदेश जारी हो गया। इनको लॉकडाउन से पहले के दो माह की हाजिरी के औसत के आधार पर भुगतान होगा।
इन कर्मचारियों का लॉकडाउन व बाद में सीमित कर्मचारी क्षमता के साथ कार्यालय खुलने के कारण वेतन या मानदेय का भुगतान अटक गया था। वित्त विभाग ने सोमवार को संविदाकर्मी, दैनिक वेतनभोगी और आउटसोर्सिंग वाले कर्मचारियों के लॉकडाउन अवधि के वेतन के बारे में दिशा निर्देश जारी किए। लॉकडाउन के दौरान राज्य में पहले आवश्यक सेवा वाले विभागों को खोला गया। इनमें राजस्व वाले विभागों को भी शामिल किया। बाद में पहले 10 प्रतिशत, फिर 25 प्रतिशत और 50 प्रतिशत कर्मचारी क्षमता के साथ कार्यालय खोले गए। इस दौरान कर्मचारियों को रोटेशन से बुलाया। कार्यस्थल पर उपस्थित दर्ज नहीं होने से इन कर्मचारियों का भुगतान अटक गया। उल्लेखनीय है कि 2020 में भी संविदाकार्मिकों को लॉकडाउन अवधि का वेतन का भुगतान किया।

जयपुर। राज्य सरकार ने 30 जून को सेवानिवृत्त होने वालों को नए सिरे से फिक्सेशन कर पेंशन में एक जुलाई वाले लाभ भी शामिल मानने की प्रवृत्ति पर रोक लगा दी है। इस बारे में वित्त विभाग ने सभी विभागों को दिशा निर्देश जारी किए हैं।
वित्त विभाग की ओर से जारी परिपत्र में कहा है कि मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के बाद 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को राज्य में भी एक जुलाई को होने वाले फिक्सेशन का लाभ देने की मांग उठी थी। इस पर कुछ जगह कर्मचारियों को इसका लाभ दिया गया। इसको लेकर बाद में केन्द्र सरकार की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया कि मद्रास हाईकोर्ट का निर्णय सभी के लिए नहीं था, केवल याचिकाकर्ता के लिए था। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां 30 जून को सेवानिवृत कर्मचारियों को नए सिरे से फिक्सेशन कर एक जुलाई से नोशनल लाभ देकर पेंशन परिलाभ जारी करने पर रोक लगा दी। राज्य सरकार ने इन परिस्थितियों का हवाला देकर सभी विभागों से कहा है कि 30 जून को सेवानिवृत होने वालों को एक जुलाई से मिलने वाले लाभ का पात्र नहीं माना जाए।


- मंत्रियों में केवल जुली बचे, जो किसी भी समिति में नहीं

जयपुर। राज्य सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर चिकित्सालय व विद्यालय सहित अन्य राजकीय भवनों का नाम रखने के लिए ऊर्जा मंत्री बी.डी. कल्ला की अध्यक्षता में बनाई गई मंत्रिमंडलीय उप समिति का पुनर्गठन किया है। 22 जुलाई 2019 को गठित इस समिति में पूर्व मंत्री दिवंगत मास्टर भंवरलाल मेघवाल के स्थान पर गृह राज्य मंत्री भजनलाल जाटव को सदस्य बनाया गया है।

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने ढाई साल के कार्यकाल में विभिन्न प्रकरणों को लेकर 24 मंत्रिमंडलीय, उप मंत्रिमंडलीय और एम्पावर्ड कमेटियां गठित की हैं, लेकिन दो मंत्री भजनलाल जाटव और टीकाराम जूली को किसी भी समिति में शामिल नहीं किया गया था। ये मामला राजस्थान पत्रिका की ओर से सामने लाए जाने के बाद
विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने दलित मंत्रियों को राज्य सरकार में तवज्जो नहीं मिलने का मुद्दा भी उठाया था। अब सरकार ने मंत्री भजनलाल जाटव को भी समिति में शामिल कर लिया है। लेकिन एक मात्र मंत्री टीकाराम जूली ऐसे रह गए हैं, जिन्हें अभी तक किसी मंत्रिमंडलीय समिति में जगह नहीं मिली है। स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर चिकित्सालय व विद्यालय सहित अन्य राजकीय भवनों का नाम रखने के लिए पुनर्गठित की गई इस तीन सदस्यीय समिति में शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा भी सदस्य हैं। पुनर्गठित इस समिति का सामान्य प्रशासन विभाग प्रशासनिक विभाग रहेगा। समिति के सदस्य सचिव प्रमुख सामान्य प्रशासन सचिव भी होंगे। समिति राजकीय भवनों के नामों को लेकर अपनी सिफारिश राज्य सरकार को सौंपेगी।

मानसून सत्र को लेकर मंत्रिमंडल की बैठक कल


- मंत्रिमंडल के ठीक बाद शुरू होगी मंत्रिपरिषद की बैठक

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर मंत्रिमंडल की बैठक और ठीक इसके बाद मंत्रिपरिषद की बैठक होगी। सूत्रों के अनुसार बैठक में मानसून सत्र में पेश होने वाले बिलों के प्रारूप को लेकर चर्चा हो सकती है। साथ ही, कोरोना की वर्तमान स्थिति, रविवार का वीकेंड कर्फ्यू हटाने, कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी और वैक्सीनेशन की गति सहित विभिन्न मुद्दों पर को लेकर चर्चा होगी।

जयपुर। गांवों का मास्टर प्लान बनाने का काम जल्द शुरू होगा। पहले फेज में 25 हजार से अधिक आाबदी वाले गांवों में जमीन चिन्हित की जाएगी। मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में गांवों की बढ़ी हुई आबादी के अनुरूप आधारभूत सुविधाएं व्यवस्थित रूप से विकसित हो सके। उन्होंने कहा है कि मास्टर प्लान बनाने से पहले तहसीलदारों, नगर नियोजकों, अभियंताओं, कनिष्ट तकनीकी अधिकारियों और पटवारियों को गहन प्रशिक्षण दिया जाए। आर्य सोमवार को बजट घोषणा की पालना के लिए पंचायती राज, राजस्व विभाग, वित्त व नगर नियोजन से जुड़े हुए विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे थे। आर्य ने पंचायत राज विभाग को निर्देश दिए कि मास्टर प्लान के लिए भूमि चिन्हित करने के लिए राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ मंथन करें। मास्टर प्लान बनाने में भूमि चिन्हीकरण संबंधी जो अंतराल रह गया है उसे पूरा किया जाए।

इस तरह होगा काम
-पंचायती राज विभाग, राजस्व विभाग के साथ जमीन संबधी मामलों पर मंथन होगा। साथ ही नगर नियोजन विभाग से साथ नियोजन संबंधी तकनीकी मामलों में समन्वय किया जाएगा।
-मास्टर प्लान के जरिए गांवों में भविष्य के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, आबादी विस्तार, खेल सुविधाएं, सरकारी भवनों, सड़क, गौशाला, पशुपालन, आवारा पशुओं के लिए बाड़ा, मनोरंजन एवं अन्य विकास की आवश्यकताओं का आकलन किया जाएगा। इसके लिए वहां भूमि का चिन्हिकरण पटवारियों के सहयोग से किया जाएगा।
-हर गांव का नक्शा एक क्लिक के साथ स्क्रीन पर आएगा।

ये रहे मौजूद
वर्चुअल बैठक में प्रमुख शासन सचिव राजस्व आनंद कुमार, पंचायत राज विभाग की शासन सचिव मंजु राजपाल, विशिष्ट शासन सचिव वित्त नरेश ठकराल, भू प्रबंध आयुक्त महेन्द्र पारख, निदेशक, पंचायती राज, डॉ. घनश्याम और मुख्य नगर नियोजक राजस्थान आर के विजयवर्गीय, संयुक्त शासन सचिव विधि मगन लाल योगी शामिल हुए।

जयपुर। भूमि आवंटन नीति में संशोधन के बाद नगरीय विकास विभाग ने शहरी निकाय स्तर पर राजकीय विभागों को भूमि आवंटन की सीमा भी तय कर दी है। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को संभाग मुख्यालय तक 2 हजार और अन्य स्थानों पर 3 हजार वर्गमीटर तक भूमि का आवंटन निकाय स्तर पर ही किया जा सकेगा। इसी तरह माध्यम और उच्च माध्यमिक विद्यालयों को संभागीय मुख्यालय पर 4 हजार और अन्य स्थानों पर 6 हजार वर्गमीटर भूमि का आवंटन स्थानीय स्तर पर किया जा सकेगा। महाविद्यालय (सामान्य, तकनीकी, पॉलिटेक्निक, चिकित्सा, आईटीआई सहित) को भी संभागीय मुख्यालय पर 10 हजार और अन्य स्थानों पर 13 हजार वर्गमीटर भूमि का आवंटन निकाय स्तर पर किया सकेगा। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा पोषित मंडल, निगम, उपक्रम को आरक्षित दर से कम दर (50 प्रतिशत से कम नहीं) पर आवंटन निकाय कर सकेंगे। ऐसे मामले भी सरकार के पास भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

निकायों किन्हें कितना आवंटन कर सकेंगे
-जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग व अन्य राजकीय विभागों को उनके कार्यालय, इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 हजार वर्गमीटर तक
-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए 4 हजार वर्गमीटर तक
-उप स्वास्थ्य भवन के लिए 5 वर्गमीटर तक
-पुलिस थाना के लिए 2 हजार वर्गमीटर तक
-पुलिस चौकी के लिए 500 वर्गमीटर तक
-अन्य ग्राम या ग्राम पंचायत स्तरीय कार्यालय के लिए 500 वर्गमीटर तक
-अन्य तहसील या पंचायत समिति स्तरीय कार्यालय के लिए 4 हजार वर्गमीटर तक
-अन्य उपखंड स्तरीय एवं जिला स्तरीय कार्यालय के लिए 5 हजार वर्गमीटर तक

जयपुर। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग हर जिले में एक आदर्श बाल मित्र गांव बनाने की पहल करेगा। इसके लिए पैमाना तैयार कर लिया है और गांवों के चयन पर मंगलवार को विचार होगा।
बाल आयोग की मंगलवार को होने वाली बैठक के एजेंडा में यह विषय भी शामिल है। आयोग ने बाल मित्र राजस्थान अभियान की रुपरेखा तैयार की है, जिसके तहत जिला स्तर पर बालकों के स्वास्थ्य, शिक्षा व संरक्षण को लेकर एक गांव को आदर्श बनाया जाएगा। इसके तहत गांव के बालश्रम, बाल विवाह और शिक्षा में ड्रॉप आउट मुक्त होने का पैमाना रखा गया है, वहीं टीकाकरण, सरकारी योजनाओं से बालकों के जुड़ाव को भी ध्यान में रखा जाएगा। इसी बैठक में आयोग के एक साल की कार्ययोजना पर भी विचार होगा। बाल मित्र राजस्थान अभियान के माध्यम से प्रदेश के बच्चों को स्वस्थ, शिक्षित व संरक्षित रखने की पहल की जा रही है। आयोग ने इसके लिए कार्ययोजना पर काम शुरु कर दिया है।

जयपुर। सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले प्रदेश के कक्षा एक से पांचवीं तक के 25 लाख से अधिक विद्यार्थियों के लिए राहतभरी खबर है। दो साल की कवायद के बाद अब बच्चों के बस्ते का बोझ कम हो सकेगा। प्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद पहली बार इन कक्षाओं की किताबों को तीन भागों में बांटा गया है। इससे अब स्कूल खुलने पर विद्यार्थियों को बस्ते में सभी किताब ले जाने के बजाय केवल एक ही पुस्तक ले जानी होगी। जिसमें सभी विषय शामिल होंगे। पहले अमूमन कक्षा एक से पांचवीं तक के विद्यार्थियों के बस्ते का बोझ साढ़े पांच से छह किलो तक था। विभाग के इस नवाचार के बाद बस्ते का वजन दो किलोग्राम से भी कम रह जाएगा। इस साल विद्यार्थियों को मिलने वाली निशुल्क पाठ्य पुस्तकों में यह नवाचार देखने को मिलेगा। इसके लिए शिक्षा विभाग की तैयारी पूरी हो चुकी है।

वर्ष 2019 में शुरू हुआ था नवाचार

विद्यार्थियों के बस्ते का बोझ कम करने के लिए विभाग ने वर्ष 2019 में कवायद शुरू की थी। इसके तहत चार सितम्बर 2019 को शिक्षा विभाग ने कक्षा एक से तीन के विद्यार्थियों के लिए जयपुर जिले में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया। प्रयोग सफल होने पर अब पूरे प्रदेश में लागू किया गया है। वर्ष 2020 में सरकार ने आधे राजस्थान में यह योजना लागू की थी। इस साल से पूरे प्रदेश में लागू हो सकेगी।

केन्द्रीय स्कूल भी नहीं कर सकी ऐसा नवाचार

केन्द्रीय स्कूलों की ओर से भी बस्ते का बोझ कम करने के लिए अब तक पांच बार समिति बनाई जा चुकी है। लेकिन अभी तक वजन कम नहीं हुआ है। शिक्षा विभाग का दावा है कि मानव संसाधन मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार बस्ते का बोझ कम करने वाले राज्यों की सूची में राजस्थान का नाम सबसे पहले शामिल हुआ है।

इस तरह कम हुआ बस्ते का वजन
पहले: सभी विषयों की पुस्तकें ले जानी पड़ती थी

पहले विद्यार्थियों को बस्ते में सभी विषयों की सभी पुस्तकें ले जानी होती थी। जैसे सामाजिक विज्ञान के पाठ संख्या दस को शिक्षक दिसम्बर में पढ़ाएगा लेकिन किताब एक ही होने की वजह से उसको जुलाई से ही ले जानी होती थी। यही व्यवस्था अन्य विषयों पर भी लागू थी।

अब: हरेक के तीन भाग, एक किताब में सभी विषय
राजस्थान राज्य शिक्षक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उदयपुर की ओर से विषयवार सामग्री को तीन भागों में बांटा गया। हर भाग में प्रत्येक विषय के कुल पाठ्यक्रम के एक तिहाई पाठों को हर भाग की पुस्तक में शामिल किया गया है। इससे विद्यार्थियों को एक ही पुस्तक में सभी विषयों की शिक्षण सामग्री मिल सकेगी।


पांचवीं तक की किताबों में यह नवाचार

कक्षा एक व दो : कक्षा एक व दो के बच्चों को हिन्दी, अंग्रेजी व गणित की पहली पुस्तक आओ सीखे भाग एक में तीनों विषय के एक तिहाई भाग की शिक्षण सामग्री शामिल की है। इसी तरह दूसरी पुस्तक आओ सीखे भाग दो अगले एक तिहाई भाग को और तीसरी पुस्तक आओ सीखे भाग तीन में शेष अध्ययन सामग्री को शामिल किया। कक्षा तीन से पांच : कक्षा तीन से पांचवीं तक चार विषय हिन्दी, अंग्रेजी, गणित तथा पर्यावरण अध्ययन की पहले, दूसरे तथा तीसरे भाग के लिए एक पुस्तक में ही सभी चारों विषय शामिल। पहले भाग का पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद दूसरे भाग की पुस्तक तथा यह भाग पूरा होने पर अंतिम भाग की पुस्तक स्कूल लानी होगी।

नवाचार में राजस्थान अंग्रिम पंक्ति में: शिक्षा मंत्री
हर साल मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से बस्ते काबोझ कम करने के लिए आदेश आते थे। कमेटी बनते ही आदेश फाइलों में दब जाते, लेकिन हमने मासूमों की पीड़ा समझी और पहली बार बस्ते का बोझ कम करने में सफल रहे। एेसा नवाचार करने वाले राज्यों में राजस्थान अग्रिम पंक्ति में है।

गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा राज्य मंत्री

दो वर्ष बाद मिली सफलता : निदेशक

इस सत्र से पूरे राजस्थान में हम बस्ते का बोझ कम करने में सफल होंगे। कक्षा एक से पांचवीं तक के विद्यार्थियों के लिए यह कवायद हुई है। विभाग ने बस्ते का वजन लगभग एक तिहाई कम कर दिया है।

सौरभ स्वामी, शिक्षा निदेशक

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