>>: Digest for July 07, 2021

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Table of Contents

बाड़मेर. कोविड महामारी की तीसरी वेव को लेकर विभाग चिकित्सा संस्थानों पर स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के साथ संसाधन जुटा रहा है। साथ ही अब सभी चिकित्सकों को नर्सिंग स्टाफ को भी आइसीयू व वेंटिलेटर संचालन को लेकर प्रशिक्षण देगा। जिससे कोविड महामारी की संभावित तीसरी लहर में मरीजों का जीवन बचाया जा सके। यह प्रशिक्षण प्रत्येक जिले के सभी चिकित्सकों और नर्सिंग के लिए होगा। जिसमें पीएचसी से लेकर जिला अस्तपाल के चिकित्सक और स्टाफ शामिल किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कोरोना की दूसरी वेव में वेंटिलेटर और आईसीयू संचालन को लेकर काफी दिक्कतें हुई थी। स्टाफ और चिकित्सक होते हुए भी वेंटिलेटर और आइसीयू का मैनेजमेंट नहीं कर पाने के कारण उपकरण होते हुए भी कई स्थानों पर यह काम नहीं आ सके। कुछ को छोड़कर अधिकांश कार्मिकों को आइसीयू और वेंटिलेटर संचालन के बारे में कोई जानकारी नहीं होने की स्थिति सामने आई थी। जिसके चलते वेंटिलेटर उपलब्ध होते हुए भी कोविड मरीजों के कोई काम नहीं आए थे। ऐसे में तीसरी वेव में इस तरह की स्थिति नहीं आए, इसलिए पहले से ही सभी चिकित्सकों और नर्र्सिंग को ट्रेनिंग देकर तैयार किया जाएगा।
इनको मिलेगा प्रशिक्षण
जिला अस्पताल, उप जिला अस्पताल, सेटेलाइट, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के समस्त चिकित्सक व नर्सिंगकर्मियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। दो दिन तक दी जाने वाली ट्रेनिंग में एक दिन प्रेक्टिकल और दूसरा दिन थ्योरीटिकल होगा। प्रशिक्षण जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज स्तर के चिकित्सालय में दिया जाएगा।
कब से मिलेगा प्रशिक्षण
वर्तमान में राÓय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान की ओर से वीसी के माध्यम से प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके बाद सभी प्रदेश के समस्त जिलों में 7 जुलाई से चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ को बेच बनाकर दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रत्येक बेच में 2-3 चिकित्सकों और 12-15 नर्सिंगकर्मी शामिल होंगे। साथ ही बेच बनाते समय यह ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं समस्त चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियों का कुल 25-30 दिनों में प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा हो जाए।
जारी किए है आदेश
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के शासन सचिव सिदार्थ महाजन ने आदेश जारी करते हुए सभी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य एवं नियंत्रक, अधीक्षक, सीएमएचओ व पीएमओ को निर्देशित किया है कि जिला स्तर पर प्रशिक्षण 7 जुलाई से शुरू होना है। साथ ही सभी का प्रशिक्षण 25-30 दिन में पूरा हो जाए।
प्रशिक्षण के लिए इस तरह रहेगी प्राथमिकता
-जिला अस्पताल व सेटेलाइट अस्पताल के कार्मिक
-उपजिला चिकित्सालय के कर्मचारी
-75 या अधिक बेड वाले सीएचसी के कार्मिक
-50 बेड वाले सीएचसी के कर्मचारी
-30 शैय्या के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्टाफ
-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी

बाड़मेर। बाड़मेर शहर के विकास एवं सुदृढ़ीकरण के लिए रूडिप योजना के चतुर्थ चरण के तहत सीवरेज एवं पेयजल सप्लाई के लिए 151 करोड़ की विस्तृत कार्य योजना का अनुमोदन किया गया। योजना के तहत मंगलवार शाम को जिला कलक्टर लोक बंधु की अध्यक्षता में आयोजित सिटी लेवल कमेटी की बैठक में उन्होंने बताया कि चतुर्थ चरण की कार्ययोजना में बाड़मेर नगर परिषद क्षेत्र के सभी 55 वार्ड के 1465 हेक्टेयर क्षेत्रफल को शामिल किया गया है। योजना नगर परिषद बाड़मेर की वर्ष 2051 की संभावित जनसंख्या को आधार मानते हुए बनाई गई है। इसमें पहले के 29 वार्ड में 57 किलोमीटर तथा नवीन कार्ययोजना में 26 वार्ड में 110 किलोमीटर लम्बाई को शामिल कर कुल 55 वार्ड में 167 किलोमीटर लम्बाई की सीवरेज लाइन बिछाई जाएगी।
निर्माण कार्य में गुणवत्ता होनी चाहिए
जिला कलक्टर ने रूडिप अधिकारियों से कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा कर सीवरेज कार्य को निर्धारित समयावधि में पूरा करने के लिए आवश्यक कार्यवाही प्रारम्भ करने के निर्देश दिए। उन्होंने जलदाय विभाग, यूआईटी तथा नगर परिषद के अधिकारियों के साथ समन्वय रखते हुए कार्य सम्पादित कराने को कहा। शहर में सीवरेज निर्माण कार्य में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए।
प्रोजेक्ट में मरम्मत कार्य भी होंगे
इस दौरान विधायक मेवाराम जैन ने कहा कि बाड़मेर शहर में पूर्व में बिछाई गई सीवरेज कार्य में मैन हॉल टूटे है साथ ही जो होदिया बनी है वो भी टूटी है। इसलिए इस प्रोजेक्ट में मरम्मत कार्यों को भी साथ में शामिल किया गया है, साथ ही शहर के 26 वार्ड है जिसमें अभी भी सीवरेज नही है उनमें सीवरेज बिछाई जाएगी। इसके साथ-साथ नवीन ट्रीटमेंट प्लांट, पम्प हाउस आदि कार्यों को भी इसमें शामिल किया गया है। इसके साथ-साथ शहर की पेयजल व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण को नवीन पाइपलाइन,पम्प हाउस, उच्च जलाशय के कार्य भी इसमें शामिल है।

बाड़मेर. कोरोना की दूसरी लहर से छीना दिहाड़ी मजदूरों का काम अब वापिस मिल तो गया है लेकिन अभी भी पर्याप्त रोजगार का अभाव है।

बढ़ी महंगाई के साथ कोरोना के कारण आमजन का कामकाज ठप रहा जिसका असर निर्माण कार्यों पर पड़ा है, लोग अभी भी निर्माण कार्य करवाने में रुचि नहीं ले रहे। जिस पर दिहाड़ी मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल रही। एेसे में किसी मजदूर को रोजगार मिल रहा तो कोई बेकार बैठा रहता है।कोरोना का असर हर आमजन पर पड़ा है।

दूसरी लहर के चलते मार्च में कोरोना लॉकडाउन लगा जो ६ जून तक चला। इसके बाद धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर लौट रही है। अब सुबह पांच बजे से शाम सात बजे तक बाजार खुल रहे हैं तो वाहनों की आवाजाही शुरू हो चुकी है।

एेसे में दिहाड़ी मजदूर भी रफ्ता-रफ्ता गांवों से बाड़मेर शहर की ओर आ रहे हैं, लेकिन यहां अभी भी कोरोना की मार के चलते काम की कमी है।

गौरतलब है कि शहर में राय कॉलोनी, चौहटन फाटक, गडरारोड चौराहा, सिणधरी चौराहा पर मजदूरों की भीड़ रहती है। हर शहरवासी को पता है कि इन स्थानों पर मजदूर मिलेंगे जिस पर भवन निर्माण कार्य हो या फिर रंग रोगन का कार्य। घरेलू कार्य हो या फिर साफ-सफाई का काम ठेकेदार और मालिक यहां पहुंच जाते हैं। पिछले पन्द्रह-बीस दिन में यहां मजदूरों की भीड़ फिर से जुटने लगी है, लेकिन कार्य आशानुरूप नहीं मिल रहा।

आधे से कम को रोजगार, बाकी बेरोजगार- जानकारी के अनुसार अभी शहर में गांवों में मजदूरी पर आने वालों की तादाद हजार के आसपास ही है। इन मजदूरों में से आधे से कम ही रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। कभी कभार कोई मजदूर के लिए आता है तो एक साथ कई जने पहुंच जाते हैं। जिनको काम मिल जाता है उनके तो ठीक है बाकी आधे दिन तक इंतजार के बाद घर लौट जाते हैं।

गांवों में बारिश ना काम- इन दिनों गांवों में भी निर्माण कार्य कम हो चुके हैं। सरकारी योजनाओं के तहत भी कम ही कम चल रहे हैं। एेसे में रोजगार नहीं मिल रहा। दूसरी ओर बारिश नहीं होने से खेतीबाड़ी भी नहीं हो रही जिस पर दिहाड़ी मजदूरी के लिए लोग शहर आ रहे हैं।

बाड़मेर. कांग्रेस पार्टी के युवा नेता आजाद सिंह राठौड़ ने कोविड सुरक्षा को लेकर गांवों में किट वितरित किए।

राठौड़ ने बताया कि बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत बिशाला, गेहूं, जालीपा, राणीगांव, बालेरा, बलाऊ, रामदेरिया, लूणू एवं चूली के राजस्व गांवों में मेरा गांव, मेरी जिम्मेदारी अभियान के तहत कोविड से बचाव के लिए युवाओं, पंचायतीराज जनप्रतिनिधियों एवं कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के माध्यम से कोविड सुरक्षा किट वितरित किए गए।

युवा नेता आजाद सिंह राठौड़ कहा कि हमारा प्रयास है कि बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र का एक भी व्यक्ति कोविड सुरक्षा किट से वंचित न रह जाए। आजाद सिंह राठौड़ ने बताया कि प्रदेश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के कुछ केस सामने आ रहे हैं जो वाकई चिंताजनक है, जागरूकता के बल से ही इस महामारी पर विजय प्राप्त की जाएगी। कार्यक्रम प्रभारी नारायण मेघवाल ने बताया कि आमजन को जागरूक करने के साथ किट दिए जा रहे हैं।

बाड़मेर. भाजपा किसान मोर्चा ने डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जयंती राइकों की बस्ती बूथ ग्राम पंचायत राणीगांव में जिला अध्यक्ष रणवीर सिंह भादू के मुख्य आतिथ्य में मनाई।

भादू ने कहा कि मुखर्जी भारत के सच्चे क्रांतिकारी एवं महान स्वतंत्रता सैनानी थे। उन्होंने एक राष्ट्र एक विधान तथा एक राष्ट्र एक प्रधान के सिद्धांत पर जोर दिया था। मुखर्जी शुरू से ही उन्होंने जम्मू कश्मीर में धारा 370 का घोर विरोध किया था। मुखर्जी ने 1951 में भारतीय जन संघ नाम से एक राजनीतिक दल की स्थापना की थी। जून 1953 मे मुखर्जी कश्मीर में गिरफ्तार कर लिए गए और 23 जून 1953 को रहस्यमय तरीके से उनकी मृत्यु हो गई।

मुखर्जी की याद में राइकों की बस्ती में पौधरोपण भी किया गया । राणीगांव उपसरपंच पताराम देवासी, समाराम देवासी, सगरामाराम देवासी, श्यामसिंह राठौड़ उपस्थित रहे।

बाड़मेर. भाजपा बाड़मेर ने मंगलवार को जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर पौधरोपण किया। भाजपा जिलाध्यक्ष आदूराम मेघवाल ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भारत की अखंडता के लिए संघर्ष किया और अपना जीवन बलिदान कर दिया।

जिला महामंत्री स्वरूप सिंह खारा ने कहा कि मुखर्जी के इस संघर्ष को भारतीय जनता पार्टी,अपने मुख्य ध्येेय के रूप में हमेशा याद करती रही और संसद में अनुकूल परिस्थिति बनते ही, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने मुखर्जी के सपनों को साकार करते हुए धारा 370 और 35ए को समाप्त कर दिया।

बाड़मेर. कृषि विज्ञान केंद्र गुड़ामालानी में जिले में मूंगफली में समन्वित उर्वरक प्रबंधन पर संस्थागत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस अवसर पर केन्द्र प्रभारी डॉ. प्रदीप पगारिया ने कहा कि खरीफ फसलों में मूंगफली का क्षेत्रफल धीरे-धीरे बढ़ रहा है। जिले में मूंगफली लगभग तीन हजार हैक्टेयर में बोयी जाती है, लेकिन इसकी उत्पादकता अन्य जिलो से काफी कम है जिसको बढ़ाने की नितांत आवश्यकता है।

साथ ही मूंगफली की उन्नत किस्म व इसकी समन्वित कृषि तकनीक अपनाने की जरूरत है जिससे कि प्रति हैक्टेयर पैदावार बढाई जा सके।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खद्य सुरक्षा मिशन के अन्तर्गत तिलहन को बढ़ावा देने के लिए मूंगफली प्रथम पंक्ति प्रदर्शन गांव डाबली में लगवाया जा रहा है। डॉ. हरिदयालचौधरी ने मूंगफली की उन्नत किस्म जीजी-20 की विशेषताएं बताई। उन्होंने उर्वरकों का प्रयोग, भूमि की किस्म, उसकी उर्वराशक्ति, मूंगफली की किस्म, सिंचाई की सुविधा आदि की जानकारी दी।

डॉ.बाबूलाल जाट ने मूंगफली में होने वाले प्रमुख जैसे जड़ गलन, पत्ती धब्बा आदि रोगो के उपचार के लिए कीटनाशी का प्रयोग के बारे में जानकारी प्रदान की।

बाड़मेर. एक घर एक पौधा अभियान के तहत मंगलवार को माता राणी भटियाणी चैरिटेबल संस्थान, बाड़मेर की ओर से वार्ड 09 में शनिदेव मन्दिर के पास अभियान संयोजक मुकेश बोहरा अमन एवं संस्थान के हुक्मीचंद लूणिया की उपस्थिति में पौधरोपण हुआ।

अमन ने कहा कि पौधे केवल आंकड़ों में ही नहीं धरातल पर भी लगाए जाए जिससे किआने वाले समय में थारनगरी ग्रीननगरी के रूप में अपनी पहचान बनाए। रमेश भंसाली, हरीश बोथरा, सुनिल सिसोदिया, प्रवीण घनश्याम आदि मौजूद रहे

पौधरोपण को लेकर प्रभारी नियुक्त

बाड़मेर. राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत की प्रांतीय कार्यकारिणी के आह्वान पर पर्यावरण वानिकी कार्यक्रम के तहत 12 लाख पौधरोपण किया गया है।

जिलाध्यक्ष भगवानाराम जाखड़ ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ की मरुस्थल रोधी संस्था की ओर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित प्रो. श्यामसुंदर ज्यानी की ओर से निशुल्क 20 लाख सहजन के बीज उपलब्ध करवाए हैं।

बाड़मेर से 11 हजार बीजों की मांग प्राप्त हुई। जिलाध्यक्ष भगवानाराम जाखड़, जिला मंत्री विनोद पूनिया ने ब्लॉक प्रभारियों की नियुक्ति की।

जाखड़ ने बताया कि इसके अलावा पुरानी पेंशन बहाली और महंगाई भत्ता जारी करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर भी उक्त ब्लॉक प्रभारी प्रचार-प्रसार करेंगे।

बाड़मेर. जेठ में बादलों की गर्जरना ना आषाढ़ के प्रथम पखवाड़े में बिजली कडक़ड़ाहट।

डेढ़ माह में थार बारिश का इंतजार ही करता रहा।

हालांकि प्री मानसून की बारिश हुई तो उम्मीद जगी लेकिन इसके बाद एक बार कुछ जगह मेह बरसा बाकी पूरे डेढ़ माह मेह की आस में ही बीत गए। अब तो जैसे-जैसे दिन गुजर रहे हैं, किसान चिंतित हो रहे हैं कि पर्याप्त बारिश होगी भी या नहीं। इधर, खरीफ बुवाई का लक्ष्य भी अब अधूरा रहने की आशंका जताई जा रही है।

क्योंकि सावन-भादवा में बारिश होने पर बाजरा की बुवाई थोड़ी कम हो सकती है। जिले में खरीफ की बुवाई करीब १९ लाख हैक्टेयर में होती है। बाजरा के साथ मूंग, मोठ, तिल और ग्वार की बुवाई यहां प्रमुखता से होती है।

अमूमन थार में मानसून पूर्व बारिश होती है जो जेठ माह में हो जाती है। इस पर किसान खेती कर लेते हैं, इसके बाद मानसून सक्रिय होता है तो आषाढ, सावन और भाद्रपद(भादवा )में बारिश का दौर चलता है।

अंग्रेजी माह के अनुसार बारिश जून के आखिरी पखवाड़ में होती है और जुलाई-अगस्त में सप्ताह-दस दिन तक भी बारिश चलती है। एेसे में सामान्य या अधिक बारिश होने पर जिले में खरीफ फसलों की बम्पर पैदावार हो जाती है। इस बार इन्द्र भगवान की मेहरबानी अब तक जिले पर नहीं हुई है। इस पर किसानों की चिंता बढ़ गई है।

बाड़मेर में रहा मानसून पर बरसे नहीं बादल- मौसम विभाग के अनुसार जून के आखिरी सप्ताह में मानसून बाड़मेर तक पहुंच गया। इस दौरान यहां सात दिन तक रुका रहा लेकिन हकीकत की धरातल पर बाड़मेर में ना तो बादलों की घटाटोप रही ना ही बारिश का दौर चला। हालांकि लोग इंतजार जरूर करते रहे कि मानसून की बारिश होगी, लेकिन एेसा नहीं हुआ।

एक-एक दिन पड़ रहा भारी- पिछले कुछ दिनों से जैसे-जैसे बारिश का इंतजार बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे किसानों के लिए एक-एक दिन भारी पड़ रहा है। एक तरफ जहां गर्मी परेशान कर रही है तो दूसरी ओर बारिश नहीं होने किसान परेशान है। क्योंकि जेठ-आषाढ़ में बारिश होती है तो फिर सावन-भादवा में एक-दो बारिश होते ही फसलें तैयार हो जाती है। अब बारिश होने पर सावन-भादवा में कम से कम सात-आठ बारिश अंतराल में नहींं हुई तो फसलों को फायदा नहीं मिलेगा।

लक्ष्य की प्राप्ति में दिक्कत- कृषि विभाग के अनुसार करीब १९ लाख हैक्टेयर में बुवाई होनी है। अब जबकि जुलाई के प्रथ्म सप्ताह के समाप्ति तक बारिश नहीं हो रही है तो बुवाई में किसान कटौती कर सकते हैं जिस पर लक्ष्य की प्राप्ति में कमी आ सकती है।

15 जुलाई तक बारिश तक उम्मीद - 15 जुलाई तक बारिश होने पर लक्ष्य के अनुरूप बुवाई की उम्मीद है। इसके बाद किसान बाजरा की बुवाई कम करेंगे। अभी भी बारिश हो जाए तो फायदा मिल सकत है।- डॉ. प्रदीप पगारिया, कृषि वैज्ञानिक केवीके गुड़ामालानी

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