>>: Digest for July 07, 2021

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भरतपुर. शहर के रेल यार्ड में पिछले काफी समय से हो रही क्लिंकर लोडिंग व अनलोडिंग अब जान का खतरा बन गई है। बड़ी संख्या में लोग चर्म रोग, नेत्र रोग व श्वसन रोग के सामने आए हैं। रेलवे यार्ड के आसपास की करीब आधा दर्जन कॉलोनियों के हजारों लोग इसके शिकार हुए हैं। इस पूरे मामले को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने हस्तक्षेप करते हुए स्थानीय प्रशासन से पूरे मामले की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। बताते हैं कि फिलहाल क्लिंकर लोडिंग अनलोडिंग पर रोक लगी हुई है। क्योंकि यह मामला एनजीटी में पहुंच चुका है। इससे पहले इस कार्य पर लगी रोक हटाने की तैयारी हो चुकी थी, परंतु आंदोलन होने के कारण प्रशासन भी बैकफुट पर आ गया। उल्लेखनीय है कि रेलवे यार्ड में लंबे समय से खाली किए जा रहे क्लिंकर की वजह से करीब आधा दर्जन कॉलोनियों के हजारों लोग प्रभावित हैं। इनमें अग्रसेन नगर, शास्त्री नगर, रूंधिया नगर, अनुराग नगर, श्याम नगर और रणजीत नगर कॉलोनी के लोग चपेट में है। लोगों ने क्लिंकर के प्रदूषण से परेशान होकर कई बार जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया, जिसके बाद जिला कलेक्टर ने क्लिंकर के लोडिंग अनलोडिंग कार्य पर कुछ माह पूर्व रोक लगा दी। इसके बाद अब एनजीटी के आदेश पर यहां के प्रदूषण स्तर की जांच कराई जा रही है।
जानकारी के अनुसार स्थानीय लोगों की ओर से बार-बार जिला प्रशासन को ज्ञापन देने और प्रदर्शन करने के बाद अब एनजीटी ने क्लिंकर से फैल रहे प्रदूषण के स्तर की जांच के लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और चिकित्सा विभाग के एक चिकित्सक की टीम गठित की गई है। यह टीम क्लिंकर से पहले, क्लिंकर खाली होने के दौरान और क्लिंकर खाली होने के बाद फैल रहे प्रदूषण के स्तर की जांच कर रही है। सोमवार को डॉ. उदित चौधरी ने कॉलोनीवासियों के स्वास्थ्य जांच की। डॉ. चौधरी ने बताया कि स्वास्थ्य जांच के दौरान सामने आया कि क्षेत्र के करीब 90 प्रतिशत लोग क्लिंकर की वजह से तमाम बीमारियों की चपेट में है। क्षेत्र के करीब 80 फीसदी लोग नेत्र रोग, 70 फीसदी लोग चर्म रोग 60 फीसदी लोग श्वसन संबंधी व अस्थमा की चपेट में हैं। एडीएम केके गोयल ने बताया कि फिलहाल एनजीटी के आदेश पर क्लिंकर लोडिंग अनलोडिंग वाले स्थान का प्रदूषण स्तर जांचा जा रहा है। इसकी रिपोर्ट एनजीटी में प्रस्तुत की जाएगी। सात जुलाई को एनजीटी में सुनवाई है।

रिपोर्ट: पर्यावरण को पहुंच रहा नुकसान

जांच कर रहे कुछ अधिकारियों ने बताया कि क्लिंकर लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो रहा है। क्लिंकर सूखा और गीला दोनों तरीके से लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान कर रहा है। यदि सूखा क्लिंकर फेफड़ों में पहुंच जाता है तो वह फेफड़ों में जमा हो जाता है। इससे अस्थमा और श्वसन संबंधी बीमारियां हो जाती हैं। यदि क्लिंकर शरीर पर जमा हो जाता है और उसे पानी से धोते हैं तो इससे वह क्षारीय होकर चमड़ी को जला देता है। इतना ही नहीं क्लिंकर की वजह से वनस्पतियों पर भी नकारात्मक असर देखने को मिल रहा है।

जहां भी प्लांट लगाया, वहां से भगाया

बताते हैं कि रेलवे यार्ड में यह प्लांट 23 फरवरी 2020 से चालू किया गया। आंदोलन के बाद बढ़ते विरोध को देखते हुए तत्कालीन जिला कलक्टर नथमल डिडेल ने 28 फरवरी 2021 को रोक लगा दी। अब आंदोलन कर रहे लोगों का तर्क है कि एक गिरोह इस प्लांट से जुड़े ठेके आदि लेना चाहता है। वह इस प्लांट को चालू कराने की कोशिश में है। ऐसे में एनजीटी में मामला पहुंचा दिया है। इससे पहले यह प्लांट हिंडौन सिटी में था और उसके बाद अलीगढ़ में संचालित किया गया। वहां भी ऐसी स्थिति सामने आने के बाद प्रशासन ने बंदा करा दिया और इन्हें वहां से भागना पड़ा।


हकीकत जाननी है, सुनिए इनकी पीड़ा

-क्लिंकर लोडिंग व अनलोडिंग से कई कॉलोनी प्रभावित है। प्रशासन की ओर से जांच कराने के लिए टीम भेजी गई तो संबंधित ठेकेदार या कंपनी ने चारों ओर त्रिपाल लगा दिया। अगर जांच होगी तो सच सामने ही नहीं आएगा। यह त्रिपाल कितने दिन लगा रहेगा। यह प्लांट यहां से हटाना चाहिए।

सत्यभान, अधिवक्ता रूंधिया नगर

-सांस लेने में काफी समस्या हो रही है। सांस का इलाज चल रहा है। हमारे बच्चे बीमार हैं। अगर प्रशासन की ओर से इसे अन्य जगह स्थानांतरण नहीं किया गया तो हम आंदोलन करेंगे।

कृष्ण मुरारी, रूंधिया नगर

-क्लिंकर लगने के बाद दमा एवं सांस की बीमारी हो गई है। शीघ्र यहां से हटाया नहीं गया तो आंदोलन करेंगे। यह हमारी आगे आने वाली पीढ़ी के लिए भी नुकसानदायक है।

विद्यासागर, माल गोदाम रोड

-जब से क्लिंकर शुरू हुआ है तब से सांस की बीमारी है। कई बार चिकित्सकों को दिखा लिया लेकिन काफी समस्या हो रही है।

शंकर, रूंधिया नगर


-क्लिंकर प्लांट से चर्म रोग हो गया है। प्रशासन को जल्द से जल्द यहां से हटाना चाहिए।

तेज सिंह, रूंधिया नगर

भरतपुर . अस्पताल प्रशासन की हठधर्मिता ने मरीज एवं उनके परिजनों का दिन का चैन और रातों की नींद छीन ली है। भीषण गर्मी के मौसम में मरीज दिन तो जैसे-तैसे काट भी रहे हैं, लेकिन उन्हें उमस भरी गर्मी के बीच रात गुजारना मुश्किल हो रहा है। अस्पताल ने मरीजों को राहत देना तो दूर गैलरी-बरामदे में लगे पंखों के बिजली कनेक्शन काटकर मरीज एवं उनके परिजनों की आफत बढ़ा दी है। गर्मी में मरीज खासे आहत हो रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही। यह हाल संभाग मुख्यालय के अस्पताल का है। ग्रामीणों में ऐसी सुविधाओं का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है।
जनाना अस्पताल में कूलर खराब हैं तो पंखे भी हवा नहीं दे पा रहे हैं। कई वार्डों में हाल यह हैं कि एक-दो पंखे ही लगे हैं। उनके भी ठीक से हवा नहीं देने के कारण सभी मरीजों तक हवा नहीं पहुंच रही है। कूलर मानो दिखावे भर के लिए ही लगे हैं। कई में पानी भरने का इंतजाम नहीं है तो कई शो-पीस बनकर रह गए हैं। ऐसे में मरीज एवं उनके परिजन हलकान हो रहे हैं, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नजर नहीं आ रहा है। यह हाल तब हैं, जब भरतपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक डॉ. सुभाष गर्ग प्रदेश में चिकित्सा विभाग में राज्यमंत्री के रूप में मुखिया की भूमिका निभा रहे हैं। इसके बाद भी मरीज यहां गर्मी से हलकान हो रह हैं। खास बात यह है कि अस्पताल प्रशासन राहत के लिए भामाशाहों की ओर मुंह ताक रहा है। इस इंतजार में मरीज अस्पताल में पसीने-पसीने हो रहे हैं।

अब लुपिन हरेगी मरीजों की पीर

जनाना अस्पताल में गर्मी से बेहाल मरीजों की सुध अब लुपिन संस्था लेगी। पत्रिका में प्रकाशित खबरों के बाद सोमवार को लुपिन के अधिशासी निदेशक सीताराम गुप्ता ने जनाना अस्पताल जाकर व्यवस्थाओं को जांचने के साथ मरीजों की पीड़ा भी जानी। गुप्ता ने बताया कि पत्रिका में प्रकाशित खबरों के बाद मरीजों के हाल देखे। वाकई अस्पताल में कूलर-पंखों की खासी कमी है। ऐसे मरीज गर्मी से खासे परेशान हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनाना अस्पताल को 26 जून को तीन एसी दिए जा चुके हैं। अब दो और एसी लेबर रूम के लिए दिए जाएंगे। अधिशासी निदेशक गुप्ता ने बताया कि जनाना में फिलहाल 60 पंखों की जरूरत है। मरीजों को सुविधा देने के लिहाज से लुपिन संस्था और हरी इंडस्ट्रीज मिलकर इस काम को करने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही अन्य भामाशाहों की मदद भी ली जा सकती है। उन्होंने बताया कि मरीजों को राहत देने के लिए हर जतन किए जा रहे हैं। जल्द मरीजों की सहूलियत के लिए यहां व्यवस्थाओं को बेहतर किया जाएगा।

यह बोले मरीज और परिजन

जनाना अस्पताल के शिशु वार्ड में पुत्र भर्ती है। तेज उमस भरी गर्मी के कारण बहुत परेशानी हो रही है। अस्पताल प्रशासन की ओर से बरामदे में लगे पंखे के तार भी काट दिए हैं। ऐसे में मरीज आखिर कहां जाएं।

- शिवराम सिंह, पान्हौरी डीग

पुत्री की तबीयत खराब होने पर उसे भर्ती कराया है। वह यहां पांच दिन से भर्ती है। एक हॉल में 2 पंखे लगे हुए हैं, जो बहुत धीमी गति से चल रहे हैं। रात्रि को बहुत उमस रहती है। इससे मरीज परेशान हो रहे हैं।

- कल्पना, तलछेड़ा नदबई

वार्ड में लगा था पंखा बहुत ही धीमा चल रहा है। इसलिए हाथ के पंखे से हवा करनी पड़ रही है। भीषण गर्मी के बीच जीना दूभर हो रहा है। अस्पताल में कहने के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है।

- रूबी, हंतरा

अस्पताल में 20 दिन से पुत्र एनआईसीएन वार्ड में भर्ती है। गर्मी से काफी परेशान हैं। मरीजों को राहत देने के लिए अस्पताल प्रशासन को कोई व्यवस्था करनी चाहिए।

- शोभा, अनाह गेट

भयंकर गर्मी के बीच मरीज पसीने से तरबतर हो रहे हैं। सिवाय गर्मी में मरने के कोई चारा भी तो नहीं है। अब हाथ के पंखे से हवा करत-.करते हाथ में दर्द हो जाता है।

- मनीषा, सतवाड़ी कामां

बेटी पूजा की डिलीवरी शनिवार को हुई थी। गर्मी से हाल-बेहाल हो गया है। गर्मी के कारण पीठ पर घमोरिया निकल आई हैं, लेकिन यहां राहत के इंतजाम नहीं हैं।

- दयावती, भर्ती मरीज की मां

चिकित्सालय में गर्मी से बचने के लिए कोई सुविधा नहीं है। प्रशासन की ओर से इस भीषण गर्मी में बचने का कोई इंतजाम नहीं किया गया है। पंखे भी धीमे-धीमे चल रहे हैं।

- रेशम, सोगर

तीन माह के पुत्र की तबीयत खराब हो गई थी। इसलिए वार्ड में भर्ती हैं। दिन तो निकल जाता है, लेकिन रात को गर्मी के कारण रुकना मुश्किल हो जाता है।

- कृष्णा, नगला सेहू भरतपुर

भरतपुर. आरबीएम अस्पताल से सरकारी वेंटीलेटरों को शहर के जिंदल हॉस्पिटल को देने के मामले में अधिवक्ता विजय कुमार गोयल की ओर से राजस्थान उच्च न्यायालय में पेश की गई जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। इसमें उच्च न्यायालय ने जिंदल हॉस्पिटल के लिए सम्मन की तामील कराने के लिए नोटिस जारी किए हैं। अब जुलाई माह में दूसरी तारीख पर इस मामले की सुनवाई होगी। उल्लेखनीय है कि एकमात्र राजस्थान पत्रिका ने ही सबसे पहले इस मामले का खुलासा किया था। इसके बाद यह प्रकरण देशभर में सुर्खियों में रहा।
राजस्थान उच्च न्यायालय के कोर्ट नंबर पांच की डबल बेंच में सोमवार को इस मामले को रखा गया। इसमें जिंदल हॉस्पिटल के लिए सम्मन की तामील के लिए नोटिस जारी करने की बात कहते हुए मामला अगली तिथि को रखने के निर्देश दिए गए। पीआईएल दाखिल करने वाले विजय कुमार गोयल के अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल एवं हिना गर्ग की ओर से दाखिल की गई पीआईएल में बताया है कि जिंदल हॉस्पिटल की ओर से राज्य सरकार के आदेश की अवहेलना में मरीजों से अत्यधिक राशि वसूल की गई। खास बात यह है कि 13 मई को जिला कलक्टर भरतपुर की ओर से बनाई गई जांच कमेटी ने 27 अप्रेल से 13 मई तक जिंदल हॉस्पिटल की ओर से 9 हजार रुपए मरीजों से प्रति दिन वेंटीलेटर सुविधा के लिए प्राप्त किया जाना पाया। जिंदल हॉस्पिटल ने इस राशि को मरीजों से प्राप्त करना स्वीकार करते हुए 1 लाख 62 हजार रुपए राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी भरतपुर को चेक द्वारा भुगतान किया गया है।

पत्रिका ने ऐसे किया मामले का खुलासा

एकमात्र राजस्थान पत्रिका ने नौ मई के अंक में 'गरीबों के हक की सांसों पर रसूख का साया, 10 मई के अंक में 'खौफ: मरता, क्या नहींं करता ..., 11 मई के अंक में 'हाईकोर्ट पहुंचा निजी अस्पताल की मनमानी का मामला, 12 मई के अंक में 'मनमानी पर नहीं टूट रहा जिम्मेदारों का मौन, 13 मई के अंक में 'जिला कलक्टर-हॉस्पिटल संचालक को नोटिस जारी, 14 मई के अंक में 'बड़ा सवाल ... आखिर निजी अस्पतालों में कौन लिख रहा रेमडेसिविर, 15 मई के अंक में 'अब भी मनमाने शुल्क की वसूली, बिल देने से इनकार, 16 मई के अंक में 'अब केन्द्र सरकार का आदेश: आवंटित वेंटीलेटर्स की कराई जाएगी ऑडिट, 17 मई के अंक में 'अफसरों ने लिया निजी अस्पतालों का जायजा, रेट लिस्ट तक नहीं मिली तथा 18 मई के अंक में 'प्रशासन बांट रहा वेंटीलेटर, पीएमओ ने मांगे वापस, 19 मई के अंक में जिंदल हॉस्पिटल ने लौटाए पांच सरकारी वेंटीलेटर, 20 मई के अंक में प्रशासन का गणित: खानापूर्ति या मेहरबानी, 21 मई के अंक में राजकीय शोक के चलते टली सुनवाई, 22 मई के अंक में वेंटीलेटर प्रकरण में जिन पर दोष, सरकार ने उन्हें ही सौंपा जांच का जिम्मा, 25 मई को वेंटीलेटर के किराये पर फंसा पेंच, 26 मई को वेंटीलेटर प्रकरण: हाईकोर्ट की बेंच में हुआ सूचीबद्ध शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। अब तक सिर्फ राजस्थान पत्रिका ही इस प्रकरण को उठा रहा है।

भरतपुर. भुसावर पुलिस ने गांव पथैना में पूर्व प्रधान के घर हथियारों की लूट की वारदात में आरोपी विनोद कुमार पुत्र तेज सिंह जाट न्यायालय के आदेश पर आगरा जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है। आरोपी को गत दिनों आगरा पुलिस ने एक मुठभेड़ के दौरान धरदबोचा था। उसके पैर में गोली लगने से वह घायल हो गया था। आरोपी पर यूपी पुलिस से करीब एक लाख रुपए का इनाम गिरफ्तारी को लेकर घोषित था।
थानाधिकारी मदनलाल मीणा ने बताया कि गांव पथैना में पूर्व प्रधान भूपेंद्र सिंह पुत्र धु्रव सिंह जाट के घर पर 23 सितंबर 2019 की रात आरोपी विनोद कुमार पहलवान एवं उसकी गैंग के सदस्य ने मिलकर हथियार की लूट की वारदात को अंजाम दिया। घटना को लेकर 24 सितंबर 2019 को भूपेंद्र सिंह ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। घटना के बाद से ही हथियार लूट मामले में आरोपी फरार चल रहा था। आरोपी की गिरफ्तारी पर राजस्थान पुलिस की ओर से 10 हजार रुपए इनाम घोषित था। थाना प्रभारी ने बताया कि विनोद पहलवान के गैंग के सदस्य सोनू पुत्र प्रभद्याल निवासी राधा नगर सेवर, दीपक पुत्र अजय सिंह जाट निवासी रूपला पयासा बयाना, लोकेंद्र उर्फ लंबू पुत्र रमेश निवासी सुभाष नगर, बॉबी पुत्र वीर सिंह जाट निवासी भरतपुर को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

भरतपुर. महाराजा सूरजमल बृज विवि की ओर से स्नातक, स्नातकोत्तर समेत अन्य कक्षाओं में परीक्षा आवेदन पत्र भरने की अंतिम तिथि को विलम्ब शुल्क के साथ वापस बढ़ाया है। उक्त पाठ्यक्रमों के परीक्षा आवेदन पत्र पुन: ऑनलाइन प्रक्रिया से वेबसाइट एवं विश्वविद्यालय की साइट के माध्यम से भरे जा सकेंगे। इसमें विलम्ब शुल्क 500 रुपए अतिरिक्त जमा करना होगा। विवि के सहायक कुलसचिव (परीक्षा) डॉ.फरबट सिंह ने बताया कि बीए, बीएससी, बीकॉम, बीसीए (पास कोर्स एवं ऑनर्स कोर्स) नियमित, स्वयंपाठी एवं पूर्व छात्र (पार्ट प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय), बीए एडिशनल तथा स्नातकोत्तर प्रीवियस एवं फाइनल (वार्षिक पद्धति) नियमित, पूर्व छात्र एवं स्वयंपाठी, स्नाकोत्तर (प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर- गृह विज्ञान, चित्रकला), एमए, एमएससी गणित (तृतीय सेमेस्टर एवं प्रथम के ड्यू) नियमित व स्वयंपाठी, स्नाकोत्तर (तृतीय सेमेस्टर एवं प्रथम सेमेस्टर के ड्यू- भूगोल, चित्रकला), स्नातकोत्तर (तृतीय सेमेस्टर एवं प्रथम सेमेस्टर के ड्यू- भूगोल व चित्रकला), स्नातकोत्तर (प्रथम सेमेस्टर- भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित), एमएड सेमेस्टर प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर, बीए बीएड एवं बीएससी पार्ट प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ, एलएलबी सेमेस्टर द्वितीय, बीए, एलएलबी प्रथम, तृतीय एवं पंचम सेमेस्टर तथा एलएलएम सेमेस्टर प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर के ड्यू विद्यार्थी अब 7 से 16 जुलाई तक विलम्ब शुल्क के साथ आवेदन जमा करा सकते हैं।

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