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बांध भरे तो छलके खुशियां Wednesday 07 July 2021 06:06 PM UTC+00 #kot bandh jhunjhunu #ajeet sagar bandh khetri 130 वर्ष पूर्व बना था अजीत सागर बांध खेतड़ी. खेतड़ी के डाडा फतेहपुरा में तत्कालीन खेतड़ी के महाराजा अजीत सिंह ने 130 वर्ष पूर्व अजीत सागर बांध बनाया था। यह बांध गत नौ-दस वर्षों से नहीं भरा है। इसका मुख्य कारण इस बांध के पानी आवक क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक एनीकट। इसके अलावा पानी के भराव क्षेत्र में स्थानीय लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। जब यह बांध भर जाता है तो इससे डाडा फतेहपुरा, नालपुर, त्यौन्दा, मेहाड़ा, गौरीर, दूधवा तक के कुओं का जल स्तर बढ जाता है। वर्तमान में बांध एकदम सूखा है। बांध पर लगे शिलालेख के अनुसार खेतड़ी के तत्कालीन राजा अजीत सिंह ने 16 जनवरी 1889 को इसका कार्य शुरू करवाया था तथा 30 सितम्बर 1891 को पूर्ण हुआ था। इस बांध का निर्माण कार्य में राजा के निजी सचिव पंडित कन्हैयालाल की देखरेख में 86 हजार 394 रुपए खर्च किए गए थे। 20 अगस्त 2010 को आई तेज वर्षा से अजीत सागर बांध कई वर्षों बाद पूर्ण रुप से भरा था तथा इसकी चादर चली थी। भराव क्षमता: 45 फीट
उदयपुरवाटी. शाकंभरी जाने वाले रास्ते पर आने वाले कोट बांध का भराव क्षेत्र दो जिलों में आता है। कोट बांध का सामने का आधा भराव क्षेत्र झुंझूनूं जिले में तो पीछे का आधा भराव क्षेत्र सीकर जिले में आता है। कोट बांध की भराव क्षमता 25 फीट है। 25 फीट के बाद बांध पर चादर चलने लग जाती है। वर्तमान समय में गत वर्ष का कोट बांध में 13 फीट पानी बचा हुआ है। कोट बांध पर 2019 में अंतिम बार चादर चली थी। जिसके बाद गत वर्ष शाकंभरी क्षेत्र में अधिक बारिश नहीं होने से बांध पर चादर नहीं चली। कोट बांध में शाकंभरी की पहाडिय़ों में होने वाली बरसात का पानी आकर एकत्रित होता है। कोट बांध का असली नाम सरजू सागर बांध है। लेकिन कोट गांव के पास होने के चलते इसका नाम धीरे धीरे कोट बांध पड़ गया। बांध पर निवेदक कुमार प्रताप सिंह के नाम से लगी पट्टिका में सरजू सागर(कोट बांध) का निर्माण मानव गोत्र सूर्यवंशी शेखावत वंश खंडेला पाना बड़ा के महाराज हम्मीर भूप के राज्य में कोट ग्राम के पास विक्रस संवत 1981 में एक लाख रूपए की लागत से बनाया गया था। पट्टिका में लिखा है कि पहाड़ों से बहकर आने वाला पानी शाकंभरी माता की गंगा है। जिसमें पानी पीने वाले जानवरों का शिकार करना पाप है। नांगल ग्राम पंचायत के अधीन आने वाले कोट बांध में नहाना पूर्णतया प्रतिबंधित है। कोट बांध प्रसिद्ध होने से यहां दूर दराज क्षेत्र लोग परिवार के साथ पिकनिक मनाने के लिए आते हैं। बारिश के मौसम में बांध पर चादर चलने के बाद यहां लोगों की काफी भीड़ रहती है। बांध का नाम- कोट बांध (सरजू सागर) भराव क्षमता- 25 फीट ----------------------------------- काटली के बहाव में बने काल्यादह बांध को पानी का इंतजार
भराव क्षमता: 18 फीट तांबी वाले बांध पर नहीं चली चादर
भराव क्षमता: 20 फीट। |
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