>>: Digest for July 08, 2021

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चालाकी नहीं आई काम, निकालने पड़ेंगे थाने के चक्कर
-जिले के गांव ढंढ़ेला और मलसीसर में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फर्जी तरीके से क्लेम उठाने का मामला
-नियमों को ताक पर रख उठाया करीब पचास लाख का फर्जी क्लेम

हनुमानगढ़. जिले में कुछ जगह फर्जी तरीके से प्रधानमंत्री फसल बीमा का क्लेम उठाने का मामला सामने आने पर इसकी जांच पूरी हो चुकी है। जिन आरोपियों ने सिस्टम को हैक करके फर्जी क्लेम उठाते समय चालाकी दिखाई थी, उन्हें अब थाने के चक्कर निकालने पड़ेंगे। फर्जी तरीके से क्लेम उठाने संबंधी प्रकरण सामने आने के बाद अब ढंढ़ेेला गांव से जुड़े मामले में आरोपियों के खिलाफ पुलिस थाने में मामला भी दर्ज करवा दिया गया है। मलसीसर की जांच भी लगभग पूरी हो चुकी है। जल्द इस गांव में भी फर्जी तरीके से बीमा क्लेम उठाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने की तैयारी है। आरोप है कि इन दोनों गांवों में जल मांग वाली फसल मूंगफली की बिजाई नहीं हुई।
लेकिन कूटरचित दस्तावेजों के जरिए आरोपियों ने अकेले गांव ढंढ़ेला में पचास लाख से अधिक का फर्जी क्लेम उठा लिया। बीमा घोटाले में एग्री कल्चर इंश्योरेंस कंपनी नोहर के ब्लॉक कॉर्डिनेटर, राजस्व पटवारी, पीएनबी स्टॉफ व ई-मित्र संचालक की पूरी भूमिका रही है। सभी आरोपियों ने अपने परिवार व अन्य चहेतों के नाम फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर बीमा क्लेम उठा लिया। इस मामले में कुछ किसानों ने खरीफ २०२० में पीएम फसल बीमा योजना में फर्जी तरीके से क्लेम उठाने की शिकायत की थी। इसके बाद जिला प्रशासन स्तर पर गठित कमेटी ने जांच की। इसमें प्रशासनिक व कृषि विभाग से जुड़े अधिकारियों ने सभी तथ्यों को जांचने के बाद फर्जीवाड़े की पुष्टि की है। पूरे जिले की बात करें तो खरीफ सीजन २०२० में सबसे अधिक २३६ करोड़ का क्लेम भादरा व करीब इतना ही नोहर क्षेत्र के लिए आया है।

यह खेल भी रच रहे
गांव ढंढ़ेला में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में हेराफेरी कर लाखों की कमाई करने वाले की शिनाख्तगी के बाद अब आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दिया गया है। इसके बाद आरोपी तरह-तरह के खेल रच रहे हैं। बताया जा रहा है कि सबसे अधिक घोटाला पटवार मंडल मलसीसर में हुआ है। इसमें विशेष गिरोह के लोगों ने धोखाधड़ी कर अन्य किसानों की भूमि, सार्वजनिक व सरकारी जमीनों पर फसल बीमा का क्लेम उठा लिया है। कुछ अन्य पटवार मंडलों में आ रही शिकायतों को लेकर भी जांच की जा रही है। इस मामले में और तथ्य जुटाने के लिए कृषि विभाग व बीमा कंपनियों से वर्ष 2016 से 2021 के फसल बीमा के आंकड़े लिए गए हैं। बीमा घोटाले में सहकारी समितियों से जुड़े लोग, ईमित्र संचालक और कुछ अन्य किसान शामिल हैं। अब कार्रवाई होने के कारण आरोपी संबंधित किसानों को राशि वापस लौटा कर अपना बचाव करने का प्रयास कर रहे हैं।

ऐसे खुलती गई परतें
पीएम फसल बीमा योजना में हुए घोटाले को सबसे पहले पत्रिका ने उजागर किया था। १४ जून को Óफसल बीमा योजना में गड़बड़ी का आरोप, जांच के लिए कमेटी गठितÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित होने के बाद लगातार इस मामले की परतें खुलती गई। जांच रिपोर्ट आने के बाद इस बीमा घोटाले में लिप्त आरोपियों की पहचान भी कर ली गई है। जिले के कुछ जागरूक किसानों की ओर से की गई शिकायत को पत्रिका ने लगातार आवाज देने का प्रयास किया।

इतने का क्लेम वितरित
हनुमानगढ़ जिले में खरीफ 2019 में 130321 बीमित कृषकों को 668.48 करोड़ रुपए का म्लेम जारी किया गया। इसी तरह रबी 2019-20 में 79282 बीमित कृषकों को 364.40 करोड़ रुपए व खरीफ 2020 में 172058 बीमित कृषकों को 402.44 करोड़ रुपए का फसल बीमा क्लेम राशि स्वीकृत कर फसल बीमा कम्पनी एग्रीकल्चर इश्योरेंस कम्पनी ऑफ इंडिया लिमिटेड की ओर से वितरित किया जा चुका है। इसी प्रकार खरीफ 2018 में 101072 बीमित कृषकों को 526.97 करोड़ रुपए व रबी 2018-19 में 22617 बीमित कृषकों को 65.96 करोड़ का फसल बीमा क्लेम इफको टोकियो जनरल इश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की ओर से स्वीकृत कर वितरित किया गया है।

......वर्जन....
उठाया फर्जी तरीके से क्लेम
गांव ढंढ़ेला में फर्जी तरीके से फसल बीमा क्लेम उठाने की शिकायत पर इसकी जांच रिपोर्ट आ गई है। इसमें करीब पचास लाख का फर्जी क्लेम उठाने की बातें सामने आई है। संबंधित आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी है। मलसीसर प्रकरण में जल्द एफआईआर करवाने की तैयारी है। इस संबंध में जांच रिपोर्ट लगभग तैयार हो चुकी है।
-दानाराम गोदारा, उप निदेशक, कृषि विभाग हनुमानगढ़

बेटा ही निकला बाप का कातिल, जमीन के लिए ली जान
- ढाणी में सो रहे दंपती पर हमला कर एक जने की हत्या का मामला
- पुलिस ने 36 घंटे के भीतर किया खुलासा
रावतसर. निकटवर्ती ग्राम पंचायत बुधवालिया के पास खेत में बनी ढाणी में रविवार रात एक जने की हत्या मामले का पुलिस ने 36 घंटे के भीतर ही खुलासा कर दिया। मृतक का बेटा ही हत्या का आरोपी निकला। पुलिस ने आरोपी रामेश्वरलाल कासनिया को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया।
थाना प्रभारी अशोक बिश्नोई ने बताया कि मामले की गहनता से जांच व आस-पड़ोस में पूछताछ करने पर सामने आया कि रामप्रताप कासनिया तथा रामेश्वरलाल के बीच जमीन को लेकर विवाद था। पिता व पुत्र एक ही ढाणी में अलग-अलग रह रहे थे। रविवार को दिन में पिता व पुत्र के बीच विवाद हुआ था। इस पर रामेश्वरलाल ने रात में पिता रामप्रताप व सौतेली मां चन्द्रकला की हत्या की साजिश रची। रात्रि में घटना को अंजाम दे दिया। इसके बाद पुलिस व आमजन की नजरों से बचने के लिए अज्ञात लोगों की ओर से हमला करने की कहानी गढ़ी।
मृतक के दो विवाह
मृतक रामप्रताप कासनिया की दो शादियां हुई थी। पहली पत्नी से दो पुत्र जयचन्द व रामेश्वर हुए। पत्नी की मौत के बाद रामप्रताप ने चंद्रकला से विवाह किया। उससे रामप्रताप को एक पुत्री हुई। जयचन्द व रामेश्वर की शादी एक ही घर में की हुई थी। वर्ष 2012 में बड़े बेटे जयचन्द की मौत हो गई। जयचन्द की पत्नी सुमित्रा को रामेश्वर के ही बैठा दिया गया। इसके बाद पिता रामप्रताप व रामेश्वर के बीच विवाद रहने लगा। रामप्रताप ने अपने हिस्से की पूरी जमीन दूसरी पत्नी से हुई पुत्री रिंकू के नाम करने की बात कहने लगा। रामेश्वर को केवल दो बीघा बारानी भूमि देने की बात कहता। इसको लेकर विवाद बढ़ा तो पिता एवं पुत्र एक ही ढाणी में अलग-अलग रहने लगे। विवाद निरंतर बढ़ता गया। इसका परिणाम यह रहा कि रामेश्वरलाल ने कुल्हाड़ी से पिता की हत्या कर दी तथा मां चंद्रकला पर भी हमला किया।
यह था घटनाक्रम
पुलिस से बचने के लिए रामेश्वरलाल ने मामला दर्ज करवाया कि रविवार रात सभी सदस्य खाना खा कर सो गए। माता-पिता अलग आंगन में सो गए। रात्रि में लगभग सवा तीन बजे किसी ने उसके सिर में चोट मारी। तकिया होने के कारण सिर का बचाव हो गया। वह उठा तो देखा कि हमलावर दो जने थे। उनका पिछा किया तो एक हमलावर की टीशर्ट हाथ में आ गई। दूसरे हमलावर ने उस पर लाठी से वार किए। इससे हाथ व पैर पर चोट आई। इससे घबरा कर वह वापस ढाणी में आ गया। ढाणी में देखा तो पिता रामप्रताप के सिर से खून बह रहा था। माता चन्द्रकला तड़प रही थी। इस पर चाचा को थालड़का फोन किया। इसके बाद दोनों को अस्पताल पहुंचाया। वहां रामप्रताप को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। जबकि चंद्रकला को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

अब आदमी घर में नहीं, मोबाइल के अंदर रहता है...
- कागद जयंती पर काव्य गोष्ठी का आयोजन
हनुमानगढ़. मरुधरा साहित्य परिषद व कागद फाउंडेशन के तत्वावधान में साहित्यकर ओम पुरोहित 'कागदÓ की जयंती पर काव्य गोष्ठी हुई। चाणक्य क्लासेज में सोमवार को आयोजित गोष्ठी की अध्यक्षता भगवती पुरोहित कागद ने की। हास्य कवि रूपसिंह राजपुरी एवं शायर राजेश चड्ढ़ा बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। वरिष्ठ साहित्यकार नरेश मेहन ने कहा कि कागद केवल साहित्यकार नहीं थे। वे एक संस्था थे। उनके भीतर इतिहासकार, चित्रकार, क्रिकेटर भी छिपे हुए थे। राजेश चड्ढ़ा ने कागद की 'दिन भर बंद रहकर रात के सन्नाटे में क्यों खुल जाती है अपने आप स्मृतियों की गठरीÓ सहित अन्य कविताएं पढ़ी। उनकी पुस्तक 'आदमी नहीं हैÓ तथा 'आंख भर चितरामÓ से रचनाओं का वाचन भी किया गया।
गोष्ठी में युवा कवि आशीष गौतम बागी, मनोज दीपावत, मोहनलाल वर्मा, गुरदीप सोहल, वीरेन्द्र छपोला, विनोद यादव, प्रेम भटनेरी एवं सुरेन्द्र सत्यम ने अपनी रचनाएं पढ़ी। संस्था सचिव नरेश मेहन ने 'घर अब घर नहीं है, मोबाइल में रहते हंै घर के सारे लोगÓ कविता सुनाई। राजेश चड्ढ़ा ने 'हवाओं को घर का पता यूं बतानाÓ गजल पढ़ी। रूपसिंह राजपुरी ने हास्य कविता 'गुलाब और बाजराÓ सहित अन्य रचनाएं प्रस्तुत की। भगवती पुरोहित ने कागद से जुड़े संस्मरण सुनाए। गोष्ठी में विशिष्ट लोक अभियोजक दिनेश दाधीच, संस्था निदेशक राज तिवाड़ी आदि मौजूद रहे।

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