>>: Digest for July 08, 2021

>>

Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment!

You are receiving a digest because your subscriptions have exceeded your account's daily email quota. Your quota has automatically reset itself.

Table of Contents

मुकेश हिंगड़ / उदयपुर. शहर से सटे डाकनकोटड़ा में बोर का तालाब को बर्बाद किया जा रहा है। तालाब के अंदर बड़ी मात्रा में क्रेशर गिट्टी का वेस्ट डाला जा रहा है। अब तो स्थिति यह हो गई कि तालाब का कई भाग चिकनी स्लरी में बदल गया है। रविवार को वहां पर एक भैंस फंस गई जिसको क्रेन मंगवाकर निकाला गया और दूसरी भैंस अभी तक मिली नहीं है। अब तक करीब पांच जानवरों की मौत हो चुकी है। इस क्षेत्र में संचालित क्रेशर के संचालकों की ओर से वेस्ट तालाब में डाला जा रहा है।
रविवार को बोर का तालाब में एक भैंस फंस गई, देखते ही देखते भैंस चिकनी स्लरी में उतर गई और सिर्फ उसका मुंह ही दिख रहा था। वहां एकत्रित हुए ग्रामीणों ने सारे प्रयास किए लेकिन वे भैंस को नहीं निकाल सके। बाद में हाइवे बनाने वाली सद्भाव कंपनी से आग्रह किया तो उन्होंने मदद के लिए क्रेन और एक अन्य मशीन भेजी। बाद में करीब तीन घंटे तक रेस्क्यू चला, भैंस को सावधानी से क्रेन से ऊपर तो खींच लिया लेकिन वापस नीचे उतर गई। बाद में दूसरी मशीन व ग्रामीणों के सहयोग से उसे निकाला गया। इधर, गांव के ही प्रताप सिंह की एक भैंस भी गायब है जो सोमवार शाम तक नहीं मिली। ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में पांच जानवर वहां मर चुके है।

क्रेशर संचालक तालाब में डाल रहे वेस्ट
ग्रामीणों ने बताया कि क्रेशर गिट्टी संचालक वहां से निकलने वाले वेस्ट को तालाब में पटक रहे है जिससे तालाब में स्लरी जम गई है, पानी व पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। जबकि क्रेशर से निकलने वाले वेस्ट को उनको अलग डम्पिंग यार्ड बनाकर वहां डम्प करना चाहिए।

भैंसे पानी पीने जाती और फंस जाती
ग्रामीणों ने बताया कि तालाब पर भैंसे पानी पीने जाती है और जब वे चिकनी स्लरी में की तरफ उतरती है तो वापस बाहर नहीं निकल सकती है, ऐसे में पूर्व में जानवरों की मौत हो चुकी है, रविवार की घटना से सोमवार को सरपंच मांगीलाल मीणा को भी ग्रामीणों ने अवगत कराया।

डाकन कोटड़ा के बोर का नाका तालाब में समाहित वेस्ट में फंसी भैंस को क्रेन के जरिए निकालते हुए।

इनका कहना है....

वहां पर क्रेशर के वेस्ट का नाला सीधे तालाब में छोड़ दिया। ऐसे में तालाब में ये वेस्ट समाहित हो रहा। आए दिन मवेशी फंस रहे है, पूर्व में करीब पांच जानवरों की तो मौत हो चुकी है। तालाब का पानी भी खराब हो रहा है और वातावरण प्रदूषित हो रहा है। क्रेशर संचालकों को प्लांट के पास वेस्ट का डम्पिंग यार्ड बनाना चाहिए।
- मांगीलाल मीणा, सरपंच डाकनकोटड़ा

मुकेश हिंगड़

उदयपुर. जिले में तहसीलों के हाल खराब है। तहसीलदार की कुर्सी खाली पड़ी है। आम आदमी हो या किसान राजस्व के काम अटके पड़े है। उदयपुर जिले में 15 में से 10 तहसीलों में तहसीलदार ही नहीं है। नायब तहसीलदार काम के बोझ से दबे पड़े हैं। हालात ऐसे हो गए है कि जिला प्रशासन के पास आए दिन तहसीलदार के खाली पदों से होने वाली समस्याएं आ रही है लेकिन अभी तक राज्य सरकार ने इन पदों पर तहसीलदार नहीं लगाए है।

बाकी तहसीलदार व नायब तहसीलदार में बंटे रहते काम

तहसीलदार व नायब तहसीलदार दोनों के होने से उनके पास उस तहसील के आधे-आधे पटवार मंडल बंटे रहते हंै। अब तहसीलदार नहीं है तो सारा काम नायब तहसीलदार के पास होते हैं। वे वैसे ही काम के बोझ से दबे और ऊपर से दूसरे पटवार मंडल भी उनके पास। सरकारी मीटिंगों और मौका निरीक्षण में जाते तो तहसील में नहीं मिलेंगे और तहसीलदार की सीट खाली।

प्रशासनिक प्रबंधन में परेशानियां बढ़ी
तहसीलदार के पद खाली होने से खातेदार अधिकार, कन्वर्जन, रास्तों के मामले, अतिक्रमण, कोर्ट के बंटवारे के आदेशों, किसानों से जुड़े मामले आदि कामों में उलझन बनी हुई रहती है। पटवार मंडलों से तहसील भेज जाने वाली फाइले भी अटकी पड़ी है। तहसीलदारों के पद रिक्त होने से प्रशासनिक प्रबंधन को लेकर भी परेशानियां बढ़ गई है। वल्लभनगर विधानसभा में तो उप चुनाव के चलते अब वहां चार तहसीलें हो गई, लेकिन चारों में तहसीलदार के पद खाली है। वहां भींडर, कानोड़, वल्लभनगर व कुराबड़ में तहसीलदार नियुक्त नहीं कर रखा है। नायब तहसीलदार भी भींडर व कुराबड़ में ही है। इस संबंध में वल्लभनगर के पूर्व विधायक रणधीर सिंह भींडर तो राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव आनंद कुमार से भी मिलकर आए और तहसीलदारों की नियुक्ति कराने की मांग की।

इन तहसीलों को छोड़ सबमें तहसीलदार नहीं

गिर्वा
मावली
सलूंबर
लसाडिय़ा
केशरियाजी


तीन उपखंड मुख्यालयों पर एसडीओ ही नहीं

बडग़ांव
झाड़ोल
लसाडिय़ा

तहसीलों को लेकर खास बातें
- बाकी तहसीलों में तहसीलदार की कुर्सी खाली पड़ी है, वहां नायब तहसीलदारों को चार्ज दे रखा है।
- झाड़ोल व कोटड़ा में तो एक ही झाड़ोल के नायब तहसीलदार को जिम्मा दे रखा है।
- वैसे देखा जाए तो कुराबड़ व नयागांव भी नवीन क्रमोन्नत तहसीलें है जहां भी तहसीलदार अभी नहीं लगाए गए है।

उदयपुर. राजस्थान पुलिस ने जनता से तालमेल बनाने को लेकर पहले सीएलजी, पुलिस मित्र और फिर ग्राम रक्षक की नियुक्ति तय की। प्रत्येक गांव में पुलिस और ग्रामीणों के बीच सामन्जस्य बनाना ग्राम रक्षकों की जिम्मेदारी है। इसे लेकर उदयपुर जिले सहित प्रदेशभर में प्रक्रिया चल रही है। हालांकि उदयपुर जिले में गांवों की कुल संख्या की तुलना में लगभग 50 फीसदी ग्राम रक्षक ही नियुक्त किए जा सके हैं।
राजस्थान पुलिस अधिनियम 2007 तथा राजस्थान पुलिस अध्यादेश 2020 के अनुसार ग्राम रक्षक सूचीबद्ध करने के लिए आवेदन मांगे गए थे। यह सर्कुलर 6 जुलाई, 2020 को जारी किया गया। इस एक साल के दरमियान उदयपुर जिले के उन गांवों में शत प्रतिशत नियुक्ति कर दी गई, जो शहर के आसपास में है, जबकि उन ग्रामीण क्षेत्रों में नियुक्ति नहीं हो पाई है, जहां शिक्षा का स्तर कम है।
दो साल की नियुक्ति

पुलिस मुख्यालय की मदद के लिए ग्राम रक्षक अवैतनिक स्वयंसेवक के रूप में 2 वर्ष के लिए बनाए गए हैं। इसके लिए 40 वर्ष से 55 वर्ष तक की आयु के ग्रामीणों का चयन किया गया है। ग्रामरक्षकों को पुलिस की मदद किस तरह करनी है, इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया है। आवेदन के विरुद्ध थाने में किसी भी तरह का केस नहीं हो।

यह है ग्रामरक्षक की जिम्मेदारी
- गांव में अपराध होने, कानून व्यवस्था बिगडऩे पर पुलिस को सूचना देना।

- पुलिस कार्रवाई के दौरान लोगों की ओर से बाधा पहुंचाने से रोकने में मदद।
- पुलिस व्यवस्था से संबंधित समस्या या शिकायत दर्ज कर रिकॉर्ड में लेना।

- गांव में अपराध संबंधित मामलों पर ग्राम पंचायत से संपर्क बनाए रखना।
- त्योहार या अन्य किसी अवसर पर गश्त व्यवस्था में पुलिस की सहायता करना।

- गांव में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सामान्य चौकसी रखना।
- गांव में संदिग्ध गतिविधि या अपराध का प्रयास करने की सूचना पुलिस को देना।

- अवैध हथियार मिलने पर व्यक्ति की गिरफ्तारी में पुलिस की मदद करना।
- अपराधी महिला है तो ग्राम रक्षक के साथ महिला भी आ सकती है।

जिलेवार सूचीबद्ध ग्रामरक्षक

अजमेर - 1121
अलवर - 1049

भिवाड़ी - 842
बांसवाड़ा - 993

बारां - 1084
बाड़मेर - 2610

भरतपुर - 1127
भीलवाड़ा - 1138

बीकानेर - 595
बूंदी- 796

चित्तौडग़ढ़ - 848
चूरू - 856

दौसा - 961
धौलपुर- 713

डूंगरपुर - 876
हनुमानगढ़ - 788

जयपुर ग्रामीण - 1127
जयपुर पूर्व - 152

जयपुर पश्चिम - 244
जयपुर उत्तर - 37

जयपुर दक्षिण - 272
जैसलमेर - 206

जालोर - 647
झालावाड़ - 1153

झुंझुनंू - 990
जोधपुर ग्रामीण - 722

जोधपुर पूर्व - 143
जोधपुर पश्चिम - 202

करौली - 812
कोटा ग्रामीण - 764

कोटा शहर - 25
नागौर - 1538

पाली - 913
प्रतापगढ़ - 551

राजसमंद - 999
सवाईमाधोपुर - 692

सीकर - 1079
सिरोही - 458

श्रीगंगानगर - 1486
टोंक - 865

उदयपुर - 1754

मुकेश हिंगड़

उदयपुर. इंसानों पर हमले और जनहानि करने वाले पैंथर को पकडऩे के लिए वन विभाग ने सारे ताम-झाम कर दिए लेकिन पैंथर इतना शातिर निकला कि वहं ऐसे स्थानों पर अभी तक दिखा भी नहीं। पैंथर का मूंमेंट नहीं होने से चिंता बढ़ी है क्योंकि पैंथर तक पहुंचने के लिए सारे प्रयास किए गए लेकिन वह दिख ही नहीं रहा है। विशेषज्ञ भी मानते है कि पैंथर का मूमेंट भी दूसरी तरफ हो गया है इसलिए अभी तक नजर नहीं आया। इधर, जिला प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची और पूरे हालात की जानकारी ली।
केवड़ा वन नाका के सिंघटवाड़ा क्षेत्र में पैंथर के घरों में आकर इंसानों पर हमला करने की बढ़ी घटनाओं के बाद वहां पर बड़े स्तर पर ऑपरेशन चलाने के लिए टीमें लगाई और पैंथर को देखने के लिए तकनीक का भी पूरा उपयोग किया जा रहा है लेकिन पैंथर जब तक उस क्षेत्र में आए नहीं तब तक कोई परिणाम नहीं मिल रहा है। वन विभाग ने कैमरा ट्रेप से लेकर पिंजरे लगा दिए लेकिन जो उम्मीद थी उसके अनुसार मिला कुछ नहीं। अधिकारियों का मानना है कि करीब 25 किलोमीटर क्षेत्र में पैंथर ने मूमेंट का स्थान ही बदल दिया इसलिए इतने दिनों में अभी तक नजर नहींआया।

मंगलवार को अतिरिक्त जिला कलक्टर ओपी बुनकर भी वहां पहुंचे, उन्होंने जिन स्थानों पर दो महिलाओं की मौत हुई वहां भी गए और इसके अलावा आसपास के क्षेत्र का दौरा किया। वहां पैंथर को पकडऩे के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी ली। उनके साथ सराड़ा एसडीएम सुभाष हेमानी, तहसीलदार रवीन्द्र सिंह, सहायक वन संरक्षक कन्हैयालाल शर्मा, क्षेत्रीय वन अधिकारी सुरेन्द्र सिंह आदि साथ थे।

जयपुर से आकर वापस लौटे वरिष्ठ चिकित्सक अरविंद माथुर बताते है कि वहां पूरे प्रबंध किए गए लेकिन पैंथर अभी कैमरा ट्रेप में ही नहीं आया। वे बताते है कि पैंथर का मूमेंट इस जंगल में दूसरी जगह भी हो सकता है। वे कहते है कि जब तक पैंथर दिखेगा नहीं और पकड़ में नहीं आएगा तब तक कुछ कह नहीं सकते है।

10 पिंजरे लगा रखे
12 कैमरा ट्रेप लगाए
03 शूटर तैनात
04 जनों की जान जा चुकी
15 अब इंसान घायल हो चुके

खेत की बाड़ में फंसा पैंथर

इधर, मावली क्षेत्र के रानी कला गांव में एक पैंथर को रेस्क्यू किया गया। पैंथर के खेत की बाड़ में फंसे होने की सूचना वन विभाग को मिली। उप वन संरक्षक अजीत ऊंचोई ने वन्यजीव की रेस्क्यू टीम भेजी। उडऩदस्ता प्रभारी लालसिंह सोलंकी, शूटर डीपी शर्मा, शैलेन्द्र सिंह की मदद से पैंथर को वहां से रस्क्यू किया। बाद में उसका उसको जंगल में छोड़ दिया गया।


मावली के पास पैंथर खेत की बाड़ में फंस गया।

इधर, मोड़ी में फिर आ गया पैंथर
इधर, वल्लभनगर उपखण्ड क्षेत्र की ग्राम पंचायत मोड़ी में एक बार फिर से पैंथर आ धमका। मोड़ी निवासी पशुपालक कजोड़ी मल खटीक के घर के पीछे पशुओं को बांधने के लिए बने बाड़े की करीब 15 फीट ऊंची दीवार को फांद कर पैंथर ने बकरी का शिकार कर लिया।

मुकेश हिंगड़
उदयपुर. राजस्व विभाग का एक पत्र मिला जिसमें प्रदेश में संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर के निजी स्टाफ से लेकर कलक्ट्री, उपखंड कार्यालय, तहसील व नायब तहसील कार्यालयों में बरसों से लगे स्टाफ को बदला जाएगा। यह आदेश यहां मिलने के साथ ही उदयपुर जिले के सरकारी विभागों में हडकंप मच गया है और बरसों से जमे कर्मचारियों में चर्चा का विषय है। आदेश के साथ ही ऐसे कार्मिकों को चिन्ह्ति कर उनको उस विभाग से बदलने का काम संबंधित विभाग को करना होगा।

राजस्व मंडल के इस आदेश के बाद से सभी विभागों में ऐसे कार्मिकों को चिन्ह्ति करना शुरू कर दिया गया है। उदयपुर जिला मुख्यालय पर संभागीय आयुक्त, कलक्ट्री कार्यालय के निजी स्टाफ के साथ ही कलक्ट्री, उपखंड, तहसील व नायब तहसील कार्यालय में कार्यरत पीए, रीडर, बाबू व अन्य स्टाफ जो बरसों से ही स्थान पर कार्यरत है उनको बदला जाए। राजस्व विभाग ने माना कि यह प्रशासनिक दृष्टि से भी कतई उचित नहीं है।

राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव आनंद कुमार के इस आदेश में स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया कि जिला कलक्टर, संभागीय आयुक्त के निजी स्टाफ में कार्यरत कुछ स्टाफ जिला कलक्टर कार्यालय संवर्ग का है तथा अन्य स्टाफ राजस्व मंडल संवर्ग की समयावधि में सुनिश्चित किया जाए। इसका मतलब यह है कि जिन्हें पांच वर्ष पूर्ण हो गए है उन्हें कार्यालय संवर्ग के कर्मचारियों का स्थानांतरण क्रमश: जिला कलक्टर तथा संभागीय आयुक्त करें एवं राजस्व मंडल संवर्ग के कार्मिकों का स्थानांतरण राजस्व मंडल अजमेर की ओर से किया जाए। आनंद कुमार ने राजस्व मंडल, संभागीय आयुक्त एवं कलक्टरों से इसकी पालना रिपोर्ट भी मांगी है।


संभागीय आयुक्त ने भी कलक्टरों से सूची मांगी
इस संबंध में संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट ने भी संभाग के जिला कलक्टरों से इस संबंध में ऐसे कार्मिकों की सूची तैयार कर आदेश की पालना करने को कहा।

उदयपुर. भारतीय जनता पार्टी ओबीसी मोर्चा शहर जिला की ओर से जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर शहर में सोमवार को आयोजन हुए। इसमें पौधरोपण करते हुए मुखर्जी को याद किया गया।
शहर के गंगु कुंड प्रांगण में उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने नाम से पौधारोपण कर संरक्षण का संकल्प लिया। भाजपा जिलाध्यक्ष रविन्द्र श्रीमाली ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने कश्मीर की आजादी के लिए अंतिम क्षणों तक संघर्ष किया। इस दौरान जिला महामंत्री किरण जैन, गजपाल सिंह, उपाध्यक्ष प्रेम सिंह शक्तावत, मोर्चा जिलाध्यक्ष प्रभुलाल प्रजापत, मंडल अध्यक्ष जितेन्द्र मारू आदि उपस्थित थे।
भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष डॉ अलका मुंदड़ा के नेतृत्व में डेडकिया गांव में पौधरोपण किया गया। भाजपा सरदार पटेल मंडल की ओर से श्रीमाली एवं मंडल अध्यक्ष हजारी जैन के नेतृत्व में पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर राजेश अग्रवाल जतिन श्रीमाली, दीपक बोल्या आदि उपस्थित थे।
भाजपा देबारी मंडल के अध्यक्ष दूल्हे सिंह देवड़ा के नेतृत्व में भेसड़ाकलां में पौधरोपण किया गया। भाजपा ओबीसी मोर्चा शहर जिला की ओर से पौधे लगाए गए। जिलाध्यक्ष श्रीमाली, मोर्चा पदेश उपाध्यक्ष जगदीश सुथार आदि ने पौधे रोपे। सुंदर सिंह भंडारी मंडल की ओर से अध्यक्ष सिद्धार्थ शर्मा के नेतृत्व में पौधरोपण किया गया।

कश्मीर की आजादी के लिए अंतिम क्षणों तक संघर्ष किया मुखर्जी ने : श्रीमाली

भीण्डर.(उदयपुर). प्रदेश की एकमात्र वल्लभनगर विधानसभा, जिसमें चार तहसीलें भीण्डर, कानोड़, वल्लभनगर व कुराबड़ है। लेकिन चारों तहसीलों में सरकार ने एक भी तहसीलदार नियुक्त नहीं कर रखा है। वहीं उपतहसीलदार भी केवल भीण्डर व कुराबड़ में कार्यरत हैं। ऐसे में लोगों के नियमित कार्यों में भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रिक्त पदों को भरने के लिए जनता सेना संरक्षक व पूर्व विधायक रणधीर सिंह भीण्डर ने जयपुर में राजस्व सचिव से मुलाकात करके पदों को जल्द भरने की मांग की है।
चार तहसीलदार, 32 पटवारियों के पद रिक्त : प्रदेश की बहुचर्चित वल्लभनगर विधानसभा के दिवंगत विधायक गजेन्द्र सिंह शक्तावत को गुजरे हुए 6 माह होने आएं है। 6 माह में विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने वाला नहीं होने की वजह से क्षेत्र की जनता का ये हाल हो गया हैं कि अब समस्या सुनने के लिए अधिकारी भी गायब हो चूके है। विधानसभा की चारों तहसीलों में तहसीलदार नियुक्त नहीं हैं तो वहीं पटवारियों के पद भी रिक्त है। चारों तहसीलों में पटवार मण्डल में पटवारी नहीं होने से आम नागरिक सहित किसान परेशान है। वल्लभनगर तहसील में 18, कानोड़ तहसील में 7, भीण्डर तहसील में 7 पटवारियों के पद रिक्त चल रहे है। एक पटवारी को 2-3 पटवार मण्डलों की जिम्मेदारी सौंप रखी है। जिससे एक भी पटवार पर नियमित कार्य नहीं हो पाता है। लोगों को पटवार मण्डल से लेकर तहसील कार्यालय तक बैरंग लौटना पड़ रहा है।

मेनार. (उदयपुर). क्षेत्र के अफीम काश्तकारों ने उपखंड अधिकारी, आबकारी अधिकारी को ज्ञापन देकर डोडा-चूरा का नष्टीकरण नहीं कर मुआवजा दिलाने की मांग की है। वल्लभनगर मावली के किसानों ने ज्ञापन में बताया कि विगत दो साल से अफीम डोडा-चूरा नष्टीकरण के बजाए 1 हजार दो सौ रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से मुआवजा दिया जाए। वही बताया कि अन्य तहसीलों व जिलों में 5 साल से डोडा-चूरा नष्ट नहीं किया है। मावली व वल्लभनगर के किसानों के साथ सरकार अन्याय कर रही है। किसानों ने बताया कि यदि समय रहते समस्या का समाधान नहीं हुआ तो धरना देकर प्रदर्शन किया जाएगा। ज्ञापन देने के दौरान किसान यूनियन के बाबू लाल गाडरी, पार्षद रामेश्वर खटीक, शंकर प्रसाद गाडरी नान्दोली खुर्द, इंटाली सरपंच प्रतिनिधि भरत मेनारिया, गंगाराम जणवा, उदय लाल मेनारिया, ओंकार लाल, गोपीलाल, पन्ना लाल पुष्करणा, कमलाशंकर मेनारिया, नारायण पुष्करणा, भेरू लाल जोशी, विनोद मेनारिया सहित अनेक किसान मौजूद थे।
विभाग ने नहीं लिया निर्णय
क्षेत्र में पिछले 2 साल का डोडा-चूरा घरो में पड़ा हैं। इतने लंबे समय तक किसान के पास डोडा चूरा का स्टॉक रखना, परेशानी वाला होता है और सडऩे व अन्य कारणों से डोडा-चूरा नष्ट भी हो जाता है। अब किसान के सामने दुविधा यह है कि कम पाए जाने पर उन पर कोई कार्रवाई तो ना हो जाए, इससे लेकर किसान चिंतित हैं।

पारसोला (उदयपुर). पारसोला कस्बे से जिला बांसवाड़ा, उदयपुर, डूंगरपुर की सीमा लगी हुई है। पूर्व समय में पारसोला कस्बा उदयपुर जिले के अन्तर्गत आता था लेकिन वर्ष २००७-०८ में प्रतापगढ़ जिला बनने से पारसोला प्रतापगढ़ में चला गया। कस्बेवासी राजकीय कार्यों के लिए प्रतापगढ़ जाते हैं लेकिन व्यापारिक एवं चिकित्सा सुविधा के लिए आज भी उदयपुर जाते रहते है। ऐसे में पारसोला से उदयपुर वाया साबला कि दूरी १४० किमी है जबकी पारसोला से देवला-लोहागढ़ होते हुए सलुम्बर, उदयपुर की दूरी मात्र ११० किमी है। कस्बेवासी इस ही मार्ग से आना-जाना करते हैं लेकिन बरसात के समय में पारसोला से ५ किमी दूर धोलीमंगरी से बहने वाली जाखम नदी की पुलिया छोटी रपट जैसी होने से चार माह तक पुलिये के ऊपर से पानी बहता है। इस मार्ग में ग्राम पंचायत लोहागढ, अम्बाव, देवला सहित करीब २०-२५ गांवों का सम्पर्क पारसोला कस्बे से चार माह के लिए टूट जाता है। बरसात के मौसम में लगातार पुलिया पर पानी बहने से प्रतिवर्ष क्षतिग्रस्त हो जाती है। सार्वजनिक निर्माण विभाग बरसात के बाद पुलिये कि मरम्मत करता है और बरसात में पुलिया उखड़ कर बह जाती है। बीते वर्ष लॉकडाउन के चलते आवाजाही कम होने कि वजह से विभाग ने पुलिये कि मरम्मत के नाम पर महज भराव डालकर कार्य को विराम दे दिया।
इनका कहना है...
&ग्राम पंचायत अम्बाव व आस-पास के दस-बीस गांवों का सीधा सम्पर्क पारसोला से रहता है। हम लोग पुलिस सेवा, बैंक, चिकित्सा सुविधा एवं व्यापारिक लेन-देन के लिए पारसोला आते-जाते रहते है । बरसात के समय ३-४ माह तक आवागमन बाधित रहने से घूम कर जाना पड़ता है, जिससे समय और अर्थ दोनों का नुकसान होता है।
नारायणलाल मीणा, सरपंच ग्राप पंचायत, अम्बाव
राशि स्वीकृति हो गई है...
&धूलीमंगरी पुलिया के लिए १४ करोड़ की स्वीकृति हो गई है। शीघ्र ही आगे की प्रक्रिया पूरी होकर काम शुरू हो जाएगा। जिससे क्षेत्रवासियों को आवागमन में सुविधा मिल सकेगी।
नागराज मीणा, पूर्व विधायक धरियावद

बड़ा हादसा टला

Wednesday 07 July 2021 12:43 PM UTC+00

घासा/मावली(उदयपुर) तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत घासा में सोमवार देर रात्रि को एक कार चालक ने ट्रांसफॉर्मर को टक्कर मार दी। जिससे पूरे गांव में बिजली बंद हो गई। जानकारी के अनुसार पलाना की ओर से आ रही एक कार ने देर रात्रि ट्रांसफॉर्मर को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि ट्रांसफॉर्मर का खंभा टूटकर गिर गया। हादसे में कार का आगे का हिस्सा भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं कार चालक को भी मामूली चोटें आई। कार की टक्कर से ट्रांसफॉर्मर के साथ 3 से 4 खंभे व तार टूटकर गिर गए। ग्रामीणों ने बताया कि ट्रांसफॉर्मर एवं खंभे टूटकर सड़क मार्ग पर गिर गए। जिससे लगभग 1 घण्टा जाम लगा रहा। तत्पश्चात् ग्रामीणों ने ट्रांसफॉर्मर के तार तोड़कर खंभों को सड़क से दूर किया। इधर, जैसे ही ट्रांसफॉर्मर क्षतिग्रस्त हुआ, पूरे घासा गांव में बिजली सप्लाई बंद हो गई। ग्रामीणों ने विद्युत विभाग के कर्मचारियों को इस सम्बंध में सम्पर्क किया। मगर, विभाग के कर्मचारी प्रात:काल मौके पर पहुंचे। मंगलवार देर शाम तक विद्युत लाइन एवं ट्रांसफॉर्मर के दुरस्तीकरण का कार्य जारी रहा। विद्युत सप्लाई बंद होने के कारण ग्रामीणों को गर्मी में परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं गांव सहित क्षेत्र में विद्युत सम्बंधी आवश्यक कार्य भी प्रभावित हुए। देर शाम को सूचना को लगभग 23 घण्टे बाद विद्युत सप्लाई सुचारू हुई। जिसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।

बड़ावली. (उदयपुर). आचार्य सुनील सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में सकल दिगम्बर जैन बीसा नरसिंहपुरा समाज बड़ावली द्वारा दूसरे दिन मंगलवार को भक्तामर विधान किया गया। सुबह ससंघ का भक्ति पूर्वक गांव के चौके में आहार विधि हुई। पूरे गांव में से स्वामिन नमोस्तु आहर जल शुद्ध जल की ध्वनि से गुंजायमान हुआ। इस अवसर पर मंगलवार को प्रात: स्थानीय चन्द्रप्रभु मन्दिर में मूलनायक चन्दप्रभु भगवान एवं आदिनाथ भगवान का अभिषेक एवं शान्तिधारा आचार्य के मंत्र उच्चारण के साथ हुई। बाद में दिनेश झूठावत एवं प्रभुलाल मेहता द्वारा की गई मध्यान्ह में आयोजित भक्तामर महामण्डल विधान के तहत इन्द्र इन्द्राणियों के समूह द्वारा प्रतिष्ठाचार्य विनोद पगारिया के मंत्रोच्चारण के साथ भक्तामर विधान मंडल पर प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान को अष्ट द्रव्य श्रीफल युक्त 48अर्ध समर्पित किये गये। दोपहर की सभा में आचार्य ने कहा कि इस धरा का, इस धरा पर, धरा ही रह जायेगा, जिंदगी भर का, कमाया साथ में क्या जाएगा, यह सुअवसर खोदिया तो अंत में पछताएगा। ज्ञानियों, आत्मार्थियों, सावधान हो जाइये। पुरुषार्थ करने से भाग्य भी बदल जाते हैं। उन्होंने कहा कि भावनाएं हमें खींचती हैं, जैसी भावना करोगे, वैसा ही भाव बनेगा। और जैसा भाव बनने वैसा ही होगा।

You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at abhijeet990099@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription.