भीलवाड़ा .
कोरोना संक्रमणों की संख्या में दिनों दिन कमी आ रही है या यू कहें की एक्टिव केस में कमी आ रही है। इससे चिकित्साधिकारियों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या महामारी की चरम सीमा आ गई है? आंकड़े भले ही यह संकेत दे रहे हो, लेकिन चिकित्सा अधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। वे सतर्क रहने की सलाह जरूर दे रहे है। जिले में पिछले एक सप्ताह से प्रतिदिन ६०० से ७०० सैम्पलों की जांच हो रही है। इनमें से २० प्रतिशत से नीचे ही कोरोना संक्रमितों की संख्या सामने आ रही है। वही रिकवरी की दर में वृद्धि हुई है। पहले ८० प्रतिशत मरीज ठीक हो रहे थे। अब इसका आंकड़ा ८५ प्रतिशत पहुंच गया है।
महामारी चरम पर है?
कोरोना महामारी के दौर में अधिकारी व चिकित्सक अक्सर चरम पर होने की बात करते है। इसका मतलब है कि नए मामलों में स्थिरता आ गई है और गिरावट आ रही है। एक चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि जब कोई संक्रमण अनियंत्रित तरीके से बढ़ता है तो हर दिन पिछले दिन से ज्यादा केस आते है। मौतें भी बढ़ती जाती है। यह स्थिति हमेशा नहीं रहती। कहीं न कहीं जाकर सिलसिला टूटता ही है। नए केस की संख्या पिछले दिन से बराबर या उससे कम होने लगती है। इसे महामारी से जुड़े शब्द के अनुसार पीक कहते है। लेकिन यह नियमित होना चाहिए। ऐसा नहीं है कि एकाध दिन नए मामले कम आए तो उसे पीक मान लें।
लोगों को रहना होगा सतर्क
डिप्टी सीएमएचओ डॉ. घनश्याम चावला का कहना है कि जिले में नए केसों की संख्या लगातार कम हो रही है। लेकिन इसे हल्के में भी नहीं ले सकते है। किसी भी मरीज के अन्दर कोरोना के लक्षण दिखाए दे तो वह जांच जरूर कराएं। अगर जांच न कराई तो स्थिति बिगड़ सकती है। लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। मास्क पहनकर ही घर से निकले। सोशल डिस्टेंसिंग की पालन करें। इससे ही बचाव होगा और आप और आपका परिवार सुरक्षित रहेगा।
पिछले कुछ दिनों के कोरोना संक्रमित आंकड़े
१ अक्टूबर १९३, २ अक्टूबर १०८, ३ अक्टूबर १५५, ४ अक्टूबर ७८, ५ अक्टूबर १०९, ६ अक्टूबर १५१, ७ अक्टूबर १२०, ८ अक्टूबर १२५, ९ अक्टूबर ८५ संक्रमित सामने आए है। वही सैम्पलों की जांच ६०० से ७०० प्रतिदिन हो रही है।
October 10, 2020 at 06:01AM