>>: Digest for July 10, 2021

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Table of Contents

झालावाड़. असनावर. दुर्गेश कभी अपने छोटे भाई बाबू को सीने से लगाता तो कभी सफेद चादर में लिपटी माता-पिता और भाई-बहनों की लाश के पास जाकर खड़ा हो जाता है। सफेद चादर में लाश देखकर दुर्गेश का भाई बाबू पूछता है कि मम्मी और पापा को सफेद चादर क्यों ओढ़ाई है। पापा बोलो..., मम्मी कुछ तो बोलो, मम्मी जल्दी उठो..., बाबू नहीं समझ रहा था कि अब उसके सिर से माता-पिता का हमेशा के लिए हाथ उठ गया है। वह अनाथ हो गया है। उसकी परवरिश करने वाला कोई नहीं है। दुर्गेश माता-पिता और भाई बहनों को खोने के कारण गम में गुमशुम था। वह कुछ नहीं बोल रहा था। हाथ में माता-पिता का आधार कार्ड लेकर अस्पताल के बाहर दीवार पर बैठा। यह दर्दनाक मंजर था गुरुवार सुबह एसआरजी अस्पताल के बाहर का। दर्दनाक हादसे को देखकर पुलिस के जवान भी विचलित हो उठे थे और वह दोनों मासूम बच्चों को ढांढस बंधा रहे थे। असनावर तहसील क्षेत्र की रुपारेल पंचायत में स्टेट हाइवे 89 तीनधार मंडावर सीसी सड़क के किनारे टापरी बनाकर रहने वाले परिवार को बुधवार देर रात को अनियंत्रित डंपर ने कुचल दिया। इस दर्दनाक हादसे ने एक ही पल में मजदूर परिवार को खत्म कर दिया है। इस हादसे ने दो मासूम बच्चों के सिर से माता-पिता का हाथ उठा लिया है। सोए हुए पांच लोगों पर डंपर चढ़ाने से मौके पर मांस के चिथड़े बिखरे पड़े हुए नजर आए। यह दंपती व बच्चे टापरी के बाहर तीन खाट पलंग पर सोए हुए थे। थानाधिकारी मुरलीधर ने बताया कि घाटोली निवासी हाल घोड़ाखाल के समीप सुरेश 44 पुत्र मोहनसिंह का परिवार बंटाई से कृषि कार्य व मजदूरी करता था। रात साढ़े बारह बजे तेज गति से आ रहे एक डंपर ने उसके परिवार को कुचल दिया। जिसमें सुरेश , उसकी पत्नी और तीन बच्चों की मौत हो गई थी। घटनास्थल पर देर रात को रुपारेल पंचायत के समाजसेवी हरिसिंह गुर्जर, सरपंच कमला बाई ने शवों को लोडिंग ऑटो में डलवाकर एसआरजी अस्पताल की मोर्चरी के लिए रवाना करवाया। गुरुवार सुबह असनावर तहसीलदार गंगाराम गुर्जर, हल्का पटवारी जितेंद्र भारती, ग्राम विकास अधिकारी सुमित उपाध्याय ने मौका मुआयना कर मुख्यमंत्री सहायता कोश से राशि के परिपत्र तैयार किए। नेशनल हाइवे 52 पर तीनधार से दरा तक निर्माणाधीन सड़क के लिए मिट्टी डालने के काम में लगे हुए बड़े - बड़े डंपर दिन रात फर्राटे भरते रहते है। तीनधार के आसपास से यह डंपर दिन रात मिट्टी परिवहन का काम करते है। जिससे कभी भी बड़ा हादसा होने की आशंका है। डंपर के कुचलने से पांच जनों की मौत होने के बाद गुरुवार को तीनधार क्षेत्र में फोरलेन हाइवे निर्माण का काम बंद रहा। पुलिस ने देर रात को ही सभी शवों को लोडिंग ऑटो की सहायता से एसआरजी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। जहां गुरुवार सुबह मृतक की पहचान करने के बाद घाटोली में सुरेश का कोई परिजन नहीं होने से गांव बिंदलाई निवासी उसके ससुर प्रेमचंद को सभी शव सौंप दिए। अब सुरेश के परिवार में दो पुत्र दुर्गेश और बाबूलाल जीवित बचे है। गांव में पांचों की एक साथ गमगीन माहौल में अंतेष्टि की।

कोटा.
मातृभूमि की रक्षा के लिए अगर आप भारतीय सेना में भर्ती होना चाहते हैं तो वह सुनहरा मौका आ गया है। राजस्थान के कई शहरों के युवाओं के लिए सेना भर्ती रैली (Indian Army Recruitment Rally 2021 ) का कार्यक्रम तय हो गया है। तिथियां तय होने के साथ ही सेना भर्ती की तैयारी मेें जुटे युवाओं में जोश छा गया है। उनकी तैयारी अब तेज हो गई हैं।


सेना भर्ती कार्यालय कोटा (army rally bharti 2021 rajasthan ) की ओर से सेना भर्ती रैली का आयोजन अजमेर, बारां, बून्दी, चित्तौडगढ़़, भीलवाड़ा, झालावाड़, कोटा और राजसंमद जिले के योग्य अभ्यार्थियों के लिए कायड विश्राम स्थली अजमेर में 11 जुलाई से 7 अगस्त तक किया जाएगा। इसमें सैनिक सामान्य ड्यूटी, सैनिक तकनीकी व सैनिक ट्रेडमैन 8 वीं व 10 वीं के पदों लिए योग्य उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा।

निदेशक सेना भर्ती कर्नल जॉयस के जोसफ ने बताया कि 11 जुलाई को भीलवाड़ा जिले की कोटरी, जहाजपुर, मंडलगढ़, बिजौलिया, बदनोर, करेरा, हमीरगढ़, फुलियाकलां, 12 जुलाई को आसिंद, हरदा, शाहपुरा, भनेर, मंडल, रायपुर, सहारा, भीलवाड़ा, 13 जुलाई को झालावाड़ जिले की खानपुर, झालरापाटन, अकलेरा, मनोहरथाना, पचपहाड़, पिड़ावा, गंगधार और असनावर, 14 जुलाई को बूंदी जिले की हिंडोली, नैनवां, इन्द्रगढ़, केशवरायपाटन, बूंदी, थालेड़ा, 15 जुलाई को बारां जिले की मांगरोल, अंता, बारां, अटरू, किशनगंज, शाहबाद, छबड़ा, छीपाबड़ौद, चित्तौडगढ़़ जिले की रश्मि, गंगरार, बेंगू, रावतभाटा, चित्तौडगढ़़, कपासन, डुंगला, भदेसर, निंबाहेड़ा, बड़ी सदरी और भोपाल सागर तहसीलों के युवक भाग ले सकेंगे।

16 जुलाई को राजसंमद जिले की भीम, देवगढ़, अमेट, कुंभलगढ़, राजसंमद, रेलमगरा, नाथद्वारा, गभोर, खमनोर, कोटा जिले की पीपल्दा, दीगोद, लाड़पुरा, रामगंजमंडी, सांगोद, कनवास, 17 जुलाई को कोटा जिले की लाडपुरा, सांगोद, अजमेर जिले की अरैन, भिनाय, पुष्कर, विजयनगर, 19 जुलाई को अजमेर जिले की किशनगढ़, नसीराबाद, 20 जुलाई को मसुदा, रूपनगढ़ और तंटोटी, 21 जुलाई को ब्यावर, पीसांगन, सरवर, अजमेर, केकड़ी, टाटगढ़ तहसीलों के युवक भाग ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि 6 अगस्त को राजस्थान के सभी जिलों के द्वितीय रजिस्ट्रेशन के आधार पर युवक सैनिक सामान्य ड्यूटी, सैनिक तकनीकी, सैनिक ट्रेडमैन की भर्ती में भाग ले सकेंगे।

कोटा. देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मैन, जो कि इस वर्ष चार बार फ रवरी, मार्च, जुलाई व अगस्त में आयोजित करवाई जा रही है। इसमें 10 लाख से अधिक यूनीक कैंडिडेट बैठने की संभावना है। परीक्षा के चौथे सेशन की आवेदन प्रक्रिया 12 जुलाई रात 9 बजे तक जारी रहेगी। हालांकि 9 जुलाई शाम 5 बजे तक आवेदन प्रक्रिया चालू नहीं हुई थी।


गत वर्ष जेईई मैन के परिणामों में 24 विद्यार्थी ऐसे थे, जिन्होंने 100 पर्सेंटाइल एनटीए स्कोर किया था। वहीं इस वर्ष हुई जेईई मैन फ रवरी व मार्च में 19 विद्यार्थी ऐसे रहे, जिनका एनटीए स्कोर 100 पर्सेंटाइल रहा और अभी जुलाई एवं अगस्त की परीक्षाएं शेष हैं। तीसरे सेशन की परीक्षा 20 से 25 जुलाई व चौथे सेशन की परीक्षा 27 जुलाई से 2 अगस्त के मध्य प्रस्तावित है।

यदि एनटीए हर दिन दो शिफ्टों में परीक्षा लेता है तो तीसरे सेशन की परीक्षा में 12 शिफ्टें होंगी। इसी प्रकार चौथे सेशन में बीई बीटेक के लिए 12 शिफ्टों में परीक्षा होगी। हर शिफ्ट में कम से कम एक विद्यार्थी का 100 पर्सेंटाइल लाना तय है।

इस तरह से पूरी जेईई मैन परीक्षा में कम से कम 43 स्टूडेंट्स ऐसे होंगे, जिनका 100 पर्सेंटाइल होगा, यानी गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 100 पर्सेंटाइल स्कोरर अधिक होने से शीर्ष ऑल इंडिया रैंक प्राप्त करने के लिए ज्यादा कम्पीटिशन रहेगा, क्योंकि यदि दो विद्यार्थियों का एनटीए स्कोर समान रहता है तो ऑल इंडिया रैंक देने के लिए उनका सब्जेक्ट्स वाइस एनटीए स्कोर लिया जाता है। यदि तीनों विषयों में भी एनटीए स्कोर समान होते हैं तो जिस विद्यार्थी का ऋ णात्मक मार्किंग कम होगी, उसे ऑल इंडिया रैंक में प्राथमिकता दी जाएगी।

कोटा. एमबीएस अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग में एक आठ माह के बच्चे में जन्मजात विकृति का सफल ऑपरेशन किया। बच्चे के सिर के आकार के बराबर गांठ का ऑपरेशन कर चिकित्सकों ने नया जीवनदान दिया। ऑपरेशन करीब चार घंटे तक चला।
न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. एस.एन. गौतम ने बताया कि बूंदी जिले के लाखेरी निवासी आठ माह के अंकित के सिर में जन्मजात विकृति थी। जेके लोन अस्पताल से उसे रैफ र किया गया था। बच्चे के सिर के पीछे सिर के बराबर गांठ थी। इस बीमारी को ओकसिपीटल एनकेफेलोसील कहते है। दो निश्चेतना विशेषज्ञों की मदद से ऑफ द टेबल टेक्निक से मरीज में सांस की नली डाली गई। ऐसे केस दुर्लभ होते हैं। पांच हजार बच्चों में ऐसा एक केस रिपोर्ट होता है। ऐसे मरीजों का ऑपरेशन प्रोन पॉजिशन में किया जाता है। इससे मरीज के फेफ ड़े, पेट व आंखों पर दबाव बढ़ जाता है। इससे कृत्रिम सांस देने में परेशानी आती है। गांठ बड़ी होने की वजह से इंट्राक्रेनियल प्रेशर बहुत ज्यादा बड़ा हुआ था। इसलिए सबसे पहले ऑपरेशन में बच्चे के दिमाग का प्रेशर कम करने के लिए वीपी शंट किया गया। उसके तुरंत बाद दूसरा ऑपरेशन कर उसे उल्टा कर गांठ निकाली गई। ऑपरेशन में सहायक आचार्य डॉ. पीयूष कुमार व बनेश जैन का सहयोग रहा। मरीज अभी पूर्णतया स्वस्थ है।

चुनौतीपूर्ण था निश्चेतना का कार्य
निश्चेतना विभाग के सह आचार्य डॉ. मनोज सिंघल व सहायक आचार्य सीमा मीणा ने बताया कि बच्चे को ऑफ टेबल टेक्निक के जरिए गले में नली डालकर बेहोशी का चुनौतीपूर्ण कार्य किया। इतने छोटे बच्चे में ऑपरेशन के दौरान तापमान, फ्लूड व बेहोशी दवाओं को मैंटेंन करना बहुत मुश्किल कार्य रहता है।

जग्गोसिंह धाकड़
बारां.
जिलेभर की सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी निभाने वाले और स्वच्छता मिशन संचालित करने वाले विभाग का दफ्तर खुद ही बदहाल है। बारां जिले का जिला परिषद भवन बीमारी का घर बना हुआ है। इसके भूमिगत तल में पानी भरा हुआ है और सैकड़ों चमगादड़ों का बसेरा है। यहां पर जगह-जगह गंदगी का अंबार है। कहीं कबाड़ पड़ा है तो कहीं रख रखाव के अभाव में भवन जर्जर होता दिख रहा है।

पत्रिका संवाददाता ने इस भवन के हालात का जायजा लिया तो घोर अव्यवस्थाएं दिखी। जिला परिषद भवन के मुख्य द्वार से ही अव्यवस्थाओं का आलम शुरू हो जाता है। मुख्य द्वार पर ई मित्र प्लस मशीन लगी है, जो करीब तीन साल से धूल खा रही है। इसी तरह की मशीन कलक्ट्री के मुख्यद्वार पर चालू हालत में है, लेकिन उस पर धूल जमी मिली। ये मशीनें इसलिए लगाई गई कि लोगों को सहजता से सुविधा मिल सकें, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता लोगों की सुविधा पर ग्रहण बनी हुई है।

मिनी सचिवालय के विस्तार भवन यानी जिला परिषद भवन का लोकार्पण 15 दिसम्बर 13 को हुआ था। यहां शिलान्यास पट्टिका पर तत्कालीन अंता विधायक प्रमोद जैन भाया, विधायक पानाचंद मेघवाल, निर्मला सहरिया, करण सिंह राठौड़ का नाम लिखा हुआ है। इनमें से तीन जनप्रतिनिधि अभी भी विधायक हैं और प्रमोद जैन भाया मंत्री हैं, लेकिन कभी किसी ने सुधार की पहल नहीं की। इन विधायकों की निधि की योजनाओं का क्रियान्वयन भी इसी भवन से होता है। यहां स्वच्छता मिशन नाम का दफ्तर भी संचालित है।

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कलक्ट्रेट का भवन भी जर्जर और गंदा

बारां जिला कलक्ट्रेट भवन भी कई जगह जर्जर है और कई जगह गंदगी है। पानी पीने के नल के आसपास की गंदगी है। कई गलियारे ऐसे हैं, जहां दिन में ही अंधेरा रहता है। कई जगह बदबू आती है। कई जगह ऐसा लगता कि भवन कंडम हो गया है।

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गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया से सीधी बातचीत

सवाल: आपके जिला मुख्यालय पर जिला परिषद भवन में पानी भरा है और चमगादड़ों का बसेरा है, ऐसी हालत क्यों है।
जवाब: बारां कटोरानुमा बसा हुआ है, इसलिए यहां बाढ़ भी जल्द आती है और भूमिगत निर्माण सफल नहीं है, सरकारी हो या निजी सभी ऐसे सभी भवनों में पानी भर जाता है।

सवाल: कलक्ट्रेट भवन भी कई जगह जर्जर है, जिला परिषद की ई मित्र प्लस मशीन का उपयोग नहीं हो रहा है?
जवाब: इस बारे में अधिकारियों से बात करेंगे और समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा। मुझे जैसी जानकारी है उसके अनुसार बारिश में मिट्टी टाइट रहती है और गर्मी में जगह छोड़ती है इसलिए भवनों में दरार आ जाती है। ई मित्र प्लस का उपयोग क्यों नहीं हो रहा है यह भी पता करेंगे।

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जिला परिषद का भवन तो बहुत अच्छा है, लेकिन भूमिगत तल में सीपेज का पानी आता है। इस बारे में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया है। यह तकनीकी दिक्कत है, इंजीनियर इसका समाधान निकालेंगे।
-बी.एम. बैरवा, सीईओ, जिला परिषद, बारा

कोटा. हाड़ौती अंचल में बीते तीन सप्ताह से मानसून रूठा हुआ है। मानसून की बारिश नहीं होने से अब चिंता बढ़ती जा रही है। लोग अच्छी बारिश की कामना कर रहे हैं। कोटा में शुक्रवार दिनभर बादल छाए रहे, लेकिन बरसे नहीं। इससे उमस का जोर बढ़ गया। लोग पसीने से तरबरत होते रहे। कूलर-पंखों की हवा भी बेअसर साबित हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, अधिकतम तापमान 37.6 व न्यूनतम तापमान 29.5 डिग्री सेल्सियस रहा।


जयपुर मौसम केन्द्र के निदेशक आर.एस. शर्मा ने बताया कि मानसूनी हवाएं शुक्रवार को राज्य के कुछ भागों में स्थापित होने लगी हैं। 10 जुलाई को पूर्वी राजस्थान के कोटा, जयपुर, उदयपुर, भरतपुर, अजमेर संभाग के कुछ भागों में मानसून के आगे बढऩे तथा सक्रिय होने की संभावना है।

इससे बारिश होगी। 10-11 जुलाई को उदयपुर, कोटा संभाग के जिलों में व 12 जुलाई को जयपुर, भरतपुर संभाग में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। जोधपुर संभाग के जिलों में भी 12 से 13 जुलाई के दौरान मानसून पहुंचने की संभावना है।

कोटा. रावतभाटा रोड स्थित कोटा सरस डेयरी प्लांट में शुक्रवार को फ्रीऑन गैस से भरा सिलेण्डर फटने से एक सुरक्षा गार्ड की मौत हो गई। पुलिस व डेयरी प्रबंधन ने गार्ड को तत्काल अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे म़ृत घोषित कर दिया। हादसा डेयरी प्लांट के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।
कोटा डेयरी के प्रबंध संचालक राकेश शर्मा ने बताया कि हादसे में सुरक्षा गार्ड भूपेन्द्र सिंह राजपूत (35) की मौत हुई है। सकतपुरा निवासी भूपेन्द्र, जय हिन्द सिक्यूरिटी सर्विस एजेंसी के मार्फत दो माह पहले ही लगाया गया था। उसकी ड्यूटी मुख्य गेट के बूथ पर थी। शुक्रवार को भूपेन्द्र सिंह सहित चार पांच गार्ड बूथ पर थे। गेट के पास ही फ्रीऑन गैस से भरा एक सिलेण्डर रखा था।
शाम करीब 4 बजे अचानक फ्रीऑन गैस से भरा सिलेण्डर धमाके के साथ फट गया। सिलेण्डर का टुकड़ा भूपेन्द्र के सिर पर लगा। टुकड़ा लगते ही कुर्सी पर बैठा भूपेन्द्र नीचे गिर पड़ा। उसके सिर पर खून बहने लगा। सिलेण्डर फटते ही बाकी गार्ड जान बचा कर भागे। कुछ देर बाद ही गार्डों ने भूपेन्द्र को संभाला। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। डेयरी प्रबंधन व पुलिस ने प्लांट के वाहन से भूपेन्द्र को नए अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
आरकेपुरम थाने के एएसआई सुरेश कुमार गौचर ने बताया कि परिजनों को सूचित कर शव को मोर्चरी में रखवाया है। शनिवार सुबह पोस्टमार्टम करवाएंगे।

बाकी गार्ड बाल बाल बचे
प्रबंध संचालक राकेश शर्मा ने बताया कि हादसे के दौरान अन्य गार्ड बूथ पर गेट की तरफ खड़े थे। जबकि भूपेन्द्र पीछे की ओर था। सिलेण्डर फटने के बाद उसका टुकड़ा बूथ पर रखी टेबल के नीचे से होता हुआ भूपेन्द्र के सिर पर लगा। शर्मा ने कहा कि गार्ड के परिजनों की मदद की जाएगी।

बूंदी भेजना था सिलेण्डर
फ्रीऑन गैस, दूध को ठण्डा करने के लिए रखे गए फ्रिज में काम आती है। प्लांट में 70 किलो के बड़े सिलेण्डर होते हैं। 10 किलो के छोटे सिलेण्डर गांवों में बल्क मिल्क कूलर सेंटरों पर भेजे जाते हैं। इनमें तीन किलो फ्रीऑन गैस भरी जाती है। शुक्रवार को फ्रीऑन गैस का सिलेण्डर बूंदी जिले के खीण्या गांव में बल्क मिल्क कूलर सेंटर पर भेजा जाना था, इसलिए गेट पर रखा था।

कोटा. भामाशाह मंडी में शुक्रवार को विभिन्न कृषि जिंसों की 35 हजार बोरी आवक हुई। सरसों 150 रुपए प्रति क्विंटल भाव मंदे रहे वहीं सोयाबीन 150, चना 125 रुपए प्रति क्विंटल भाव तेज रहे। लहसुन की आवक करीब 7,000 कट्टे की रही। लहसुन मीडियम 200 रुपए तेज रहा। लहसुन नया 1600 से 8500 रुपए प्रति क्विंटल रहा। किराना बाजार में भाव स्थिर रहे।

भाव : गेहूं मील 1600 से 1675, गेहूं टुकड़ी एवरेज 1700 से 1825, गेहूं बेस्ट टुकड़ी 1825 से 1901, सोयाबीन मील 5500 से 7150, सोयाबीन बीज क्वालिटी 7400 से 7600, सरसों 6000 से 6350, धान सुंगधा 1800 से 2200, धान (1509) 1800 से 2300, धान पूसा वन 2300 से 2530, धान (1121) 2100 से 2601, मक्का 1300 से 1500, अलसी 6300 से 6500, तिल्ली 6500 से 7500, ग्वार 3000 से 3550, मैथी 5500 से 6000, जौ 1300 से 1500, ज्वार 1100 से 3500, मसूर 4800 से 5000, चना 4400 से 4650, चना गुलाबी 4400 से 4600, चना मौसमी 4200 से 4600, उड़द 3000 से 6200, धनिया पुराना 4500 से 5600, धनिया नया बादामी 5500 से 5800, धनिया ईगल 6000 से 6200, धनिया रंगदार नया 6200 से 7000 रुपए प्रति क्विंटल रहे।

खाद्य तेल (भाव 15 किलो प्रति टिन): सोया रिफाइंड: फॉच्र्यून 2240, चम्बल 2225, सदाबहार 2140, किचन लाइट 2070, दीपज्योति 2160, सरसों स्वास्तिक 2530, अलसी 2520 रुपए प्रति टिन।
मूंगफली: ट्रक 2800, स्वास्तिक निवाई 2520, कोटा स्वास्तिक 2425, सोना सिक्का 2560 रुपए प्रति टिन।

देसी घी: मिल्क फूड 5850, कोटा फ्रेश 5700, पारस 5800, नोवा 5750, अमूल 6350, सरस 6550, मधुसूदन 6200 रुपए प्रतिटिन।
वनस्पति घी: स्कूटर 1580, अशोका 1580 रुपए प्रतिटिन।

चीनी: 3430-3470 प्रति क्विंटल।

चावल व दाल: बासमती चावल 5600-7200, पौना 4500-5200, डबल टुकड़ी 3800-4300, टुकड़ी 2400-3000, गोल्डन बासमती साबुत 5200-7000, पौना 3000-3800, डबल टुकड़ी 2500- 3000, कणी 2000-2500, तुअर 8900-10000, मूंग 7000-7400, मूंग मोगर 7500-8300, उड़द 7800-8800, उड़द मोगर 8000-9600, मसूर मलका 7000-7600, चना दाल 5800-6100, पोहा 2800-3700 रुपए प्रति क्विंटल।

सोने-चांदी में मंदी
कोटा. स्थानीय सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोने-चांदी मंदी रहीे। चांदी 500 रुपए मंदी के साथ 69,300 रुपए प्रति किलो बोली गई, जबकि जेवराती सोना 250 रुपए मंदी के साथ 49,350 रुपए प्रति दस ग्राम रहे।

भाव: चांदी 69,300 रुपए प्रति किलोग्राम, कैडबरी सोना प्रति 10 ग्राम 49,350 रुपए, शुद्ध सोना प्रति 10 ग्राम 49,600 रुपए बिका। टैक्स व अन्य खर्चे अलग।

अंडा बाजार
कोटा. अंडा कारोबार में फार्मी अंडा 530 रुपए प्रति सैकड़ा, 170 रुपए प्रति प्लेट, 80 रुपए दर्जन।

कोटा.

कोटा मेडिकल कॉलेज के एमबीएस अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग में आठ माह के बच्चे में जन्मजात विकृति का सफल ऑपरेशन (Pediatric neurosurgery) किया। बच्चे के सिर के आकार के बराबर गांठ का ऑपरेशन (new achivment of Neurosurgery department ) कर चिकित्सकों ने नया जीवनदान दिया। ऑपरेशन करीब चार घंटे तक चला।
न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. एस.एन. गौतम ने बताया कि बूंदी जिले के लाखेरी निवासी आठ माह के अंकित के सिर में जन्मजात विकृति थी। जेके लोन अस्पताल से उसे रैफ र किया गया था। बच्चे के सिर के पीछे सिर के बराबर गांठ थी।

पांच हजार बच्चों में एक केस की संभावना-
इस बीमारी को ओकसिपीटल एनकेफेलोसील कहते हैं। ऐसे केस दुर्लभ होते हैं। पांच हजार बच्चों में ऐसा एक केस रिपोर्ट होता है। ऐसे मरीजों का ऑपरेशन प्रोन पॉजिशन में किया जाता है। Medical College Neurosurgery

दिमाग का प्रेशर कम कर किया ऑपरेशन-
दो निश्चेतना विशेषज्ञों की मदद से ऑफ द टेबल टेक्निक से मरीज में सांस की नली डाली गई। इससे मरीज के फेफड़े, पेट व आंखों पर दबाव बढ़ जाता है। इससे कृत्रिम सांस देने में परेशानी आती है। गांठ बड़ी होने की वजह से इंट्राक्रेनियल प्रेशर बहुत ज्यादा बड़ा हुआ था। इसलिए सबसे पहले ऑपरेशन (Rare NeuroSurgery) में बच्चे के दिमाग का प्रेशर कम करने के लिए वीपी शंट किया गया। उसके तुरंत बाद दूसरा ऑपरेशन कर उसे उल्टा कर गांठ निकाली गई। ऑपरेशन में सहायक आचार्य डॉ. पीयूष कुमार व बनेश जैन का सहयोग रहा। मरीज अभी पूर्णतया स्वस्थ है।

चुनौतीपूर्ण था एनीस्थिसिया-
निश्चेतना विभाग के सह आचार्य डॉ. मनोज सिंघल व सहायक आचार्य सीमा मीणा ने बताया कि बच्चे को ऑफ टेबल टेक्निक के जरिए गले में नली डालकर बेहोशी करने का चुनौतीपूर्ण कार्य किया। इतने छोटे बच्चे में ऑपरेशन के दौरान तापमान, फ्लूड व बेहोशी दवाओं को मैंटेंन करना बहुत मुश्किल कार्य रहता है।

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