>>: Digest for July 10, 2021

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Table of Contents

सीकर. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पट्टे जारी करने के मामलों की आंच सीकर नगर परिषद पर बढ़ती जा रही है। परिषद ने एक प्लाट का पट्टा और निर्माण स्वीकृति जारी करने के बाद फिर उसी प्लाट का दूसरा पट्टा बना दिया। मामला सामने आने पर पीडि़त ने शहर कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने दूसरी पट्टा बनाने में परिषद की भूमिका की जांच किए बिना ही आरोपी को धारा 41 का नोटिस देकर गुरुवार को न्यायालय में चालान पेश कर दिया। दूसरे पक्ष की ओर से पुलिस और परिषद की भूमिका पर सवाल उठाते हुए न्यायालय में परिवाद पेश किया तो अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपी मोहनलाल ढाका निवासी सांवलोदा धायलान हाल चौधरी चरणसिंह का जमानत आवेदन खारिज कर दिया। साथ ही परिवाद पर सुनवाई के लिए 22 जुलाई की तारीख तय की है। परिवाद में पट्टे की प्रक्रिया से जुड़े परिषद के अधिकारियों की जांच करवाने का आग्रह किया गया है।
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क्या है मामला
न्यायालय में पेश किए परिवाद के अनुसार चौधरी चरण सिंह नगर निवासी सरीता देवी ने वर्ष 2012 में समर्थपुरा स्थित एक प्लॉट विमला देवी ओला से खरीदा था। विक्रय पत्र के आधार पर वर्ष 2013 में सरीता देवी ने नगर परिषद से पट्टा बनवा लिया था। पट्टे को रजिस्ट्रार कार्यालय में पंजीबद्ध करवाने के बाद वर्ष 2013 में 27 जून को नगर परिषद से ही निर्माण स्वीकृति प्राप्त कर मकान का निर्माण करवा लिया। इसके बाद से सरीता देवी लगातार वहां आवास कर रही है। इसके बाद वर्ष 2013 में जमीन का कब्जे का प्रयास होने पर जमीन की पूर्व मालकिन विमला देवी के पति लखपत ओला ने पुलिस में मामला भी दर्ज करवाया था, जिसमे पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया।
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यूआईटी ने आपत्ति पर किया पट्टे का आवेदन अस्वीकार
इस मामले में दूसरे पक्ष की ओर से यूआईटी में भी पट्टा बनाने के लिए आवेदन किया गया। इसके लिए पास की जमीन को मिलाकर पट्टे का आवेदन किया गया, लेकिन दूसरे पक्ष की ओर से इस पर आपत्ति करने पर यूआईटी ने आवेदन का अस्वीकार कर दिया। दोनों पक्षों में विवाद होने पर यहां पर उपखंड अधिकारी की ओर से कुर्की के आदेश दिए गए, जिसे न्यायालय ने वर्ष 2016 में अपास्त कर दिया।
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कोरोना लॉकडाउन में जारी किया दूसरा पट्टा
नगर परिषद ने इस जमीन के हिस्से को शामिल करते हुए दूसरा पट्टा गत वर्ष 26 मई को कोरोना लॉकडाउन के दौरान जारी किया। बाद में निर्माण स्वीकृति के लिए आवेदन किया गया तो दूसरे पक्ष को इसकी जानकारी हुई। इस पर शहर कोतवाली में मामला दर्ज करवाया गया। परिवादी के अधिवक्ता अंगद तिवाड़ी की ओर से न्यायालय में पेश किए गए परिवाद में बताया गया है कि पुलिस के जांच अधिकारी ने मामले में निष्पक्ष व पूर्ण अनुशंधान नहीं किया। केवल मोहनलाल के खिलाफ ही धारा 420 धोखधड़ी का अपराध प्रमाणित मानकर न्यायालय में चालान पेश कर दिया। जबकि नगर परिषद के अधिकारियों की मिलीभगत के बिना दूसरा पट्टा बनाया जाना संभव नहीं है। दस्तावेजी साक्ष्यों की भी जांच नहीं की। न्यायालय से इस मामले में कूट रचित दस्तावेज सहित अन्य धाराओं में भी जांच करवाने का आग्रह किया गया है।
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पुलिस ने भेजा नगर परिषद को नोटिस
शहर के उद्योग नगर थाने में पकड़े गए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पट्टा बनवाने गिरोह की कडिय़ां खोलने के लिए उद्योग नगर थाना पुलिस ने सीकर नगर परिषद को नोटिस भेजा है। थानाधिकारी पवन चौबे ने बताया कि नोटिस भेजकर पट्टे के लिए फाइल जमा, मौके की जांच और पट्टा जारी करने वाले कर्मचारियों को पूछताछ के लिए थाने में तलब किया गया है। इस मामले में गिरफ्तार चारों आरोपी दो दिन के पुलिस रिमांड पर है। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। इस मामले में जुड़े कुछ लोगों के परिजनों से पूछताछ के लिए पुलिस की टीम गुरुवार को झुंझुनूं गई। साथ ही अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।

सीकर. पेट्रोल-डीजल, रसोई-गैस की बढ़ती महंगाई के विरोध में गुरुवार को किसानों ने जिले में अनूठे अंदाज में विरोध जताया। संयुक्त किसान मोर्चा के के बैनर तले किसानो ने अपने- अपने क्षेत्र में खाली सिलेंडर उठाकर और पीपे,थाली और ढोल बजाई। दादिया टोल पर और कलेक्ट्रेट पर आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने महंगाई के विरोध में केन्द्र सरकार को जमकर कोसा। वक्ताओं ने कहा कि भाजपा सरकार आने से पहले के अंतर्राष्ट्रीय भाव की तुलना में कच्चे तेल के भाव ५० प्रतिशत कम है फिर भी केन्द्र सरकार मनमाने तरीके से पेट्रोल डीजल एवं रसोई गैस के दाम बढ़ा रही है। जिसका नतीजा है कि आमजन सहित किसानो की कमर टूट गई गई। इस दौरान दादिया टोल सहित अन्य मोर्चा स्थल पर यात्रियों और राहगीरों को जौ की घाट पिलाई।
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खाली सिलेंडर पर चाय की केतली रख की नारेबाजी
महंगाई के विरोध में दोपहर 12 बजते ही जहां पर वाहन चालको ने अपने वाहनों को सडक़ किनारे खड़े करके महंगाई के विरोध में आठ मिनट तक हार्न बजाए। साथ ही आमजन ने सडक़ किनारे खाली सिलेंडर रखकर उस पर चाय की खाली केतली रखकर पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस की बढ़ती महंगाई के विरोध में मोदी सरकार के खिलाफ़ नारेबाजी करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान महंगाई से सम्बन्धित कविताएं, लोकगीत, हिन्दी गाने व किसान क्रांति के गीत भी प्रस्तुत किए।

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ये रहे मौजूद
दादिया टोल पर आयोजित कार्यक्रम में राजपाल सिंह झाझडिया, अखिल भारतीय किसान सभा के हरिसिंह गढ़वाल, भारतीय किसान यूनियन टिकैत प्रदेश उपाध्यक्ष सदर कासिम खिलजी,भारतीय किसान यूनियन टिकैत जिलाध्यक्ष दिनेश सिंह जाखड़ , अखिल भारतवर्षीय जाट महासभा जिला अध्यक्ष रतन सिंह पिलानिया, लोक गायक सुल्तान सिंह सुंडा, जगदीश फौजी, दौलतपुरा सरपंच दिनेश आर्य, हरलाल सिंह मील , बीरबल खाकल, पूर्व तहसीलदार औंकारमल मूण्ड, पूर्व सरपंच दुर्गा प्रसाद मील, हरिराम बगडिय़ा, सतपाल फगेडिय़ा, सांवरमल मुंड, रणजीत सिंह मील, जगदीश सिंह, रामदेव सिंह, ओमप्रकाश, भवानी सिंह, मूलचंद भूखर, श्रवण ख्यालिया, मूलचंद झाझरिया, भंवर सिंह, जगन सिंह, वीरेंद्र रेपसवाल, ज्ञानप्रकाश काजला, बी एल मील सहित कई किसान मजदूर एवं आम उपभोक्ता शामिल हुए ।

सीकर/रामगढ़ शेखावाटी. एक वर्ष के करीब से कई आंगनबाड़ी केन्द्र में गर्भवती महिलाओं आदि को पोषाहार का वितरण नहीं होने के बावजूद विभाग की ओर से इस ओर ध्यान नहीं देना विभाग की लापरवाही को दर्शाता है। ऐसा ही नजारा गुरुवार को प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से कस्बा के कई आंगनबाड़ी केन्द्र का औचक निरीक्षक के दौरान देखने को मिला। निरीक्षण के समय कुछ केन्द्र पर कार्यकर्ता आदि नहीं मिले, वहीें एक केन्द्र पर तो ताला लटका हुआ मिला। उपखंड अधिकारी सुप्रिया कालेर, तहसीलदार ओमप्रकाश वर्मा ने गुरुवार को कस्बा के आथूना मौहल्ला के आंगनबाड़ी केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान वार्ड 4, 5, व 6 में अगस्त 2020 से पोषाहार का वितरण नहीं होना पाया गया। जिस पर उपखंड अधिकारी सुप्रिया ने गंभीर लापरवाही मानते हुए बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर बबीता से शीघ्र इन केन्द्रों में मिलने वाले पोषाहार वितरण को सूचारू रूप से करवाने के निर्देश दिये। वहीं वार्ड 6 में आंगनबाड़ी केन्द्र में ताला लगे होने पर उन्होंने आक्रोश प्रकट करते हुए तत्काल आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता व सहयोगिनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये। आशा सहयोगिनी के आंगनबाड़ी केन्द्र के बाहर बैठकर कार्य करने पर उन्होंने तत्काल बंद केन्द्र का ताला तुड़वाकर केन्द्र खुलवाकर भविष्य में ऐसी पुनरावृत्र्ति नहीं होने के निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान उपखंड अधिकारी ने उपस्थित आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता, सहयोगनियों, व आशा सहयोगियों से तय समय पर केन्द्र पर उपस्थित रहने के निर्देश भी दिए। उल्लेखनीय है कि नगरपालिका उपाध्यक्ष जमील कुरैसी के नेतृत्व में पार्षदों ने उपखंड अधिकारी से मिलकर कस्बा के आथूना मोहल्ला के केन्द्रों में कार्यरत कार्यकत्र्ता, सहयोगनियों आदि के नहीं आने, केन्द्रों के ताले लगे रहने व एक वर्ष के करीब से गर्भवर्ती महिलाओं को पोषाहार का वितरण नहीं होने की जानकारी दी थी। जिस पर उपखंड अधिकारी ने गुरूवार को केन्द्रों का निरीक्षण दिया। को सरकार की ओर से गर्भवर्ती महिलाओं के स्वास्थ्य के लिये आवश्यक पोषक तत्व की पूर्ति हेतु पूरक पौषाहार का वितरण किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान पालिका उपाध्यक्ष जमील कुरैसी, पार्षद जावेद सैय्यद मौजूद रहे।
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चार केन्द्र पर नहीं हो रहा है पोषाहार का आवंटन
कस्बा के चार आंगनबाड़ी केन्द्र पर करीब एक वर्ष से गर्भवर्ती महिला, धात्री व बच्चों के लिये पोषाहार का वितरण नहीं हो पा रहा है। इनके लिये विभाग की ओर से राशन डीलर के माध्यम से पौषाहार की दाल, चावल आदि आंवटित होता है। मगर कस्बा के वार्ड 4, 5, 6 व 12 के आंगनबाड़ी केन्द्र की कार्यकर्ताओं को राशन डीलर के पास पिछले अगस्त 20 से अभी तक पोषाहार वितरण के लिये आवंटित नहीं हो पा रहा है। इसकी जानकारी आगंनबाड़ी केन्द्र सुपरवाईजर ने लिखित में उच्चाधिकारियों को भी निरन्तर देने के अभी तक सुधार नहीं हो पाया है।
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इनका कहना है
कस्बा के आथूना मौहल्ला के आंगनबाड़ी केन्द्रों में अनियमितिता की शिकायत मिलने पर चार केन्द्रों का निरीक्षण किया, निरीक्षण में एक केन्द्र में ताला लगा पाया गया, वहीं केन्द्र पर पौषाहार का वितरण नहीं होना पाया गया। इसके लिये सुपरवाईजर को सुधार के निर्देश दिये है।
सुप्रिया कालेर, उपखंड अधिकारी, रामगढ़ शेखावाटी।
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कस्बा के चार केन्द्रों पर लम्बे समय से पौषाहार का वितरण तकनीकी खामी के कारण नहीं हो पा रहा है। इसकी लिखित में सूचना उच्चाधिकारियों को दे रखी है।
बबीता, सुपरवाईजर, आगंनबाड़ी केन्द्र, रामगढ़ शेखावाटी।

सीकर/खाटूश्यामजी. प्रसिद्ध धार्मिक नगरी खाटूधाम पंचायत से नगरपालिका तो बन गई, लेकिन गंदे पानी के भराव की मुख्य समस्या को लेकर सीवरेज बनाने का प्लान तीन साल से बैठकों और कोरे आश्वासनों में ही सिमट हुआ है। बतादें कि तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने खाटूधाम को नगरपालिका का तोहफा दिया। 29 अप्रेल 2018 को तत्कालीन कलक्टर नरेश ठकराल ने मंदिर समिति, अधिकारियों और स्वच्छ एन्वायरमेंट कंपनी दिल्ली की संस्था के साथ बैठक कर ठोस कचरा निस्तारण व सीवरेज के लिए खाटूधाम का सर्वे करवाया। कलक्टर ने कृष्णा सर्किट योजना के तहत तीन माह में डीपीआर प्लान तैयार करने का आश्वासन दिया भी दिया। नगरपालिका बनने के बाद भी यह मुद्दा बैठकों में प्रमुखता से छाया रहा। सीवरेज का प्लान तो धरातल पर उतर नही ं पाया लेकिन पिछले साल नगर पालिका ने कई वार्डों में गंदे पानी के भराव व नालियों के अभाव में प्लान तैयार कर करीब 1.5 करोड़ की लागत से तीन चरणों में नाला निर्माण का प्रस्ताव पास होने पर पीडब्ल्यूडी मोड़ से लाला मांगीराम धर्मशाला के पास तक एक चरण का काम शुरू हुआ ही था कि कुछ पार्षदों ने इस काम में खामियां बताते हुए काम को रुकवा दिया था। आगे के दो चरणों का काम अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते ठंडे बस्ते में चला गया, जिसका खामियाजा 10 वार्डों की जनता को झेलना पड़ रहा है। गौरतलब है कि अनेक धर्मशालाओं ने अपने गटर की लाइन-नालियों में जोड़ रखी है। इससे कई रास्तों व वार्डों में दुर्गन्ध से स्थानीय लोगों समेत श्रद्धालु भी परेशान हो रहे हैं।
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सीवरेज नहीं होने से धर्मशाला आदि द्वारा जमीन में छोड़े जा रहे गटर के पानी से पीने का पानी भी दूषित हो रहा है। जिसका खामियाजा जनता के साथ श्रद्धालुओं को भी उठाना पड़ रहा है। मैंने तो सीवरेज की मांग करते हुए समय समय पर मंत्रियों व अधिकारियों यहां तक की पार्षद बनने के बाद पालिका की बैठकों में भी मुद्दा उठाया है।
प्रताप सिंह चौहान (पार्षद व ट्रस्टी श्री श्याम मंदिर कमेटी, खाटूश्यामजी)
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सीवरेज नहीं होने से श्याम नगरी के अनेको वार्ड गंदे पानी के भराव की समस्या से जूझ रहे है। गंदगी के चलते आमजन के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। नगरपालिका प्रशासन और सभी पार्षदों को एकमत होकर राज्य सरकार से सीवरेज की मांग पूरजोर तरीके से उठानी चाहिए।
पवन पुजारी (भाजपा नेता, खाटूश्यामजी)

खाटू में दो सौ से भी अधिक संख्या में धर्मशालाएं है। वहीं दर्जनों होटल व गेस्ट हाउस है। जिनकों हर माह गटर खाली करवाने के हजारों रूपए चुकाने पड़ते है। सीवरेज बने तो सभी की समस्या का समाधान हो सकता है।
मुरारीलाल तोदी (निदेशक-श्री श्याम तोदी भवन खाटूश्यामजी)
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जनप्रतिनिधियों व अधिकारी का वर्जन
श्याम नगरी में सीवरेज बनवाने को लेकर मैं शीघ्र ही मुख्यमंत्री और विधानसभा में मांग करूंगा।
वीरेन्द्र सिंह (विधायक, दांतारामगढ)
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गंदे पानी के भराव की समस्या से निजात के लिए नाला निर्माण कार्य शुरू करवाया। उस काम को आगे नहीं होने दिया। नाला निर्माण का कार्य फिर से शुरू करने के लिए कई बार अधिशाषी अधिकारी और विभाग को पत्र लिखकर अवगत करवा चूकि हूं। अधिकारी द्वारा बार बार टेंडर निरस्त होने से परेशानी हो रही है।
ममता देवी (अध्यक्ष नगरपालिका खाटूश्यामजी)
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यह काम राज्य सरकार का है। अगर वह इस प्रोजेक्ट को मंजूरी देती है तो हम शीघ्र ही इसपर काम शुरू कर देंगे।
विशाल कुमार यादव (अधिशासी अधिकारी, पालिका खाटूश्यामजी)

सीकर. शिक्षा विभाग के पदोन्नति के लगभग 50 साल पुराने पैर्टन के बदलने से बेरोजगारों के साथ शिक्षकों व विद्यार्थियों की खुशियां भी अनलॉक हो गई है। शिक्षा विभाग की ओर से घोषित नए फॉर्मूले से प्रधानाध्यापक व व्याख्याता पदोन्नति के विवाद का भी पूरी तरह निपटारा हो गया है। प्रदेश के उच्च माध्यमिक स्कूलों में में वाइस प्रिसिंपल का पद सृजित होने से दस हजार से अधिक व्याख्याताओं की पदोन्नति की राह आसान हो गई है। वहीं व्याख्याता भर्ती का सपना देखने वाले बेरोजगारों को नई भर्ती के जरिए सौगात मिल सकेगी। अब स्नातक वाली विषयों के आधार पर ही पदोन्नति होने से दस लाख से अधिक विद्यार्थियों को भी फायदा मिल सकेगा। विभाग ने नए नियमों में कुछ सख्ती भी दिखाई है। अब तक मानइस अंक हासिल कर शिक्षक नहीं बन सकेंगे। पदोन्नति के बदले नियमों को लेकर पत्रिका की खास रिपोर्ट।
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ऐसे समझे नए पदोन्नति के पैर्टन को:
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1. जिला शिक्षा अधिकारी: 323 नए अधिकारी मिल सकेंगे
प्रदेश में फिलहाल 323 जिला शिक्षा अधिकारियों के पद खाली है। अब तक इसमें आधे पद सीधी भर्ती से और आधे पद पदोन्नति से भरने का प्रावधान था। अब शत प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने की वजह से यह रिक्त पद भर सकेंगे। इससे स्कूलों की मॉनिटरिंग भी बेहतर हो सकेगी।
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2. प्रधानाध्यापक: पीजी को मिलेगा फायदा
प्रधानाध्यापकों की पदोन्नति में अब स्नातक के साथ पीजीको जोड़ा गया है। इससे पीजी वाले प्रधानाध्यापकों को फायदा मिल सकेगा।
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3. व्याख्याता: अब उसी विषय के बन सकेंगे व्याख्याता
अब तक शिक्षा विभाग में यूजी किसी अन्य विषयों में और पीजी किसी अन्य विषयों में किए होने पर पदोन्नति दे दी जाती थी। लेकिन अब बदले हुए नियमों के बाद ऐसा नहीं होगा। अब यूजी वाले विषयों में से पीजी करने वालों को ही व्याख्याता बनने का मौका मिलेगा।
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4.वाइस प्रिसिंपल: दस हजार व्याख्याताओं को मौका
अब प्रदेश के सभी उच्च माध्यमिक स्कूलों में वाइस प्रिसिंपल का पद भी सृजित होगा। इससे लगभग दस हजार व्याख्याताओं की पदोन्नति की राह खुल सकेगी। पहले प्रदेश में प्रधानाध्यापक और व्याख्याता की पदोन्नति का प्रतिशत 67 व 33 था। ऐसे वर्तमान शिक्षकों की संख्या के हिसाब से 80 व 20 फीसदी किया गया है।
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5. व्याख्याता शारीरिक शिक्षा: 10 लाख विद्यार्थियों को फायदा
नए पदोन्नति नियमों में व्याख्याता शारीरिक शिक्षा का पद भी शामिल किया गया है। इससे स्कूलों में 254 व्याख्याता शारीरिक शिक्षा उपलब्ध हो सकेंगे। वहीं द्वितीय श्रेणी शारीरिक शिक्षकों की पदोन्नति की राह खुल सकेगी। इससे प्रदेश के दस लाख विद्यार्थियों को सीधा फायदा मिलेगा।
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6. पुस्तकालध्यक्ष: 1224 बेरोजगारों को भी मिलेगा फायदा
शिक्षा विभाग ने अब पुस्तकालध्यक्ष में भी तृतीय श्रेणी से लेकर प्रथम श्रेणी तक का अलग कैडर बना दिया है। इससे कार्यरत पुस्तकाध्यक्षों को प्रथम श्रेणी तक पहुंचने का मौका मिलेगा। वहीं बेरोजगारों को 1224 बेरोजगारों को शिक्षा विभाग में आने का और मौका मिल सकेगा।
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7. अब 3500 स्कूलों में प्रिसिंपल के पद:
प्रदेश में फिलहाल 3500 स्कूल सैकण्डरी सेटअप के है। इन स्कूलों में अब प्रिसिपल के पद होंगे। इससे स्कूलों में बेहतर शैक्षिक गुणवत्ता मिलेगी।
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8. और यह दो भी खास निर्णय:
नए नियमों में दो और बड़े बदलाव किया गया है। अब तक पंचायतीराज विभाग के शिक्षक शिक्षा विभाग में 6 डी के तीन साल के नियम की वजह से नहीं जा पाते थे। लेकिन अब यह बाध्यता समाप्त होने से पंचायतीराज विभाग से शिक्षक आ सकेंगे। इससे पंचायतीराज विभाग में ज्यादा पद होने पर तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती जल्दी हो सकेगी।
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और ऐसे समझें फायदे का गणित:
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-पदोन्नति के नए नियमों से विद्यार्थियों को शिक्षकों की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इससे उनका पाठ्यक्रम पूरा सकेगा। पीजी वाले विषय से पदोन्नति होने से शिक्षकों की विषय पर पकड़ भी अच्छी होगी।
-तृतीय श्रेणी से लेकर प्रथम श्रेणी व्याख्याता की समय पर पदोन्नति होने से बेरोजगारों के लिए समय पर शिक्षक भर्ती हो सकेगी।
-द्वितीय श्रेणी शिक्षक से लेकर जेडी तक के पदोन्नति नियम बनने से अब शिक्षा विभाग के कार्मिकों की पदोन्नति हो सकेगी।
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सख्ती: 40 फीसदी से कम अंक वालों को अब नौकरी नहीं
कई शिक्षक भर्तियों में मानइस अंक वाले अभ्यर्थियों के शिक्षक बनने के मामलों पर अब रोक लग सकेगी। अब न्यूनतम 40 फीसदी अंक वाले अभ्यर्थियों को ही पात्र घोषित किया जा सकेगा। लेकिन राज्य सरकार की ओर से घोषित पांच प्रतिशत का शिथिलन इस नियम पर लागू हो सकेगा। वहीं शारीरिक शिक्षक व पुस्तकालध्यक्ष भर्ती में दूसरे राज्यों की जाली अंकतालिकाओं पर ब्रेक लगाने के लिए विभाग ने एनसीटीई के नियमों से भर्ती करने का फैसला लिया है।
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बेहतर प्रबंधन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ बेरोजगारों को राहत: शिक्षा मंत्री
शिक्षा विभाग में पदोन्नति के नियम वर्षो पुराने हो गए थे। सभी शिक्षक संगठनों से चर्चा के बाद नए नियम तैयार किए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी नियमों के बदलाव को मंजूरी दी है। इससे स्कूलों में अब बेहतर शैक्षिक प्रबंधन हो सकेगा। बच्चों को गुणात्मक शिक्षा मिल सकेगी। पदोन्नति में नए अवसर बनने से शिक्षकों के साथ बेरोजगारों को भी फायदा मिलेगा।
गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री
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सरकार का सार्थक निर्णय: राष्ट्रीय
राज्य सरकार का निर्णय विद्यार्थी व शिक्षक हित के हिसाब से सार्थक है। शिक्षक संघ राष्ट्रीय की ओर से जो मांग पत्र दिया गया था उसके सभी सुझाव लिए गए है। सरकार ने शिक्षक, विद्यार्थी व बेरोजगार हित में जो निर्णय लिए है उनका शिक्षक संघ राष्ट्रीय स्वागत करता है।
सम्पत सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, शिक्षक संघ राष्ट्रीय
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व्याख्याताओं के लिए अब और ज्यादा अवसर: रेसला
लगभग 50 साल बाद सरकार ने नियमों में बदलाव किया है। इससे व्याख्याताओं के साथ द्वितीय श्रेणी शिक्षकों को भी फायदा मिलेगा। अब तक पंचायतीराज के शिक्षक भी माध्यमिक सैटअप में आ सकेंगे। नई नीति से शारीरिक शिक्षक व पुस्तकालध्यक्ष सहित अन्य का कैडर भी बन सकेगा।
मोहन सिहाग, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ
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नियमों में संशोधन सभी के हित में: शिक्षक संघ शेखावत
सेवा नियमों में संशोधन छात्र, शिक्षक एवं विभाग हित में हैं। उप प्रधानाचार्य और प्रधानाचार्य के 50 फीसदी पदों को सीधी भर्ती से भरे जाने का प्रावधा भी होना चाहिए। अब सरकार को स्थानांतरण नीति की मांग पर भी फैसला करना चाहिए।
उपेन्द्र शर्मा प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत)
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शिक्षक बनने के लिए ज्यादा अवसर: एक्सपर्ट
सरकार के नए पैर्टन से बेरोजगारों को ज्यादा शिक्षक बनने के अवसर मिल सकेंगे। शेखावाटी के युवाओं का तृतीय श्रेणी से लेकर व्याख्याता भर्ती तक काफी क्रेज है। ऐसे में यहां के युवाओं को काफी फायदा मिलना तय है।
राजीव बगडिय़ा, एक्सपर्ट

सीकर. कोरोना का संक्रमण कमजोर पडऩे के साथ ही अब कल्याण राजकीय मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर भावी चिकित्सकों की चहल-पहल नजर आएगी। प्रदेश स्तर से हरी झंडी मिलने के बाद कॉलेज प्रबंधन ने एमबीबीएस की ऑफलाइन कक्षाएं सोमवार से शुरू करने का निर्णय किया है। जिसके तहत कॉलेज के प्रथम बैच के सभी सौ विद्यार्थियों को बुलाया गया। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल डा केके वर्मा ने बताया कि प्रथम बैच के सभी विद्यार्थियों की रविवार को रेपिड एंटीजन से कोरोना जांच करवाई जाएगी। बैच के विद्यार्थी राज्य से बाहर आने वाले विद्यार्थियों के लिए आरटीपीआर रिपोर्ट की जरूरत होगी। गौरतलब है कि इस साल अप्रेल में मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों की क्लासेज आनलाइन कर दी गई थी।
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कोविड गाइडलाइन की होगी पालना
चिकित्सा शिक्षा के कमिश्नर शिवांगी स्वर्णकार ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के प्रथम और द्वितीय बैच की ऑफलाइन क्लास शुरू करने के निर्देश दिए हैं। डा रामरतन यादव ने बताया कि किसी प्रकार के लक्षण होने पर विद्यार्थी को आइसोलेट करवाया जाएगा। कॉलेज में आने वाले सभी विद्यार्थियों के अलग-अलग कमरे हैं। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही संबंधित विद्यार्थी सोमवार से शुरू होने वाली ऑफलाइन क्लासेज में भाग ले सकेगा। कॉलेज के सभी विद्यार्थियों को कोरोना की पहली और दूसरी डोज लगवाई जा चुकी है।

सीकर. पिछले एक पखवाडे से थमी मानसूनी गतिविधियां ने शुक्रवार को प्रदेश में मौसम को खुशगवार बना दिया। सीकर में सुबह से तेज उमस और गर्मी के बीच दोपहर बाद मौसम अचानक पलटा और नीमकाथाना इलाके में मानसून की दूसरी झमाझम बारिश हुई। इधर, मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे में एक पखवाड़े से ठहरा मानसून सक्रिय हो जाएगा और प्रदेश के कई इलाकों में मानसून की अच्छी बारिश के संकेत है। सीकर में शुक्रवार सुबह से मौसम साफ रहा। दोपहर बाद आंशिक बादल छाए और हवाएं थमने से बारिश के संकेत नजर आए। फतेहपुर में अधिकतम तापमान डिग्री 39.5 और न्यूनतम तापमान 26.5 डिग्री दर्ज किया गया। सीकर में न्यूनतम तापमान 27.2 डिग्री, चूरू में न्यूनतम तापमान 30.5 डिग्री रहा।
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टोडा में 15 मिनट तक झमाझम हुई बारिश
टोडा. पिछले एक सप्ताह से गर्मी से परेशान लोगों को शुक्रवार को बारिश से कुछ राहत मिली। शुक्रवार सुबह से ही आसमान में बादल छा गए। गर्मी व उमस से दोपहर तीन बजे बादल जमकर बरसे। 15 मिनट तक हुई झमाझम बारिश से लोगों को गर्मी व उमस से राहम मिली। जहां गर्मी से लोग आहत हुए नजर आए। वहीं बारिश के बाद लोगों को गर्मी से राहत मिली। बारिश के बाद सडक़ों व नालों से पानी बहने लगा। बारिश के बाद उमस ने लोगों को जमकर परेशान किया।
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20 मिनट तक झमाझम बारिश, गर्मी से मिली राहत।
गणेश्वर. क्षेत्र में 20 मिनट तक झमाझम बारिश का दौर रहा। दोपहर को भीषण गर्मी के बाद करीब 4 बजे झमाझम बारिश हुई। लोगों को गर्मी से राहत मिली। पहाड़ों का पानी बहता हुआ नालो तक पहुँचा। इस दौरान वाहन चालकों को वाहनों की लाइट जलानी पड़ी।


सीकर.
शिक्षा विभाग के पदोन्नति के लगभग 50 साल पुराने पैर्टन के बदलने से बेरोजगारों के साथ शिक्षकों व विद्यार्थियों की खुशियां भी अनलॉक हो गई है। शिक्षा विभाग की ओर से घोषित नए फॉर्मूले से प्रधानाध्यापक व व्याख्याता पदोन्नति के विवाद का भी पूरी तरह निपटारा हो गया है। प्रदेश के उच्च माध्यमिक स्कूलों में में वाइस प्रिसिंपल का पद सृजित होने से दस हजार से अधिक व्याख्याताओं की पदोन्नति की राह आसान हो गई है। वहीं व्याख्याता भर्ती का सपना देखने वाले बेरोजगारों को नई भर्ती के जरिए सौगात मिल सकेगी। अब स्नातक वाली विषयों के आधार पर ही पदोन्नति होने से दस लाख से अधिक विद्यार्थियों को भी फायदा मिल सकेगा। विभाग ने नए नियमों में कुछ सख्ती भी दिखाई है। अब तक मानइस अंक हासिल कर शिक्षक नहीं बन सकेंगे। पदोन्नति के बदले नियमों को लेकर पत्रिका की खास रिपोर्ट।

ऐसे समझे नए पदोन्नति के पैर्टन को:

1. जिला शिक्षा अधिकारी: 323 नए अधिकारी मिल सकेंगे
प्रदेश में फिलहाल 323 जिला शिक्षा अधिकारियों के पद खाली है। अब तक इसमें आधे पद सीधी भर्ती से और आधे पद पदोन्नति से भरने का प्रावधान था। अब शत प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने की वजह से यह रिक्त पद भर सकेंगे। इससे स्कूलों की मॉनिटरिंग भी बेहतर हो सकेगी।

2. प्रधानाध्यापक: पीजी को मिलेगा फायदा
प्रधानाध्यापकों की पदोन्नति में अब स्नातक के साथ पीजीको जोड़ा गया है। इससे पीजी वाले प्रधानाध्यापकों को फायदा मिल सकेगा।

3. व्याख्याता: अब उसी विषय के बन सकेंगे व्याख्याता
अब तक शिक्षा विभाग में यूजी किसी अन्य विषयों में और पीजी किसी अन्य विषयों में किए होने पर पदोन्नति दे दी जाती थी। लेकिन अब बदले हुए नियमों के बाद ऐसा नहीं होगा। अब यूजी वाले विषयों में से पीजी करने वालों को ही व्याख्याता बनने का मौका मिलेगा।

4. वाइस प्रिसिंपल: दस हजार व्याख्याताओं को मौका
अब प्रदेश के सभी उच्च माध्यमिक स्कूलों में वाइस प्रिसिंपल का पद भी सृजित होगा। इससे लगभग दस हजार व्याख्याताओं की पदोन्नति की राह खुल सकेगी। पहले प्रदेश में प्रधानाध्यापक और व्याख्याता की पदोन्नति का प्रतिशत 67 व 33 था। ऐसे वर्तमान शिक्षकों की संख्या के हिसाब से 80 व 20 फीसदी किया गया है।

5. व्याख्याता शारीरिक शिक्षा: 10 लाख विद्यार्थियों को फायदा
नए पदोन्नति नियमों में व्याख्याता शारीरिक शिक्षा का पद भी शामिल किया गया है। इससे स्कूलों में 254 व्याख्याता शारीरिक शिक्षा उपलब्ध हो सकेंगे। वहीं द्वितीय श्रेणी शारीरिक शिक्षकों की पदोन्नति की राह खुल सकेगी। इससे प्रदेश के दस लाख विद्यार्थियों को सीधा फायदा मिलेगा।

6. पुस्तकालध्यक्ष: 1224 बेरोजगारों को भी मिलेगा फायदा
शिक्षा विभाग ने अब पुस्तकालध्यक्ष में भी तृतीय श्रेणी से लेकर प्रथम श्रेणी तक का अलग कैडर बना दिया है। इससे कार्यरत पुस्तकाध्यक्षों को प्रथम श्रेणी तक पहुंचने का मौका मिलेगा। वहीं बेरोजगारों को 1224 बेरोजगारों को शिक्षा विभाग में आने का और मौका मिल सकेगा।

7. अब 3500 स्कूलों में प्रिसिंपल के पद:
प्रदेश में फिलहाल 3500 स्कूल सैकण्डरी सेटअप के है। इन स्कूलों में अब प्रिसिपल के पद होंगे। इससे स्कूलों में बेहतर शैक्षिक गुणवत्ता मिलेगी।

8. और यह दो भी खास निर्णय:
नए नियमों में दो और बड़े बदलाव किया गया है। अब तक पंचायतीराज विभाग के शिक्षक शिक्षा विभाग में 6 डी के तीन साल के नियम की वजह से नहीं जा पाते थे। लेकिन अब यह बाध्यता समाप्त होने से पंचायतीराज विभाग से शिक्षक आ सकेंगे। इससे पंचायतीराज विभाग में ज्यादा पद होने पर तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती जल्दी हो सकेगी।

और ऐसे समझें फायदे का गणित:

पदोन्नति के नए नियमों से विद्यार्थियों को शिक्षकों की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इससे उनका पाठ्यक्रम पूरा सकेगा। पीजी वाले विषय से पदोन्नति होने से शिक्षकों की विषय पर पकड़ भी अच्छी होगी।
-तृतीय श्रेणी से लेकर प्रथम श्रेणी व्याख्याता की समय पर पदोन्नति होने से बेरोजगारों के लिए समय पर शिक्षक भर्ती हो सकेगी।
-द्वितीय श्रेणी शिक्षक से लेकर जेडी तक के पदोन्नति नियम बनने से अब शिक्षा विभाग के कार्मिकों की पदोन्नति हो सकेगी।

सख्ती: 40 फीसदी से कम अंक वालों को अब नौकरी नहीं
कई शिक्षक भर्तियों में मानइस अंक वाले अभ्यर्थियों के शिक्षक बनने के मामलों पर अब रोक लग सकेगी। अब न्यूनतम 40 फीसदी अंक वाले अभ्यर्थियों को ही पात्र घोषित किया जा सकेगा। लेकिन राज्य सरकार की ओर से घोषित पांच प्रतिशत का शिथिलन इस नियम पर लागू हो सकेगा। वहीं शारीरिक शिक्षक व पुस्तकालध्यक्ष भर्ती में दूसरे राज्यों की जाली अंकतालिकाओं पर ब्रेक लगाने के लिए विभाग ने एनसीटीई के नियमों से भर्ती करने का फैसला लिया है।

बेहतर प्रबंधन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ बेरोजगारों को राहत: शिक्षा मंत्री
शिक्षा विभाग में पदोन्नति के नियम वर्षो पुराने हो गए थे। सभी शिक्षक संगठनों से चर्चा के बाद नए नियम तैयार किए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी नियमों के बदलाव को मंजूरी दी है। इससे स्कूलों में अब बेहतर शैक्षिक प्रबंधन हो सकेगा। बच्चों को गुणात्मक शिक्षा मिल सकेगी। पदोन्नति में नए अवसर बनने से शिक्षकों के साथ बेरोजगारों को भी फायदा मिलेगा।
गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री

सरकार का सार्थक निर्णय:
राज्य सरकार का निर्णय विद्यार्थी व शिक्षक हित के हिसाब से सार्थक है। शिक्षक संघ राष्ट्रीय की ओर से जो मांग पत्र दिया गया था उसके सभी सुझाव लिए गए है। सरकार ने शिक्षक, विद्यार्थी व बेरोजगार हित में जो निर्णय लिए है उनका शिक्षक संघ राष्ट्रीय स्वागत करता है।
सम्पत सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, शिक्षक संघ राष्ट्रीय

व्याख्याताओं के लिए अब और ज्यादा अवसर: रेसला लगभग 50 साल बाद सरकार ने नियमों में बदलाव किया है। इससे व्याख्याताओं के साथ द्वितीय श्रेणी शिक्षकों को भी फायदा मिलेगा। अब तक पंचायतीराज के शिक्षक भी माध्यमिक सैटअप में आ सकेंगे। नई नीति से शारीरिक शिक्षक व पुस्तकालध्यक्ष सहित अन्य का कैडर भी बन सकेगा।
मोहन सिहाग, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ

नियमों में संशोधन सभी के हित में: शिक्षक संघ शेखावत
सेवा नियमों में संशोधन छात्र, शिक्षक एवं विभाग हित में हैं। उप प्रधानाचार्य और प्रधानाचार्य के 50 फीसदी पदों को सीधी भर्ती से भरे जाने का प्रावधा भी होना चाहिए। अब सरकार को स्थानांतरण नीति की मांग पर भी फैसला करना चाहिए।
उपेन्द्र शर्मा प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत)

शिक्षक बनने के लिए ज्यादा अवसर: एक्सपर्टसरकार के नए पैर्टन से बेरोजगारों को ज्यादा शिक्षक बनने के अवसर मिल सकेंगे। शेखावाटी के युवाओं का तृतीय श्रेणी से लेकर व्याख्याता भर्ती तक काफी क्रेज है। ऐसे में यहां के युवाओं को काफी फायदा मिलना तय है।
राजीव बगडिय़ा, एक्सपर्ट


सीकर.
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पट्टे जारी करने के मामलों की आंच सीकर नगर परिषद पर बढ़ती जा रही है। परिषद ने एक प्लाट का पट्टा और निर्माण स्वीकृति जारी करने के बाद फिर उसी प्लाट का दूसरा पट्टा बना दिया। मामला सामने आने पर पीडि़त ने शहर कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने दूसरी पट्टा बनाने में परिषद की भूमिका की जांच किए बिना ही आरोपी को धारा 41 का नोटिस देकर गुरुवार को न्यायालय में चालान पेश कर दिया। दूसरे पक्ष की ओर से पुलिस और परिषद की भूमिका पर सवाल उठाते हुए न्यायालय में परिवाद पेश किया तो अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपी मोहनलाल ढाका निवासी सांवलोदा धायलान हाल चौधरी चरणसिंह का जमानत आवेदन खारिज कर दिया। साथ ही परिवाद पर सुनवाई के लिए 22 जुलाई की तारीख तय की है। परिवाद में पट्टे की प्रक्रिया से जुड़े परिषद के अधिकारियों की जांच करवाने का आग्रह किया गया है।

क्या है मामला
न्यायालय में पेश किए परिवाद के अनुसार चौधरी चरण सिंह नगर निवासी सरीता देवी ने वर्ष 2012 में समर्थपुरा स्थित एक प्लॉट विमला देवी ओला से खरीदा था। विक्रय पत्र के आधार पर वर्ष 2013 में सरीता देवी ने नगर परिषद से पट्टा बनवा लिया था। पट्टे को रजिस्ट्रार कार्यालय में पंजीबद्ध करवाने के बाद वर्ष 2013 में 27 जून को नगर परिषद से ही निर्माण स्वीकृति प्राप्त कर मकान का निर्माण करवा लिया। इसके बाद से सरीता देवी लगातार वहां आवास कर रही है। इसके बाद वर्ष 2013 में जमीन का कब्जे का प्रयास होने पर जमीन की पूर्व मालकिन विमला देवी के पति लखपत ओला ने पुलिस में मामला भी दर्ज करवाया था, जिसमे पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया।

यूआईटी ने आपत्ति पर किया पट्टे का आवेदन अस्वीकार
इस मामले में दूसरे पक्ष की ओर से यूआईटी में भी पट्टा बनाने के लिए आवेदन किया गया। इसके लिए पास की जमीन को मिलाकर पट्टे का आवेदन किया गया, लेकिन दूसरे पक्ष की ओर से इस पर आपत्ति करने पर यूआईटी ने आवेदन का अस्वीकार कर दिया। दोनों पक्षों में विवाद होने पर यहां पर उपखंड अधिकारी की ओर से कुर्की के आदेश दिए गए, जिसे न्यायालय ने वर्ष 2016 में अपास्त कर दिया।

कोरोना लॉकडाउन में जारी किया दूसरा पट्टा
नगर परिषद ने इस जमीन के हिस्से को शामिल करते हुए दूसरा पट्टा गत वर्ष 26 मई को कोरोना लॉकडाउन के दौरान जारी किया। बाद में निर्माण स्वीकृति के लिए आवेदन किया गया तो दूसरे पक्ष को इसकी जानकारी हुई। इस पर शहर कोतवाली में मामला दर्ज करवाया गया। परिवादी के अधिवक्ता अंगद तिवाड़ी की ओर से न्यायालय में पेश किए गए परिवाद में बताया गया है कि पुलिस के जांच अधिकारी ने मामले में निष्पक्ष व पूर्ण अनुशंधान नहीं किया। केवल मोहनलाल के खिलाफ ही धारा 420 धोखधड़ी का अपराध प्रमाणित मानकर न्यायालय में चालान पेश कर दिया। जबकि नगर परिषद के अधिकारियों की मिलीभगत के बिना दूसरा पट्टा बनाया जाना संभव नहीं है। दस्तावेजी साक्ष्यों की भी जांच नहीं की। न्यायालय से इस मामले में कूट रचित दस्तावेज सहित अन्य धाराओं में भी जांच करवाने का आग्रह किया गया है।

पुलिस ने भेजा नगर परिषद को नोटिस
शहर के उद्योग नगर थाने में पकड़े गए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पट्टा बनवाने गिरोह की कडिय़ां खोलने के लिए उद्योग नगर थाना पुलिस ने सीकर नगर परिषद को नोटिस भेजा है। थानाधिकारी पवन चौबे ने बताया कि नोटिस भेजकर पट्टे के लिए फाइल जमा, मौके की जांच और पट्टा जारी करने वाले कर्मचारियों को पूछताछ के लिए थाने में तलब किया गया है। इस मामले में गिरफ्तार चारों आरोपी दो दिन के पुलिस रिमांड पर है। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। इस मामले में जुड़े कुछ लोगों के परिजनों से पूछताछ के लिए पुलिस की टीम गुरुवार को झुंझुनूं गई। साथ ही अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।

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