उप निदेशक ने बीमा कंपनी के मुख्य प्रबंधक को पोर्टल पर अपलोड दस्तावेजों को जांचने के लिए किया पाबंद
हनुमानगढ़. जिले मेें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़ा घोटाला सामने आने के बाद पूरा सरकारी तंत्र सकते में है। सिस्टम को हैक कर आपसी मिलीभगत करके अपात्रों को बीमा का लाभ दिलाने के मामले में हालांकि गांव ढंढ़ेला व मलसीसर में आरोपियों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया गया है। मगर भविष्य में इस तरह के घोटाले नहीं हो, इसके लिए भी सरकारी तंत्र एहतियात बरत रहा है।
कृषि विभाग हनुमानगढ़ के उप निदेशक दानाराम गोदारा ने हाल ही में जिले में अधिकृत की गई एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के मुख्य प्रबंधक को निर्देश दिया है कि वह खरीफ फसलों के बीमा संबंधी दस्तावेजों को गहनता से जांचें। खरीफ २०२१ में प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत राष्ट्रीय पोर्टल पर सीएससी के माध्यम से अपलोड दस्तावेजों को समय पर जांचने से भविष्य में बीमा कंपनी की ओर से आवेदन को निरस्त करने जैसी शिकायतें भी नहीं आएगी।
चालू खरीफ सीजन में पांच जुलाई तक कुल १०८१८ किसानों ंके फसल बीमा का डाटा पोर्टल पर अपलोड किया गया है। इसमें अस्सी प्रतिशत डाटा सीएससी के माध्यम से अपलोड हुए हैं। उक्त अपलोड दस्तावेजों की जांच गठित कमेटी सदस्यों से करवाने को लेकर निर्देशित किया गया है। जिससे भविष्य में बीमा क्लेम वितरण में दिक्कत नहीं आए। दूसरी तरफ इस मामले में बैंकर्स का कहना है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अधिसूचना अनुसार बैंक शाखाओं को कृषकों का फसल बीमा करने के लिए बहुत ही कम समय अवधि दी जाती है।
जो कृषकों की पात्रता व कृषकों से फसल बुवाई घोषणा प्राप्त कर त्रुटि रहित पोर्टल पर फसल बीमा करने के लिए पर्याप्त नहीं रहती है। इसके चलते बैंकर्स से जल्दबाजी में कार्य करने से लिपिकीय त्रुटि हो जाती है। इसका बाद में संशोधित करने का कोई प्रावधान नहीं दिया गया हैै। उक्त समस्या का समाधान करने के लिए बैंकर्स द्वारा मांग की गई है कि जारी अधिसूचना में बैंकर्स को दी जाने वाली समय अवधि को बढ़ाया जाए। साथ ही पोर्टल पर अपडेशन में लिपिकीय गलती होने पर गलती सुधार का प्रावधान भी करने की व्यवस्था की जाए।
रथ कर रहा जागरूक
फसल बीमा योजना के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए गांवों में प्रचार रथ भी निकाला जा रहा है। इस रथ में बीमा संबंधी जागरुकता को लेकर साहित्य भी उपलब्ध है। जिससे किसान फसल बीमा योजना को लेकर जागरूक हो सकें। कृषि प्रधान हनुमानगढ़ जिले में फसल बीमा योजना की अहमियत किसान खूब समझ भी रहे हैं। तभी तो बीमा को ऐच्छिक करने के बाद भी काफी संख्या में किसान बीमा करवा रहे हैं।
जिले में खूब आ रहा क्लेम
फसल बीमा में क्लेम वितरण की बात करें तो जिले में खूब क्लेम आ रहा है। हनुमानगढ़ जिले में खरीफ 2019 में 130321 बीमित कृषकों को 668.48 करोड़ रुपए का क्लेम जारी किया गया। रबी 2019-20 में 79282 बीमित कृषकों को 364.40 करोड़ रुपए व खरीफ 2020 में 172058 बीमित कृषकों को 402.44 करोड़ रुपए का फसल बीमा क्लेम राशि स्वीकृत कर फसल बीमा कम्पनी एग्रीकल्चर इश्योरेंस कम्पनी ऑफ इंडिया लिमिटेड की ओर से वितरित किया जा चुका है। खरीफ 2018 में 101072 बीमित कृषकों को 526.97 करोड़ रुपए व रबी 2018-19 में 22617 बीमित कृषकों को 65.96 करोड़ का फसल बीमा क्लेम इफको टोकियो जनरल इश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की ओर से स्वीकृत कर वितरित किया गया है।
प्रीमियम पर नजर
हनुमानगढ़ जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में खरीफ 2021 के अंतर्गत कृषकों की ओर से दी जाने वाली प्रीमियम राशि भी निर्धारित कर दी गई है। इसमें बाजरा के लिए 342.98, कपास के लिए 1649.80, मूंगफली के लिए 2100.50, ग्वार के लिए 433.50, मूंग के लिए 771.78, मोठ के लिए 404.70, धान के लिए 1423.86, तिल के लिए 435.06 रुपए प्रति हैक्टेयर निर्धारित की गई है।