>>: हादसे में पति- पत्नी सहित पांच की मौत, बेटा गंभीर घायल, शव पहुंचने पर मचा कोहराम

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सीकर/पाटन. गिरिराज जी की परिक्रमा कर लौट रहे सीकर जिले के पति- पत्नी सहित पांच जनों की हादसे में मौत हो गई। हादसे में दंपति का का इकलौटा बेटा भी गंभीर रूप से घायल होने पर जयपुर में उपचाराधीन है। जानकारी के अनुसार पाटन के भागेसर में रहने वाले सुरेंद्र सिंह पत्नी व 10 साल के बच्चे के साथ अलवर के मालाखेड़ा के जमालपुर स्थित ससुराल गए हुए थे। जहां से ससुराल पक्ष के 5 लोगों के साथ वे मथुरा- वृंदावन घूमने गए। रविवार को गिरिराज जी की परिक्रमा कर वे सुबह जल्दी गांव के लिए चल दिए। जहां रास्ते में आते समय अलवर में कठूमर के पास तुसारी मोड़ पर उनकी कार ट्रोले से टकरा गई। हादसे में सुरेन्द्र व उसकी पत्नी पूनम सहित ससुराल पक्ष के तीन और लोगों की मौत हो गई। घटना के बाद भागेसर गांव स्थित परिवार में गम के माहौल के साथ पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया।

इनकी हुई मौत
हादसे में सुरेन्द्र व पूनम के अलावा जमालपुर गांव के रहने वाले वीरेंद्र सिंह (26), चचेरे भाई अंकित (10) और बहन शिवानी (18) की भी मौत हो गई है। जबकि वीरेन्द्र की पत्नी जूली व भाई की पत्नी रश्मि घायल हो गए।

घूमने जाने से पहले पिता को किया फोन
सुरेन्द्र ससुराल वालों के साथ शनिवार को भृर्तहरि पाण्डुपोल घूमने गया था। जहां से गोवर्धन परिक्रमा का कार्यक्रम बन गया। सुरेन्द्र ने अपने पिता रिसाल सिंह को फोन कर परिक्रमा करने के बाद घर आने की बात कही थी। पर नियति ने अपना क्रूर खेल रच दिया। हंसता खेलता परिवार चंद समय में ही काल का ग्रास बन गया

गांव में मचा कोहरान, गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार
गांव वालों ने सुरेंद्र के परिवार को उनकी मौत का समाचार नहीं दिया। दुर्घटना में गंभीर घायल होने के समाचार पर सुरेंद्र के पिता रिसाल सिंह व उसका छोटा भाई रजत सिंह कठूमर के लिए रवाना हो गए। गांव वालों को जब उनके रवाना होने का पता लगा तो वे भी उनके पीछे रवाना हो गये तथा हसामपुर से उन्हें वापस लौटा लाये। जैसे ही पति पत्नी का शव गांव में पहुंचा तो कोहराम मच गया। हर किसी की आंखें आंसुओं केा रोक नहीं पाई। बाद में बेहद गमगीन माहौल में दोनों का अंतिम संस्कार किया गया। ग्रामीणों के अनुसार मृतक सुरेंद्र मिलनसार था तथा गांव में सभी उसकी प्रशंसा करते थे। सुरेंद्र ने रायपुर मोड पर किराने की दुकान कर रखी थी तथा वही परिवार को संभाल रहा था। सुरेंद्र के चाचा का भी कुछ साल पहले करंट लगने से निधन हो गया था इसके बाद सुरेंद्र ने अपने चाचा के परिवार को भी संभाला। सुरेंद्र के निधन से उसके परिवार के सामने काफी बड़ी परेशानी आकर खड़ी हो गई है।

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