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Video : नागौर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के घटिया मकानों का भुगतान करने की कोशिश Sunday 01 August 2021 05:56 AM UTC+00 नागौर. नागौर शहर के बालवा रोड स्थित राजस्थान आवासन मंडल की डॉ. भीमराव अम्बेडकर आवासीय कॉलोनी में अलग-अलग ठेकेदारों द्वारा बनाए गए घटिया मकानों का भुगतान कराने के लिए बोर्ड के अधिकारी उतावले हो रहे हैं। बचे-खुच्चे मकान औने-पौने दामों में बेचने के बाद अब उचाधिकारी आवंटियों की मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान देने की बजाए ठेकेदारों को भुगतान कराने की कोशिश में जुटे हैं। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ठेकेदार बार-बार जयपुर में अधिकारियों के हाजरी लगा रहे हैं, ताकि उनका भुगतान ऊपरा-ऊपरी हो जाए और आवंटी नागौर में परेशान होते रहें। गौरतलब है कि बालवा रोड स्थित डॉ. भीमराव अम्बेडकर आवासीय कॉलोनी में बोर्ड द्वारा 2096 मकान बनवाए गए, जिनमें अधिकारियों की अनदेखी के चलते ठेकेदारों ने घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग कर आवंटियों के लिए परेशानी खड़ी कर दी। आवासीय कॉलोनी में किए गए भ्रष्टाचार की पोल राजस्थान पत्रिका ने वर्ष 2015 में 'रेत के मकानों में कैसे रहें हम' समाचार अभियान के तहत सिलेसिलेवार समाचार प्रकाशित कर खोली थी, जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे नागौर दौरे के दौरान 29 अक्टूबर 2015 को खुद मौके पर पहुंचकर निर्माण कार्य बंद करवाया और मौके से ही एसीबी जांच के आदेश दिए। एसीबी ने कॉलोनी के सेक्टर दो व तीन से निर्माण सामग्री के कुल 15 नमूने लिए थे, लेकिन सरकारी उदासीनता के चलते एसीबी ने भी इस कॉलोनी से जुड़े मुकदमों की जांच ठंडे बस्ते में डाल दी, जिसके चलते आज भी जांच अधूरी है। इनको बनाया था आरोपी एक मामला 8 साल पुराना हिम्मत तो देखो, इसके बावजूद अधिकारी भुगतान करने की फिराक में एजेंसी ने की थी 54 मकान ध्वस्त करने की सिफारिश, फिर भी बेच दिए एक साल से स्थाई अधिकारी नहीं अभी किसी का भुगतान नहीं किया |
निरोगी राजस्थान की दिशा में बड़ा कदम 'घर-घर औषधि योजना' Sunday 01 August 2021 03:31 PM UTC+00 नागौर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रकृति के संतुलन और पर्यावरण संरक्षण के लिए वनों का बड़ा महत्व है। साथ ही हमारी संस्कृति एवं चिकित्सा पद्धतियों में औषधीय पौधों का विशेष स्थान है। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों की स्वास्थ्य रक्षा तथा औषधीय पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन की दृष्टि से राज्य सरकार ने घर-घर औषधि जैसी अभिनव योजना का शुभारम्भ किया है। राजस्थान संभवत: पहला प्रदेश है, जिसने औषधीय पौधों के प्रति जन चेतना जागृत करने के लिए वृहद स्तर पर ऐसी अनूठी योजना लागू की है। यह हमारी भावी पीढ़ी की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम होगा। मुख्यमंत्री गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री निवास से वर्चुअल रूप से आयोजित 72वें वन महोत्सव एवं 'घर-घर औषधि योजना' के शुभारम्भ समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री निवास पर उन्होंने गिलोय का औषधीय पौधा लगाकर योजना की शुरुआत की। इस दौरान नागौर जिला मुख्यालय स्थित भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केंद्र से जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के साथ नगर परिषद सभापति मीतू बोथरा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी, जिला रसद अधिकारी पार्थ सारथी, जिला वन संरक्षक ज्ञानचंद मकवाना, सीडीपीओ दुर्गासिंह उदावत, सीओ गाइड मीनाक्षी भाटी, सीओ स्काउट अशफाक पंवार सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी वीसी से जुड़े। योजना को देंगे जन आंदोलन का रूप 1.26 करोड़ परिवारों को मिलेंगे नि:शुल्क औषधीय पौधे प्रत्येक परिवार औषधीय पौधे लगाए लघु वन उपज बढ़ाने के लिए वन विकास निगम का गठन |
कोविड-19 काल में औषधीय पौधे लोगों को रखेंगे स्वस्थ Sunday 01 August 2021 03:42 PM UTC+00 नागौर. सरकार की बजट घोषणा के अनुरूप घर-घर औषधी योजना का शुभारंभ जिला मुख्यालय में अमृतादेवी उद्यान में हुआ। कलक्टर जितेन्द्र सोनी ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौेके पर कलक्टर सोनी ने कहा कि चार औषधीय पौधे तुलसी , गिलोय , अश्वगंधा व कालमेघ का आयुर्वेद में बहुत महत्व है। यह भी बताया कि जिले में करीब 23 लाख पौधों का घरों में वितरण किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस दौरान पौधरोपण भी किया गया। यह पौधे कोरोना की इस विषम परिस्थिति में इम्यूनिटी पावर को बढ़ाएंगे । इस माह प्रथम चरण तथा अक्टूबर में द्वितीय चरण में वितरण होगा । इस योजना में नगर निकायों के आधे वार्ड तथा आधी ग्राम पंचायत शामिल होगी । वन विभाग द्वारा इस संबंध में विस्तृत कार्य योजना बनाई गई है जिसमें रूट चार्ट व पौधों की संख्या भी शामिल है । इसमें शहरी क्षेत्र के लोगों में जिनके पास भूमि कम है, वह गमलों में ही इन पौधों को लगाएं । जनप्रतिनिधियों से शहर का सौंदर्यीकरण व पर्यावरण के क्षेत्र में और अधिक सक्रियता से कार्य करने का आह्वान किया । उन्होंने कहा कि बरसात के इस मौसम में जाति , मजहब व दलगत से ऊपर उठकर नागरिकों को इस बात के लिए तैयार करें कि वह मार्गो तथा भवनों के मध्य के खाली जगह में युक्तिसंगत तरीके से पौधे लगाए। जिला कलक्टर ने जनप्रतिनिधियों से गोगेलाव कन्वर्शन क्षेत्र में निवास बनाने वाले जंगली पशुओं की रक्षा के लिए कार्य करने का आह्वान किया । उन्होंने स्काउट व गाइड टीम को भी इस संबंध में सहयोग करने का आग्रह किया । जिला कलक्टर ने गोगेलाव रोड पर स्थित तारबंदी वन क्षेत्र में उगे बबूल के पेड़ों के स्थान पर अन्य पौधे रिप्लेस करने का भी निर्देश दिया। |
स्वाधीनता दिवस पर विद्यार्थी नही आएंगे नजर Sunday 01 August 2021 03:56 PM UTC+00 नागौर. राजकीय शिक्षण संस्थानों के स्वाधीनता दिवस समारोह में इस बार विद्यार्थी बिलकुल नजर नहीं आएंगे। संस्था प्रधानों को यह कार्यक्रम स्कूल के स्तर पर ही मनाना होगा। कार्यक्रम में झण्डारोहण के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए जाएंगे। इसमें शिक्षक या व्याख्याता कार्यक्रम प्रस्तुत कर सकते हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस बार भी गरिमामय समारोहों में बच्चों की उपस्थिति बिलकुल नहीं रहेगी। यही वजह रही है कि मुख्य समारोह से करीब पंद्रह दिन पूर्व ही हर वर्ष नोडल स्कूलों में इसकी तैयारियां शुरू करा दी जाती थी, लेकिन इस वर्ष स्कूल परिसर के मैदान पूरी तरह से सूने नजर आ रहे हैं। स्कूलों में हालांकि साफ-सफाई की व्यवस्थाएं तो कराई जा रही है, लेकिन कार्यक्रम स्थल पर केवल शिक्षक ही संस्था प्रधान ही मौजूद रहेंगे। शिक्षा निदेशालय से भी इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। निदेशालय से आए दिशा-निर्देश मिलने के बाद जिला शिक्षाधिकारी की ओर से जिले के करीब साढ़े तीन हजार शिक्षण संस्थानों के संस्था प्रधानों को इससे अवगत करा दिया गया है। संस्था प्रधानों को स्पष्ट तौर पर कह दिया गया है कि विद्यालय स्तर पर होने वाले कार्यक्रम में झण्डारोहण आदि के कार्यक्रमों में विद्यार्थियों की उपस्थिति बिलकुल नहीं रहनी चाहिए। अधिकारियों का कहना है कि कोविड-19 की गाइडलाइन की पालना को ध्यान में रखते हुए समारोहों को कराने के निर्देश हैं। समारोह दिवसों पर शिक्षाधिकारियों की ओर से इसकी जांच करने के लिए भी टीमें बन गई है। यह टीमें समारोह दिवस के दिन निर्धारित समयावधि में विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण कर इसकी जांच करेंगी कि कोविड-19 की पालना की जा रही है कि नहीं। तत्पश्चात इसकी रिपोर्ट निदेशालय भी भेजी जाएगी। |
धारणा की सरहद में राष्ट्रीय पक्षी मोर का शिकार, दो आरोपी गिरफ्तार Sunday 01 August 2021 04:09 PM UTC+00 जायल (नागौर). जिले की जायल तहसील क्षेत्र के ग्राम धारणा की सरहद में रविवार को राष्ट्रीय पक्षी मोर का शिकार करने की घटना सामने आई है। जानकारी के अनुसार आरोपियों को शिकार करते देख आसपास के बाशिंदों ने वन विभाग को सूचना दी। शिकार करते ग्रामीणों ने देख किया पीछा आए दिन शिकार की घटना पर रोष |
माता सीता एवं हनुमान की सजीव झांकी आस्था में डूबे श्रद्धालू Sunday 01 August 2021 04:12 PM UTC+00 नागौर. रामपोल सत्संग भवन में चातुर्मास में चल रहे प्रवचन में रामनामी महंत मुरलीराम महाराज ने कहा कि गोस्वामी महाराज ने निर्गुण और सगुण की वंदना करते हुए कहा कि हमारी दृष्टि में निर्गुण और सगुण अलग अलग है, लेकिन वस्तुत: देखा जाए तो दोनों एक ही है। उन्होंने उद्धरण देते हुए समझाया कि जिस प्रकार प्लेट में हम पानी भरकर फ्रिज में रखते हैं तो पानी का कोई रंग नहीं होता। कोई आकार नहीं होता ह,ै लेकिन थोड़ी देर बाद यदि उस प्लेट को निकालते हैं तो उसमें बर्फ के टुकड़े जमे हुए मिलते हैं। इसी तरह निराकार ब्रह्म संतो के लिए तथा भक्तों के लिए निर्गुण से सगुण रूप में धरती पर अवतरित होते है। इसलिए हमें निर्गुण और सगुण में भेदभाव की दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। भगवान कोई भी लीला करने के लिए भक्तों भक्तों को दर्शन देते हैं। गोस्वामी महाराज तो रामचरितमानस में कहते हैं, यदि आपको निर्गुण तक पहुंचना है तो सगुण का सहारा लेना ही पड़ेगा। सगुण और निर्गुण में एक रमने वाला, और एक रमाने वाला ही कार्य विद्यमान है। े व्यक्ति भृमित होकऱ निर्गुण और सगुण को अलग-अलग मान लेता है। इसलिए गोस्वामी महाराज अपना मत कहते हुए रामचरितमानस में लिखते हैं कि सगुण को अपनी आंखों में रखें, तथा निर्गुण को अपने हृदय में रखो। तभी समझ पाएंगे की नाम की महिमा क्या है। कथावाचक संत रमता राम महाराज ने रामचरितमानस में हनुमान और सीता अशोक वाटिका प्रसंग का विशेष वर्णन किया। कथा वर्णन के दौरान हनुमान एवं मां सीता की सजी जीवंत झांकी आस्था का केन्द्र बनी नजर आई। झांकी में माता सीता के समक्ष पहुंचकर हनुमान के प्रणाम करने के दृश्य जीवंत रूप में देखकर श्रद्धालू आस्था के रंग में रंगे नजर आए। इस दौरान साध्वी मोहनी बाईसा, बाल संत रामगोपाल महाराज, नंदकिशोर बजाज, नंदलाल प्रजापत, रामेश्वर तोषनीवाल, कांतिलाल कंसारा, राजाराम तोषनीवाल, मनोज शर्मा व रामअवतार शर्मा आदि मौजूद थे। |
आनंदपाल की तरह ही लेडी डॉन को ढूंढती रही पुलिस, इसलिए सुराग मिलने के बाद भी नहीं आ पाई हाथ Sunday 01 August 2021 06:09 PM UTC+00 -अनुराधा की तलाश की प्लानिंग रही सुस्त -टीमें भी खूब और सुराग भी मिले पर कार्रवाई करने में ढील पड़ताल उसको पकडऩे के लिए सीकर-नागौर पुलिस की संयुक्त टीमें भी बनीं, इस ऑपरेशन में एसओजी ही नहीं जयपुर कमिश्नरेट टीम को भी शामिल किया गया, लेकिन सब धरा रह गया। गैंगस्टर काला जठेड़ी के साथ उसे यूपी के सहारनपुर में दिल्ली पुलिस ने पकड़ा। लेडी डान अनुराधा की गिरफ्तारी के लिए इनाम बढ़ा पर उसको पकडऩे में फेल रही राजस्थान पुलिस कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे हैं। शुरुआती दौर में फौरी तौर पर गठित टीमें जिले से बाहर तक कूच नहीं कर पाई। नागौर-शेखावटी इलाके तक ही उसकी तलाश को सीमित रखा। दातार से मिला सुराग भी नहीं लगा पाया बेड़ा पार लेडी डॉन के साथ विक्की का नाम शेयर मार्केट में डूबा पैसा तो अपराध में कूदी |
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