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Table of Contents

बाड़मेर.
शहर के गडरा सर्कल के पास नगर परिषद ने वर्षो पहले करोड़ों रुपए खर्च कर दो कॉलोनियों को विकसित किया, लेकिन आवंटन प्रक्रिया से पहले यह प्रोजेक्ट कागजी साबित हो गए। अब हालात यह हो गए है कि 175 बीघा जमीन भूमाफियों की नजर में है। हालांकि नगर परिषद सभापति का दावा है कि जल्द लेआउट प्लान बनाकर एक माह में भूखण्ड आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
नगर परिषद ने वर्ष 2011 में गडरा सर्कल के पास स्थित अरिहंत नगर के पीछे महाराणा प्रताप व सिद्धार्थ नगर नाम की दो कॉलोनियां प्रस्तावित कर आवंटन प्रक्रिया शुरू की थी। यहां नगर परिषद ने करीब 80 लाख रुपए का टेण्डर जारी कर सड़कों का निर्माण करवाया। साथ ही कॉलोनियों को विकसित करने के लिए वर्ष-2013 में आवंटन प्रक्रिया शुरू की गई। उसके बाद अधिकारियों की अनदेखी के चलते यह प्रोजेक्ट महज कागजी रह गए। फिलहाल दोनों कॉलोनियां कचरा पाइंट बन गई हैं। वहीं एक कॉलोनी में अवैध कब्जे हो रहे हैं। इसी तरह गेहूं रोड़ पर अतिक्रमण हटाकर एक कॉलोनी विकसित करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन वह प्रक्रिया भी कागजों से बाहर नहीं आई है।
नगर परिषद की अनदेखी
नगर परिषद ने कई बार कॉलोनियों को विकसित करने के लिए प्रस्ताव बनाकर प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन यह प्रोजेक्ट कागजों से बाहर नहीं आया। इसमें नगर परिषद के अधिकारियों की अनदेखी सामने आई।
- एक माह में करेंगे विकसित
गडरा सर्किल के पास दो कॉलोनियों विकसित कर रहे है। वहां कचरा ज्यादा है, उसको हटाने के लिए टेण्डर जल्द करेंगे। ले आउट प्लान तैयार करने के लिए टीम को बाहर से बुलाई है। एक माह में भूखण्ड आवंटन की प्रक्रिया शुरू होगी। - दिलीप माली, सभापति, नगर परिषद, बाड़मेर

बाड़मेर. कोविड के कारण स्कूलें बंद होने तथा बड़े आयोजनों पर रोक के चलते दूध की खपत आधी से कम रह गई है। इसके चलते सरस डेयरी के पास अतिरिक्त दूध बच रहा है। ऐसे में उस दूध से घी और पाउडर बनाने रानीवाड़ा भेज रही है।
डेयरी को अभी जितना दूध मिल रहा है, उससे खपत आधी से भी कम है। इसके कारण यहां आने वाला दूध सरप्लस हो जाता है। डेयरी इस दूध को अन्य यूनिट को भी भेजती है। लेकिन कोविड के कारण अधिकांश स्थानों पर डिमांड कम ही है। इसके कारण दूध से घी और दूध पाउडर बनवाया जा रहा है।
खपत जहां वहा लगे है ताले
सरकारी स्कूलों मेें बच्चों को मिलने वाला दूध भी काफी डेयरी से ही जाता रहा है। अभी स्कूल में केवल शिक्षक आ रहे हैं कक्षाओं पर तो अभी भी ताले लटक रहे हैं। जबकि स्कूलों में दूध शुरू होने के बाद यहां पर सबसे ज्यादा खपत होती थी। पिछले अप्रेल महीने से सरकारी स्कूल खुले ही नहीं।
सभी कार्यक्रम छोटे स्तर पर
बड़े आयोजनों और शादी समारोह होने से दूध की डिमांड मार्केट में बनी रहती थी। डेयरी के पास एडवांस ऑर्डर आ जाते थे। कई बार तो ऐसा भी हुआ कि ऑर्डर ज्यादा होने के कारण अन्य शहरों से दूध मंगवाना पड़ा। जब से कोविड महामारी का दौर शुरू हुआ तभी से शादी समारोह छोटे स्तर पर घरों में ही हुए हैं। इसके अलावा अन्य किसी तरह के बड़े आयोजन भी नहीं हो रहे हैं। इसके कारण दूध की डिमांड पर काफी असर पड़ा और डेयरी के पास दूध की तरलता ज्यादा हो गई।
घी और पाउडर बनवाते हैं
अतिरिक्त बचने वाले दूध से घी और पाउडर बनवाते हैं। किसी अन्य यूनिट को जरूरत हो तो वहां पहले भेजते हैं। इसके बाद जो दूध बचता है, उसे रानीवाड़ा भेज देते हैं, जहां से घी और दूध पाउडर बनकर हमे मिल जाता है। अभी आवक से करीब आधा से ज्यादा दूध अतिरिक्त हो रहा है।
ओपी सुखाडिय़ा, एमडी बाड़मेर सरस डेयरी

बाड़मेर. संक्रमण का असर जुलाई महीने में काफी कम हो गया। फिर भी कुल 31 संक्रमित सामने आए है। औसत एक संक्रमित बाड़मेर जिले में रोजाना मिला। राहत की बात यह रही कि कोरोना से जुलाई में कोई मौत नहीं हुई है, चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट तो यही बता रही है।
जिले में कोविड संक्रमण में तेजी से कमी आई, लेकिन एक्टिव केस शुन्य अब तक नहीं हो पाए हैं। देखा जाए तो 1 जुलाई को एक्टिव केस के 29 थे, लेकिन इस महीने लगातार नए मामले सामने आने से 31 जुलाई को भी एक्टिव केस 7 रहे। इस महीने में इक्का-दुक्का केस आने से एक्टिव केस की स्थिति बनी रही। महीने के आखिरी दिन भी 287 नमूनों की जांच में एक व्यक्ति पॉजिटिव मिला है।
जिले में कुल 246 मौतें
बाड़मेर जिले में कोविड से चिकित्सा विभाग ने 246 मौतें बताई है। विभाग के बुलेटिन के अनुसार जुलाई में कोरोना से कोई मौत नहीं हुई।
तीसरी लहर की आशंका बरकरार
कोविड महामारी की तीसरी लहर की आशंका को लेकर विशेषज्ञ चिंतित है। नए केस मिलने पर आशंका कुछ बढ़ती जा रही है। चिकित्सकों के अनुसार कुछ प्रदेशों में मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में सावधानी और गाइडलाइन की सख्ती के साथ पालन करना जरूरी है।
बाड़मेर में कोविड पर एक नजर
कुल नमूनों की जांच : 264335
पॉजिटिव केस : 15996
कुल डिस्चार्ज : 15743
एक्टिव केस : 07
कुल मौतें : 246
(आंकड़े 31 जुलाई तक...स्रोत चिकित्सा विभाग)

बाड़मेर। एड्स नियंत्रण संविदा कर्मियों ने लंबित चल रही मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी आन्दोलन करने का निर्णय लिया है। देश भर में राष्ट्रीय एड्स नियन्त्रण संगठन (नाको) के अंतर्गत एआरटी, पीपीटीसीटी, आईसीटीसी, ब्लड बैंक, एसटीआई आदि में कार्यरत संविदा कार्मिक वर्ष 2017 से वेतन पुनरीक्षण की मांग कर रहे हैं तथा इस सम्बन्ध में 2019 में आश्वासन मिला था। लेकिन नाको ने अप्रेल 2020 से वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी और चिकित्सा अधिकारी का ही वेतन पुनरीक्षण किया और योजना में कार्यरत अन्य संविदा कर्मियों के वेतन पर किसी प्रकार का निर्णय नहीं लिया इसके चलते अब संविदा कार्मिक 2 अगस्त से समस्त प्रकार की साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक ऑनलाइन और ऑफ लाइन रिपोर्टिंग कार्य बंद करेंगे। कार्मिक काली पट्टी बांधकर विरोध करेंगे। बाड़मेर राजकीय चिकित्सालय में संचालित एआरटी सेन्टर, आईसीटीसी, पीपीटीसी सेन्टर के प्रतिनिधियों ने शनिवार को अधीक्षक डॉ. बीएल मंसूरिया को ज्ञापन सौंपा।
मरीजों के हित में सेंटर चलेंगे
उन्होंने बताया कि पीएलएचआईवी मरीजों हित में सेन्टर का कार्य सुचारू रूप से संचालित रहेगा। लेकिन समस्त प्रकार की रिपोर्टिंग कार्य नहीं होंगे। इस दौरान एआरटी सेन्टर के डाटा मैनेजर अबरार मोहम्मद, स्टाफ नर्स महादानसिंह, फार्मासिस्ट उम्मेदसिंह, काउन्सलर अनन्त संचान, अल्का शर्मा, एलटी प्रकाश चन्द्र पूनड़, सीसीसी दिनेश कुमार शर्मा, आईसीटीसी सेन्टर के काउंसलर मनीष कुमार शर्मा व पीपीटीसीटी सेन्टर की काउन्सलर शांति चौधरी आदि मौजूद रहे।

बाड़मेर। सीमा सुरक्षा बल 142 वाहिनी के अधिकारियों एवं जवानों ने शनिवार को पर्यावरण पहली रक्षा पंक्ति अभियान के तहत 1400 पौधे लगाए।
142वीं वाहिनी मुख्यालय परिसर में पौधरोपण में फ्रंटियर मुख्यालय गुजरात के उपमहानिरीक्षक पीएसओ ईपेन पीवी ने शिरकत करते हुए कहा कि सीमा सुरक्षा बल भारत की पहली रक्षापंक्ति के तौर पर देश की सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर है। उसी तर्ज पर यह बल पयाज़्वरण - प्रथम रक्षापंक्ति को सार्थक करने की जिम्मेदारी बखूबी निभा रहा है।
उन्होंने 142वीं वाहिनी के कमांडेंट राजपाल सिंह, द्वितीय कमान अधिकारी पारसमल जीनगर,मनोज चांद , डिप्टी कमांडेंट नरिंदर पॉल, पुष्पराज एवं उमेश कांत समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और सैनिकों के साथ पौधरोपण किया। इस अभियान के तहत विभिन्न प्रजातियों के 1400 पौधे लगाए गए हैं।
नर्सरी का दौरा, बेहतर बताया कार्य
डीआईजी ने 142 बटालियन की ओर से विकसित नर्सरी का भी दौरा किया और वाहिनी के प्रयासों की सराहना की। कमांडेंट राजपाल सिंह के नेतृत्व में 142 बटालियन बीएसएफ ने इस सीजन में लगभग 15000 पौधे और 10 लाख विभिन्न प्रजातियों के बीज रोपने का संकल्प लिया है।

बाड़मेर. थार में अच्छी बरसात की कामना को लेकर श्रावण महीने के दूसरे सोमवार को शिवालयों में अनुष्ठान किए जाएंगे। इसके लिए रविवार को ही तैयारियां शुरू हो गई। शिव मंदिरों को आकर्षक रूप से सजाया गया है। हालांकि कई मंदिरों में पूरे सावन मास में धार्मिक अनुष्ठानों के चलते सजावट की गई है।
सोमवार के दिन अल सुबह से शिवालयों में दर्शन-पूजन शुरू हो जाएगा। शहर के साईंधाम स्थित शिव मंदिर, सफेद आकड़ा, जसदेर धाम में सहित भोले के दरबार में भक्तों की दर्शन के लिए कतारें लगेंगी।
बारिश की होगी कामना
थार में बरसात की कामना को लेकर भगवान शिव का अभिषेक किया जाएगा। जिले में अभी तक मानसून की अच्छी बारिश का इंतजार बना हुआ है। सावन अब तक सूखा ही बीत रहा है। पिछला सोमवार भी सूखा ही चला गया था। जबकि सावन सोमवार को उम्मीद रहती है इस दिन तो जरूर बारिश होगी।
कोविड नियमों की पालना करनी होगी
मंदिर ट्रस्ट की ओर से सभी से आग्रह किया गया है कि सोमवार को मंदिरों में दर्शन के दौरान कोविड नियमों की पालना करनी होगी। श्रद्धालु सोशल डिस्टेंस के साथ मास्क आवश्यक रूप से लगाएं और ज्यादा भीड़-भाड़ नहीं करें। हाथ धोकर ही दर्शन के लिए प्रवेश करें।

बाड़मेर। बायतु के बाटाडू में प्रस्तावित राजकीय कृषि महाविद्यालय के लिए 30 हेक्टेयर भूमि के आवंटन की राजकीय स्वीकृति जारी की गई है।
राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने बताया कि बायतु तहसील की ग्राम पंचायत नया बाटाडू में गे.मू. गोचर में से 30 हेक्टेयर भूमि राजकीय काश्तकारी (सरकारी) नियम 1955 के नियम-7 के तहत वर्गीकरण परिवर्तन कर सिवायचक दर्ज किए जाने के उपरांत राजस्थान भू-राजस्व आवंटन नियम 1963 नियम-7 के तहत नवीन कृषि महाविद्यालय की स्थापना के लिए कृषि विभाग को नि:शुल्क आवंटित करने तथा चारागाह भूमि की क्षतिपूर्ति में ग्राम चौकडिय़ां की ढाणी तहसील पचपदरा में 30 हेक्टेयर भूमि को चारागाह में दर्ज किए जाने की राजकीय स्वीकृति जारी की गई है।
आवंटन के बाद जल्द शुरू होगा निर्माण
राजस्व मंत्री ने बताया कि उक्त भूमि आवंटन के बाद भवन निर्माण का कार्य अतिशीघ्र प्रारम्भ करवाया जाएगा। चौधरी ने कहा कि जिले के युवाओं के लिए कृषि क्षेत्र में शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा। जिले के प्रथम कृषि महाविद्यालय से क्षेत्र की कृषि शिक्षा में एक नए युग का सूत्रपात होगा।
कृषि महाविद्यालय बाड़मेर की जरूरत
थार में कृषि कॉलेज नहीं होने पर यहां के विद्यार्थियों को कृषि विषय पढऩे के लिए बाहर जाना पड़ता था। अब यहां कृषि कॉलेज खुलने के बाद बारहवीं के बाद छात्रों को स्थानीय स्तर पर पढऩे की सुविधा उपलब्ध होगी। इससे थार में किसानी और कृषि को फायदा मिलेगा।

शिव. राष्ट्रीय सांसी भांतु समाज विकास संघ की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष जयराज भाट के निर्देशानुसार भाडखा सांसी बस्ती में शिक्षा से वंचित एवं ड्रॉप आउट बच्चों के लिए महात्मा रोशन संध्या पाठशाला का शुभारंभ किया गया।

संघ के प्रदेशाध्यक्ष पुखराज दासावत ने आवश्यक शैक्षणिक सामग्री, दरी, ब्लैक बोर्ड, स्टेशनरी आदि की व्यवस्था की। प्रभात रामधारी एवं मनोज घासीवत को संध्या पाठशाला का शैक्षणिक कार्यभार सौंपा गया।

समाज के पंच बबलाराम घासीवत ने पाठशाला के लिए भवन की व्यवस्था की। महात्मा रोशन की स्मृति में बनी पाठशाला का शुभारम्भ कार्यक्रम में पूनाराम सांसी, मगाराम धीरावत, सुनील रामधारी, चन्दन धीरावत, जैसाराम, रवि धीरावत, गुलाबाराम, रमेश रामधारी, कानाराम की समन्वय समिति की देखरेख में किया जाएगा।

संचालन चन्दन धीरावत ने कियाञ संघ के बाड़मेर जिलाध्यक्ष चतराराम सिसोदिया ने आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर अतिथियों ने शिक्षा की महत्ता बताते हुए शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने कहा कि शिक्षा से समाज में फैले कुरीतियों के अंधियारे का मिटाया जा सकता है।

बाड़मेर. लायंस क्लब बाड़मेर की ओर से उपखंड अधिकारी रोहित चौहान के मुख्य आतिथ्य और कोतवाली थानाधिकारी उगमराज सोनी की अध्यक्षता में स्थानीय रेलवे स्टेशन पर आमजन को एक हजार गिलोय पौधों का वितरण किया गया।

रोहित चौहान ने कहा कि गिलोय के सेवन से रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। हमारा देश कोरोना से जूझ रहा है, ऐसे में हर व्यक्ति को प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। उगमराज सोनी ने पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण जरूरी बताया।

उन्होंने कहा कि मानवजीवन पूर्ण रूप से स्वस्थ तभी होगा जब कदम-कदम पर पौधे लगेंगे। मौजूदा आबादी को भरपूर ऑक्सीजन देने के लिए पेड़-पौधों की संख्या नाकाफी साबित हो रही है। क्लब अध्यक्ष एडवोकेट मुकेश जैन ने पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाने का संकल्प दिलाते हुए कहा कि पर्यावरण का संतुलन बनाने के लिए पौधों को लगाना जरूरी है।

आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ.पंकज विश्नोई ने कहा कि गिलोय का जूस और गिलोय की गोलियों से भी हम अपनी इम्यूनिटी बढ़ा सकते हैं।

ललित कुमार छाजेड़, किशन लाल वडेरा, वीरचंद वडेरा, छगनलाल बोथरा, कैलाश कोटडिय़ा, महेंद्र जैन, एडवोकेट किरण मंगल, गौतमचंद डूंगरवाल, पवन सोलंकी, मनोज आचार्य, शेखर जैन, अशोक डागा आदि उपस्थित रहे। संचालन सचिव संजय संखलेचा ने किया।

बाड़मेर. राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील की ओर से चलाए जा रहे घर-घर सहजन हरित निरोग राजस्थान अभियान के तहत ब्लॉक बाड़मेर ग्रामीण एवं शहर के ग्राम पंचायत एवं वार्ड प्रभारियों की संयुक्त बैठक रामावि रामूबाई विद्यालय में हुई।

समाजसेवी खरथाराम गोदारा, संघ के प्रदेशाध्यक्ष बनाराम चौधरी,प्रो. आदर्शकिशोर जांणी, राष्ट्रीय पुरस्कृत शिक्षिका गीता माली के आतिथ्य में तेरह हजार बीज वितरित किए। इस दौरान बीजारोपण हुआ और विभिन्न प्रजाति के औषधीय पौधे बांटे। प्रदेशाध्यक्ष चौधरी ने कहा कि विद्यालयों और घरों में सहजन के बीज का रोपण कर हरेक को परिवार का हरित सदस्य बनाएं। गोदारा ने कहा कि वैश्विक परिस्थितियों ने प्रकृति के साथ जीना सीखाया है, मानव जीवन के जीने के लिए अधिकाधिक पौधरोपण किया जाए।

जांणी ने सहजन पौधे को मानव जीवन का चमत्कारिक औषधीय पेड़ बताया। गीता माली ने कहा कि पेड़ हमें चलना, झुकना, त्याग करना सीखाता है।

सहजन अभियान के जिला संयोजक भेराराम भाखर ने सहजन बीज के रोपण की विधि, देखभाल तरीका, तरल खाद देने और पौधे की पत्तियां, फूल, फलियां को दैनिक जीवन में उपयोग करने के बारे में बताया। इस दौरान चुतराराम सियाग, जोगाराम सारण, चुन्नाराम प्रजापत, खेताराम माचरा, मनोहर जाखड़, मोहनसिंह माचरा, जेती चौधरी, मीनाक्षी चौधरी, जेठाराम गोरसिया, शेराराम हुडा, ओमप्रकाश, लालाराम सियोल उपस्थित रहे।

संचालन जिला महामंत्री गोरधनराम प्रजापत ने किया।

बाड़मेर. भाजपा किसान मोर्चा की जिला कार्यकारिणी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पुनिया किसान मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष हरीराम रणवां के निर्देशानुसार एवं भाजपा जिलाध्यक्ष आदूराम मेघवाल की अनुमति से किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष रणवीर सिंह भादू ने रविवार को घोषित की।

भादू ने बताया कि धुनाराम कोली, किशनसिंह मीठड़ा, पोकरराम सऊ, मालाराम विश्नोई को उपाध्यक्ष, डॉ.अभयसिंह बलाई व लक्ष्मण टाक महामंत्री, अर्जुनसिंह राजपुरोहित, गणपतसिंह दूधोडा, मगदान देथा, रामसिंह सोमेसरा व राजूसिंह कोटड़ा को मंत्री, मिश्रीलाल सुथार को कोषाध्यक्ष, लालसिंह तनसिंहपुरा, गोरधनराम मलवा, रावताराम प्रजापत, पताराम देवासी, नेनाराम बेनीवाल, पीरसिंह ढोक, अमृत शर्मा, गिरधारीराम जोगु, धर्मसिंह राजपुरोहित, मुकेश गोस्वामी, जेठाराम जाखड़ व चोखाराम देवासी को सदस्य, श्रवणसिंह सिमरिखिया मीडिया प्रमुख व नरेन्द्र चौधरी को आई टी संयोजक बनाया गया।

नवीन कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारियों का जिलाध्यक्ष रणवीर सिंह भादू ने डाक बंगले में स्वागत किया ।

भारतीय किसान मोर्चा की जिला कार्यकारिणी के गठन पर जिले के विभिन्न ब्लॉक में पदाधिकारियों का पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने स्वागत करते हुए उनको बधाई दी।

दिलीप दवे बाड़मेर. आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गर्म पोषाहार और बेबी मिक्स पहुंचाना स्वयंसेवी समूहों के गले की फांस बन गया है। कोरोना के चलते दो साल से काम छूट गया तो करोड़ों की उधारी भी चुकता नहीं हो रही।

ऊपर से समय पर राशि नहीं चुकाने पर ब्याज भी देना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि समूहों से जुड़ी महिलाएं थोड़ा बहुत जो कमा रही है उसकी आधी रकम तो ब्याज में ही जा रही है।

करीब पैंतीस करोड़ की देनदारी स्वयंसेवी समूह पर बकाया हो चुकी है जिसको चुकाना उनके लिए परेशान बन गया है।आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों, धात्री व गर्भवती महिलाओं को गर्म पोषाहार व बेबी मिक्स दिया जाता था। इसका वितरण स्वयंसेवी समूहों के मार्फत होता था, जिससे महिलाएं जुड़ी हुई थी।

इन समूह को सरकार की ओर से तय दर के अनुसार बेबी मिक्स व गर्म पोषाहार देना होता था, जिसमें लाभ की राशि महिलाएं आपस में बांटती थी। लम्बे समय तक यह व्यवस्था रही जिसके बाद मार्च २०२० में कोरोना आया तो आंगनबाड़ी केन्द्र बंद हो गए। केन्द्र बंद हुए तो बेबी मिक्स वितरण व गर्म पोषाहार भी बंद हो गया। सरकार ने कुछ माह आंगनबाड़ी केन्द शुरू किए और बच्चों व महिलाओं को सीधे सूखा पोषाहार दिया जाने लगा।

इस पर स्वयंसेवी संस्थाओं का काम बंद हो गया। इधर २०१९-२० में गर्म पोषाहार व बेबी मिक्स का बकाया भुगतान भी समूहों का अटक गया।

अप्रेल १९ से लेकर मार्च २० के बीच का भुगतान लम्बे समय से अटकने पर उधारी लेकर काम चलने वाले समूहों की स्थिति बिगड़ गई। लाखों की उधारी चुकाना मुश्किल हो गया। उधारी मांगने वाले घरों के चक्कर काटने लगे एक-दो माह का कहकर काम चलाया लेकिन समय ज्यादा होने पर वे अब ब्याज ले रहे हैं। जिसे चुकाना समूह से जुड़ी महिलाओं के लिए भारी पड़ रहा है।

लाखों की उधारी, चुकाना पड़ रहा भारी- गौरतलब है कि जिले में १७९७ स्वयंसहायता समूह हैं जो ३०४४ आंगनबाड़ी केन्द्रों व ४२७ मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बेबी मिक्स और गर्म पोषाहार की व्यवस्था करते थे। महिलाओं को ९३० ग्राम और बच्चों को ७५० ग्राम बेबी मिक्स व पोषाहार देना होता था जिसके बदल में उनको क्रमश: ५५ व ४५ रुपए का भुगतान होता था। बाजार से तय नोम्र्स के अनुसार सामग्री लाकर बेबी मिक्स व पोषाहार देने पर पांच-सात रुपए का फायदा मिलता था। इसके चलते महिलाओं को रोजगार मिल रहा था, लेकिन अब पोषाहार व बेबी मिक्स बंद होने पर लाभ तो मिल नहीं रहा उल्टे उधारी चुकाने में भी ब्याज की राशि अपनी कमाई से देनी पड़ रही है। उधारी पड़ रही भारी- हर माह औसतन दस हजार रुपए प्रति आंगनबाड़ी बेबी मिक्स, गर्म पोषाहार पर खर्च होते थे।

हमारे समूह में तीन-चार केन्द्र है जिस पर हर माह पचास हजार का खर्चा हो जाता था। नौ माह का बकाया करीब पौने पांच लाख रुपए है जिसे चुकाना भारी पड़ रहा है। ब्याज पर रुपए लेकर साहूकारी रख रहे हैं, शीघ्र राशि मिले तो लाभ तो छोड़ उधारी तो चुक जाए।- सायरकंवर, सदस्य स्वयंसहायता समूह

प्रस्ताव भिजवाया हुआ- 2019 में 9 माह का बजट बकाया है, जिसको लेकर कई बार निदेशालय प्रस्ताव भेजे हैं। अभी तक बजट जारी नहीं आया है। आते ही शीघ्र भुगतान किया जाएगा।- घेवर राठौड़, सीडीपीओ सिणधरी

बजट नहीं मिला- लम्बे समय से बजट बकाया है। प्रस्ताव बना कर भेजा हुआ है। आने पर भुगतान की व्यवस्था की जाएगी।- अनवरखां, सुपरवाइजर शिव



दिलीप दवे बाड़मेर. अंग्रेजी के ज्ञान से प्रदेश ही हजारों प्रतिभाएं इसलिए वंचित है कि सरकार ने मॉडल स्कू  ल में प्री प्राइमरी और प्राइमरी कक्षाओं का संचालन शुरू नहीं किया है।

हर मॉडल स्कू  ल में करोड़-सवा करोड़ की लागत से पूर्व प्राथमिक एवं प्राथमिक कक्षाओं के लिए भवन बन चुके हैं, लेकिन प्रवेश प्रक्रिया के आदेश नहीं आने से बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा। हालांकि कोरोनाकाल के चलते शिक्षण कार्य बंद है, लेकिन बच्चों को प्रवेश मिलता है ऑनलाइन शिक्षण हो सकता है। जिले के पांच सहित प्रदेश के १३४ मॉडल स्कू  ल इस इंतजार में है कि सरकार आदेश दे और प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जा सके।

प्रदेश के स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूलों में वर्तमान में कक्षा ६ से १२ तक अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं ही संचालित हो रही है। इन विद्यालयों बजट घोषणाओं के अनुसार पूर्व प्राथमिक व प्राथमिक कक्षाओं को शुरू करने की योजना भी बन चुकी है। इस संबंध में मॉडल स्कूलों में इन कक्षाओं के संचालन के लिए अलग से प्राथमिक विद्यालय भवन बनाने के लिए बजट जारी किया गया। जिसके लिए प्रत्येक मॉडल स्कूल में लगभग १ करोड़ से १.५० करोड़ तक की राशि का बजट अलग से स्वीकृत हुआ। जिसके बाद भवन निर्माण कार्य शुरू हुए।

वर्तमान में प्रदेश की १३४ स्कूलों में से अधिकांश में प्राथमिक विद्यालय भवन बनकर तैयार हो गया है तो कुछ विद्यालयों में इनका निर्माण अंतिम चरण में चल रहा है। कुछ विद्यालयों में भवन तैयार करके विद्यालयों को भी सुपुर्द कर दिया गया है तो शेष विद्यालयों में भी शीघ्र ही भवन निर्माण का कार्य भी पूर्ण होने वाला है।

बावजूद इसके पूर्व प्राथमिक और प्राथमिक कक्षाओं को शुरू करने के आदेश नहीं आए हैं जिस पर प्रवेश प्रक्रिया आरम्भ नहीं हो रही जबकि अन्य सरकारी विद्यालयों में ३१ जुलाई तक प्रवेशोत्सव के तहत नामांकन हुए हैं।

प्रवेश हेतु गाइडलाइन का इंतजार- मॉडल स्कू  ल में प्राथमिक व पूर्व प्राथमिक कक्षाओं के प्रवेश व संचालन के लिए सरकारी गाइडलाइन व बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों के साक्षात्कार व प्रतिनियुक्ति को लेकर गाइडलाइन का इंतजार है। पूर्व गाइडलाइन के अनुसार पूर्व प्राथमिक में प्रति कक्षा १५ विद्यार्थी व प्राथमिक में ४० विद्यार्थियों के प्रवेश की योजना प्रस्तावित है, लेकिन इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए इन विद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने के लिए सरकारी आदेश का इंतजार है। एेसे में हरेक विद्यालय में एलकेजी, यूकेजी व प्रथम में पन्द्रह-पन्द्रह व द्वितीय से पांचवीं तक चालीस-चालीस बच्चों को प्रवेश मिलेगा।

इसी सत्र से शुरू की जाए प्रवेश प्रक्रिया-"प्रदेश के मॉडल स्कूलों में इसी सत्र से प्राथमिक कक्षाओं में प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जाए ताकि छोटे बच्चों को भी अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करने का मौका मिले।- बसन्त कुमार जाणी, जिलाध्यक्ष, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा

मॉडल स्कूल चौहटन में प्राथमिक कक्षाओं के लिए अलग से भवन तैयार करके विद्यालय को सुपुर्द कर दिया गया है। प्रवेश के लिए अभी कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है।- नानगाराम गढ़वीर, प्रधानाचार्य, मॉडल स्कूल चौहटन

प्राथमिक कक्षाओं हेतु अलग से विद्यालय भवन का कार्य अंतिम चरण में है। शीघ्र ही निर्माण कार्य पूरा होने वाला है। प्रवेश हेतु विभागीय गाइडलाइन का इंतजार है।- ईश्वरदान बारहठ, प्रधानाचार्य, मॉडल स्कूल चूली

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