>>Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment! |
You are receiving a digest because your subscriptions have exceeded your account's daily email quota. Your quota has automatically reset itself. |
Table of Contents
|
प्रदेश के स्कूलों में उधारी ज्ञान पर जी रही पंजाबी Monday 09 August 2021 01:56 PM UTC+00 ![]() सुरेन्द्र ओझा पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से प्रकाशित पुस्तकों को राजस्थान में कक्षा छठीं से आठवीं तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए लागू किया गया है। हालांकि तीन साल पहले कक्षा नवीं से बारहवीं तक की पुस्तकों को पंजाब की बजाय राजस्थान के लेखकों की ओर से प्रकाशित पुस्तकों को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अजमेर ने लागू किया है। लेकिन कक्षा छठीं से आठवीं तक के विद्यार्थियों को राजस्थान की बजाय पंजाब की वीर गाथाओं को पढऩे की मजबूरी है। वहीं शिक्षक भी इसे अनुचित मानते है। इन शिक्षकों की माने तो प्रदेश की संस्कृति का ज्ञान कक्षा छठीं से रुबरू कराने की प्रक्रिया शुरू होती है. लेकिन मजबूरन पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की प्रकाशित पुस्तकों के कारण पाठयपुस्तकों में लिखे और प्रकाशित अध्याय का अध्यापन करवाया जा रहा है। शिक्षाविदों की माने तो प्रदेश में पंजाबी विषय के व्याख्याताओं और विषय विशेषज्ञों की कोई कमी नहीं है लेकिन इस पुराने ढर्रे में बदलाव के लिए कोई प्रयास नहीं हो पाया है। इस कारण मजबूरन पड़ौसी राज्य पंजाब से वहां के सलबेस को यहां लागू करना पड़ा है। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से प्रकाशित पुस्तकें पंजाब के विद्यार्थियों को पहले पढ़ाई जाती है जबकि राजस्थान में यह एक साल बाद पाठयपुस्तकें काम में ली जा रही है। पंजाब में कक्षा पांववीं में लगने वाली पाठयपुस्तक राजस्थान में कक्षा छठीं में लागू की गई है। इसी प्रकार पंजाब की छठी कक्षा की पुस्तक राजस्थान में सातवीं कक्षा के सलेबस में है। वहीं पंजाब में सातवीं कक्षा की पुस्तक राजस्थान में आठवीं कक्षा में लागू है। पंजाब से इन पुस्तकों को खरीदने की मजबूरी रहती है। इस कारण इनके दाम भी करीब दुगुने है। जबकि राजस्थान के लेखकों की ओर से लागू की गई पुस्तकें कक्षा नवीं से बारहवीं कक्षा तक की पुस्तकें पंजाब की तुलना में सस्ती भी है। जबकि कक्षा नवीं से बारहवीं तक कक्षाओं के लिए पाठयक्रम के संबंध में लागू करने या विसंगतियों को दूर करने के लिए अजमेर स्थित माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान को अधिकृत किया गया है। सरकारी स्कूलों में पाठयपुस्तकों की आपूर्ति के राजस्थान राज्य पाठय पुस्तक मंडल जयपुर ही अधिकृत है। लेकिन तीन साल पहले कक्षा नवीं से बारहवीं तक का सलेबस राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की ओर से तैयार करवाई गई पाठयपुस्तकों को लागू किया जा चुका है। यह सही है कि प्रदेश में पंजाबी विषय के विद्वान लेखकों की कमी नही है। यदि यह विसंगति दूर हो जाएं तो हमारे प्रदेश में हमारे लेखकों की पुस्तकें ही सलेबस में नजर आएगी। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड अपने राज्य में खपत के मुताबिक ही किताबें प्रकाशित करवाता है और राजस्थान को शेष बवे स्टॉक से आपूर्ति करवाने की प्रक्रिया अपनाता है। पंजाब बोर्ड की ओर से अपनी योजना के मुताबिक कुछ सालों बाद किताबों का पाठ्यक्रम बदल दिया जाता है, जिसका राजस्थान को तत्काल पता न चलने की वजह से यहां स्कूलों में अलग अलग किताबे उपलब्ध होने के कारण विसंगति पैदा हो जाती हैं। पुरानी आवंटित किताबें अनुपयोगी हो जाती है। एेसे में पुस्तकों को बार बार पंजाब से खरीदने से आर्थिक नुकसान भी प्रदेश को उठना पड़ रहा है। |
मरम्मत कर दस दिन में फिर से शुरू हो सकता है बाल नौकायान सरोवर Monday 09 August 2021 02:22 PM UTC+00 ![]() श्रीगंगानगर. महज दस दिन में शहर में बच्चों के मनोरंजन के लिए पहना सार्वजनिक मनोरंजन स्थल इंदिरा वाटिका में फि से शुरू हो सकता है। लेकिन इलाके के जनप्रतिनिधियों और अफसरों की इच्छा शक्ति ने इस वाटिका की अनदेखी कर दी। नगर विकास न्यास की ओर से बनाए गए बाल नौकायान सरोवर अपनी बिगड़ी सेहत के लिए उपचार कराने का इंतजार कर रहा है। पुरानी आबादी के माइक्रो टावर से लेकर नाथांवाला तक एरिया के लोग इस वाटिका में घूमने आते है लेकिन बच्चों के लिए इस नौकायान सरोवर को जर्जर हालत देखकर वापस लौट जाते है। जवाहरनगर एरिया में दो दशक पहले किसी परिवार में कोई मेहमान बाहर से आता था तो इस वाटिका में उसे घूमाने के लिए बकायदा ले जाया जाता था ताकि शहर के सौन्दर्यीकरण की छाप उस पर हो सके। लेकिन जैसे जैसे यूआईटी और नगर परिषद में अफसरों की उठापटक का दौर चला तो इस पार्क की अनदेखी होने लगी। बच्चों में प्राकृतिक माहौल बनाने के लिए इस पार्क के बीचों बीच बीस साल पहले बाल नौकायान सरोवर का निर्माण कराया गया था। न्यास अभियंताओं की माने तो मरम्मत कराने से यह सरोवर महज दस दिनों में फिर से शुरू हो सकता है। . इधर, विवेकानंद कॉलोनी अंजू राजपूत का कहना है कि इलाके में निर्माण कार्य कराने के लिए पानी की तरह बजट बहाया जा रहा है। लेकिन शहर के बीचोंबीच इंदिरा वाटिका के बाल नौकायान सरोवर के प्रति किसी भी जनप्रतिनिधि की दिलचस्पी दिखाई नहीं दे रही है। .हर चुनाव में शहर को चंडीगढ़ का बच्चा बनाने का जुमला बोला जाता है। लेकिन चुनाव में जीतने वाला खुद के दम पर जीत का दावा करता है और हारे हुए अपने बलबूते से बाहर होने की बात कहकर कन्नी काटते है। एलआईसी कॉलोनी की अनिता दुआ का कहना है कि बच्चों को शाम को एक घंटे घूमने का मन करता है लेकिन इंदिरा वाटिका में अब दिखाने की कोई चीज भी नहीं है। बीस साल पहले बने सरोवर को खाली देखकर मुझे हैरानगी होती है कि जिला प्रशासन कर क्या रहा है। एक ओर ओलपिंक में मैडल लाने की दुआ करते है जबकि सुविधा के नाम पर कोई कदम नहीं उठाया जाता। पुरानी आबादी शक्तिनगर निवासी सोनू वर्मा का मानना है कि बच्चों में नाव जैसी सुविधा दिखाने के लिए भी बीस साल तक इंतजार करना पड़े तो सिस्टम में कैसे सुधर पाएगा।.बच्चों के साथ इंदिरा वाटिका आने का मन होता है। लेकिन करें क्या यहां भी यही हाल कर दिया है जैसा शहर के अन्य पार्को में है। वहीं पुरानी आबादी की सोनिया चराया के अनुसार सड़कों की मरम्मत पर बजट बहाया जा रहा है लेकिन बच्चों के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। उधर, एलआईसी की मीना राठौड़ का कहना है कि जब सीएम ने इस बाल नौकायान सरोवर का लोकार्पण किया था लेकिन इसकी सार संभाल रखने के लिए स्थानीय प्रशासन ने एक भी कदम नहीं उठाया। मेरी राय में सीएम को यहां आकर सरोवर की हालत देखनी चाहिए। |
पर्यावरण संरक्षण,महिला शिक्षा व समाज की जागृति व एकता पर हुआ मंथन Monday 09 August 2021 04:25 PM UTC+00 ![]() पर्यावरण संरक्षण,महिला शिक्षा व समाज की जागृति व एकता पर हुआ मंथन -राजस्थान बावरी समाज विकास संस्था का जाट धर्मशाला में हुआ संवाद कार्यक्रम श्रीगंगानगर. रायसिंहनगर.पर्यावरण संरक्षण व महिला शिक्षा को बढ़ावा देने,समाज की जागृति,एकता व समाज में व्याप्त कुरीतियों का त्याग करने के लिए राजस्थान बावरी समाज विकास संस्था का संवाद कार्यक्रम रविवार को जाट समाज की धर्मशाला में हुआ। कार्यक्रम जिलाध्यक्ष रामजी लाल की अध्यक्षता में हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजकीय जिला चिकित्सालय के पीएमओ डॉ.बलदेव सिंह चौहान ने कहा कि समाज की जागृति के लिए युवा पीढ़ी को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाकर नई सोच,नई विचारधारा को अपना होगा। पूर्व विधायक सोना देवी बावरी व महिला ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष रामदेवी बावरी ने हम सबको मिलकर पर्यावरण संरक्षण पर मंथन करना चाहिए। समाज के प्रत्येक व्यक्ति को एक-एक पौधा लगाकर उसका संरक्षण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्था समाज में महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर बेटियों को गोद लेकर पढ़ाई के लिए मदद कर रही है। संगठन को गांव स्तर पर करना होगा मजबूत कार्यक्रम में संस्था के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व कोषाध्यक्ष पन्ना लाल भाटी,प्रदेश सचिव कृष्ण चौहान,सोहन लाल भाटी,जिलाध्यक्ष रामजी लाल,जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष रामकुमार राठौड़,जगदीश भाटी,अनूपगढ़ अध्यक्ष भैराराम,रावला अध्यक्ष भगवान सिंह बावरी,जरनैल सिंह,पतराम बावरी व रामप्रकाश बावरी ने कहा कि समाज की जागृति व एकता के लिए हम सबको एक-दूसरे का मान-सम्मान करते हुए आगे बढ़ाना चाहिए। साथ ही संगठन को मजबूत करने के लिए गांव स्तर पर काम करना होगा। कार्यक्रम का मंच संचालन प्रदेश संगठन मंत्री लालचंद भाटी ने किया। सरपंच व पीएमओ का बैच लगाकर किया सम्मान |
तीसरी लहर की जल्द आशंका, युवा वर्ग को अभी तक हुआ 29 प्रतिशत वैक्सीनेशन Monday 09 August 2021 06:18 PM UTC+00 ![]() श्रीगंगानगर. कोरोना की तीसरी लहर के जल्द आने की आशंका जताई जा रही है लेकिन जिले में युवा वर्ग में अभी तक केवल 29 प्रतिशत ही वैक्सीनेशन हो पाया है। दूसरी डोज भी बहुत कम को लग पाई है। जबकि वैक्सीनेशन में फ्रंटलाइन वर्कर प्रथम डोज लगवाने में सबसे आगे रहे हैं। चिकित्साकर्मियों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर के जल्द ही आने की संभावना जताई जा रही है। इसके लिए चिकित्सा विभाग की ओर से सभी तैयारियां कर ली गई लेकिन अभी वैक्सीनेशन की प्रथम डोज भी पचास फीसदी पूरी नहीं लग पाई है। जबकि दूसरी डोज तो बहुत ही कम प्रतिशत है। जबकि जिले को जितनी डोज जयपुर से मिल रही है, उतनी डोज लगातार लगाई जा रही है। डोज कर्मी के चलते वैक्सीनेशन की गति प्रभावित हो रही है। जिले में वैक्सीन की डोज लगवाने वाले युवा वर्ग की संख्या सबसे ज्यादा करीब 9 लाख है। इनमें से प्रथम डोज 29.14 प्रतिशत व दूसरी डोज 11.76 प्रतिशत ही लग पाई है। ये ऐसे लोग है जो सबसे ज्यादा घरों से बाहर अपने कार्यों आदि के लिए रहते हैं। इनको ही डोज सबसे कम लग पाई है। ऊपर से तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है। हेल्थ वर्कर से आगे फ्रंटलाइन वर्कर - जिले में सबसे पहले हेल्थ वर्कर व फ्रंटलाइन वर्कर को वैक्सीनेशन किया गया था। लेकिन इसके बाद भी हेल्थ वर्कर से आगे फ्रंटलाइन वर्कर वैक्सीन की प्रथम डोज लगवाने में आगे रहे हैं। जिले में हेल्थ वर्करों की ओर से 84.27 प्रतिशत डोज लगवाई गई है, जबकि फ्रंटलाइन वर्कर ने 93.13 प्रतिशत प्रथम डोज लगवाई। वहीं हेल्थ वर्कर ने दूसरी डोज 75 प्रतिशत व फ्रंटलाइन वर्कर ने 66 प्रतिशत दूसरी डोज लगवाई है। बुजुर्गों ने भी प्रथम डोज में हेल्थ वर्क से रहे आगे - जिले में फ्रंटलाइन वर्करों के बाद 60 साल से अधिक की आयु वर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन किया गया। जिसमें बुजुर्ग लोग वैक्सीन की प्रथम डोज लगवाने में हेल्थ वर्करों से आगे रहे जहां हेल्थ वर्करों ने 84.27 प्रतिशत प्रथम डोज लगवाई। वहीं बुजुर्गों ने 87.08 प्रतिशत प्रथम डोज लगवाई थी। जबकि बुजुर्ग दूसरी डोज में पीछे रह गए और 57.47 प्रतिशत ही डोज लगवा पाए हैं। वैक्सीन आई 8.67 लाख और लगी 9.10 लाख - जिले में वैक्सीन की डोज आई करीब 8.67 लाख थी और चिकित्सा विभाग ने वैक्सीनेशन 9.10 लाख लोगों को किया है। चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि वैक्सीन की क्वायल में दस डोज आती है लेकिन कई क्वायल में 11 या 12 डोज भी निकल आती है। विभाग ने मिली एक-एक डोज का इस्तेमाल बड़ी सावधानी से किया है। इसलिए वैक्सीनेशन डोज से अधिक लोगों का किया जा सकता है। इनका कहना है - जिले में वैक्सीनेशन का कार्य तेजी से चल रहा है और जितनी भी वैक्सीन आती है, उनको शीघ्र ही सेंटरों पर भेजकर लगाया जा रहा है। हमनें वैक्सीन की एक-एक डोज का इस्तेमाल सावधानी के साथ किया है, जिससे वेस्टेज नहीं हो। जैसे-जैसे वैक्सीन की डोज आ रही है, लोगों को जल्द से जल्द लगा रहे हैं। वैक्सीन की कमी आ जाती है, तभी सेंटर बंद होते हैं। डॉ. एचएस बराड, आरसीएचओ एवं वैक्सीन प्रभारी श्रीगंगानगर जिले में वैक्सीनेशन की स्थिति लाभार्थी टारगेट प्रथम डोज दूसरी डोज प्रतिशत प्रथम डोज प्रतिशत दूसरी डोज -हेल्थ केयर वर्कर 16220 13669 10369 84.27 75.86 -फं्रंटलाइन वर्कर 24469 22788 15162 93.13 66.54 -18 से 44 वर्ष 899201 262000 30805 29.14 11.76 -45 से 60 वर्ष 261182 205630 95474 78.73 46.43 -60 वर्ष से ऊपर 185882 161865 93020 87.08 57.47 कुल 1386954 665958 244830 48.02 36.76 |
घर में घुसकर लूटपाट की सूचना पर मचा हडक़ंप, पुलिस ने कहा मामला झूठा निकला Monday 09 August 2021 06:28 PM UTC+00 ![]() श्रीगंगानगर. शहर में मुखर्जी नगर में भाटिया पेट्रोल पंप के मालिक की गोली मारकर हत्या व लूटपाट वाले घर से कुछ आगे गली में सोमवार सुबह करीब साढ़े दस बजे एक घर में बदमाशों के घुसकर लूटपाट की सूचना पर पुलिसकर्मियों में हडक़ंप मच गया। मामले की सूचना मिलने पर सीओ सिटी, कोतवाली थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंच गए। यहां पुलिस ने महिला से जानकारी लेकर आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो उस घर में किसी भी व्यक्ति के आने फुटेज नहीं मिली। पुलिस ने प्राथमिक जांच में मामले को झूठा बताया है। जानकारी के अनुसार मुखर्जी नगर में मनीषा पत्नी मनीष नागपाल करीब साढ़े दस बजे अपने घर में छोटे बच्चे के साथ अकेली थी। पति बाहर गया हुआ था और सास कुछ देर पहले ही सब्जी लेने चली गई। 11 बजे बाद मनीषा घर के बाहर खड़ी हो गई और जैसे ही सास वहां पहुंची तो चोर आने की जानकारी दी। मनीषा ने बताया कि वह अपने तीन साल के बच्चे के साथ घर में अकेली थी कि इसी दौरान मुंह पर कपड़ा बांधे दो युवक अंदर घुस आए। जिन्होंने उसको व बच्चे को कमरे की तरफ धक्का दे दिया। कमरे में जाते ही उसने दरवाजे अंदर से बंद कर लिए। युवकों ने दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया। वहीं कमरे व बाहर की तरफ जूते की दुकान में तलाशी ली तथा सामान बिखेर दिया। वह कुछ देर बाद कमरा खोलकर बाहर सडक़ पर आ गई। सास को ये बताया तो सास ने इधर-उधर फोन किए। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। इस दौरान यहां आसपास के लोग भी जमा हो गए। सूचना मिलते ही पुलिसकर्मियों में हडक़ंप मच गया। मामले की सूचना मिलने पर सीओ सिटी अरविंद बैरड, थाना प्रभारी गजेन्द्र सिंह, चौकी प्रभारी केशव शर्मा मय जाब्ते के मौके पर पहुंच गए। पुलिस अधिकारियों ने महिला से घटना की जानकारी ली और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। सीओ सिटी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में महिला की सास के घर से जाने व वापस घर आने तक के बीच अन्य कोई व्यक्ति घर में घुसा ही नहीं। प्राथमिक जांच में यह मामला झूठा पाया गया है। उन्होंने बताया कि महिला ने यह सब क्यों किया इसका पता नहीं चल पाया है। पड़ोसियों ने उनके परिवार में ही पैसों को लेकर अनबन चलने की जानकारी दी है। |
आज होगा जिले के 157 केन्द्रों पर टीकाकरण, शहर में 8 केन्द्र बनाए Monday 09 August 2021 06:37 PM UTC+00 ![]() श्रीगंगागनर. कोविड-19 टीकारकण अभियान के दौरान मंगलवार को जिला मुख्यालय सहित जिले के 157 केन्द्रों पर टीकाकरण होगा। टीकाकरण के लिए 25000 डोज प्राप्त हुई है। आरसीएचओ डॉ. एचएस बराड़ ने बताया कि जिला मुख्यालय पर अर्बन नम्बर-4, पुरानी आबादी, राजकीय कन्या विद्यालय मटका चौक, अर्बन नम्बर-2, जिला चिकित्सालय, अशोकनगर, वार्ड नम्बर 4-5 तथा गुरूनानक बस्ती में टीकारकण होगा। टीकाकरण के लिए सुबह 8 बजे स्लॉट खुलेगा। 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक जिले के विभिन्न टीकाकरण केन्द्रों पर जाकर टीकाकरण करवा ले। दूसरी डोज वाले नागरिकों को प्राथमिकता दी जाएगी। जिला मुख्यालय के अलावा जिले में विभिन्न 149 चिकित्सीय संस्थानों व टीकाकरण केन्द्रों पर टीकाकरण किया जाएगा। टीकाकरकण के लिए ऑनलाइन व ऑनस्पॉट पंजीयन की सुविधा रहेगी। जिले में ग्रामीण एरिया में 149 टीकाकरण केन्द्रों पर टीके लगेंगे। सोमवार को वैक्सीन की कमी के चलते टीकाकरण नहीं हो पाया था। पूर्व सूचना के बाद भी लोग वैक्सीन लगवाने के लिए सेंटर पर पहुंचे। जहां वैक्सन सेंटर बंद देखकर निराश होकर लौट आए। दोपहर बाद जिले के लिए 25 हजार वैक्सीन की डोज आई है। जिसको मंगलवार को लगाया जाएगा। |
You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at abhijeet990099@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription. |